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मु्ंबई। सिंगापुर को भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या 2018 में 14 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। उसकी कोशिश युवा पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने की है। सिंगापुर पर्यटन बोर्ड के दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक जी. बी. श्रीधर ने यहां पीटीआई से कहा, ‘‘पिछले साल (2017 में) 12.7 लाख भारतीय पर्यटकों ने सिंगापुर की यात्रा की। इस साल जनवरी से सितंबर तक में ही 10.8 लाख भारतीय पर्यटक सिंगापुर की यात्रा कर चुके हैं।

ऐसे में हमें पर्यटकों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले इस साल 14 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।’’उन्होंने कहा कि 2017 में रिकॉर्ड संख्या में भारतीय पर्यटकों ने सिंगापुर की यात्रा की। ऐसे में सिंगापुर आने वाले पर्यटकों की संख्या के लिहाज से भारत तीसरे स्थान पर है। जबकि चीन पहले और इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर रहा है। 

मेलबर्न। आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मिशेल जानसन ने रविवार को कहा कि स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरन बैनक्राफ्ट पर गेंद से छेड़छाड़ करने के लिये लगा प्रतिबंध बरकरार रहना चाहिए क्योंकि इन्होंने बोर्ड की सजा को चुनौती नहीं दी है। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट इस समय विकट स्थिति से गुजर रहा है और उसे हाल में कई मैचों में हार का सामना करना पड़ा जिससे स्मिथ और वार्नर को टीम में वापस लेने की मांग उठती जा रही है। 

 
दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ के मामले में तत्कालीन कप्तान स्मिथ और वार्नर पर एक एक साल जबकि बैनक्राफ्ट पर नौ महीने का प्रतिबंध लगा है। जानसन हालांकि इन पर से प्रतिबंध हटाने के खिलाफ हैं। 

 

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘तीनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा है। इसलिए इसका मतलब यह है कि अगर स्मिथ और वार्नर पर से प्रतिबंध हटता है तो कैमरन बैनक्राफ्ट का भी प्रतिबंध भी उतना ही कम होगा। इन सभी ने प्रतिबंध को स्वीकार किया है और इसके खिलाफ आवाज नहीं उठायी इसलिए मेरा मानना है कि प्रतिबंध बरकरार रहना चाहिए।’’
 

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद को आज निर्देश दिया कि आईआरसीटीसी घोटाला मामले के सिलसिले में 20 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह उसके समक्ष पेश हों। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने यह निर्देश जारी किए।

उन्हें बताया गया था कि खराब सेहत की वजह से लालू पहले के निर्देश के मुताबिक अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके। अदालत ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि लालू चाहे अस्पताल में हों या फिर जेल में, वीडियो कॉन्फ्रेंस के मार्फत उनकी मौजूदगी सुनिश्चित की जाए।
 
इस बीच ईडी ने प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य की जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और राहत देने पर जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार वर्मा से कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सीवीसी की जांच रिपोर्ट पर जल्द से जल्द आज ही अपना जवाब दाखिल करें। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस मामले के लिये मंगलवार को निर्धारित सुनवाई नहीं टाली जायेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को वर्मा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने सूचित किया कि सीबीआई निदेशक रजिस्ट्री में अपना जवाब दाखिल नहीं कर सके हैं।

 
पीठ ने कहा, ‘‘हम तारीख आगे नहीं बढ़ायेंगे। आप जल्द से जल्द अपना जवाब दाखिल करें। हमें भी जवाब पढ़ना होगा।’’ इस पर गोपाल ने कहा कि आज दिन में ही जवाब दाखिल कर दिया जयेगा। शीर्ष अदालत ने सीबीआई निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर 16 नवंबर को आलोक वर्मा को सीलबंद लिफाफे में सोमवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
 
इससे पहले, 16 नवंबर को न्यायालय ने कहा था कि सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ टिप्पणियां की हैं और वह कुछ आरोपों की आगे जांच करना चाहता है, इसके लिऐ उसे और समय चाहिए। न्यायालय ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के सभी अधिकार वापस लेने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली वर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले शुक्रवार को यह निर्देश दिया था।
श्रीनगर। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को जैश-ए- मोहम्मद के आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया और सेना के दो जवान घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। आतंकवादियों ने हाल ही में बनाए गए एक कैंप पर हमला किया। उन्होंने बताया कि आंतकवादियों ने शाम करीब 7–30 बजे जिले के काकापुरा रेलवे स्टेशन के निकट सीआरपीएफ के जवानों पर अनबैरल ग्रेनेड लांचर से ग्रेनेड फेंके और गोलियां चलाईं। इस हमले में हेड कांस्टेबल चंद्रिका प्रसाद की मौत हो गई।
 
