मध्य प्रदेश

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य की सभी विकास परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किया जाए तथा उन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति में गति लायी जाए और हर स्तर पर नियोजन की स्पष्टता हो। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि परियोजनाओं की सफलता का मूल मंत्र समर्पण, पारदर्शिता और समय प्रबंधन है। उन्होंने कहा कि अधूरी अथवा लंबित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य में तेजी लायी जाए, जिससे जनहित में समय रहते लाभ पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 126 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में सड़कों का निर्माण पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जाए और उसमें दीर्घकालिक जरूरतों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाएं। उन्होंने कहा कि सड़कें प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ हैं। उनका निर्माण टिकाऊ, सुरक्षित और आधुनिक मानकों के अनुरूप हो।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता सुनिश्चित की जाएं। साथ ही सड़क परियोजनाओं के निर्माण में तय समय-सीमा का पालन किया जाए, ताकि जनता को जल्द से जल्द बेहतर आवागमन सुविधाएं मिल सकें। बैठक में प्रदेश में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई एवं आगामी कार्य योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सड़क निर्माण में नवीन तकनीकों को अपनाया जाए और पर्यावरणीय मानकों का पालन कर पारिस्थितिकीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाए।

बैठक में लोक निर्माण मंत्री एवं मप्र सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री राकेश सिंह, मुख्य सचिव एवं मप्र सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री उमाकांत उमराव, प्रबंध संचालक मप्र सड़क विकास निगम श्री भरत यादव, निगम में स्वतंत्र संचालक एवं संचालक मंडल के विशेष सदस्य श्री वेंकटेश बालासुब्रमण्यम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में निगम के प्रबंध संचालक श्री यादव ने बताया कि निगम द्वारा गत वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 1586 करोड रुपए की लागत से 1127 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराया गया। इसी दौरान सड़क विकास के पूंजीगत कार्यों पर 2761.47 करोड रुपए एवं संधारण व मरम्मत कार्यों पर 280.79 करोड रुपए इस प्रकार कुल 3042.29 करोड रुपए व्यय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जारी वित्त वर्ष के लिए 1425 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य लिया गया है। इस पर 3134 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा चिन्हित मार्गो के पुनर्निर्माण, संधारण, डामरीकृत नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण, रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट एवं उपभोक्ता शुल्क संग्रहण के लिए निविदा आमंत्रित की गयीं। निविदा समिति के अनुमोदन उपरांत 35 प्रकार के सड़क निर्माण कार्यों के लिए 3443.72 करोड रुपए की निविदाएं स्वीकृत कर न्यूनतम दर वाले निविदाकारों को निविदा स्वीकृति पत्र जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 में नवीन प्रस्तावित एकरेखण (एलाईनमेंट) के लिए कार्यवाही की जा रही है। इससे भोपाल-जबलपुर मार्ग की दूरी कम हो जाएगी।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे देश की पहचान सिंधु घाटी सभ्यता और सिंधु नदी से जुड़ी है। प्राचीन काल में विकसित सिंधु घाटी सभ्यता आज भी पूरे देश को गौरवान्वित करती है। सम्राट दाहिर सेन का अपनी धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष आज भी हमें प्रेरणा और साहस प्रदान करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध हैं। भोपाल, संत हिरदाराम की पुण्य भूमि है, संत परम्परा के अनुसार हम "जियो और जीने दो" के सिद्धांत में विश्वास करते हुए प्राणी मात्र से प्रेम के भाव का व्यवहार में भी निवर्हन करते हैं। सिंधी समाज ने इन मूल्यों का पालन करते हुए अपने धर्म और संस्कृति की सरक्षा के लिए अपना घर-परिवार और व्यापार छोड़ा। संघर्ष और चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी कर्मठता और आत्मविश्वास से उन्होंने स्वयं को पुन: स्थापित भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सिंधु भवन में आयोजित चेतीचांद महोत्सव एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री भगवान दास सबनानी ने की। इस अवसर पर मध्यप्रदेश सिन्धु भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपनी क्षमता, योग्यता और निरंतर मेहनत से सिंधी समाज ने व्यापार और उद्योग जगत में कई उपलब्धियां अर्जित की हैं। राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर उद्यमिता के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में निरंतर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उद्योग स्थापना और व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के लिए नीतियों और प्रकियाओं को सरल और सुगम किया गया है। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। व्यापार और उद्योग रोजगार उपलब्ध कराने का प्रमुख माध्यम है। अन्य राज्यों तथा विदेश से भी निवेश के लिए उद्योगपतियों और व्यापारियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंधी समाज के बंधुओं से प्रदेश में व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार की पहल करने का आव्हान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से विधायक श्री भगवानदास सबनानी ने राजा दाहिर सेन, संत कंवर दास और शहीद हेमू कालानी के प्रसंगों को शालेय स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करने, प्रदेश के सिंधी समाज की बहुलता वाले शहरों में शहीद हेमू कालानी की प्रतिमा स्थापित करने, सिंधी संग्रहालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने और सिंधी अकादमी का बजट बढ़ाने का आग्रह किया।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के कुल स्टार्ट-अप में से 45 प्रतिशत से अधिक की मालकिन महिलाएं हैं। ड्रोन दीदी के रूप में स्वसहायता समूह की बहनें नई पहचान बना रही हैं। शासकीय नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण ने बहन-बेटियों को सफलता के नए पंख दिए हैं। प्रदेश में महिलाओं के नाम जमीन, दुकान और घर की रजिस्ट्री में अतरिक्त छूट मिल रही है, इससे बहनों के पास सम्पत्ति की शक्ति आई है। बहनों का मान तो बढ़ा ही है, घर के फैसलों में भी अब महिलाओं को महत्व मिल रहा है। यह सब संकेत समाज के सशक्त होने के संकेत हैं क्योंकि समाज का सशक्तिकरण महिलाओं में सशक्तिकरण के बिना अधूरा है। हम यदि अपने राज्य को प्रगति की राह पर आगे बढ़ता देखना चाहते हैं तो बहन-बेटियों को शिक्षा, उनके कौशल उन्नयन और उन्हें रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराना जरूरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कालिदास अकादमी, उज्जैन में सत्यज फाउंडेशन द्वारा आयोजित महिला केंद्रित रोजगार पर्व को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहन-बेटियों को पढ़ाई और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए हर संभव व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कामकाजी महिलाओं के छात्रावास निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। महिला एवं बाल विकास के लिए कुल 27 हजार 147 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है। इसमें छह साल में जेंडर बजट का आकार दोगना हो गया है। व्यापार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई प्रकार की रियायतें प्रदान की गई हैं। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है कि बहन -बेटियां रोजगार और कारोबार में अपने सभी कार्य जिम्मेदारी से संपादित कर रही हैं और परिवार भी संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बहन-बेटियों के जीवन के हर पड़ाव पर उनके साथ है।

उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में रोजगार पर्व में विभिन्न कम्पनियां शामिल हुईं। कार्यक्रम में कौशल विकास एवं रोजागर राज्य मंत्री तथा उज्जैन जिले के प्रभारी श्री गौतम टेटवाल, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव तथा पूर्व केंद्रीय डॉ. सत्यनाराण जटिया उपस्थित थे। कार्यक्रम में 25 से अधिक कम्पनियों ने सहभागिता की।

 

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछड़ने वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गयी 18 उद्योग हितैषी नीतियों का लोकार्पण किया था। ये नीतियाँ उद्योगों के विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किया है। उनके विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है।

 

