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नई दिल्ली। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों का इंडिया ब्लॉक महागठबंधन सक्रिय हो गया है। सोरेन के अरेस्ट होने के बाद बुधवार की शाम इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेताओं ने बैठक ही। बैठक में गिरफ्तारी के बाद बनने वाली स्थिति पर चर्चा की गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई बैठक में सोनिया गांधी, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और डीएमके नेता टीआर बालू सहित कई नेता मौजूद रहे। दरअसल, सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी इंडिया ब्लॉक की एक घटक है। दरअसल, इंडिया ब्लॉक को आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए बनाया गया है, इसमें कई विपक्षी दल शामिल हैं। दरअसल, सोरेन को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। सोरेन की गिरफ्तारी के बाद नए मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया गया है।

 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईडी, सीबीआई को बीजेपी की विपक्ष मिटाओ सेल बताया है। उन्होंने यह प्र‎तिक्रिया भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को बुधवार 31 जनवरी को गिरफ्तार करने के बाद दी है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि ईडी, सीबीआई और आईटी अब इनकी साथी हो गई है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ईडी, सीबीआई, आईटी आदि अब सरकारी एजेंसियां नहीं रहीं। अब यह बीजेपी की ‘विपक्ष मिटाओ सेल’ बन चुकी हैं। राहुल गांधी ने कहा ‎कि खुद भ्रष्टाचार में डूबी बीजेपी सत्ता की सनक में लोकतंत्र को तबाह करने का अभियान चला रही है। यहां गौरतलब है ‎कि झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की एक्साईज घोटाला, अवैध खनन समेत जमीन घोटाले से संबंधित मामले में गिरफ्तारी की गई है। ‎गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को ईडी दफ्तर लाया गया है। जहां हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी उनसे मिलने ईडी कार्यालय पहुंची हैं। इस दौरान अन्य परिवारिक सदस्य भी उनके साथ हैं।

रायपुर । लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की रायपुर में प्रत्याशी चयन को लेकर बैठक हुई। इसमें बताया जा रहा है ‎कि भूपेश बघेल को ‎फिर से चुनाव लड़ाने पर सहम‎ति बनी है। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में प्रत्याशियों के नामों को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भूपेश बघेल को कांग्रेस पार्टी लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है। हालां‎‎कि यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में भूपेश बघेल के राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी है। बैठक में यह भी तय किया गया कि लोकसभा का चुनाव पुराने और अनुभवी नेता ही लड़ेंगे। फिलहाल कांग्रेस छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार बैठकें कर रही है। वहीं अनुभवी प्रत्याशियों के नामों को लेकर हुई चर्चा के तहत भूपेश बघेल को राजनांदगांव, ताम्रध्वज साहू को महासमुंद, कांकेर से मोहन मरकाम, जांजगीर से शिव कुमार डहरिया को चुनाव मैदान में उतारने को लेकर सहमति बनने की बात सामने आ रही है।
यहां गौरतलब है ‎कि ताम्रध्वज साहू पूर्व गृह मंत्री हैं। चरण दास महंत वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष हैं। वहीं टीएस सिंहदेव सहित कई पूर्व मंत्रियों को भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बना सकती है। कोरबा लोकसभा से पूर्व की भांति ही सांसद ज्योत्सना महंत और बस्तर से दीपक बैज को चुनाव लड़ाने का सुझाव मिला है। वरिष्ठ नेताओं के सुझाव के आधार पर इन नामों को आगे बढ़ाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि ये अभी प्रारंभिक चर्चा है, अभी नामों पर और भी मंथन होगा। शीर्ष नेतृत्व ही आखिरी फैसला करेगा। सूत्रों के मुताबिक भूपेश बघेल को राजनांदगांव से चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने रखा है। वहीं रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसी सीटों पर अभी एक राय नहीं बन पायी है।

 

