ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली. नीति आयोग (Niti Aayog) के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अगुवाई वाली एक अधिकार प्राप्त समूह ने कहा है कि देश में हर रोज 6 लाख मामलों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करे. अब से ठीक 10 महीने पहले डॉ. पॉल के ही पैनल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) सहित अन्य अधिकारियों को बताया था कि रोजोना 3 लाख नए मामलों को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन का इंतजाम करना होगा.
डॉ.पॉल की अगुवाई वाले 'मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर और कोविड मैनेजमेंट प्लान' पर इस अधिकार प्राप्त समूह -1 ने 'प्लान बी' के तहत 'ऑक्सीजन प्रावधान को बढ़ाने के असाधारण उपाय' की सिफारिश की है. समूह ने यह सिफारिश 'एक दिन में 6 लाख नए मामलों की वृद्धि को पूरा करने के लिए' की है. एक आदेश में कहा गया कि 'ऑक्सीजन की उपलब्धता और बिगड़ती महामारी की स्थिति के बारे में अधिकार प्राप्त समूह -2 को जानकारी दी जानी चाहिए. अधिकार प्राप्त समूह 2 की अगुवाई डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र कर रहे है. इस समूह की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रभावित राज्यों को मेडिककल ऑक्सीजन सहित जरूरी उपकरण सुनिश्चित करना है.
प्रबंधन और नियमन में सख्ती लाने का निर्देश
सूत्रों ने कहा कि अप्रैल के पहले हफ्ते में एक बैठक के बाद डॉ. पॉल के नेतृत्व वाले अधिकार प्राप्त समूह ने सरकार से 'प्लान बी' की सिफारिश पर जांच करने को कहा. हाल ही में एक प्रेस विज्ञप्ति के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों को कोरोना के बढ़ते मामलों वालों में प्रबंधन और नियमन में सख्ती लाने को कहा था. मंत्रालय ने कहा था कि 'मौजूदा बुनियादी ढांचा इस तरह के उछाल का सामना करने में सक्षम नहीं है.'
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ गयी है. जिसके चलते अस्पतालों में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है. ऐसे में केजरीवाल सरकार ने कोरोना संकर्मणो के मामलों में बढ़ोतरी के चलते एक हफ्ते का लॉकडाउन और बढ़ा दिया है. यानि अब ये लॉकडाउन 3 मई सुबह 5 बजे ख़तम होगा जिसे आज सुबह 5 बजे ख़तम होना था. दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के लिए कई गाइडलाइन्स जारी की हैं जिसके अंतर्गत सिर्फ जरुरी सेवाओं और कुछ ख़ास आईडी कार्ड धारकों को ही छूट दी जाएगी. अगर आप जरूरी सेवाओं से नहीं जुड़े हैं तो आपको घर से बहार निकलने के लिए ई-पास की जरुरत होगी.
किसे होगी ई-पास की जरूरत
1- बैंकिंग,ATMs, SEBI/स्टॉक ब्रोकर्स और इन्शुरन्स के जुड़े लोग
2- ब्रॉडकास्टिंग ,केबल सर्विसेज, IT इनेबल सर्विसेज टेलीकॉम और इंटरनेट सर्विसेज
3- फल, सब्जियां, डेयरी,राशन,मीट-मछली,दवाए और न्यूजपेपर
4- दवाइयां और फ़ूड डिलीवरी करने वाली लोग
5- एलपीजी,संग,पेट्रोल पंप , पानी की सप्लाई, बिजली उत्पादन,कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस से जुड़े लोग
6- प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विसेज और अन्य सभी जरूरी सेवाएं
7- धार्मिक स्थल बिना किसी विजिटर के साथ खुले रहेंगे.
कैसे करें अप्लाई
अगर आप ऊपर दी गयी किसी जरूरी सेवा से जुड़े हैं तो आप ऑनलाइन ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं. ई-पास अप्लाई करने के लिए आपको दिल्ली सरकार की वेबसाइट https://epass.jantasamvad.org/epass/init/ पर जाना होगा. इस लिंक पर जाकर आपको कुछ जरूरी सूचना जैसे नाम, मोबाइल नंबर, डिस्ट्रिक्ट वगैरह देना होगा. यहाँ आपको अपना आईडी प्रूफ भी अपलोड करना होगा. अगर आपकी कंपनी ने कोई लेटर जारी किया है तो यहाँ आपको उसे भी अपलोड करना होगा. सबमिट करने के साथ ही आपके फ़ोन पर SMS द्वारा ई-पास जनरेटेड नंबर आ जायेगा. ई-पास जनरेट होने के बाद आप इसे डाउनलोड करके इसका प्रिंट आउट निकाल सकते हैं.
मुंबई | कोरोना महामारी में मजदूरों का पलायन विकराल रूप लेता जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अप्रैल के शुरुआती 12 दिनों में करीब 9 लाख लोगों ने महाराष्ट्र से वापस अपने राज्यों का रुख किया है। हालात इतने गंभीर होते जा रहे हैं कि अब कारोबारी भी इन मजदूरों को रोकने के इच्छुक नहीं है। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 1 से 12 अप्रैल के बीच वेस्टर्न रेलवे की तरफ से 196 ट्रेनों में 4.32 लाख लोगों ने सफर किया। इनमें से 150 रेलगाड़ियां सिर्फ उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए गईं। उनमें 3.23 लाख लोग वापस इन राज्यों की तरफ लौटे हैं। यही नहीं इस दौरान सेंट्रल रेलवे की तरफ से चलाई गईं 336 ट्रेनों में 4.70 लाख यात्रियों ने महाराष्ट्र से अपने राज्यों का रुख किया। ये रेलगाड़ियां उत्तर प्रदेश, बिहार के साथ साथ असम, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्यों के लिए गईं। रिपोर्ट के मुताबिक बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां चलाने वाले महाराष्ट्र राज्य में लॉकडाउन के गंभीर परिणाम होंगे। मौजूदा सख्ती से राज्य को 82 हजार करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है और आने वाले दिनों में ये सख्ती बढ़ी तो घाटा भी गहराना तय है।
बेड की किल्लत बड़ी समस्या
कारोबारी भी मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए मजदूरों को रोकने में हिचकिचा रहे हैं। इंडिया एसएमई फोरम की डायरेक्टर जनरल सुषमा मोरथानिया ने हिंदुस्तान को बताया कि अस्पताल में बेड की किल्लत बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसे में मजदूरों को रोकने पर महामारी फैलने की हालत में उनके इलाज की मुश्किलों से निपटना बड़ी चुनौती है। उनके मुताबिक कारोबारी बेहद जरूरी काम के लिए ही मजदूरों को रोकने का जोखिम ले रहे हैं, वो भी सिर्फ उन्हीं को रोका जा रहा है जिनका इंश्योरेंस कराया गया है। इनकी तादाद कई जगहों पर 25 फीसदी के करीब ही है।
आर्थिक हालात काफी बिगड़े
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अमिल बसोले के मुताबिक पिछले लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन के दौरान उनकी आर्थिक हालात काफी बिगड़ गई थी। लंबे समय के बाद कामकाज शुरू हुआ था जो फिर से बंद हो गया है। ऐस में मजदूरों के लिए बार बार शहर की तरफ रुख करना मुश्किल हो जाएगा।
नई दिल्ली | देश में कोरोना का कहर हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहा है। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक रविवार रविवार को एक दिन में कोरोना के रिकॉर्ड 3,54,531 नए मामले मिले। यह किसी एक देश में एक दिन में मिले नए कोरोना संक्रमितों की विश्वभर में सर्वाधिक संख्या है। इस दौरान संक्रमण से रिकॉर्ड 2,806 लोगों की मौत हो गई। देश में एक दिन में महामारी से जान गंवाने वालों की सर्वाधिक संख्या है। देश में कई दिनों से नए मरीजों और मौतों की सर्वाधिक संख्या दर्ज की जा रही है। यह लगातार छठा दिन है जब नए संक्रमितों की संख्या तीन लाख से अधिक रही। इसके चलते संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1 करोड़ 73 लाख 4 हजार 308 पर पहुंच गए हैं, जबकि कुल मृतकों की संख्या 1 लाख 95 हजार 116 पर पहुंच गई है।
इलाजरत मरीज बढ़कर 16.2 प्रतिशत हुए
इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या 28 लाख के पार चली गई है। देश में कुल इलाजरत मरीज 28 लाख 7 हजार 333 हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.2 प्रतिशत है।
ठीक होने की दर घटकर 82.6 फीसदी हुई
कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 82.6 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,42,96,640 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है।
सर्वाधिक मौत महाराष्ट्र में
देश में एक दिन में जिन 2,806 मरीजों की मौत हुई है उनमें से 832 की महाराष्ट्र में मौत हुई। दिल्ली में 350, यूपी 206, छत्तीसगढ़ 199, कर्नाटक 143, गुजरात 157, झारखंड 103 और बिहार में 56 की मौत हुई।
27.7 करोड़ से अधिक जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 25 अप्रैल तक 27,79,18,810 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 17,19,588 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।
नई दिल्ली. देश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया है. देश के सभी राज्यों में एक जैसी स्थिति दिखाई दे रही है. कहीं ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी है तो कहीं मरीजों के लिए अस्पतालों (Hospital) में बेड कम पड़ने लगे हैं. हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona Patient) की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है और देश की स्वास्थ्य सेवाओं की सांस फूलने लगी है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि पिछले साल से भी इस साल की स्थिति ज्यादा खराब दिखाई दे रही है.
देश के ज्यादातर राज्यों ने ये मान लिया था कि कोरोना का संक्रमण अब खत्म हो गया है. कोरोना के मरीज न होने के कारण राज्य सरकारों ने जो कोविड सेंटर पिछली बार तैयार किए थे उसे बंद कर दिया. बताते हैं कि ज्यादातर राज्यों में जनवरी के महीने में ही कोविड सेंटर बंद कर दिए गए थे और वहां लगे वेंटिलेटर और मशीनों को पैक कर दिया गया. हालात ये हुए कि दूसरी लहर ने जब अपना असर दिखाना शुरू किया तो देश की स्थिति उसी तरह से दिखाई दे रही है जैसा कोरोना की पहली लहर के दौरान दिखाई दे रही थी.
राज्यों ने कोरोना की दूसरी लहर से पहले ही उठा लिया ये कदम :-
राजधानी दिल्ली में चार अस्थायी अस्पताल, जो पिछले साल तैयार किए गए थे, फरवरी में बंद कर दिए गए थे. इसका सबसे बड़ा कारण ये था कि उस वक्त दिल्ली में हर दिन 200 से भी कम नए मामले सामने आ रहे थे. कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए इसे फिर से शुरू किया जा रहा है.
पहली लहर के दौरान, उत्तर प्रदेश ने लगभग 1.5 लाख बेड के साथ 503 कोविद अस्पताल तैयार करने का दावा किया था. हालांकि फरवरी के पहले सप्ताह तक यहां पर 83 अस्पताल ही बचे और बिस्तरों की संख्या घटकर मात्र 17,000 ही रह गई. ये वो अस्पताल थे जहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता था.
कोरोना की पहली लहर के दौरान दूसरे सबसे प्रभावित राज्य में शामिल कर्नाटक ने पिछले साल से कोई सबक नहीं सीखा. पिछले साल से अब तक कर्नाटक सरकार ने मात्र 18 आईसीयू बेड बढ़ाए हैं.
पुणे में 800 बिस्तरों वाले जंबो अस्पताल को जनवरी में कोरोना मरीजों की कम संख्या को देखते हुए बंद कर दिया गया था. हालांकि इसे मार्च में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए फिर से खोल दिया गया था.
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एक भी सीटी स्कैन मशीन नहीं है. अब उच्च न्यायालय द्वारा सरकार को फटकार लगाने के बाद सीटी स्कैन मशीन खरीदी जा रही हैं.
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मामले में देश में बिहार का हाल सबसे ज्यादा बेहाल है. बिहार के 38 जिलों में से केवल 10 में पांच से अधिक वेंटिलेटर हैं.
नई दिल्ली। पूर्व मध्य रेल ने यात्रियों की सुविधा के लिए गाड़ी संख्या 06359 और गाड़ी संख्या 06360 एर्नाकुलम पटना एर्नाकुलम साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन के परिचालन तिथि को संशोधित किया है। यह ट्रेन गाड़ी संख्या 06360 पटना से प्रत्येक मंगलवार को 27 अप्रैल से खुलेगी। यह ट्रेन अगली सूचना तक चलाई जाएगी। वही वापसी में यह ट्रेन एर्नाकुलम से प्रत्येक शनिवार को 24 अप्रैल से चलनी शुरू हो गई है। पहले यह ट्रेन एर्नाकुलम से 1 मई से जबकि पटना से 4 मई से खुलनी थी। इस ट्रेन में यात्रियों को कोविड के नियमों का पालन करना होगा तथा स्पेशल किराया देना होगा।
समस्तीपुर से दानापुर के रास्ते यशवंतपुर तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या 06579/06580 समस्तीपुर से 26 अप्रैल को एक ट्रिप चलेगी। पहले यह ट्रेन दो महीने तक चलाई जानी थी। पूर्व मध्य रेलवे ने यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए समर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है। इसी कड़ी में पूर्व मध्य रेल ने पुणे से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, सासाराम जंक्शन, गया, किउल, जमालपुर के रास्ते भागलपुर तक स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू करने की घोषणा की है। यह ट्रेन भागलपुर से 25 अप्रैल से रविवार को खुलेगी। ट्रेन पूरी तरीके से आरक्षित होगी। यात्रियों को इसमें स्पेशल भाड़ा देना होगा।
पूर्व मध्य रेल ने यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए एक तरफा समर स्पेशल ट्रेनों को चलाने की घोषणा की है। दिल्ली से दरभंगा के बीच समर स्पेशल ट्रेन 26 अप्रैल को चलाई जाएगी। यह ट्रेन दिल्ली के बाद लखनऊ, छपरा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, ढोली, समस्तीपुर, हायाघाट, लहरिया सराय होते हुए दरभंगा पहुंचेगी। नई दिल्ली से सीतामढ़ी के बीच 26 अप्रैल को एकतरफा नई दिल्ली सीतामढ़ी समर स्पेशल एक्सप्रेस चलाई जाएगी। यह ट्रेन नई दिल्ली से खुलने के बाद लखनऊ, छपरा, दिघवारा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर होते सीतामढ़ी जाएगी।
