सोने के बदले कर्ज लेना हुआ आसान? आरबीआई के नए नियम से ग्राहकों को मिलेगा बड़ा फायदा

 

व्यापार: सोने की महंगाई के साथ भारत का गोल्ड लोन बाजार सालाना औसतन 30% की दर से बढ़ रहा है। इक्रा और रिजर्व बैंक के अनुसार, इस साल अगस्त तक बैंकों और एनबीएफसी के सोने के बदले कर्ज 2.94 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गए। सीआरआईएफ की रिपोर्ट बताती है कि जून तक भारत में बैंक व एनबीएफसी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 13.4 लाख करोड़ पर थे। रिजर्व बैंक ने नई मौद्रिक नीति में गोल्ड लोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। नए नियम एक अप्रैल, 2026 से लागू होंगे।

आरबीआई ने क्यों बदले नियम?
गोल्ड लोन में छोटे ग्राहकों (2.5 लाख तक) की हिस्सेदारी 60% है। औसत ऋण आकार 70,000 रुपये है। ज्वेलरी मुख्य तौर पर गिरवी रखी जाती है।
गोल्ड लोन रोलओवर में तेज वृद्धि, गिरवी रखे सोने को लौटाने में देरी और सोने का अनुचित मूल्यांकन।
बैंक कई शुल्क वसूल रहे थे, जब्त सोने की नीलामी पारदर्शी नहीं थी, उपभोक्ताओं की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं।
सोना, सिक्के या ईटीएफ खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज नहीं मिलेगा। स्वर्ण आभूषण या सिक्कों के बदले कर्ज की अनुमति है।
लोन टू वैल्यू के नियम बदले हैं। इसका मतलब गिरवी रखे सोने के मूल्य और उस पर मिलने वाले कर्ज का अनुपात है।
2.5 लाख रुपये तक के कर्ज पर पर एलटीवी (लोन-टू-वैल्यू) 85%, 2.5 से 5 लाख रुपये पर 80% और 5 लाख से अधिक पर 75% होगी।
छोटे ग्राहकों को सोने के बदले अधिक राशि मिलेगी।

Rate this item
(0 votes)

Ads

R.O.NO. 13481/72 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक