ईश्वर दुबे
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Bhilai
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के जिला अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके साथ ऐसी अमानवीयता हुई जिससे कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इस मरीज का नाम बालचंद्र लोधी था जिसकी उम्र 50 साल थी। उसे पेट में दर्द के कारण जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मौत के बाद उनकी आंखों और चेहरे पर चीटिंयां चिपकी हुई थीं। इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में पांच डॉक्टरों सहित सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया गया है।
लोधी की पत्नी रामश्री बाई ने रोते हुए बताया कि मेरे बच्चे छोटे हैं इसी वजह से मैं सोमवार शाम सात बजे घर चली गई थी। मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे किसी ने मुझे फोन करके बताया कि मेरे पति की मौत हो गई है। अस्पताल पहुंची तो बेड पर उनका शव पड़ा था। उनकी आंखों और चेहरे पर चीटियां लगी हुई थीं। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स के अंदर इतनी भी मानवीयता नहीं थी कि वे शव को ढंक देते।
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि यह मामला काफी संवेदनशील है। शिवपुरी में जिला अस्पताल में एक मरीज की मौत होने पर उसके शव पर चींटियां चलने व इस घटना पर बरती गई लापरवाही की घटना बेहद असंवेदनशीलता की परियाचक। ऐसी घटनाएं मानवता व इंसानियत को शर्मसार करती है, बर्दाश्त कतई नहीं की जा सकती है। घटना के जांच के आदेश, जांच में दोषी व लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश।
जानकारी के अनुसार बालाचंद्र टीबी की मरीज था और भर्ती कराए जाने के पांच घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई थी। वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों ने डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी लेकिन स्टाफ ने कथित तौर पर उसके शव को वहीं पर पड़े रहने दिया। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर ने भी सुबह 10 बजे के आसपास वार्ड में अपना राउंड पूरा किया लेकिन शव की उपेक्षा की। लोधी की पत्नी ने उनकी आंखों और चेहरे पर चिपकी चीटिंयों को हटाया।