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वडोदरा। बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को मंगलवार को तीसरे सयाजी रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस सम्मान की शुरूआत बड़ौदा के पूर्व शासक सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय की याद में की गयी है। इससे पहले यह सम्मान इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति और उद्योगपति रतन टाटा को मिल चुका है। लक्ष्मी विलास पैलेस में आयोजित दोपहर के भोज समारोह में बच्चन ने खुलासा किया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कई किसानों के ऋणों का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के 1,398 किसानों और महाराष्ट्र के 350 किसानों की मदद की है। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम से आंतरिक शांति मिलती है। उन्होंने बड़ौदा के लिए सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय के योगदान की चर्चा की और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाकों के किसानों के कर्जे माफ करने के लिए भी सहायता कर चुके हैं। बिग बी समाजसेवा से जुड़े कार्यो में हमेशा आगे रहते हैं। वह कई सरकारी और गैरसरकारी सामाजिक योजनाओं से जुड़े रहे हैं। हाल ही में यशराज की फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तां में पहली बार आमिर खान के साथ परदे पर नजर आए अमिताभ बच्चन अगले साल करण जौहर की कंपनी में अयान मुखर्जी की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के साथ नजर आएंगे।

मुंबई। अदाकारा प्रीति जिंटा का कहना है कि वह भारत में चल रहे ‘मी टू’ अभियान की बड़ी समर्थक हैं और उनके साथ बदसलूकी करने वाले किसी भी व्यक्ति को वह थप्पड़ मार देतीं। जिंटा हाल ही में दिए अपने एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर निशाने पर आ गईं थी। अदाकारा ने एक वीडियो साक्षात्कार में कहा था, ‘‘काश, मैंने उसका (यौन उत्पीड़न का) सामना किया होता– मेरे पास भी आपको जवाब देने के लिए कुछ होता।’’ अपने इस विवादित बयान पर सफाई देते हुए जिंटा ने मीडिया में जारी किए एक बयान में कहा कि वह गलत आरोप लगाकर इस अभियान के प्रभाव को कम नहीं करना चाहती थीं, क्योंकि गलत आरोप लगने के चलते उनके रिश्ते के एक भाई ने खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने कहा, ‘‘काश, मेरे साथ फिल्म जगत में ऐसा कुछ (यौन उत्पीड़न) हुआ होता’’- मुस्कारते हुए ऐसा कहने का कारण यह है कि मेरे साथ ऐसा हुआ होता तो मैंने उस व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया होता।’’ जिंटा ने कहा कि वह ‘‘अभियान की बड़ी समर्थक’’ हैं और उन्हें इस बात का दुख है कि उसके किसी बयान को गलत तरीके से ले लिया गया।

नयी दिल्ली। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से इस्तीफा देने वाले सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस के तेलंगाना प्रभारी आर सी खूंटिया ने बातचीत में कहा कि रेड्डी 23 नवंबर को तेलंगाना के मेडचल में होने वाली सोनिया गांधी और राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस की आधिकारिक रूप से सदस्यता ग्रहण करेंगे।

कोलंबो। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने बुधवार को कहा कि उन्हें श्रीलंका के खिलाफ अंतिम टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया है जिससे कि साथी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्राड को मैच अभ्यास का मौका मिल सके। इंग्लैंड की टीम तीसरे टेस्ट में जीत के साथ तीन मैचों की श्रृंखला में 3-0 से क्लीनस्वीप करने के इरादे से उतरेगी।

एंडरसन ने मैच से पूर्व कहा, ‘‘हां, मैं इस मैच में नहीं खेल रहा, ब्राड खेलेगा। इसके पीछे का विचार यह है कि श्रृंखला जीतने के बाद यह रोटेट करने का मौका है।’’ इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज भी जाना है (जनवरी में) और मुझे लगता है कि इसे देखते हुए वे चाहते हैं कि ब्राड को टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिले।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह एक हफ्ते का ब्रेक होगा। यह मेरे लिए हताशा भरा दौरा रहा क्योंकि आप जीत में योगदान देना चाहते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन यह तेज गेंदबाजों की श्रृंखला नहीं थी।’’।।स्पिनरों के दबदबे वाली इस श्रृंखला के पहले दो मैचों में एंडरसन ने सिर्फ एक विकेट चटकाया।

