ईश्वर दुबे
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आधुनिक एम्बुलेंस को दिखायी हरी झंडी: ग्रामीण इलाकों को मिलेगा आपातकालीन स्वास्थ्य लाभ
सीएसआर निधि से प्रदत्त एम्बुलेंस में उपलब्ध है बेसिक लाइफ सपोर्ट समेत आधुनिक सुविधाएँ
रायपुर 25 जुलाई 2025//
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया स्थित कैम्प कार्यालय परिसर से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एम्बुलेंस बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) निधि से प्रदत्त है, जिसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम सहित अन्य उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।
यह एम्बुलेंस मुख्य रूप से मनोरा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु रखी जाएगी, जिसकी सेवाएँ आवश्यकता अनुसार पूरे जिले में ली जा सकेंगी। इससे आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित चिकित्सा परिवहन सेवा सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सहायता मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण और त्वरित स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने के लिए कृतसंकल्पित है। उनकी पहल पर विशेष रूप से ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाएँ प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने बताया कि कुनकुरी में मेडिकल कॉलेज और 50 बिस्तर वाला मातृ एवं शिशु अस्पताल, जशपुर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रगति में है।
इस अवसर पर सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी, और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आधुनिक एम्बुलेंस को दिखायी हरी झंडी: ग्रामीण इलाकों को मिलेगा आपातकालीन स्वास्थ्य लाभ
सीएसआर निधि से प्रदत्त एम्बुलेंस में उपलब्ध है बेसिक लाइफ सपोर्ट समेत आधुनिक सुविधाएँ
रायपुर 25 जुलाई 2025//
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया स्थित कैम्प कार्यालय परिसर से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एम्बुलेंस बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) निधि से प्रदत्त है, जिसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम सहित अन्य उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।
यह एम्बुलेंस मुख्य रूप से मनोरा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु रखी जाएगी, जिसकी सेवाएँ आवश्यकता अनुसार पूरे जिले में ली जा सकेंगी। इससे आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित चिकित्सा परिवहन सेवा सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सहायता मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण और त्वरित स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने के लिए कृतसंकल्पित है। उनकी पहल पर विशेष रूप से ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाएँ प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने बताया कि कुनकुरी में मेडिकल कॉलेज और 50 बिस्तर वाला मातृ एवं शिशु अस्पताल, जशपुर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रगति में है।
इस अवसर पर सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी, और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वच्छता दीदियों को किया सम्मानित, कहा – देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में निभा रही हैं अहम भूमिका
रायपुर 25 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में हमारी स्वच्छता दीदियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, जिन्होंने निष्ठा, परिश्रम और सेवा-भावना के साथ समाज को नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया में आयोजित सम्मान समारोह में स्वच्छता दीदियों को साड़ी, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जशपुर एक प्राकृतिक रूप से समृद्ध और सुंदर जिला है, लेकिन पहले जब वे गांवों का दौरा करते थे, तो सड़कों के किनारे फैला कचरा गांवों और नगरों की सुंदरता को धूमिल कर देता था। इस स्थिति को बदलने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत कर इसे राष्ट्रीय जनआंदोलन में परिवर्तित किया। उन्होंने स्वयं झाड़ू उठाकर लोगों को प्रेरित किया और गांव-गांव, शहर-शहर स्वच्छता की अलख जगाई। उन्होंने हर नागरिक को स्वच्छ और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दिलाने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान में हमारी स्वच्छता दीदियों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनके अथक परिश्रम और समर्पण का ही परिणाम है कि आज जशपुर जिले ने स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। वे वास्तव में सम्मान की पात्र हैं, क्योंकि उन्होंने हमें स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में अमूल्य योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने घर, मोहल्ले, चौराहे, मंदिर और सार्वजनिक स्थलों की सफाई को अपना कर्तव्य मानें और स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल करें।
उल्लेखनीय है कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी स्वच्छता सुधारों के मूल्यांकन और प्रोत्साहन हेतु स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के अंतर्गत 4,589 शहरों को शामिल किया गया था। इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में जशपुर जिले के नगरीय निकायों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन कर देश भर में अपना परचम लहराया है।इसमें जशपुरनगर ने 20,000 से 50,000 की जनसंख्या वर्ग में पूरे देश में 10वां स्थान प्राप्त किया है, जो कि 2023 की 505वीं रैंकिंग से एक लंबी छलांग है। इसी वर्ग में नगर पंचायत कुनकुरी ने 13वां रैंक, नगर पंचायत पत्थलगांव ने 30वां रैंक, नगर पंचायत बगीचा ने 51वां रैंक, और नगर पंचायत कोतबा ने 64वां रैंक हासिल किया है। यह असाधारण उपलब्धि स्वच्छता दीदियों के परिश्रम और प्रशासनिक टीम के समन्वित प्रयास का प्रतिफल है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरीय निकायों द्वारा योजनाबद्ध रूप से कई कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें बी.टी. रोड निर्माण, रोड मार्किंग, सामुदायिक शौचालयों का उन्नयन, चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण, वॉल पेंटिंग, वेस्ट मैटेरियल से पार्कों का निर्माण, कम्पोस्टिंग शेड और रिसाइक्लिंग सेंटर की स्थापना, फुटपाथों पर पेवर ब्लॉक लगाना, साइनेज आदि प्रमुख हैं। लेकिन इन प्रयासों की आत्मा बनी हैं वे स्वच्छता दीदियाँ, जो हर गली, मोहल्ले में जाकर डोर टू डोर कचरा संग्रहण जैसे श्रमसाध्य कार्यों को अंजाम देती हैं।
इस अवसर पर जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने सभी स्वच्छता दीदियों, नगरीय निकायों के अधिकारियों और नागरिकों को इस उपलब्धि पर बधाई दी। सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि स्वच्छता दीदियाँ वह कार्य कर रही हैं जो पहले समाज में उपेक्षित था। उन्होंने कहा कि कभी स्वच्छता के प्रति लोगों में चेतना नहीं थी, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान के तहत दीदियों ने लोगों को न केवल जागरूक किया, बल्कि व्यवहार परिवर्तन भी सुनिश्चित किया, जिससे जशपुर को यह गौरव प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
'नियद नेल्ला नार' बना सुशासन का जीवंत प्रमाण: जहाँ कभी बंदूकें थीं, वहाँ अब किताबें हैं – बस्तर में भय से विश्वास की ओर बढ़ती नई सुबह
रायपुर, 25 जुलाई 2025// छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के वे सुदूरवर्ती गाँव, जो वर्षों तक विकास की मुख्यधारा से कटे रहे, आज नई उम्मीदों और उजालों की ओर अग्रसर हैं। जहाँ कभी बिजली, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएँ और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, वहीं अब वही गाँव प्रगति के रास्ते पर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस बदलाव की नींव मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और जन सरोकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप 15 फरवरी 2024 को 'नियद नेल्लानार – आपका आदर्श ग्राम योजना' के रूप में रखी गई। यह योजना उन क्षेत्रों तक शासन की संवेदनशील और सक्रिय पहुँच सुनिश्चित करने का क्रांतिकारी प्रयास है, जहाँ अब तक केवल उपेक्षा और प्रतीक्षा का सन्नाटा था।
मुख्यमंत्री श्री साय का स्पष्ट मानना रहा है कि केवल सुरक्षा शिविर स्थापित कर देना पर्याप्त नहीं, जब तक वहाँ शासन की संवेदनशील उपस्थिति और समग्र विकास की किरण नहीं पहुँचे। इसी सोच के साथ बस्तर के पाँच नक्सल प्रभावित जिलों—सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कांकेर—में 54 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए। इन शिविरों के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 327 गाँवों को चिन्हित कर यह निर्णय लिया गया कि इन सभी को शत-प्रतिशत योजनाओं से जोड़ते हुए एक नया विकास मॉडल प्रस्तुत किया जाएगा।
इस पहल के साथ ही गाँवों में बदलाव की हवा बहने लगी है। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने 31 नए प्राथमिक विद्यालयों की स्वीकृति दी, जिनमें से 13 स्कूलों में कक्षाएँ शुरू हो चुकी हैं। 185 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को स्वीकृति दी गई, जिनमें से 107 पहले ही प्रारंभ हो चुके हैं, जिससे बच्चों को पोषण और प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा मिलने लगी है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में 20 उप-स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किए गए, जिनमें से 16 स्वास्थ्य केंद्र प्रारम्भ हो चुके हैं। ये वही गाँव हैं जहाँ पहले एक सामान्य दवा के लिए भी लोगों को मीलों जंगल पार करना पड़ता था।
मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में संचार और संपर्क साधनों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। पहले जहाँ मोबाइल सिग्नल का नामोनिशान नहीं था, वहाँ अब 119 मोबाइल टावरों की योजना बनी और 43 टावर कार्यशील हो चुके हैं। 144 हाई मास्ट लाइट्स की मंजूरी दी गई, जिनमें से 92 गाँवों में अब रात के अंधेरे में उजियारा फैलने लगा है। सड़क और पुल निर्माण के लिए 173 योजनाएँ बनाई गईं, जिनमें से 116 को स्वीकृति मिल चुकी है और 26 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। यह विकास केवल अधोसंरचना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव और पहचान का सशक्त माध्यम बन चुका है। आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अब तक 70,954 लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं, 46,172 वृद्धजनों को आयु प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं और 11,133 नागरिकों का मतदाता पंजीकरण हुआ है, जिससे वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार बन पाए हैं। 46,172 लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी कर मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 12,232 मकानों का लक्ष्य तय किया गया है, जिनमें से 5,984 परिवारों को स्वीकृति मिल चुकी है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 4,677 किसानों को सहायता राशि प्रदान की गई है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 6,460 घरों में व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं। रसोई को धुएँ से मुक्त करने के उद्देश्य से 18,983 महिलाओं को उज्ज्वला और गौ-गैस योजना के तहत गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 30 गाँवों में डीटीएच कनेक्शन भी दिए गए हैं, जिससे ये गाँव अब सूचना और मनोरंजन के मुख्य प्रवाह से जुड़ चुके हैं।
यह परिवर्तन मात्र योजनाओं का संकलन नहीं है, बल्कि शासन और जनता के बीच एक नए भरोसे का रिश्ता है, जिसकी बुनियाद सहभागिता और पारदर्शिता पर टिकी है। वर्षों तक शासन से कटे रहे लोग अब स्वयं विकास की निगरानी में सहभागी बन रहे हैं। अब ग्रामीण स्वयं आंगनबाड़ी की उपस्थिति पंजी, राशन दुकान की गुणवत्ता और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। यह वही बस्तर है, जो भय से विश्वास और उपेक्षा से भागीदारी की ओर बढ़ चला है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा और नवाचार को सशक्त मंच देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए “CM आईटी फेलोशिप कार्यक्रम” की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह कार्यक्रम राज्य के तकनीकी रूप से दक्ष और होनहार युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं को नवा रायपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT-NR) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस जैसे भविष्यगामी विषयों में M.Tech करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम डिजिटल इंडिया मिशन और नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया गया है, जिसमें तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नवाचार, अनुसंधान और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष बल दिया गया है। इस योजना के तहत चयनित विद्यार्थियों की पूरी ट्यूशन फीस राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी, साथ ही उन्हें ₹50,000 प्रतिमाह की फेलोशिप भी प्रदान की जाएगी। पाठ्यक्रम के दौरान युवा विद्यार्थियों को AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, हेल्थटेक, एजुटेक, राजस्व प्रणाली और ई-गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सरकारी प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने का व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होगा। प्रदेश सरकार ने युवाओं से आग्रह किया है कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाने हेतु iiitnr.ac.in पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल राज्य के तकनीकी परिदृश्य को नई ऊंचाइयाँ देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को डिजिटल युग में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा।
*जशपुर के पीएमश्री विद्यालय में अब एनसीसी एयर स्क्वाड्रन शुरू होगी*
*मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों से मिली स्वीकृति*
*स्थानीय युवाओं को कैरियर बनाने में मिलेगी मदद*
*मुख्यमंत्री से एयर एनसीसी के छात्रों ने की मुलाकात*
रायपुर, 25 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के युुवाओं को अब एनसीसी में एयर स्क्वाड्रन के जरिए अपना कैरियर बनाने के लिए मदद मिल पाएगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रयासों से जिले के पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय में एनसीसी की एयर स्क्वाड्रन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। यह छत्तीसगढ़ की 3 सीजी एनसीसी एयर स्क्वाड्रन होगी। श्री साय के प्रयासों से यह जिले के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो स्थानीय युवाओं के भविष्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने विद्यालय में एयर एनसीसी के लिए चयनित 25 मेधावी विद्यार्थियों को एनसीसी कैडेट्स का बैच लगाकर पंजीयन की शुरुआत की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इनमें 13 बालिकाएं और 12 बालक शामिल हैं। इस अवसर पर विंग कमांडर श्री विवेक कुमार साहू ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान विधायक श्रीमती गोमती साय और श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
*रंग लाई मुख्यमंत्री की पहल, जशपुर मेेें शुरू हुई एयर स्कवाड्रन*
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने पिछले एनसीसी दिवस समारोह के दौरान रायपुर के समान राज्य के अन्य हवाई पट्टी वाले शहरों में भी एनसीसी की एयर स्कवाड्रन शुरू करने की इच्छा व्यक्त की थी। अभी तक छत्तीसगढ़ में केवल रायपुर में ही एयर एनसीसी और उड़ान का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जशपुर जैसे स्थानों पर भी हवाई पट्टियों की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री की इस पहल पर मार्च माह में जशपुर की आगडीह हवाई पट्टी को 3 सीजी एयर एनसीसी स्क्वाड्रन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई और एक माइक्रोलाइट विमान को प्रशिक्षण हेतु जशपुर भेजा गया। इस दौरान लगभग 100 कैडेट्स को उड़ान का वास्तविक अनुभव प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं हवाई पट्टी पहुंचकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया और कैडेट्स से संवाद किया। कैडेट्स ने उन्हें विमान से संबंधित तकनीकी जानकारियाँ भी साझा कीं।
*प्रशिक्षण प्राप्त कैडेट को रोजगार के बेहतर अवसर*
वर्तमान में 3 सीजी एयर एनसीसी एयर स्क्वाड्रन, पूरे देश में एकमात्र एयर स्क्वाड्रन है जिसमें एम्स, एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्र कैडेट के रूप में जुड़े हुए हैं। कैडेटों को यूपीएससी और एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से सेना में 25 वैकेन्सी /पाठ्यक्रम के अवसर मिलते हैं, एसएससी के माध्यम से ऑफिसर्स ट्रेनिग अकादमी के लिए 50 वैकेंसी/पाठ्यक्रम के अवसर मिलते हैं जिसमें यूपीएससी परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती है और केवल एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से चयन के अवसर मिलते है। 20 सीटें लडकियों के लिए आरक्षित होती हैं। वायु सेना के उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों सहित सभी पाठ्यक्रमों में 10 प्रतिशत वेकेंसी होती है। जिसके लिए एएफसीएटी, यूपीएससी परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। इसी तरह से पैरामिलिट्री फोर्स भर्ती में 2 से 10 बोनस अंक दिया जाता है।कई उद्योगों में भी एनसीसी सी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरियों में प्राथमिकता दी जाती है।
*हमारी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए संकल्पित है – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*
*मुख्यमंत्री श्री साय ने किया “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन, रेडक्रॉस के आजीवन सदस्यों को किया सम्मानित*
रायपुर, 25 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है, जो न केवल किसी जरूरतमंद को जीवनदान देता है, बल्कि मानवता के प्रति हमारी सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री श्री साय आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति समय पर रक्तदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है। यह पहल जीवनरक्षक सहायता को सहज, सुलभ और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जशपुर जिले में हर वर्ग के नागरिक स्वैच्छिक रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं और समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। आज रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ, क्योंकि जीवनदान देने वाला व्यक्ति वास्तव में ईश्वर के समकक्ष होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि रक्त का हमारे जीवन में क्या महत्व है। सही समय पर उपयुक्त रक्त समूह का रक्त मिलने से किसी के प्राणों की रक्षा की जा सकती है, इसलिए रक्तदान को ‘महादान’ कहा गया है। राज्य में रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से सर्वाधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो जनसेवा की उत्कृष्ट मिसाल है। मैं इस मंच से प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ कि वे यथासंभव रक्तदान कर इस जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। हाल ही में हमने एम्बुलेंस सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी नागरिकों को यह आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कैम्प कार्यालय बगिया में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जशपुर के आजीवन सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए और “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने श्री नीरज शर्मा, श्री अजय कुमार कुशवाहा और श्री शिव नारायण सोनी को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके योगदान की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री, जिला प्रशासन एवं भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, जिला जशपुर की एक अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत 480 स्वैच्छिक रक्तदाताओं के नाम एवं मोबाइल नंबर सूचीबद्ध किए गए हैं। इस डायरेक्ट्री के माध्यम से जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होगी, वह सीधे सूची में दिए गए नंबरों पर संपर्क कर रक्त प्राप्त कर सकता है।
इस प्रयास से रोगियों को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें समय पर रक्त मिल सकेगा। यदि कोई व्यक्ति या समाजसेवी “रक्त-मित्र” बनना चाहता है, तो वह डायरेक्ट्री में दिए गए QR कोड को स्कैन कर गूगल फॉर्म भर सकता है। साथ ही, कलेक्टर एवं अध्यक्ष, भारतीय रेडक्रॉस जिला मुख्यालय, जशपुर (कलेक्ट्रेट परिसर, कक्ष क्रमांक 122) में संपर्क कर भी “रक्त-मित्र” के रूप में पंजीयन कर सकता है।
इस गरिमामय कार्यक्रम में सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पत्थलगाँव विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री हरिओम द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रशांत कुशवाहा, रेडक्रॉस सोसायटी के श्री रूपेश प्राणी ग्राही, अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता और कृषि परंपराओं का प्रतीक हरेली तिहार इस वर्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निवास परिसर में अत्यंत हर्षाेल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्य की समृद्ध विरासत, पारंपरिक कृषि यंत्रों, लोक परिधानों, खानपान और आधुनिक कृषि तकनीकों का समन्वय एक अद्भुत नजारे के रूप में सामने आया। कार्यक्रम स्थल को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी रंग-रूप में सजाया गया था, जहां ग्रामीण परिधान पहने अतिथि, कलाकार और आमजन लोक संस्कृति में रमे हुए नजर आए।
हरेली उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री निवास में परम्परागत और आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण कर विभिन्न पारंपरिक यंत्रों और वस्तुओं का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में काठा, खुमरी, झांपी, कांसी की डोरी और तुतारी जैसे ऐतिहासिक कृषि उपकरणों को प्रदर्शित किया गया। कृषि विभाग द्वारा आयोजित आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी, जिसमें नांगर, कुदाली, फावड़ा, रोटावेटर, बीज ड्रिल, पावर टिलर और स्प्रेयर जैसे यंत्रों का प्रदर्शन किया गया। ‘काठा’ वह परंपरागत मापक है जिससे पुराने समय में धान तौला जाता था; ‘खुमरी’ बांस और कौड़ियों से बनी छांव प्रदान करने वाली टोपी है; ‘झांपी’ शादी-ब्याह में उपयोग होने वाली वस्तुएं रखने की बांस से बनी पेटी; ‘कांसी की डोरी’ खाट बुनने में काम आती है और ‘तुतारी’ पशुओं को संभालने में उपयोग होती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि हरेली तिहार केवल पर्व नहीं, बल्कि यह हमारे कृषि जीवन, पशुधन और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी किसानों, युवाओं और आमजनों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रही। मुख्यमंत्री ने इन उपकरणों की जानकारी लेकर कृषि तकनीकी प्रगति की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ की खेती परंपरा और तकनीक के समन्वय से और भी अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनेगी। किसानों को नई तकनीकों की जानकारी देकर हम राज्य की कृषि उत्पादकता को ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम नागरिक, किसान, छात्र और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति और कृषि नवाचार के अद्वितीय संगम को सजीव रूप में प्रस्तुत किया, जो राज्य की समृद्ध परंपरा और विकासशील सोच का प्रतीक है।
रायपुर :
रायपुर सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज हरेली पर्व का गरिमामय आयोजन हुआ। त्यौहार मनाने के लिए पूरे परिसर को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारी सरकार का मुख्य ध्येय है। हरेली तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और खेती-किसानी से जुड़ा ऐसा पर्व है, जो हमें अपने मूल से जोड़ता है। आज पूरा छत्तीसगढ़ हरेली की खुशी में डूबा है। मुख्यमंत्री निवास में भी यह पर्व पूरे उल्लास और पारंपरिक तरीके से मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक हरेली को मनाने का अपना-अपना अंदाज है। लेकिन सभी जगह इसका रंग एक ही है, आस्था और उत्साह एक ही है। जिस तरह प्रकृति हमारा ख्याल रखती है, उसी तरह हमें भी प्रकृति का ख्याल रखना चाहिए। हरेली केवल खेती-किसानी का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह अपनी धरती की हरियाली और प्रकृति पूजा का भी त्यौहार है। छत्तीसगढ़ महतारी की कृपा हम सब पर बरसाती रहे और सभी किसान भाई खुशहाल रहें। यही मंगल कामना है
उन्होंने कहा कि श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने और 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। हम सभी ने 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का सपना देखा है और इसके लिए हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी बनाया है। हमारी सरकार राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रही है।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति, कृषि परंपरा और ऋषि संस्कृति से जुड़े पहले पर्व हरेली के पावन अवसर पर राजस्व मंत्री के निवास कार्यालय में पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा के निवास कार्यालय में आयोजित हरेली पर्व में शामिल होकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया, साथ ही गौरी-गणेश, नवग्रहों और कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि “हरेली छत्तीसगढ़ की आत्मा से जुड़ा पर्व है, यह पर्व हमारी धरती, परिश्रम और परंपरा के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह हमारे किसानों की आस्था और प्रकृति के साथ संतुलन का प्रतीक है।”
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि “राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है। हरेली जैसे पर्व हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और कृषि संस्कृति को संरक्षित रखने की प्रेरणा देते हैं। सभी लोगों को इस पावन पर्व की बधाई देते हुए कहा कि इस पर्व में बच्चों के लिए गेड़ी चलाने की प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र रहती है। इसके साथ ही गोधन को पौष्टिक भोजन कराकर ग्रामीण पशुधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हरेली तिहार की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि “यह पर्व किसान, खेत-खलिहान और गोधन की पूजा का अवसर है। मान्यता है कि आज के दिन शिव-पार्वती स्वयं भू-लोक में आकर किसानों की किसानी देखने आते हैं। हरेली से छत्तीसगढ़ में त्योहारों की श्रृंखला की शुरुआत होती है।”
इस अवसर पर गेड़ी चढ़ने की परंपरा, पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन, लोक गीतों की प्रस्तुति और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक ने पूरे वातावरण को उल्लास और लोकभावना से सराबोर कर दिया।
राज्यभर में गांव-गांव, घर-घर हरेली पर्व की उमंग है। लोगों ने पारंपरिक औजारों की पूजा कर प्रकृति और कृषि परंपरा के प्रति आस्था जताई और छत्तीसगढ़ की समृद्ध विरासत को सहेजने का संकल्प दोहराया।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति और कृषि परंपरा से जुड़े पर्व हरेली के पावन अवसर पर राजस्व मंत्री के निवास कार्यालय में पारंपरिक उल्लास और श्रद्धा के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया, साथ ही गौरी-गणेश, नवग्रहों और कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हरेली पर्व छत्तीसगढ़ की जीवनशैली, मेहनतकश किसानों की आस्था और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। हमारी सरकार किसानों के कल्याण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान और पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है। बच्चों में गेड़ी जैसी पारंपरिक विधाओं के प्रति आकर्षण बनाए रखना हमारी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा है। हमें चाहिए कि हम ऐसे पर्वों के माध्यम से अपनी नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जोड़ें।
रायपुर :
सावन मास के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ आज बगिया स्थित श्री फलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचकर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की मंगलकामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध कथा वाचिका किशोरी राजकुमारी तिवारी द्वारा किए जा रहे शिव महापुराण कथा का श्रवण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे और हमारा देश और छत्तीसगढ़ सतत् रूप से विकास, शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ता रहे। उन्होंने कहा कि भगवान श्री भोलेनाथ के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। हमारी सरकार की नई उद्योग नीति से आकर्षित होकर बीते छह से आठ महीनों में लगभग साढ़े छह लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित किए हैं।
इस अवसर पर फलेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित 01 लाख 108 पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं विशेष पूजन अनुष्ठान श्रद्धा, आस्था और शास्त्रोक्त विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन 22 जुलाई से प्रारंभ हुआ था और इसका समापन आज 24 जुलाई को विधिपूर्वक किया गया। पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। भक्तगण पूर्ण श्रद्धा, निष्ठा और भक्ति भाव से पार्थिव शिवलिंग निर्माण में सहभागी रहे। पूजन एवं अनुष्ठान का आयोजन प्रतिष्ठित विद्वान पंडितों द्वारा शास्त्र सम्मत विधियों के अनुसार किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो उठा। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधिगण और भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में नवांकुर सखी हरियाली यात्रा के पोस्टर का विमोचन किया और कहा कि लोगों को प्रकृति से जोड़ने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जनचेतना बढ़ाने का कार्य आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हरियाली यात्रा से घर के आंगन, अपने गांव से लेकर शहर तक नागरिकों को पर्यावरण की रक्षा की प्रेरणा मिलेगी। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद 24 जुलाई से प्रदेश में पांच दिवसीय नवांकुर सखी हरियाली यात्रा का आयोजन कर रहा है। पोस्टर विमोचन के अवसर पर परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर उपस्थित थे। इस अवसर पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खनन गतिविधियों और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया में बने राख के पहाड़ों पर वनों को विकसित करने की चुनौती स्वीकार कर मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम ने वन सम्पदा को पुनर्स्थापित किया है। प्रदेश के तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुनर्वास करना बड़ी उपलब्धि है। वन विकास निगम इस उपलब्धि के लिए बधाई का पात्र है। यह गर्व का विषय है कि अन्य राज्य भी निगम की इस विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं। प्रदेश में अद्यतन तकनीक के माध्यम से वनों का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश वन सम्पदा में देश में सर्वश्रेष्ठ है। राज्य सरकार वनों और वन उपज के साथ वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश के सघन वन क्षेत्र की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए वन सेवा के अधिकारी-कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।