×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 809

लोकसभा में "जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019" बहुमत से पारित करवाया

News Creation नई दिल्ली: लोकसभा ने शुक्रवार को "जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019" को मंजूरी प्रदान कर दी. इस विधेयक में ट्रस्टियों में से कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को हटाने और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को न्यासी बनाने का प्रावधान शामिल किया गया है. विधेयक पर विरोध दर्ज कराते हुए कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया.Read

जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम, 1951 में संशोधन के लिए लाये गये विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि जलियांवाला बाग एक राष्ट्रीय स्मारक है. इस घटना के 100 साल पूरे होने के अवसर पर हम इस स्मारक को राजनीति से मुक्त करना चाहते हैं. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान की. इससे पहले सदन ने विधेयक पर विचार करने के प्रस्ताव को 30 के मुकाबले 214 मतों से स्वीकृति प्रदान की. विधेयक पारित होने के दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया.

आज हम इतिहास को नहीं बदल रहे हैं- बीजेपी

पटेल ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्मारक है और यह राजनीतिक का स्मारक मात्र नहीं हो सकता. उन्होंने सरकार पर इतिहास बदलने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इतिहास को कोई नहीं बदल सकता. आज हम इतिहास बदल नहीं रहे, बल्कि जलियांवाला बाग स्मारक को राजनीति से मुक्त कर राष्ट्रीय स्मारक बनाकर राजनीति रच रहे हैं.

पटेल ने कहा कि स्मारक की स्थापना के समय जवाहरलाल नेहरू, सैफुद्दीन किचलू और अब्दुल कलाम आजाद इसके स्थाई ट्रस्टी थे और इनके निधन के कई साल बाद भी कांग्रेस को स्थाई ट्रस्टियों के पद भरने की याद नहीं आई. उन्होंने कहा कि यह विवाद का विषय नहीं है. कांग्रेस को स्मारक के इतिहास की इतनी चिंता है तो उसने स्मारक के ट्रस्टी में सरदार उधम सिंह के परिवार के किसी सदस्य को क्यों नहीं शामिल किया? पटेल ने कहा कि कांग्रेस का दावा है कि स्मारक के लिए कांग्रेस ने जमीन खरीदने को पैसा दिया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले पैसा इकट्ठा करने की शुरुआत आम आदमी ने की थी और आम आदमी ने ही शहादत दी थी. कांग्रेस ने बाद में पैसा दिया.

 

बीजेपी की अपील-  विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करवाएं विपक्षी दल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में ऐसे कई स्मारक हैं जिन्हें चिह्नित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संस्कृति, इतिहास को पुन: लिखा नहीं जा सकता, लेकिन उसका पुन: निरीक्षण होना चाहिए. पटेल ने कहा कि कांग्रेस के लिए यह केवल ट्रस्ट, स्मारक हो सकता है, लेकिन हम जानते हैं कि यह हमारे बलिदानी पुरखों के खून का यादगार स्थल है. उन्होंने कांग्रेस समेत सभी दलों के सदस्यों से विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने की अपील करते हुए कहा कि इस विधेयक के माध्यम से लाये गये संशोधनों से किसी राजनीतिक दल को तकलीफ नहीं होनी चाहिए और अगर तकलीफ होती है तो वह भी राजनीति के लिए हो रही है.

पटेल ने बताया कि जलियांवाला बाग में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की निगरानी में लगभग 19.5 करोड़ रुपये की लागत से काम हो रहे हैं. इस घटना के शताब्दी वर्ष में देशभर में कई कार्यक्रम हुए. इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की.

 

विपक्षी दलों ने सरकार पर इतिहास बदलने का आरोप लगाया

 

कांग्रेस के गुरजीत औजला ने आरोप लगाया, "यह विधेयक केवल स्मारक से कांग्रेस का नाम हटाने की साजिश के साथ लाया गया है." कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर इतिहास बदलने का आरोप लगाया. डीएमके के दयानिधि मारन ने कहा कि आप इतिहास बदलने का प्रयास न करें, इतिहास बनाने का प्रयास करें. युवाओं के लिये काम करें.

संशोधन विधेयक केंद्र सरकार को किसी मनोनीत ट्रस्टी का कार्यकाल बिना कारण बताये पांच साल की तय अवधि से पहले समाप्त करने का अधिकार भी देता है. जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं. अभी तक इसके ट्रस्टियों में कांग्रेस अध्यक्ष, संस्कृति मंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, पंजाब के राज्यपाल, पंजाब के मुख्यमंत्री सदस्य हैं.

जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को कर्नल आर डायर की अगुवाई में ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे हजारों लोगों पर गोलियां चलाई थीं, जिनमें बड़ी सख्या में लोग मारे गये थे. इसी घटना की याद में 1951 में स्मारक की स्थापना की गयी थी.

 

यहाँ क्लिक कर, हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें

नीचे दिए स्टार्स पर हमारी खबर को रेटिंग दें, और कमेंट बॉक्स में कमेंट करना न भूलें.

खबरों के साथ बनें रहे और ये भी पढ़े :

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Friday, 02 August 2019 19:40

  • RO no 13073/67 " C
  • R.O.NO.13073/67 " B
  • R.O.NO.13073/67 " A
  • R.O.NO.13073/51 " D

Ads

RO no 13073/67 " C
R.O.NO.13073/67 " B
R.O.NO.13073/67 " A
R.O.NO.13073/51 " D

MP info RSS Feed

फेसबुक