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अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए साधु-संत सहित आरएसएस सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं। इसी बीच दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय संत समिति दो दिनों की बैठक कर रही है। इस बैठक को धर्मदेश नाम दिया गया है। यहां विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। समिति धर्म से जुड़े हुए अन्य ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के बाद एक प्रस्ताव पारित करेगी। इसके अलावा 30 अक्तूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 को अयोध्या में पुलिस फायरिंग में मारे गए कार सेवकों की मौत पर शोक प्रकट किया जाएगा।

 

संत समिति की यह बैठक आरएसएस के बयान के एक दिन बाद हो रही है। मंदिर निर्माण को लेकर संघ के सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी ने शुक्रवार को कहा था कि जरूरत पड़ने पर 1992 जैसा आंदोलन किया जा सकता है। इस संत समिति की बैठक में 127 हिंदू संगठनों के संत, शंकराचार्य और उच्च हिंदू संगठनों के साधु हिस्सा लेंगे। जिसमें साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हैं। 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के दौरान वह अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रही थीं।

मंदिर निर्माण के लिए भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख अमित शाह के साथ गुरुवार देर रात मुंबई में मुलाकात की थी। दोनों ने एक घंटे से ज्यादा समय तक मुलाकात की। बुधवार को आरएसएस ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीघ्र निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या फिर कानून बनाने की अपनी मांग को दोबारा दोहराया था। एक महीने पहले शाह ने राम मंदिर को लेकर कहा था कि वह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण 2019 से शुरू हो जाए।

वहीं शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए संघ के सरकार्यवाह जोशी ने कहा था, 'राम सभी के हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा। हम चाहते हैं कि मंदिर बने। काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझ कर निर्णय देगा।' उन्होंने कहा था कि अदालत को हिंदू भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब देर न करें और मैं अदालत से निवेदन करुंगा कि वह अपने आदेश पर पुनर्विचार करते हुए इसपर जल्दी सुनवाई करें।

बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक घराना अब टूटने के कगार पर है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से अलग होने जा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय दीवानी अदालत में तलाक की अर्जी लगाई है। हालांकि यह अर्जी एकतरफा ही है, उसपर ऐश्वर्या राय के हस्ताक्षर नहीं हैं। 

 अब तेजप्रताप यादव ने तलाक मामले में बयान देते हुए कहा कि मैं घुट-घुट कर नहीं जी सकता। बता दें कि पांच महीने पहले ही तेजप्रताप और ऐश्वर्या की धूमधाम से शादी हुई थी। इस शादी में लालू यादव भी शामिल हुए थे। फिलहाल वो चारा घोटाला मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे हैं, लेकिन तेजप्रताप की शादी में शामिल होने के लिए उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया था। 


तेजप्रताप की तरफ से अदालत में अर्जी दाखिल करने वाले वकील यशवंत कुमार शर्मा ने बताया कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-ए के तहत तलाक मांगा गया है। इस धारा के तहत पति या पत्नी में से कोई भी एकतरफा तरीके से तलाक मांग सकता है। उन्होंने बताया कि तेजप्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या के बीच सामंजस्य नहीं है और इसलिए वे तलाक चाहते हैं। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है। 

तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद दीवानी अदालत परिसर से निकलते वक्त पत्रकारों ने जब तेजप्रताप के काफिले को रुकवाया तो उस वक्त राजद नेता ने अपने माथे पर एक छोटा सा बैंडेज बांध रखा था। हालांकि तेजप्रताप ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और जेल में बंद अपने पिता लालू यादव से मिलने के लिए रांची रवाना हो गए, लेकिन उनके कुछ करीबी परिजनों ने जब उन्हें समझाया-बुझाया तो वह बीच रास्ते से ही अपनी मां राबड़ी देवी के आवास लौट गए। 

वहीं, मीडिया खबरों के मुताबिक लालू यादव अपने परिवार की टूट की इस खबर से गहरे सदमे में हैं। बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत और खराब हो गई है। फिलहाल वो रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच खबर आ रही है कि तेजप्रताप आज अपने पिता लालू यादव से मुलाकात कर सकते हैं। वो रांची रवाना भी हो चुके हैं। 

'मी टू' अभियान के तहत यौन उत्पीड़न मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर जिस महिला पत्रकार ने रेप का आरोप लगाया था, अब उसने इस मामले अपना पक्ष रखा है। पत्रकार ने कहा है कि उनके और एमजे अकबर के बीच सहमति से संबंध नहीं बने थे। 

 महिला पत्रकार का कहना है कि जबरदस्ती और ताकत का गलत इस्तेमाल कर बनाए गए संबंध कभी सहमति वाले नहीं हो सकते हैं। 


बता दें कि एमजे अकबर पर अमेरिका की नागरिक और नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) की चीफ बिजनेस एडिटर ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। उनके इस आरोप पर शुक्रवार को एमजे अकबर ने सफाई देते हुए कहा था कि महिला पत्रकार और वह एक आपसी रजामंदी वाले रिश्ते में थे।

उन्होंने कहा था, 'हमारा यह रिश्ता कुछ महीनों तक चला। इस रिश्ते की वजह से लोगों को बात करने का एक मौका मिला और इसका असर मेरे घर पर पड़ा। हालांकि इस रिश्ते का अंत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा।'

वहीं, अकबर की पत्नी मल्लिका ने भी अपने पति की बात का समर्थन करते हुए आरोपों को झूठ बताया है। उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं पता कि आखिर महिला पत्रकार ने यह झूठ क्यों कहा, लेकिन यह झूठ है। 

पत्रकार ने ट्वीट के जरिए एमजे अकबर की सफाई पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने लिखा है, 'मैं उस समय 20 साल की एक महत्वाकांक्षी पत्रकार थी और अकबर के नेतृत्व वाले अखबार में काम कर रही थी। अकबर मेरे और अन्य महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जिम्मेदारी लेने के बजाय एक सीरियल यौन दुर्व्यवहार करने वाले की तरह संबंध को सहमति वाला बता रहे हैं। मैं अपने आरोपों पर कायम हूं और आगे भी सच्चाई बयां करती रहूंगी ताकि अन्य महिलाएं भी जो अकबर के द्वारा यौन प्रताड़ित की गई हैं, वो खुलकर सच्चाई बयां कर सकें।' 

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि राम मंदिर मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते पर अयोध्या में विशालकाय राम की प्रतिमा लगाने से हमें कोई नहीं रोक सकता अगर कोई रोकेगा तो हम तो उसे देख लेंगे...।

 उन्होंने कहा कि हम अयोध्या का विकास करवा रहे हैं और हमें ऐसा करने से कोई रोक नहीं सकता। दरअसल, अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की प्रतिमा के निर्माण के लिए योजना बनाई जा रही है। इनकी लंबाई 151 मीटर हो सकती है। अभी अहमदाबाद में जिस स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की स्थापना की गई है उसकी ऊंचाई 182 मीटर है।

  वहीं, राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदान्ती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण दोनों पक्षों की रजामंदी से दिसंबर में बिना अध्यादेश लाए शुरू किया जाएगा। जबकि मस्जिद का निर्माण लखनऊ में होगा।
 
अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 151 मीटर लंबी प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देव दीपावली के अवसर पर इसकी घोषणा कर सकते हैं।'

भाजपा नेता उपाध्याय ने कहा, ‘जहां प्रतिमा की स्थापना की जाएगी, उस जगह का चुनाव मिट्टी परीक्षण के बाद किया जाएगा। संत तुलसीदास घाट के आसपास प्रतिमा बनाये जाने की संभावना है। अधिकारी दो-तीन स्थलों को देख रहे हैं, जिनमें से वे सबसे अच्छी जगह का चुनाव करेंगे।’

उच्चतम न्यायालय ने बोफोर्स मामले में हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज की । न्यायालय ने कहा कि बोफोर्स मामले में उच्च न्यायालय द्वारा हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में सीबीआई ने जो दलील दी है उससे वह संतुष्ट नहीं है। न्यायालय ने कहा कि अपील दायर करने में हुई 4,500 दिन से भी ज्यादा की देरी को माफ करने के संबंध में सीबीआई द्वारा बताए गए कारण तर्कसंगत नहीं हैं।

 

उच्चतम न्यायालय ने 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स घोटाला मामले में हिन्दुजा बंधुओं समेत सभी आरोपियों को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बोफोर्स मामले में उच्च न्यायालय द्वारा हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में सीबीआई ने जो आधार बताए हैं उससे वह संतुष्ट नहीं है।

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के इसी फैसले के खिलाफ अधिवक्ता अजय अग्रवाल की याचिका लंबित है और सीबीआई अपनी सभी दलीलें उसमें दे सकती है। भारत और बोफोर्स तोपों का निर्माण करने वाली स्वीडन की कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 24 मार्च, 1986 को 155 एमएम के 400 हॉवित्जर तोपों की खरीद का सौदा हुआ था।

हालांकि भाजपा नेता अजय अग्रवाल द्वारा 2005 में इसी मामले पर दाखिल याचिका पर अभी न्यायालय में सुनवाई होनी बाकी है। लेकिन अग्रवाल की अर्जी पर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके पक्षकार होने पर सवाल उठाए थे। 

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सियासी घमासान जारी है। उम्मीदवारों के चयन में सभी दल फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। छत्तीसगढ़ की कसडोल सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है और इस बार पार्टी ने महिला उम्मीदवार शकुंतला साहू को भाजपा के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के सामने उतारा है। शकुंतला के पिता एक टेंट हाउस चलाते हैं।

 

शकुंतला ने उम्मीदवारों की तीसरी सूची में जगह बनाकर सभी को चौंका दिया था। शकुंतला सडोल के सरौटा गांव की निवासी हैं और जिला पंचायत की सदस्य भी हैं। शकुंतला के पिता भी कई सालों से रसौटा गांव के सरपंच हैं। दरअसल कसडोल सीट पर कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक महंत रामसुंदर दास का नाम आगे चल रहा था, लेकिन आखिरी समय में पार्टी ने शकुंतला साहू का नाम घोषित कर पार्टी नेताओं को चौंका दिया।

इसके पीछे मुख्य वजह है कि कसडोल विधानसभा क्षेत्र में साहू समाज के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस ने इस बार ओबीसी कार्ड खेलकर पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को साधने की रणनीति अपनाई है। फिलहाल देखना होगा कि उनका ये दांव कितना कामयाब होता है। 1998 और 2013 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो कसडोल सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। कसडोल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार चुने जाने पर शकुंतला साहू ने खुशी जाहिर की है।

तीन तलाक पर अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। केरल स्थित मुस्लिम संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने इस अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने का अनुरोध किया था। 

 मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। 


बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश 19 सितंबर को अधिसूचित किया गया था। इससे पहले, इस अध्यादेश को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी थी। ‘तलाक-ए-बिद्दत’ के नाम से प्रचलित एक बार में तीन तलाक की प्रथा में एक मुस्लिम शौहर एक ही बार में तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहकर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। 

पिछले महीने जारी अध्यादेश के अंतर्गत तीन तलाक को गैरकानूनी और शून्य घोषित करते हुए इसे दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया है। ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। हालांकि इस कानून के दुरुपयोग की आशंका को दूर करते हुए सरकार ने इसमें आरोपी के लिए जमानत का प्रावधान करने जैसे कुछ सुरक्षा उपाय भी किए हैं। 

कुछ दिनों बाद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जैसे-जैसे चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे आपस में सीट बंटवारे को लेकर होने वाला झगड़ा खुलकर दिखाई देने लगा है। इसी तरह की एक घटना छत्तीसगढ़ में देखने को मिली। जहां टिकट को लेकर बवाल इतना हुआ कि पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई।

 रायपुर दक्षिण सीट के लिए उम्मीदवार के नाम को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में तोड़फोड़ की। नाराज कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में रखी कुर्सियों को तोड़ दिया। दरअसल कार्यकर्ता इस सीट से कन्हैया अग्रवाल को टिकट देने की वजह से नाराज थे। इसपर पार्टी नेता आर तिवारी ने कहा, 'यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सीट से जुड़ी भावना थी। उन्हें बोलने का अधिकार है। पीएल पूनिया जी ने उनसे बातचीत की जिसके बाद वह चले गए।'


रायपुर के अलावा बिलासपुर में भी टिकट बंटवारे को लेकर हंगामा हुआ। पार्टी नेता नरेंद्र बोलार ने कहा, 'कार्यकर्ताओं का मानना है कि जिन्होंने पार्टी के लिए लगातार काम किया है उन्हें टिकट मिलना चाहिए। कोई यहां विरोधी नहीं है। हम एक परिवार हैं। हम सभी भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं।' इससे पहले मध्यप्रदेश में होने वाले टिकट बंटवारे के लिए दिल्ली में बुलाई गई बैठक में भी कांग्रेस नेता आपस में भिड़ गए थे।

रायपुर शहर की सीट को वीआईपी माना जाता है। यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। राज्य के पावरफुल मंत्री बृजमोहन अग्रवाल इसी सीट से विधायक हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर काफी विरोध देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ आज भाजपा मध्यप्रदेश में टिकटों का बंटवारा करेगी। हंगामे की आशंका के चलते भोपाल मुख्यालय में काफी सुरक्षा की गई है।

मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कई उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। सबकी निगाहें मध्यप्रदेश की सूची पर थी। भाजपा ने मध्यप्रदेश के लिए 177 उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी की। इस बार तीन मंत्रियों और 35 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। दो सांसदों और भाजपा में आए तीन निर्दलीयों को टिकट दिया गया है। 
 

बुधनी से लड़ेंगे शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृहक्षेत्र बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं राज्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दतिया और यशोधरा राजे सिंधिया को शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है।

तीन मंत्रियों के टिकट कटे

जिनके टिकट काटे गए हैं उनमें एक बड़ा नाम है राज्य मंत्री माया सिंह का। उनकी जगह इस बार ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार को टिकट दिया गया है। इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री हर्ष सिंह का टिकट भी काटा गया है। वह सतना की रामपुर बघेलान सीट से विधायक हैं। उनकी जगह विक्रम सिंह को टिकट दिया गया है। इसके अलावा पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार की जगह सांची से उनके बेटे मुदित शेजवार को टिकट मिला है।

व्यापमं घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत सिरोंज से उम्मीदवार बनाया गया है। बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है। वह कृष्णा गौर को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाए हुए थे।  

अधिकतर मंत्रियों को मिला टिकट

हालांकि अधिकतर मंत्रियों को टिकट दिया गया है। ये नाम हैं- भूपेन्द्र सिंह (खुरई), नरोत्तम मिश्रा (दतिया), यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी), गोपाल भार्गव (लहरी), राजेन्द्र शुक्ल (रीवा), संजय पाठक  (विजयराघगढ़), विश्वास सारंग (नरेला), उमाशंकर गुप्ता (भोपाल  दक्षिण पश्चिम), गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), सुरेंद्र पटवा (भोजपुर), रामलाल (सिलवानी), दीपक जोशी
(हाटपिपल्या) 

इसके अलावा इस बार दो सांसदों को भी टिकट दिया गया है। नागौर से नागेंद्र सिंह नागौर और आगर से मनोहर उटवार को टिकट मिला है। 

दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्यों में सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर गहन चर्चा की गई। बैठक में नामों पर काफी मंथन के बाद  चुनाव के लिए उम्मीदवार तय किए गए। 

मध्यप्रदेश में भाजपा उम्मीदवार की सूची 

ग्वालियर- जयभान सिंह पवैया
दतिया- नरोत्तम मिश्रा
सबलगढ़- सरला रावत
अटेर- अरविंद सिंह
जौरा- सूबेदार सिंह
रतलाम सिटी- चेतन कश्यप
सुमावली- अजय सिंह कुशवाहा
विजयपुर- सीताराम आदिवासी
मुरैना- रुस्तम सिंह
गोहद- लाल सिंह आर्य
श्योपुर- दुर्गालाल विजय
लहार- रसाल सिंह
राघौगढ़- भूपेंद्र रघुवंशी
मुरैना- रुस्तम सिंह
ग्वालियर पूर्व- सतीश सिकरवार
ग्वालियर दक्षिण- नारायण सिंह कुशवाहा  
शिवपुरी- यशोधरा राजे सिंधिया
चाचौड़ा- ममता मीणा
अशोकनगर- लड्डूराम कोड़ी
पोहरी- प्रह्लाद भारती
चंदेरी- भूपेंद्र द्विवेदी

राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा के लिए दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की गुरुवार देर रात तक बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। भाजपा ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए 24 प्रत्याशी और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 28 उम्मीदवारों के नाम भी जारी किए हैं। 

भारतीय जनता पार्टी ने आज मध्यप्रदेश चुनाव के लिए कुल 177 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया। इस लिस्ट में कुछ दिग्गजों के नाम नहीं हैं। इन्हीं में एक नाम है राज्य मंत्री माया सिंह जिनका टिकट काटा गया है। इस बार ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार को टिकट दिया गया है। कई विधायकों के टिकट भी काटे गए हैं। 

 

इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री हर्ष सिंह का टिकट भी काटा गया है। वह सतना की रामपुर बघेलान सीट से विधायक थे। यहां उनकी जगह विक्रम सिंह को टिकट दिया गया है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार की जगह सांची से उनके बेटे मुदित शेजवार को टिकट मिला है।

व्यापमं घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत सिरोंज से उम्मीदवार बनाया गया है। बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है।  

हालांकि अधिकतर मंत्रियों को टिकट दिया गया है। ये नाम हैं- भूपेन्द्र सिंह (खुरई), नरोत्तम मिश्रा (दतिया), यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी), गोपाल भार्गव (लहरी), राजेन्द्र शुक्ल (रीवा), संजय पाठक  (विजयराघगढ़), विश्वास सारंग (नरेला), उमाशंकर गुप्ता (भोपाल  दक्षिण पश्चिम), गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), सुरेंद्र पटवा (भोजपुर), रामलाल (सिलवानी), दीपक जोशी
(हाटपिपल्या) 

इसके अलावा दो सांसदों को भी टिकट दिया गया है। नागौर से नागेंद्र सिंह नागौर और आगर से मनोहर उटवार को टिकट दिया गया है। 

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