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मध्यप्रदेश. रीवा पुलिस ने पेशेवर गांजा तस्करों की गैंग को पकड़ा है। बताया गया कि मुखबिर की सूचना पर रविवार को गोविंदगढ़ पुलिस को 2 गांजा तस्करों के आने की भनक लगी थी। आनन फानन में गोविंदगढ़ थाना प्रभारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर छुहिया घाटी आमचुआ मन्दिर के पास घेराबंदी कर दी। जैसे ही बाइक से दो लोग आते दिखे तो पुलिस ने तलाशी ली।

जहां एक बैग से 85 हजार कैश व बोरी से एक-एक किलो गांजा के पैकेट बरामद हुए है। जिसकी बाजार में अनुमानित ​कीमत 1 लाख रुपए है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी पर NTPS एक्ट के 13 मुकदमे दर्ज है। जबकि गांजा की डिलवरी देने और लेने वाले दो आरोपी अभी फरार है।

गोविन्दगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह बघेल ने बताया कि रविवार की सुबह मुखबिर ने गांजा तस्करी की सूचना दी। उसने बताया कि ग्राम चोरगड़ी थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी निवासी रामनरेश द्विवेदी अपने एक साथी के साथ गोविन्दगढ़ की ओर गया है। जो छुहिया घाटी आमचुआ मन्दिर तीन मोड़ के ऊपर पुलिया के पास खड़ा है। वह पीले रंग की बोरी में गांजा लिए किसी वाहन का इंतजार कर रहा है।

तुरंत गोविन्दगढ़ पुलिस टीम के साथ मुखबिर के बताए स्थान पर पहुंच गई। वहां पहुंचकर पुलिस ​टीम ने देखा कि दो व्यक्ति खड़े है। जिन्होंने पूछताछ में अपना नाम रामनरेश द्विवेदी पिता हीरालाल द्विवेदी (68) और हरिलाल कोल पिता राममनोहर कोल (50) दोनो निवासी चोरगड़ी थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी का होना बताये। जिसमे एक आदमी बैग तो दूसरा आदमी एक बोरी लिए था।

तलाशी में मिला रुपए व गांजा

पुलिस टीम ने संदेही लोगों की तलाशी ली तो रामनरेश द्विवेदी के बैग से 85000 रुपये मिले। जबकि पीले रंग की बोरी से टेप बंधे 10 पैकेट निकले। पैकेटों को खोलकर देखा तो गांजा निकला। जब्त 10 किलो ग्राम गांजे की कीमती करीब 1 लाख रुपए बताई गई। फिर पुलिस ने रामनरेश द्विवेदी और हरिलाल कोल के बयान लिए तो वे जुर्म स्वीकार किए। आरोपियों ने बताया कि उक्त गांजा अमित द्विवेदी और राजेश कोल दोनों निवासी चोरगड़ी थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी से गांजा खरीदना और बेंचना बताया। ऐसे में पुलिस ने धारा अपराध क्र. 263/21 धारा 8/20 (B) NDPS Act का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।

रामनरेश द्विवेदी है गांजे का मुख्य मास्टर माइंड

पुलिस ने बताया कि रामनरेश द्विवेदी गांजा तस्करी का मुख्य मास्टर माइंड है। उसके खिलाफ सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाने में 13 NDPS Act के मामले दर्ज है। वह करीब दो दशक के गांजे के कारोबार में लिप्त रहा है। फिर भी उसको सीधी पुलिस आज तक नहीं पकड़ पाई। लेकिन रीवा जिले में कारोबार बढ़ाने से पहले ही गोविंदगढ़ पुलिस ने धर दबोचा है।

मध्यप्रदेश. भीकनगांव नगर परिषद CMO और ARI को इंदौर लोकायुक्त ने 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। CMO मनोज गंगराड़े और ARI नीरज रावत ने 2.50 लाख रुपए के भंगार नीलामी में विक्रेता से कमीशन की मांग की थी। विक्रेता की शिकायत पर लोकायुक्त ने मामला संज्ञान में लिया और सोमवार सुबह नगर परिषद कार्यालय में दबिश दे दी।

लोकायुक्त DSP प्रवीण कुमार बघेल के अनुसार नगर परिषद भीकनगांव के सीएमओ मनोज गंगराड़े और सहायक राजस्व निरीक्षक नीरज रावत को 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। फरियादी के अनुसार उसने नगर परिषद से 2.50 लाख रुपए का भंगार नीलामी प्रक्रिया के तहत खरीदा था। जिसमें 30 हजार रुपए का कमीशन इन अफसरों के द्वारा मांगा गया। लोकायुक्त टीम की कार्रवाई की जारी है।

 

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारी पर बनेगी रणनीति -प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को देंगे हरी झंडी, -शीतकालीन सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर होगी चर्चा
महंगाई व पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सड़क से सदन तक लड़ाई के बनाएंगे कार्यक्रम.

