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राजस्थान. राजस्थान के नागौर में लड़की की खुदकुशी के बाद 'आटा-साटा' पर बहस छिड़ी है। पर, मध्य प्रदेश के मालवांचल में इससे भी ज्यादा खतरनाक कुप्रथा है 'झगड़ा'। प्रथा में लड़की और उसके परिवार को अपमान तो सहना पड़ता ही है, लड़के वालों को भी मोटी रकम चुकाना पड़ती है। समाज की पंचायत रकम वसूली के लिए लड़केवालों को आगजनी तक की छूट दे देती है। 'झगड़ा' को समझने से पहले राजस्थान की 'आटा-साटा' को समझते हैं।

राजस्थान के नागौर में 21 साल की लड़की ने 15 दिन पहले खुदकुशी कर ली। वजह थी- 'आटा-साटा'। रेगिस्तानी इलाकों में लड़कियों की घटती संख्या ने शादी की इस नई कुप्रथा को जन्म दिया। आटा-साटा प्रथा के तहत, दुल्हन के परिवारवाले अपनी बेटी की शादी तब तक नहीं करवाते हैं, जब तक दूल्हे के परिवार की कोई लड़की उनके परिवार के सदस्य से शादी के बंधन में न बंध जाए। इस प्रथा में लड़की की उम्र का ध्यान नहीं रखा जाता। आसान भाषा में इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि दूल्हे की बहन को अपनी होने वाली भाभी के परिवार के किसी सदस्य के साथ शादी करना होती है। ऐसे लड़के, जिनकी शादी नहीं हो रही होती है, उनकी शादी 'आटा-साटा' से करा दी जाती है। साफ कहें तो बहू के बदले बेटी का सौदा कर दिया जाता है।

मध्यप्रदेश की 'झगड़ा' कुप्रथा को समझिए

मध्य प्रदेश के मालवांचल में 'झगड़ा' की मूल जड़ बाल विवाह है। बचपन में ही लड़की की शादी कर दी जाती है। बालिग होने पर बच्चियों को ससुराल भेजा जाता है। अब अगर ऐसे में लड़की ससुराल जाने से इनकार कर दे या लड़का ही लड़की को रखने से मना कर दे तो दोनों ही स्थिति में आफत लड़कीवालों पर टूटती है। रिश्ता खत्म करने के बदले लड़केवाले समाज की पंचायत बुलाकर मोटी रकम मांगते हैं। लड़कीवालों पर दबाव बनाने के लिए लड़केवाले लड़की के गांव में फसलों और घरों में आग तक लगा देते हैं। ये छूट उन्हें समाज की पंचायत ही देती है। इतना ही नहीं, गांव के जिन लोगों का नुकसान होता है, वो भी लड़केवालों की पैरवी करते हैं और अपने नुकसान की भरपाई लड़कीवालों से ही मांगते हैं। अब ऐसे में एक और कुप्रथा जन्म लेती है - 'नातरा'। इसे 'झगड़ा' का दूसरा पहलू यानी एक ही सिक्के के दो पहलू भी कह सकते हैं।

यही झगड़ा जन्म देता है दूसरी कुप्रथा 'नातरा' को

ज्यादातर मामलों में लड़कीवाले मोटा हर्जाना भरने की हैसियत नहीं रखते। अब लड़की की शादी 'नातरा' के तहत किसी और से करा दी जाती है। शर्त यह होती है कि होने वाला पति लड़की के पहले पति को 'झगड़ा' में तय हुआ हर्जाना भर देगा। साफ कहें तो परिवार मजबूरी में बेटी का सौदा कर देते हैं।

'झगड़ा' और 'नातरा' की वीभत्सता का अंदाजा जिलों के कोर्ट में लंबित आगजनी के मामलों की संख्या से ही लगाया जा सकता है। मालवांचल में यूं तो 'झगड़ा' और 'नातरा' के ऐसे तमाम मामले हैं, जिन्होंने लड़कियों के जीवन को नर्क बना डाला। पढ़िए वो दो मामले, जो मध्यप्रदेश में शर्म की वजह बने।