बालघाट/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं जनता की सेवा के लिए जागता रहता हूं, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को मेरे कारण नींद नहीं आती है। 15 वर्ष हो गए कुर्सी से दूर हुए, अब उन्हें कुर्सी की ज्यादा चिंता हो रही है। उनका एकमात्र लक्ष्य है किसी तरह चुनाव जीतना, लेकिन मेरा सिर्फ एक ही लक्ष्य है प्रदेश को समृद्धशाली बनाकर हर वर्ग का विकास करना। इसके लिए मैं दिन-रात मेहनत करने में जुटा हुआ हैं। मुख्यमंत्री बालाघाट जिले की विधानसभा बैहर में पार्टी प्रात्याशी अनुपमा नेताम और विधानसभा वारासिवनी में प्रत्याशी योगेंद्र निर्मल के समर्थन में सभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने जितना विकास 15 वर्षों में किया है उतना विकास कांग्रेस 54 वर्षों मंे भी नहीं कर पाई थी। हमें बीमारू मध्यप्रदेश मिला था, लेकिन हमने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से बाहर निकालकर पहले विकासशील बनाया, फिर विकसित बनाया और अब समृद्धशाली प्रदेश बनाना है। उन्होंने कहा हमारे समृद्ध प्रदेश में महिलाओं का सशक्तिकरण होगा, युवाओं को हर साल 10 लाख रोजगार एवं स्वरोजगार देंगे, बेटे-बेटियों की पढ़ाई की व्यवस्था कराएंगे, बेटियों को 12 वीं में 70 प्रतिशत अंक लाने पर कॉलेज जाने के लिए स्कूटी देंगे। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता किसान, किसान कहते रहते हैं, लेकिन अब तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया। 54 साल तक मध्यप्रदेश में राज किया, लेकिन किसानों की भलाई के लिए यदि कोई काम किया हो तो बताएं। कांग्रेस की सरकार में 18 प्रतिशत की दर पर ब्याज मिलता था, लेकिन भाजपा की सरकार ने जीरो प्रतिशत पर किसानों को कर्ज देने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से राहुल बाबा भी आते हैं और किसानों की बातें करते हैं, लेकिन उन्हें यही नहीं पता कि धान की बाली कैसे लगती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब और कर्नाटक में भी किसानों के कर्जमाफी की बातें कही थी, लेकिन अब तक कर्जमाफी कर पाए क्या? अब प्रदेश के किसानों को कर्जमाफी का सपना दिखाकर सत्ता में आना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों को गेहूं और धान पर बोनस देने की व्यवस्था शुरू की। यह बोनस इस वर्ष भी दिया जाएगा। छोटे किसानों को भी बोनस देंगे। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकारों के मुकाबले 15 गुना ज्यादा काम किया है। उन्होंने 54 वर्ष तक मध्यप्रदेश में राज किया, लेकिन हम 15 वर्षों से सत्ता में हैं और इन वर्षों में हमने उनसे 15 गुना ज्यादा काम किया है।

वाशिंगटन। सोमालिया में अमेरिका के हवाई हमलों में आतंकवादी समूह अल-शबाब के 37 आतंकवादी मारे गए हैं। अमेरिकी सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सेना ने एक बयान में कहा कि इन हवाई हमलों में कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ है। ये हमले सोमवार को किए गए। पहले हमले में 27 और दूसरे हमले में 10 आतंकवादी मारे गए। बयान के अनुसार ये हमले सोमालिया की सरकार के समर्थन के साथ किए गए।

मनीला। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को कहा कि विवादित दक्षिण चीन सागर में संघर्ष को रोकने के लिए बीजिंग और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के बीच अनाक्रमण संधि पर वार्ता तीन वर्षों में पूरी हो सकती है। उन्होंने वादा किया कि किसी भी मतभेद को शांतिपूर्ण ढ़ंग से निपटाया जायेगा। संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से फिलीपीन की यात्रा पर आए चिनफिंग ने राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते और अन्य अधिकारियों के साथ वार्ता करने के बाद ये आश्वासन दिये।

