राजनीति

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सुल्तानपुर । यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट गांधी परिवार से नाता रखती है। पहले वरुण, फिर मेनका गांधी ने इस सीट पर दम दिखाया है। भाजपा ने अब तक इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया। अब सवाल यही है कि इस बार यहां भाजपा से चुनाव कौन लड़ेगा? आसपास की सीटों का जातीय गणित साधने के लिए सुल्तानपुर में कुछ बदलाव होगा या फिर मेनका ही लौटेंगी? विपक्षी दल भी चुप्पी साधे हैं।
गांधी परिवार के गढ़ अमेठी और अयोध्या से सटी सुल्तानपुर सीट भी सत्तादल और विपक्ष के लिए खास मायने रखती है। इसकारण दावेदारों की खूब जांच-परख करने के बाद ही घोषणा होती है। इस बड़ी सीट पर लोकसभा चुनाव में बड़ा दांव आजमाने की जुगत में भाजपा व विपक्षी दल हैं। भाजपा वर्तमान सांसद मेनका गांधी को यहां से चुनाव लड़ाने की घोषणा नहीं कर सकी, वहीं, आइएनडीआइए गठबंधन और बसपा भी वाजिब अवसर की तलाश में हैं।
खबर है कि मेनका गांधी को सुल्तानपुर की बजाय पीलीभीत से पार्टी फिर मौका देना चाहती है। यदि ऐसा हुआ तब यहां से पिछड़ी जाति, वह भी कुर्मी बिरादरी का उम्मीदवार उतारने की तैयारी भी है। प्रदेश मुख्यालय से जो तीन नाम पार्टी हाईकमान को भेज गए हैं, उसमें एक इस बिरादरी के भी दावेदार का है। वहीं, पिछली बार गठबंधन दलों के उम्मीदवार रहे पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और रायबरेली के ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय सहित अन्य नामों की भी चर्चा है, लेकिन अब तक कुछ स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
इस सीट पर 2014 के चुनाव में वरुण गांधी सांसद चुने गए थे, जबकि 2019 में उनकी मां पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी। पिछली बार इनकी सीटों की अदला-बदली हुई थी। इस बार वरुण को लेकर उच्च स्तर पर नाराजगी है। इसकारण मेनका की सीट को लेकर भी पेंच फंसा है। मेनका का मजबूत पक्ष यह है कि पांच साल के कार्यकाल में भाजपा की स्थिति ठीक है। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह पांच में चार सीटें जीतने में कामयाब रही।
वहीं, गठबंधन के नेता चाहते हैं कि यदि मेनका को भाजपा ना बोल देगी तब उसकी मनचाही मुराद पूरी हो जाएगी। शायद इसीकारण खाते में सीट आने के बावजूद सपा की चुनावी तैयारियां शिथिल हैं। जिले के पदाधिकारी कह रहे हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो निर्देश होगा, उसका अनुपालन कराया जाएगा। वहीं,भाजपा का रुख देखकर ही बसपा निर्णय लेगी।

 

मुंबई। शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई है. देशभर में 19 अप्रैल से 1 जून तक कुल 7 चरणों में चुनाव करवाए जायेंगे. आपको बता दें कि 2019 में जो लोकसभा के चुनाव हुए थे वो भी 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच कुल 7 चरणों में हुए थे. अब सबकी निगाहें महाराष्ट्र पर टिक गई है क्योंकि उत्तरप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं। बीजेपी ने 23, शिवसेना ने 18, एनसीपी ने 4, कांग्रेस ने 1, एमआईएम ने 1 और निर्दलीय ने 1 सीटें जीतीं। अब बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूट गया और नया गठबंधन बन गया, शिवसेना और एनसीपी भी विभाजित हो गई हैं. ऐसे में यह देखना अहम होगा कि होने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की तस्वीर कैसी होगी.