केस-1: 18 दिन लड़की से रेप करते रहे

2016 में गुना जिले में नातरा प्रथा के तहत लड़की को बेचने का मामला सामने आ चुका है। मृगवास के गोमुख गांव की लड़की को जब पिता और मामा ने बेचने की कोशिश की तो वह भागकर इंदौर चली गई। वहां से वह राजस्थान के कोटा में रहकर मेहनत-मजदूरी करने लगी। यहां घीसालाल भील से शादी कर ली। दोनों की एक संतान हुई। जानकारी लड़की के पिता और भाई को लगी तो वह उसे लेने पहुंचे गए। लड़की के इंकार करने पर उन्होंने उसके पति से डेढ़ लाख रुपए लिए और वापस चले आए।

कुछ दिन बाद पिता, मामा और भाई लड़की को जबरदस्ती घर ले आए। यहां आवलहैड़ा गांव में सुल्तान नाम के व्यक्ति से ढाई लाख रुपए में उसका सौदा कर दिया। आरोपी ने 18 दिन तकर लड़की से ज्यादती की। किसी तरह उसके चंगुल से भागकर लड़की वापस पति के पास पहुंची।

केस-2: जब ससुरालवालों ने बहू के गांव में की आगजनी

दूसरा मामला राजगढ़ जिले का है। खिलचीपुर के बघेला गांव की रामकलां बाई की शादी बचपन में ही पिता प्रेमसिह सौधिया ने कमल सिंह से तय कर दी। कमल कांगनीखेडा का रहने वाला है। बालिग होने पर रामकलां जब ससुराल पहुंची तो ससुरालवालों ने उनकी पढ़ाई-लिखाई बंद करवा दी। पति शराबी था। दोबारा मायके लौटी रामकलां ने ससुराल का हाल बताते हुए वापस जाने से इनकार कर दिया।

रामकलां के ससुरालवालों ने जनवरी 2019 में बघेला में आगजनी की। 'झगड़ा' में रकम की मांग करते हुए लगातार नुकसान करने लगे। समाज की पंचायत ने रामकलां के परिवावालों को 9 लाख 'झगड़ा' देने का फैसला सुनाया। लड़कीवालों की हैसियत न होने पर लड़की का 'नातरा' करवाने का दबाव बनाया गया। इस स्थिति में दूसरा पति भी रकम भर सकता है। खिलचीपुर में रिपोर्ट हुई। ससुरवालों को कोर्ट में पेश किया गया।

भोपाल । प्रदेश में सरकार ने इसी महीने के आखिरी में 26 जुलाई से ग्यारवीं एवं बारहवीं की कक्षाएं शुरू करने का फैसला कर लिया है। जल्द ही स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद स्कूल संचालक संस्थाओं को खोलने की तैयारी में जुट गई है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी के बाद भारत सरकार ने मप्र सहित अन्य राज्यों को तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार रहने की चुनौती जारी की है। इन राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट का खतरा बताया है। ऐसे में प्रदेश में स्कूल खोले जाने का फैसला फिलहाल टल सकता है।
प्रदेश में अभी भी रात्रि कफ्र्यू के हालात बने हुए हैं। भीड़भाड़ भरे कार्यक्रम, राजनीतिक, धार्मिक एवं भीड़ वाले अन्य कार्यक्रमों पर फिलहाल पूरी तरह रोक है। इसके बावजूद भी सरकार ने स्कूल खोलन का ऐलान कर दिया है। इस फैसले को निजी स्कूलों के दबाव में लिया गया फैसला बताया जा रहा है। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्कूल खोलने की घोषणा से पहले निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई बंद करके विरोध किया था। निजी स्कूल बढ़ी हुई फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने अभी तक सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने की छूट दे रखी है। जबकि स्कूल बढ़ी हुई फीस वसूलने के लिए अड़े हुए हैं।
इसलिए लिए लिया फैसला
प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या सिर्फ 271 रह चुकी है। अभी तक कुल 7 लाख 91 हजार 594 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं। जिनमें से 7 लाख 80 हजार 815 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 10508 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान भी चल रहा है। अभी तक 2 लाख 45 लाख 68 लोगों को टीका लग चुका है। हालांकि पिछले कुछ समय से टीके की रफ्तार धीमी है।
दो महीने में भूल गई दूसरी लहर की तबाही
प्रदेश में हालात सामान्य है, लेकिन भारत सरकार बार-बार चेतावनी जारी कर तीसरी लहर का खतरा बता रही है। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट का केस सबसे पहले मप्र ही सामने आया था। इस वैरियंट से सात मरीजों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि पिछले 20 दिन से प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरियंट का एक भी केस सामने नहीं आया है। सामान्य होते हालात में सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला किया है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के भयंकर तबाही हुई थी। इन हालातां केा दो महीने के भीतर भुला दिया गया है। देश में पॉजिटिव केसेस की बात करें तो अब भी औसतन 40 हजार से अधिक मामले रोज मिल रहे हैं।

