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वॉशिंगटन । अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की खास दूरबीन (हबल स्पेस टेलिस्कोप) के महीनेभर से खराब होने की खबर के बाद उसे ठीक कर दिया गया है। एजेंसी ने घोषणा की है कि इसके जिस हार्डवेयर में खराबी आ गई थी उसके बैकअप को अब चालू कर लिया गया है। एक महीने पहले यह बंद हो गया था जिससे ऑपरेशन्स ठप हो गए थे। अब नासा के इंजिनियर टेलिस्कोप को पूरी तरह चलाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें फिलहाल कुछ दिन लग सकते हैं। पिछले 30 साल से अंतरिक्ष में रहकर अनगिनत खोज करने वाले हबल टेलिस्‍कोप के 1980 के दशक के एक कंप्‍यूटर में खराबी आ गई थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि हबल के इसी कंप्‍यूटर की मदद से विज्ञान से जुड़े उपकरणों को नियंत्रित किया जाता था। कंप्‍यूटर खराब होने से अब इस दूरबीन ने खगोलीय तस्‍वीरों को लेना बंद कर दिया था।
हबल का पूरा सिस्‍टम वर्ष 2009 में अंतिम बार बदला गया था। नासा के प्रवक्‍ता ने कहा था कि कंप्‍यूटर में 4 मेमोरी मॉड्यूल हैं लेकिन केवल एक की ही जरूरत है। वर्ष 1990 में लॉन्‍च किया गया हबल टेलिस्‍कोप अब धीरे-धीरे बूढ़ा होता जा रहा है। कई बार इसकी मरम्‍मत की गई है, फिर भी इसमें दिक्‍कतें आने लगी हैं। नासा अब हबल की जगह पर 10 अरब डॉलर का जेम्‍स वेब टेलिस्‍कोप लॉन्‍च करने जा रही है। नासा ने शक्तिशाली हबल दूरबीन को 24 अप्रैल, 1990 को जब अंतरिक्ष में लॉन्च किया था, उसके एक दिन बाद इसे अपनी ड्यूटी पर तैनात किया गया था। करीब एक महीने तक वहां रहने के बाद हबल ने पहली बार अपनी आंख 20 मई, 1990 को खोली और अंतरिक्ष से आसमान के एक हिस्से की तस्वीर भेजी।

रियाद । कोविड-19 महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई ऐसे में दूसरे हज के लिए मुस्लिम श्रद्धालु पवित्र शहर मक्का पहुंचने लगे हैं। इस बार सिर्फ पूरी तरह से वैक्सिनेटेड 60 हजार लोगों को यात्रा की इजाजत दी गई है। पिछले साल भी हज बिना महामारी फैले पूरा कर लिया गया था। इस बार यात्रियों को लॉटरी सिस्टम से चुना गया है। इन यात्रियों को मक्का की ग्रैंड मस्जिद तक बस से लाया गया। यहां आकर उन्होंने काबा की परिक्रमा की। हज मंत्रालय के प्रवक्ता हिशम अल-सईद के मुताबिक हर तीन घंटे पर यहां 6000 लोग पहुंचे। हर ग्रुप के लौटने के बाद स्टेरलाइजेशन पूरा किया जाता है। मंत्रालय के मुताबिक हज के लिए 5.58 लाख लोगों में से 60 हजार लोगों को चुना गया है। ये सभी पूरी तरह वैक्सिनेटेड और बिना किसी लंबी बीमारी वाले लोग हैं। यात्रियों को 20-20 के समूह में बांटा गया है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जाए।
पहले भारत से भी बड़ी संख्या में लोग हज पर जाने वाले थे लेकिन कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए इस बार भारतीय हज यात्रियों को नहीं भेजने का फैसला किया गया। सभी चयनित 230000 लोगों को पैसे वापस करने का ऐलान किया गया था। पिछले साल, सऊदी अरब में पहले से रह रहे लगभग एक हजार लोगों को ही हज के लिये चुना गया था। सामान्य हालात में हर साल लगभग 20 लाख मुसलमान हज करते हैं। इससे पहले अप्रैल में बताया गया था कि वैक्सिनेशन का स्टेटस सऊदी अरब की कोविड-19 ऐप तवाकालना पर रजिस्टर करना होगा। इसे पिछले साल इन्फेक्शन को ट्रैक करने के लिए लॉन्च किया गया था। जिन लोगों को ग्रैंड मॉस्क या मदीना में पैगंबर की मस्जिद में जाना होगा, या उमराह करना होगा, उन्हें तवाकालना और उमराह की ऐप एटमारना पर रजिस्टर करना होगा। जगह के हिसाब से अनुमति दी जाएगी।

इस्‍लामाबाद । पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आतंकियों की कारगुजारियां सामने वहां के हुक्मरान भी बेबस नजर आ रहे हैं। अफगानिस्‍तान को अपना 'मित्र' बताने वाले पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान की नाक के नीचे एक अफगान बेटी 5 घंटे तक दरिंदों से जूझती रही। पाकिस्‍तान में अफगानिस्‍तान के राजदूत नजीबुल्‍लाह अलीखिल की 26 साल की बेटी सिलसिला का राजधानी इस्‍लामाबाद के एक पॉश बाजार से दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने 5 घंटे तक सिलसिला अलीखिल के साथ बेरहमी से मारपीट की। उनकी कई हड्ड‍ियां टूट गई हैं। यही नहीं अपहरणकर्ताओं ने सिलसिला को धमकी दी है कि अगला नंबर उनके 'कम्‍युनिस्‍ट' पिता का है। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक सिलसिला को बुरी तरह से प्रताड़‍ित किया गया। उनके सिर पर प्रहार किए गए, कलाइयों और पैरों पर रस्सी से बांधे जाने के निशान हैं। करीब 5 घंटे बाद सिलसिला के हाथ और पैर बांधकर उन्‍हें इस्‍लामाबाद की एक सड़क पर फेंक दिया गया। उनके दुपट्टे के साथ एक टिश्‍यू पेपर और 50 रुपये का नोट बांधा गया। इसमें लिखा था, 'कम्‍युनिस्‍ट अगला नंबर तेरा है।'
बताया जा रहा है कि सिलसिला अलीखिल इस्‍लामाबाद के ब्‍लू एरिया में खरीदारी करने गई थीं। वह अपने छोटे भाई के लिए एक गिफ्ट खरीदना चाहती थीं। इस खौफनाक घटना के सामने आने के बाद अफगानिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तानी राजदूत को तलब करके शिकायत दर्ज कराई। वहीं पाकिस्‍तान में अफगान राजदूत नजीबुल्‍लाह ने ट्वीट कर‍के कहा कि उनकी बेटी का अपहरण किया गया और क्रूरतापूर्वक पीटा गया। अल्‍लाह के आशीर्वाद से वह बच गई हैं। नजीबुल्‍लाह ने कहा कि उनकी बेटी अब बेहतर महसूस कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। तालिबान इन दिनों अफगानिस्‍तान में भीषण हमले कर रहा है और सरकारी अधिकारियों तथा सैन्‍य कमांडरों को निशाना बना रहा है। इस पूरे काम में उसे पाकिस्‍तान और उसकी सेना की भरपूर मदद मिल रही है। स्थिति की गंभीरता को इससे समझा जा सकता है कि किसी भी दूसरे देश में राजदूत और उसके परिवार को पूरी सुरक्षा मिलती है लेकिन सिलसिला के साथ ऐसा नहीं हुआ।
शुक्रवार को हतप्रभ करने वाली घटना के मामले में फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मामले की तत्काल जांच की मांग की है। अस्पताल की चिकित्सकीय रिपोर्ट में कहा गया है कि सिलसिला के सिर पर प्रहार किए गए, कलाइयों और पैरों पर रस्सी से बांधे जाने के निशान हैं और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। आशंका है कि राजदूत की बेटी के शरीर की कई हड्डियां टूटी हुई हैं और एक्सरे करने के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें पांच से अधिक घंटे तक बंधक बनाए रखा गया और इस्लामाबाद पुलिस उन्हें अस्पताल ले कर आई। अलीखिल को अगवा करने और रिहाई के संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है। पाकिस्तान ने हमले को ‘विचलित’ करने वाला बताया और कहा कि इस्लामाबाद में अफगान राजदूत के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ‘इस जघन्य कृत्य’ की कड़े शब्दों में निंदा करता है, साथ ही उसने पाकिस्तान में अफगान राजदूतों और उनके परिवारों की सुरक्षा के प्रति चिंता जताई।