भोपाल : वन विभाग द्वारा गिद्ध संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गयी है। लुप्तप्राय गिद्ध प्रजातियों को बचाने और उनके संरक्षण के लिये गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन सेंटर केरवा भोपाल के 6 केप्टिव ब्रीडिंग गिद्धों को प्राकृतिक रहवास हलाली डेम के वन क्षेत्र में छोड़ा गया। इनमें 2 सफेद पीठ वाले गिद्ध एवं 4 लम्बी चोंच वाले गिद्धों को मुक्त किया गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव शुभरंजन सेन ने बताया कि मुक्त किये गये सभी गिद्धों पर ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाये गये हैं। इसके माध्यम से उनके आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग की निगरानी की जा रही है। सेन ने बताया कि डायरेक्टर टेक फॉर कंजर्वेशन जी. अरेन्द्रन, विश्व प्रकृति निधि भारत द्वारा गिद्धों को ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सेन ने कहा कि हलाली डेम के आसपास की बस्तियों में टैग किये गये गिद्धों की सुरक्षा एवं जागरूकता के लिये पर्चे बाँटे गये हैं। इनमें आम लोगों से अपील की गयी है कि अगर गिद्ध घायल होते हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुँचता है, तो वे तत्काल वन विभाग को सूचित करें।

गिद्धों के पहले समूह को प्राकृतिक रहवास हलाली डेम के वन क्षेत्र में छोड़ने के अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति, संचालक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मीना अवधेश कुमार शिव कुमार, सहायक संचालक वन विहार संदेश माहेश्वरी, बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी मुम्बई के प्रतिनिधि, उप संचालक डॉ. सुजीत नरवड़े, डॉ. सरवन सिंह राठौर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सेमसन, गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र केरवा भोपाल संजय परिहार, विश्व प्रकृति निधि भारत की प्रतिनिधि संगीता सक्सेना, अजय मिश्रा और रायसेन वन मण्डल के अधिकारी उपस्थित थे।

 

भोपाल: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इसमें जिन व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। उनमें कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा और सुमन दुबे भी शामिल हैं। अदालत ने चार्जशीट पर विचार के लिए 25 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। इसे लेकर देशभर मे कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन कर रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस भी प्रदेशभर में इसके विरोध में उतर आई है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक रंजिश के कारण भाजपा अब बदले की कार्रवाई पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि 'प्रतिशोध की इस राजनीति के विरोध में हम सभी अपने-अपने जिला या तहसील मुख्यालय के बड़े सरकारी दफ्तर के सामने इकट्ठा होकर विरोध दर्ज कराएंगे।'

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप
कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में ED की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध और धमकी की राजनीति करार दिया है। इसके खिलाफ वो देशभर में प्रदर्शन कर रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि ये विपक्ष के नेताओं और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नफरत फैलाकर देश को गुमराह कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस देशभर में आंदोलन करेगी।

जीतू पटवारी ने कहा 'मुंहतोड़ जवाब देंगे'
जीतू पटवारी ने कहा है कि सोनिया गांधी ने जो त्याग किया है, उसकी कोई मिसाल नहीं है। जब उनकी जान पर बन आई, जब भी उन्होंने देश नहीं छोड़ा। उनके खिलाफ इस तरह का कृत्य करना बीजेपी की साजिश है। उन्होंने कहा कि वे पीएम से आग्रह करते हैं एक बार बीजेपी अपने सारे नेताओं की संपत्ति की सही तरह से जाँच कराए। इससे साबित हो जाएगा कि भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा संपत्ति बीजेपी के नेताओं के पास ही होगी। उन्होंने कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने आह्वान किया कि 'इसका मुंहतोड़ जवाब दो।' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें डरने की आवश्यकता नहीं है, लड़ने की आवश्यकता है और हम हर मोर्चे पर एकजुट होकर लड़ेंगे।

 

इन्दौर: इंदौर की सीमा खत्म होते ही हाईवे पर रात के अंधेरे में वाहन चालकों से लूटपाट करने वाली मंदसौर-नीमच की एक गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उक्त गैंग 25 से 30 साल की युवाओं की है, जो कार से लूटपाट करने आते थे। अभी तक इस गैंग ने दो लूट की वारदातें कबूल की हैं। मानपुर का भेरूघाट उतरते ही काकड़दा पुलिस चौकी के पास पिछले कुछ दिनों से एक गैंग सक्रिय थी, जो ट्रक वालों सहित अन्य वाहन चालकों को रोककर उनके साथ मारपीट और लूटपाट करती थी। इस पर काकड़दा पुलिस आरोपियों की तलाश में लगी तो पता चला कि आरोपी कार से लूटपाट करने आते हैं। पुलिस ने रात में हाईवे पर पेट्रोलिंग बढ़ाई तो अंधेरे में नीले रंग की बलेनो कार खड़ी मिली।