भोपाल । बारिश के दिनों में ट्रेन ब्रिजों पर जलभराव और इससे ट्रेनों के प्रभावित होने की खबरें आती रहती हैं। अब रेलवे तकनीक की मदद से पहले ही ट्रेनों को डायवर्ट या फिर डेंजर पॉइंट से पहले ही रोकने में सफल रहेगी। पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) ने तीनों मंडलों के 18 पुलों पर ऑटोमेटिक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया है। सोलर से संचालित इस सिस्टम की मदद से रोज सुबह आठ बजे नदी के जलस्तर का पता चलता रहता है।
पमरे द्वारा संचालित यह तकनीकी प्रणाली माइक्रो प्रोसेसर और जीपीएस पर आधारित है। सेंसर की मदद से यह नदी के जलस्तर को ऑटोमेटिक मॉनिटर करता रहता है। नदी के जलस्तर को मापने के लिए पुलों पर पेंट फ्लड गेज मार्क बना रहता है। ये सेंसर व जीपीएस आधारित उपकरण नदी का जलस्तर डेंजर लेवल को छूने से एक-दो मीटर पहले ही बार-बार अलर्ट का संदेश भेजने लगता है। यह उपकरण रोज सुबह आठ बजे पुलों पर पानी के स्तर का अलर्ट संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को भेजता है।
रेल पुलों पर जलभराव की सूचना पहले ही दे देगी
सीपीआरओ राहुल जयपुरिया के मुताबिक यह सेंसर व जीपीएस आधारित उपकरण रेल पुलों पर जलभराव की सूचना पहले ही दे देगी। ऐसे में हादसा होने की गुंजाइश ही नहीं रहेगी। तेज बारिश में भी ट्रेन का सफर सुरक्षित रहेगा। जबलपुर रेल मंडल की ओर से पांच रेल पुलों हिरण, कोपरा, बेरमी, नर्मदा, महानदी पर ऑटोमेटिक वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है। वहीं, भोपाल मंडल के 7 ब्रिजों माचक, ददूरा, नर्मदा, बेतवा, बीना नदी, काली सिंध, झकला और कोटा मंडल के 6 रेल पुलों सिपरा, छोटी कालीसिंध, परबति, बानस, गंभीर पर ये सिस्टम लगाया गया है।
सिस्टम का ये होगा फायदा
ऑटोमेटिक मॉनिटङ्क्षरग सिस्टम लगाने से मानसून के समय ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। प्रतिदिन वॉटर लेवल की मॉनिटरिंग की जा सकती है। जलस्तर डेंजर लेवल पर पहुंचने से पहले अलर्ट का संदेश आने लगता है। 24 घंटे सातों दिन का डेटा उपलब्ध मिलेगा। रेलवे मुख्यालय और मण्डल मुख्यालयों से भी मॉनिटरिंग की जा सकती है।
कटनी-सिंगरौली रूट पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित
रेलवे ने ट्रेनों खासकर मालगाडिय़ों के संचालन के बीच पहिए आदि में आनी वाली तकनीकी खामियों को पकडऩे के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया है। जबलपुर रेल मंडल ने कटनी-सिंगरौली रूट पर पिपरियाकला व खन्नाबंजारी स्टेशनों के बीच में स्थापित किया है। यहां लगे ऑनलाइन मॉनिटरिंग रॉलिंग स्टॉक सिस्टम बियरिंग में दोष के कारण आवाज में बदलाव और खामी को तुरंत पकड़ लेता है। अक्सर ये खबरें आती रहती हैं, ट्रेन के पहिए से चिंगारी निकल रही थी। इस तरह के हॉट एक्सल की खामी तुरंत ये सिस्टम पकड़ लेगा।
सिस्टम करेगा वैगन की पूरी जानकारी रिकॉर्ड
यह सिस्टम पुल से गुजरने वाली हर ट्रेन की पूरी जानकारी रिकॉर्डिंग करेगा। यानी ट्रेन के गुजरने की तारीख व समय, वैगन की संख्या, गाडी की गति, संचालन की दिशा, ट्रेन के इंजन और वैगन की फोटो, ट्रेन के इंजन व वैगन के नम्बर आदि का पूरा रिकार्ड इस सिस्टम में रहेगा।
इस तरह काम करता है ये सिस्टम
मालगाडिय़ों के बियरिंग और चक्कों की खराबी को ये सिस्टम पकड़ कर इसकी सूचना अलार्म व एसएमएस के माध्यम से कंट्रोल आफिस को दे देता है। इससे कैरेज एंड वैगन स्टाफ द्वारा अगले स्टेशन में उक्त खराबी दूर कर सकते हैं। इस प्रणाली के लगने से कम समय में वैगन के रख-रखाव में मदद मिलेगी। इस प्रणाली के लगने से मालगाडिय़ों की रफ्तार भी 75 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने में मदद मिली है।