काबुल । आतंकी तालिबानों के जुल्म से थर्रा रहे अफगानिस्‍तान में महिलाओं पर भी क्रूरता की इंतहा कर दी और कई प्रतिबंध लगाए हैं। इस तानाशाहीपूर्ण रवैये से निपटने के लिए अब वहां की महिलाओं ने भी हथियार उठा लिया है। अफगानिस्‍तान में 20 महिलाओं समेत 135 स्‍पेशल कमांडो को सेना में शामिल किया गया है। इन स्‍पेशल कमांडो को उच्‍च स्‍तर का प्रशिक्षण दिया गया है। अफगानिस्‍तान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन स्‍पेशल कमांडो को युद्धग्रस्‍त इलाकों में तैनात किया जाएगा। अफगानिस्‍तान के रक्षा मंत्री ने इन कमांडो के प्रयासों की तारीफ की है। महिला कमांडो की भर्ती ऐसे समय पर हुई जब पूरा देश गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है। तालिबान का दावा है कि उसने देश के 85 फीसदी इलाके पर कब्‍जा कर लिया है और अब उसकी नजर काबुल पर टिकी हुई है। इस बीच अफगान सेना ने भी अब भीषण जवाबी कार्रवाई शुरू की है। कई जिलों को तालिबान के कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया गया है।
तालिबान ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में आदेश द‍िया है कि महिलाएं अकेले घर से नहीं निकलें और पुरुषों को अनिवार्य रूप से दाढ़ी रखें। तालिबान ने लड़कियों के लिए दहेज देने पर भी नए नियम बनाए हैं। तालिबान ने यह भी आदेश दिया है कि उन्‍हें 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 साल से कम उम्र की विधवाओं की सूची दी जाए। तालिबान इन महिलाओं और बच्चियों से अपने लड़ाकुओं की शादी करवाएगा। यही नहीं तालिबान ने महिलाओं के सिलाई-कढ़ाई करने पर भी रोक लगा दी है। तखार इलाके में रहने वाले स‍िव‍िल सोसायटी कार्यकर्ता मेराजुद्दीन शरीफी कहते हैं, 'तालिबान ने महिलाओं से अपील की है कि वे बिना पुरुषों को साथ लिए घर से बाहर नहीं निकलें।' तालिबान ने धमकी दी है कि अगर कोई उनके आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। उन्‍होंने कहा कि तालिबान बिना सबूत के ही सुनवाई पर जोर देता है। ऐसे में अब अफगान सेना में महिला कमांडो का शामिल होना उसके मुंह पर जोरदार तमाचा है।

इस्लामाबाद: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी से पाकिस्तान को अपने मंसूबे पूरे करने का मौका मिल गया है. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई ने अफगान में भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों को निशाना बनाने का निर्देश दिया है. ISI ने तालिबान में शामिल हुए पाकिस्तानी आतंकियों से कहा है कि बीते कुछ वर्षों में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों पर हमला बोला जाए.

India ने अब तक किया इतना निवेश
तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है और अफगान सेना लगातार उसके सामने कमजोर साबित हो रही है. पाकिस्तान भी तालिबान की मदद कर रहा है, ताकि उसके सहारे वह भारत को अफगानिस्तान से दूर कर सके. भारत सरकार ने पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के प्रयास में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है. जिसमें डेलाराम-जरांज सलमा बांध के बीच 218 किलोमीटर की सड़क और अफगान संसद भवन, जिसका उद्घाटन 2015 में किया गया था, भी शामिल हैं.

10,000 Pakistanis अफगान पहुंचे
अफगानिस्तान की निगरानी करने वाले सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ तालिबान के हमले का खुलकर समर्थन करने के लिए 10,000 से अधिक पाकिस्तानी अफगान पहुंच गए हैं. पाकिस्तानी और तालिबान लड़ाकों को विशेष निर्देश के साथ भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों को निशाना बनाने और वहां भारतीय सद्भावना के किसी भी संकेत को मिटाने के लिए भेजा गया है.

