ईश्वर दुबे
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नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंचित वर्गों को विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर देने से महरूम कर दिया है क्योंकि उनका मंत्र इन वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना और ‘‘उद्योगपति मित्रों’’ का विकास करना है। गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री पर हमला किया जिसमें दावा किया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए विभागीय स्तर पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी पदों को आरक्षित करने की मंजूरी दे दी है जिससे उनके लिए उपलब्ध पद 25 फीसदी से 100 फीसदी तक कम हो सकते हैं।
गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पहले मोदी जी ने सीटें कम करके वंचित वर्ग के लोगों से शैक्षिक अवसर छीने। छात्रवृत्तियां रोकी। रोहित वेमुला जैसे युवाओं पर हमला किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अब 13 सूत्री रोस्टर के जरिए उनके लिए विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी खत्म कर दिए हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उनका (मोदी) एक मंत्र है : वंचित वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना, उद्योगपति मित्रों का विकास करना।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंचित वर्गों को विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर देने से महरूम कर दिया है क्योंकि उनका मंत्र इन वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना और ‘‘उद्योगपति मित्रों’’ का विकास करना है। गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री पर हमला किया जिसमें दावा किया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए विभागीय स्तर पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी पदों को आरक्षित करने की मंजूरी दे दी है जिससे उनके लिए उपलब्ध पद 25 फीसदी से 100 फीसदी तक कम हो सकते हैं।
गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पहले मोदी जी ने सीटें कम करके वंचित वर्ग के लोगों से शैक्षिक अवसर छीने। छात्रवृत्तियां रोकी। रोहित वेमुला जैसे युवाओं पर हमला किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अब 13 सूत्री रोस्टर के जरिए उनके लिए विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी खत्म कर दिए हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उनका (मोदी) एक मंत्र है : वंचित वर्गों को मुख्यधारा से बाहर करना, उद्योगपति मित्रों का विकास करना।
’’उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पिछले साल फैकल्टी आरक्षण लागू करने के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की थी जिसमें संस्थानगत गणना करने के बजाय कुल पदों की विभागवार गणना की गई।
’’उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पिछले साल फैकल्टी आरक्षण लागू करने के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की थी जिसमें संस्थानगत गणना करने के बजाय कुल पदों की विभागवार गणना की गई।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने धन शोधन मामले में रॉबर्ट वाड्रा को 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह मामला दर्ज किया था। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वाड्रा को छह फरवरी को ईडी के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।
मामला लंदन स्थित एक सम्पत्ति खरीदने से जुड़ा है, जिसके मालिक कथित तौर पर वाड्रा हैं। लंदन के 12, ब्रायनसेट स्क्वायर स्थित इस सम्पति की कीमत 19 लाख पाउंड है।
जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हाल ही में घोषित बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं को ठगा है। राठौड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘वादा किया था कि राजस्थान के शिक्षित बेरोजगारों को 3500 रुपये भत्ता देंगे। दिसंबर 2018 में सीएमआईआई का जो सर्वे आया उसके अनुसार राजस्थान में हर छठा व्यक्ति बेरोजगार है। इसके आधार पर राजस्थान में बारहवीं पास युवकों की संख्या 33 लाख है। अगर इन सभी 33 लाख युवकों को सरकार 3500 रुपये प्रति माह दे तो राज्य सरकार पर 1166 करोड़ रुपये भार आएगा।’
राठौड़ के अनुसार लेकिन राज्य सरकार ने अपनी घोषणा में इतने 'किंतु परंतु' लगाए हैं कि अब केवल 24 करोड़ रुपये यानी दो करोड़ रुपये प्रति माह का भार सरकार पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार ने एक तरह से बेरोजगारों को ठगने का काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में स्वाइन फ्लू से हो रही मौतों व कड़ाके की सर्दी में भी सिंचाई के लिए रात में ही बिजली आपूर्ति किए जाने का भी मुद्दा उठाया। राठौड़ ने संसद में शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट को गरीब, किसान और देश के नौजवानों के सपनों व आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट करार दिया
नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन की संभावना को एक बार फिर खारिज करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने शनिवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हमें सातों सीटों पर चुनाव लड़ना है। किसी के साथ कोई गठबंधन का कोई विचार नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि उम्मीदवारों की सूची कब जारी होगी तो उन्होंने कहा कि अभी तो चुनाव तिथि का एलान नहीं हुआ है। उम्मीदवारों की घोषणा समय पर हो जाएगी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘हम आगामी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों को निशाना बनाएंगे। दोनों हमारे प्रतिद्वंदी हैं।’ शीला ने कहा कि हम दिल्ली की स्थिति के मुताबिक अपनी रणनीति बनाएंगे।
पटना। जदयू नेता ऋषि मिश्र शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हा गये। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के समय ऋषि ने कहा कि उनके लिए उस गठबंधन (राजग) में बने रहना मुश्किल हो गया था जिसमें भाजपा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों से मैं घुटन में जी रहा था।
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश जी के साथ मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन मेरे लिए मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का सामना करना बहुत मुश्किल हो रहा था क्योंकि मैंने भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था और अब मेरी पार्टी उसके साथ राजग में है। दिवंगत ललित नारायण मिश्रा के पोते के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें खुशी है कि ऋषि जी अपने पुराने घर लौट आए हैं। उनकी मौजूदगी से पार्टी मजबूत होगी। ललित नारायण मिश्रा 1970 के दशक में बिहार में कांग्रेस के एक कद्दावर नेताओं में से एक थे।
दरभंगा जिले में जाले विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में विधायक बने ऋषि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जिबेश कुमार के हाथों पराजित हो गए थे। अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर ऋषि ने कहा वह बिना किसी शर्त के इस दल में शामिल हुए है। उन्होंने कहा कि मैं यहां जीवन भर के लिए आया हूं और पार्टी की सेवा करूंगा जैसा मेरे पिता जी ने किया।
फालाकाटा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि केन्द्र सरकार बांग्लादेश से लगती पश्चिम बंगाल और असम की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करेगी। सिंह ने यहां अलीपुरद्वार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि बांग्लादेशी अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल में घुस रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से बांग्लादेश के साथ लगती सीमा को सील करने के लिए बाड़ लगाने के वास्ते जमीन मांगी थी लेकिन राज्य सरकार ने अभी जमीन नहीं दी है।
सिंह ने कहा कि अब हमने बांग्लादेश से लगती दोनों अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली के जरिए सील करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। यह कदम घुसपैठ रोकने के साथ ही तस्करी को भी रोकेगा तथा पश्चिम बंगाल के जनसांख्यिकीय परिदृश्य बदलने के बीच देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, ‘रिकॉर्ड के मुताबिक, सबसे ज्यादा हिंसा पश्चिम बंगाल में हुई है। उनके शासन में मां, माटी और मानुष कोई सुरक्षित नहीं है।’
गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में करीब 100 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है और इसमें संलिप्तता वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा खत्म होनी चाहिए और इसके लिए बंगाल में 2021 में भाजपा का मुख्यमंत्री होना चाहिए।’
देहरादून। राम मंदिर के अयोध्या में नियत स्थान पर जल्द ही बनने की बात कहते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस संबंध में अपना रूख स्पष्ट करने की भी चुनौती दी। आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यहां पार्टी के चुनावी अभियान का श्रीगणेश करते हुए शाह ने कहा कि कुंभ मेला चल रहा है और यह बहुत स्वाभाविक है कि राम मंदिर की मांग उठाई जा रही है।
यहां परेड ग्राउंड में पार्टी कार्यकर्ताओं के 'जय श्रीराम' के नारों के बीच भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले पर भाजपा की नीति हमेशा बहुत स्पष्ट रही है और मैं यहां यह घोषणा करना चाहता हूं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर जल्दी से जल्दी उसी स्थान पर ही बनना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में राहुल गांधी को भी अपना रूख साफ करने की चुनौती दी और कहा, ‘आप (राहुल) अपना रुख साफ करो कि आप मंदिर बनाना चाहते हो या नहीं चाहते हो।'
कांग्रेस पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रास्ते में उच्चतम न्यायालय में अपने वकीलों के जरिए हमेशा अवरोध पैदा करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से 2019 के चुनावों तक मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया था। चुनाव से पहले बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिये आये शाह ने 'त्रिशक्ति सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा, ‘कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि उसने देश के सबसे पुराने मुकदमे की सुनवाई को टालने की मांग क्यों की।’
राम मंदिर मामले में भाजपा के दृष्टिकोण में कहीं कोई दुविधा नहीं होने का दावा करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी की ही सरकार है जिसने अयोध्या में विवादित स्थल से लगी 42 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने का निर्णय किया। मोदी सरकार को स्पष्ट बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में दोबारा लाने का जनता से आह्वान करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह केवल पार्टी की नहीं देश की जरूरत है जो केवल मोदी के हाथों में ही सुरक्षित रह सकता है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिचौलियों को दूर कर और जनता के कल्याण के लिये पूरी राशि लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित कर देश में एक साफ सुथरी और पारदर्शी सरकार दी है। विपक्षी भी उन पर उंगली नहीं उठा सकते। महागठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयासों पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘भाजपा के खिलाफ बुआ-भतीजा साथ आ गये हैं। आप को लगता है कि वे एक साथ रहेंगे? अगर चंद्रबाबू नायडू हल्द्वानी में जनसभा करेंगे या एच डी देवेगौडा देहरादून आयेंगे तो कोई उन्हें सुनेगा? ये क्षेत्रीय दलों के नेता है जिनकी सीमित अपील है।’
शाह ने कहा कि गठबंधन का एक सूत्री एजेंडा मोदी को हटाना है जबकि मोदी का विजन सुशासन का है। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीढ़ बताते हुए शाह ने कहा कि केवल वे ही आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड जीत दिला सकते हैं। शाह ने कहा कि ऐसा भाजपा जैसी पार्टी में ही संभव हो सकता है जो लोकतांत्रित मूल्यों से संचालित होती है कि खंभों पर पार्टी के पोस्टर चिपकाने वाला मेरे जैसा छोटा कार्यकर्ता पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है, एक चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।
ठाकुरनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर शनिवार को तीखा हमला बोलते हुए उन पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि वह (ममता) उनकी पार्टी को मिले लोगों के प्यार के कारण घबरा गई है। बनर्जी के गढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल बजाते हए मोदी ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर कृषि कर्ज माफी के जरिए परेशान कृषक समुदाय को गुमराह करने का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक का भी जिक्र किया जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की मांग की गई है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपने देश से भाग गए थे। अनुसूचित जाति मतुआ समुदाय के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘अब मैं समझ सकता हूं कि क्यों दीदी (बनर्जी) और उनकी पार्टी हिंसा, निर्दोष लोगों की हत्या में शामिल है। वह हमारे लिए आपके प्यार से घबरा गई हैं।’ किसानों, कामकाजी और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए शुक्रवार को पेश किए बजट को ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इन वर्गों को वर्षों तक नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने कहा कि हमने अपने बजट में कदमों की घोषणा की है जिससे 12 करोड़ छोटे किसानों, 30-40 करोड़ कामगारों और तीन करोड़ मध्यम वर्गीय लोगों को फायदा मिलेगा। रैली में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर मोदी को भाषण को 14 मिनट में ही खत्म करना पड़ा। रैली से पहले प्रधानमंत्री मतुआ ठाकुरबाड़ी गए और समुदाय की नेता और मतुआ महासंघ के संस्थापक हरीशचंद्र ठाकुर की विधवा बारो मा का आशीर्वाद लिया।
नयी दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के तय कार्यकाल के लिये शनिवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया। मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला फिलहाल भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष हैं। वह आलोक वर्मा का स्थान लेंगे, जिन्हें 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था। शुक्ला का हाल में मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक पद से पुलिस आवास निगम में तबादला हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद उनकी नियुक्ति हुई है। शुक्रवार को चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान शुक्ला का नाम छांटा गया था। इस घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर ‘अनिच्छुक’ है और केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद ‘संवेदनशील’ और ‘महत्वपूर्ण’ है और लंबे समय तक एजेंसी के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति ठीक नहीं है। अदालत ने जानना चाहा कि सरकार ने अब तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की है। आलोक वर्मा को हटाये जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था। वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे।
वर्मा को हटाये जाने के बाद से एम नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं। शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई। यह बैठक एक घंटा से अधिक समय तक चली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति द्वारा सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद वर्मा को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा बनाया गया था। हालांकि वर्मा ने इस पद को स्वीकार नहीं किया।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि हमारी सरकार दहाई अंक वाली मुद्रास्फीति पर लगाम कसने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हमने ‘कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी’ है और हमारे कार्यकाल में औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत रही। वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि संप्रग सरकार के 2009-2014 के शासन में मुद्रास्फीति औसतन 10.1 प्रतिशत पर रही थी।
गोयल ने संसद में कहा कि 2009-14 के दौरान मुख्य तौर पर खादद्य मुद्रास्फीति बढ़ी थी। इसे देखते हुए हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी। हम मुद्रास्फीति को 4.6 प्रतिशत के औसत पर लेकर आए जो किसी भी अन्य सरकार के पूरे कार्यकाल के मुद्रास्फीति आंकड़े से कम है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में मुद्रास्फीति 2.19 प्रतिशत रही।
उन्होंने कहा कि यदि हम महंगाई को कम नहीं करते तो हमारे परिवारों को खाना, यात्रा और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों पर 35 से 40 प्रतिशत अधिक खर्च करना होता।
सरकार ने वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए आज आयकर दरों में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि अब पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का बजट पेश करते हुए इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपए तक की बचत पर भी कोई कर नहीं लगेगा। इस तरह कुल छूट साढ़े 6 लाख रुपए तक की आय पर मिल गयी। इसके अलावा उन्होंने स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने की भी घोषणा की। इसके अलावा एफडी के ब्याज पर 40 हजार रुपए तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अब तक 10 हजार रुपए के ब्याज पर कोई कर नहीं लगता था। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोक सभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।