कायस्थ समाज की बैठक में शामिल हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष.

गैरतगंज(रायसेन). समाज के उत्थान एवं प्रगति में समाज के प्रत्येक व्यक्ति की हिस्सेदारी एवं भागीदारी होना चाहिए। ताकि समाज ठीक ढंग से विकसित हो सके। साथ ही उसमें एकजुटता आए। समाज उत्थान के लिए कार्य करना ही सच्ची समाजसेवा है। यह बात शुक्रवार को नगर में हुई कायस्थ समाज की बैठक में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अमित श्रीवास्तव ने कही ।
नगर के एचपी गार्डन में कायस्थ समाज की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा युवा प्रकोष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अमित श्रीवास्तव बनारस से दो दिवसीय दौरे पर मध्यप्रदेश आए। पहले दिन उन्होंने विभिन्न जिलों की बैठक ली। एवं दौरे के दूसरे दिन रायसेन जिले के युवा प्रकोष्ठ की बैठक ली। उन्होंने इस मौके पर समाज की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि संगठन ही एक मात्र ऐंसी शक्ति है जिसके माध्यम से समाज उत्थान किया जा सकता है। उन्होंने विशेष तौर पर युवाओं का आव्हान किया कि वे इस कार्य में आगे आएं। बैठक को समाज के जिला अध्यक्ष रामकृपाल श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि कायस्थ समाज एक बुद्धिजीवी समाज है तथा सदैव कायस्थ समाज के लोगो ने शिक्षा, प्रगति तथा समाज उत्थान की प्रेरणा अन्य समाजों को दी है। अतः सभी कायस्थ बंधु समाज उत्थान एवं सामाजिक संगठन के लिए सदैव तत्पर रहें। बैठक में राष्ट्रीय मंत्री युवा डॉ अमित श्रीवास्तव रायसेन, प्रांतीय अध्यक्ष युवा विमलेश सक्सेना, प्रांतीय उपाध्यक्ष अमन सक्सैना, विदिशा जिला अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव, विदिशा जिला सचिव अशोक सक्सेना, विदिशा युवा जिला अध्यक्ष ईशु सक्सेना, दीपक श्रीवास्तव रायसेन मुख्य रुप से बैठक में शामिल हुए। रायसेन जिला युवा अध्यक्ष हिमांशु श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही उन्होंने बैठक में अपनी जिले की कार्यकारिणी में नीरज खरे को जिला युवा सचिव एवं अमन सक्सेना, दीपक राज श्रीवास्तव, सत्यकाम श्रीवास्तव को जिला युवा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में जिला कार्यकारिणी में लिया। साथ ही गैरतगंज तहसील अध्यक्ष पद पर अमित श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया। इस बैठक में गैरतगंज तहसील अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष ओपी श्रीवास्तव, सुभाष श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, अनुपम चित्रांशी, मनोज श्रीवास्तव लल्ला , नरेंद्र बाबा श्रीवास्तव, योगेश श्रीवास्तव, अमित खरे, मुकेश श्रीवास्तव, शैलेंद्र श्रीवास्तव, दिनेश विसरिया , राकेश श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव,अमित श्रीवास्तव,गौरीशंकर श्रीवास्तव, अक्षय श्रीवास्तव, आदित्य श्रीवास्तव, प्रशांत श्रीवास्तव सहित अनेक लोग मोजूद रहे ।