अपने Role को लेकर चिंतित भारत
भारत ने अफगानिस्तान में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है. नई दिल्ली ने शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है. हक्कानी नेटवर्क सहित पाकिस्तान समर्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह वहां भारत के खिलाफ वर्षों से अत्यधिक सक्रिय है. भारत अब इस मुद्दे पर भी असमंजस में है कि क्या उसे काबुल में अपनी उपस्थिति बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी? क्योंकि अभी तक अति-कट्टरपंथी इस्लामी समूह द्वारा कोई आश्वासन या संकेत नहीं दिया गया है, जिसे भारत के विरोध के रूप में देखा गया है.

Indian Agencies की है नजर
भारतीय एजेंसियां काबुल हवाईअड्डे पर भी करीब से नजर रखे हुए हैं, जो अब बहुत लंबे समय तक अमेरिकी सुरक्षा में नहीं रहने वाला है। बगराम एयर बेस सहित अमेरिकियों के अधीन कई हवाई क्षेत्र तालिबान के साथ चल रहे सत्ता संघर्ष के कारण खाली कर दिए गए हैं. वहीं, सिविल कार्यों में लगे भारतीय कामगारों को भी बाहर जाने को कहा गया है. गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में काबुल शहर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शाहतूत बांध सहित लगभग 350 मिलियन यूएस डॉलर के कार्यों की भी घोषणा की थी.

नई दिल्ली. संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलेगी. सरकार मानसून सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में जाएगी. वहीं, विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. सरकार ने इस सत्र के दौरान 17 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है. इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे क्योंकि नियम है कि संसद सत्र शुरू होने के बाद अध्यादेश के स्थान पर विधेयक को 42 दिनों या छह सप्ताह में पारित करना होता है, अन्यथा वे निष्प्रभावी हो जाते हैं.
इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था जिसके जरिये रक्षा सेवाओं में किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है. आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है. संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
लोकसभा द्वारा 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को सूचीबद्ध किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा. वहीं, विपक्ष कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कथित कमी और राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्ष पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार से जवाब मांगेगा.
संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा. बुलेटिन में सूचीबद्ध वित्तीय विषयों में वर्ष 2021-22 के लिए अनपूरक मांग और अनुदान पर चर्चा शामिल है. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को संसद सदस्यों से अपील की कि महामारी के बीच वे लोगों के साथ खड़े हों और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें.

बेंगलुरु । कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई से सिनेमाघरों को खोलने और रात्रि कर्फ्यू की अवधि एक घंटा कम करने की अनुमति दी है। कॉलेज और विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षण संस्थान को भी 26 जुलाई से खोलने की अनुमति दी गई। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई एक बैठक में इस बाबत एक निर्णय लिया गया। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सिनेमाघरों को कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए पचास प्रतिशत सीट क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई है।
सरकार ने कहा कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों में केवल उन्हें ड्यूटी और कक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने टीके की कम से कम एक खुराक ली है।

चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने कोरोना लॉकडाउन की मियाद रविवार को एक हफ्ते और बढ़ाते हुए रेस्तरां, बार और क्लब को एक घंटे अधिक यानी रात 11 बजे तक खोलने की छूट दी है। राज्य के मुख्य सचिव विजय वर्धन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, ‘महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा का विस्तार एक सप्ताह और, 19 जुलाई (सुबह पांच बजे से) से 26 जुलाई (सुबह पांच बजे तक) तक किया गया है।'
आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि रेस्तरां और बार को अब सुबह 10 बजे से रात 10 बजे के बजाय सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति होगी और यह रियायत मॉल और होटल में मौजूद रेस्तरां और बार को भी मिलेगी।
आदेश के मुताबिक होटल, रेस्तरां और फास्ट फूड ज्वांइट्स से होम डिलिवरी भी 11 बजे रात तक की जा सकेगी। जिम को सुबह छह बजे से रात के नौ बजे तक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने की अनुमति दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि सामाजिक दूरी, परिसर को रोगाणु मुक्त करने और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का कड़ाई से पालन करना होगा। वहीं, रात्रि कर्फ्यू अब रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक सप्ताह के सातों दिन लागू रहेगा, जबकि पहले कर्फ्यू की अवधि रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक थी।
इस बीच, दुकानों, मॉल, रेस्तरां,धार्मिक स्थल, कॉरपोरेट कार्यालय को लॉकडाउन में पूर्व में दी गई ढील जारी रहेगी। शादी, दाह संस्कार और खुले में लोगों के समागम करने की छूट भी पहले की तरह रहेगी।

नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में रविवार रात से ही लगातार रुक- रुक कर बारिश हो रही है. इससे मौसम सुहाना हो गया है. साथ ही लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. जानकारी के मुताबिक, कल शाम चार बजे के बाद अचानक आसमान में काले बादल छा गए और तेज हवाएं चलने लगीं. इससे मौसम खुशनुमा हो गया. वहीं, रात 10 बजे के बाद बारिश भी शुरू हो गई, जो अभी तक जारी है. हालांकि, अभी भी आसमान में काले बादल छाए हुए हैं. झमाझम बारिश हो रही है.

इसके बावजूद भी गर्मी से निजात नहीं मिली थी
जानकारी के मुताबिक, जनपथ रोड, फिरोजशाह, दिलशाद गार्डेन, शहादरा और गाजियाबाद सहित दिल्ली- एसनसीआर के कई इलाकों में बारिश हो रही है. दरअसल, इस साल दिल्ली- एनसीआर में काफी देर से मानसून पहुंचा है. ऐसे में लोग गर्मी से परेशान थे. हालांकि, पिछले हफ्ते कुछ मिटन के लिए बारिश हुई थी. लेकिन इसके बावजूद भी गर्मी से निजात नहीं मिली थी.
20 और 21 जुलाई को हल्की बारिश हो सकती है
बता दें कि कल ही मौसम विभाग ने कहा था कि दिल्‍ली में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. मौसम व‍िभाग ने रव‍िवार के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी क‍िया था. लोगों को सलाह दी गई थी कि वह घर से बाहर निकलते समय स्थिति को देख लें और रास्तों पर ट्रैफिक की स्थिति का पता लगा लें. इसके अलावा सोमवार से बुधवार तक के लिए 'यलो' अलर्ट जारी हुआ था यानी कुछ जगहों पर हल्‍की से मध्‍यम बारिश का अनुमान है. कुछ मिलाकर दिल्‍ली में अगले छह दिन बादल जमकर बरसने के आसार हैं. वहीं, रव‍िवार के बाद, सोमवार को भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई थी. इसके चलते अधिकतम तापमान महज 32 डिग्री पर सिमट जाएगा और लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी. इसके बाद बारिश कम होती जाएगी. 20 और 21 जुलाई को हल्की बारिश हो सकती है.

नई दिल्ली । दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संसद के मॉनसून सत्र के दौरान किसान संसद चलाना चाहते हैं। इसे लेकर रविवार को किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच बैठक बेनतीजा रही। सोमवार को फिर किसान नेता और दिल्ली पुलिस के अफसर मिलेंगे। 22 जुलाई से जंतर-मंतर पर किसानों द्वारा किसान संसद चलाए जाने के आह्वान के बाद रविवार को सिंघु बॉर्डर के पास दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई थी।
इस बैठक में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, जगजीत सिंह दल्लेवाल, डॉक्टर दर्शन पाल, योगेंद्र यादव समेत 8 से 10 किसान नेता मौजूद रहे। हालांकि किसानों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस और किसान नेताओं की सहमति नहीं बन सकी।
किसान नेताओं के मुताबिक 22 जुलाई से जब तक संसद में मॉनसून सत्र चलेगा तब तक हर रोज़ सिंघु बॉर्डर से 200 किसान जंतर-मंतर जाएंगे और शांतिपूर्वक किसान संसद चलाएंगे। सभी को बाकायदा आई कार्ड दिया जाएगा और सबके पास अपना आधार कार्ड होगा। लेकिन दिल्ली पुलिस बिल्कुल नहीं चाहती की मॉनसून सत्र के दौरान किसान दिल्ली में किसी प्रकार का प्रदर्शन करें।

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