पूछताछ में खुली लूट की परतें
पुलिस ने कार सवारों को काकड़दा पुलिस चौकी पर ले जाकर पूछताछ की तो उनकी गतिविधि संदिग्ध लगी। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो वे टूट पड़े और काकड़दा पुलिस चौकी के पास दो ट्रक वालों को रोककर उनके ट्रक के कांच फोड़कर लूटपाट करने की घटना कार सवारों ने स्वीकारी। उनसे लूट की राशि भी पुलिस ने बरामद की है। पकड़ाए आरोपी नीमच और मंदसौर निवासी मनोज, पप्पू, मोतीलाल उर्फ मान्या, सुरेंद्र, हरिओम और अन्य हैं। पूछताछ के बाद आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

 

 

भोपाल : लाड़ली बहना योजना के तहत मध्य प्रदेश में 1.27 करोड़ महिलाओं को सम्मान निधि के रूप में 1250 रुपये खातों में भेजी जाती है. अब तक महिलाओं को लाड़ली बहना योजना की 22 किश्तें मिल चुकी हैं. लेकिन 23वीं किश्त मिलने में देरी के कारण असमंजस की स्थिति बन गई. बता दें कि ने 10 जून 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना के तहत एक हजार रुपये प्रति महिला के हिसाब से पहली किश्त जारी की थी. इसके बाद राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी थी.

अभी तक 10 तारीख तक मिल जाती थी राशि

अभी तक हर महीने यह राशि महिलाओं के खातों में 10 तारीख या उससे पहले पहुंच जाती रही है. लेकिन इस बार अप्रैल महीने की 13 तारीख बीतने के बाद भी लाड़ली बहनों के खाते खाली रहे. अब राज्य सरकार ने साफ किया है कि इस बार लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपये 16 अप्रैल को हस्तांतरित किए जाएंगे. दरअसल, इस दिन सीएम डॉ. यादव मंडला जाएंगे. वहां वह ग्राम टिकरवारा में सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे. यहीं से मुख्यमंत्री 1.27 करोड़ महिलाओं के खातों में लाड़ली बहना योजना की 23वीं किश्त के रूप में 1550 करोड़ रुपये जारी करेंगे. इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है

मोहन सरकार ने कब-कब जारी की किश्त

मार्च 2025 में मोहन सरकार ने लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये की राशि 10 मार्च से पहले भेज दी थी. इसका कारण 14 मार्च को होली और 8 मार्च को महिला दिवस था. इसी प्रकार मार्च 2024 में सरकार ने महाशिवरात्रि के कारण एक मार्च को लाड़ली बहना योजना की किश्त जारी की थी. 11वीं किश्त चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा पर्व के मौके पर 5 अप्रैल को भेजी गई थी. वहीं 12वीं किश्त 4 मई को और शारदीय नवरात्रि के मौके पर 5 अक्टूबर 2024 को 17वीं किश्त जारी की थी. ऐसे में माना जा रहा था कि इस बार सरकार अप्रैल महीने में नवरात्रि और गुड़ी पड़वा को देखते हुए 10 तारीख से पहले 1250 रुपये भेज सकती है, लेकिन इस महीने महिलाओं के खातों में 16 अप्रैल को राशि हस्तांतरित किए जाएंगे.