होशंगाबाद. होशंगाबाद के महिला थाने में पत्नी ने अपने पति की जमकर पिटाई की। पति ने धोखा देकर दूसरी शादी रचाई थी। महिला थाना प्रभारी ने कुछ सेकंड में ही आकर पति को बचाया। दरअसल, नरसिंहपुर की महिला की शादी इटारसी के युवक के साथ हुआ था। पहली पत्नी को तलाक दिए बिना युवक ने दो दिन पहले दूसरी शादी रचा ली।

पहली पत्नी ने महिला थाने की मदद से पति और नवविवाहिता दूसरी पत्नी को थाने लेकर शुक्रवार दोपहर बाद आई। थाने में पहली पत्नी अपना आपा खो बैठी और पति की पिटाई शुरू कर दी। महिला थाना प्रभारी ने बीच बचाव किया। महिला की शिकायत सुनने के बाद उन्हें कोर्ट जाने को कहा। महिला और पति के बीच थाने में हुए हंगामे और पिटाई को थाने में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी पूरे मामले को देखते रहे। महिला ने कहा जिंदगी बर्बाद की, बच्ची के भविष्य के लिए लडूंगी।

पुलिस के मुताबिक महिला नरसिंहपुर जिले की कुटाई गांव की रहने वाली है। इटारसी के युवक से महिला की विवाह करीब 7 साल पहले हुआ था। शादी के एक साल दोनों साथ रहे। बच्ची होने के बाद ससुराल वालों ने उसे भगा दिया। जिससे पिछले 4-5 साल से महिला अपने मायके में ही रह रही। महिला ने कहा- हमारा एक बार राजीनामा हो चुका था।

पति ने एक बार तलाकनामे पर मेरे झूठे साइन करवा लिए। जबकि, मैंने तलाक नहीं दिया। मैं 13 जुलाई को अपने रिश्तेदार की एक शादी में होशंगाबाद आई। यहां पता चला कि पति ने दूसरी शादी करने वाला। 16 जुलाई को महिला थाने पहुंचकर पत्नी ने शिकायत की। महिला थाने की मदद से शादी रुकवाने व पति को लेने पहुंचे, लेकिन दो दिन पहले ही 14 जुलाई को पति आर्य समाज मंदिर से शादी कर चुका था। इसके बाद पति और नवविवाहिता को थाने लाया गया। पति को देखते ही पत्नी गुस्से से लाल हो गई और अपना आपा खो, पति को मारने लगी। महिला का कहना है कि धोखे से मुझसे साइन करवाकर तलाक कराया। हाईकोर्ट में मामला पेडिंग है, मैंने स्टे ले आई हूं। पुलिस ने पति से स्टेट के संबंध में पूछा, पति ने स्टे प्राप्त हाेने से साफ इनकार कर दिया।

पत्नी को कोर्ट जाने की दी सलाह

महिला थाना प्रभारी सुरेखा निमोदा ने बताया नरसिंहपुर जिले की रहने वाली महिला की शादी इटारसी के युवक से हुई थी। पत्नी की तरफ से 498 दहेज प्रताड़ना के संबंध में नरसिंहपुर में केस दर्ज है। कुटुंब न्यायालय से फरवरी 2021 में तलाक का फैसला हुआ। महिला ने प्रथम अपील की। हाईकोर्ट में उनका केस पेडिंग है। 26 जून को दोनों पक्षों को नोटिस भी जारी हुए। महिला को कोर्ट जाने की सलाह दी है।

 

मध्य प्रदेश. धार नगर पालिका के अधीक्षण यंत्री डीके जैन के तीन ठिकानों पर लोकायुक्त ने शनिवार सुबह रेड की। लोकायुक्त की टीम आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच करने पहुंचे हैं। धार के अलावा इंजीनियर के इंदौर स्थित घर पर भी कार्रवाई के लिए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में करोड़ों की बेनामी का संपत्ति खुलासा हुआ है। डीके जैन के घर से लोकायुक्त को 44 तोला सोना और 1 किलो चांदी मिले हैं। डीके जैन को रिटायर होने में 1 साल बाकी है।

एसपी के निर्देश पर डीएसपी संतोष सिंह भदोरिया के नेतृत्व में टीम ने डीके जैन के स्कीम नंबर 78 स्थित मकान पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में 44 तोला से ज्यादा के सोने के आभूषण, मकान, दुकान और कृषि भूमि की 20 से ज्यादा रजिस्ट्री मिली है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में किए गए निवेश की भी जानकारी मिली है।

डीएसपी भदोरिया के मुताबिक डीके जैन जिस बंगले में रहते हैं। उसकी कीमत 1 करोड़ से अधिक की है। प्रारंभिक जांच में इंदौर में 5 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति की जानकारी मिली है।

बताया जा रहा है कि धार के सरकारी आवास सहित अन्य स्थानों से 15 से ज्यादा रजिस्ट्री मिली हैं। जो उनके परिजन के नाम पर भी दर्ज है। DSP शिव सिंह यादव ने बताया कि धार और इंदौर के आवासों पर एक साथ छापे मारे गए हैं। शुरुआती जांच में 15 पासबुक मिली हैं, जिनका मिलान किया जा रहा है। सोने के गहने, म्यूचुअल फंड से संबंधित जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं। वेतन से करीब 112% अधिक संपत्ति होने की जानकारी सामने आई है। नगर पालिका अधीक्षण यंत्री को नौकरी के 20 साल हो चुके हैं। इससे पहले पहले राउ नगर पंचायत में भी पदस्थ रहे हैं। वर्तमान में धार नगर पालिका के में पदस्थ है।

ग्वालियर. ग्वालियर में एक प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। दोनों की सिर कटी लाश रेलवे लाइन पर पड़ी मिली है। जब पुलिस ने शवों के टुकड़े समेटकर पहचान की, तो उनकी पहचान हो गई। असल में, 45 साल का प्रेमी कुंवारा और 35 साल की प्रेमिका विवाहिता थी। युवक उसे शर्ट में बटन लगाने का काम देता था। शर्ट में बटन लगाते-लगाते दोनों के बीच इश्क हो गया। इधर, लोगों को उनका मिलना पसंद नहीं था। इस कारण दोनों ने शुक्रवार रात ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली। दोनों दतिया के रहने वाले थे। यहां भी बहोड़ापुर के किशनबाग में पास-पास रह रहे थे।

शहर के मऊ रेलवे ब्रिज के नीचे शुक्रवार रात पुलिस को एक महिला और पुरुष के शव पड़े होने की सूचना मिली थी। शव को निगरानी में लेकर महाराजपुरा थाना पुलिस ने जांच शुरू की, तो पता लगा कि दोनों शव बहोड़ापुर के किशनबाग निवासी मिथिलेश कुशवाह और पड़ोस में रहने वाले सोनू नामदेव के हैं। पुलिस ने मृतकों के परिजन को सूचना दी। मृतका के परिजन ने ही दोनों की शिनाख्त की है।

एक गांव से एक मोहल्ले तक की कहानी

मिथिलेश की कुछ साल पहले ग्वालियर निवासी आशाराम से शादी हो गई थी। उसके एक बेटा और एक बेटी हैं, जबकि सोनू नामदेव ने शादी ही नहीं की थी। कुछ साल पहले सोनू बहोड़ापुर के किशनबाग में मिथिलेश के घर के पास ही रहने आ गया था।

