ईश्वर दुबे
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Bhilai
सबरीमाला मंदिर को लेकर चल रहा विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। उच्चतम न्यायलय ने बेशक हर उम्र की महिलाओं के लिए मंदिर के दरवाजे खोलने का आदेश दिया है लेकिन विभिन्न संगठनों सहित अयप्पा के भक्त अदालत के इस फैसले को मानने के लिए राजी नहीं है। इस गहमा-गहमी भरी माहौल के बीच एक बार फिर से मंदिर के कपाट खुलने वाले हैं। विशेष प्रार्थना के लिए 5 नवंबर को मंदिर के द्वार खोले जाएंगे। पठानमिट्टा के जिलाधिकारी ने सन्निधाम, पंबा, निलक्कल और एलावुंकल में 4-6 नवंबर के बीच धारा 144 को लागू करने का निर्णय लिया है।
किसी भी तरह की अवांछित स्थिति से निपटने के लिए सन्निधाम में पुलिस की उपस्थिति को बढ़ाया जाएगा। पिछले महीने सबरीमाला मंदिर और उसके आस-पास काफी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। अभी तक 3505 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिन्होंने राज्य में हिंसा फैलाई थी। वहीं राज्यभर में 529 मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
बता दें कि इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर मामले में 28 सितंबर को दिए अपने आदेश पर पुनर्विचार की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर जल्दी सुनवाई करने से मना कर दिया। न्यायालय ने कहा कि सभी 13 याचिकाओं को सुनवाई के लिए 13 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया जा चुका है। अपने फैसले पर न्यायालय ने कहा, 'पांच और छह नवंबर को सबरीमाला मंदिर केवल 24 घंटे के लिए खोला जा रहा है। हमने सुनवाई की तारीख 13 नवंबर तय की है।'