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नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंचित वर्गों को विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर देने से महरूम कर दिया है क्योंकि उनका मंत्र इन वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना और ‘‘उद्योगपति मित्रों’’ का विकास करना है। गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री पर हमला किया जिसमें दावा किया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए विभागीय स्तर पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी पदों को आरक्षित करने की मंजूरी दे दी है जिससे उनके लिए उपलब्ध पद 25 फीसदी से 100 फीसदी तक कम हो सकते हैं।

गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पहले मोदी जी ने सीटें कम करके वंचित वर्ग के लोगों से शैक्षिक अवसर छीने। छात्रवृत्तियां रोकी। रोहित वेमुला जैसे युवाओं पर हमला किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अब 13 सूत्री रोस्टर के जरिए उनके लिए विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी खत्म कर दिए हैं।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उनका (मोदी) एक मंत्र है : वंचित वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना, उद्योगपति मित्रों का विकास करना।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंचित वर्गों को विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर देने से महरूम कर दिया है क्योंकि उनका मंत्र इन वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना और ‘‘उद्योगपति मित्रों’’ का विकास करना है। गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री पर हमला किया जिसमें दावा किया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए विभागीय स्तर पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी पदों को आरक्षित करने की मंजूरी दे दी है जिससे उनके लिए उपलब्ध पद 25 फीसदी से 100 फीसदी तक कम हो सकते हैं।

गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पहले मोदी जी ने सीटें कम करके वंचित वर्ग के लोगों से शैक्षिक अवसर छीने। छात्रवृत्तियां रोकी। रोहित वेमुला जैसे युवाओं पर हमला किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अब 13 सूत्री रोस्टर के जरिए उनके लिए विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी खत्म कर दिए हैं।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उनका (मोदी) एक मंत्र है : वंचित वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना, उद्योगपति मित्रों का विकास करना।

 

’’उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पिछले साल फैकल्टी आरक्षण लागू करने के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की थी जिसमें संस्थानगत गणना करने के बजाय कुल पदों की विभागवार गणना की गई।

’’उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पिछले साल फैकल्टी आरक्षण लागू करने के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की थी जिसमें संस्थानगत गणना करने के बजाय कुल पदों की विभागवार गणना की गई।



नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने रविवार को ‘‘भारत के मन की बात, मोदी के साथ’’ अभियान की शुरूआत की। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में पार्टी को उसका ‘संकल्प पत्र’ (घोषणापत्र) तैयार करने में मदद करने के लिए देशभर से 10 करोड़ लोगों के सुझाव मांगे जाएंगे।
 
शाह ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य घोषणापत्र तैयार करने की प्रक्रिया का लोकतंत्रीकरण करना है और इस ‘‘अनूठे प्रयोग’’ से लोकतंत्र मजबूत होगा।
शाह ने यहां एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा, ‘‘लोग किस तरह का देश चाहते हैं और इसे हासिल करने के लिए उनके क्या सुझाव हैं, इस अभियान में उनके विचार जानने के लिए उन तक पहुंचा जाएगा’’। उन्होंने बताया कि इससे पार्टी को नए भारत का सपना साकार करने में मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत से 50 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी के महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि कर्नाटक में पार्टी को मजबूती देने के साथ हम पूर्वोत्तर की तर्ज पर छोटे छोटे दलों को जोड़कर दक्षिण के राज्यों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को आकार देने में जुटे हैं।
मुरलीधर राव ने कहा, ‘‘ दक्षिण भारत में पार्टी को मजबूत बनाना एक चुनौती रहा है। हमारा प्रदर्शन पिछले दशकों में कर्नाटक में अच्छा रहा है। पहले हम वहां सत्ता में रह चुके हैं और विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। दक्षिण के दूसरे राज्यों में पार्टी का तेजी से विस्तार हो रहा है। हम गांव तक पहुंचने में सफल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पार्टी की विचारधारा और राजनीतिक संवाद को दक्षिण भारत के परिवेश एवं परिदृश्य के अनुरूप लोगों के स्वीकार्य रूप में पेश किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें पार्टी सफल भी हो रही है।
 
कर्नाटक में भाजपा ने 22 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है, हालांकि राज्य में कांग्रेस और जदएस गठबंधन की ओर से उसकी योजना को चुनौती भी मिल रही है । इस गठबंधन के कारण ही भाजपा को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत से कुछ सीट कम मिली और सत्ता उसके हाथ से फिसल गई थी। पार्टी को हालांकि विश्वास है कि लोकसभा चुनाव में उसे बड़ी जीत मिलेगी ।
 
राव ने कहा, ‘‘ कर्नाटक में कांग्रेस..जदएस गठबंधन सरकार नहीं चल पा रही है, रोज रोज दोनों दलों के झगड़े सामने आ रहे हैं। राज्य की जनता सब कुछ देख सुन रही है कि किस प्रकार से मुख्यमंत्री कुमारस्वामी बार बार पद छोड़ने की बात कह रहे हैं।’’भाजपा महासचिव ने कहा, ‘‘ कर्नाटक में यही (कांग्रेस-जदएस कलह) हमारा बड़ा मुद्दा है। हम जनता के समक्ष इन सभी विषयों को बतायेंगे। राज्य में लोकसभा चुनाव में हमें बड़ी जीत मिलेगी।’’


 
तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं। भाजपा यहां छोटे छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पार्टी राज्य में अन्नाद्रमुक को साथ लेने की कोशिश कर रही है। 2014 में भाजपा तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनावों में गई जिसमें एमडीएमके, पीएमके और अन्य छोटे दल शामिल थे। गठबंधन ने राज्य से दो सीटें जीतीं थी। राज्य में गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि तमिलनाडु में भाजपा के दरवाजे समान विचार वाले दलों के साथ गठबंधन के लिये खुले हैं । 
 
वहीं केरल में भाजपा अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिये पूरा जोर लगा रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि केरल में सबरीमला के मद्देनजर भाजपा के पक्ष में हिंदुओं का बड़ा झुकाव प्रतीत हो रहा है। भाजपा खास तौर पर तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, पलक्कड़, अटिंगल जैसे क्षेत्रों में जोर लगा रही है। आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं, भाजपा यहां 10 सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पार्टी 1999 के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती है जब उसने अविभाजित आंध्रप्रदेश से सात सीटें जीती थीं।

राव ने जोर दिया कि लोगों का भाजपा खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर काफी भरोसा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि अलग अलग विचारधारा वाले विपक्षी दल क्यों साथ आ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन का एकमात्र एजेंडा मोदी हटाओ है और आगामी चुनाव में लोग इसे नकार देंगे।

 

प्रयागराज। विहिप की धर्म संसद के आखिरी दिन शुक्रवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया है कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण होने तक राम भक्त हिंदू न चैन से बैठेगा और न ही किसी को चैन से बैठने देगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि न्यास की अधिगृहीत भूमि उसे वापस करने की अनुमति देने के लिए केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के कदम का यह धर्म संसद स्वागत करती है।
 
प्रस्ताव के मुताबिक, ‘‘वर्तमान केंद्र सरकार से संत समाज की अपेक्षाएं हैं और भूमि वापसी की हमारी प्रार्थना पर तुरंत कार्रवाई करके इन्होंने अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट कर दी है। राम मंदिर के निर्माण में विलंब अवश्य हुआ है लेकिन हमें विश्वास है कि वे राम मंदिर सहित हिंदू गौरव से जुड़े़ अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में सार्थक कदम उठाएंगे। विहिप की 31 जनवरी से शुरू हुई दो दिवसीय धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे। अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के मुद्दे पर भागवत ने शुक्रवार को कहा कि यह मामला ‘‘निर्णायक दौर’’ में है, मन्दिर बनने के किनारे पर है इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि जनता में प्रार्थना, आवेश और जरूरत पड़ी तो ‘‘आक्रोश’’ भी जगाया जाना चाहिए।
 

 
धर्म संसद में अंतरिम बजट में गोसेवा आयोग बनाने की केंद्र की घोषणा का साधु संतों ने स्वागत किया और इसके लिए मोदी सरकार का आभार प्रकट किया। इस धर्म संसद में राम मंदिर मामले की सुनवाई टालने पर साधु संतों ने उच्चतम न्यायालय की जमकर आलोचना की। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कहा, ‘‘सबरीमला की व्यवस्था को बदलने के लिए बड़ी उदारता पूर्वक आप कलम चलाते हैं। वहीं, राम जन्मभूमि का मामला जब आता है तो कहते हैं कि हमारी प्राथमिकता में नहीं है।’’
 
 
 
निर्मोही अनी अखाड़े के महंत रामजी दास ने कहा, ‘‘हर बार केवल तारीख ही मिली है और जब प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला हमारी प्राथमिकता में नहीं है तो सर्वोच्च न्यायालय के प्रति हिंदू समाज की आस्था हिल गई।’’ उन्होंने कहा कि जो सर्वोच्च न्यायालय आतंकियों के मामले पर सुनवाई के लिए रातभर जागता है, वह करोड़ों रामभक्तों से जुड़़े मामले पर सुनवाई के लिए केवल तीन मिनट का समय देता है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद का यह अधिवेशन स्पष्ट शब्दों में यह चेतावनी देता है हम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं से निपटने के किसी भी हद तक जाने और कष्ट सहने के लिए तैयार हैं।
 


धर्म संसद में श्याम देवाचार्य जी महाराज ने केंद्र की मोदी सरकार को चेताते हुए कहा, ‘‘यदि वह विकास के नाम पर ही जीतना चाहते हैं तो नामुमकिन है... विकास के नाम पर ही तीन-तीन सरकारें बलिदान हो चुकी हैं।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘रामभक्त जब अपना जीवन बलिदान कर सकते हैं तो क्या ये सत्ताधारी क्या अपनी कुर्सी का बलिदान नहीं कर सकती।’’ जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि चूंकि यह मामला अब निर्णायक अवस्था में है, हमें धैर्य का परिचय देने की आवश्यकता है। सरकार राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे और यह धर्म संसद यहां से आदेश दे कि बहुत शीघ्र ही निर्वाचित होकर सरकार आए और राम मंदिर का निर्माण करे।

 

वहीं, मंदिर निर्माण में हो रही देरी को लेकर साधु संतों का आक्रोश शांत करने का प्रयास करते हुए स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि जैसे कभी बाबर ने मंदिर तोड़ने के लिए अपने सेनापति सिपाही को भेजा था, वैसे ही मंदिर निर्माण के लिए केंद्र में बैठे मोदी ने अपने ‘सेनापति’ योगी आदित्यनाथ को अयोध्या भेजा है।

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने धन शोधन मामले में रॉबर्ट वाड्रा को 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह मामला दर्ज किया था। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वाड्रा को छह फरवरी को ईडी के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। 

 

मामला लंदन स्थित एक सम्पत्ति खरीदने से जुड़ा है, जिसके मालिक कथित तौर पर वाड्रा हैं। लंदन के 12, ब्रायनसेट स्क्वायर स्थित इस सम्पति की कीमत 19 लाख पाउंड है।

जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हाल ही में घोषित बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं को ठगा है। राठौड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘वादा किया था कि राजस्थान के शिक्षित बेरोजगारों को 3500 रुपये भत्ता देंगे। दिसंबर 2018 में सीएमआईआई का जो सर्वे आया उसके अनुसार राजस्थान में हर छठा व्यक्ति बेरोजगार है। इसके आधार पर राजस्थान में बारहवीं पास युवकों की संख्या 33 लाख है। अगर इन सभी 33 लाख युवकों को सरकार 3500 रुपये प्रति माह दे तो राज्य सरकार पर 1166 करोड़ रुपये भार आएगा।’

राठौड़ के अनुसार लेकिन राज्य सरकार ने अपनी घोषणा में इतने 'किंतु परंतु' लगाए हैं कि अब केवल 24 करोड़ रुपये यानी दो करोड़ रुपये प्रति माह का भार सरकार पर पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार ने एक तरह से बेरोजगारों को ठगने का काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में स्वाइन फ्लू से हो रही मौतों व कड़ाके की सर्दी में भी सिंचाई के लिए रात में ही बिजली आपूर्ति किए जाने का भी मुद्दा उठाया। राठौड़ ने संसद में शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट को गरीब, किसान और देश के नौजवानों के सपनों व आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट करार दिया

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन की संभावना को एक बार फिर खारिज करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने शनिवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हमें सातों सीटों पर चुनाव लड़ना है। किसी के साथ कोई गठबंधन का कोई विचार नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि उम्मीदवारों की सूची कब जारी होगी तो उन्होंने कहा कि अभी तो चुनाव तिथि का एलान नहीं हुआ है। उम्मीदवारों की घोषणा समय पर हो जाएगी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘हम आगामी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों को निशाना बनाएंगे। दोनों हमारे प्रतिद्वंदी हैं।’ शीला ने कहा कि हम दिल्ली की स्थिति के मुताबिक अपनी रणनीति बनाएंगे।

पटना। जदयू नेता ऋषि मिश्र शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हा गये। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के समय ऋषि ने कहा कि उनके लिए उस गठबंधन (राजग) में बने रहना मुश्किल हो गया था जिसमें भाजपा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों से मैं घुटन में जी रहा था। 

उन्होंने आगे कहा कि नीतीश जी के साथ मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन मेरे लिए मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का सामना करना बहुत मुश्किल हो रहा था क्योंकि मैंने भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था और अब मेरी पार्टी उसके साथ राजग में है। दिवंगत ललित नारायण मिश्रा के पोते के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें खुशी है कि ऋषि जी अपने पुराने घर लौट आए हैं। उनकी मौजूदगी से पार्टी मजबूत होगी। ललित नारायण मिश्रा 1970 के दशक में बिहार में कांग्रेस के एक कद्दावर नेताओं में से एक थे। 

दरभंगा जिले में जाले विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में विधायक बने ऋषि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जिबेश कुमार के हाथों पराजित हो गए थे। अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर ऋषि ने कहा वह बिना किसी शर्त के इस दल में शामिल हुए है। उन्होंने कहा कि मैं यहां जीवन भर के लिए आया हूं और पार्टी की सेवा करूंगा जैसा मेरे पिता जी ने किया।

फालाकाटा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि केन्द्र सरकार बांग्लादेश से लगती पश्चिम बंगाल और असम की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करेगी। सिंह ने यहां अलीपुरद्वार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि बांग्लादेशी अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल में घुस रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से बांग्लादेश के साथ लगती सीमा को सील करने के लिए बाड़ लगाने के वास्ते जमीन मांगी थी लेकिन राज्य सरकार ने अभी जमीन नहीं दी है।

सिंह ने कहा कि अब हमने बांग्लादेश से लगती दोनों अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली के जरिए सील करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। यह कदम घुसपैठ रोकने के साथ ही तस्करी को भी रोकेगा तथा पश्चिम बंगाल के जनसांख्यिकीय परिदृश्य बदलने के बीच देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, ‘रिकॉर्ड के मुताबिक, सबसे ज्यादा हिंसा पश्चिम बंगाल में हुई है। उनके शासन में मां, माटी और मानुष कोई सुरक्षित नहीं है।’

गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में करीब 100 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है और इसमें संलिप्तता वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा खत्म होनी चाहिए और इसके लिए बंगाल में 2021 में भाजपा का मुख्यमंत्री होना चाहिए।’

देहरादून। राम मंदिर के अयोध्या में नियत स्थान पर जल्द ही बनने की बात कहते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस संबंध में अपना रूख स्पष्ट करने की भी चुनौती दी। आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यहां पार्टी के चुनावी अभियान का श्रीगणेश करते हुए शाह ने कहा कि कुंभ मेला चल रहा है और यह बहुत स्वाभाविक है कि राम मंदिर की मांग उठाई जा रही है।

यहां परेड ग्राउंड में पार्टी कार्यकर्ताओं के 'जय श्रीराम' के नारों के बीच भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले पर भाजपा की नीति हमेशा बहुत स्पष्ट रही है और मैं यहां यह घोषणा करना चाहता हूं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर जल्दी से जल्दी उसी स्थान पर ही बनना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में राहुल गांधी को भी अपना रूख साफ करने की चुनौती दी और कहा, ‘आप (राहुल) अपना रुख साफ करो कि आप मंदिर बनाना चाहते हो या नहीं चाहते हो।'

कांग्रेस पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रास्ते में उच्चतम न्यायालय में अपने वकीलों के जरिए हमेशा अवरोध पैदा करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से 2019 के चुनावों तक मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया था। चुनाव से पहले बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिये आये शाह ने 'त्रिशक्ति सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा, ‘कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि उसने देश के सबसे पुराने मुकदमे की सुनवाई को टालने की मांग क्यों की।’

राम मंदिर मामले में भाजपा के दृष्टिकोण में कहीं कोई दुविधा नहीं होने का दावा करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी की ही सरकार है जिसने अयोध्या में विवादित स्थल से लगी 42 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने का निर्णय किया। मोदी सरकार को स्पष्ट बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में दोबारा लाने का जनता से आह्वान करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह केवल पार्टी की नहीं देश की जरूरत है जो केवल मोदी के हाथों में ही सुरक्षित रह सकता है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिचौलियों को दूर कर और जनता के कल्याण के लिये पूरी राशि लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित कर देश में एक साफ सुथरी और पारदर्शी सरकार दी है। विपक्षी भी उन पर उंगली नहीं उठा सकते। महागठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयासों पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘भाजपा के खिलाफ बुआ-भतीजा साथ आ गये हैं। आप को लगता है कि वे एक साथ रहेंगे? अगर चंद्रबाबू नायडू हल्द्वानी में जनसभा करेंगे या एच डी देवेगौडा देहरादून आयेंगे तो कोई उन्हें सुनेगा? ये क्षेत्रीय दलों के नेता है जिनकी सीमित अपील है।’

शाह ने कहा कि गठबंधन का एक सूत्री एजेंडा मोदी को हटाना है जबकि मोदी का विजन सुशासन का है। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीढ़ बताते हुए शाह ने कहा कि केवल वे ही आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड जीत दिला सकते हैं। शाह ने कहा कि ऐसा भाजपा जैसी पार्टी में ही संभव हो सकता है जो लोकतांत्रित मूल्यों से संचालित होती है कि खंभों पर पार्टी के पोस्टर चिपकाने वाला मेरे जैसा छोटा कार्यकर्ता पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है, एक चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।

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