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तेलंगाना में अपनी पहली चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि जो लोग विकास, नये भारत और नये तेलंगाना के निर्माण में यकीन रखते हैं वो सबसे ज्यादा भाजपा पर भरोसा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री और उनका परिवार सोचता है कि वे कांग्रेस की तरह बिना कोई काम किये वर्षों तक शासन कर सकते हैं।

 
प्रधानमंत्री मोदी ने रैली में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निजामाबाद को लंदन जैसा शहर बना देंगे लेकिन यहां पानी, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निजामाबाद में चुनावी रैली में कहा कि लोगों को तेलंगाना की टीआरएस सरकार को सबक सिखाना चाहिए।

 

 
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह असुरक्षित महसूस करते हैं, उन्होंने लोगों के साथ अन्याय किया। मोदी ने कहा कि भाजपा का केवल एक मंत्र है -‘‘सबका साथ, सबका विकास’। वोट बैंक की राजनीति दीमक की तरह विकास को नुकसान पहुंचाती है।

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का एक चौंका देने वाला बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सज्जाद लोन को CM बनाना चाहती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा करता तो ये बेईमानी होती इसलिए मैंने विधानसभा भंग कर दी। यह बयान उन्होंने दो दिन पहले दिया था।

बाद में अपने बयान से पलटते हुए मलिक ने कहा कि मेरे ऊपर दिल्ली से कोई दबाव नहीं था और उन्होंने जो कुछ भी किया वह राज्य के हित में था। सत्यपाल मलिक के इस बयान के बाद ही राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। वहीं, भाजपा नेता कविंद्र गुप्ता ने तो मलिक को निष्पक्ष रहने तक की सलाह दे डाली।

 
इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि यदि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सरकार बनाने के प्रति गंभीर होते तो किसी के हाथों पत्र भेज सकते थे या फोन कर सकते थे।
 
 
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्यपाल ने भंग कर दिया था और अपने फैसले का बचाव करते हुए मलिक ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि व्यापक खरीद-फरोख्त हो रही है और विपरीत राजनीतिक विचारधाराओं वाली पार्टियों के लिए एक स्थिर सरकार बना पाना असंभव होता। इसी के साथ मलिक ने कहा था कि उन्होंने राज्य के हित में और संविधान के मुताबिक काम किया।

नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले और विधानसभा चुनावों के बीच अब राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोर पकड़े हुए है। वहीं, दूसरी तरफ हिन्दू संगठनों और संतों द्वारा सरकार पर कानून बनाने के लिए दबाव देखा जा रहा था लेकिन एक खबर ये भी है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया कि वह जनवरी में होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करेंगे। 

क्या दर्शाता है शाह का बयान

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि वह जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले में होने वाली सुनवाई का इंतजार करेंगे। हालांकि, उनका यह बयान यह दर्शा रहा है कि भाजपा अयोध्या की विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने को लेकर अभी तक कोई अध्यादेश बनाने की ओर नहीं बढ़ रही है। वहीं, शाह ने उम्मीद जताते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आएगा, जिसका जनता बेसब्री के इंतजार कर रही है।

राम मंदिर मामले में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर मामले में आखिरकार चुप्पी तोड़ ही दी। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के जजों को डराने का प्रयास कर महाभियोग ला चुके हैं। उन्होंने न्यायतंत्र को डराने का प्रयास किया है लेकिन लोकतंत्र उनसे नहीं डरने वाला है। इसी के साथ पीएम मोदी ने कहा कि जातिवाद के जहर को कांग्रेस आज भी छोड़ नहीं पाई है। मोदी ने राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के बडे़ वकीलों को राज्यसभा का सदस्य बनाती है और वे सदस्य उन न्यायाधीशों को महाभियोग के नाम से डराने का नया खेल खेल रहे हैं जो न्यायाधीश उनके राजनैतिक इरादों के अनुसार कार्य नहीं करते।

राम मंदिर मामले के साथ अगर इन बयानों को जोड़ा जाए तो अमित शाह और पीएम मोदी का बयान जनता को भ्रमित करने वाला दिखाई दे रहा है क्योंकि एक तरफ जहां शाह का बयान यह दर्शा रहा है कि अध्यादेश की तरफ सरकार नहीं बढ़ रही है। वहीं, नरेंद्र मोदी का बयान यह दर्शा रहा है कि वह कांग्रेस को लोकतंत्र के साथ खेलने नहीं देगी। जिसका मतलब यह लगाया जा रहा है कि संसद में कांग्रेस से बीजेपी नहीं डरने वाली और यह अध्यादेश की तरफ एक इशारा भी है। 

मंदिर को लेकर सख्त हुए मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत अब राम मंदिर निर्माण मामले को सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया और कहा कि सरकार सोचे कि मंदिर के लिए कानून कैसे लाया जा सकता है। वीएचपी की हुंकार रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि अब धैर्य नहीं निर्णायक आंदोलन का वक्त आ गया है। इसी के साथ उन्होंने न्यायपालिका पर निशाना साधते हुए कहा कि न्यायपूर्ण बात यही होगी कि जल्द मंदिर बने, लेकिन यह कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है तो सरकार सोचे कि मंदिर बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है। 

योगी का राम प्रेमियों को खुश करने का प्रयास

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात कर रही जनता को खुश करने के लिए योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम की 221 मीटर ऊंची मूर्ति को हरी झंडी दिखा दी है। दरअसल, प्रतिमा की ऊंचाई तो 151 मीटर ही रहेगी इसके अतिरिक्त मूर्ति में पैडेस्टल (50 मी) और छत्र (20 मी) भी दिखाई देगा। यह मूर्ति सरयू नदी के तट पर लगाई जाएगी। इसे योगी आदित्यनाथ के उस बयान से जोड़ा गया जब उन्होंने कहा था कि दिवाली के वक्त अयोध्या में खुशखबरी लेकर पहुंचेंगे। हालांकि, उन्होंने मूर्ति का ऐलान कर दिया था और अब हरी झंडी भी दिखा दी। 

चुनावों से पहले मंदिर मामले में जनता का मूड

प्रभासाक्षी की टीम जब चुनावी राज्यों में से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पहुंची और जनता से बातचीत की तो जनता की सिर्फ एक ही मांग दिखी वो थी मंदिर अब बन जाना चाहिए। जनता को इस बात से फर्क नहीं पड़ रहा था कि कौन सा नेता क्या बयान दे रहा है वह सिर्फ इतना चाहती है कि अब हिन्दुस्तान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस पार्टी ने मंदिर मुद्दे के दम पर ही सरकार बनाई थी तो अब राम मंदिर के निर्माण का कार्य भी जल्द से जल्द बीजेपी शुरू कराए, चाहे इसके लिए उसे अध्यादेश ही क्यों न लाना पड़े। 

नयी दिल्ली। आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पिछले तीन सालों में उनके हर फैसले की केन्द्र सरकार द्वारा जांच कराने के बावजूद गड़बड़ी का एक भी तथ्य नहीं मिलना आप सरकार की ईमानदारी का सबसे बड़ा प्रमाण है, और उन्हें ईमानदारी का यह प्रमाणपत्र ‘‘मोदी जी’’ से मिला है। केजरीवाल ने सोमवार को आप के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये कहा ‘‘तीन साल में हमारी सरकार ने जितने भी निर्णय लिये थे, उनसे जुड़ी वे सभी 400 फाइलें मोदी जी ने, हमारे खिलाफ कोई भी गड़बड़ी निकालने के लिये मंगा लीं जिन पर मैंने दस्तखत किये थे। लेकिन कुछ भी नहीं निकला। मुझे ईमानदारी का सर्टिफिकेट प्रधानमंत्री मोदी जी से मिला है।’’

 
केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की ईमानदारी का हवाला देते हुये कहा ‘‘आज दिल्ली की जनता कहती है कि हमारा मुख्यमंत्री ईमानदार है। मैं देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या आप दिल से कह सकते हो कि हमारा प्रधानमंत्री ईमानदार है।’’ इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली सरकार के साढे़ तीन साल के कामों को ऐतिहासिक करार देते हुये दावा किया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने 12 साल में जितने काम किये थे उससे कहीं ज्यादा काम दिल्ली में आप सरकार ने साढ़े तीन साल में कर दिये। 
 
केजरीवाल ने कहा कि संविधान दिवस के दिन ही आप का गठन होना महज संयोग मात्र नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा ‘‘यह नियति का एक इशारा है कि आज देश में संविधान पर जो खतरा मंडरा रहा है उस खतरे से देश को निजात दिलाने में कोई और पार्टी सक्षम नहीं है, सिर्फ आप ही इस खतरे से निजात दिला सकती है।’’ मुख्यमंत्री ने पिछले छह साल में आप की उपलब्धियों को उल्लेखनीय बताते हुये कहा कि हर तरह की बाधाओं के बावजूद अपने कामों के बलबूते पार्टी भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के खिलाफ राजनीतिक क्रांति बन कर उभरी है। 

 

 
 
केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की ईमानदारी का हवाला देते हुये कहा ‘‘आज दिल्ली की जनता कहती है कि हमारा मुख्यमंत्री ईमानदार है। मैं देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या आप दिल से कह सकते हो कि हमारा प्रधानमंत्री ईमानदार है।’’ इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली सरकार के साढे़ तीन साल के कामों को ऐतिहासिक करार देते हुये दावा किया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने 12 साल में जितने काम किये थे उससे कहीं ज्यादा काम दिल्ली में आप सरकार ने साढ़े तीन साल में कर दिये। 
 
केजरीवाल ने कहा कि संविधान दिवस के दिन ही आप का गठन होना महज संयोग मात्र नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा ‘‘यह नियति का एक इशारा है कि आज देश में संविधान पर जो खतरा मंडरा रहा है उस खतरे से देश को निजात दिलाने में कोई और पार्टी सक्षम नहीं है, सिर्फ आप ही इस खतरे से निजात दिला सकती है।’’ मुख्यमंत्री ने पिछले छह साल में आप की उपलब्धियों को उल्लेखनीय बताते हुये कहा कि हर तरह की बाधाओं के बावजूद अपने कामों के बलबूते पार्टी भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के खिलाफ राजनीतिक क्रांति बन कर उभरी है। 

जयपुर। आदिवासियों के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि विपक्षी पार्टी ने कभी आदिवासियों की परवाह नहीं की और जिन्हें मूंग और चने में फर्क नहीं पता, वे किसान की बात कर रहे हैं। मोदी राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में बेणेश्वर धाम में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के इतने सालों तक जब तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री नहीं बने तब तक कांग्रेस को कभी आदिवासियों की याद नहीं आई। आदिवासी मांग करते थे कि हमारे लिए अलग मंत्रालय हो, अलग मंत्री हो, अलग बजट हो, हमारे विकास के लिए योजनाएं बनें, लेकिन कांग्रेस पार्टी को तो आदिवासियों की कोई परवाह नहीं थी।

 

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प्रधानमंत्री बनने के बाद वाजपेयी ने अलग आदिवासी मंत्रालय बनाया, आदिवासी मंत्री बनाया और आदिवासियों के लिए अलग बजट बनाया। तब से लेकर आदिवासियों के विकास की गाथा शुरू हुई।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम इस देश के हर नागरिक को सशक्त बनाना चाहते हैं। हम देश के हर नागरिक को सामर्थ्यवान बनाना चाहते हैं। अपने आदिवासी भाइयों को शक्तिशाली बनाना चाहते हैं, इसलिए हमारा रास्ता साफ है। हमारा मंत्र है ‘बेटे बेटियों की पढाई, युवा को कमाई, किसानों को सिंचाई, बुजुर्गों को दवाई व जन जन की सुनवाई।’ 

राजस्थान में प्रचार पर निकले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में विधि-विधान के साथ पूजा की। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद पंडित-पुजारियों को अपना गोत्र भी लिखवाया। राहुल ने कौल दत्तात्रेय गोत्र के नाम से पूजा की। 

 इन दिनों भाजपा और कांग्रेस के बीच जाति-धर्म को लेकर जबर्दस्त वाक-युद्ध छिड़ा हुआ है। कुछ दिन पहले सूबे में कांग्रेस के दिग्गज सीपी जोशी ने बयान दिया था,

"उमा भारती जी की जाति मालूम है किसी को? ऋतंभरा की जाति मालूम है? इस देश में धर्म के बारे में कोई जानता है तो पंडित जानते हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी की जाति को लेकर भी सवाल उठाए गए। हालांकि, राहुल गांधी के निर्देश पर बाद में जोशी ने अपने बयान पर खेद जताया था। लेकिन बयानों की बिखरती लड़ी से साफ है कि पार्टी ब्राह्मणों को एक कड़ी में गूंथने की कोशिश कर रही है। 

राजस्थान में कांग्रेस ने कई ब्राह्मण चेहरों को आगे किया है। इनमें रघु शर्मा, डॉ. सीपी जोशी और गिरिजा व्यास जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं। माना जाता है कि राजस्थान में 8 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं। जाहिर है, इस बार सत्ता में वापसी का इंतजार कर रही कांग्रेस कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती। 

जब संबित ने पूछा राहुल का गोत्र

पिछले महीने ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, "उज्जैन जा रहे राहुल गांधी जी से हम पूछना चाहते हैं कि आप जनेऊधारी हैं? आप कैसे जनेऊधारी हैं, क्या गोत्र है आपका?" 

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राजस्थान के रण में जहां भीलवाड़ा और बणेश्वर धाम में चुनावी सभा को संबोधित किया वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पोकरण और जालोर में जनसभा को संबोधित किया। राहुल गांधी ने जालौर में चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल ने एक बार फिर कहा कि केंद्र सरकार को जनता विरोधी और पूंजीपतियों के हित में नीतियों को लागू कर रही है। राहुल गांधी ने कहा, "रेल का जो फायदा हमारे युवाओं को, माताओं-बहनों को मिलना चाहिए वो फायदा तो अडानी जी को मिलता है। इंडियन रेलवे का नाम बदलकर अडानी रेलवे कर देना चाहिए, दूसरी तरफ भारतीय वायुसेना को अंबानी वायुसेना कर देना चाहिए।" 

 राहुल ने कहा, "सीबीआई डायरेक्टर राफेल मामले की जांच करवाने जा रहे थे, लेकिन देश के चौकीदार ने रात के 2 बजे घबराते हुए सीबीआई डायरेक्टर को निकाल दिया।" 

मोदी अब भ्रष्टाचार की बात नहीं करते : राहुल

राहुल गांधी ने पोकरण की जनसभा में कहा, "पहले मोदी जी जहां भी जाते थे 2 करोड़ नौकरियां, किसानों को सही दाम और भ्रष्टाचार की बात करते थे। लेकिन अब उनके भाषण में न रोजगार, न किसानों को सही दाम, न ही भ्रष्टाचार की बात होती है।" 
 

पीएम ने आपके माता-पिता का अपमान किया : राहुल

राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर देश के लोगों के माता-पिता का अपमान करने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा, "राजस्थान के युवाओं ने इस देश को यहां तक पहुंचाया है, लेकिन प्रधानमंत्री आपके माता-पिता का अपमान करते हैं, क्योंकि वो कहते हैं कि उनके आने से पहले हिंदुस्तान की जनता ने कुछ नहीं किया।" 

सरकार ने स्कूल के बच्चों के बैग के वजन को लेकर एक नई गाइडलाइन तैयार की है। कक्षा पहली से 10वीं तक के बच्चों के बैग के वजन कम कर दिए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों में नए नियमों को भेज दिया है। आपको बता दें कि नई गाइडलाइन के मुताबिक चिल्ड्रन स्कूल बैग एक्ट, 2006 के अनुसार स्कूल बैग का वजन छात्रों के वजन के 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
 
सभी कक्षा के छात्रों के लिए अलग-अलग गाइडलाइन तैयार की है। कक्षा पहली और दूसरी के छात्रों के लिए स्कूल बैग का वजन  1.5 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर बात कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवीं के छात्रों की करें तो स्कूल बैग का वजन 2 से 3 किलो के बीच का होना चाहिए, उससे ज्यादा नहीं होना चाहिए। जो छात्र कक्षा छठी और सांतवीं में पढ़ते हैं उनके स्कूल बैग का वजन 4 किलो निर्धारित किया गया है। वहीं कक्षा आठवीं और नवीं के छात्रों के लिए स्कूल बैग का वजन 4.5 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर बात कक्षी वहीं दसवीं के छात्रों की करें तो वजन पांच किलों होना चाहिए।

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों ने रविवार को मुठभेड़ में छह आतंकियों को मार गिराया। सेना के नायक नजीर अहमद शहीद हो गए। सुरक्षाबलों को हिपुरा बाटागुंड इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस के मुताबिक, मारे गए चार आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन और दो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इनमें दोनों आतंकी संगठन के डिस्ट्रिक्ट कमांडर शामिल हैं। एक आतंकी पाकिस्तान से है।
एसएसपी संदीप चौधरी ने बताया कि आतंकियों के कब्जे से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है। उनकी पहचान उमर मजीद गनी, मुश्ताक अहमद मीर, मोहम्मद अब्बास भट, मोहम्मद वसीम वगई, खालिद फारूक मली के रूप में हुई। उमर गनी बाटमालू एनकाउंटर के दौरान बच निकला था। पिछले दिनों उसकी तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें उमर लाल चौक के आसपास नजर आया था। बीते दो साल में वह कई जवानों और आम नागरिकों की हत्या में शामिल रहा था।
सुरक्षाबलों के काफिले पर हुआ पथराव
सुरक्षाबलों की कार्रवाई के मद्देनजर शोपियां में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने मुठभेड़ के बाद लौट रहे जवानों के काफिले पर पथराव किया। जवाबी कार्रवाई में कुछ पथरबाज जख्मी हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अनंतनाग में भी छह आतंकी मारे गए थे
इससे पहले शुक्रवार को अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने छह आतंकियों को ढेर था। इस कार्रवाई में राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी का हत्यारा भी मारा गया। बुखारी की हत्या 14 जून को श्रीनगर के लाल चौक के पास हुई थी। आतंकियों ने बुखारी पर फायरिंग कर दी थी, इसमें दो सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई थी। 20 नवंबर को भी शोपियां के नदीगाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में चार आतंकियों को मारा था। एक जवान शहीद और दो जख्मी हुए थे।

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