नई प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन पर काम.

भोपाल। राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भागीदारी करने संबंधी अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ 4 दिन के दिल्ली प्रवास के बाद रविवार को भोपाल लौट आए। आज सोमवार से वह लगातार चार दिन अपने निवास पर मैराथन बैठक कर पार्टी नेताओं और विधायको से चर्चा करेंगे। इससे एक बार फिर उनके मध्य प्रदेश छोड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है। आज रविवार को भोपाल पहुचते ही वे कांग्रेस नेता स्व ईश्वर सिंह चौहान और स्व दुर्गेश शर्मा के निवास पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके परिजनों को ढांढस बंधाया।

होगी रायशुमारी

यदि कोरोना की संभावित तीसरी लहर घातक नहीं हुई तो चुनाव आयोग आने वाले दिनों में प्रस्तावित उप चुनाव की घोषणा कर सकता है। इसे लेकर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में कमलनाथ अपने निवास पर मध्य प्रदेश में होने जा रहे जोबट , पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा उपचुनाव के साथ ही खंडवा लोकसभा उपचुनाव की तैयारी और प्रत्याशी चयन के लिए संबंधित डीडीसी चीफ , जिले के वरिष्ठ नेताओं और जिला समन्वयक से रायशुमारी करेंगे। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस रायशुमारी में शामिल होने के लिए संबंधित नेताओं को पृथक से सूचना भेजी जा रही है।

बनेगी रणनीति

राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मध्यप्रदेश में प्रस्तावित नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने भी इसके लिए कमर कसना शुरू किया है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए संबंधित निकायों के लिए दो या दो से अधिक पर्यवेक्षक नियुक्त कर उनसे स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय से अवगत होने के लिए उनसे रिपोर्ट बुलाई जा सकती है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा शीतकालीन सत्र में इस संदर्भ में विधेयक लाकर परोक्ष प्रणाली से नगर पालिका , नगर पंचायत अध्यक्ष और मेयर का चुनाव कराएगी। ऐसी दशा में सभी दलों के लिए चुनाव जीतने योग्य प्रत्याशी का चयन मुश्किल भरा काम होगा। इसलिए कांग्रेस इसकी तैयारियों में पहले से ही जुट जाना चाहती है ताकि समय रहते पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सके। समझा जाता है कि कमलनाथ इसी तैयारियों में जुटने वाले हैं।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष कौन?

कमलनाथ कई बार कह चुके हैं कि चुनावी रणनीति और पार्टी संगठन को मजबूत व सक्रिय बनाने के लिए आधी आबादी के योगदान को कम नहीं माना जा सकता। ऐसी दशा में वह शीघ्र ही मांडवी चौहान के कोरोना से निधन के बाद रिक्त पड़े प्रदेश महिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर शीघ्र नियुक्ति कर सकते हैं। इसके लिए संगठन और पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के साथ ही प्रदेशभर के सक्रिय महिला कांग्रेस नेत्रियों के साथ रायशुमारी करके किसी एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की जा सकती है। वैसे कमलनाथ खुद संकेत दे चुके हैं कि उज्जैन की नूरी खान उनकी पहली पसंद है जबकि दिग्विजय सिंह चाहते हैं कि यह पद भोपाल की ही किसी महिला नेत्री के पास रहे और इसके लिए वह पूर्व महापौर विभा पटेल के नाम को आगे बढ़ा रहे हैं।

सरकार को घेरने की तैयारी

आगामी 8 अगस्त से 11 अगस्त तक विधानसभा का 42 वां शीतकालीन सत्र आहूत है। अल्प अवधि के इस सत्र में कांग्रेस कई मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहती है। इसके लिए संभावित मुद्दों पर सिलसिलेवार चर्चा करते हुए रणनीति बनाई जा सकती है। पार्टी सूत्रों से पता चला है कि कमलनाथ इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ विधायकों के साथ विचार मंथन कर सकते हैं। बाद में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर इन मुद्दों को सिलसिलेवार हरी झंडी दी जा सकती है। साथ ही आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतें, पेट्रोल डीजल की मूल्यवृद्धि, प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, कोरोना से मौतों के छुपाए जा रहे आंकड़े, दलित और महिला अत्याचार व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सड़क से सदन तक लड़ाई के लिए खाका खींचा जा सकता है।

नई कार्यकारिणी

4 दिन तक भोपाल में होने जा रहे कांग्रेस नेताओं की कमलनाथ के साथ सिलसिलेवार बैठक में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी गठन को लेकर भी वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर उनकी पसंद के नाम मांगे जा सकते हैं। बता दें कि कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों को ही बदला है । इस बीच 28 विधानसभाओ के उपचुनाव के दौरान लगभग डेढ़ हजार से भी ज्यादा प्रदेश पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है जिसका कोई रिकॉर्ड भी आज तक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इसी के मद्देनजर आगामी चुनाव और संगठन की मजबूती को ध्यान में रखते हुए नई कार्यकारिणी के गठन पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जा सकता है।

लॉस एंजलिस । अमेरिका के टेक्सास प्रांत के ह्यूस्टन शहर के एक वाटर पार्क में केमिकल रिसाव की कारण कई लोगों को त्वचा में जलन और सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हैरिस काउंटी अग्निशमन मार्शल कार्यालय ने एक ट्वीट में बताया कि शनिवार को सिक्स फ्लैग्स हरिकेन हार्बर स्पलैशटाउन में हुई घटना के बाद 29 लोगों को अस्पताल ले जाया गया। वहीं 39 अन्य लोगों ने प्राथमिक तौर पर उपचार के बाद अस्पताल जाने से इनकार कर दिया। केपीआरसी-टीवी की खबरों के मुताबिक रसायन रिसाव की वजह से बीमार पड़ने वाले लोगों में कुछ बच्चे भी शामिल हैं, जिनमें से एक की उम्र तीन साल है और अस्पताल में उसकी हालत स्थिर बताई गई है। अधिकारियों ने बताया कि ये रसायन हाइपोक्लोराइट घोल और 35 प्रतिशत सल्फरिक अम्ल (तेजाब) थे। मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक हरिकेन हार्बर स्पलैशटाउन की प्रवक्ता रोजी शेफर्ड ने एक बयान में कहा, हमारे अतिथियों और टीम के सदस्यों की सुरक्षा हमेशा ही हमारी शीर्ष प्राथमिकता रही है और रिसाव के पीछे की वजह का पता लगाने के लिए पार्क को तत्काल खाली करा लिया गया।

वॉशिंगटन । अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की खास दूरबीन (हबल स्पेस टेलिस्कोप) के महीनेभर से खराब होने की खबर के बाद उसे ठीक कर दिया गया है। एजेंसी ने घोषणा की है कि इसके जिस हार्डवेयर में खराबी आ गई थी उसके बैकअप को अब चालू कर लिया गया है। एक महीने पहले यह बंद हो गया था जिससे ऑपरेशन्स ठप हो गए थे। अब नासा के इंजिनियर टेलिस्कोप को पूरी तरह चलाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें फिलहाल कुछ दिन लग सकते हैं। पिछले 30 साल से अंतरिक्ष में रहकर अनगिनत खोज करने वाले हबल टेलिस्‍कोप के 1980 के दशक के एक कंप्‍यूटर में खराबी आ गई थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि हबल के इसी कंप्‍यूटर की मदद से विज्ञान से जुड़े उपकरणों को नियंत्रित किया जाता था। कंप्‍यूटर खराब होने से अब इस दूरबीन ने खगोलीय तस्‍वीरों को लेना बंद कर दिया था।
हबल का पूरा सिस्‍टम वर्ष 2009 में अंतिम बार बदला गया था। नासा के प्रवक्‍ता ने कहा था कि कंप्‍यूटर में 4 मेमोरी मॉड्यूल हैं लेकिन केवल एक की ही जरूरत है। वर्ष 1990 में लॉन्‍च किया गया हबल टेलिस्‍कोप अब धीरे-धीरे बूढ़ा होता जा रहा है। कई बार इसकी मरम्‍मत की गई है, फिर भी इसमें दिक्‍कतें आने लगी हैं। नासा अब हबल की जगह पर 10 अरब डॉलर का जेम्‍स वेब टेलिस्‍कोप लॉन्‍च करने जा रही है। नासा ने शक्तिशाली हबल दूरबीन को 24 अप्रैल, 1990 को जब अंतरिक्ष में लॉन्च किया था, उसके एक दिन बाद इसे अपनी ड्यूटी पर तैनात किया गया था। करीब एक महीने तक वहां रहने के बाद हबल ने पहली बार अपनी आंख 20 मई, 1990 को खोली और अंतरिक्ष से आसमान के एक हिस्से की तस्वीर भेजी।