नई दिल्ली | देश भर में 18 साल और उससे अधिक आयु वाले लोगों के टीकाकरण की 1 मई से शुरुआत होने वाली है। इस बीच देश के 4 राज्यों का कहना है कि उनके पास वैक्सीन का स्टॉक नहीं है। ऐसे में वे 1 मई से वैक्सीनेशन की शुरुआत नहीं कर सकते। कांग्रेस शासित राजस्थान का कहना है कि उसे कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसकी ओर से 15 मई से पहले सप्लाई नहीं की जा सकेगी। राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा ने कहा, 'हमसे सीरम इंस्टिट्यूट से बात करने को कहा गया था। उनका कहना है कि हमें केंद्र सरकार से जो ऑर्डर मिले हैं, उनकी सप्लाई के लिए 15 मई तक का वक्त चाहिए होगा। इसलिए तब तक वे हमें वैक्सीन देने की स्थिति में नहीं हैं।'
रघु शर्मा ने कहा कि ऐसे में सवाल यह है कि यदि राज्य सरकारें सीधे तौर पर वैक्सीन की खरीद करना चाहती हैं तो फिर उसकी प्रक्रिया होगी? यह केंद्र सरकार को फैसला करना चाहिए। हमारे सामने सवाल यह है कि राजस्थान में 3.13 करोड़ लोग 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में हैं। लेकिन हम इन लोगों का वैक्सीनेशन कैसे कर सकेंगे? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक को आदेश देना चाहिए कि वह राज्यों को वैक्सीन की जरूरी सप्लाई कर सके। इसके अलावा रेट को लेकर भी उन्होंने कहा कि हम कीमत अदा करने को तैयार हैं, लेकिन सभी के लिए एक ही रेट होना चाहिए।
राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड का भी कहना है कि उनके यहां वैक्सीन के स्टॉक की कमी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब में कांग्रेस का शासन है, जबकि झारखंड में झामुमो के साथ कांग्रेस सत्ता में है। छत्तीसगढ़ के हेल्थ मिनिस्टर टीएस सिंह देव और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भी रघु शर्मा की बात का समर्थन किया है।
राज्य बोले, हम तो तैयार, पर वैक्सीन की है कमी
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि असम की ओर से वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि एक महीने के बाद ही सप्लाई मिल सकेगी। सभी 4 स्वास्थ्य मंत्रियों ने कहा कि हमने 1 मई से वैक्सीनेशन की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन दवा कंपनियों ने सप्लाई से इनकार किया है। सिद्धू ने कहा, 'यदि वैक्सीन उपलब्ध नहीं हुई तो फिर टीकाकरण किसी भी तरह से नहीं हो सकेगा। स्थिति एकदम साफ है। केंद्र सरकार का कहना है कि सभी का वैक्सीनेशन शुरू किया जाए, लेकिन टीका उपलब्ध नहीं है। पूरे देश को भ्रमित किया जा रहा है।'
पटना. बिहार में कोरोना वायरस के चलते फैला संक्रमण भयावह हो गया है. अन्य प्रदेशों की तरह राजधानी पटना के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन का संकट (Oxygen crisis in Patna) गहरा गया है. जानकारी के मुताबिक, ऑक्सीजन की कमी को लेकर 16 अस्पतालों ने अलर्ट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अस्पताल में महज एक से डेढ़ घंटे तक के लिए ऑक्सीजन बची है. अगर ऑक्सीजन की आपूर्ति तत्काल नहीं की गई तो गंभीर रूप से बीमार मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है. IGIMS के अधीक्षक ने फौरन 250 लीटर ऑक्सीजन की मांग की है. उनका कहना है कि हॉस्पिटल में सिर्फ एक घंटे के लिए ही ऑक्सीजन बची है. विभिन्न अस्पताल प्रबंधकों का दावा कि ऑक्सीजन मुहैया कराने वाली एजेंसी ने आपूर्ति नहीं की है. साथ ही एजेंसी के संचालक का मोबाइल भी बंद आ रहा है.बता दें कि आईजीआईएमएस (IGIMS), पीएमसीएच, एनएमसीएच, पटना एम्स, जीजीएस पटना सिटी, गार्डिनर अस्पताल आदि शहर के बड़े अस्पताल हैं. ये सब पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार लगातार इस संकट हो हल करने में जुटी हुई है, लेकिन हालात सुधर नहीं रहे हैं.
पीएम केयर फंड से लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामले और अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की भारी किल्लत ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है. ऑक्सीजन की हो रही भारी किल्लत को देखते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने देश भर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया है. देश भर में 551 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाएंगे जिसमे 15 प्लांट बिहार में लगाये जाएंगे. बिहार में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पूरी राशि पीएम केयर फंड से दी जायेगी.
पीएम केयर फंड से बिहार के पटना, गया, भोजपुर, वैशाली, नालंदा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, पूर्णियां, सहरसा, गोपालगंज, कटिहार और पश्चिम चंपारण में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है. बता दें कि बिहार में 15 जिलो में लगने वाले सभी ऑक्सीजन प्लांट जिलों के सदर अस्पताल में लगाये जाएंगे, जिससे पूरे जिले में आपूर्ति की जाएगी. इसके लिए सरकार ने अस्पतालों में जगह तलाशना शुरू कर दिया है और जल्द से टेंडर घोषित कर पूरी प्रकिया को पूरा कर लिया जाएगा. फिलहाल बिहार में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट नहीं होने के कारण झारखंड और बंगाल से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.
नई दिल्ली | भारत में कोरोना की दूसरी लहर से पैदा संकट से निपटने के लिए अमेरिका के आगे आने के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल चर्चा में हैं। अजित डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से इस मसले पर बात की थी। उनकी इस बातचीत के बाद ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और फिर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को कोविशील्ड वैक्सीन के लिए कच्चे माल की सप्लाई का वादा किया है। इस ऐलान के बाद से ही अजित डोभाल ट्विटर के टॉप ट्रेंड में हैं। कई ट्विटर यूजर्स का कहना है कि जहां अजित डोभाल हैं, वहां राह है। अमेरिका को इनकार से इकरार तक लाने वाले अजित डोभाल की जमकर तारीफ की जा रही है।
इस बीच अमेरिका के जॉन एफ. केनेडी एयरपोर्ट से 318 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर्स को लेकर एयर इंडिया का विमान दिल्ली के लिए रवाना हो गया है। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब जैसे देशों ने भी ऑक्सीजन की सप्लाई में भारत को मदद की पेशकश की है। अमेरिका ने अपने नजदीकी एयरबेस से कहा है कि वह ऑक्सीजन जनरेटर्स को एयरलिफ्ट करे। इसके अलावा रेमडेसिविर इंजेक्शन और कोविशील्ड वैक्सीन के कच्चे माल की सप्लाई भी शुरू की जाए। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत को वैक्सीन के कच्चे माल की सप्लाई के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
सऊदी अरब और UAE से बातचीत कर रहे हैं डोभाल
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने ट्वीट में कहा, 'जैसे भारत ने अमेरिका को मदद दी थी, जब हमारे अस्पताल कोरोना के संकट से जूझ रहे थे।' जो बाइडेन ने अपने इस ट्वीट के साथ ही अजित डोभाल और जेक सुलिवन के बीच हुई बातचीत को भी अटैच किया है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से बातचीत शुरू की है। माना जा रहा है कि अजित डोभाल सऊदी अरब और यूएई से बात कर रहे हैं। वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोपियन यूनियन से बात कर रहे हैं। खासतौर पर वह फ्रांस से संपर्क में हैं ताकि ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर्स, रेमडेसिविर और वैक्सीन के लिए कच्चे माल की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके।
अब तक इन 9 देशों ने दिया भारत को मदद का भरोसा
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यूएई ने बताया है कि भारत को वैक्सीन की बड़ी खेप भेज रहा है। इसके अलावा सऊदी अरब की ओर से भी ऑक्सीजन जनरेटर्स की सप्लाई की जा रही है। ब्रिटेन की ओर से भी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन जनरेटर्स की सप्लाई की जा रही है। भारत को अब तक कुल 9 देशों की ओर से कोरोना संकट में मदद का भरोसा मिला है। जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई, फ्रांस और पाकिस्तान जैसे देशों की ओर से भारत को कोरोना संकट से निपटने में मदद का ऑफर दिया गया है।
हाजीपुर। कोरोना के डराने वाले आंकड़ों को देखते हुए राज्य सरकार ने नाइट कर्फ्यू तो लगाया ही है, साथ कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करने का भी निर्देश दिया है, लेकिन शनिवार को वायरल एक वीडियो में लालगंज के पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला इस गाइडलाइन का उल्लंघन करते दिख रहे हैं।
