खास खबर

खास खबर (1096)

1. नींबू के साथ शहद : विटामिन सी से भरपूर नींबू शरीर के एक्स्ट्रा फैट को कम करने का काम करता है। दूसरी चीज़ है शहद, जिसमें प्राकृतिक मिठास होती है, जो बिना कोलेस्ट्रॉल बढ़ाए वजन कम करने में मदद करता है।

2. पत्तागोभी : पत्तागोभी में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है लेकिन कम मात्रा में तो वहीं फाइबर अच्छी-खासी मात्रा में। तो वजन घटाने के लिए आप पत्तेगोभी से बना सूप, सब्जी व सलाद खा सकते हैं।

3. पानी : मोटापा कम करने के लिए शरीर का हाइड्रेट रहना भी बेहद जरूरी है। दिन में 7-8 ग्लास पानी पीने से पेट भरा हुआ सा महसूस होता है जिससे भूख कम लगती है, ओवरईटिंग से बचा जा सकता है, जो मोटापा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।

4. गाजर :  गाजर भी लो कैलोरी वाली सब्जी है, जिसे खाकर बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी अच्छी-खासी मात्रा में मौजूद होता है जो मोटापे को कम करने का काम करता है।

5. सौंफ : अतिरिक्त मोटापा घटाने में सौंफ भी बेहद फायदेमंद है। सौंफ फाइबर युक्त होता है जो भूख को नियंत्रित कर वजन घटाने में मदद करती है।

6. ग्रीन टी : बिना मेहनत मोटापा कम करने के उपाय के रूप में आप ग्रीन टी का सेवन भी कर सकते हैं। ग्रीन टी वजन घटाने के साथ ही बॉडी को डिटॉक्स करने का भी काम करती है।

7. खीरा : खीरा कई तरह से वजन घटाने में मदद करता है। यह कम कैलोरी युक्त होता है साथ ही इसमें पानी की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है और पानी शरीर के वजन को नियंत्रित करने का काम करता है।

ब्लैक टी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। इस चाय के सेवन से शरीर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। बदलते मौसम में होने वाली परेशानियों से निजात मिलता है।इस मौसम में असामान्य तापमान के चलते सर्दी, खांसी और बुखार का खतरा बढ़ जाता है।

इम्यून सिस्टम
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इम्युनिटी कमजोर रहने से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, जो वायरल संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होते हैं। इस चाय के सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है। इस चाय में मौजूद कैफीन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही शरीर में शक्ति का संचार होता है। इसके लिए रोजाना सुबह में ब्लैक टी का सेवन कर सकते हैं।

कैंसर का खतरा
National Cancer Institute की शोध में खुलासा हुआ है कि ब्लैक टी पीने से कैंसर का खतरा कम होता है।इसमें पॉलीफेनोल्स पाया जाता है,जो ट्यूमर के बढ़ने के खतरे को कम करता है। इससे स्किन, ब्रेस्ट, लंग और प्रोस्टेट का खतरा कम हो जाता है।

दिल के लिए
ब्लैक टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय के लिए फायदेमंद होता है।नियमित रूप से ब्लैक टी पीने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।इसके लिए रोजाना सुबह में खाली पेट ब्लैक टी जरूर पिएं।

Jivitputrika Vrat 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया, जितिया या ज्युतिया व्रत भी कहा जाता है। इस साल 18 सितंबर को ये व्रत रखा जाएगा। ये व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जला होता है। महिलाएं अपने बच्चों की समृद्धि और उन्नत जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार, संतान के लिए किया गया ये व्रत किसी भी बुरी परिस्थिति में उसकी रक्षा करता है। साथ ही उनके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं। ये कठिन व्रत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और वेस्ट बंगाल जैसे राज्यों में अधिक प्रचलित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति के साथ समस्त दुखों और परेशानियों से उसकी रक्षा होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा विधि और महत्व के बारे में...
संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है जितिया व्रत
2 of 6
जीवित्पुत्रिका व्रत तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस बार ये व्रत 18 सितंबर की रात से शुरू होगा और 19 सितंबर तक चलेगा। वहीं व्रत का पारण 19 सितंबर को ही किया जाएगा।
 
संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है जितिया व्रत
3 of 6
जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त
इस साल 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 18 सितंबर दोपहर 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, जितिया का व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा और इसका पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा। 19 सितंबर की सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है जितिया व्रत
4 of 6
निर्जला व्रत रखती हैं महिलाएं
जितिया व्रत संतान की दीर्घायु और मंगल कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। इस उपवास में महिलाएं जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करती हैं।

बेली और थाई फैट को कम करने के लिए आपके लुक को पूरी तरह से खराब कर देते हैं। पेट पर जमा एक्सट्रा फैट टाइप -2 डायबिटीज और दिल की समस्याओं जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अपने बैली फैट से छुटकारा पाने के लिए, हेल्‍दी डाइट के साथ एक्‍सरसाइज भी बेहद जरूरी है। ज्यादातर लोग वजन कम करने के लिए काफी कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी जिद्दी बैली फैट कम नहीं होता।

सही कार्ब्स लें : वेट लॉस के दौरान एक्सरसाइज करने के लिए आपको एनर्जी की सबसे ज्यादा जरुरत होती है, ऐसे में कार्ब्स आपको एनर्जी देते हैं। लेकिन सही कार्ब्स लेना जरूरी है। शक्कर, पास्ता, ब्रेड से मिलने वाले कार्ब्स से बचें, क्योंकि इनकी वजह से वजन बढ़ सकता है।

मीठा खाने से बचें : शरीर में जगह-जगह पर फैट जमा होने का कारण शुगर का ज्यादा सेवन है। स्टार्च और कार्बोहाइड्रे युक्त चीजो को खाने से इंसुलिन रिलीज होता है। ऐसे में जितनी ज्यादा शक्कर आप खाते हैं, उतना ही शरीर में इंसुलिन रिलीज होता है। इसलिए मीठा खाने से बचें।

कैलोरी पर दें ध्यान :  अगर आप वजन कम करने की योजना बना रही हैं तो आपको अपने खान-पान पर नजर रखनी होगी। आप दिनभर में क्या खा रहे हैं इस पर ध्यान दें। हेल्दी डायट और पोर्शन कंट्रोल पर ध्यान देने से आप अधिक कैलोरी खाने से खुद को बचा सकते हैं।

पानी की मात्रा पर दें ध्यान : चर्बी कम करने के लिए मेटाबॉलिज्म का फास्ट होना जरूरी है। अगर बॉडी सही तरह से हाइड्रेटेड होती है तो मेटाबॉलिज्म फास्ट होता है। पानी से आपका पेट भरा रहता है, यह बार-बार भूख लगने की आदत को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ये शरीर से एक्सट्रा सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है।  

प्रोटीन करें शामिल : बेली फैट को कम करने के लिए डायट में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन को शामिल करने की सलाह दी जाती है। फैट कम करने के लिए प्रोटीन काफी मददगार होता है।

रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर बादलों के ऊपर खड़े दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल चिनाब ब्रिज की कुछ शानदार तस्वीरें साझा की हैं। दिन के अलग-अलग समय के दौरान ली गई चार तस्वीरों में चिनाब पुल को दिखाया गया है।

रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर बादलों के ऊपर खड़े दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल चिनाब ब्रिज की कुछ शानदार तस्वीरें साझा की हैं। दिन के अलग-अलग समय के दौरान ली गई चार तस्वीरों में चिनाब पुल को दिखाया गया है, जिसका स्टील सूरज की रोशनी में चमक रहा है, जो नीले आसमान और ऊंचे पहाड़ों के बीच बहुत खूबसूरत लग रहा है। मंत्रालय ने ट्विटर पर पोस्ट किए लुभावने खूबसूरत चिनाब ब्रिज का नजारा आप यहां देख सकते हैं-

तस्वीरों ने इंटरनेट को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया है। यह जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच निर्मित एक कंक्रीट का मेहराबदार पुल है। एक इंजीनियरिंग चमत्कार, चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इस साल दिसंबर से इस पुल के रेल यातायात के लिए खुलने की उम्मीद है। तस्वीरों में आप पुल को बादलों के बीच से झांकते हुए देख सकते हैं। यह देखने लायक नजारा है।

 

जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले के कौरी इलाके में चिनाब नदी पर बना यह पुल 14 अगस्त को उस समय चर्चा में था, जब पुल के ऊपरी डेक को सुनहरे जोड़ से पूरा किया गया था। नदी के तल से 359 मीटर ऊपर खड़े इस पुल में 93 डेक खंड शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 85 टन है, जो लगभग 75 किमी दूर कटरा (जम्मू) को काजीगुंड (कश्मीर) से जोड़ने वाली सिंगल लाइन पर है।

 

 

इसे भी पढ़ें: पुतिन के जवानों को मिला घातक नई सुखोई Su-35, रूसी सैन्य शक्ति में होगा भारी इजाफा

 

यह पुल 272 किलोमीटर के उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जम्मू को कश्मीर घाटी के साथ हर मौसम में उच्च गति विकल्प के रूप में जोड़ना है। 272 किमी लंबी रेलवे लाइन में देश की सबसे लंबी सुरंग T-49 (12.75 किमी) और 927 बड़े और छोटे पुल (कुल लंबाई 13 किमी) के साथ 38 सुरंग (कुल लंबाई 119 किमी) होगी। चिनाब रेलवे ब्रिज के अलावा कश्मीर को जोड़ने के लिए उबड़-खाबड़ इलाकों में 16 अतिरिक्त पुल भी बनाए जा रहे हैं।

ये प्राकृतिक भोज्य पदार्थ शरीर को निरोगी बनाए रखने में सहायक होते हैं, साथ ही रोगों को भी ठीक करने में पूरी तरह से सक्षम है। इन प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में औषधीय गुण होते हैं जो कई रोगों से बचाव करने के साथ ही बीमारियों से छुटकारा भी दिलाते हैं।औषधीय गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थों में लौकी का नाम भी शामिल है।

दस्त-उल्टी - वैसे तो लौकी का जूस स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन जब आप ज्यादा लौकी का जूस पीते हैं तो उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा जूस बनाते समय साफ सफाई का ध्यान रखें, वरना बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की संभावना हो सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर- अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो लौकी का जूस कम मात्रा में पिएं। लौकी के जूस का सेवन ब्लड प्रेशर को असामान्य रूप से घटा सकता है। अचानक ब्लड प्रेशर में गिरावट होने से चक्कर आने, बेहोशी, आंखों में धुंधलापन होने की समस्या हो सकती है।

मधुमेह- मधुमेह रोगियों को लौकी का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए। लौकी का जूस शुगर के स्तर को अचानक कम कर सकता है। इससे बेहोशी और कुछ मामलों में हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा भी होता है।

कैंसर- लौकी में पाएं जाने वाला विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट अधिक फायदेमंद हैं। अधिक मात्रा में इसका सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है।

फलों में कई तरह के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। विटामिंस और मिनिरल्स के अलावा अलग अलग फलों में अलग अलग पौष्टिकता पाई जाती है। पौष्टिक फलों की सूची में अनार शामिल है। अनार खाने में स्वादिष्ट और मीठा फल है लेकिन ये कई रोगों में लाभकारी भी है। चिकित्सक कमजोरी दूर करने के लिए अनार खाने की सलाह देते हैं। अनार विटामिन सी और बी का एक अच्छा स्त्रोत है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, सेलेनियम और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अनार का सेवन सेहतमंद फायदे तो होता ही है लेकिन अनार खाने के कुछ नुकसान भी हैं। चलिए जानते हैं अनार खाने के फायदे और नुकसान।

अनार के सेवन के फायदे

कोशिकाओं को करता है मजबूत- अनार में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं। अनार के जूस में अन्य फल के जूस से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसके सेवन से कोशिकाओं को नुकसान से बचाया जा सकता है और सूजन को कम किया जा सकता है।

कैंसर से बचाव- अनार का जूस कैंसर पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। प्रोस्टेट कैंसर सेल्स को रोकने के लिए अनार के जूस का सेवन करना चाहिए। ये कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है।

अल्जाइमर से बचाव- अनार के दाने अल्जाइमर रोग को बढ़ने से रोकते हैं और व्यक्ति की याददाश्त को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
पाचन: अनार का जूस आंतों की सूजन को कम करके पाचन में सुधार कर सकता है। हालांकि दस्त रोगियों को अनार का जूस का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
गठिया: अनार का जूस जोड़ों के दर्द, अन्य प्रकार की गठिया के दर्द व सूजन में फायदेमंद होता है।