 

सरकार बनी तो कांग्रेस कराएगी जाति जनगणना और आर्थिक सर्वे


मुंबई । राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अंतिम चरण में महाराष्ट्र के नंदुरबार पहुंची। यह जगह कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। मंगलवार को राहुल ने जनता से कहा- अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी जाति जनगणना और आर्थिक सर्वे कराएगी। साथ ही वन अधिकार अधिनियम को भी मजबूत करेगी।
राहुल ने कृषि और वन उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून लाने का भी वादा किया। नंदुरबार वही सीट है, जहां 47 साल तक कांग्रेस को कोई हरा नहीं पाया था। पिछली बार 2010 में सोनिया गांधी ने नंदुरबार का दौरा किया था। करीब 14 साल बाद गांधी परिवार से कोई सदस्य यहां पहुंचा है। यह जगह इसलिए भी खास है, क्योंकि 2010 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने आधार कार्ड की लॉन्चिंग नंदुरबार के तेंभली गांव से की थी।
भाजपा ने किया आदिवासियों को जंगलों से बेदखल
राहुल ने यात्रा के दौरान कहा कि भाजपा ने वन अधिकार अधिनियम, भूमि अधिग्रहण अधिनियम जैसे कानूनों को कमजोर कर दिया है। हम न केवल उन्हें मजबूत करेंगे बल्कि यह सुनिश्चित करेंगे कि आदिवासियों के दावों का निपटारा एक साल के भीतर किया जाए। राहुल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत हजारों दावों को गलत तरीके से खारिज कर दिया और आदिवासियों को जंगलों तक पहुंच से वंचित कर दिया।

 

कोलकाता । केंद्र की मोदी सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) न‍ियमों को लागू कर दिया गया है। ज‍िसके बाद पश्‍च‍िम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी का मंगलवार को बड़ा बयान आया है। ममता ने चेतावनी दी है क‍ि बंगाल में क‍िसी भी सूरत में ड‍िटेंशन सेंटर नहीं बनने द‍िया जाएगा। सीएम ममता ने सीएए कानून को लेकर कहा कि इस हटाओ।
इतना ही नहीं टीएमसी सुप्रीमो ममता ने बीजेपी पर हमला कर कहा कि मैंने इस जैसी (बीजेपी) बेकार पार्टी कभी नहीं देखी। वह मह‍िलाओं के ख‍ि‍लाफ है। उन्‍होंने कहा कि असली हिंदू का मतलब यह नहीं होता क‍ि बाहरी लोगों को हिंदू बनाया जाए। उन्‍होंने सीएए लागू होने को लेकर कहा क‍ि मुझे संदेह है कि इनकी ओर से लाया कानून वैध भी या नहीं। इस बात को लेकर केंद्र सरकार की स्पष्टता नहीं है।
उन्‍होंने कहा कि 2019 में असम में एनआरसी (एनआरसी) के नाम पर 19 लाख में से 13 लाख बंगाली हिंदू को लिस्ट से हटाया गया था, कई लोगों ने आत्महत्या की थी। मैं पूछती हूं, अगर वे लोग दर्खास्त करते हैं, तब क्या उन्हें नागरिकता मिलेगी?...उनके बच्चे का भविष्य क्या होगा? उनकी संपत्ति का क्या होगा?... इसके आपके सभी अधिकार छीन लिए जाएंगे, आपको अवैध घोषित कर दिया जाएगा। आपके पास कोई अधिकार नहीं बचेगा। यह अधिकार छीनने का खेला है... आपको डिटेंशन कैंप में ले जाया जाएगा... आप (केंद्र सरकार) सुन लें मैं बंगाल से किसी को भी जाने नहीं दूंगी...
हावड़ा में टीएमसी की मीट‍िंग के दौरान ममता बनर्जी ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्‍होंने कहा कि मैंने बीजेपी जैसी खराब पार्टी कभी नहीं देखी। वह मह‍िलाओं के ख‍ि‍लाफ है। उन्‍होंने कहा कि असली हिंदू का मतलब यह नहीं होता क‍ि बाहरी लोगों को हिंदू बनाया जाए।

 

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने घोसी लोकसभा सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर को मैदान में उतार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा से एक सीट पर बात पक्की हो गई है, दूसरी पर बातचीत जारी है। अरविंद ओम प्रकाश राजभर के सुपुत्र हैं, और योगी की अगुवाई वाली पिछली सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रह चुके हैं। अरविंद सुभासपा के प्रधान महासचिव हैं। उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव में वाराणसी जिले की शिवपुर सीट से सपा और सुभासपा के गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था लेकिन वे भाजपा प्रत्याशी मंत्री अनिल राजभर से चुनाव हार गए थे। ओम प्रकाश राजभर ने कहा, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अरविंद राजभर को घोसी लोकसभा का प्रत्याशी तय किया है। इस सवाल पर कि क्या भाजपा ने गठबंधन के तहत घोसी लोकसभा सीट सुभासपा को दी है, राजभर ने कहा कि घोसी सीट पर बात पक्की हो गई है तथा एक अन्य सीट को लेकर भी बातचीत हो रही है।