इसके साथ ही पूर्व विधायक के बॉडीगार्ड द्वारा कारबाइन से फायरिंग का भी वीडियो वायरल हुआ है। सदर एसडीपीओ इस मामले की जांच करने लालगंज पहुंचे और इस मामले पुलिस ने पूर्व विधायक, भोजपुरी सिनेमा की अभिनेत्री अक्षरा सिंह समेत 200 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि लालगंज के पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला के भाई और मुजफ्फरपुर के उप मेयर मानमर्दन शुक्ला के बेटे का उपनयन संस्कार का आयोजन शुक्रवार के दिन पैतृक गांव लालगंज थाना क्षेत्र के खंजाहाचक में था। इस आयोजन के बाद रात में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ था। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भोजपुरी सिनेमा की अभिनेत्री अक्षरा सिंह के डांस करते और इसी कार्यक्रम के एक वीडियो में पूर्व विधायक के बॉडीगार्ड के मंच के सामने अपनी कारबाइन से फायरिंग करने का वीडियो वायरल हुआ है।
अहमदाबाद । गुजरात में कोरोना के 14097 नए मरीज सामने आए और 6479 ठीक होकर अपने घर लौट गए। जबकि 152 मरीजों की कोरोना से मौत हो गए। नए केसों सबसे अधिक 5617 केस केवल अहमदाबाद में दर्ज हुए हैं। जबकि दूसरे नंबर सूरत में 2321 नए बीमार सामने आए। गुजरात में अब तक 11170997 लोगों को कोरना का टीका लगाने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। जिसमें 9299215 को पहला और 1871782 को दूसरा टीका लगाया गया। राज्य में आज 45 वर्ष से अधिक आयु के 169366 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया। जिसमें 76136 को पहला और 80910 लोगों को कोरोना का दूसरा टीका लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार को अहमदाबाद कॉर्पोरेशन में 5617, सूरत कॉर्पोरेशन में 2321, वडोदरा कॉर्पोरेशन में 523, राजकोट कॉर्पोरेशन में 462, मेहसाणा में 430, जामनगर कॉर्पोरेशन में 371, सूरत में 365, बनासकांठा में 291, जामनगर में 268, पाटन में 212, कच्छ में 190, वडोदरा में 178, भावनगर कॉर्पोरेशन में 172, गांधीनगर कॉर्पोरेशन में 166, भरुच में 154, खेडा में 146, साबरकांठा में 144, नवसारी में 143, भावनगर में 138, जूनागढ़ कॉर्पोरेशन में 134, दाहोद में 126, गांधीनगर में 120, जूनागढ़ में 114, महीसागर में 110, गिर सोमनाथ में 107, पंचमहल में 105, वलसाड में 105, तापी में 104, अमरेली में 98, सुरेन्द्रनगर में 98, आणंद में 88, नर्मदा में 71, अरवल्ली में 67, अहमदाबाद में 66, मोरबी में 65, पोरबंदर में 49, देवभूमि द्वारका में 44, डांग में 39, राजकोट में 38, बोटाद में 33 और डांग में 25 समेत राज्यभर में कुल 14097 नए कोरोना पॉजिटिव केस पिछले 24 घंटों में सामने आए। शनिवार को 152 मरीजों की मौत के साथ राज्य में कोरोना का मृतांक 6171 पर पहुंच गया है। वहीं 6479 कोरोना को ठीक होकर अपने घर लौट गए। राज्य में अब तक कुल 367972 मरीज कोरोना से स्वस्थ होकर अपने घरों लौट चुके हैं। राज्य में कोरोना से स्वस्थ होने का दर फरवरी में 97 प्रतिशत से अधिक वह अप्रैल में गिर कर 76.38 प्रतिशत हो गया है। राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 107594 पर पहुंच गई है। जिसमें 107198 स्टेबल हैं और 396 मरीज वेन्टीलेटर पर हैं।
नई दिल्ली | कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए राजधानी दिल्ली में जारी लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। इस लॉकडाउन की अवधि अब अगले सोमवार यानि 3 मई की सुबह तक रहेगी। रविवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस बात की घोषणा की। बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 36 फीसदी तक पहुंच गई है। यही वजह है कि सरकार लॉकडाउन की अवधि को एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया।
रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने एक पोर्टल शुरू किया है जो ऑक्सीजन की आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन के लिए ऑक्सीजन निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और अस्पतालों द्वारा हर दो घंटे में अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्य की टीमें एक साथ काम कर रही हैं। आपको बता दें कि दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। मेडिकल व्यवस्थाओं की और खाने-पीने की सेवाएं भी जारी रहेंगी। इसी दौरान शादियां भी होंगी वो भी 50 लोगों की अनुमति के साथ। इन सभी लोगों के लिए अलग से पास दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि शनिवार को रिकॉर्ड 357 कोरोना संक्रमित लोगों ने दम तोड़ा। इसी दौरान 24,000 से अधिक नए मामले सामने आए। दिल्ली में लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 32.27 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या एक लाख के करीब पहुंच रही है। राष्ट्रीय राजधानी में अभी 93,080 एक्टिव केस हैं।