रियाद । कोविड-19 महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई ऐसे में दूसरे हज के लिए मुस्लिम श्रद्धालु पवित्र शहर मक्का पहुंचने लगे हैं। इस बार सिर्फ पूरी तरह से वैक्सिनेटेड 60 हजार लोगों को यात्रा की इजाजत दी गई है। पिछले साल भी हज बिना महामारी फैले पूरा कर लिया गया था। इस बार यात्रियों को लॉटरी सिस्टम से चुना गया है। इन यात्रियों को मक्का की ग्रैंड मस्जिद तक बस से लाया गया। यहां आकर उन्होंने काबा की परिक्रमा की। हज मंत्रालय के प्रवक्ता हिशम अल-सईद के मुताबिक हर तीन घंटे पर यहां 6000 लोग पहुंचे। हर ग्रुप के लौटने के बाद स्टेरलाइजेशन पूरा किया जाता है। मंत्रालय के मुताबिक हज के लिए 5.58 लाख लोगों में से 60 हजार लोगों को चुना गया है। ये सभी पूरी तरह वैक्सिनेटेड और बिना किसी लंबी बीमारी वाले लोग हैं। यात्रियों को 20-20 के समूह में बांटा गया है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जाए।
पहले भारत से भी बड़ी संख्या में लोग हज पर जाने वाले थे लेकिन कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए इस बार भारतीय हज यात्रियों को नहीं भेजने का फैसला किया गया। सभी चयनित 230000 लोगों को पैसे वापस करने का ऐलान किया गया था। पिछले साल, सऊदी अरब में पहले से रह रहे लगभग एक हजार लोगों को ही हज के लिये चुना गया था। सामान्य हालात में हर साल लगभग 20 लाख मुसलमान हज करते हैं। इससे पहले अप्रैल में बताया गया था कि वैक्सिनेशन का स्टेटस सऊदी अरब की कोविड-19 ऐप तवाकालना पर रजिस्टर करना होगा। इसे पिछले साल इन्फेक्शन को ट्रैक करने के लिए लॉन्च किया गया था। जिन लोगों को ग्रैंड मॉस्क या मदीना में पैगंबर की मस्जिद में जाना होगा, या उमराह करना होगा, उन्हें तवाकालना और उमराह की ऐप एटमारना पर रजिस्टर करना होगा। जगह के हिसाब से अनुमति दी जाएगी।

इस्‍लामाबाद । पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आतंकियों की कारगुजारियां सामने वहां के हुक्मरान भी बेबस नजर आ रहे हैं। अफगानिस्‍तान को अपना 'मित्र' बताने वाले पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान की नाक के नीचे एक अफगान बेटी 5 घंटे तक दरिंदों से जूझती रही। पाकिस्‍तान में अफगानिस्‍तान के राजदूत नजीबुल्‍लाह अलीखिल की 26 साल की बेटी सिलसिला का राजधानी इस्‍लामाबाद के एक पॉश बाजार से दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने 5 घंटे तक सिलसिला अलीखिल के साथ बेरहमी से मारपीट की। उनकी कई हड्ड‍ियां टूट गई हैं। यही नहीं अपहरणकर्ताओं ने सिलसिला को धमकी दी है कि अगला नंबर उनके 'कम्‍युनिस्‍ट' पिता का है। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक सिलसिला को बुरी तरह से प्रताड़‍ित किया गया। उनके सिर पर प्रहार किए गए, कलाइयों और पैरों पर रस्सी से बांधे जाने के निशान हैं। करीब 5 घंटे बाद सिलसिला के हाथ और पैर बांधकर उन्‍हें इस्‍लामाबाद की एक सड़क पर फेंक दिया गया। उनके दुपट्टे के साथ एक टिश्‍यू पेपर और 50 रुपये का नोट बांधा गया। इसमें लिखा था, 'कम्‍युनिस्‍ट अगला नंबर तेरा है।'
बताया जा रहा है कि सिलसिला अलीखिल इस्‍लामाबाद के ब्‍लू एरिया में खरीदारी करने गई थीं। वह अपने छोटे भाई के लिए एक गिफ्ट खरीदना चाहती थीं। इस खौफनाक घटना के सामने आने के बाद अफगानिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तानी राजदूत को तलब करके शिकायत दर्ज कराई। वहीं पाकिस्‍तान में अफगान राजदूत नजीबुल्‍लाह ने ट्वीट कर‍के कहा कि उनकी बेटी का अपहरण किया गया और क्रूरतापूर्वक पीटा गया। अल्‍लाह के आशीर्वाद से वह बच गई हैं। नजीबुल्‍लाह ने कहा कि उनकी बेटी अब बेहतर महसूस कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। तालिबान इन दिनों अफगानिस्‍तान में भीषण हमले कर रहा है और सरकारी अधिकारियों तथा सैन्‍य कमांडरों को निशाना बना रहा है। इस पूरे काम में उसे पाकिस्‍तान और उसकी सेना की भरपूर मदद मिल रही है। स्थिति की गंभीरता को इससे समझा जा सकता है कि किसी भी दूसरे देश में राजदूत और उसके परिवार को पूरी सुरक्षा मिलती है लेकिन सिलसिला के साथ ऐसा नहीं हुआ।
शुक्रवार को हतप्रभ करने वाली घटना के मामले में फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मामले की तत्काल जांच की मांग की है। अस्पताल की चिकित्सकीय रिपोर्ट में कहा गया है कि सिलसिला के सिर पर प्रहार किए गए, कलाइयों और पैरों पर रस्सी से बांधे जाने के निशान हैं और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। आशंका है कि राजदूत की बेटी के शरीर की कई हड्डियां टूटी हुई हैं और एक्सरे करने के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें पांच से अधिक घंटे तक बंधक बनाए रखा गया और इस्लामाबाद पुलिस उन्हें अस्पताल ले कर आई। अलीखिल को अगवा करने और रिहाई के संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है। पाकिस्तान ने हमले को ‘विचलित’ करने वाला बताया और कहा कि इस्लामाबाद में अफगान राजदूत के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ‘इस जघन्य कृत्य’ की कड़े शब्दों में निंदा करता है, साथ ही उसने पाकिस्तान में अफगान राजदूतों और उनके परिवारों की सुरक्षा के प्रति चिंता जताई।

काबुल । आतंकी तालिबानों के जुल्म से थर्रा रहे अफगानिस्‍तान में महिलाओं पर भी क्रूरता की इंतहा कर दी और कई प्रतिबंध लगाए हैं। इस तानाशाहीपूर्ण रवैये से निपटने के लिए अब वहां की महिलाओं ने भी हथियार उठा लिया है। अफगानिस्‍तान में 20 महिलाओं समेत 135 स्‍पेशल कमांडो को सेना में शामिल किया गया है। इन स्‍पेशल कमांडो को उच्‍च स्‍तर का प्रशिक्षण दिया गया है। अफगानिस्‍तान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन स्‍पेशल कमांडो को युद्धग्रस्‍त इलाकों में तैनात किया जाएगा। अफगानिस्‍तान के रक्षा मंत्री ने इन कमांडो के प्रयासों की तारीफ की है। महिला कमांडो की भर्ती ऐसे समय पर हुई जब पूरा देश गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है। तालिबान का दावा है कि उसने देश के 85 फीसदी इलाके पर कब्‍जा कर लिया है और अब उसकी नजर काबुल पर टिकी हुई है। इस बीच अफगान सेना ने भी अब भीषण जवाबी कार्रवाई शुरू की है। कई जिलों को तालिबान के कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया गया है।
तालिबान ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में आदेश द‍िया है कि महिलाएं अकेले घर से नहीं निकलें और पुरुषों को अनिवार्य रूप से दाढ़ी रखें। तालिबान ने लड़कियों के लिए दहेज देने पर भी नए नियम बनाए हैं। तालिबान ने यह भी आदेश दिया है कि उन्‍हें 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 साल से कम उम्र की विधवाओं की सूची दी जाए। तालिबान इन महिलाओं और बच्चियों से अपने लड़ाकुओं की शादी करवाएगा। यही नहीं तालिबान ने महिलाओं के सिलाई-कढ़ाई करने पर भी रोक लगा दी है। तखार इलाके में रहने वाले स‍िव‍िल सोसायटी कार्यकर्ता मेराजुद्दीन शरीफी कहते हैं, 'तालिबान ने महिलाओं से अपील की है कि वे बिना पुरुषों को साथ लिए घर से बाहर नहीं निकलें।' तालिबान ने धमकी दी है कि अगर कोई उनके आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। उन्‍होंने कहा कि तालिबान बिना सबूत के ही सुनवाई पर जोर देता है। ऐसे में अब अफगान सेना में महिला कमांडो का शामिल होना उसके मुंह पर जोरदार तमाचा है।

इस्लामाबाद: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी से पाकिस्तान को अपने मंसूबे पूरे करने का मौका मिल गया है. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई ने अफगान में भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों को निशाना बनाने का निर्देश दिया है. ISI ने तालिबान में शामिल हुए पाकिस्तानी आतंकियों से कहा है कि बीते कुछ वर्षों में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों पर हमला बोला जाए.

India ने अब तक किया इतना निवेश
तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है और अफगान सेना लगातार उसके सामने कमजोर साबित हो रही है. पाकिस्तान भी तालिबान की मदद कर रहा है, ताकि उसके सहारे वह भारत को अफगानिस्तान से दूर कर सके. भारत सरकार ने पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के प्रयास में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है. जिसमें डेलाराम-जरांज सलमा बांध के बीच 218 किलोमीटर की सड़क और अफगान संसद भवन, जिसका उद्घाटन 2015 में किया गया था, भी शामिल हैं.

10,000 Pakistanis अफगान पहुंचे
अफगानिस्तान की निगरानी करने वाले सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ तालिबान के हमले का खुलकर समर्थन करने के लिए 10,000 से अधिक पाकिस्तानी अफगान पहुंच गए हैं. पाकिस्तानी और तालिबान लड़ाकों को विशेष निर्देश के साथ भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों को निशाना बनाने और वहां भारतीय सद्भावना के किसी भी संकेत को मिटाने के लिए भेजा गया है.

अपने Role को लेकर चिंतित भारत
भारत ने अफगानिस्तान में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है. नई दिल्ली ने शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है. हक्कानी नेटवर्क सहित पाकिस्तान समर्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह वहां भारत के खिलाफ वर्षों से अत्यधिक सक्रिय है. भारत अब इस मुद्दे पर भी असमंजस में है कि क्या उसे काबुल में अपनी उपस्थिति बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी? क्योंकि अभी तक अति-कट्टरपंथी इस्लामी समूह द्वारा कोई आश्वासन या संकेत नहीं दिया गया है, जिसे भारत के विरोध के रूप में देखा गया है.

Indian Agencies की है नजर
भारतीय एजेंसियां काबुल हवाईअड्डे पर भी करीब से नजर रखे हुए हैं, जो अब बहुत लंबे समय तक अमेरिकी सुरक्षा में नहीं रहने वाला है। बगराम एयर बेस सहित अमेरिकियों के अधीन कई हवाई क्षेत्र तालिबान के साथ चल रहे सत्ता संघर्ष के कारण खाली कर दिए गए हैं. वहीं, सिविल कार्यों में लगे भारतीय कामगारों को भी बाहर जाने को कहा गया है. गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में काबुल शहर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शाहतूत बांध सहित लगभग 350 मिलियन यूएस डॉलर के कार्यों की भी घोषणा की थी.

नई दिल्ली. संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलेगी. सरकार मानसून सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में जाएगी. वहीं, विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. सरकार ने इस सत्र के दौरान 17 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है. इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे क्योंकि नियम है कि संसद सत्र शुरू होने के बाद अध्यादेश के स्थान पर विधेयक को 42 दिनों या छह सप्ताह में पारित करना होता है, अन्यथा वे निष्प्रभावी हो जाते हैं.
इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था जिसके जरिये रक्षा सेवाओं में किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है. आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है. संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
लोकसभा द्वारा 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को सूचीबद्ध किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा. वहीं, विपक्ष कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कथित कमी और राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्ष पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार से जवाब मांगेगा.
संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा. बुलेटिन में सूचीबद्ध वित्तीय विषयों में वर्ष 2021-22 के लिए अनपूरक मांग और अनुदान पर चर्चा शामिल है. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को संसद सदस्यों से अपील की कि महामारी के बीच वे लोगों के साथ खड़े हों और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें.

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