दोनों की गांव से ही दोस्ती थी। ग्वालियर में सोनू शर्ट सिलने का काम करता था। शर्ट में काज और बटन का काम वह मिथिलेश को देता था। मिथिलेश का पति पानीपुरी का ठेला लगाता है। उसका कहना है, उसे कुछ नहीं पता। जब वह घर से निकल जाता था, तो उसके बाद क्या होता था, उसे जानकारी नहीं है।

15 दिन से सोनू और दो दिन से मिथिलेश थी लापता

जांच में पता चला है, सोनू नामदेव 15 दिन से कमरे का ताला लगाकर कहीं चला गया था। दो दिन पहले मिथिलेश भी कपड़े सिलाई का पेमेंट लेने का कहकर बाड़े गई थी। जब वह वापस नहीं आई, तो पति ने उसके लापता होने की जानकारी बहोड़ापुर थाने में दी।

महाराजपुरा टीआई पीएस यादव का कहना है कि एक महिला और युवक का शव रेलवे ट्रैक पर मिला है। मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। मौत की असल वजह जानने के लिए पोस्टमाॅर्टम कराया जा रहा है। मामला प्रेम प्रसंग का प्रतीत हो रहा है।

मुंबई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी 4.20 करोड रुपए की अचल संपत्ति ज़ब्त कर ली है। दरअसल, ईडी ने महाराष्ट्र में 100 करोड़ों रुपए की वसूली कांड की जांच के दौरान यह कार्रवाई की। ईडी का कहना है कि उसने भ्रष्टाचार के मामले में पीएमएलए के तहत महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके परिवार की 4.20 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की है।
इससे पहले अनिल देशमुख के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल को लगता है कि कथित धनशोधन मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच उचित नहीं है और इसलिए वह तफ्तीश में शामिल नहीं हो रहे। ईडी ने इससे पहले देशमुख को कई समन जारी कर बयान दर्ज करने को कहा था। हालांकि, राकांपा नेता देशमुख (72) ने कोविड-19को लेकर संवेदनशील होने का हवाला देते हुए पेशी से इनकार कर दिया था।