पांच दिन में एक लाख से अधिक लोगों ने कोरोना को मात दी
दिल्ली में बीते पांच दिन में जहां कोरोना के एक लाख मामले सामने आए हैं, वहीं दूसरी ओर इस दौरान संक्रमण को मात देने वालों की संख्या भी लाख के पार पहुंच गई है। इस बीच संक्रमण को रोकने और संक्रमितों के इलाज के लिए सरकार ने भी प्रयास तेज कर दिए हैं। दिल्ली सरकार की ओर से रोजाना लगभग 55 हजार से अधिक लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया जा रहा है। इससे लोगों में कोरोना से लड़ने की शक्ति बढ़ रही है।
नई दिल्ली | कोरोना काल में इंसान तो मर ही रहे हैं, अब इंसानियत भी दम तोड़ने लगी है। कहीं ऑक्सीजन के लिए हाहाकार है तो कहीं रेमडेसिविर की कालाबाजारी की वजह से कई लोग दुनिया छोड़ चुके हैं। कोरोना तो लोगों को मार ही रही है, व्यवस्थाएं भी लोगों को कम तबाह नहीं कर रही हैं। भारत में यूपी हो या बिहार, दिल्ली हो या महाराष्ट्र चारों तरफ से कोरोना काल में लाचारी की तस्वीरें सामने आ रही हैं। कोई पैसों के अभाव में अपनोंको नहीं बचा पाया तो किसी के पास पैसा और पावर सब था, मगर इलाज नहीं मिलने से उसका संसार खत्म हो गया। कोरोना की दूसरी लहर में स्थिति कितनी विकराल हो चुकी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक शख्स पिता की अस्थियां विसर्जित कर मां को देखने जाता है तो उसके हाथ में डॉक्टर डेथ सर्टिफिकेट थमा देते हैं। चलिए जानते हैं ऐसी हृदयविदारक घटनाओं को, जिससे यकीन हो जाएगा कि इस कोरोना ने कैसे लोगों को लाचार बना दिया है।
व्यथा कथा 1: पापा मर चुके थे और डॉक्टर कहते रहे वेंटीलेटर पर हैं
मेरेठ में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के पुराने कारोबारी सुनील गुप्ता (57) की मेडिकल अस्पताल के कोविड वॉर्ड में कोरोना से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर वेंटीलेटर पर उनका इलाज चलने का दिलासा देते रहे, लेकिन वॉर्ड ब्वॉय ने शव की फोटो दिखाकर दिलासे की पोल खोल दी। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में मृत घोषित किया गया। टीपीनगर क्षेत्र में गुप्ता कॉलोनी निवासी सुनील गुप्ता को दो दिन पहले मेडिकल के कोविड वॉर्ड में भर्ती किया गया। बेटे आशु गुप्ता के अनुसार, भर्ती होने के बाद से ही उन्हें पिता का हाल-चाल मिलना बंद हो गया। उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। कोविड वॉर्ड के कंट्रोल रूम ने भी कुछ नहीं बताया।
शनिवार सुबह परिजन कोविड वॉर्ड पहुंचे। एक वॉर्ड ब्वॉय से बातचीत की। उसने सुबह 8 बजे आशु को बताया कि उनके पिता की शुक्रवार रात ही मौत हो चुकी थी। बतौर सुबूत, उसने शव का फोटो दिखाया, जिसमें किसी भी तरह का उपचार नहीं चल रहा था, जबकि डॉक्टर परिजनों से कह रहे थे कि मरीज वेंटिलेटर पर है। परिजनों ने हंगामा किया तो सुबह करीब साढ़े 10 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। भाजपा नेता आशीष अग्रवाल ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।
व्यथा कथा 2: सिफारिश, पैसा सबकुछ था...बस नहीं था तो सिर्फ इलाज
गाजियाबाद के गोविंदपुरम निवासी कोरोना संक्रमित शशि शर्मा (52) के परिजनों के पास पैसा, सिफारिश सबकुछ था, नहीं था तो सिर्फ इलाज। शशि के परिजन अस्पताल में बेड के लिए चार घंटे भटकते रहे लेकिन सब बेकार। अंत में कोरोना से जंग लड़ते-लड़ते शशि हार गईं और दुनिया को अलविदा कह गईं। हालांकि, मौत के बाद भी परेशानियों से छुटकारा नहीं मिला। अंतिम संस्कार को पहुंचे तो वहां भी लाशों की कतार थी, जिसके चलते अंतिम यात्रा के लिए भी चार घंटे इंतजार करना पड़ा।
गोविंदपुरम के गौड़ होम सी-731 निवासी शशि शर्मा 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आईं। गाजियाबाद-हापुड़ में हॉस्पिटल नहीं मिला। 22 अप्रैल की रात ग्रेटर नोएडा के ग्रीन सिटी हॉस्पिटल ने प्राथमिक उपचार देकर मेरठ रेफर कर दिया। रात 12:10 बजे परिजन उन्हें मेरठ मेडिकल लाए, यहां बेड खाली नहीं मिला। यहां से निजी अस्पताल और फिर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल से फिर मेडिकल भेज दिया। इस तरह सुबह के चार बज गए। यहां एक घंटा इंतजार के बाद पांच बजे शशि को एडमिट किया। इमरजेंसी वॉर्ड में मारामारी थी। परिजनों के अनुसार, स्ट्रेचर गंदा था तो दवाइयों के कार्टन बिछाकर मां को उस पर लेटा दिया। कोई देखने वाला नहीं था। धीरे-धीरे उनका ऑक्सीजन लेवल गिरता गया और 24 अप्रैल की दोपहर 12:40 बजे शशि की सांसों की डोर टूट गई।
