ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई । संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच महाराष्ट्र के सीएम एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में कोई ‘डिटेंशन सेंटर’ नहीं है, और उनके शासन में मुस्लिम नागरिकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सीएम ठाकरे ने मुस्लिम समुदाय के कुछ विधायकों के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया, जिन्होंने उनसे मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे राकांपा विधायक नवाब मलिक ने कहा कि नवी मुंबई के खारघर स्थित डिटेंशन सेंटर मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त विदेशी नागरिकों के लिए है।
मलिक की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का हिस्सा है। मलिक ने कहा कि सिर्फ 38 लोग वहां (खारघर डिटेंशन सेंटर) रखे जा सकते हैं। यह जेल से रिहा होने के बाद अपने मूल देशों में प्रत्यर्पित किए जाने से पहले विदेशी नागरिकों के लिए है।लोगों को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए। नबाव मालिक ने कहा, मेरी सरकार किसी धर्म या समुदाय के नागरिकों के अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचने देगी। मैं राज्य में शांति एवं सौहार्द की अपील करता हूं।
इस मौके पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री एकनाथ शिंदे, उद्योगमंत्री सुभाष देसाई, पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल, मुंबई पुलिस आयुक्त संजय बर्वे, शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार और कांग्रेस विधायक अमीन पटेल भी मौजूद थे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक रैली में कांग्रेस, उसके सहयोगी दलों और ‘अर्बन नक्सलियों’ पर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने की अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार ने उन विदेशी नागरिकों को अस्थायी रूप से रखने के लिए एक केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिनका वीजा समाप्त हो गया है, लेकिन इस तरह के केंद्र को डिटेंशन सेंटर कहना गलत होगा।