नई दिल्ली । नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हमें यह टारगेट दिया है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आनी चाहिए। उन्होंने तीसरी लहर का जिक्र करते हुए कहा "दुनिया के कई हिस्सों में हालात अच्छे से बदतर होते जा रहे हैं, दुनिया तीसरी लहर की तरफ बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि यह हमारे लिए चेतावनी है। सजगता-सतर्कता जरूरी है। स्पेन में हर हफ्ते सामने आने वाले मामलों में 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यूरोप के नीदरलैंड में एक हफ्ते में कोरोना के मामले 300 फीसदी तक बढ़े हैं।"
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर का अंदेशा जताया है, लेकिन तीसरी लहर से ज्यादा हमें यह समझना होगा कि वह कितनी असरदार होगी। समय के साथ अगर लोगों में एंटीबॉडी कम होती हैं और वायरस में म्यूटेशन होता है तो ज्यादा मामले सामने आएंगे। तीसरी और चौथी लहर भी आ सकती है। अभी भी देश में दूसरी लहर पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। मामले कम हुए हैं, लेकिन ये सीमित क्षेत्रों में अब भी मौजूद है। 4 मई के हफ्ते में ऐसे 531 जिले थे, जहां रोज 100 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे थे। अब ऐसे सिर्फ 73 जिले रह गए हैं। हालांकि, एनालिसिस बताता है कि जैसे-जैसे गतिविधियां बढ़ रही हैं, मास्क का इस्तेमाल कम होता जा रहा है।
जोखिम का अधिक सामना करने वाले पुलिसकर्मियों को कोविड-19 टीके की दो खुराक देने से डेल्टा वेरिएंट के कारण दूसरी लहर में कोरोना वायरस से 95 प्रतिशत मौत रोकने में सफलता मिली है। यह जानकारी आईसीएमआर के अध्ययन में सामने आई। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने यह अध्ययन पेश किया जिसे तमिलनाडु में कराया गया था। कोविड-19 से होने वाली मौत को रोकने में टीके की प्रभाव क्षमता पता लगाने के लिए यह अध्ययन कराया गया था।
करीब 1,17,524 पुलिसकर्मियों पर अध्ययन किया गया जिनमें से 17,059 को टीका नहीं लगा था जबकि 32,792 को टीके की एक खुराक और 67,673 पुलिसकर्मियों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी थी। अध्ययन में पता चला कि टीका नहीं लगवाने वाले पुलिसकर्मियों में कोविड-19 के कारण मौत का प्रतिशत 20 था, जबकि एक खुराक लेने वालों में यह सात फीसदी और दूसरा खुराक लेने वालों में चार प्रतिशत था।
साथ ही जिन पुलिसकर्मियों ने टीके की पहली खुराक ली थी उनमें टीके की प्रभाव क्षमता 82 प्रतिशत थी और दोनों खुराक लेने वालों में यह 95 प्रतिशत थी। अध्ययन में कहा गया कि अधिक जोखिम वाले पुलिसकर्मियों को कोविड-19 टीके की दोनों खुराक देने से डेल्टा वेरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में कोरोना वायरस से 95 फीसदी मौत रोकने में सफलता मिली।
अध्ययन के मुताबिक, टीका नहीं लेने वालों में प्रति एक हजार पर मौत का आंकड़ा 1.17, आंशिक रूप से टीकाकरण कराने वालों में 0.21 फीसदी और पूरी तरह टीकाकरण कराने वालों में यह 0.06 फीसदी था। पॉल ने अध्ययन को साझा करते हुए कहा कि गंभीर संक्रमण से बचने में कोविड-19 का टीका काफी महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली । कांग्रेस में दरकिनार होने के बाद खामोश रहने को मजबूर बिहारी बाबू शत्रुघन सिन्हा, नई राजनीतिक संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं। सूत्रों का दावा है सियासी गलियारों में बिहारी बाबू के नाम से पहचाने जाने वाले शत्रुघन सिन्हा आने वाले दिनों में त्रृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि हालिया बंगाल चुनाव में जिस तरह से ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी को मात दी है, उससे सिन्हा प्रभावित बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि 2024 के आम चुनाव में ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित प्रतिदद्वंदी हो सकती हैं। ऐसे में शत्रुघन सिन्हा टीएमसी में अपनी संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं। इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि 21 जुलाई को शहादत दिवस के मौके पर होने वाले वाले आयोजन के दौरान सिन्हा दीदी के पाले में जा सकते हैं। शत्रुघन सिन्हा ने टीएमसी में जाने के बाबत सवाल किया था, तब उन्होंने साफ मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राजनीति संभावनाओं की एक कला है। बहरहाल, सिन्हा के करीबी सूत्रों ने इस संभावना से इंकार नहीं किया है। वहीं टीएमसी नेताओं के भी एक गुट का दावा है कि इस दिशा में बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। इसके मुताबिक बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके रिश्ते काफी अच्छे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में बंगाल चुनाव के नतीजे आने के बाद शत्रुघन सिन्हा ने ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने ममता को रियल रॉयल बंगाल टाइगर और धनशक्ति और प्रोपोगेंडा के खिलाफ आजमाई हुई नेता बताया था। बता दें कि कभी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में शत्रुघन सिन्हा के साथी रहे यशवंत सिन्हा आजकल टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं। पटना साहिब से दो बार सांसद रह चुके शत्रुघन सिन्हा ने 2019 में कांग्रेस से चुनाव लड़ा था , लेकिन उन्हें रविशंकर प्रसाद के हाथों मात खानी पड़ी थी। इसके बाद कांग्रेस में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। वहीं ममता बनर्जी 2024 के चुनाव में मोदी के सामने बड़ा चेहरा बनने की कोशिश में लगी हैं। ऐसे में राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि शत्रुघन सिन्हा और यशवंत सिन्हा इस दिशा में पार्टी के लिए बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इस बात के भी संकेत हैं कि शत्रुघन सिन्हा को पार्टी राज्यसभा में भी भेज सकती है।

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