अमेरिका का पुराना सहयोगी फिलीपीन ऐसे समय में चीन का साथ दे रहा है, जब दोनों देश प्रशांत क्षेत्र में अपनी सर्वोच्चता साबित करना चाह रहे हैं। चिनफिंग ने कहा,‘‘हम विवादास्पद मुद्दों को निपटाना जारी रखेंगे और सकारात्मक चर्चा के माध्यम से समुद्री सहयोग को बढ़ावा देंगे।’’उन्होंने कहा कि चीन का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन के साथ विवादित जल क्षेत्र में ‘‘आचार संहिता’’ पर वार्ता तीन वर्षों के भीतर पूरी करना है। दोनों नेताओं ने मंगलवार को ‘‘तेल और गैस विकास सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन’’ पर हस्ताक्षर किये लेकिन अधिकारियों ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ऐलान किया है कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने इसका कारण अपनी सेहत को बताया है। दिसंबर 2016 में गुर्दा प्रतिरोपण के बाद उन्हें डॉक्टरों ने धूल से बचने की हिदायत दी है। मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र से वर्तमान में लोकसभा सांसद सुषमा स्वराज का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान भाजपा के लिए झटका भी है क्योंकि स्वराज जिस भी सीट से चुनाव लड़तीं वहां पार्टी की जीत पक्की ही थी। सुषमा का लोकसभा में नहीं रहना भाजपा को इसलिए भी परेशान करेगा क्योंकि सदन में उसके पास से एक प्रखर वक्ता चला जायेगा हालांकि यदि 2019 में वापस मोदी सरकार बनती है तो सुषमा मंत्री के नाते लोकसभा में बैठ सकती हैं और सरकार का पक्ष रख सकती हैं लेकिन नियमित तौर पर सदन में उनके नहीं रहने से पार्टी अथवा भावी सरकार को कमी खलेगी।
 
भाजपा को लगातार लग रहा है झटका
 
अब तक लोकसभा में भाजपा का मजबूती से पक्ष रखने वाले और विभिन्न दलों के साथ अपने रिश्तों की बदौलत सरकार के लिए कठिन समय पर राह आसान बनाने वाले केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार नहीं रहे, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी हालांकि वर्तमान लोकसभा में अधिकांश समय खामोश ही रहे लेकिन अपने अनुभव की बदौलत सरकार को राह दिखाते रहे हैं। इन दोनों को भी अगले चुनावों में भाजपा का टिकट मिलने की संभावना बेहद कम है। अब सुषमा स्वराज ने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है तो निश्चित ही संसद के निचले सदन में भाजपा की अनुभव और वक्तृत्व कला में निपुण लोगों की कमी हो जायेगी।
 
भाजपा का समयचक्र
 
अटल बिहारी वाजपेयी के सक्रिय राजनीति से दूर होने के बाद और नितिन गडकरी के दिल्ली आने से पहले तक राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा आलाकमान के तौर पर जो लोग प्रभावी माने जाते थे उनमें लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और अनंत कुमार मुख्य थे। लेकिन समय बदला, नितिन गडकरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गये तो आडवाणी को छोड़ बाकी सब नेता प्रभावी भूमिका में बने रहे और केंद्र में नरेंद्र मोदी के आने के बाद तो सिर्फ मोदी और अमित शाह भी प्रभावी रह गये। राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को बड़े-बड़े मंत्रालय तो मिल गये लेकिन जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिय बने रहे। समय-समय पर प्रधानमंत्री भी जेटली को अतिरिक्त मंत्रालयों का कार्यभार सौंप कर अन्य मंत्रियों से उनका कद ऊँचा रखते रहे।
 
सुषमा के ऐलान से जेटली की चिंता बढ़ी
 
अब सुषमा स्वराज का यह ऐलान कि मैं लोकसभा चुनाव भले नहीं लडूंगी लेकिन राजनीति में बनी रहूंगी, से साफ है कि वह राज्यसभा के जरिये संसद में आएंगी। सुषमा के इस ऐलान से वित्त मंत्री अरुण जेटली की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है क्योंकि सुषमा स्वराज राजनीति में उनसे काफी वरिष्ठ हैं और ऐसे में राज्यसभा में सदन के नेता का पद जेटली के पास बना रहेगा या सुषमा के पास जायेगा, इस पर सभी की निगाहें बनी रहेंगी। आपको बता दें कि जब 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र में तीसरी बार सरकार बनी और सुषमा स्वराज उसमें फिर से कैबिनेट मंत्री बनायी गयीं उस वक्त अरुण जेटली ने सरकार में बतौर राज्यमंत्री अपनी संसदीय पारी शुरू की थी।
 
सुषमा से काफी छोटा है जेटली का राजनीतिक कद
 
अरुण जेटली 1999 से राज्यसभा में हैं और एक बार ही लोकसभा का चुनाव लड़े हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अमृतसर से कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव हार गये थे जबकि सुषमा स्वराज अब तक एक ही बार लोकसभा चुनाव हारी हैं और वह भी तब जब 1999 में भाजपा ने कर्नाटक के बेल्लारी से चुनाव लड़ रहीं तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। तब बेल्लारी में सुषमा स्वराज ने सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। जेटली वाजपेयी सरकार में बतौर राज्यमंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। साथ ही वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 
सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर
 
