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लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने कोरोना टीका लगवाया.

रायपुर. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने आज राजधानी के निजी अस्पताल में कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया। टीका लगाने के बाद मंत्री गुरु रूद्रकुमार लगभग आधे घंटे तक चिकित्सकों की निगरानी में रहे।
इस मौके पर मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने राज्य के 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए अनिवार्य रूप से टीका लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को मालूम है कि विगत एक मई से राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का नि:शुल्क टीका लगाए जाने के अभियान की शुरुआत की है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, वह तत्काल अपने आसपास के वैक्सीनेशन सेंटर पहुंच कर अपना टीकाकरण करवा लें। उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर किसी भी तरह मन में संशय न रखे। सुनी- सुनाई बातों और अफवाहों पर ध्यान न दें। कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति से बचने के लिए सभी को टीका लगवाना जरूरी है।

मुंबई । गुजरात की केमिकल कंपनी तत्व चिंतन फार्मा केम का 500 करोड़ रुपये का आईपीओ शुक्रवार को खुलने के 70 मिनट के भीतर ही पूरा सब्सक्राइब हो गया। रिटेल निवेशकों ने इस आईपीओ को हाथोंहाथ लिया। इसके तहत 32,61,882 शेयर बिक्री के लिए रखे गए हैं, जबकि सुबह 11.10 तक 34,59,898 शेयरों के लिए बोली मिली थी। कंपनी ने आईपीओ से पहले 22 एंकर निवेशकों से 149.99 करोड़ रुपये जुटाए। इसके पहले फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो का आईपीओ 14 जुलाई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। रिटेल निवेशकों ने इस भी हाथोंहाथ लिया था। यह खुलने के 75 मिनट के भीतर ही यह पूरा सब्सक्राइब हो गया। आईपीओ में 10 फीसदी कोटा रीटेल निवेशकों के लिए रखा गया है। इसके लिए बोली लगाने का शुक्रवार को आखिरी दिन है। दूसरे दिन तक यह 5 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था।
जहां तक तत्व चिंतन फार्मा केम का सवाल है,तब यह 20 जुलाई को बंद होगा। इसके लिए प्राइस बैंड 1073-1083 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया है। इसमें 225 करोड़ रुपये के ताजा शेयर हैं, जबकि मौजूदा निवेशक और प्रमोटर्स 275 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री के लिए है। आईपीओ के लिए कंपनी ने 13 शेयरों का लॉट साइज तय किया है। कम से कम 1 लॉट साइज के लिए बोली लगानी होगी। यानी निवेशक को अपर प्राइस बैंड 1083 रुपये के हिसाब से कम से कम 14,079 रुपये निवेश करना होगा। अधिकतम 14 लॉट यानी 182 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं। मतलब इसमें अधिकतम 1,97,106 रुपये का निवेश किया जा सकता है।

नई दिल्ली । सिडबी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में उसका शुद्ध लाभ पिछले वित्तीय वर्ष से 3.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,398.28 करोड़ रुपए रहा। पिछले वित्तीय वर्ष में उस 2,315 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की 23वीं वार्षिक आमसभा में इन परिणामों की घोषणा हुई। बैंक ने बताया कि सालाना आधार पर परिचालन से मिलने वाले उसके लाभ में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में मौजूदा वित्तीय वर्ष में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। उस कुल 4,063 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। वित्तीय वर्ष 2020-21 में उसकी ब्याज से मिलने वाली शुद्ध आय 11.5 प्रतिशत बढ़कर 3,678 करोड़ रुपए हो गई, जबकि गैर ब्याज आय मामूली रूप से कम होकर 944 करोड़ रुपए रही। इस दौरान सिडबी की कुल आय वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में घटकर 11,165.63 करोड़ रुपए रही। 2019-20 में यह 12,090.30 करोड़ रुपए थी।

जालंधर । पेट्रोल और डीजल की कीमत से लोगों को राहत ‎मिलने के उम्मीद ‎दिखाई दे रही है। सऊदी अरब की बादशाहत वाले आर्गेनाइजेशन आफ पैट्रोलियम एक्स्पोर्ट कंट्रीज (ओपेक) और युनाइटिड अरब अमीरात (यू.ए.ई.) के बीच कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर हुए समझौते के बाद पैट्रोलियम पदार्थों की महंगाई का सामना कर रही जनता को राहत ‎मिल सकती है। दोनों पक्षों में हुए समझौते के बाद गुरुवार को कच्चे तेल के दाम में 1.28 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी और गुरुवार देर रात अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 73.52 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे। इससे पहले 13 जुलाई को कच्चे तेल के दाम 76.49 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे और पिछले दो दिन में कच्चे तेल के दाम में तीन डॉलर प्रति बैरल की नरमी आई है। कच्चा तेल सस्ता होने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम पर लगाम लगने की उम्मीद जगी है।
दरअसल पिछले साल कोरोना के कारण कच्चे तेल की मांग कम होने एक बाद ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन में 10 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी कर दी थी और अब धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाया जा रहा है लेकिन फिर भी ओपेक ने अभी भी उत्पादन में 5.8 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी की हुई है। दुनिया भर में बढ़ रहे कच्चे तेल की कीमतों को देखते हुए यू.ए.ई. और सऊदी अरब कच्चे तेल की आपूर्ति 2 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़ाने के पक्ष में थे लेकिन दोनों देशों के मध्य एक बिंदु पर टकराव था। दुबई कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के प्रस्ताव को अप्रैल 2022 से बढ़ा कर दिसबंर 2022 तक बढ़ाने के लिए अपने कोटे को बढ़ाने की शर्त रख रहा था और सऊदी अरब अब दुबई के इस तर्क के साथ सहमत हो गया है और कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की बेस लाइन को अप्रैल 2022 से 3.65 मिलियन बैरल प्रति दिन कर दिया गया है। इस से पहले यह बेस लाइन 3.18 मिलियन बैरल प्रति दिन थी।

नई दिल्ली । सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के बारे में सहायता और परामर्श देने के लिये मेर्चेन्ट बैंकरों तथा विधि सलाहकारों से बोलियां आमंत्रित की गई हैं। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) हिस्सेदारी बिक्री मे सहायता और परामर्श के लिए 10 तक मर्चेन्ट बैंकरों और एक विधि कंपनी की नियुक्ति करेगा। दीपम के नोटिस के अनुसार बोली जमा करने की अंतिम तिथि छह अगस्त है। पिछले सप्ताह, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) को मंजूरी दे दी थी। निर्गम आकार, मूल्य निर्धारण और समय जैसे तौर-तरीकों का फैसला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एलआईसी को बाजार में सूचीबद्ध कराना सरकार के लिए महत्वपूर्ण है।

भिलाई। शिखर सिंह, पूर्व केडेट, बीएसपी डे बोर्डिंग वालीबाॅल एवं बीएसपी खिलाड़ी का चयन भारतीय वालीबाॅल टीम में हुआ है जो कि दिनांक 08 सितम्बर, 2021 से 20 सितम्बर, 2021 तक जापान में आयोजित 21वीं एशियन सीनियर मेन्स वालीबाॅल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। यह जानकारी उप महाप्रबंधक (क्री.सा. एवं ना.सु.), सहीराम जाखड़ ने दी।
प्रतियोगिता के पूर्व शिखर सिंह, भुवनेश्वर में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में दिनांक 20 जुलाई, 2021 से 07 सितम्बर, 2021 तक भाग लेंगे। भारतीय टीम में इनका चयन दिनांक 05 मार्च, 2021 से 11 मार्च, 2021 तक भुवनेश्वर में आयोजित 69वीं सीनियर नेशनल वालीबाॅल प्रतियोगिता में उत्तम प्रदर्शन के आधार पर हुआ है।
शिखर सिंह, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के नियमित खिलाड़ी हैं और इन्होंने संयंत्र की तरफ से एस.पी.एस.बी एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया है। इन्होंने भारतीय जूनियर वालीबाॅल टीम का भी प्रतिनिधित्व किया है।
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के वालीबाॅल मैदान से उभरा शिखर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
संयंत्र के निदेषक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) एस के दुबे एवं भिलाई के खेल प्रेमियों ने बधाई एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल के रेल फिनिशिंग में तीन फ्रामाग कार्बइड कटिंग मशीन है जो 26 मीटर रेल प्रोसेसिंग में फ्रंट एंड कटिंग का कार्य करके बी.ई.आर.एफ. जैसे रिजेक्शन को कम करके उत्पादकता बढ़ाती है। दो फ्रामाग मशीन सीमेंस कामन डी सी माडयूल और प्रमुख मोटर माडयूल में खराबी आने से बंद हो गयी थी। कामन डी सी माडयूल उपलब्ध था। सीमेंस मेन मोटर माडयूल की जगह यस्कावा जनरल परपस हाई टॉर्क ड्राएव का उपयोग और साॅफ्टवेयर में आवश्यक परिवर्तन करके दोनों फ्रामाग मशीन को आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके सफलतापूर्वक प्रारंभ किया गया।
प्रणाली की महत्ता को ध्यान में रखते हुए विभाग प्रमुख मुख्य-महाप्रबंधक (आरएसएम, आरटीएस-आरपीडीबी), एम एम गद्रे, महाप्रबंधक (रेलमिल विद्युत), समीर सिंह, महाप्रबंधक (विद्युत), एस एम सोरते, महाप्रबंधक (विद्युत) प्रशांत लाखे के मार्गदर्शन मे प्रणाली को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया।

