ईश्वर दुबे
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Bhilai
इंदौर. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को इंदौर पहुंचे। यहां रेसीडेंसी कोठी पर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं सब पदों से ऊपर हूं, यदि मुझे मप्र का मुख्यमंत्री बनना होता तो विधानसभा चुनाव के बाद ही जोड़-तोड़ कर लेता।'
उन्होंने कहा, 'मैं नैतिक व्यक्ति हूं, मुझे पद की कोई लालसा नहीं। मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बयान को उचित ठहराते हुए शिवराज ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बयान नहीं दिया, जनता के बीच जन भावना देखकर बोला जाता है।'
चौहान ने कहा, 'युवा सम्मेलन था, बच्चे मामा-मामा कह रहे थे, उन्होंने पूछ लिया कि मुख्यमंत्री बनाना चाहते हो...बच्चों ने हां कहा तो उन्होंने कहा बन जाएंगे। इसमें नेता की क्या गलती और यह पहली बार नहीं है यह तो लोकसभा चुनाव में भी कई लोग कहते रहे हैं।'
गौरतलब है कि मंगलवार को झाबुआ में गोपाल भार्गव ने कहा था कि मप्र सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है। अगर वे जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते हैं तो जनता खुद अपना फैसला सुना देगी। झाबुआ सीट जीतते हैं तो फिर से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
कांग्रेस के मंत्रियों पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार के मंत्रियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयानों पर कहा कि उन्हें मंत्री पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है...प्रदेश की सड़काें की तुलना किसी के गालों से की जा रही है...वहीं कोई ट्रांस्फर के रेट बता रहा है। शिवराज ने कहा कि मप्र की कांग्रेस सरकार सबसे भ्रष्ट सरकार है
तथ्य सामने आया कि हिंसा का बढ़ता प्रभाव मानवीय चेतना से खिलवाड़ करता है और व्यक्ति स्वयं को निरीह अनुभव करता है। इन स्थितियों में संवेदनहीनता बढ़ जाती है और जिन्दगी सिसकती हुई प्रतीत होती है।
आज देश ही नहीं, दुनिया में हिंसा, युद्ध एवं आक्रामकता का बोलबाला है। जब इस तरह की अमानवीय एवं क्रूर स्थितियां समग्रता से होती हैं तो उसका समाधान भी समग्रता से ही खोजना पड़ता है। हिंसक परिस्थितियां एवं मानसिकताएं जब प्रबल हैं तो अहिंसा का मूल्य स्वयं बढ़ जाता है। हिंसा किसी भी तरह की हो, अच्छी नहीं होती। मगर हैरानी की बात यह है कि आज हिंसा के कारण लोग सामाजिक अलगाव एवं अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। शिकागो विश्वविद्यालय के द्वारा हाल ही में किये गये अध्ययन में भी यह बात सामने आई है। यह अध्ययन शिकागो के ऐसे 500 वयस्क लोगों के सर्वे पर आधारित है जो हिंसक अपराध के उच्च स्तर वाली जगह पर रहते हैं। तथ्य सामने आया कि हिंसा का बढ़ता प्रभाव मानवीय चेतना से खिलवाड़ करता है और व्यक्ति स्वयं को निरीह अनुभव करता है। इन स्थितियों में संवेदनहीनता बढ़ जाती है और जिन्दगी सिसकती हुई प्रतीत होती है।
नई दिल्ली-रायपुर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। भाजपा की यह सूची काफी चौंकाने वाली है।
सूत्रों ने बताया कि इस सूची में छत्तीसगढ़ से तीन बार मुख्यमंत्री रहे चुके डा. रमन सिंह का नाम काट दिया गया है। भाजपा की ओर से जारी 40 स्टार प्रचारकों की सूची में पूरे छत्तीसगढ़ से केवल सरोज पाण्डेय का नाम शामिल किया गया है।
स्टार प्रचारकों की सूची में पहले नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है। पीएम मोदी के बाद दूसरे नंबर पर केन्द्र की सरकार में भी नंबर दो माने जाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष्ज्ञ अमित शाह का नाम हैं, वहीं इस लिस्ट में सरोज पांडेय का नाम 13वें पायदान पर रखा गया है। इधर भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची जारी होने तथा पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह का नाम काटे जाने के बाद से ही तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
दिनेश सोनी-12.00
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महाबलीपुरम बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा एक प्राचीन शहर है जो कभी व्यापार का केंद्र हुआ करता था। यहां से पूर्वी देशों के साथ सीधे तौर पर व्यापार होता था। यहां के बंदरगाह से चीन से सामान आयात और निर्यात किया जाता था। इसी के आधार पर कहा जाता है कि भारत और चीन के व्यापारिक रिश्ते 1700 साल पुराने है।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले को लेकर सोमवार को ट्वीट करके कहा कि सभी को सुनवाई के बाद जो भी फैसला आए, उसका सम्मान करना चाहिए और देश में हर जगह साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण कायम रखना चाहिए। यही व्यापक जनहित व देशहित में सर्वोत्तम होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संबंधित पक्षों को 17 अक्टूबर तक बहस खत्म करने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने बहस पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की थी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली संवैधानिक पीठ कर रही है। सीजेआई गोगोई का कार्यकाल 17 नवम्बर को खत्म हो रहा है। अब 17 अक्टूबर तक सभी पक्षों की दलील पूरी हो जाएगी, जिसके बाद जजों को फैसला लिखने के लिए चार हफ्ते का वक्त मिल सकेगा। बहस खत्म होने की तारीख करीब आने से पहले प्रतिक्रियाओं का दौर भी तेज हो गया है। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर में कथावाचक मोरारी बापू के मंच से कहा कि मुझे विश्वास है कि भगवान राम की शक्ति देश, समाज को आगे बढ़ाती है। आने वाले कुछ समय में हम लोगों को बहुत अच्छी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। मुख्यमंत्री के इस बयान को अयोध्या में मंदिर निर्माण से जोडकऱ देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महराज ने भी कहा कि अयोध्या मामले में अच्छी खबर मिलने वाली है। छह दिसम्बर तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा।
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खुर्शीद के बयान पर बीजेपी का तंज
नईदिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपनी पार्टी कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है. जिसके बाद बीजेपी ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सलमान खुर्शीद के बयान को महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हार मानने के रूप में पेश किया है. पात्रा ने कहा, आखिरकार कांग्रेस ने मान ही लिया कि उसके पास न तो नेता है और न ही नीति और नीयत.
ज्ञात हो कि सलमान खुर्शीद ने पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस पार्टी की मौजूदा हालत पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा, हमारी सबसे बड़ी समस्या ये है कि हमारे नेता ने हमें छोड़ दिया. पार्टी इस समय ऐसी जगह पर संघर्ष कर रही है कि जिसे देखकर कहा जा सकता है कि वह आने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल नहीं कर सकती.
कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, खुर्शीद मानते हैं कि राहुल गांधी छोड़ गए और सोनिया गांधी सिर्फ फौरी इंतजाम देख रही हैं. इसका मतलब है कि कांग्रेस में कोई नेता, नीति और नीयत नहीं बचा है.
संबित पात्रा ने सलमान खुर्शीद के बयान को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पस्त हालत से जोड़ दिया. उन्होंने कहा- दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान से पहले आखिरकार कांग्रेस ने दोनों राज्यों में अपनी पराजय स्वीकार कर ली है.
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बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी माने जाने वाले पूर्व नौकरशाह नेतराम पर जब आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया तो इसे मोदी−योगी सरकार की बदले की कार्रवाई समझा गया, लेकिन नेतराम की हकीकत कुछ और ही निकली।
आजम के काले कारनामों का सच जानकर लोग हैरान हैं तो ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो इसे (आजम पर मुकदमे) योगी सरकार की साजिश बताकर आजम का बचाव कर रहे हैं। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी ऐसा ही सोचते हैं।
योगी सरकार द्वारा भूमाफिया घोषित किए गए बदजुबान नेता और सांसद आजम खान आजकल कोर्ट−कचहरी से लेकर थाने तक के चक्कर लगा रहे हैं। आम चुनाव के समय अपनी प्रतिद्वंद्वी और पूर्व सिने तारिका जयाप्रदा के वस्त्रों पर टिप्पणी करने वाले आजम, भारत माता से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, लोकसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहीं रमा देवी, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, भारतीय सेना, ब्यूरोक्रेसी, संजय और राजीव गांधी की असामयिक मृत्यु सहित तमाम मसलों पर विवादित बयानबाजी के चलते खूब सुर्खियां बटोरते रहे हैं। कुछ मामलों में जब 'पानी सिर से ऊपर' चला गया तो आजम को माफी मांग कर पीछा छुड़ाना पड़ा। सत्ता में रहते और सत्ता से बाहर रहने के दौरान भी आजम कभी डरे नहीं, डिगे नहीं। उन्हें अपनी कही बातों पर कभी पछतावा भी नहीं हुआ, लेकिन योगी राज में नजारा काफी बदल गया है। बड़बोले आजम घुटने के बल आ गए हैं। आजम ने न केवल समाजवादी सरकार के समय वाला 'इकबाल' खो दिया है, बल्कि सत्ता में रहते उनके द्वारा जो काले कारनामे किए गए थे उसकी भी परत−दर−परत खुलने लगी है। अब आजम की हनक−धमक वाली बातें बेमानी हो गई हैं। आजम ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और कुछ करीबी भी अदालतों से लेकर थाना−पुलिस के चक्कर में फंसे हुए हैं। जांच एजेंसी एसआईटी लगातार आजम परिवार से पूछताछ कर रही है। आजम को एसआईटी के सवालों का जवाब देने में पसीने छूट रहे हैं।
कांग्रेस राजीव गांधी का वह बयान भी भूल गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र से एक रूपया चलता है तो दस पैसे ही जमीन तक पहुंचते हैं। क्या कांग्रेस यह दावा कर सकती है कि जिन राज्यों में उसकी सत्ता है, वहां योजनाओं का सौ प्रतिशत लाभ आम लोगों को मिल रहा है।