ईश्वर दुबे
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Bhilai
बीजिंग| इस वर्ष मई में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने आधिकारिक तौर पर चीन में तीन पारंपरिक कृषि प्रणालियों को मान्यता दी, जिसमें महत्वपूर्ण वैश्विक कृषि सांस्कृतिक विरासत के रूप में हपेई प्रांत की शेशिए काउंटी में शियान टैरेस्ड फील्ड सिस्टम भी शामिल है। अब तक, चीन में 18 विश्व स्तरीय महत्वपूर्ण कृषि सांस्कृतिक विरासतें हैं, जो दुनिया में पहले स्थान पर हैं। चीनी कृषि संस्कृति में न केवल अद्वितीय भौतिक सांस्कृतिक रूप शामिल हैं, बल्कि पारंपरिक कौशल, लोक गीत और कला जैसे विभिन्न अमूर्त सांस्कृतिक रूप भी शामिल हैं, जो ग्रामीण उद्योगों के विकास को बहुत बढ़ावा देते हैं। इस वर्ष जून तक, चीन ने गरीबी उन्मूलन काउंटियों में 1,400 से अधिक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत कार्यशालाओं की स्थापना की है। जो अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण को मजबूत करने, रोजगार और आय को बढ़ावा देने, गरीबी उन्मूलन उपलब्धियों को मजबूत करने और ग्रामीण पुनरुद्धार में मदद करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। गौरतलब है कि चीन सर्वागीण ग्रामीण पुनरुद्धार की रणनीति अपनाता है। पारंपरिक कृषि संस्कृति में निहित कृषि ज्ञान और पारिस्थितिक सोच के तत्व ग्रामीण पुनरुद्धार से निकटता से संबंधित हैं। चीनी कृषि और ग्रामीण मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय विनिमय सेवा केंद्र के उप निदेशक श्यू मिंग ने कहा कि चीन की विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण कृषि सांस्कृतिक विरासतें संबंधित कृषि उत्पादों के ब्रांड मूल्य का लगभग 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक ला सकती हैं। विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण कृषि सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण और उपयोग से चीन स्थानीय निवासियों की प्रत्यक्ष आय में लगभग 40 फीसदी योगदान देता है। स्वच्छ जल और हरे-भरे पहाड़, ग्रामीण परिदृश्य और स्थानीय संस्कृति एक-दूसरे के पूरक हैं। कृषि संस्कृति की खोज, विरासत और संरक्षण न केवल चीन में ग्रामीण पुनरुद्धार की प्रक्रिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र 2030 अनवरत विकास एजेंडा के कार्यान्वयन में भी योगदान देता है और अन्य देशों और क्षेत्रों के लिए संदर्भ प्रदान करता है। ध्यान रहे, इस वर्ष वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत पहल की 20वीं वर्षगांठ है, और चीन इस बारे में शुरुआती पहल करने वालों और सफल देशों से एक है।