नई दिल्ली। दो दिन के विश्राम के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा रविवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले से फिर से शुरू हो गई। बता दें ‎कि यह यात्रा मणिपुर की राजधानी इंफाल से 14 जनवरी को आरंभ हुई थी। यह यात्रा असम से बृहस्पतिवार सुबह पश्चिम बंगाल में दाखिल हुई थी और दो दिन के विश्राम के दौरान राहुल गांधी नयी दिल्ली लौट गए थे।
कांग्रेस की राज्य इकाई के नेता शुभंकर सरकार ने कहा ‎कि राहुल गांधी पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे सिलीगुड़ी के बागडोगरा हवाई अड्डे पर पहुंचे। इसके बाद वह जलपाईगुड़ी पहुंचे जहां से यात्रा फिर से शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि न्याय यात्रा रात में सिलीगुड़ी के पास रुकेगी। यह यात्रा सोमवार को उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर की ओर जाएगी और फिर बिहार में प्रवेश करेगी। यात्रा 31 जनवरी को मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश करेगी और फिर मुर्शिदाबाद से होते हुए एक फरवरी को राज्य से रवाना होगी। इस बार की यात्रा का आकर्षण ‘डोनेट फॉर न्याय’ अभियान होगा, जिसमें क्यूआर कोड को स्कैन करके प्रति किलोमीटर एक पैसा न्यूनतम की सहायता राशि दान दी जा सकेगी।
बता दें ‎कि इसमें सहायता के अनुरूप राहुल गांधी के हस्ताक्षर वाली टी-शर्ट से लेकर एक भव्य किट तक शामिल है, जो कि 67,000 से ज्यादा की सहायता राशि पर प्रमाणपत्र सहित एआईसीसी की ओर से दी जाएगी। इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए सुचारू मार्ग और राहुल गांधी एवं अन्य नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश दिए जाएं। कांग्रेस ने पहले आरोप लगाया था कि जलपाईगुड़ी में गांधी की तस्वीर वाले कुछ बैनर फाड़े गए। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी राज्य में यात्रा के दौरान जनसभाएं आयोजित करने की अनुमति हासिल करने में बाधाएं आने पर चिंता जताई है।
न्याय यात्रा के पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से एक दिन पहले मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा था कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस राज्य में विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक के तौर पर नहीं बल्कि अकेले लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। बता दें ‎कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से होते हुए 20 या 21 मार्च को मुंबई में पहुंचकर समाप्त होगी।

नवी मुंबई। आखिरकार शनिवार सुबह महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल की सभी मांगें मान ली हैं और उनका अध्यादेश भी जारी कर दिया गया है. जैसे ही यह घोषणा हुई, मराठा समुदाय के लोग खुशी से झूम उठे। सरकारी घोषणा के बाद मराठा समुदाय की खुशी बढ़ गई है और हर तरफ खुशी का माहौल है. समुदाय के लोगों ने कहा कि यह मराठा समुदाय की असली दिवाली है. इस अवसर पर समाज के लोगों ने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया. वहीं मराठा आरक्षण अध्यादेश पारित होने के बाद वकील गुणरत्न सदावर्ते के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इस बीच नवी मुंबई के वाशी में मराठा प्रदर्शनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद से जूस लेकर अपनी भूख हड़ताल तोड़ी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मनोज जरांगे पाटिल को मराठा आरक्षण का नया जीआर भी सौंपा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने वाशी के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मराठा आरक्षण पर विजय सभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपना पक्ष रखा. इस मौके पर उन्होंने मनोज जरांगे पाटिल के काम की सराहना की और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए मराठा समुदाय को धन्यवाद दिया. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, हम अपना वादा निभाते हैं, हमने छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा सार्वजनिक रूप से ली गई शपथ को पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, मैं मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे नेता मनोज जरांगे पाटिल को बधाई देता हूं. मुख्यमंत्री के तौर पर मैं आपको मंच से बताता हूं कि हमारे पूरे मराठा समाज के इस आंदोलन की ओर पूरी दुनिया का ध्यान गया. हमने अपनी एकता बनाए रखी और साथ दिया बहुत अनुशासन के साथ हमने इस आंदोलन को मनोज जरांगे के नेतृत्व में चलाया। हमने मनोज जरांगे पाटिल का हमारे प्रति प्रेम और आपके प्रति उसका प्रेम देखा। अंत में, मुख्यमंत्री के रूप में, मैं इस बात का ध्यान रखने के लिए हम आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं कि जब मराठा समुदाय अपने न्याय की मांग कर रहा है तो किसी और को परेशानी न हो। मैं एक किसान का बेटा हूं और मेरे मन में एक गरीब मराठा का भी विचार है। मैंने सार्वजनिक रूप से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। अपनी बात रखना मेरी कार्यप्रणाली है। आज हमारे दीघे साहेब की जयंती है, 23 तारीख को बाला साहेब की जयंती थी. इन दोनों गुरुओं का आशीर्वाद और मराठा समाज की शुभकामनाएं भी हमारे साथ हैं। एकत्रित मराठा भाइयों और बहनों का स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह खुशी की बात है कि यह ऐतिहासिक समारोह अन्नाभाऊ पाटिल की धरती पर मनाया जा रहा है.
* अध्यादेश को बरकरार रखना सरकार की जिम्मेदारी- मनोज जरांगे
जिन मराठों के कुनबी अभिलेख मिले हैं, उनके लिए सरकार द्वारा कुनबी प्रमाण पत्र संबंधी अध्यादेश जारी किया गया। इस मौके पर मनोज जरांगे ने सरकार को धन्यवाद दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण अध्यादेश पारित किया गया. उस अध्यादेश को बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. आरक्षण अध्यादेश पारित होने के बाद मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, आरक्षण के लिए सेजसोयर के लिए अध्यादेश महत्वपूर्ण था। मनोज जरांगे ने घोषणा की है कि वह अपनी भूख हड़ताल खत्म कर रहे हैं क्योंकि उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह आंदोलन स्थगित नहीं कर रहे हैं. मनोज जरांगे ने कहा है कि सराती जाकर सभी से चर्चा के बाद आंदोलन को लेकर अगला निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ने पर वह मुंबई में दोबारा धरना देंगे.

