ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली । भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से लाये गए इस कानून का सभी को समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह नागरिकता देने वाला है, छीनने वाला नहीं। ‘पाकिस्तान से प्रताड़ित होने के कारण भारत आए लोगों से संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सहस्त्रबुद्धे ने कहा, ‘‘राजनीतिक रोटियां सेकने के लिये गलत धारणा फैलायी जा रही है और दुष्प्रचार किया जा रहा है। यह बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून सकारात्मक कानून है। यह नागरिकता देने वाला है, छीनने वाला नहीं है। इस बारे में गलत धारणा नहीं फैलायें और समाज को बांटने का प्रयास नहीं करें। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद ने कहा कि शरणार्थी और घुसपैठिये में अंतर करना जरूरी है। अगर सभी के लिये द्वार खोल दिये जायेंगे तब यह उचित नहीं होगा। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में प्रताड़ना की वजह से यहां आए हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को बड़ी राहत देने वाला है। अगर कोई मुसलमान आना चाहेगा तब पहले के कानून में प्रावधान है और उस संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी करने पर वह भी लाभ उठा सकता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभी लोगों को वास्तविकता समझने की जरूरत है कि यह मानवीय दृष्टिकोण से लाया गया कानून है और सभी को इसका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों को इन शरणार्थियों के शिविरों में जाने और उनकी पीड़ा समझने की भी सलाह दी। इंदौर से भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि पाकिस्तान में सरकारी संरक्षण में हिन्दुओं, सिख, जैन, ईसाई जैसे समुदायों के साथ अत्याचार हो रहा है, धर्मांतरण हो रहा है। यह लगातार जारी है। ऐसे में मानवीय सोच के साथ मोदी सरकार ने यह कानून बनाया है। यह कानून किसी के विरोध में नहीं है बल्कि पाकिस्तान में अत्याचार का सामना करने वाले इन समुदायों को पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला है। लालवानी ने इनके लिये एक कल्याण बोर्ड बनाने की भी मांग की। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए शरणार्थियों ने इस कार्यक्रम में शामिल हुए कहा कि वे बेहद खराब हालात में यहां आए हैं, ऐसे में सभी लोग मानवीय दृष्टि से विचार करें और कानून का समर्थन करें। पाकिस्तान से पिछले करीब एक दशक में आए भालचंद्र भील, चिदन शर्मा, अर्जुन दास और दयाल ने कहा कि वहां हिन्दुओं, सिख, जैन, ईसाई आदि को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है। उन्होंने कहा कि वहां हम सुरक्षित नहीं है, हमारे बच्चे। बच्चियां सुरक्षित नहीं है। ऐसे में हम कहां जाएं। अफगानिस्तान से आए प्यारा सिंह ने तालिबान के प्रशासन में हुए अत्याचार का उल्लेख किया और नागरिकता संशोधन कानून का सभी से समर्थन करने का आग्रह किया है।