मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने अलीबाग के बीच पर अवैध तरीके से बने नीरव मोदी के बंगले को गिराने के आदेश पर रोक लगाने के प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर सवाल किया है। दरअसल रायगढ़ के जिलाधिकारी ने पिछले महीने अलीबाग के बीच पर अवैध तरीके से बने 58 बंगलों को गिराने का आदेश दिया था।
इन बंगलों में से एक भगोड़ा आभूषण व्यापारी और पीएनबी घोटाला मामले में आरोपी नीरव मोदी का भी है। मुख्य न्यायाधीश एन. एच. पाटिल और न्यायमूर्ति एन. एम. जामदार की पीठ इस संबंध में 2009 में अखिल भारतीय मराठा सेवा संघ के शम्भुराजे युवाक्रांति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
ईडी ने पिछले सप्ताह अदालत के समक्ष एक अर्जी दायर कर कहा था कि एजेंडी ने धन शोधन के एक मामले में इस संपत्ति को कुर्क किया है और उसे अभी ना गिराया जाए। पीठ ने हालांकि पूछा कि आखिर एजेंसी इस संपत्ति को गिराने से क्यों रोकना चाहती है। मुख्य न्यायाधीश पाटिल ने कहा, ‘‘जो अवैध है उसे गिरना ही है। उन अवैध निर्माणों के साथ आपका क्या वास्ता है?’’।