खुद बॉडी पैक की, खुद ही खींचा स्ट्रेचर: मौत के बाद अस्पताल स्टाफ ने परिजनों को पॉलीपैक थमा दिया। खुद बॉडी पैक करनी पड़ी। खुद ही स्ट्रेचर खींचते हुए बॉडी को बाहर लाए। अंतिम संस्कार करने ब्रजघाट पहुंचे तो लाशों की कतार थी। चार घंटे वेटिंग के बाद नंबर आया। जैसे-तैसे अंतिम संस्कार हो सका।
व्यथा कथा-3 पिता की अस्थियां विसर्जित कर मां को देखने पहुंचे तो थमा दिया डेथ सर्टिफिकेट
दिल्ली के रोहणी निवासी परिवार पर कोरोना का ऐसा कहर बरपा कि सुनने वाले का कलेजा कांप जाए। कोरोना की चपेट में आए दिल्ली निवासी दंपति तीन दिन के भीतर ही काल के गाल में समा गए और बच्चों को अकेला छोड़ गए। शुक्रवार को ब्रजघाट पर अपनी मां की अस्थि विसर्जन करने पहुंचे भाई-बहन को पुरोहित ने जब हिन्दुस्तान अखबार में प्रकाशित दो दिन पहले पिता की अस्थि विसर्जन की फोटो दिखाई तो दोनों भाई-बहन फूट फूटकर रोए।
युवक ने बताया कि जब वह पिता की अस्थि विसर्जन कर अस्पताल मां को देखने पहुंचे तो उन्होंने मां का भी डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया। पुरोहित ने बताया कि दोनों दिल्ली के रोहणी निवासी हैं और एक दिन पहले ही अपने पिता की अस्थि विसर्जन के लिए आए थे। सिर्फ तीन दिन में कोरोना ने दोनों को अनाथ कर गया।
चमोली. उत्तराखंड में एक बार फिर एक बड़ा हिमखंड (Glacier) टूटने की खबर है. इसकी पुष्टि सेना ने की है. बॉर्डर रोड टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि चमोली जिले के जोशीमठ के पास भारत-चीन बॉर्डर पर एक बड़ा ग्लेशियर टूट गया है. जानकारी के अनुसार ये ग्लेशियर आईटीबीपी की 8 बीएन पोस्ट के पास मालारी और सुमना के बीच टूटा है. बताया जा रहा है कि ये काफी बड़ा है और इसके चलते बड़ा हादसा भी हो सकता है. बताया जा रहा है कि इसके टूटने से ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ सकता है. जिसके चलते गंभीर समस्याएं आ सकती हैं. इसको देखते हुए सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी अलर्ट जारी कर दिया है.
वहीं सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है. इस संबंध में मैंने एलर्ट जारी कर दिया है. मैं निरंतर जिला प्रशासन और बीआरओ के सम्पर्क में हूं. जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं. एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो.
वहीं चमोली पुलिस के अनुसार ग्लेशियर टूटने की सूचना सोशल मीडिया पर वायारल हो रही है. पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है. हालांकि खराब मोसम के चलते फोन से संपर्क नहीं हो सका है. टीमों को स्थिति का जायजा लेने के लिए रवाना कर दिया गया है. ऐसे में संयम बर्तें और अफवाह फैलाने से बचें.
खराब होता जा रहा मौसम
वहीं पौड़ी और श्रीनगर गढ़वाल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ जमकर बारिश हुई है. तीन दिनों से लगातार जारी बारिश के चलते तापमान में गिरावट आ गई है. जनपद में पिछले 24 घंटों में थलीसैंण, पौड़ी और श्रीनगर क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई है जबकि बारिश का दौर लगातार जारी है.पिथौरागढ़ में बीते दो दिनों से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला है. लम्बे समय बाद जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में अप्रैल के महीने बर्फबारी हुई है. मुनस्यारी और उसके आस-पास हुई बर्फबारी के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की हुई है. मुनस्यारी के साथ ही राजरंभा, पंचाचूली, खलियाटॉप और कालामुनी के करीब जमकर बर्फ गिरी है. वहीं निचले इलाकों में बीते दिनों से बारिश जारी है. गौरतलब है कि सात फरवरी को सुबह चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर के टूटने से बाढ़ आ गई थी. इस प्राकृति आपदा में कई लोगों की मौत हो गई थी. राहत और बचाव कार्य कई दिनों तक चलाया गया था. बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत प्रोजेक्ट पूरी तरह बर्बाद हो गया जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी.