ईश्वर दुबे
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Bhilai
गृहमंत्रालय में इन दिनों राज्यपाल, मुख्यमंत्रियो और मंत्रियों का आना जाना लगा हुआ है। अब तक केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण कामकाज की दिशा में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाद वित्त मंत्रालय ही आता था लेकिन शाह की एनर्जी और लगातार चल रही बैठकों पर ध्यान दें तो अरुण जेटली के सरकार में न होने के बाद से गृह मंत्रालय ने सुर्खियां बटोरी हुई है। हालांकि पार्टी प्रमुख होने के नाते अमित शाह का मंत्रियों और नेताओं से मिलना तो स्वभाविक था। पिछली मोदी सरकार में गृहमंत्रालय के काम कर चुके एक ब्यूरोक्रेट बताते हैं कि यह पहली बार है गृह मंत्रालय के तहत अंतर-मंत्रालयी बैठक हो रही है। जबकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में यह बमुश्किल आयोजित होती थीं। गौरतलब है कि सालों पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल को देश के सबसे निर्णायक गृह मंत्रियों के रूप में देखा जाता था और ऐसा ही उदाहरण लालकृष्ण आडवाणी ने भी पेश करने का प्रयास किया था लेकिन अब अमित शाह यह जिम्मा निभा रहे हैं।
इससे पहले कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव या अतिरिक्त प्रधान सचिव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया हो। खास बात यह है कि इन दोनों अधिकारियों का कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ पूरा होगा।
दरअसल कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर प्रधानमंत्री ने दर्शाया है कि वह अपने इन दोनों अधिकारियों की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से कितने प्रसन्न हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद पर अजित डोभाल को दोबारा नियुक्त करते हुए उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया था। इसके अलावा पिछली सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री रहे डॉ. जितेन्द्र सिंह को दोबारा यह पद सौंपा गया है। नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनावों में जो बड़ा जनादेश मिला है उसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों को भी जाता है जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखी, पारदर्शिता बरतने के लिए हर संभव प्रयास किये और प्रधानमंत्री की स्वप्निल योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नरेंद्र मोदी ने अपने अधिकारियों पर जो भरोसा जताया है वह दर्शाता है कि वह अपने पुर्न निर्वाचन में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा किये गये कार्य का भी योगदान मानते हैं और अपने विश्वस्त अधिकारियों के सहयोग से अपनी दूसरी पारी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं।
वायनाड से चुनाव जीतने के बाद राहुल शुक्रवार को तीन दिन के दौरे पर केरल पहुंचे
राहुल गांधी ने शनिवार को वायनाड में रोड शो किया, 15 स्थानों पर स्वागत समारोह
राहुल ने कहा- वायनाड के सभी धर्म और जाति के नागरिकों के लिए मेरे दरवाजे खुले
तिरुवनंतपुरम. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल दौरे के दूसरे दिन शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में रोड शो किया। वे मतदाताओं का आभार जताने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर केरल गए हैं। रोड शो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि मोदी जहर का इस्तेमाल करते हैं और हम राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ लड़ रहे हैं। वे नफरत, गुस्से और लोगों को बांटने की राजनीति करते हैं। चुनाव जीतने के लिए झूठ बोलते हैं।
राहुल ने कहा, ''मैं कांग्रेस से हूं और जाति-धर्म और विचारधारा से इतर वायनाड के हर व्यक्ति के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पार्टी से हैं। आपने मुझे समर्थन दिया, यह अद्वितीय है। मौजूदा केंद्र सरकार और मोदी देश में नफरत फैला रहे हैं। कांग्रेस जानती है कि इससे निपटने का एकमात्र रास्ता प्यार है। हम देश में कमजोरों को मोदी की नीतियों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं आपका प्रतिनिधित्व करने और बेहतर वायनाड बनाने के लिए तैयार हूं।''
'वायनाड की आवाज बुलंद करना मेरा कर्तव्य'
कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को मल्लापुरम में रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि मैं केरल का सांसद हूं। यह मेरी जिम्मेदारी है कि न सिर्फ वायनाड बल्कि पूरे केरल के नागरिकों से जुड़े मुद्दों को आवाज दूं। वायनाड के लोगों की आवाज सुनना और उनकी आवाज बनना मेरा कर्तव्य है। आप सभी के प्रेम और स्नेह का धन्यवाद, जो आपने मेरे लिए दिखाया।
राहुल ने केरल और उप्र से लड़ा था चुनाव
राहुल ने केरल और उत्तरप्रदेश की दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। अमेठी में उन्हें स्मृति ईरानी से हार मिली, जबकि वायनाड में राहुल 4 लाख 31 हजार से ज्यादा वोट से जीते थे। वायनाड से जीतने के बाद राहुल का केरल का यह पहला दौरा है। वे रविवार तक केरल में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
किसानों की खुदकुशी पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था
जीत के बाद राहुल ने 24 मई को वायनाड की जनता का आभार जताया था। इसके बाद 31 मई को उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को पत्र लिखकर वायनाड में कर्ज की वजह से खुदकुशी करने वाले किसानों की जानकारी मांगी थी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया था किसानों के परिवार की आर्थिक मदद का दायरा बढ़ाया जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कह रहे हैं कि उनकी पार्टी के 52 सांसद इंच इंच की लड़ाई लड़ेंगे लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी की चुनावी संभावनाओं को फीट-फीट गड्ढा खोद कर दफन करने में लगे हुए हैं।
लोकसभा चुनावों के परिणाम आये हुए लगभग दो सप्ताह हो चले हैं लेकिन विपक्ष में मची आपसी खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। 2019 के जनादेश ने पहले कांग्रेस के अरमानों पर बुरी तरह पानी फेर दिया तो अब कांग्रेस के अपने लोग पार्टी को खत्म करने में लगे हुए हैं। विभिन्न राज्यों से जिस तरह पार्टी में उठापटक की खबरें आ रही हैं वह निश्चित रूप से कांग्रेस आलाकमान के लिए बेचैन कर देने वाली हैं। मुश्किल समय में पार्टी को जिस तरह अपने ही लोग झटका दे रहे हैं उसने देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का भविष्य खतरे में डाल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कह रहे हैं कि उनकी पार्टी के 52 सांसद इंच इंच की लड़ाई लड़ेंगे लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी की चुनावी संभावनाओं को फीट-फीट गड्ढा खोद कर दफन करने में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कैबिनेट मामलों की 8 समितियों के गठन की घोषणा की थी। इन आठों समितियों में गृह मंत्री अमित शाह को शामिल किया गया था लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को केवल दो समिति में ही शामिल किया गया था।
मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा चुनाव जीतकर मोदी सरकार में केन्द्रीय गृह मंत्री बनाए गए हैं और उनकी जगह अब नये अध्यक्ष की तलाश की जा रही है। अध्यक्ष की दौड़ में कैलाश विजयवर्गीय के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं संसदीय बोर्ड के सचिव जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव भी शामिल हैं। वहीं जिस तरह से कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त किया है उससे उनका कद अवश्य ही बीजेपी में बढ़ा है। जिसके चलते उन्हें व उनके खास सिपहसालारों को भी उम्मीद बंधी हुई है कि कैलाश को अध्यक्ष पद से नवाज कर पश्चिम बंगाल में मिली सफलता का तोहफा दिया जायेगा।
-दिनेश शुक्ल
कांग्रेस की दुर्दशा का कारण उसका लचर नेतृत्व है। इंदिरा गांधी के समय से ही पार्टी को इस परिवार ने बंधक बना रखा है। इससे हटकर जो कांग्रेस में आगे बढ़े, उनका अपमान हुआ। सीताराम केसरी को धक्के देकर कुर्सी से हटाया गया था।
2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजे कांग्रेस के लिए बहुत बुरी खबर लेकर आए। और जैसा कि अपेक्षित था, देश की सबसे पुरानी पार्टी में भूचाल आ गया। एक बार फिर हार की समीक्षा के लिए कमेटी का गठन हो चुका है। पार्टी में इस्तीफों की बाढ़ आ गई है। खबर है कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से लेकर आम कार्यकर्ता तक राहुल गांधी और उनके नेतृत्व में अपना विश्वास जता रहे हैं। यह अच्छी बात है कि ऐसे कठिन दौर में भी किसी संगठन का अपने नेतृत्व पर भरोसा कायम रहे। लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि लगातार मिलने वाली असफलताओं के बावजूद उस संगठन के बड़े नेता से लेकर आम कार्यकर्ता तक अपने नेता के साथ मजबूती से खड़े हों। सभी लोग राहुल को यह समझाने में लगे हैं कि उन्होंने चुनावों में बहुत मेहनत की और चुनावों में पार्टी की हार क्यों हुई उसकी समीक्षा की जाएगी वे मन छोटा ना करें पार्टी हर हाल में उनके साथ है।
येदियुरप्पा ने कहा- 2007 में जेडीएस के साथ शासन चलाने का अनुभव काफी खराब रहा था
‘लोकसभा चुनाव में 26 सीट हारने के बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन जनता का भरोसा खो चुका’
बेंगलुरु. लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन टूटने के कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच कर्नाटक भाजपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम (भाजपा) राज्य में जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने नहीं जा रहे। हम चाहते हैं कि फिर से चुनाव हों।
येदियुरप्पा ने साफ किया कि जेडीएस की मदद से सरकार बनाना असंभव है। एचडी कुमारस्वामी की अगुआई में 20-20 डील के तहत शासन चलाने का अनुभव काफी खराब रहा था। मैं दोबारा ऐसी गलती नहीं करना चाहता। 2007 में भाजपा और जेडीएस में 20-20 महीने सत्ता चलाने के लिए समझौता हुआ था। तब 20 महीने सरकार चलाने के बाद कुमारस्वामी ने पद से हटने से मना कर दिया था। इसके बाद भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
‘हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं’
येदियुरप्पा ने कहा- हम नए विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं। पार्टी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लोकसभा चुनाव में 26 सीट हारने के बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन जनता का भरोसा खो चुका है। अगर इसके बाद भी गठबंधन सरकार चलती रहती है तो यह लोगों के मत के खिलाफ होगा।
येदियुरप्पा ने यह भी आरोप लगाया कि गठबंधन के दोनों धड़े (कांग्रेस और जेडीएस) जनता की समस्याएं सुलझाने की बजाय सत्ता में बने रहने की कवायद में ही जुटे हुए हैं। एक जून को होनी वाली बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
‘सुमनलता का स्वागत’
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा सुमनलता अंबरीश का स्वागत करेगी, इस पर येदियुरप्पा ने कहा- अगर वे पार्टी में शामिल होना चाहें तो उनका स्वागत है। लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुमनलता ने मांड्या सीट से जेडीएस उम्मीदवार और कुमारस्वामी के बेटे निखिल को हराया था। जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी तुमकुर सीट से हार गए थे।
टेक्नोक्रेट्स के समूह ने 100% पर्चियों के मिलान की मांग की थी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जनप्रतिनिधियों को चुनने की राह में हम आड़े नहीं आएंगे
विपक्षी दल चुनाव आयोग से मिलकर 50% पर्चियों के मिलान की मांग करेंगे
कुमारस्वामी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ नहीं होंगे, ऐन मौके पर दिल्ली दौरा रद्द किया
नई दिल्ली. एग्जिट पोल्स के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिलता देख विपक्षी दल ईवीएम पर सवाल उठाने लगे हैं। वे 50% ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में 20 विपक्षी दलों के नेता आज दोपहर बाद चुनाव आयोग से मिलेंगे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि वह जनप्रतिनिधियों को चुनने की राह में हम आड़े नहीं आएगा। यह याचिका कुछ टेक्नोक्रेट्स ने लगाई थी।
उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ऐन मौके पर दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है। पहले वे भी विपक्षी नेताओं के साथ चुनाव आयोग से मिलने वाले थे। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी पार्टी जेडीएस की ओर से विपक्षी नेताओं के समूह में कोई शामिल होगा या नहीं।
अफजाल अंसारी के आरोप चुनाव आयोग ने खारिज किए
उत्तरप्रदेश के गाजीपुर से गठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी की ओर से ईवीएम की सुरक्षा पर उठाए गए सवालों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। आयोग ने कहा है कि ईवीएम-वीवीपैट को पार्टियों के सामने सील किया गया। इसकी वीडियोग्राफी कराई गई। स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर सीसीटीवी लगे हैं। सीएपीएफ के जवान तैनात हैं। ऐसे में सभी आरोप आधारहीन हैं। इससे पहले सोमवार रात अफजाल ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए गाजीपुर में स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। इस सीट पर बाबुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल का केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा से मुकाबला है।
एनडीए को बहुमत मिलने का अनुमान
लोकसभा चुनाव के 10 में से नौ एग्जिट पोल्स ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है। 18 मई को भी नायडू ने चुनाव आयोग से ईवीएम की जगह वीवीपैट से गिनती कराने की मांग की थी। उनके अलावा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आप नेता संजय सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी एग्जिट पोल और ईवीएम पर सवाल उठाए हैं।
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उनकी भी इंदिरा गांधी की तरह ही हत्या की जा सकती है। केजरीवाल ने एक न्यूज पेपर को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। केजरी ने कहा कि मेरे निजी सुरक्षाकर्मी भाजपा और केंद्र सरकार को रिपोर्ट करते हैं और ऐसे में किसी भी पल मेरी हत्या की जा सकती है।
मेरा पीएसओ भाजपा सरकार को रिपोर्ट करता है- केजरी
इंटरव्यू में केजरी ने कहा- मेरे आसपास जो भी सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, वे भाजपा सरकार को रिपोर्ट करते हैं। मेरा निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी भाजपा सरकार को रिपोर्ट करता है। हो सकता है कि मेरे निजी सुरक्षा अधिकारी का इस्तेमाल करते हुए ठीक उसी तरह मेरी हत्या करवा दी जाए, जैसे इंदिरा गांधी का करवाई गई थी। भाजपा मेरी हत्या करवा सकती है। मेरी जिंदगी दो मिनट में खत्म हो सकती है।
दिल्ली पुलिस ने आरोपों को नकारा
केजरीवाल के आरोपों को दिल्ली पुलिस ने नकार दिया। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा- दिल्ली के मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात हमारे जवान अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार और समर्पित हैं। हमारी यूनिट कई राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
चुनाव प्रचार के दौरान केजरी को मारा गया था थप्पड़
दिल्ली के मोती नगर में प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल को एक युवक ने थप्पड़ मार दिया था। युवक ने केजरी की गाड़ी पर चढ़कर उन्हें थप्पड़ मारा था। आप ने इसे भाजपा की साजिश बताया था। आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की सुरक्षा मोदी सरकार के अधीन है लेकिन केजरीवाल का जीवन सबसे असुरक्षित है। बार-बार हमला और फिर पुलिस का रोना, क्या इसके पीछे साजिश है? हिम्मत है तो सामने आकर वार करो दूसरों को हथियार बनाकर नहीं।
मोदी का प्रचार अभियान 28 मार्च को मेरठ से शुरू हुआ, 17 मई को खरगोन में खत्म
प्रचार अभियान में मोदी के 4 रोड शो हुए, आखिरी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस ने शामिल हुए
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 दिन के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में 142 रैलियां कीं। इस दौरान उनका ज्यादा फोकस उत्तरप्रदेश, बंगाल और ओडिशा की 143 सीटों पर रहा। यहां मोदी ने 54 यानी (40%) जनसभाएं कीं। 28 मार्च को उत्तरप्रदेश के मेरठ से शुरू हुआ उनका प्रचार अभियान 17 मई को मध्यप्रदेश के खरगोन में खत्म हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री ने चार रोड शो किए। अभियान के आखिरी दिन शुक्रवार को मोदी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल हुए।
प्रदेश रैली
उत्तरप्रदेश 29
पश्चिम बंगाल 17
ओडिशा 8
पिछले चुनावों में भाजपा ने उत्तरप्रदेश की 80 सीटों में से 71 पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, बंगाल में उसे 42 में से सिर्फ 2 और ओडिशा की 21 में से सिर्फ एक सीट मिली थी।
बंगाल-ओडिशा के सहारे 300 पार पहुंचने की रणनीति: भाजपा नेता
पार्टी के एक शीर्ष नेता ने न्यूज एजेंसी से कहा कि मोदी ने सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन को टक्कर देने के लिए अपना सबसे ज्यादा फोकस उत्तरप्रदेश पर रखा। क्योंकि पार्टी को लग रहा था कि यहां 2014 की कामयाबी को दोहराना इस बार मुश्किल है। पार्टी ने बंगाल और ओडिशा के सहारे 300 सीटों के लक्ष्य को पार करने की रणनीति पर काम किया। इस बार यूपी में 60 सीट मिलने का भरोसा है।
बंगाल-ओडिशा से 30 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था
भाजपा नेता के मुताबिक, पार्टी की मंशा है कि बंगाल में प्रचार आक्रमक हो ताकि मतों का ध्रुवीकरण हो सके। बंगाल और ओडिशा में राह आसान करने के लिए संघ के वरिष्ठ नेताओं ने मदद की। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में पार्टी को झटका लगने पर बंगाल और ओडिशा में ज्यादा ताकत लगाई। पार्टी ने दोनों राज्यों से कम से कम 30 सीट जीतने का लक्ष्य रखा था।
छह राज्यों की 196 सीटों के लिए 50 रैलियां
नरेंद्र मोदी ने प्रचार अभियान में बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात को भी महत्व दिया। 196 सीटों वाले इन छह राज्यों में 50 रैलियां कीं। पिछले चुनाव में यहां अकेले भाजपा को 150 और सहयोगी दलों की मदद से 167 सीटें मिली थीं। पार्टी ने गुजरात (26) और राजस्थान (25) में क्लीन स्वीप किया था। मध्यप्रदेश की 29 में से 27 और कर्नाटक की 28 में से 17 पर जीत हासिल की थी।
पूर्वोत्तर में भी मोदी की 8 रैलियां
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में 8, झारखंड में 4, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में 3-3, तेलंगाना, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, जम्मू-कश्मीर और केरल में 2-2 रैलियां कीं। जबकि दिल्ली और गोवा में एक-एक रैली की।
शाह की बंगाल में आज तीन रैलियां थीं, जाधवपुर में हेलिकॉप्टर उतारने की इजाजत न मिलने की वजह से सभा रद्द
भाजपा अध्यक्ष ने कहा- जाधवपुर ममता के भतीजे की सीट, उन्हें डर है, कहीं तख्त पलट न जाए
ममता सरकार ने पहले भी भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी थी, लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची
कोलकाता. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को प.बंगाल के जॉय नगर में जनसभा की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य सरकार पर निशाना साधा। शाह ने कहा, "ममता दीदी कहती हैं कि बंगाल में जय श्रीराम नहीं बोल सकते। मैं इस मंच से जय श्रीराम बोल रहा हूं और यहां से कोलकाता जाने वाला हूं। ममता दीदी हिम्मत हो तो गिरफ्तार कर लेना।''
शाह की बंगाल में आज तीन रैलियां होनी थीं। लेकिन ममता सरकार ने अमित शाह को जाधवपुर में रैली करने की इजाजत नहीं दी। भाजपा सूत्रों ने बताया कि तृणमूल सरकार ने पार्टी अध्यक्ष के हेलिकॉप्टर को उतारने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इसके चलते रैली रद्द करनी पड़ी।
ममता के भतीजे की सीट पर नहीं मिली रैली की इजाजत- शाह
जाधवपुर में रैली रद्द होने पर शाह ने कहा- मेरी यहां तीन रैलियां होनी थीं। जयनगर में तो आ गया मगर दूसरी जगह ममता दीदी के भतीजे की सीट थी। वहां पर हमारे जाने से ममताजी डरती हैं कि भाजपा वाले इकट्ठे होंगे तो भतीजे का तख्त उल्टा हो जाएगा। इसलिए उन्होंने सभा की इजाजत नहीं दी।
'ममता राज में दुर्गा पूजा की अनुमति तक नहीं मिलती'
भाजपा अध्यक्ष ने कहा- बंगाल की जनता ने तय किया है कि इस बार 23 से ज्यादा सीटें हमारे नेता मोदीजी की झोली में डालने जा रहे हैं। ममता दीदी के राज में दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं मिलती, सरस्वती पूजा करने पर उनके गुंडे मारपीट करते हैं। 23 मई को जो मतगणना होने वाली है। 19 मई को ममता का तख्त पलट दीजिए। मैं गारंटी देता हूं कि भाजपा यहां ऐसा माहौल बनाएगी कि पूरे बंगाल में शान के साथ फिर से दुर्गा पूजा हो सकेगी।
चुनाव आयोग बंगाल में मूक दर्शक- भाजपा
भाजपा सांसद अनिल बलूनी कहा कि चुनाव आयोग तृणमूल सरकार के अलोकतांत्रिक फैसलों को लेकर मूक दर्शक बना हुआ है। भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। 19 मई को आखिरी चरण में बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है।
ममता सरकार ने शाह की रथ यात्रा पर भी लगाई थी रोक
ममता सरकार ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के लिए भाजपा की रथ यात्रा की मंजूरी नहीं दी थी। इसे लेकर दोनों पार्टियां सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी हेलिकॉप्टर लैंडिंग की मंजूरी नहीं मिली थी। इसके बाद योगी सड़क के रास्ते सभा करने बंगाल गए थे।
युवा नेता प्रियंका की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
ममता की फोटो को फोटोशॉप के जरिए मीम बनाकर शेयर करने वाली भाजपा कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। न्यायिक हिरासत में भेजी गईं प्रियंका ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। असम के भाजपा नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि भाजपा की युवा नेता की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बताया। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर प्रियंका के समर्थन में #Isupportpriyankasharma कैंपेन चल रहा है। यूजर ममता के मीम को अपनी डीपी बना रहे हैं।