ईश्वर दुबे
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Bhilai
भोपाल. भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज दिल्ली में होगी, बैठक में दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सीईसी के सभी सदस्य और राज्यों के मंत्री मौजूद रहेंगे। मध्य प्रदेश से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह समेत कई नेता शामिल होंगे। बुधवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद अब भाजपा ने ये बैठक बुलाई है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज समेत मध्य प्रदेश के बड़े नेता प्रत्याशियों की पहली सूची पर चर्चा करेंगे। इसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति इनके नाम तय करेगी। भाजपा जल्द से जल्द प्रत्याशियों की घोषणा करना चाहती है। असल में, कांग्रेस ने बैठक करके मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की 73 सीटों पर नाम तय किए थे।
इस बीच चुनाव मध्य प्रदेश में कांग्रेस की फर्जी सूची जारी होने से हंगामा मचा हुआ था। इसके साथ ही सोशल मीडिया में भी फर्जी सूचियों के जारी होने का दौर जारी है। लिस्ट कौन जारी कर रहा है, यह किसी को नहीं पता? चौंकाने वाली बात यह है कि लिस्ट को लेकर अभी तक कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने सायबर सेल या पुलिस से शिकायत नहीं की है। न ही पार्टियों ने इसकी पुष्टि की।
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने जिला न्यायालय कटनी के आदेश को निरस्त करते हुए कटनी में 20 साल पहले 9 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है।
कटनी की जिला अदालत ने करीब 19 साल पहले आरोपित को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील की थी। कोर्ट ने आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कटनी निवासी 9 साल की बच्ची 1998 में पानी भरने गई थी, तभी आरोपी राजेश सिंह उसे 10 रुपए का लालच देकर एक सूने मकान में ले गया और दुष्कर्म करने का प्रयास किया।
इसी बीच बच्ची को आवाज देते हुए उसका पिता उस ओर आने लगा। आरोपित बच्ची का गला दबाते हुए जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। कटनी थाना पुलिस ने आरोपित राजेश के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया था।
1999 में जिला कोर्ट ने आरोपी कर दिया था दोषमुक्त : कोर्ट ने नवम्बर 1999 में आरोपी को दोषमुक्त करार दिया था। जिसके खिलाफ सरकार ने यह अपील दायर की थी। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता नम्रता केशरवानी ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के नाजुक अंग में सूजन आ गई थी। ऐसा कृत्य भी दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। अंतिम सुनवाई के बाद बेंच ने पाया कि जिला अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट का उचित निरीक्षण नहीं किया। इसी आदेश को निरस्त कर कोर्ट ने आरोपित को दोषी ठहराया।