दिल की बीमारी - अनार का जूस दिल की बीमारी के लिए फायदेमंद है। दिल और धमनियों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए अनार के जूस का सेवन की सलाह दी जाती है।

बीपी- ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए अनार का जूस फायदेमंद माना जाता है।

मधुमेह- मधुमेह या डायबिटीज के उपचार में अनार का रस पीना चाहिए। अनार इंसुलिन को कम करने और ब्लड शुगर को कम करने में काम आता है।

अनार के सेवन के नुकसान
अनार के छिलके, जड़ या तना का अत्यधिक इस्तेमाल असुरक्षित होता है, क्योंकि इसमें जहर हो सकता है। लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को अनार के जूस का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। दस्त के दौरान अनार के जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। अनार का रस अगर आप अपनी त्वचा पर लगाते हैं तो कई लोगों को खुजली, सूजन या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

हेल्दी रहना आजकल हर किसी की जरूरत बन गया है। हेल्दी रहने के लिए दिन की अच्छी शुरूआत जरूरी है। कई लोग फिट और हेल्दी रहने के लिए बहुत सी चीजें करते हैं, जैसे सुबह उठ कर गर्म पानी, जीरा टी, अजवाइन टी वगैराह।  कई लोग अपने दिन की शुरुआत खजूर से करते हैं। खजूर एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो अल्जाइमर, कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। ये दिल के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इसके अलावा हेल्दी फाइबर कब्ज के इलाज में मदद करती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार करती है और वजन घटाने को बढ़ावा देती है। खजूर को कुछ लोग भिगोकर खाते हैं और कुछ इसे कच्चा खाते हैं, लेकिन क्या खाली पेट खजूर खाना अच्छा है? यहां जानिए खजूर से जुड़ी कुछ बातें और इसे खाने का सही समय और तरीका।

पोषक तत्वों से भरा है खजूर 
खजूर आयरन, फोलेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6 की अच्छाइयों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा ये काफी टेस्टी होते हैं और ज्यादातर लोग इसके मीठे स्वाद के कारण इसे खाना पसंद करते हैं। यह भी पढ़ें:दिन स्टार्ट करने के लिए बेहतरीन है तेज पत्ते का पानी, जानिए फायदे और बनाने का तरीका

खजूर में फ्रुक्टोज की मौजूदगी खाली पेट खाने पर परेशानी और पेट खराब कर सकती है। हालांकि, खाने के बाद खजूर खाना भी परेशानी भरा हो सकता है, खासकर अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खजूर फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपको जल्दी भरा हुआ महसूस कराता है, लेकिन पाचन प्रक्रिया में बहुत लंबा समय लगता है, जिसकी वजह से सूजन की समस्या हो सकती है।

अगर आपको आपको खजूर से एलर्जी है या आपको लूज मोशन हो रहे हैं तो आपको खजूर खाने से बचना चाहिए क्योंकि वे सोर्बिटोल नामक शक्कर अल्कोहल से भरपूर होते हैं, जो परेशानी को बढ़ाता है और ज्यादा मल त्याग करता है। इन कुछ स्थितियों के अलावा, आप खजूर को नाश्ते के रूप में या दिन में कभी भी खा सकते हैं।

कैसे खाएं खजूर
किशमिश की तरह खजूर को फ्रेश या सुखाकर खाया जा सकता है। वहीं कुछ लोग इसे भिगोकर खाना पसंद करते हैं।  

सुबह क्यों खाएं खजूर? 
सुबह-सुबह खजूर खाने से आपके शरीर को बहुत एनर्जी मिलती है। सुबह खजूर खाने से आंतों के कीड़ों को मारने में मदद मिलती है। इसके अलावा खजूर जरूरी अंगों को साफ करने में भी मदद करता है। ये दिल और लिवर के स्वास्थ्य में सुधार करता है। इसके अलावा खजूर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट स्किन और बालों को एक नेचुरल चमक देते हैं। खजूर के कई सारे फायदे हैं, लेकिन इसे खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

