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नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बृहस्पतिवार को संसद में राफेल सौदे पर ‘ओपन बुक’ परीक्षा का सामना करना है। राहुल ने सवाल किया कि वह परीक्षा में खुद आएंगे या अपने प्रतिनिधि को भेजेंगे। राहुल ने ‘परीक्षा’ के लिए प्रधानमंत्री को चार सवाल भी भेजे और उनसे पूछा कि हर विमान के लिए 560 करोड़ रुपये की जगह 1600 करोड़ रुपये का भुगतान क्यों हुआ और करार ‘एए’ (रिलायंस समूह के अनिल अंबानी का संदर्भ) को क्यों दिया गया, सार्वजनिक क्षेत्र की हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड को क्यों नहीं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्विटर पर लिखा, ‘कल, प्रधानमंत्री संसद में ‘ओपन बुक राफेल सौदा परीक्षा’ का सामना करेंगे।’ उन्होंने लिखा ‘परीक्षा के प्रश्न ये हैं: प्रश्न1: 126 की जगह 36 विमानों की जरूरत क्यों? प्रश्न2: 560 करोड़ रुपये प्रति विमान की जगह 1600 करोड़ रुपये क्यों? प्रश्न3: मोदी जी, कृपया हमें बताइए कि पर्रिकर जी राफेल फाइल अपने बेडरूम में क्यों रखते हैं और इसमें क्या है? प्रश्न4: ‘एचएएल’ की जगह ‘एए’ क्यों? क्या वह (मोदी) आएंगे या प्रतिनिधि भेजेंगे?’

 

गांधी ने बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ‘‘अपने कक्ष में छिप’’ रहे हैं और उनके पास राफेल सौदे पर संसद में सवालों का सामना करने की हिम्मत नहीं है।

मेरठ। बुलंदशहर में हाल ही में भीड़ के हिंसक हो जाने की घटना के मुख्य आरोपी योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक एवं एक आम नागरिक की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि बजरंग दल का स्थानीय संयोजक राज पिछले साल तीन दिसंबर को हुई हिंसा के बाद से फरार था। उसे बुधवार की रात करीब साढ़े 11 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर खुर्जा टी प्वाइंट से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले बुधवार सुबह हिंसा के आरोपी सतीश एवं विनीत और गोकशी मामले के आरोपी अजहर ने बुलंदशहर की स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।

क्षेत्राधिकारी (स्याना) राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बृहस्पतिवार सुबह पीटीआई- बताया कि हां, योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी चिकित्सीय जांच कराई जा रही है और कुछ समय बाद कानूनी कार्यवाही के लिए उसे आज स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। भीड़़ की हिंसा के दौरान पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और 20 वर्षीय सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस हिंसा के लिए स्याना पुलिस थाने में 27 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। राज की शिकायत पर पुलिस ने गोहत्या के लिए एक अलग प्राथमिकी दर्ज की थी।

 

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे ‘जय जवान जय किसान’ और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नारे ‘जय विज्ञान’ में बृहस्पतिवार को ‘जय अनुसंधान’ जोड़ दिया। वह जालंधर में आयोजित 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में ‘भविष्य का भारत: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ विषय पर बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों का जीवन और कार्य प्रौद्योगिकी विकास तथा राष्ट्र निर्माण के साथ गहरी मौलिक अंतदृर्ष्टि के एकीकरण का शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का नया नारा है- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान। मैं इसमें जय अनुसंधान जोड़ना चाहूंगा।’’ 

 

 
मोदी ने कहा कि यह विज्ञान ही है जिसके माध्यम से भारत अपने वर्तमान को बदल रहा है और अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय विज्ञान के लिए 2018 एक अच्छा वर्ष रहा। इस साल हमारी उपलब्धियों में उड्डयन श्रेणी के जैव ईंधन का उत्पादन, दृष्टिबाधितों के पढ़ने में मदद करने वाली मशीन -दिव्य नयन, सर्वाइकल कैंसर, टी बी, डेंगू के निदान के लिए किफायती उपकरणों का निर्माण और भूस्खलन के संबंध में सही समय पर चेतावनी प्रणाली जैसी चीजें शामिल हैं।’’ 
 
मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी अनुसंधान एवं विकास उपलब्धियों के व्यावसायीकरण के लिए औद्योगिक उत्पादों के जरिए एक सशक्त योजना की आवश्यकता है।’’  उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य चीजों को साथ लाने और संयुक्त प्रौद्योगिकियों का है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें देश की समृद्धि के लिए उत्प्रेरित, तैयार होना चाहिए और बदलाव को प्रबंधन करना चाहिए। अनुसंधान और विकास में हमारी शक्तियां हमारी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएससी, टीआईएफआर और आईआईएसईआर के आधार पर निर्मित हैं। हालंकि हमारे 95 प्रतिशत विद्यार्थी राज्य विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में जाते हैं।’’ 
 
मोदी ने यह भी कहा कि इन विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुसंधान का सशक्त माहौल बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कॉलेजों और राज्य विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को मजबूती देने के लिए मैं आपको इन मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा करने और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मशविरा कर कार्य योजना तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष परिषद में आमंत्रित करता हूं।’’ 
 

नयी दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि राफेल विमान सौदे पर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई विवाद नहीं है, विवाद सिर्फ कांग्रेस नेताओं के मन में है। सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राफेल मामले में उच्चतम न्यायालय ने सभी मुद्दों को स्पष्ट कर दिया है। उनके जवाब से असंतोष जताते हुए कांग्रेस सदस्यों से सदन से वाकआउट किया। अपने पूरक सवाल में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद के बीच हुयी बैठक का ब्यौरा (मिनट) सार्वजनिक करने की मांग की ताकि इससे जुड़े विवाद का हल हो।

 

 
सुषमा ने इस पर कहा कि कोई विवाद नहीं है। विवाद सिर्फ कांग्रेस नेताओं के मन में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि कोई विवाद नहीं है। शिवसेना सदस्य ने सवाल किया कि हाल ही में फ्रांसीसी विदेश मंत्री ली द्रियां की हालिया यात्रा के दौरान क्या राफेल मुद्दे पर कोई बातचीत हुयी थी। इसके जवाब में सुषमा ने कहा कि इस संबंध में कोई बातचीत नहीं हुयी है। उन्होंने कहा कि उसी दिन उच्चतम न्यायालय का फैसला आया था और इससे फ्रांसीसी मंत्री काफी खुश थे। 
 
 
उन्होंने एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में कहा कि जैतापुर परमाणु संयंत्र के संबंध में फ्रांस से समझौता हुआ है। इसमें छह इकाइयां बनेंगी और हर इकाई की क्षमता 1650 मेगावाट होगी। उन्होंने कहा कि बनकर तैयार होने पर यह संयंत्र दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र होगा।सुषमा ने एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रेक्जिट की प्रक्रिया अब भी जारी है और इसके पूरा होने तक ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों को कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट के मुद्दे पर ब्रिटेन की संसद में सात जनवरी से चर्चा शुरू होगी।

नयी दिल्ली। भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बृहस्पतिवार को राम मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश का विरोध किया और कहा कि मामले में उच्चतम न्यायालय का निर्णय अंतिम होना चाहिए। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राम मंदिर के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जो भी निर्णय दे वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए, चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम हों या अन्य समुदाय के लोग हों। हमारा रूख एक समान रहा है। प्रधानमंत्री ने जब कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेंगे तो सभी अगर-मगर खत्म हो जाना चाहिए।’’

 

 यह पूछने पर कि इस मुद्दे पर क्या वह अध्यादेश का समर्थन करेंगे तो पासवान ने कहा कि उनका रूख एकसमान रहा है और वह इसका समर्थन नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि इस मुद्दे पर सरकार कोई निर्णय नहीं करेगी जब तक कि न्यायिक प्रक्रिया खत्म नहीं हो जाती है। विश्व हिंदू परिषद् जैसे हिंदुवादी समूह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग करते रहे हैं।

 
लोजपा अध्यादेश का विरोध करने वाली भाजपा की दूसरी बड़ी सहयोगी है। इससे पहले हाल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विवादास्पद मुद्दे को या तो अदालत के फैसले के माध्यम से या फिर विभिन्न समूहों के बीच परस्पर सहमति से हल किया जाना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आरेप पर राज्यसभा के नेता सदन एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आजादी के बाद जम्मू कश्मीर के राजनीतिक इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की आज जो वास्तविकता है, उसके पीछे कांग्रेस अपने दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। उन्होंने देश में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम लिये बिना कांग्रेस से कहा कि उनके ही एक नेता जम्मू कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले गये। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र के साथ जितना खिलवाड़ किया है, उतना किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य में 1957, 1962 और 1967 के चुनाव कैसे हुए थे, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। 

 

जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर में एक अधिकारी थे जिन्होंने यह आदेश निकाला था कि सारे उम्मीदवार केवल एक ही व्यक्ति के समक्ष अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके चलते बहुत से उम्मीदवार अपना पर्चा ही दाखिल नहीं कर पाते थे। उन्होंने कहा कि 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के शासनकाल में पहली बार जम्मू कश्मीर में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हुए थे। उन्होंने कहा कि लोग भूले नहीं हैं कि 1984 में तत्कालीन राज्यपाल बी के नेहरू ने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि उन्होंने तोड़फोड़ कर गुल की सरकार बनवाने से इंकार कर दिया था। जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोगों के अलग थलग पड़ने के दावे को सिरे से गलत बताते हुए कहा कि यदि ऐसा ही होता तो राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में 4500 लोग चुनकर नहीं आते।
 
उन्होंने कहा कि इतिहासकार और राजनीतिक टिप्पणीकार बता देंगे कि कश्मीर के बारे में नेहरू का दृष्टिकोण सही था या श्यामा प्रसाद मुखर्जी का। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि वह यह आरोप लगाना बंद कर दें कि जम्मू कश्मीर के जो हालात हैं, वे पिछले साढ़े चार साल में बने हैं। सपा के रामगोपाल यादव ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद एवं अलगाववाद के कारण राज्य के पयर्टन सहित विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार करने के बजाय इन कामों को चुपचाप अंजाम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने दुश्मन को कमजोर नहीं समझना चाहिए। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले अभी नहीं रूके हैं।

 

नयी दिल्ली। ‘‘आयुष्मान भारत’’ योजना को स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में ‘गेमचेंजर’ करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि इसके माध्यम से देश के 40 प्रतिशत गरीबों को सरकारी खर्च पर अस्पताल में उपचार सुनिश्चित किया गया है और पहले 100 दिनों में पौने सात लाख मरीजों का इलाज हुआ है। जेटली ने अपने ब्लाग ‘‘आयुष्मान भारत के 100 दिन’’ में लिखा है कि ‘‘ यह योजना स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में गेंमचेंजर योजना है। कमजोर वर्ग के काफी संख्या में लोग अस्पतालों में उपचार पर होने वाले खर्च के भार के कारण इलाज नहीं करा पाते हैं। आज आयुष्मान भारत योजना के तहत सार्वजनिक खर्च पर भारत के 40 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को अस्पताल में उपचार सुनिश्चित किया गया है।’’ 

 

 वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले 100 दिनों में 6.85 लाख मरीजों का मुफ्त इलाज हुआ। योजना के तहत 5.1 लाख दावों के संबंध में भुगतान किया गया है। इस तरह से पहले 100 दिनों में औसत दावे प्रतिदिन 5000 बनते हैं। किसी भी मरीज को एक रूपया भी नहीं देना पड़ा। जेटली ने कहा कि इस तरह से इस योजना को लेकर एक बार जागरूकता बढ़ने पर अगले कुछ वर्षो में प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ लोगों को इसका लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 16 हजार सरकारी एवं निजी अस्पताल पंजीकृत हैं और यह संख्या धीरे धीरे बढ़ती जा रही है। इसमें से 50 प्रतिशत पंजीकृत अस्पताल निजी क्षेत्र से हैं। इस तरह से मरीज पंजीकृत अस्पताल में उपचार के लिये पंजीकरण करा सकते हैं और 5 लाख रूपये तक की राशि का उपचार करा सकते हैं। 
 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से स्वास्थ्य क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि होगी और इससे स्वास्थ्य सुविधा क्षेत्र में जवाबदेही बढेगी। जेटली ने कहा कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कमियों का उल्लेख किया जाता रहा है। भारत में अनेक अस्पतालों के विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के बावजूद ये देश की बड़ी आबादी की पहुंच से बाहर रहे हैं। भारत में 62 प्रतिशत आबादी को स्वास्थ्य से संबंधित बिल का भुगतान खुद करना पड़ता है और काफी संख्या में लोग इसका भार वहन करने में खुद को असमर्थ पाते हैं। ऐसी ही स्थिति में सरकार ने आयुष्मान भारत/प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की जिसे 23 सितंबर 2018 को पेश किया गया । इस योजना के आज 100 दिन पूरे हुए हैं।
 

शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘‘भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं’’ क्योंकि उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए किसी अध्यादेश पर निर्णय न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही करेगी। शिवसेना भाजपा की सहयोगी पार्टी है और उसने अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है। उसने दलील दी है कि मामला दशकों से अदालतों में चल रहा है।

 
शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राम मंदिर तत्काल (सुनवाई वाला) मामला नहीं है। मोदी ने भी कुछ अलग नहीं कहा। मैं उन्हें मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए बधाई देता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘...(प्रधानमंत्री कहते हैं) राम मंदिर के लिए कोई अध्यादेश नहीं लाएंगे। इसका संवैधानिक अर्थ यह है कि भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं।’’
 
उल्लेखनीय है कि विभिन्न टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित एक साक्षात्कार में मोदी से अयोध्या में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के विभिन्न हिंदुत्व समूहों की मांग के बारे में सवाल किया गया। इस पर मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने दीजिये। न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने पर एक सरकार के तौर पर जो भी हमारी जिम्मेदारी होगी, हम सभी प्रयास करने को तैयार हैं। ज्ञातव्य है कि शिवसेना ने राममंदिर मुद्दे को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गत महीने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक रैली में भाजपा के सहयोगी दलों से राम मंदिर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था।
 

जयपुर। राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: ने कथित तौर पर कहा कि 'हमारा प्रथम कार्य हमारी जाति के लिये, उसके बाद समाज के लिये और फिर सर्वसमाज के लिये है।' अशोक गहलोत सरकार में एक मात्र महिला मंत्री ममता भूपेश अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करती है।

रविवार को 'बैरवा दिवस' पर अलवर में आयोजित एक कार्यक्रम में ममता भूपेश ने लोगों को विश्वास दिलाया कि जब भी उनके लोगों को आवश्यकता होगी, वह मौजूद रहेंगी।’’

उन्होंने कहा 'जब भी हमारी आवश्यकता होगी, मैं कभी आपको पीठ नहीं दिखाउंगी। मैं यह विश्वास दिलाना चाहती हूं कि हमारा प्रथम कार्य हमारा हमारी जाति के लिये, उसके बाद हमारे समाज के लिये और फिर सर्व समाज के लिये, सबके लिये होगा। हमारी कोशिश रहेगी कि हम सबके लिये काम करें, सबको लाभ दे पायें'।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे लगभग चार हजार सरकारी अधिकारियों को सरकार ने नये साल का तोहफा देते हुए उन्हें पदोन्नति दी है। कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘इनमें से अधिकतर पदोन्नति 10 से 15 साल से भी अधिक समये से या तो मुकदमे अथवा अन्य कारणों से लंबित थी। जहां तक संभव हो, बैकलॉग को हटाने का निर्णय किया गया है...।" केंद्रीय मंत्री ने संतोष जाहिर करते हुए कहा कि यह मसला उनके बहुत करीब था।

 
सिंह ने बताया, ‘‘इन कर्मचारियों के लिए यह नये साल का तोहफा है। जब से मैं 2014 में कार्मिक विभाग में आया हूं, मुझे इस बात से बहुत दुख होता था कि हर महीने दर्जनों सरकारी अधिकारी वर्षों से बिना किसी पदोन्नति के ही अवकाश ग्रहण कर रहे हैं।’’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार 3991 अधिकारियों को पदोन्नति दी गयी है। इनमें 1756 अधिकारी केंद्रीय सचिवालय सेवा के हैं जबकि 2235 केंद्रीय सचिवालय स्टेनोग्राफर सेवा के हैं। मंत्री ने बताया कि सेक्सन आफिसर के 584 और अधिकारियों की पदोन्नति पहले से ही प्रक्रिया में है और आने वाले कुछ दिनों में इस संबंध में आदेश जारी कर दिये जायेंगे।
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