मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश (8356)

सीधी. मध्यप्रदेश के सीधी जिले के जंगलों की हो रही लगातार कटाई ने वन्य जीवों के जीवन पर संकट खड़ा कर दिया है तो षिकार करने वालों ने इनकी संख्या भी करने मे जुटे है तो वन विभाग के साथ संजय टाईगर के अधिकारी कागजी कोरम की पूर्ति कर जंगल और जीवों की रक्षा के नाम पर वजट की अपेक्षा कर रहे है जीवों के षिकार होने की जानकारी तव होती है जव गांव के लोग बताते है कि बाघ तेंदुआ हिरन का षिकार हो गया है तव जाकर अधिकारी जंगल पहुंचते है.

बता दें कि रीवा सम्भाग भर के षिकारियों की नजर सीधी जिले के जंगलों मे पल रहे जीवों के षिकार करने पर टिकी रही है इनपर अंकुष अधिकारी नही लगा पाये है जवकी 2019 की शुरूआत से ही संजय टाइगर रिजर्व में सहित जिले के जंगलों मे शिकारियों की नजर लगी हुई थी मौका लगते ही वे वन जीवों को नेवाला बनाने मे हिचकते नही रहे है. शिकारियों की हिमाकत ऐसी रही कि कभी करंट लगाकर तो कभी जहर खिलाकर तो कभी बम्ब का प्रयोग करके वन्यजीवों का शिकार किया संजय टाईगर रिजर्व मे बाघिन को जहर देकर मारा बाघ तेंदुआ भालू चिंकारा चीतल नील गाय व जंगली सुअर जैसे वन्यजीव का शिकारियों ने खूव षिकार किया तो विभाग ने एक दो मामलों मे कार्यवाही भी किया कुछ को जेल भी भेजा है.

कई जीवों की मौत को रेलवें लाईन मे फंस कर होने का वास्ता देकर मामलों को रफा दफा भी कर दिया है. जिस तरह से वन जीवों की मौतों को दवाने का प्रयास किया है नदियों से रेत उत्खनन व जंगलों से पेड़ों का छरण कराया जा रहा है उसके कारण वन जीवों के जीवन पर संकट मडराने से लेकर जंगल की सुरक्षा मे किये जा रहे इंतजाम पर सवाल खड़े होने लगे है. 2019 में मौत का आंकड़ा सालभर में जितने वन्यप्राणियों के शिकार हुए सबसे ज्यादा करंट लगाकर किए गए.

शिकारी संजय दुबरी अभ्यारण्य क्षेत्र से गुजरने वाली विद्युत की 11 हजार केवी लाइन में कटिया फंसाकर खुले तारों का जाल बिछा देते थेए उसमें वन्यप्राणी फंस जाते और मौत हो जाती. वनपरिक्षेत्र चुरहट के बीट खड्डी में 19 दिसंबर को शिकारियों ने करंट लगाकार तेंदुए को फंसाया था. हालांकि इसी साल दुबरी अभ्यारण्य से होकर गुजरने वाली विद्युत की 11 हजार केवी लाइन को इंसुलेटेड कराने का प्रस्ताव भेजा गया है. 21 फरवरी 2019 को ब्यौहारी में चीतल नर 3 मार्च को ब्योहारी में चीतल नर 7 मार्च को ब्योहारी में भालू 13 मार्च को ब्योहारी में भालू 16 अगस्त को बस्तुआ में चिंकारा 16 अक्टूबर को पोंड़ी में बाघिन टी.20 30 अक्टूबर को बस्तुआ में भालू 28 नवंबर को वन परिक्षेत्र चुरहट के खड्डी में तेंदु की मौत करंट में फंसने से हुई.

कई भालुओं का शिकार भी संजय टाइगर रिजर्व एरिया में किया गया. दुबरी अभ्यारण्य अंतर्गत कुसमी जनपद के खोखरा जंगल के चिरचिरी खोह में बाघिन टी.20 का 16 अक्टूबर को शव मिला था. शव करीब एक पखवाड़ा पुराना कह कर अपनी जबावदारी से मुक्त होते रहे है. हर साल घड़ियाल छोड़े पर संख्या घटी सोन घडियाल अभ्यारण्य में नर घडियालों की कमी पूरा करने के लिए 9 दिसंबर को पांच नर घडियालों को छोड़ा गया. इनको मुरैना के पास स्थित देवरी ब्रीडिंग सेंटर चंबल नदी से लाया गया था. पर्यटकों को आकर्षित करने लगातार कई स्थानों से घडियालों को लाकर जोगदहा सोन नदी घाट में छोड़ा जा रहा.

भोपाल,मध्‍य प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी की समस्या पर रोक लगाना सरकार का मिशन है. इसके लिए वह छिंदवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बांस उद्योग शुरू करने जा रही है. प्रोजेक्ट के तहत बेम्बोस टुल्डा प्रजाति के बांस की खेती की जाएगी. खेती करने के लिए जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए पौधे असम और त्रिपुरा से मंगाए जाएंगे. कमलनाथ सरकार ने क्षेत्र के विकास करने और बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने का एक नया प्लान तैयार किया है. ये प्लान है छिंदवाड़ा में बांस उद्योग को लाने का. बांस उद्योग से अगरबत्ती और चारकोल तैयार किया जाएगा.
सरकार करेगी ये काम
बांस उद्योग को स्‍थापित करने के लिए पहले चरण में 600 हेक्टेयर में बांस की खेती की जाएगी, जिसमें 500 हेक्टेयर जंगल की जमीन और 100 हेक्टेयर में प्राइवेट भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे. प्राइवेट भूमि पर खेती करने किसानों को 120 रुपए प्रत्येक पौधे पर अनुदान देने का सरकार ने फैसला लिया है. खेती करने के जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जबकि डीएफओ को वन क्षेत्र में बांस की खेती के लिए डीपीआर तैयार करने के सरकार ने निर्देश दे दिए हैं.
भाजपा ने साधा निशाना
इस मामले पर बीजेपी के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सारंग की मानें तो सरकार ने जनता के साथ वादाखिलाफी की है. बीजेपी का आरोप है कि सरकार तमाम योजनाओं को मात्र अमलीजामा पहनाने का काम करती है. साथ ही बीजेपी ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा है कि सरकार के लिए प्रदेश क्या मात्र छिंदवाड़ा तक ही सीमित है, क्‍योंकि छिंदवाड़ा सीएम कमलनाथ का गृह जिला है. नसीहत देते हुए सारंग ने कहा कि सरकार को चाहिए की वो ऐसी कामगार योजनाएं बनाएं जिससे प्रदेश में वाकई रोजगार बढ़े, ताकि योजनाएं मात्र घोषणा भर बन कर रह जाएं.
सरकार का जवाब, जनता की उम्मीद
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि शुरुआती दौर में ये प्रोजेक्ट छिंदवाड़ा से शुरू किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट के सफलता मिलते ही सरकार इसे अन्य जिलों में भी चलाएगी. जबकि बीजेपी की नजर प्रदेश के बेरोजगारों के आकड़ों की तरफ है.

भोपाल । उत्तर भारत में हुई बर्फबारी से पूरे मध्यप्रदेश में शीतलहर का दौर जारी है। प्रदेश के 13 शहरों में पारा 5 डिग्री और 29 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है। शीतलहर के चलते प्रदेश में दो लोगों की मौत हो गई है। मप्र के दतिया, ग्वालियर और उमरिया सबसे ठंडे रहे। यहां न्यूनतम तापमान 3 डिग्री से भी नीचे बना हुआ है। हालांकि, सोमवार को ठंड से कुछ राहत मिली। लेकिन, शाम से सर्द हवाओं ने मौसम में कड़ाके की ठंड का एहसास ला दिया। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री दर्ज किया गया, जो रविवार रात 5.9 रिकॉर्ड किया गया था। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कोल्ड डे और शीतलहर चलने की संभावना व्यक्त की है। उत्तर भारत से आ रहीं बर्फीली हवाओं से प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। कड़ाके की ठंड से कई जगह पत्तियों पर ओस की बूंदे जम गईं हैं।
प्रदेश में सबसे कम तापमान दतिया और ग्वालियर में 2.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा उमरिया में २.४ डिग्री न्यूनतम तापमान रहा। इसके अलावा पूरे प्रदेश में तापमान 5 डिग्री के आसपास ही दर्ज किया गया।
 शिवपुरी, हरदा में दो की मौत
प्रदेश के ज्यादातर जिलों में लगातार तीसरे दिन कई शहर और जिले शीतलहर और तीव्र शीतलहर के साथ कड़ाके की ठंड की चपेट में रहे। भीषण ठंड की वजह से शिवपुरी और हरदा में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है। शिवपुरी में मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। उसकी उम्र 55 वर्ष के आसपास है।  
ग्वालियर, चंबल में कोहरा
ग्वालियर-चंबल संभाग के भिंड और मुरैना शहर कोहरे से ढंके हुए हैं और यहां सीवियर कोल्ड वेव चल रही है। ग्वालियर में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है।
उत्तर की सर्द हवाओं का असर
मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि उत्तर भारत में बर्फबारी से सर्द हवाएं सीधे मध्यप्रदेश की ओर आ रही हैं, जिससे पूरे प्रदेश में ठिठुरन वाली ठंड पड़ रही है। अगले दो दिनों तक स्थिति ऐसी ही बनी रह सकती है। मौसम शुष्क बना रहेगा।
इन जिलों में शीतलहर
सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और भोपाल संभागों के जिलों में।
इन जिलों में कोल्ड डे और सीवियर कोल्ड डे
सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में।
इन जिलों में घना कोहरा

हरदा. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है. हरदा (Harda) में पुलिस की गिरफ्त से छूटकर भागे दुष्कर्म के आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या (suicide) कर ली. सिराली थाना पुलिस आरोपी संतोष कोरकू को कोर्ट में पेश करने के लिए हरदा लेकर आ रही थी. रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक पर आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. पुलिस आरोपी को शासकीय वाहन के बजाये बाइक पर लेकर आ रही थी. आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है.

दुष्कर्म का आरोपी था कैदी

दुष्कर्म के आरोपी संतोष कोरकू के ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लेने को स्थानीय लोग भी पुलिस की लापरवाही बता रहे हैं. बताया गया कि सिराली थाने में नाबालिग लड़की की गुमशुदगी और अपरहण का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में पुलिस ने खंडवा निवासी संतोष को शनिवार को गिरफ्तार किया था. रविवार को दो पुलिसकर्मी सरजू और सुमित आरोपी संतोष को कोर्ट में पेश करने के लिए बाइक से ले हरदा ले जा रहे थे. रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक बंद था, इसलिए पुलिसकर्मियों ने बाइक रोकी. रेलवे फाटक खुलने से पहले ही अचानक आरोपी बाइक से कूदकर भागा और वहां से गुजर रही पुणे-गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूद गया. जिससे आरोपी संतोष की मौके पर ही मौत हो गई.


घटना के बाद पहुंचे आला अफसर

रेलवे फाटक पर कैदी की आत्महत्या की खबर मिलने पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. इधर, जिला अस्पताल में मौजूद मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया. संतोष की बहन पार्वती ने कहा कि पुलिस थाने से उन्हें इस बात की सूचना नहीं दी गई थी कि रविवार को ही उनके भाई को कोर्ट ले जाया जा रहा है. पुलिस ने परिजनों को सोमवार को आरोपी को अदालत में पेश करने की बात कही थी. परिजनों ने संतोष को बाइक से हरदा ले जाने पर भी सवाल उठाया. मामले पर सिविल लाइन थाना प्रभारी जयंत मर्सकोले ने बताया कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही की जांच की जा रही है. दोष साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि आरोपी पर दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज था.

 

भोपाल. नियमितीकरण की मांग (Regularisation) को लेकर अतिथि विद्वानों के बाद अब अतिथि शिक्षकों (Guest teachers) ने कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) का सिरदर्द बढ़ा दिया है. अतिथि शिक्षकों ने भी सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए भोपाल (Bhopal) में धरना देने का फैसला किया है. अतिथि शिक्षक शाहजहांनी पार्क में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. अतिथि शिक्षक सरकार को अपना वादा याद दिलाने भोपाल में डेरा डाले है. इन शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने वचन पत्र में 90 दिन में नियमित करने का वादा किया था. लेकिन अब तक यह कार्रवाई नहीं की गई है.

दो बार दे चुके हैं धरना

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि नियमित करने की मांग को लेकर वे दो बार भोपाल में धरना दे चुके हैं. हर बार आश्वासन देकर बात को टाल दिया जाता रहा है. लेकिन इस बार नियमित करने को लेकर धरना जब तक चलेगा जब तक कि कोई फैसला नहीं आ जाता है. अब तक अतिथि शिक्षकों को 2500 से 3 हजार रुपए ही वेतन भुगतान होता है. शिक्षकों का कहना है कि इसके कारण काफी मुश्किलें हो रही हैं. पूरा एक साल बीतने के बाद भी सरकार को अपना वादा याद नहीं आ रहा है.


वेतन कम किया उच्च शिक्षा विभाग ने

अतिथि विद्वान 20 दिनों से कड़ाके की सर्दी में शाहजहांनी पार्क में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी नियमित करने की मांग पर अमल नहीं हुआ है. वहीं च्वाइस फिलिंग के बाद भी अतिथि विद्वानों को बाहर का रास्ता दिखा गया है. अब उच्च शिक्षा विभाग ने एक और नया फरमान अतिथि विद्वानों के लिए जारी कर दिया है. नए फरमान में कहा गया है कि जो भी अतिथि विद्वान कॉलेजों में 20 दिन से कम पढ़ाएगा या 20 दिन से कम पीरियड लेगा, उन्हें 1500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान नहीं किया जाएगा. यानी उपस्थिति के हिसाब से ही भुगतान होगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि अतिथि विद्वानों को महीने में 30 हजार से ज्यादा वेतन नहीं दिया जाएगा. इस फरमान को अतिथि विद्वानों ने द्वेषपूर्ण राजनीति बताते हुए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है.

जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) जिले में एक युवती के साथ बंधक बनाकर दुष्कर्म (rape) करने का मामला सामने आया है. आरोप है कि युवक ने पहले उसे शादी का झांसा दिया और फिर उसे लेकर यहां वहां घुमाता रहा. इस दौरान कई महीनों तक आरोपी युवती का शारीरिक शोषण करता रहा. लेकिन, जब शादी करने की बात पीड़िता द्वारा कही गई तो आरोपी ने उसे धमकाते हुए भगा दिया. जिसके बाद पीड़िता ने रांझी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. फिलहाल पुलिस(Jabalpur police) ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार (arrest) कर जांच शुरू कर दी है.
आरोपी ने 15 दिन तक बंधक बनाकर किया दुष्कर्म
जानकारी के अनुसार जबलपुर के रांझी क्षेत्र की रहने वाली 23 वर्षीय युवती का उदय नगर के रहने वाले एक युवक से 2017 में परिचय हुआ था और फिर दोस्ती हुई. दोनों में लगातार बातचीत होती रही. आरोप है कि एक दिन आरोपी युवती को घमापुर क्षेत्र में एक किराये के मकान में ले गया और 15 दिन तक बंधक बना कर उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता द्वारा शिकायत किए जाने की बात पर आरोपी द्वारा उसके साथ शादी किए जाने का प्रलोभन दिया गया. जिसके बाद कई महीनों तक आरोपी उसका शारीरिक शोषण करता रहा.
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को किया गिरफ्तार
वहीं जब पीड़िता द्वारा आरोपी से शादी करने की जिद की गई तो आरोपी मुकर गया और उसे जान से मारने की धमकी देने लगा, जिसके बाद पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. पुलिस ने धमकाने एवं दुष्कर्म किए जाने की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की जांच में जुट गई है.

हरदा. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है. हरदा (Harda) में पुलिस की गिरफ्त से छूटकर भागे दुष्कर्म के आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या (suicide) कर ली. सिराली थाना पुलिस आरोपी संतोष कोरकू को कोर्ट में पेश करने के लिए हरदा लेकर आ रही थी. रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक पर आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. पुलिस आरोपी को शासकीय वाहन के बजाये बाइक पर लेकर आ रही थी. आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है.
दुष्कर्म का आरोपी था कैदी
दुष्कर्म के आरोपी संतोष कोरकू के ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लेने को स्थानीय लोग भी पुलिस की लापरवाही बता रहे हैं. बताया गया कि सिराली थाने में नाबालिग लड़की की गुमशुदगी और अपरहण का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में पुलिस ने खंडवा निवासी संतोष को शनिवार को गिरफ्तार किया था. रविवार को दो पुलिसकर्मी सरजू और सुमित आरोपी संतोष को कोर्ट में पेश करने के लिए बाइक से ले हरदा ले जा रहे थे. रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक बंद था, इसलिए पुलिसकर्मियों ने बाइक रोकी. रेलवे फाटक खुलने से पहले ही अचानक आरोपी बाइक से कूदकर भागा और वहां से गुजर रही पुणे-गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूद गया. जिससे आरोपी संतोष की मौके पर ही मौत हो गई.

घटना के बाद पहुंचे आला अफसर
रेलवे फाटक पर कैदी की आत्महत्या की खबर मिलने पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. इधर, जिला अस्पताल में मौजूद मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया. संतोष की बहन पार्वती ने कहा कि पुलिस थाने से उन्हें इस बात की सूचना नहीं दी गई थी कि रविवार को ही उनके भाई को कोर्ट ले जाया जा रहा है. पुलिस ने परिजनों को सोमवार को आरोपी को अदालत में पेश करने की बात कही थी. परिजनों ने संतोष को बाइक से हरदा ले जाने पर भी सवाल उठाया. मामले पर सिविल लाइन थाना प्रभारी जयंत मर्सकोले ने बताया कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही की जांच की जा रही है. दोष साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि आरोपी पर दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज था.

इंदौर. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर सोमवार को शहर के अलग-अलग क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हुए। हाथों में तिरंगे लिए संविधान बचाओ के नारों के साथ बड़ी संख्या में लोग खजराना के दरगाह मैदान में जमा हुए। विराेध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद किया गया है। विरोध स्वरूप खजराना क्षेत्र में आधा दिन का बंद रखा गया है।
सीएए और एनआरसी के विरोध में सोमवार सुबह खजराना, संयोगितागंज, मल्हारगंज, चंदन नगर सहित 6 स्थानों पर कुछ संगठनों ने प्रदर्शन कर पुलिस-प्रशासन के अफसरों को ज्ञापन सौंपा। हाथों में तिरंगा लिए इन लोगांे ने जमकर संविधान बचाओ के नारे लगाए। सभी समुदाय के लोगों ने इसमें शिरकत कर देश में एकता और अखंडता की बनाए रखने की कही। मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ संत समाज ने इसमें शामिल हुए। सीएए और एनआरसी के खिलाफ चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोगों ने हस्ताक्षर किए। वहीं विरोध स्वरूप राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के मुताबिक, शांतिपूर्ण तरीके से बात रखने पर कोई रोक नहीं है। फिर भी एहतियात के चलते 700 जवान तैनात किए थे।

इन्दौर ।  सहकारिता मंत्री श्री गोविंद सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को पुनः पुनर्जीवित किया जाएगा। मध्यप्रदेश में सहकारिता के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश को माफिया मुक्त बनाया जाएगा। श्री गोविन्द सिंह ने कहा  कि इन्दौर जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये चलाया जा रहा शून्य शक्ति अभियान सराहनीय प्रयास है। यह अभियान पूरे प्रदेश में लागू होगा।
मंत्री श्री गोविंद सिंह आज यहां सांवेर में किसान समृद्धि केंद्र के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने की। इस अवसर पर विधायक श्री रामलाल मालवीय, श्री महेश परमार, श्री सदाशिव यादव,  के.के. मिश्रा, श्री भारत सिंह चौहान, श्री हुकम सिंह सांखला, श्री दिलीप चौधरी, श्री राम सिंह पारिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मंत्री श्री गोविंद सिंह ने कहा कि सहकारिता जरूरतमंद एवं गरीबों को संगठित कर उनके उत्थान का बेहतर माध्यम है। सहकारिता के क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा। सहकारिता का विस्तार गांव-गांव तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से किसानों को खाद-बीज और अन्य कृषि आदान रियायती दर पर  उपलब्ध कराने के लिए किसान समृद्धि केंद्रों की स्थापना की जा रही है। इस केंद्र के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्र भी रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा किसान समृद्धि केंद्र के लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है जिसके माध्यम से किसानों को उनकी पसंद के अनुसार कृषि आदान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
:: इन्दौर जिले में चल रहे शून्य शक्ति अभियान की सराहना ::
मंत्री श्री गोविंद सिंह ने इन्दौर जिले में  राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव की पहल पर चलाए जा रहे शून्य शक्ति अभियान की सराहना की। श्री गोविन्द सिंह ने कहा कि इस तरह का  अभियान पूरे प्रदेश में चलाये जाने की जरूरत है। इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान किसानों के हित में है। इस अभियान के लिये  यहां के अधिकारी और जनप्रतिनिधि बधाई के पात्र हैं। यह अभियान जरूरतमंद किसानों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। किसानों की छोटी-मोटी राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण में मददगार है। यह बहुत पुण्य का कार्य है। उन्होंने इस अभियान के तहत लाभान्वित किसानों को ऋण पुस्तिका, खसरे की प्रति, नकल आदि वितरित किये।  इस अभियान के तहत सांवेर तहसील में  एक हजार 200 अविवादित राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि सहकारिता के आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। सहकारिता के माध्यम से कृषि एवं गांव का विकास निर्भर है। सहकारिता का क्षेत्र जितना विस्तारित और मजबूत होगा उतना ही गांव एवं कृषि का विकास होगा। ग्रामीणों का उत्थान भी होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी का बड़ा निर्णय लेकर उसका चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रथम चरण में 50 हजार रूपये  तक के ऋण माफ किए गए हैं। इसके बाद दूसरे चरण में अब 50 हजार रूपये  से लेकर एक लाख रूपये तक का तथा तीसरे चरण में एक लाख रूपये से दो लाख रूपये  तक का कर्जा माफ होगा। कोई भी किसान छूटेगा नहीं। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल का उचित दाम मिले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक कारगर कदम उठाए गए हैं। किसानों को बिजली के बिलों में रियायत दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 40 मिलावट खोरों  के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 106 एफ आई आर दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक शिक्षित और स्वस्थ बने यह हमारा संकल्प है। श्री सिलावट ने कहा कि नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना से सांवेर तहसील के 43 गांवों में सिंचाई के साथ ही पेयजल की सुविधा भी ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम को श्री भारत सिंह चौहान, श्री सदाशिव यादव, श्री के.के. मिश्रा आदि ने भी सम्बोधित किया और राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी।

नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया है। इस खास मौके पर उनके साथ पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन साथ नजर आए। इस मौके पर उन्होंने कहा- ''मैं भारत सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय और ज्यूरी के सदस्यों को अपनी तरफ से आभार प्रकट करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इस योग्य समझा। ईश्वर की कृपा रही है। माता-पिता का आशीर्वाद रहा है। सबसे ज्यादा भारत की जनता का स्नेह रहा है जिसकी वजह से मैं आपके सामने खड़ा हूं। जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में ये सवाल उठा कि क्या ये मेरे लिए संकेत है कि बस अब हो गया, या मुझे अभी और काम करना है। 23 दिसंबर को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के आयोजन के समय अमिताभ बच्चन उपस्थित नहीं हो पाए थे। बीमार होने की वजह से अमिताभ बच्चन को डॉक्टर द्वारा सफर ना करने की हिदायत दी गई थी। अमिताभ बच्चन ने 22 दिसंबर की शाम को एक ट्वीट के माध्यम से खुद यह जानकारी शेयर की थी।अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में 'मेगा स्टार' और 'बिग बी' के नाम से भी मशहूर हैं। गौरतलब है कि उनकी पहली फिल्म '7 हिंदुस्तानी' थी, जो 1969 में रिलीज हुई थी। 1973 में प्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी फिल्म 'जंजीर' से अमिताभ बच्चन ने बॉक्स ऑफि़स पर कामयाबी की जो सीढ़ियां चढ़ना शुरू कीं तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। करीब दो दशक तक वे हिंदी फिल्मों के सबसे सफल नायक बने रहे। एक दौर ऐसा भी आया जब अमिताभ का फिल्मी करियर डावांडोल होने लगा था। इसके बाद अमिताभ ने फिर से नए सिरे से काम शुरू किया और नए निर्देशकों के साथ नए प्रयोग किए। उन्होंने 'ब्लैक' और 'पा' जैसे प्रयोगधर्मी फिल्में कीं। उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के जरिये टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा और यहां भी इतिहास रच दिया। केबीसी को होस्ट करते हुए उन्हें लगभग दो दशक पूरे होने वाले हैं।अमिताभ को बॉलीवुड में 50 साल हो चुके हैं और इस दौरान उन्हें चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 15 फिल्मफेयर सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया था।

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