सुषमा स्वराज की बात करें तो निश्चित ही वह हिन्दी की प्रखर वक्ता हैं और एक सांसद एवं मंत्री के रूप में उन्होंने संसद एवं विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रभावी भाषण हिन्दी में दिए हैं। वह अंग्रेजी में उसी सहजता के साथ भाषण देती हैं किंतु वह प्राय: हिन्दी में ही बोलना पसंद करती हैं। सुषमा स्वराज के नाम देश में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनने का भी रिकार्ड है। वह हरियाणा सरकार में 1977 में महज 25 वर्ष की आयु में कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी हासिल है। स्वराज भारत की पहली महिला विदेश मंत्री थीं। इससे पहले इन्दिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए यह दायित्व निभाया था। स्वराज तीन बार राज्यसभा सदस्य और अपने गृह राज्य हरियाणा की विधानसभा में दो बार सदस्य रह चुकी हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्री सहित विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री के रूप में संभाली थी। सुषमा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भी करीबी रहीं थीं और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के भी वह काफी करीब थीं हालांकि आडवाणी के साथ जिन्ना विवाद जुड़ने के बाद वह उनसे कुछ अलग दिखने लगी थीं। 2009 में जब आडवाणी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे और पार्टी की चुनावों में बुरी हार हुई थी तब आरएसएस ने आडवाणी को विपक्ष का नेता नहीं बनने दिया था और निचले सदन में पार्टी की कमान सुषमा स्वराज के हाथों सौंप दी थी।
 
बहरहाल, सुषमा स्वराज जोकि विदेश मंत्री के तौर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने में, विदेशियों को भारत के करीब लाने में, भारतवंशियों को भारत भूमि के साथ जोड़ने में और ट्वीटर पर एक माँ की तरह सभी की समस्याओं को तत्काल सुलझाने में लगी रहती हैं, जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हों और वापस आम जनता की प्रतिनिधि बनकर लोकसभा पहुँचे।
 
-नीरज कुमार दुबे

नयी दिल्ली। केजरीवाल सरकार पर दिल्ली को विनाश के मार्ग पर धकेलने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि नेता एवं परिपक्वता की कमी का सामना कर रहा विपक्ष सिर्फ मोदी हटाओ के हसीन सपने के लिये महागबंधन का हौवा खड़ा करने का प्रयास कर रहा है। गोयल ने यहां कहा, ‘‘भाजपा के पास एकतरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा लोकप्रिय जन नेता और अमित शाह जैसा संगठनात्मक कौशल से निपुण अध्यक्ष है, वहीं विपक्ष के पास नेता, नियत और परिपक्वता की कमी है।’’ 

 
उन्होंने कहा कि सिर्फ मोदी को हटाने का हसीन सपना देख रहा विपक्ष महागठबंधन का हौवा खड़ा करने का प्रयास कर रहा है जहां न तो विचारों का कोई मेल है और न ही उनकी नियत ही स्पष्ट है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि मोदीजी की लोकप्रियता पहले से ज्यादा बढ़ी है और आने वाले समय में लोकसभा समेत सभी चुनाव में जनता भाजपा को जनादेश देगी। दिल्ली सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हितों के साथ समझौता करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने प्रदेश का विकास नहीं किया बल्कि विनाश के मार्ग पर धकेलने का काम किया है। 
 
गत सोमवार को केजरीवाल पर मिर्ची पाउडर से हुए हमले का जिक्र करते हुए विजय गोयल ने कहा कि वे :केजरीवाल: सुरक्षा कवर नहीं लेने की बात करते थे, लेकिन सोमवार को उनकी पार्टी की प्रेस वार्ता से स्पष्ट हो गया कि वे अभेद्य सुरक्षा लिये हुए हैं। केजरीवाल दावा करते हैं कि वे लोगों के बीच रहते हैं। ऐसे में यह जनता को तय करना है कि तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुटखे के पैकेट में मिर्ची पाउडर से मुख्यमंत्री पर हमला किया जाना और हमलावर द्वारा खुद को गिरफ्तार कराने की घटना में क्या छिपा है।

 
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली की जनता के कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाने की बजाए लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता अब बचपना छोड़ें । 1984 के सिख दंगा मामले में अदालत द्वारा एक दोषी को फांसी की सजा सुनाने की घटना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अदालत के इस फैसले से आशा बंधी है कि इस मामले में अपराधियों को सजा मिलेगी जिसमें कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल हैं।