शरीर में जमा एक्सट्रा फैट को कम करने के लिए आप आयुर्वेद द्वारा बताए गए ड्रिंक्स को पी सकते हैं। ये तेजी से फैट कम करते हैं और टॉक्सिन को भी बाहर निकलते हैं।
शहद का इस्तेमाल सदियों से अलग-अलग चीजों में किया जा रहा है। कुछ लोग चर्बी घटाने के लिए तो कुछ बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। मधुमक्खी के छत्ते से निकला फ्रेश शहद शरीर के वजन को बढ़ाता है और हल्का रेचक होता है। वहीं शहद जो पुराना है, फैट के मेटाबॉलिज्म में मदद करता है और कफ को खत्म करता है। 

1) शहद आंखों और आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छा होता है।
2) यह प्यास बुझाता है और कफ को घोलता है।
3) यह मूत्र मार्ग के विकारों, दमा, खांसी, दस्त और जी मिचलाना-उल्टी में बहुत मददगार है।
4) यह एक नेचुरल डिटॉक्सिफायर है।
5) यह दिल के लिए अच्छा है, त्वचा में सुधार करता है, और कामोत्तेजक है।
6) गहरे घावों को जल्दी भरने में मदद करता है।
7) स्वस्थ दानेदार टिशू के विकास की शुरुआत करता है।

यूं न करें इस्तेमाल
1) शहद को गर्म खाने या पानी के साथ नहीं मिलाना चाहिए।
2) गर्म जगह पर काम करते समय शहद नहीं खाना चाहिए।
3) शहद को कभी भी घी के साथ या गर्म, मसालेदार खाने के साथ नहीं मिलाना चाहिए।

कैसे करें इस्तेमाल 
1) मोटापे के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक गिलास कमरे के तापमान के पानी के साथ 1 चम्मच शहद लें।
2) 1 टीस्पून शहद के साथ एक टीस्पून पीएफ हल्दी और 1 काली मिर्च को मिलाकर पीने से खांसी, सर्दी, साइनसाइटिस, इम्युनिटी ठीक करने में मदद मिलेगी।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीजों को अपनी डाइट का ध्यान रखना जरूरी है। डायबिटीज के मरीजों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है इसलिए उनके बीमार होने के आसार ज्यादा रहते हैं। शुगर एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है या फिर बंद कर देता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो पाचन ग्रंथि से बनता है। ये खाने को एनर्जी में बदलता है। इससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है।डायबिटीज के मरीज डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करें जो बॉडी में नैचुरल इंसुलिन की तरह काम करें और इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग रखें। डायबिटीज के मरीजों की सुबह उठते ही शुगर बढ़ने का खतरा अधिक होता है ऐसे में शुगर को कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज के मरीजों का नाश्ता ऐसा होना चाहिए जिसका सेवन करके शुगर कंट्रोल रहे और बॉडी में एनर्जी लेवल भी हाई रहे। सुबह के नाश्ते में अगर हेल्दी फूड्स को शामिल किया जाए तो पूरे दिन शुगर कंट्रोल रहेगी और बॉडी हेल्दी रहेगी।

डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो डाइट में कम कार्ब्स का सेवन करें। प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी वसा से भरपूर नाश्ता डायबिटीज को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज नाश्ते में किन फूड्स को शामिल करें जिनसे शुगर कंट्रोल रहे और एनर्जी लेवल हाई रहे।

नाश्ते में दलिया का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होता है। दलिया का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है जो ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है। नाश्ते में दलिया का सेवन नैचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन करता है।

डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वो नाश्ते में फलियां का सेवन करें। फलियां फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जो डायबिटीज मरीजों के लिए बहुत उपयोगी हैं। फलियां का सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और बॉडी हेल्दी रहती है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए सुबह नाश्ते में लो फैट दूध का सेवन बेहद उपयोगी है। एक अध्ययन के अनुसार, दूध पीने से टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को फायदा हो सकता है। दूध का सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है और बॉडी में एनर्जी लेवल भी हाई रहता है। 2018 में जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में छपे एक अध्ययन के मुताबिक नाश्ते में दूध का सेवन ब्लड शुगर को दिनभर कम रखता है। लो फैट दूध का सेवन शुगर के मरीजों का मोटापा भी कम रखता है।

नाश्ते में खाएं अंडें:

डायबिटीज के मरीजों डाइट में अंडा जरूर खाएं। प्रोटीन से भरपूर अंडा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है। ब्रेकफास्ट में आप दही का भी सेवन कर सकते हैं।

Ads

फेसबुक