पटना । बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में दरार का असर राजभवन के जलपान समारोह में भी ‎दिखाई ‎दिया। यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनकी पार्टी के अधिकांश नेता अनुपस्थित रहे। समारोह के दौरान राजभवन में नीतीश कुमार के बगल वाली कुर्सी पर पहले उपमुख्यमंत्री की पर्ची लगायी गई थी, लेकिन बाद में उसे हटाकर उस कुर्सी पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री अशोक कुमार चौधरी बैठ गए। वहीं चौधरी के बगल में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजय कुमार सिन्हा बैठे थे, और वह नीतीश कुमार के साथ वार्तालाप करते हुए देखे गए। गौरतलब है ‎कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में जलपान के आयोजन की पुरानी परंपरा रही है। हालांकि शिक्षा मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राष्ट्रीय महासचिव आलोक कुमार मेहता राजभवन पहुंचे थे लेकिन तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित पार्टी के कई अन्य नेता इसमें शामिल नहीं हुए। मी‎डिया ने जब नीतीश कुमार से राजभवन के समारोह में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि ‘जो नहीं आए उन्हें पूछिए।
राजभवन से जलपान के बाद वह अपने आधिकारिक आवास वापस लौट गए। कहा जा रहा है कि विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाखुश नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी की योजना बना रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता कहते रहे हैं कि जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं और जद(यू) नेता भी कहते रहे हैं कि पार्टी मजबूती से ‘इंडिया गठबंधन के साथ है। वहीं समारोह समाप्त होने के बाद पत्रकारों के बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से नीतीश कुमार के राजग में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं प्रतिपक्ष के नेता के रूप में यहां हूँ। मुझे अटकलों के पीछे की सच्चाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसमें नेतृत्व द्वारा सामूहिक रूप से निर्णय लिये जाते हैं।

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आखिरकार सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया। प्रदेश में 11 सीटों पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ेगी। अखिलेश ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।
उन्होंने लिखा- इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी। इससे पहले, सपा और रालोद में 7 सीट पर गठबंधन हुआ था। यानी, अब यूपी में इंडिया गठबंधन में सपा, कांग्रेस और रालोद के बीच सीटों पर सहमति बन गई है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अखिलेश के ट्वीट पर केंद्रीय नेतृत्व को फैसला लेना है। फिलहाल, दोनों पार्टियों के बीच सकारात्मक और अच्छे माहौल में बातचीत चल रही है। इससे पहले, 17 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस के साथ सपा महासचिव राम गोपाल यादव की बैठक हुई थी। बैठक में बाहर निकलकर राम गोपाल ने कहा था, हमने आधा रास्ता तय कर लिया है। बाकी आधा रास्ता भी जल्द तय कर लिया जाएगा। राम गोपाल के इस बयान के बाद से यह संकेत मिल गए थे कि सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा में बात बन गई है।
इससे पहले, 19 जनवरी को अखिलेश यादव ने 7 सीट आरएलडी को देने का ऐलान किया था। वहीं, 1-1 सीट अपना दल कमेरावादी और चंद्रशेखर की पार्टी की दे सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि बची हुई 60 सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस को प्रदेश की कौन-सी 11 सीट दी जाएगी। इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, वाराणसी, गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, झांसी, कुशीनगर, गाजियाबाद , अमेठी, रायबरेली, लखनऊ और बांसगांव कांग्रेस को दी जा सकती है।

पटना । बिहार में सियासी उथल-पुथल मची हुई है. बिहार राजनीतिक महाभारत का कुरूक्षेत्र बन गया है। शह-मात का खेल चल रहा है। जदयू और राजद के अपने-अपने दावे हैं। वहीं भाजपा और कांग्रेस भी अपना गणित बैठा रही है। बिहार में नीतीश-लालू का गठबंधन टूट गया है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश रविवार सुबह 10 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इसके साथ ही वे नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे। जदयू कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। नीतीश राज्यपाल से रविवार को ही नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने को भी कहेंगे। पार्टी सूत्रों का दावा है कि नीतीश 2 डिप्टी सीएम के साथ शपथ लेंगे। उधर, बिहार में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं। इसी बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बात की है। राहुल ने जीतन राम को इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया है।
इधर, पटना में राजद की बैठक के दौरान तेजस्वी ने दावा किया कि असली खेला होना अभी बाकी है। नीतीश हमारे आदरणीय थे और रहेंगे। जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने कम समय में कर दिखाया। लालू ने अपने मंत्रियों से कहा- इस्तीफा नहीं दें। वहीं, दिल्ली से पटना पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिंह ने कहा कि दुनिया ने मोदी का सुशासन देखा है। अब बिहार की जनता भी मोदी का सुशासन देखना चाहती है। बिहार की राजनीति में सियासी उठापटक जारी है। हाल के दिनों में हुए घटनाक्रमों और सामने आए बयानों से अटकलें लग रही हैं कि बिहार में जदयू एक बार फिर एनडीए में शामिल होने को तैयार है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार महागठबंधन को छोडक़र भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ आ रहे हैं। इससे पहले तीन बार जदयू ने साथी बदला है लेकिन दिलचस्प है कि नीतीश कुमार हर बार मुख्यमंत्री रहे। भले उनकी पार्टी के विधायकों की संख्या उनके सहयोगी से कम रही हो।
बिहार में अभी खेल होना बाकी है
बिहार में सियासी गहमागहमी के बीच आरजेडी के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने गठबंधन धर्म को निभाया है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा नीतीश का सम्मान किया। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने राज्य में कई बड़े घटनाक्रम होने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे कि 2005 से पहले बिहार में क्या था? मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी। अब हमारे साथ अधिक लोग हैं, दो दशकों में जो कुछ भी अधूरा रह गया था, हम उसे हासिल करने में कामयाब रहे। भले ही नौकरियां हों, जाति जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना हो, थोड़े ही समय में हमने ये किया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अभी खेल होना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक लालू ने अपने सभी विधायकों को पटना में बने रहने के लिए कहा है। साथ ही मोबाइल फोन बंद नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने विधायकों से ये भी कहा कि किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें। आरजेडी की बैठक खत्म होने के बाद मनोज झा ने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक रही, हमने मौजूदा हालात के हर पहलू पर चर्चा की। हमारे नेता लालू प्रसाद, जो भी निर्णय लेंगे हम उसे मानेंगे। हम इस सरकार को गिराने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते, इस सरकार ने बिहार की जनता के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि यह विधानमंडल की बैठक थी, जिसमें लालू यादव, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सभी विधायक शामिल थे। हम सभी ने लालू यादव को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
मांझी लगाएंगे पार!
उधर, जीतन राम मांझी के लिए कहा जा रहा है कि वह आरजेडी की नैया पार लगाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, साथ ही वह एनडीए के लिए भी बेहद अहम हैं। क्योंकि जीतनराम की पार्टी हम के 4 विधायक हैं, अगर आरजेडी उन्हें अपने पाले में ले लेती है, तो महागठबंधन 118 सीटों का आकंड़ा छू लेगा। इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक भी शामिल हैं।अगर एआईएमआईएम का एक और एक निर्दलीय विधायक भी महागठबंधन के साथ जाते हैं तो ये आंकड़ा 120 तक पहुंच जाएगा। हालांकि सरकार बनाने के लिए 2 विधायकों की जरूरत तब भी पड़ेगी। हालांकि जीतनराम मांझी ने बिहार के सियासी संकट पर कहा था कि राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं है और कोई किसी का परमानेंट दुश्मन नहीं होता है। वहीं, भाजपा के सहयोगी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने दावा किया है कि बिहार सरकार एक-दो दिन में गिर सकती है।

 

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर भेंट कर शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर द्वारा उज्जैन में सैटेलाइट परिसर स्थापित करने की परियोजना तैयार कर वर्ष 2023 में शिक्षा मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजी गई थी। उज्जैन सैटेलाइट परिसर एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे पूरे भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश के छात्रों, शिक्षकों और औद्योगिक कर्मियों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने उज्जैन के सैटेलाइट परिसर को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश में चार फ्यूचर स्किल कोर्स चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज, भोपाल में ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (AR/VR), जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में इंटरनेट आफ थिंग्स (IoT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तथा उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज में ब्लाकचैन कोर्स स्थापित किए गए हैं जो कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की संकल्प योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं। प्रत्येक कोर्स में राज्य के एक हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य द्वारा स्थापित संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तथा ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (AR/VR) के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में संचालित किए जाने वाले कोर्स में तकनीकी सलाहकार के रूप में आईटीई, सिंगापुर के स्थान पर अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली को तकनीकी सलाहकार बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को इन कौशल उन्नयन नवाचारों के शुभारंभ के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित भी किया, जिसे केंद्रीय मंत्री स्वीकार किया। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को उड़ीसा के महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साईं के बारे में अवगत कराया। जिन्होंने असीरगढ़ किले के कारावास में लगभग 35 साल से अधिक समय गुजारा था। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने केंद्रीय मंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही असीरगढ़ किले में स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साईं की प्रतिमा स्थापित कर उनके सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इस स्मारक से मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों के सांस्कृतिक संबंध मधुर और प्रगाढ़ होंगे।

नई दिल्ली । राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को नई दिल्ली में 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने 2023 के दौरान चुनावों के संचालन के कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ चुनावी कार्य पुरस्कार प्रदान किए। विभिन्न सरकारी विभागों और मीडिया संगठनों सहित महत्वपूर्ण हितधारकों को भी मतदाताओं को जागरूक करने में बहुमूल्य योगदान देने के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की विशालता और विविधता हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा में निर्वाचन आयोग की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अब तक निर्वाचन आयोग द्वारा 17 आम चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए जा चुके हैं। उन्होंने निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग की वर्तमान और पिछली टीमों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर आधुनिक तकनीक का सफल उपयोग दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव प्रक्रिया से संबंधित सभी गतिविधियों में चुनाव आयोग द्वारा तकनीक के प्रभावी उपयोग को यथासंभव और बढ़ाया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में रहने वाले मतदाताओं के लिए मतदान की व्यवस्था करना आसान नहीं है। सभी प्रकार की चुनौतियों के बावजूद निर्वाचन आयोग की टीम इस कठिन दायित्व को पूरा करती है। यह हमारे लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने मतदान केन्द्रों पर जाने में असमर्थ रहने वाले लोगों के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए चुनाव आयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बना दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे युवा हमारे लोकतंत्र के भावी नेता हैं। उन्होंने मतदाता फोटो पहचान पत्र प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह अधिकार मिलने के बाद उनके कर्तव्य भी बढ़ गये हैं। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित युवा मतदाता देश के उन करोड़ों युवाओं के प्रतिनिधि हैं जो वर्ष 2047 के स्वर्णिम भारत के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभायेंगे।
राष्ट्रपति को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से ‘आम चुनाव 2024 के लिए ईसीआई की पहल’ की पहली प्रति प्राप्त हुई।
वर्ष 2011 से, भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस को मनाने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता पैदा करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। ‘वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से वोट करता हूं’ राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम है।

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