News Creation : पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान ने पेट्रोल की कीमतों में 5.15 प्रति लीटर की वृद्धि पर मजूरी दे दी है. यानी अब पाकिस्तान में पेट्रोल 117.83 प्रति लीटर हो गया है. जिससे पाकिस्तान के लोग काफी नाराज हैं.Read

न्यूज़ क्रिएशन : सभी जानते हैं कि तालिबान आतंकवादियों और पाकिस्तानी सरकार और सेना के रिश्ते कितनें पुरानें हैं.Read

News Creation (World) : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नें कश्मीर मुद्दे को ले कर दावा किया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें कश्मीर के मसले को सुलझानें में अमेरिका की मदद मांगी थी. ट्रम्प नें ये बात सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाक़ात के दौरान कही. दरअसल इमरान खान नें सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से वाइट हाउस में मुलाक़ात की, इस मुलाक़ात के दौरान इमरान खान नें कश्मीर मुद्दे को रखा. इसपर ट्रम्प नें कहा कि ‘हम मध्यस्थता को तैयार हैं और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें हमसे इस मुद्दे को सुलझानें में मदद मांगी थी.’

वहीँ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का विदेश मंत्रालय नें खंडन किया है. जिसमें विदेश मंत्रालय नें कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें कभी मदद नहीं मांगी है. साथ ही ये भी कहा कि भारत कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता कर सकता है. कश्मीर पर भारत का रुख पहले की तरह बरक़रार है. और अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी तीसरी पार्टी को हस्तक्षेप नहीं करनें दिया जाएगा.' बता दें कि भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार नें कहा कि ‘हमनें अमेरिका के राष्ट्रपति की टिपण्णी देखी कि यदि भारत और पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर अनुरोध करतें हैं तो वे मध्यस्थता करनें के लिए तैयार हैं.’ उन्होनें आगे कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें डोनाल्ड ट्रम्प से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है. और भारत अपनें रुख पर अडिग है.’

 

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दिल्ली : पकिस्तानी जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के रिहाई के लिए कदम उठाते हुए, नीदरलैंड में हेग शहर में एक अंतर-राष्ट्रिय कोर्ट (I.C.J.) में सुनवाई शुरू हो गयी है.Read

News Creation (दुनिया) :  चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों को सामूहिक हिरासत में रखने पर 22 देशों की आलोचना के बाद चीन का कई अन्य देशों ने समर्थन भी किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब, पाकिस्तान, रूस के साथ-साथ 34 अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र में चीन का बचाव किया है.

यूरोपीय संघ के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और कनाडा के राजदूतों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेचलेट को पिछले हफ्ते चीन के खिलाफ संयुक्त रूप से पत्र लिखा था. राजदूतों ने चीन को खुद के कानून और वैश्विक जवाबदेही का ध्यान रखने तथा उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को मनमाने तरीके से नजरबंद न करने की नसीहत दी थी.

इन देशों का कहना था कि चीन में मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता दी जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि शिनजियांग में उइगरों को नजरबंद करने की लगातार आ रही खबरों को लेकर चीन पश्चिमी देशों की तीखी आलोचना का सामना कर रहा है.

उइगर मुस्लमान लोग

आइये जानते हैं कि ये खबर चीन से बाहर कैसे आई :

चीन के शिनजियांग में बसे पश्चिमीं क्षेत्र में शू ले काउंटी एजुकेशन सेंटर में एक बड़ा तीन मंजिला ईमारत है. जो सुदूर पश्चिम में स्थित है. इन इमारतों पर जो खिड़कियाँ हैं उनपर अवरोध लगे हुए हैं और जो दरवाजें हैं उनपर सिर्फ बाहर से ही ताला लगाया जा सकता है. इस इमारतों पर सैकड़ों उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं, जो इस इमारत के बाहर नहीं निकल सकते.

इसी हफ्ते चीनी अधिकारी कुछ विदेशी पत्रकारों के एक समूह के साथ ‘शिक्षा के माध्यम से परिवर्तन’ विषय पर एक कैंप के माध्यम से इस इमारत के आस-पास उन्हें ले कर गये. और उस अधिकारी का कहना था की ये मुस्लिम अपनीं स्वेच्छा से यहाँ पर हैं. पत्रकारों के इस सवाल पर की अगर ‘ कोई उइगर मुस्लिम इस जगह को छोड़ना चाहेगा तब क्या होगा?’ शू ले की प्रधानाचार्य ममात अली नें कोई जवाब नहीं दिया. कुछ देर बार ममात अली नें कहा कि ‘अगर कोई मुस्लिम यहाँ नहीं रहना चाहे तो उन्हें न्यायिक प्रक्रियाओं से गुज़ारना होगा’ शू ले शिनजियांग में स्थित पुनःशिक्षण केन्द्रों में से एक है. शिनजियांग एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, और ये राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड पहल के इलाके में आता है, बता दें ये प्रोजेक्ट एशिया को यूरोप से ज्द्नें की शुरुवात है.

अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि इस स्थान में शिविर के अंतर्गत २० लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिम कैद हैं. हालाँकि चीन इस आंकड़े को नहीं मानता. लेकिन चीन की तरफ से कोई भी स्पष्ट संख्या भी नहीं बताई गयी है, जिससे वहां मौजूद उइगर मुसलमानों की संख्या ज्ञात हो.  

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