नेहरूगांव (बुधनी)। मध्य प्रदेश में तीन बार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेसी उम्मीदवार अरुण यादव ने कहा कि वह बुधनी में एक ‘‘शैतान’’ से लड़ रहे हैं। यादव ने चौहान पर ‘‘अत्यधिक अत्याचार’’ करके अपने क्षेत्र और पूरे राज्य के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यादव ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस 15 साल सत्ता से बाहर रहकर इसे फिर से हासिल करने के लिए बड़ी जंग लड़ रही है लेकिन उन्हें चौहान के खिलाफ जीत का पूरा भरोसा है।

 
सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने कांग्रेसी नेताओं के इन दावों को खारिज किया कि मुख्यमंत्री का गढ़ माने जाने वाले बुधनी में ज्यादा विकास नहीं हुआ है। भाजपा का कांग्रेसी आरोपों पर जवाब है कि राज्य में अतीत के कांग्रेस के शासन के मुकाबले बीते 15 साल में अधिकतम विकास हुआ है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यादव को ‘‘बलि का बकरा’’ बनाया गया है।इससे पहले, चौहान ने उनके खिलाफ यादव को चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने उनके ‘‘मित्र’’ के साथ ‘‘अन्याय’’ किया है, पहले उन्हें प्रदेश इकाई अध्यक्ष के पद से हटाकर और फिर बुधनी से टिकट देकर। हालांकि यादव ने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है कि पार्टी ने उन्हें ऐसे व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जो 230 विधानसभा सीटों के लिए 28 नवंबर को होने वाले चुनाव में भाजपा के पूरे अभियान का चेहरा है।
 
यादव ने इस क्षेत्र में चुनावी प्रचार के दौरान दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह फैसला मेरे बॉस राहुल गांधी का था। और मुझे लगता है कि यहां मेरे आने का लक्ष्य बुधनी में मतदाताओं को यह संदेश देना है कि हम इसे लड़ सकते हैं।’’ प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे और 44 साल के कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘‘मैं उन्हें दानव कहता हूं। मेरी पार्टी ने उनके खिलाफ मुझे उतारा है और मुझे लगता है कि यह मेरे लिए सम्मान की बात है। लोग उत्साहित हैं और यह सबसे अच्छी बात है।’’ मुख्यमंत्री को ‘‘शैतान’’ कहने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा कहने के कुछ कारण हैं। यादव ने आरोप लगाया, ‘‘मध्यप्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है जहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, जहां किसानों की खुदकुशी की संख्या सर्वाधिक है और सिहोर (बुधनी जिला मुख्यालय) में यह सबसे ज्यादा है। बीते 15 साल में, युवाओं के लिए नौकरियां नहीं हैं। मध्यप्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला व्यापमं है जबकि अवैध बालू खनन और अन्य भ्रष्टाचार भी हैं।’’

 

 
केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके यादव ने कहा कि इन चुनावों में सत्ता में वापस आना कांग्रेस के लिए जरूरी है।उन्होंने कहा, ‘‘मैं दृढता से ऐसा मानता हूं––– हर कार्यकर्ता और नेता को एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि हम इस बार सत्ता में आएं।’’ उन्होंने आशा जताई कि कांग्रेस करीब 155 सीटें जीतकर आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी।खंडवा-खरगोन सीट से दो बार के सांसद ने आरोप लगाया कि चौहान आधारभूत ढांचे और उद्योगों की बात करते हैं तथा हर साल उद्योग बैठक करते हैं लेकिन कोई उद्योग या रोजगार नहीं है। यादव ने आरोप लगाया, ‘‘राज्य अब पूरी तरह से दिवालिया हो चुका है और उस पर एक लाख 70 हजार करोड़ का ऋण बोझ है। वह (चौहान) खुद को ‘मामा’ कहते हैं लेकिन उनके शासन में सबसे ज्यादा ‘दुराचार’ और ‘अत्याचार’ हुए हैं।’’।यह पूछे जाने पर कि वह चौहान की छवि का मुकाबला कैसे करेंगे, यादव ने खुद को इस सीट से असली ‘‘नर्मदा पुत्र’’ और भूमि पुत्र बताया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों पर गोलियां चलाने या लोगों को मारने में (मंदसौर घटना का संदर्भ) भरोसा नहीं रखता। मेरे लिए, हर मतदाता महत्वपूर्ण है। मेरे लिए प्यार और स्नेह महत्वपूर्ण है जो बुधनी की जनता ने मुझे दिया है। अगर वह असली ‘मामा’ हैं तो मुख्यमंत्री बनने के बाद, लोग खुदकुशी क्यों कर रहे हैं और महिलाएं असुरक्षित क्यों हैं?’’

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