अब हर महीने की 10 तारीख के बाद मिलेगी राशि

वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश को केंद्रीय करों से जो राशि मिलती है. वह हर महीने की 10 तारीख को आती है. हर महीने सरकार को केंद्रीय करों के रूप में करीब 7 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है. उसी दिन सरकार लाड़ली बहनों को भी राशि हस्तांतरित करती थी. ऐसे में वित्त विभाग के अधिकारियों ने कैश लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए लाड़ली बहना योजना की तिथि में बदलाव करने के लिए सीएम सचिवालय से अनुरोध किया था. जिसे सहमति दे दी गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि हर महीने अब लाड़ली बहना को 10 तारीख के बाद ही 1250 रुपये की राशि हस्तांतरित की जाएगी.
 

 

भोपाल : मध्यप्रदेश में अधोसंरचना विकास अब केवल निर्माण कार्यों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह समग्र सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी परिवर्तन का माध्यम बन चुका है। राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा “लोक निर्माण से लोक कल्याण” के मूल मंत्र के साथ बुनियादी ढांचे को सुदृढ़, पारदर्शी और जनहितकारी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक प्रयास किए जा रहे हैं।

वर्तमान में प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के अधीन 80,775 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क क्रियाशील है, जिसमें 9,315 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग, 11,389 किमी राज्य राजमार्ग, 25,639 किमी मुख्य जिला मार्ग तथा 34,432 किमी अन्य जिला मार्ग शामिल हैं। यह नेटवर्क प्रदेश के ग्रामों, नगरों, कृषि क्षेत्रों और औद्योगिक केंद्रों को एकसूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है।

विगत 14 महीनों के दौरान 6,400 करोड़ रुपये की लागत से 5,500 किमी सड़कों का निर्माण एवं मजबूतीकरण, 345 करोड़ रुपये से 1,500 किमी का डामरीकरण तथा 2,000 करोड़ रुपये से 110 पुलों और एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। वर्तमान में 22,500 करोड़ रुपये लागत की 10,000 किमी सड़कों एवं 10,463 करोड़ रुपये से 474 पुलों और फ्लाईओवरों पर कार्य प्रगति पर है।

राज्य सरकार द्वारा ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों में एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही नर्मदा प्रगतिपथ, विंध्य एक्सप्रेसवे, मालवा-निमाड़ कॉरिडोर, अटल प्रगतिपथ, बुंदेलखंड और मध्य भारत विकास पथ जैसी छह प्रमुख परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं, जो प्रदेश के पिछड़े अंचलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेंगी।

प्रदेश के लगभग सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को फोर लेन में परिवर्तित करने की योजना के अंतर्गत अब तक 4,740 किमी मार्गों का फोर लेन में उन्नयन किया जा चुका है, तथा शेष 3,050 किमी पर कार्य जारी है।

इस क्रम में मध्यप्रदेश शासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मध्य हाल ही में 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से 4,010 किमी लंबाई की 22 नई सड़क परियोजनाओं हेतु ऐतिहासिक समझौता संपन्न हुआ है। इसमें इंदौर-भोपाल व भोपाल-जबलपुर हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, लखनऊ-रायपुर एक्सप्रेसवे, आगरा-ग्वालियर, उज्जैन-झालावाड़, सतना-चित्रकूट और रीवा-सीधी जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल हैं।

उज्जैन सिंहस्थ-2028 के दृष्टिगत इंदौर-उज्जैन मार्ग का सिक्स लेन चौड़ीकरण एवं उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का कार्य प्रगति पर है, जो प्रदेश का पहला पूर्ण ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। साथ ही उज्जैन, सागर, जबलपुर में रोपवे परियोजनाओं का कार्य भी भारत सरकार के सहयोग से प्रारंभ किया गया है।

गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फुल डेप्थ रिक्लेमेशन, व्हाइट टॉपिंग, माइक्रो सर्फेसिंग जैसी नवीन तकनीकों को अपनाया गया है। निरीक्षण की सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली, गोपनीय कोडिंग और सैंपलिंग प्रक्रिया लागू की गई है। पिछले दो महीनों में 21 जिलों में 104 निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर दोषियों पर कार्रवाई की गई तथा श्रेष्ठ कार्यों को सम्मानित किया गया।

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