यह शिविर राज्य में पंचायत चुनावों के मद्देनजर जिले में सुरक्षा बढ़ाने के लिए हाल ही में बनाया गया था। हमले के तत्काल बाद सीआरपीएफ के जवानों ने भाग रहे आतंकवादियों का पीछा किया। पास में गश्त कर रहे राष्ट्रीय रायफल के जवानों ने पैरा मिलिट्री बलों के जवानों की मदद की। सैनिक पास के बगीचे में पहुंचे जहां उन पर आतंकियों ने गोलियां चलाईं जिसमें सेना के दो जवान घायल हो गए। हालांकि एक धार्मिक समारोह होने के कारण घेराबंदी समाप्त कर दी गयी। घायल जवानों को सेना के अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है।
 
जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ शिविर पर हमले की ज़िम्मेदारी ली है। आतंकवादी संगठन के एक स्वयंभू प्रवक्ता ने कुछ स्थानीय मीडिया घरानों से बातचीत कर इसकी ज़िम्मेदारी ली।
सिंगरौली (मध्य प्रदेश)। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी झूठी घोषणाओं और वादों की एक ऐसी एटीएम मशीन है, जिसमें किसी भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकलता है। शाह ने सिंगरोली जिले के वैढ़न स्थित रामलीला मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चुनाव आते हैं तो कांग्रेस पार्टी अलग-अलग वादे करती है। घोषणापत्र जारी करती हैं, पर अमल करने का भाग्य (मौका) नहीं मिलता। उसे अमल तो भाजपा को ही करना है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘कांग्रेस झूठे वादों का एटीएम है। अंदर कोई भी समस्या डालो, झूठा वादा बनकर बाहर आता है।’’ शाह ने कहा, ‘‘इसके विपरीत भाजपा विकास का एटीएम है। कोई भी समस्या डालो, विकास व समाधान का रास्ता निकलता है।’’
 
भाजपा प्रत्याशियों के लिए मतदाताओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का न नेता तय है और न ही नीति तय है। अब आपको सोचना है कि प्रदेश व देश में किसकी सरकार बनानी है।’’ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न करने पर तंज कसते हुए शाह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी, कमलनाथ (मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) और दिग्विजय सिंह (दिग्गज कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री) प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनका नेता तय नहीं है।’’ दिग्विजय सिंह की 10 साल की कांग्रेस सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब मध्य प्रदेश की पहचान एक बीमारू राज्य के रूप में थी। प्रदेश में गरीबी थी और बिजली, पानी, सड़क एवं स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हो गई थीं।’’ शाह ने कहा कि तब कांग्रेस के समय मध्य प्रदेश का बजट मात्र 21,600 करोड़ रुपये था। बजट व संसाधनों से विहीन ऐसे बीमारू राज्य को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने न केवल विकसित राज्य बनाया, बल्कि प्रदेश का बजट 1.85 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया।’’ उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं शिवराज की सरकारों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का जिक्र भी किया, जिनमें आयुष्मान भारत योजना एवं बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाई गई अन्य योजनाएं शामिल हैं। देश की सुरक्षा पर बोलते हुए शाह ने कहा, ‘‘जब देश में भाजपा की सरकार आई, उस दौरान 12 सैनिकों की हत्या कर दी गई। तब मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक चलाकर पाकिस्तान से बदला लेने का काम किया। उसके बाद भारत सैनिकों की हत्या का बदला लेने वाले अमेरिका और इजराइल की सूची में जुड़ गया।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा कांग्रेस की सरकार में चाक-चौबंद कभी नहीं थी।’’ शाह ने कहा, ‘‘घुसपैठिये भारत आते रहे। लेकिन कांग्रेस सरकार चुप रही, क्योंकि वह इनका वोट बैंक था। मोदी सरकार एनआरसी लेकर लाई। इसमें घुसपैठियों की लिस्ट तैयार की गई, ताकि उन्हें बाहर निकाला जा सके। लेकिन कांग्रेसी फड़फड़ाने लगे और मानवाधिकार का हवाला देने लगे। घुसपैठियों का दर्द इन्हें दिखता है, लेकिन भारत का गरीब इन्हें नहीं दिखता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक बार 2018 में शिवराज जी की सरकार व 2019 में केंद्र में मोदी जी की सरकार बना दीजिए। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ढूंढ़-ढूंढ़कर घुसपैठियों को निकालेंगे। हमारे लिए घुसपैठिए वोट बैंक का मुद्दा नहीं हैं। हमारे लिए देश की सुरक्षा प्रमुख मुद्दा है।’’ वर्ष 2014 के बाद 19 राज्यों में भाजपा की सरकारें बनने की जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आजकल राहुल गांधी मध्य प्रदेश में इधर-उधर घूम रहे हैं और कह रहे हैं कि प्रदेश में उनकी सरकार बनेगी। आज राहुल बाबा एवं कांग्रेस पार्टी को दूरबीन लेकर अपने कांग्रेसी राज्य ढूंढ़ने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष के कार्यकाल में शिवराज ने मध्य प्रदेश को बीमारू से विकसित राज्य बनाने का काम किया। कांग्रेस के समय कोई निवेशक मध्य प्रदेश में नहीं आता था। अब निवेशकों की कतार लग गई है। शाह ने कहा कि कांग्रेस के समय मध्य प्रदेश में 18 प्रतिशत दर पर किसानों को ऋण दिया जाता था, जिसे घटाकर शिवराज सरकार ने जीरो कर दिया ।
भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी अपने दृढ़ इरादों और सटीक फैसलों के लिए जानी जाती थीं। बांग्लादेश के निर्माण में उनकी भूमिका और देश को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने का उनका फैसला कुछ ऐसे कदम थे जिनसे भारत के एक ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त हुआ। 19 नवम्बर 1917 में जन्मीं इंदिरा प्रियदर्शिनी ने अपने पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्होंने हमउम्र बच्चों को लेकर वानर सेना गठित की थी। यह वानर सेना जगह−जगह अंग्रेजों के खिलाफ प्रदर्शन करती और झंडे तथा बैनरों के साथ जंग ए आजादी के मतवालों का उत्साह बढ़ाती थी। सन 1941 में जब वह आक्सफोर्ड से शिक्षा ग्रहण कर भारत लौटीं तो आजादी के आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हो गईं।
 
सितंबर 1943 में अंग्रेज पुलिस ने उन्हें बिना किसी आरोप के गिरफ्तार कर लिया। 243 दिन तक जेल में रखने के बाद 13 मई 1943 को उन्हें रिहा कर दिया गया। इंदिरा 1959 और 1960 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। 1964 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य चुना गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया। ताशकंद समझौते के बाद लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया। इसके बाद प्रधानमंत्री पद की लड़ाई में इंदिरा गांधी के सामने मोरारजी देसाई आ गए। कांग्रेस संसदीय दल में हुए शक्ति परीक्षण में उन्होंने 169 के मुकाबले 355 मतों से मोरारजी देसाई को हरा दिया और इस तरह 1966 में वह देश की पांचवीं तथा पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। जिस समय इंदिरा ने प्रधानमंत्री पद संभाला उस समय कांग्रेस गुटबाजी की शिकार थी और मोरारजी उन्हें गूंगी गुडि़या कहकर पुकारते थे लेकिन जल्द ही इस गूंगी गुडि़या ने सबको चौंका दिया। 1967 के चुनावों में कांग्रेस को 60 सीटों का नुकसान हुआ और 545 सीटों वाली लोकसभा में उसे 297 सीटें मिलीं। इस कारण उन्हें मोरारजी को उप प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री बनाना पड़ा लेकिन 1969 में देसाई के साथ अधिक मतभेदों के चलते कांग्रेस बिखर गई। इंदिरा को समाजवादी दलों का समर्थन लेना पड़ा और अगले दो साल तक उनके समर्थन से ही सरकार चलाई।
 
पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए संग्राम में उन्होंने बांग्लादेश नाम से एक नए देश के गठन में सक्रिय भूमिका निभाई जिससे वह पूरी दुनिया में दृढ़ इरादों वाली महिला के रूप में जानी जाने लगीं और अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें दुर्गा की संज्ञा दी। अपने साहसिक फैसलों के लिए मशहूर इंदिरा गांधी ने 1974 में पोखरण में परमाणु विस्फोट कर जहां चीन की सैन्य शक्ति को चुनौती दी वहीं अमेरिका जैसे देशों की नाराजगी की कोई परवाह नहीं की। इन निर्णयों के चलते जहां उन्हें देश और दुनिया में बुलंद इरादों वाली महिला के रूप में तारीफ मिली वहीं 1975 में आपातकाल लगा देने के कारण इंदिरा को विश्व बिरादरी की आलोचना का भी सामना करना पड़ा। आपातकाल लगाने की वजह से 1977 के चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा और वह तीन साल तक विपक्ष में रहीं। 1980 में वह फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
 
खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ उन्होंने आपरेशन ब्लू स्टार जैसा कठोर कदम उठाया लेकिन 1984 में उनके ही अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का कहना है कि इंदिरा गांधी भारत में बड़े पैमाने पर आतंकवाद भड़कने का अंदाज नहीं लगा पाईं। सिख उग्रवाद 1984 में स्वर्ण मंदिर में आपरेशन ब्लू स्टार के चलते भड़का। उन्होंने कहा कि इंदिरा ने जाने अनजाने एक ऐसे समय प्रक्रिया शुरू कर दी जब उनकी पार्टी ने भिंडरावाला जैसे शख्स को अकालियों से लड़ाने के लिए खड़ा किया था।
नयी दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी 101वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि दी। इन नेताओं ने सुबह शक्ति स्थल पहुंचकर इंदिरा गांधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। 
 
इनके अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता पी सी चाको, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन और पार्टी के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भी श्रद्धांजलि दी। इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। वह दो अलग-अलग अवधि में 15 वर्षों से अधिक समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं। 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी हत्या कर दी गई थी।

पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को संभवत: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पिछलग्गू बताया। साथ ही, उनसे सृजन घोटाले पर भी कुछ बोलने के लिए कहा। कुशवाहा ने सुशील मोदी का नाम लिए बगैर सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि कुछ लोग प्रचार के भूखे, अवसरवादी और स्वभाव से सत्तापरस्त होते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, "कई लोग राजनीतिक पिछ्लग्गू होते है। छपास रोग से पीड़ित, मिजाज़ से अवसरवादी व घोर सत्तापरस्त...! इनकी उपयोगिता सहयोगी पार्टी/नेता के भोंपू के तौर पर बखूबी होती है। ऐसे लोग मच्छर की भाँति खून पीकर अपनी ही पार्टी में मलेरिया-डेंगू फैलाते है और अपना वजूद जिन्दा रखते हैं।" रालोसपा प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘बिलकुल सच कहा आपने, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने तो देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की हर संभव कोशिश की।

मगर, जरा, सृजन घोटाले पर भी तो कुछ बोलिए....? कुशवाहा की यह टिप्पणी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अंदर मतभेद बढ़ा सकती है। राजग 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए संघर्षरत है। रालोसपा प्रमुख ने कहा है कि उनकी पार्टी को जितनी सीटों की पेशकश की गई है वह सम्मानजनक नहीं है और 30 नवंबर तक इस विषय को सुलझा लिया जाना चाहिए। उन्होंने हाल ही में राजद नेता तेजस्वी यादव और जदयू के पूर्व नेता शरद यादव से मुलाकात की है। गौरतलब है कि पिछले महीने जदयू और भाजपा ने राज्य में बराबर सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। हालांकि, उन्होंने सीटों की संख्या का खुलासा नहीं किया था। गठबंधन में लोजपा चौथा सहयोगी दल है। 

नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश की संस्थाओं को बर्बाद करने का आरोप लगाया और उम्मीद जताई कि आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल एवं उनकी टीम नहीं झुकेगी। गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी जी और सांठगांठ वाले पूंजीपतियों का उनका गुट लगातार हर उस संस्था को नष्ट कर रहा है जो उनके उनके नियंत्रण में आ सकती है।'

उन्होंने कहा, 'आज आरबीआई बोर्ड की बैठक में अपनी कठपुतली बने लोगों के जरिये वह आरबीआई को तबाह करने का प्रयास करेंगे। मैं आशा करता हूं कि (उर्जित) पटेल और उनकी टीम मजबूत है और वे उन्हें (मोदी) उनकी जगह दिखा देंगे।'।
 
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह एक-एक कर देश की सभी संस्थाओं को बर्बाद कर रही है और इसकी ताजा कड़ी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) है। आरबीआई की सोमवार को होने वाली बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में धन की कमी पर चर्चा होने की संभावना है। इसको लेकर केन्द्रीय बैंक और सरकार के बीच बहस छिड़ी हुई है।
 
केन्द्र और आरबीआई के बीच सरकार ने आरबीआई अधिनियम की धारा 7 के उपयोग की बात कही है। इस धारा का आज तक किसी सरकार ने उपयोग नहीं किया है। इसके तहत केन्द्र सरकार आरबीआई के गवर्नर को निर्देश जारी कर सकती है।
 

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