ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई। डायरेक्टर रोहित शेट्टी बीती शाम 'खतरों के खिलाड़ी 11' के लॉन्चिंग इवेंट के दौरान सूर्यवंशी की रिलीज डेट पर भी बात की। रोहित शेट्टी ने मीडिया को बताया कि वो थिएटर्स खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जैसे ही देशभर के थिएटर्स दोबारा खुल जाएंगे, उनकी फिल्म सूर्यवंशी दर्शकों के सामने होगी। उन्होंने कहा -मैं ऐसे माहौल में सिंघम (3) नहीं बना सकता था। होल्डिंग पीरियड में रोहित ने वरुण शर्मा, जैकलीन फर्नांडीज और पूजा हेगड़े के साथ डबल रोल में रणवीर सिंह के साथ कॉमेडी ऑफ एरर्स-सर्कस की फिल्म शुरू की। यह फिल्म हिंदी सिनेमा के कुछ बेहतरीन हास्य कलाकारों के साथ बनाई गई है।
कोरोना मुक्त गांवों के लक्ष्य को लेकर वेबिनार आयोजित.
दुर्ग। गांवों को पूरी तरह से कोरोना से कैसे मुक्त रख सकें। इस विषय पर सार्थक चर्चा वेबिनार के माध्यम से हुई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डिप्टी कलेक्टर डॉ. प्रियंका वर्मा दुर्ग ने वेबिनार को सम्बोधित किया और बताया कि किस तरह से दुर्ग जिले में कोविड के रोकथाम के लिया कार्य किया गया। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि वैक्सीन से ही कोविड जैसी महामारी को नियंत्रण में किया जा सकता है। उन्होने पंचायत स्तर पर समितियों का गठन कर कोरोना से बचाव, रोकथाम पर काबू पाने की भी बात कही।
इसके पश्चात जनपद सीईओ जी एस राजपूत ने पूरे कार्यक्रम का संक्षेप में वर्णन किया और कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र को ऐसे वेबीनार के आयोजन हेतु धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य वक्ता लेखक, चिंतक, आई आर एस सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ डॉ. आर के पालीवाल ने सभी सरपंचों को उनके काम के लिए बधाई दी और कहा कि बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। उन्होंने इस बात से सभी को अवगत कराया की वैक्सीन के बाद भी कोरोना हो सकता है, इसलिए किसी को भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार पर हमारी निर्भरता ज्यादा नहीं होनी चाहिए क्योंकि उनको बहुत कुछ देखना होता है और हमें स्वयं जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके पश्चात उन्होंने गावों में रखने वाली सावधानियों से अवगत कराया जिसमे मुख्य रूप से साफ सफाई पर जोर दिया जिससे न केवल कोरोना बल्कि अन्य सभी बिमारियों से भी बचाव हो सके। गांवों के हाट बाजारों को भी बंद रखने की सलाह दी। जो व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करे उनको जोर जबरदस्ती की बजाय गाँधीवादी तरीके से समझाइश देकर नियमो का पालन कराने को कहा। अंत में उन्होंने चार बातों पर जोर दिया। पहला मास्क लगाना, दूसरा बार बार हाथ धोना, तीसरा भौतिक दूरी बनाये रखना और चौथा वैक्सीन लगाना।
इसके साथ ही उन्होंने स्वस्थ गांव बनाने की ओर कदम बढ़ाने और जैविक खाद्य सामग्री को भी प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कोरोना मुक्त गांव की जगह स्वस्थ और समृद्ध गांव बनाने का नारा दिया। उन्होंने गांधीजी का स्मरण करते हुए यह कहकर अपनी बात समाप्त की कि श्रमदान करने और आलस्य से दूर रहने से बहुत से काम हो सकते है ।
इसके पश्चात नमन सेवा समिति के संचालक शिशिर ने अपनी संस्था के द्वारा किए गए कार्यो का वीडियो दिखलाया। उन्होंने गांवों में चलाये जाने वाले अपने जन जागरण अभियानों का परिचय दिया और अपने शुरू किए गए कार्यक्रमों से सभी को अवगत कराया जिसमे स्व-सहायता समूहों का गठन, जैविक खेती से सम्बंधित प्रशिक्षण आदि शामिल है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया की कैसे उन्होंने दुग्ध उत्पादन संघ और कोपरेटिव बनाये। उन्होंने नमन प्रेरको (जो की उनके उनकी संस्था के काम को आगे बढ़ाते है) की सहायता से, कोरोना की रोकथाम में किए गए कार्यो की जानकारी व सहायता करने की पेशकश करते हुए अपनी बात समाप्त की ।
तत्पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सुरेश गर्ग ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरपंच गांव के मुख्यमंत्री जैसे होते है और जिन्होंने भी आदर्श गांव बनाये है उनमे जाग्रति आयी है जिसके कारण वे ऐसा कर पाए। आगे उन्होंने कहा कि ये पहला ऐसा सेमिनार है जिसमे पूरे जिले के प्रबंधन के व्यक्ति सीधे जुड़कर वेबिनार के माध्यम से भाग ले रहे है। उन्होंने डॉक्टर होने के नाते सभी के टीकाकरण पर जोर दिया और अंत में हाथ धोने की आदत एवं सोशल डिस्टन्सिंग का ठीक ठीक पालन करने पर जोर देते हुए ये कहा कि अगर हर एक गांव के सरपंच व सचिव इन बातो का अपने अपने गांवो में प्रचार प्रसार करे तो निश्चित तौर पर हमें कोरोना मुक्त गांव बनाने के लक्ष्य में सफल होंगे। डॉ. गर्ग ने उपस्थित सभी सरपंच व सचिव से यह भी आग्रह किया कि यदि आप अपने गांव को एक आदर्श गांव बनाना चाहते है तो हमारी टीम ग्राम स्तर पर यह आयोजन कर आप लोगों का सहयोग करेगी।
इसके पश्चात डॉ. सुरेश गर्ग एवं डॉ. आर के पालीवाल ने ग्राम सचिव शेष एवं राजेंद्र वर्मा व सरपंच पोषण साहू एवं धन्नू गौतम के प्रश्नो के उत्तर देकर समाधान पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र के निदेशक अजय कल्याणी ने किया एवं सभी वक्ताओं व सहभगियो का आभार व धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष चिरंजीव राव ने किया।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दिये अधिकारियों को निर्देश, दुर्ग शहर के दौरे पर थे कलेक्टर, जिन सड़कों पर निर्माण कार्य चल रहे थे वहाँ पहुँचे, कहा निर्माण के दौरान नागरिकों को किसी तरह की परेशानी न हो इसका रखें ध्यान.
नगर निगम आयुक्त और पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के साथ नगर में व्यवस्था का लिया जायजा-
प्रयास स्कूल का निर्माण कार्य हो रहा तेजी पर.
दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज दुर्ग शहर के उन जगहों पर पहुँचे जहाँ सड़कों, पाइपलाइन और ड्रेनेज संबंधी निर्माण कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनकी वजह से नागरिक सुविधाओं में किसी तरह की बाधा न हो यह सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। जहाँ कहीं भी सड़कें खराब हुई हैं, उसकी मरम्मत करें। सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत करें और यदि किसी स्थिति में फिर से गड्ढे हो जाएं तो पुनः उसे तत्काल रिपेयर करें। सड़कों की स्थिति की लगातार मानिटरिंग करें और किसी प्रकार की कमी होने पर तुरंत उसका निराकरण करें।
इस अवसर पर उनके साथ दुर्ग के नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी और पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता अशोक श्रीवास भी मौजूद थे। उन्होंने कहा सड़कों और नालियों का निर्माण यदि लेवलिंग को ध्यान में रखकर किया जाएगा तो हमें इससे बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
शहर में पॉलिटेक्निक कॉलेज के साइड में प्रस्तावित प्रयास आवासीय स्कूल का निरीक्षण भी कलेक्टर के द्वारा किया गया। कलेक्टर ने भवन का लेआउट देखा और इसके अनुरूप आवश्यक सुझाव अधिकारियों को दिये। इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए परिसर के अंदर की सड़कें लेवलिंग के आधार पर बने तथा आवासीय विद्यालय में सभी प्रकार की सुविधा हो इसका विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया। इंजीनियरों द्वारा उन्हें बताया गया कि दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
इसके बाद उन्होंने शासकीय जिला चिकित्सालय का परीक्षण किया। कलेक्टर ने अस्पताल के अंदर और अस्पताल परिसर के बाहर हाइजीन लेवल को उच्च गुणवत्ता युक्त रखने के लिए कहा। अस्पताल परिसर में लगने वाली लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के स्थान का भी परीक्षण किया और वहां उसके लिए प्लेटफार्म बनाने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल के सड़क की मरम्मत और नालियों की सफाई के लिए कहा गया। बरसात के मौसम होने के कारण दवाई के स्टॉक और पुख्ता व्यवस्था होने का जायजा भी लिया। इस दौरान सिविल सर्जन तथा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया जा रहा सर्वे, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज पाटन क्षेत्र के ऐसे खनन तालाबों का किया निरीक्षण.
क्रेडा के सोलर सिंचाई पंपों के माध्यम से होगी सिंचाई.
दुर्ग। बंद पड़े खदानों वाले तालाबों के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इनका सर्वे आरंभ हो चुका है। उल्लेखनीय है कि जिले में सिंचाई सुविधा बढ़ाने मुख्यमंत्री ने ऐसे निष्प्रयोज्य तालाबों से सिंचाई की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे पाटन ब्लाक पहुँचे। यहाँ उन्होंने सेलूद के तालाबों का निरीक्षण किया। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, एसडीएम विपुल गुप्ता, सीईओ मनीष साहू, जलसंसाधन विभाग के अधिकारी और क्रेडा के अधिकारी भी पहुँचे। उन्होंने बताया कि निष्प्रयोज्य इन खदानों में काफी गहराई तक पानी है और इसके उपयोग की बेहतर संभावना है। कलेक्टर ने इस मौके पर कहा कि ऐसे सभी निष्प्रयोज्य खनन तालाबों का सर्वे कर लें और यदि मछली पालन जैसी गतिविधियां इनमें नहीं हो रही हों तो इनके उचित प्रयोग के लिए प्लान बनाएं। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से किस तरह से सिंचाई हो सकती है। इसके लिए प्लान बनाएं। उन्होंने कहा कि क्रेडा के माध्यम से सोलर सिंचाई पंप दिये जा सकते हैं जिनसे अनुदान के माध्यम से किसान अपने खेतों में बारहमासी फसल ले सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन तालाबों में साल भर पानी भरा रहता है। साथ ही इन्हें नहर से कनेक्ट करने की संभावना भी बनती है। कलेक्टर ने कहा कि हर तालाब में सिंचाई के लिए अलग तरह का प्रोजेक्ट बनाना होगा जो डाउनस्ट्रीम को देखकर एवं अन्य तकनीकी पहलुओं को देखते हुए होगा। साथ ही इन तालाबों के नजदीकी खेतों वाले किसानों से भी संपर्क करें और बताएं कि किस तरह से सोलर पंपों के माध्यम से वे उन्नत खेती का लाभ उठा सकते हैं। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि सभी तालाबों का प्रारंभिक सर्वे किया जा चुका है। कुछ ऐसे निष्प्रयोज्य तालाबों में लोग मछली पालन कर रहे हैं। शेष तालाबों में ऐसे प्लान बना सकते हैं।
चारागाहों के समुचित उपयोग को लेकर बनाएं कार्ययोजना- कलेक्टर ने कहा कि चारागाहों में नैपियर घास उगाई जा रही है। यह पशुओं के लिए बेहद पौष्टिक है। इसका पूरी तरह उपयोग हो, इसके लिए समुचित कार्ययोजना बनाएं। साथ ही सभी गौठानों की आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त चारा मिल पाए, इसके लिए भी चारागारों की व्यवस्था की निरंतर मानिटरिंग करें।
शहर के बड़े अधोसंरचनाओं का कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने किया निरीक्षण.
आडिटोरियम, इंडोर स्टेडियम, सेंट्रल पार्क जैसे संरचनाएं ले रही आकार, कलेक्टर ने तय समयावधि में गुणवत्तापूर्वक निर्माण कार्यों के दिये निर्देश.
दुर्ग। पढ़ाई, खेल और मनोरंजन नागरिक सुविधाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण इन तीनों विषयों पर पाटन नगर में तेजी से कार्य हो रहा है। पढ़ाई लिखाई के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के साथ ही लाइब्रेरी भी तैयार हो रही है। खेलों के लिए इंडोर स्टेडियम और आउटडोर स्टेडियम का ढाँचा खड़ा हो रहा है। यहाँ बैडमिंटन, बास्केटबाल, वालीबाल जैसे खेलों के साथ ही स्क्वैश जैसे खेलों की व्यवस्था भी होगी। सेंट्रल पार्क, हनुमान तालाब और नकटा तालाब में भव्य इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है यहाँ लोगों की शाम की तफरीह के लिए पूरा इंतजाम होगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज सभी निर्माणाधीन अधोसंरचनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने इन्हें गुणवत्तापूर्वक और तय समय सीमा पर पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि सभी अच्छी सुविधाओं के साथ ही शहर में एक अच्छा जिम भी होना चाहिए। कलेक्टर ने शहर के हृदयस्थल में यह जिम बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को वर्कआउट करने के लिए एक अच्छी जगह मिल पाएगी। इसके लिए जगह का निर्धारण आडिटोरियम के करीब किया गया है। कलेक्टर ने आडिटोरियम भी देखा। यहाँ 300 लोगों के बैठने की कैपेसिटी है। उन्होंने निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया। इसका कार्य जल्दी पूरा करने के निर्देश उन्होंने दिये। कलेक्टर ने हनुमान तालाब और नकटा तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य भी देखा। अधिकारियों ने बताया कि यहाँ पर फूड कोर्ट आदि की व्यवस्था भी होगा। इनके सौंदर्यीकरण का लेआउट प्लान भी कलेक्टर ने देखा। अधिकारियों ने बताया कि इसके लेआउट डिजाइन में आधुनिक मानकों के मुताबिक सब कुछ रखा गया है। कलेक्टर ने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ समय का भी ध्यान रखें। सेंट्रल पार्क का निर्माण जल्दी पूरा करने के निर्देश भी उन्होंने दिये। कलेक्टर ने सामुदायिक भवन का कार्य भी देखा। इसका काम उन्होंने अगस्त महीने में पूरा करने निर्देश दिये। कलेक्टर ने प्लांटेशन पर भी जोर दिया। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल जो प्लांटेशन हुए थे, उनके अच्छे नतीजे रहे हैं। इस बार भी प्लांटेशन किये जा रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि प्लांटेशन के लिए गुलमोहर और कदंब पर विशेष जोर दें। इन पेड़ों की उत्तरजीविता की दर काफी होती है। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष पाटन भूपेंद्र कश्यप भी मौजूद थे। कलेक्टर ने उनसे शहर की समस्याओं की जानकारी भी ली। नगर पंचायत अध्यक्ष ने नागरिक सुविधाओं की दृष्टि से उपयोगी विषयों को कलेक्टर के समक्ष रखा। इस मौके पर एसडीएम विपुल गुप्ता तथा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
दुर्ग। जिले में जनसंख्या स्थरिकरण पखवाड़ा के दूसरे चरण में 11 से 24 जुलाई तक सेवा प्रावधान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा। विकल्पों की टोकरी पर हितग्राहियों की परामर्श में गतिविधियों के दौरान टेली परामर्श को प्राथमिकता दी जा रही।
गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा पहला चरण दंपति संपर्क पखवाड़ा 27 जून से 10 जुलाई तक परिवार नियोजन के महत्व के बारे में लोगों की जागरूकता पर केंद्रित रहा। जिला चिकित्सालय समेत सभी सीएचसी व पीएचसी में परामर्श केंद्र बनाए गए हैं।
बीएमओ धमधा डॉ. डी.पी. ठाकुर ने बताया, विश्व जनसंख्या दिवस पर ब्लॉक के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दैनिक गर्भ निरोधक गोली, साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली, आपातकालीन गर्भ निरोधक गोली, निरोध, गर्भ जांच किट एवं अंतरा की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है। पखवाड़े के दौरान लक्ष्य दम्पतियों की सुविधा के लिए गर्भनिरोधक सामग्रियां स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मितानिन के पास उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य केंद्रों में कंडोम बॉक्स एवं कॉन्ट्रासेप्टिव डिस्प्ले ट्रे में भी संबंधित गर्भनिरोधकों की आवश्यक मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने बताया, कोविड-19 की घटती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी प्रकार की सेवाओं यथा- महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी एवं आईयूसीडी सहित सभी परिवार नियोजन सेवा को पूर्व की भांति नियमानुसार नियमित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित किया जाएगा।
धमधा, अहिरवारा व कुम्हारी सीएचसी में होगा नसबंदी ऑपरेशन–
बीईटीओ धमधा गोविंद उइके ने बताया, धमधा ब्लॉक के तीनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा, अहिरवारा व कुम्हारी में ओटी कक्ष की सुविधाएं होने की वजह से फिक्स डे नसबंदी सत्र आयोजित कर एक दिन में 10 हितग्राहियों की नसबंदी की जाएगी| नसबंदी से पहले महिलाओं को एचबी, एचआईबी, बीपी, शुगर, कोविड-19 आरटीपीसीआर टेस्ट में निगेटिव होने पर के बाद ही पात्र महिला की नसबंदी की जाएगी। इसके अलावा प्रसव के तुरंत बाद लगने वाले पीपीआईयूसीडी व दो बच्चों के बीच अंतर के लिए आईयूसीडी (कॉपर-टी ) निवेश की सुविधा प्रदान की जाएगी।
बीईटीओ उइके ने बताया, धमधा ब्लॉक में 400 सीटीटी (महिला नसबंदी) व 100 एनएसवीटी (पुरुष नसबंदी) का लक्ष्य रखा गया है। ब्लॉक के 38 पुरुष आरएचओ, 52 महिला आरएचओ व 422 मितानिनों द्वारा लक्ष्य दम्पति पखवाड़ा के दौरान चयनित दम्पतियों का पंजीयन व टोकन स्वास्थ्य केंद्रों में कराया गया है। टोकन के अनुसार क्रमवार हितग्राहियों की नसबंदी कारवाई जाएगी| नसबंदी के बाद हितग्राहियों को एम्बुलेंस की सुविधा से घर भेजने की व्यवस्था की गई है।
भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के वायर रॉड मिल ने 10 जुलाई, 2021 को एसएई-1008 के 2700 टन वायर रॉड काॅइल्स का सफलतापूर्वक नेपाल निर्यात किया गया। इस वित्तीय वर्ष में अब तक सेल-बीएसपी ने 3 बार में कुल 8100 टन वायर राॅड का निर्यात नेपाल को कर चुका है।
विदित हो कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के वायर रॉड मिल में परंपरागत रूप से एसएमएस-1,बीबीएम रूट से प्लेन वायर रॉड और टीएमटी कॉइल की रोलिंग की जाती रही है। एसएमएस-1,बीबीएम रूट के बंद होने के बाद, वायर रॉड मिल ने एसएमएस-3 रूट से प्राप्त कास्ट बिलेट्स से गुणवत्ता वाले एसएई-1008 के प्लेन वायर रॉड्स की तीसरी बार सफलतापूर्वक रोलिंग एवं निर्यात की है।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के वायर रॉड मिल ने 10 जुलाई, 2021 को एसएई-1008 के कुल 43 वैगनों की रेक में इस ग्रेड के 2700 टन वायर राॅड को रोल करके नेपाल भेजा गया। कॉइल्स की एक और अनूठी विशेषता यह है कि प्रत्येक कॉइल को क्यूआर कोड के साथ लेबल किया गया है जिसमें विभिन्न प्रकार की जानकारी होती है जैसे - हीट नंबर, क्वाइल संख्या, रोलिंग की गुणवत्ता, अनुभाग, तिथि और शिफ्ट। ये सभी जानकारी प्रत्येक कॉइल के लिए अलग-अलग होती हैं। इस लेबलिंग के साथ कॉइल के उचित लेबलिंग और मार्किंग की गयी है। ऐसा करते हुए सेल के मार्केटिंग विभाग सीएमओ की आवश्यकताओं को पूरा किया गया।
एसएई-1008 वायर रॉड्स का उपयोग वायर ड्रॉइंग यूनिट्स द्वारा जीआई वायर बनाने के लिए किया जाएगा जिसके माध्यम से पहाड़ो पर होने वाले भू-स्खलन को रोकने हेतु गेबीयन बाॅक्स का निर्माण किया जाएगा। आधी सामग्री को आगे के उपयोग के लिए गैल्वेनाइज्ड किया जाएगा।
इससे पूर्व 9 जून, 2021 को पहली बार 2700 टन और 30 जून, 2021 को दूसरी बार 2700 टन वायर राॅड नेपाल निर्यात किया गया था।
भिलाई। सेल-भिलाई स्टील प्लांट की यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) ने जून, 2021 के महीने में फिनिष्ड रेल, प्राइम रेल और लॉन्ग रेल का अपना सर्वश्रेष्ठ जून उत्पादन दर्ज किया है। मिल ने अप्रैल से जून 2021 की अवधि में प्राइम रेल और लॉन्ग रेल एवं फिनिष्ड रेल के उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ पहली तिमाही (क्यू1) उत्पादन का नया रिकाॅर्ड दर्ज किया है। गौरतलब है कि भिलाई स्टील प्लांट ने भारतीय रेलवे की नए ग्रेड और प्रोफाइल की मांग को पूरा करने के लिए अपने पूरे रेल उत्पादन को यूनिवर्सल रेल मिल और रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल दोनों से यूटीएस 90 ग्रेड के स्थान पर आर 260 ग्रेड रेल एवं नई 60ई1 प्रोफाइल का उत्पादन किया जा रहा है।
यूआरएम ने अपना सर्वश्रेष्ठ जून का कीर्तिमान बनाते हुए फिनिश्ड रेल उत्पादन 58,155 टन दर्ज किया, जो कि जून, 2020 में किये गये 54,767 टन के उत्पादन से अधिक है। मिल ने प्रथम तिमाही में 1,55,975 टन उत्पादन करते हुए अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकाॅर्ड दर्ज किया।
यूआरएम ने अपना सर्वश्रेष्ठ जून माह का प्राइम रेल उत्पादन करते हुए 52,845 टन का नया कीर्तिमान दर्ज किया, जोकि जून, 2020 में किये गये 48,883 टन रेल से कहीं अधिक है। यूआरएम ने प्रथम तिमाही में 1,37,252 टन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्राइम रेल उत्पादन करते हुए नया रिकाॅर्ड बनाया।
यूआरएम ने जून माह में अपना उच्चतम लांग रेल उत्पादन का कीर्तिमान बनाते हुए 48,142 टन की रिकाॅर्ड रोलिंग की, जो कि जून, 2020 में 44,565 टन के पिछले सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के मुकाबले अधिक है। यूआरएम ने प्रथम तिमाही में 1,24,697 टन का अपना सर्वश्रेष्ठ लांग रेल उत्पादन रिकाॅर्ड दर्ज किया।
संयंत्र ने अपने दोनों रेल मिल से जून माह में सर्वश्रेष्ठ 56,276 टन लंबी रेल का रिकाॅर्ड उत्पादन दर्ज किया, जबकि पिछले जून, 2020 में 54,793 टन का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन किया था। संयंत्र ने अप्रैल-जून, 2021 के अवधि में अपनी यूनिवर्सल रेल मिल और रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल अर्थात दोनों मिलों से 1,36,032 टन लांग रेल का उच्चतम उत्पादन कर नई ऊंचाई दर्ज की है। जबकि यूआरएम द्वारा जून, 2021 तक 60ई1 प्रोफाइल में 1 लाख टन से अधिक आर-260 ग्रेड रेल का उत्पादन और प्रेषण किया गया है, रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल से ग्रेड आर-260 की 60ई1 प्रोफाइल के साथ प्राइम रेल का उत्पादन 36,279 टन किया है।
समाज का सहयोग कर उन्हें आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता : मंत्री डॉ डहरिया.
रायपुर. नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने आरंग विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुकरा में धीवर और साहू समाज भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास और भूमिपूजन किया। इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ. डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सभी समाज के लोगों के विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी परम्परा, संस्कृति, धरोहरों को सहेजने और आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहू और धीवर समाज का भी योगदान छत्तीसगढ़ के विकास में है। पिछड़े हुए समाज का सहयोग करना और आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में है। समाज को भी चाहिए कि वे जनहितैषी कार्यों में अपनी सहभागिता निभाए।
डॉ. डहरिया ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। किसानों, गरीबों, मजदूरों के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आरंग विकासखण्ड क्षेत्र में उन्होंने सभी समाज के लिए भवन स्वीकृत किए हैं। भवन का उपयोग सामाजिक कार्य के अलावा शिक्षा के विकास और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए किया जा सकता है। मंत्री डॉ.डहरिया ने कहा कि जो संघर्ष करने वाले होते हैं, वे सफल भी होते हैं। आप अपने बच्चों को शिक्षित बनाइयें, उन्हें बेहतर शिक्षा से जोड़कर आगे बढ़ाइयें और जागरूक बनकर समाज को विकास की राह में आगे बढ़ाइयें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा के साथ योजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। आप इन अवसरों का लाभ उठाकर एक जागरूक समाज के रूप में अपनी पहचान बना सकते हैं। आपके बच्चे अच्छे से पढ़ेंगे, डॉक्टर, इंजीनियर की नौकरी करेंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। गरीबी दूर होगी और आप बेहतर तरीके से जीवनयापन कर पाएंगे। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि ग्राम कुकरा में पहले भी अनेक कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। धीवर और साहू समाज के लिए 11.5 लाख रुपए का भवन भी बनाया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर यहाँ सीसी रोड़ के लिए 5 लाख राशि देने की घोषणा भी की। कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष खिलेश्वर देवांगन, उपाध्यक्ष श्रीमती हेमलता साहू, नगर पंचायत आरंग अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्राकर, कोमल साहू सहित जिला और जनपद पंचायत सदस्य, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी, कर्मचारीगण और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
नगरीय प्रशासन मंत्री शामिल हुए वजन त्यौहार कार्यक्रम में.
रायपुर. नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया आरंग विकासखंड के ग्राम कुकरा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित वजन त्यौहार कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने यहाँ बच्चों का वजन कराया और किशोरी बालिकाओं को सुपोषण किट सहित अन्य सामग्री बांटी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि जिस तरह मजबूत भवन बनाने के लिए मजबूत नीव तैयार की जाती है, उसी तरह देश का बेहतर भविष्य तैयार करने के लिए सबसे पहले स्वस्थ और सुपोषित बच्चे तैयार किया जाना जरूरी है। आज के बच्चे ही कल के भविष्य है, इसलिए इन्हें स्वस्थ और सुपोषित बनाने में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी ग्रामीणों को वजन त्यौहार के विषय में बताते हुए अपने घर और आसपास के बच्चों का वजन कराने की अपील की।
मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि बच्चों के पोषण स्तर के आंकलन के लिए वजन करना आवश्यक होता है। वजन कराने से बच्चों के विकास की सही जानकारी मिल पाती है। उन्होंने अभिभावकों से कहा है कि बच्चों के सुपोषण पर विशेष ध्यान दें और उन्हें पौष्टिक आहार जरूर दें। पौष्टिक आहार से बच्चों में शारिरिक और मानसिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि उम्र के साथ बच्चों के विकास का पता लगाने उसकी ऊंचाई और वजन लिया जाता है। इससे सुपोषण और कुपोषण की जानकारी मिल पाती है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में एनीमिया से पीड़ित महिलाओं और किशोरी बालिकाओं के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं को सुपोषित बनाने के लिए लगातार पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। विगत ढाई साल में प्रदेश के अधिकांश जिलों में कुपोषण की दर में कमी आई है। दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में भी सुपोषण का स्तर बढ़ा है। उन्होंने सभी अभिभावकों से आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर वजन त्यौहार में शामिल होने का आग्रह भी किया। मंत्री डॉ डहरिया ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हित किशोरी बालिकाओं और बच्चों को सुपोषण किट तथा स्वच्छता सामग्री भी वितरित किया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष खिलेश्वर देवांगन, उपाध्यक्ष श्रीमती हेमलता साहू, कोमल साहू सहित जिला और जनपद पंचायत के सदस्य, विभाग के अधिकारी कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका सहित बच्चों के साथ उनकी माताएं उपस्थित थीं।