इस कार्य को निष्पादित करने हेतु महाप्रबंधक (विद्युत), प्रशांत लाखे, महाप्रबंधक (विद्युत-योजना), एच आर मेघवाल एवं उप महाप्रबंधक, आर के पवार (विद्युत) की अगुवाई में प्रबंधक अवनीश मिश्रा एवं एन नटेशन के द्वारा कार्य को पूर्ण किया गया।
फ्रामाग मशीनों के पुनः आरम्भ किये जाने के अवसर पर मुख्य-महाप्रबंधक (आरएसएम, आरटीएस -आरपीडीबी), एम एम गद्रे, मुख्य-महाप्रबंधक (इंस्ट्रूमेंटेशन एवं ऑटोमेंशन), असित साहा, महाप्रबंधक (रेलमिल यांत्रिक), एस के छत्री एवं महाप्रबंधक (रेलमिल विद्युत), समीर सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में महाप्रबंधक, एस चट्टौपाध्याय, महाप्रबंधक के एन मलिक, महाप्रबंधक एस बी मंडल, महाप्रबंधक डी सिन्हा, महाप्रबंधक बी जन्पंगी, उपमहाप्रबंधक आर के पवार, बी के गौर, अवनीश मिश्रा, एन नाटेशन, सुधाकर, आर के पटेल, दीपक बेनर्जी एवं बी बोस भी उपस्थित थे।

नागरिकों की समस्याओं एवं शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए सोमवार से भिलाई निगम के सभी जोन कार्यालय में प्रारंभ होगा जनदर्शन.

भिलाई नगर। गौरतलब है कि नगर पालिक निगम भिलाई में महापौर, अध्यक्ष एवं वार्ड पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है! ऐसे में जनता की समस्याओं को सुनने और उनकी समस्याओं/शिकायतों के त्वरित निराकरण करने के लिए दिनांक 19 जुलाई 2021 दिन सोमवार से जनदर्शन का आयोजन किया जा रहा है! प्रत्येक सोमवार को सभी जोन कार्यालय में जनदर्शन आयोजित होगा! कलेक्टर एवं नगर पालिक निगम भिलाई के प्रशासक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने निगम प्रशासन और जनता से समन्वय स्थापित करने और शिकायतों के निराकरण करने के लिए जनदर्शन आयोजित करने का फैसला लिया है! अब निगम क्षेत्र अंतर्गत जोन कार्यालय जोन क्रमांक एक नेहरू नगर, जोन कार्यालय जोन क्रमांक 2 वैशाली नगर, जोन कार्यालय जोन क्रमांक 3 मदर टैरेसा नगर, जोन कार्यालय जोन क्रमांक 4 शिवाजी नगर, खुर्सीपार एवं जोन कार्यालय 5 में प्रत्येक सोमवार को जनदर्शन लगाया जाएगा! निगमायुक्त रघुवंशी ने जनदर्शन में निगम क्षेत्र के लोगों की शिकायतों का त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं! समस्त जोन कार्यालय में प्रत्येक सोमवार को लगने वाले जनदर्शन का समय प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक नियत किया गया है! इस बीच निगम क्षेत्र के रहवासी अपनी शिकायतों/ समस्याओं को लेकर अपने नजदीकी जोन कार्यालय पहुंच सकते हैं! जनदर्शन में प्राप्त होने वाले आवेदन की पावती आवेदक को प्रदान की जाएगी! आवेदक का नाम, पूर्ण पता एवं मोबाइल नंबर की भी प्रविष्टि रिकॉर्ड में रखी जाएगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर आवेदक को शिकायत से संबंधित सूचना या कोई दस्तावेज आवश्यक हो तो उसकी मांग कर निराकरण किया जा सके! सभी जोन कार्यालय से प्राप्त आवेदन और निराकरण की जानकारी गूगलसीट में अपलोड की जाएगी! इसकी समीक्षा आयुक्त रघुवंशी स्वयं करेंगे! निगम आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि जोन कार्यालय में आयोजित जनदर्शन में वहां के समस्त अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहेंगे! और आवश्यकता अनुसार संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की उपस्थिति जोन आयुक्त सुनिश्चित कराएंगे!

मास्क पर भिलाई निगम का कार्रवाई अभियान आज से तेज.
कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना है जरूरी.

भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई ने तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए मास्क पर कार्रवाई अभियान आज से तेज कर दिया है! आज कई लोगों के विरुद्ध मास्क नहीं लगाने को लेकर पूरे शहर में कार्यवाही करते हुए ऐसे लोगों से जुर्माना वसूल किया गया! कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर से बाहर निकलने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क लगाना अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कलेक्टर एवं भिलाई निगम के प्रशासक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने नियमित रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। निगम के सभी जोन के स्वास्थ्य व राजस्व विभाग की टीम ने सार्वजनिक स्थान पर मास्क या अन्य तरीके से मुंह को कवर किए बिना निकलने वाले व्यक्तियों पर अर्थदंड की कार्यवाही की। निगम की टीम बाजार क्षेत्र, दुकानों एवं सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख चौक-चौराहो का निरीक्षण करते हुए नियमों की अवहेलना करने वालों पर कार्यवाही कर रहे है। लोगों के अधिक आवागमन वाले चौक चौराहो पर नजर रखते हुए बिना मास्क लगाए हुए निकलने वाले लोगों पर कार्यवाही की जा रही है। आज निगम के विभिन्न क्षेत्रों में 61 लोगों से मास्क नहीं पहनने को लेकर 5970 रुपए अर्थदंड वसूला गया। निगम प्रशासन आम जन से अपील करती है कि चेहरे पर मास्क लगाकर ही घरों से निकले और अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचे। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु घर के बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य है, लेकिन बहुत से लोग नियमों को ताक पर रखकर बिना मास्क के घर से बाहर निकलने के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर जा रहे है ऐसे में संक्रमण एक दूसरे में फैलने की संभावना बढ़ जाती है। कोरोना वायरस से बचाव हेतु निगम के जोन कार्यालयों की टीम निगम क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर जहां पर अधिक से अधिक लोगों का आवागमन या जमवाड़ा होता है ऐसे स्थानों पर भी कार्यवाही कर रही हैं। ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है!
शिवाजी नगर जोन क्षेत्र में हुई सबसे ज्यादा करवाई, 25 लोगों से वसूला गया अर्थदंड मास्क नहीं लगाने के कारण जोन क्रं. 01 नेहरू नगर क्षेत्र में 11 लोगों से 1080, जोन क्रं. 02 वैशालीनगर में 17 लोगों से 1700, जोन क्रं. 03 मदरटेरेसा नगर क्षेत्र में 08 लोगों से 800, जोन क्रं. 04 शिवाजी नगर क्षेत्र में 25 लोगों से 2390 रूपए अर्थदंड वसूल किया गया। इस प्रकार आज अलग-अलग क्षेत्रों में 61 लोगों से 5970 रुपए जुर्माना वसूल किया गया! निगम उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने कहा कि आगे भी इसी प्रकार से बिना मास्क लगाकर निकलने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी!

दुर्ग। राज्य की भूपेश सरकार के लचर अव्यवस्था का खामियाजा प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताने से कभी नही चूकती लेकिन वास्तविकता यह है कि अन्नदाता परेशान हैं।
वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों को गोबर और मिट्टी को जबरदस्ती दस रुपए किलो में दे रहे हैं।
किसान जबसेवा सहकारी समितियों में रासायनिक खाद खरीदने जा रहे हैं तो उनके इच्छा के विपरीत जबरदस्ती एकड पीछे गोबर खाद को ₹10 किलो के हिसाब से खरीदना पड़ेगा करके दे रहे हैं ।वर्मी कंपोस्ट बनने के लिए एक लंबा प्रक्रियाऔर समय होता है और उसके लिए केंचुए जब खा कर के पर्याप्त समय मे गोबर, मिट्टी और अन्य चीजों को वर्मी खाद में बदलते है।गावो में किसान इस काम को पूरे एक साल में बनाते है। किसानों को खाद उपलब्ध कराने में प्रदेश की भूपेश सरकार असफल हो गई है जिसका खामियाजा प्रदेश के श्रमवीर किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पाटन ब्लॉक के कई ग्रामों की प्राथमिक साख सहकारी समितियो का मुयायना किया गया तो उपस्थित किसानों ने अपनी व्यथा बताई तो यह बात खुलकर सामने आई कि किसानों को समय पर खाद नही मिल पा रहा है। इसी प्रकार दुर्ग जिले और समूचे छत्तीसगढ़ में खाद के विकराल समस्या है।उपरोक्त बातें छत्तीसगढ़ विधायक दल के स्थाई सचिव जितेंद्र वर्मा ने प्रेस को जारी बयान में कहा। वर्मा ने आगे कहा कि किसानों से मिलकर उनकी समस्याओ को जानने के बाद यह बात सामने आई कि खाद के अभाव में मेहनती किसान फसल लेने में पिछड़ते जा रहे है।

प्रदेश के अन्नदाता परेशान-

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से अव्यवस्थित व असफल है। अगर सोसाइटियों से खाद गायब है तो छत्तीसगढ़ के धान के कटोरे से भी धान का गायब होना स्वाभाविक है। जिस छत्तीसगढ़ को भारत का धान का कटोरा कहा जाता है के किसानों की स्थिति दयनीय है।प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति धान पर ही निर्भर है उस राज्य में किसानों को समय पर खाद नही मिल पा रहा है जिससे किसानों की स्थिति चरमरा गई है। किसानों के जीवन यापन का एक मात्र विकल्प खेती है समय पर खाद उपलब्ध ना करा पाना भूपेश सरकार की लापरवाहपूर्ण व्यवस्था और संवेदनहीनता को दर्शाता है। खाद की आपूर्ति को लेकर किसानों के सामने यह सरकार पूरी तरह से विफल नजर आ रही है, जिससे प्रदेश भर के किसानों के भीतर आक्रोश देखने को मिल रहा है। प्रदेश भर की सोसायटियों में खाद नहीं मिलने तथा बाहर बड़े व्यपारियों से महंगे दामों में किसानों के खाद खरीदी को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में हाहाकार मचा हुआ है किंतु यह सरकार कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है।

जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर समय रहते भूपेश सरकार के द्वारा अगर आवश्यक पहल की गई होती तो ऐसी परिस्थितियाँ निर्मित नहीं होती। यह बात जग-जाहिर है कि हर वर्ष प्रदेश में खेती किसानी के लिए खाद एक आवश्यक चीज है बावजूद इसके छत्तीसगढ़ का किसान खाद के लिए दर दर भटक रहा है। इससे पूर्व में जब छत्तीसगढ़ में पन्द्रह वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। तब किसानों को पर्याप्त सुविधाएं मुहैया हो रही थी और इस तरह के हालत कभी भी देखने को नहीं मिले। किसानों के द्वारा खेतों में थरहा तो लगा दिया गया है लेकिन अब खाद की उपलब्धता ना हो पाने से किसान भयभीत है।

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