ईश्वर दुबे
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Bhilai
केंद्र सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ टैक्स को खत्म करने पर विचार कर रही। जिसको लेकर बातें तेज हो गई है। इस मामले में प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने बुधवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 2022 के मुकाबले तेजी से घटी हैं। इसलिए अब कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय इस पर विचार करेगा। देश में अप्रत्याशित लाभ कर पहली बार जुलाई 2022 में लगाया गया था। उस समय दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थीं।
2022 में पहली बार लगाया था कर
तरुण कपूर ने कहा कि मुझे लगता है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने अप्रत्याशित लाभ कर को समाप्त करने के लिए पहले ही वित्त मंत्रालय को पत्र लिख दिया है। अब फैसला वित्त मंत्रालय को लेना है। बता दें कि बुधवार को वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड 1.5 फीसदी सस्ता होकर 74.90 डॉलर प्रति बैरल रहा।
क्यों लगाया गया था टैक्स?
बात अगर इस टैक्स के लागू करने के कारण की करें तो केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2022 को वैश्विक कीमतों में वृद्धि के जवाब में देश में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लागू किया। इस कदम का लक्ष्य तेल रिफाइनरियों के अत्यधिक मुनाफे को नियंत्रित करना था जो घरेलू आपूर्ति की कीमत पर ईंधन का निर्यात कर रहे थे।