 

नई दिल्ली । आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की एनडीए गठबंधन में वापसी तय हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई महत्वपूर्ण बैठक में सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर सहमति बनी है। केंद्रीय मंत्री शाह के आवास पर चल रही बैठक अब खत्म हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द ही औपचारिक तौर पर गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं। भाजपा आंध्र प्रदेश में नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और पवन कल्याण की जनसेना पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री शाह के आवास पर शाह, नड्डा, चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण के बीच हुई बैठक में सीट बंटवारे पर सहमति होने के बाद नायडू की एनडीए गठबंधन में वापसी का रास्ता भी साफ हो गया है।
बताया जा रहा है कि ये तीनों दल एनडीए गठबंधन के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाले है। इससे पहले नायडू और कल्याण ने 7 मार्च को भी केंद्रीय गृह मंत्री शाह और भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ आंध्र प्रदेश में गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर चर्चा की थी। नायडू की एनडीए गठबंधन में वापसी को लेकर दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत के बाद समझौते के फॉर्मूले पर सहमति बनी है।
बात दें कि नायडू पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान एनडीए गठबंधन में रह चुके हैं और उनके फिर से एनडीए में आने के बाद भाजपा को आंध्रप्रदेश में तब राजनीतिक लाभ मिलना तय ही माना जा रहा है। लेकिन साथ ही कहा जा रहा है कि इस समझौते से बनने वाले माहौल का फायदा भाजपा को दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में भी हो सकता है।

नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों को लेकर जारी गहमागहमी के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें चुनाव आयोग ने उन्हें भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है। आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ बयानों और टिप्पणियों से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और राहुल गांधी के जवाबों और अन्य तथ्यों पर विचार-विमर्श के बाद यह एडवाइजरी जारी की है।

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मास्टर स्ट्रोक खेला है।सूत्रों ने बुधवार को बताया कि पार्टी ओडिशा में सत्तारूढ़ दल बीजू जनता दल (बीजेडी) के साथ गठबंधन कर सकती है। ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। अगले एक से दो दिन में काफी अहम हैं क्योंकि इसमें ही कोई नतीजा निकलकर आएगा। दोनों पार्टियों में गठबंधन को लेकर जल्द घोषणा हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस नीति पर काम किया जा रहा है कि राज्य में लोकसभा चुनाव में बीजेपी, जबकि विधानसभा में बीजेडी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।बुधवार को होने वाली कोर ग्रुप की बैठक में इसको लेकर चर्चा होनी है।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महज 13 दिन के बाद ही राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना है। जेपी नड्डा के इस्तीफे को राज्यसभा चेयरमैन ने स्वीकार भी कर लिया है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल यह तय नहीं है कि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इसका ऐलान अभी नहीं किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को राज्यसभा चेयरमैन ने स्वीकार भी कर लिया है। गौरतलब है कि जेपी नड्डा 13 दिन पहले ही 20 फरवरी को गुजरात से निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। श्री नड्डा लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और किस सीट से लड़ेंगे इसका ऐलान फिलहाल नहीं किया गया है।

 

अहमदाबाद | लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और हर राजनीतिक दल अब लोगों का विश्वास जीतने और अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले दल बपदल के दौर से गुजरात की सियासत गरमा गई है| गुजरात में भाजपा के विरोधी दलों के एक के बाद एक बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं| एक-एक कर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता या तो पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं या फिर भाजपा में शामिल हो रहे हैं| आज ही में अर्जुन मोढवाडिया ने विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा है| कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है| दक्षिण गुजरात के तापी में कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी में इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है| तापी में आप के प्रदेश पदाधिकारी बिपिन चौधरी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बिपिन चौधरी के पार्टी छोड़ने से तापी आम आदमी पार्टी को झटका लगा है| बिपिन चौधरी के इस्तीफे से तापी जिले की सियासत गरमा गई है| बिपिन चौधरी ने आम आदमी पार्टी की सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है| बिपिन चौधरी गुजरात क्षेत्र आप में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बिपिन चौधरी ने व्यारा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे| बता दें कि इससे पहले आप के कई नेता और हजारों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके हैं| जूनागढ़ के विसावदर निर्वाचन क्षेत्र से आप विधायक भूपत भायाणी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा जॉइन कर चुके हैं| देखना यह होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में कितना सियासी उलटफेर होता है|

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