मध्य प्रदेश

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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को 177 उम्मीदवारों ने नाम की घोषणा कर दी। इस सूची में भाजपा के कुछ दिग्गज नेताओं के नाम गायब हैं। जिसके बाद भाजपा में टिकट बटवारे को लेकर विरोध शुरू हो गया है। मनचाही सीट नहीं मिलने और सीट कटने से नेता नाराज हैं और उनके समर्थक बिफर गए हैं। राज्यभर में सीट बंटवारे को लेकर शुरू हुए हंगामे का शोर राजधानी में मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गया है। 

 

बाबूलाल गौर समर्थकों का हंगामा

बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है। जिसके बाद गौर के समर्थकों ने भी जमकर हंगामा काटा। बाबूलाल गौर के समर्थक को आशंका है कि उनका टिकट काटा जा सकता है। गौर के समर्थकों ने बड़ी संख्या में गोविंदपुरा में हंगामा किया। साथ ही उन्होंने बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग। समर्थक हर हाल में कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। समर्थकों का दावा है कि अगर यह सीट कृष्णा गौर को नहीं दी गई तो यह सीट भाजपा के हाथ से निकल सकती है। 

कैलाश जोशी ने गौर से जताई सहानुभूति 

पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने भी बाबूलाल गौर की सीट होल्ड होने पर दबी जुबान में इसे गलत बताया। जोशी ने कहा, "मैं कुछ कह भी दूं कि गलत हो रहा है तो इससे क्या होगा। पार्टी तय करती है मेरे कहने से कुछ नहीं होगा।" 

विधायकों और पूर्व मंत्रियों के टिकट काटे जाने पर जोशी ने कहा, "कोई ना कोई कारण होगा जिसकी वजह से इनके टिकट काटे गए हैं।" कैलाश जोशी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर कहा कि इससे भाजपा को थोड़ा बहुत नुकसान झेलना पड़ सकता है। 

वेल सिंह भूरिया का हंगामा 

भाजपा नेता वेल सिंह भूरिया सरदारपुर से विधायक हैं। इस बार उनका टिकट संजय बघेल को दे दिया गया है। टिकट कटने से नाराज भूरिया अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए। भूरिया अपने समर्थकों की फौज के साथ करीब 25 गाड़ियों में सवार होकर पहुंचे थे। 

कुसुम मेहदेल भी शिवराज से मिलीं 

पन्ना विधानसभा सीट के लिए भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की गई है। कुसुम मेहदेले यहां से विधायक हैं। इस बार उनका टिकट कटने की भी आशंका है। मेहदले मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं और शिवराज सिंह से मुलाकात कर उन्होंने टिकट बंटवारे पर अपनी नाराजगी जताई। 

मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कई उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। सबकी निगाहें मध्यप्रदेश की सूची पर थी। भाजपा ने मध्यप्रदेश के लिए 177 उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी की। इस बार तीन मंत्रियों और 35 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। दो सांसदों और भाजपा में आए तीन निर्दलीयों को टिकट दिया गया है। 
 

बुधनी से लड़ेंगे शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृहक्षेत्र बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं राज्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दतिया और यशोधरा राजे सिंधिया को शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है।

तीन मंत्रियों के टिकट कटे

जिनके टिकट काटे गए हैं उनमें एक बड़ा नाम है राज्य मंत्री माया सिंह का। उनकी जगह इस बार ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार को टिकट दिया गया है। इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री हर्ष सिंह का टिकट भी काटा गया है। वह सतना की रामपुर बघेलान सीट से विधायक हैं। उनकी जगह विक्रम सिंह को टिकट दिया गया है। इसके अलावा पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार की जगह सांची से उनके बेटे मुदित शेजवार को टिकट मिला है।

व्यापमं घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत सिरोंज से उम्मीदवार बनाया गया है। बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है। वह कृष्णा गौर को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाए हुए थे।  

अधिकतर मंत्रियों को मिला टिकट

हालांकि अधिकतर मंत्रियों को टिकट दिया गया है। ये नाम हैं- भूपेन्द्र सिंह (खुरई), नरोत्तम मिश्रा (दतिया), यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी), गोपाल भार्गव (लहरी), राजेन्द्र शुक्ल (रीवा), संजय पाठक  (विजयराघगढ़), विश्वास सारंग (नरेला), उमाशंकर गुप्ता (भोपाल  दक्षिण पश्चिम), गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), सुरेंद्र पटवा (भोजपुर), रामलाल (सिलवानी), दीपक जोशी
(हाटपिपल्या) 

इसके अलावा इस बार दो सांसदों को भी टिकट दिया गया है। नागौर से नागेंद्र सिंह नागौर और आगर से मनोहर उटवार को टिकट मिला है। 

दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्यों में सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर गहन चर्चा की गई। बैठक में नामों पर काफी मंथन के बाद  चुनाव के लिए उम्मीदवार तय किए गए। 

मध्यप्रदेश में भाजपा उम्मीदवार की सूची 

ग्वालियर- जयभान सिंह पवैया
दतिया- नरोत्तम मिश्रा
सबलगढ़- सरला रावत
अटेर- अरविंद सिंह
जौरा- सूबेदार सिंह
रतलाम सिटी- चेतन कश्यप
सुमावली- अजय सिंह कुशवाहा
विजयपुर- सीताराम आदिवासी
मुरैना- रुस्तम सिंह
गोहद- लाल सिंह आर्य
श्योपुर- दुर्गालाल विजय
लहार- रसाल सिंह
राघौगढ़- भूपेंद्र रघुवंशी
मुरैना- रुस्तम सिंह
ग्वालियर पूर्व- सतीश सिकरवार
ग्वालियर दक्षिण- नारायण सिंह कुशवाहा  
शिवपुरी- यशोधरा राजे सिंधिया
चाचौड़ा- ममता मीणा
अशोकनगर- लड्डूराम कोड़ी
पोहरी- प्रह्लाद भारती
चंदेरी- भूपेंद्र द्विवेदी

राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा के लिए दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की गुरुवार देर रात तक बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। भाजपा ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए 24 प्रत्याशी और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 28 उम्मीदवारों के नाम भी जारी किए हैं। 

भारतीय जनता पार्टी ने आज मध्यप्रदेश चुनाव के लिए कुल 177 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया। इस लिस्ट में कुछ दिग्गजों के नाम नहीं हैं। इन्हीं में एक नाम है राज्य मंत्री माया सिंह जिनका टिकट काटा गया है। इस बार ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार को टिकट दिया गया है। कई विधायकों के टिकट भी काटे गए हैं। 

 

इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री हर्ष सिंह का टिकट भी काटा गया है। वह सतना की रामपुर बघेलान सीट से विधायक थे। यहां उनकी जगह विक्रम सिंह को टिकट दिया गया है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार की जगह सांची से उनके बेटे मुदित शेजवार को टिकट मिला है।

व्यापमं घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत सिरोंज से उम्मीदवार बनाया गया है। बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है।  

हालांकि अधिकतर मंत्रियों को टिकट दिया गया है। ये नाम हैं- भूपेन्द्र सिंह (खुरई), नरोत्तम मिश्रा (दतिया), यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी), गोपाल भार्गव (लहरी), राजेन्द्र शुक्ल (रीवा), संजय पाठक  (विजयराघगढ़), विश्वास सारंग (नरेला), उमाशंकर गुप्ता (भोपाल  दक्षिण पश्चिम), गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), सुरेंद्र पटवा (भोजपुर), रामलाल (सिलवानी), दीपक जोशी
(हाटपिपल्या) 

इसके अलावा दो सांसदों को भी टिकट दिया गया है। नागौर से नागेंद्र सिंह नागौर और आगर से मनोहर उटवार को टिकट दिया गया है। 

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची का एलान कर सकती है। इस सूची में करीब 70 उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की तीसरी बैठक हुई जो दिनभर चली। इसमें विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। 

 

दिल्ली में बुधवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की दो राउंड में बैठक हुई। पार्टी सूत्रों के अनुसार पहले राउंड की बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी ने बड़े शहरों और विवादों में फंसी विधानसभा सीटें समेत 51 सीटों पर चर्चा की। दोपहर के भोजन के बाद हुई दूसरी बैठक में केंद्रीय चुनाव समिति ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं से एक-एक सीट के बारे में चर्चा की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इशारा किया कि गुरुवार को पहली सूची जारी हो सकती है। कांग्रेस की पहली सूची में करीब 70 उम्मीदवार शामिल हो सकते हैं। इनमें मौजूदा करीब 46 विधायकों ने नाम हो सकते हैं। इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनाव में 5000 से कम वोटों के अंतर से हारे उम्मीदवारों को भी शामिल किया जा सकता है। कुछ पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों को भी पहली सूची में जगह मिल सकती है। 

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 को लेकर कांग्रेस में मचा घमासान थमता नहीं दिख रहा है। बताया जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी के सामने दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में भिड़ पड़े। मामला सुलझता न देख राहुल को एक कमेटी बनाई है जो उम्मीदवारों के नाम पर मंथन करेगी। 

 

बताया जा रहा है कि टिकट के लेकर दोनों नेताओं में तू-तू, मैं-मैं की नौबत आ गई। मामला इतना बिगड़ गया कि राहुल को खुद दखल देना पड़ा और उन्होंने वीरप्पा मोइली, अशोक गहलोत, अहमद पटेल की तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है। इसे लेकर गुरुवार को भी बैठक का दौर जारी है। 

बता दें कि बुधवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की तीसरी बैठक हुई थी जो दिनभर चली। इसमें विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। 

पार्टी सूत्रों के अनुसार पहले राउंड की बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी ने बड़े शहरों और विवादों में फंसी विधानसभा सीटों समेत 51 सीटों पर चर्चा की। केंद्रीय चुनाव समिति ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं से एक-एक सीट के बारे में चर्चा की।

इंदौर। सुप्रीम कोर्ट के सबरीमला मंदिर संबंधी फैसले के मुताबिक केरल के इस देवस्थान में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के मत का कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राहुल गांधी ने निजी तौर पर मंगलवार को समर्थन किया। इसके साथ ही कहा कि इस बेहद भावनात्मक  मामले में उनकी निजी सोच उनकी पार्टी की केरल इकाई से अलग है। उन्होंने यहां चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में एक सवाल पर कहा कि सबरीमला मामले में मेरा निजी दृष्टिकोण यह है कि महिलाएं और पुरुष बराबर हैं। महिलाओं को सबरीमला मंदिर में जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। हालांकि, केरल में मेरी पार्टी का दृष्टिकोण है कि सबरीमला मंदिर मामला वहां महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिये एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है।

जिस दिन राफेल की जांच होगी, नरेन्द्र मोदी जेल जाएंगे
राफेल घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले जारी रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी को भ्रष्ट व्यक्ति कहा और दावा किया कि जिस दिन राफेल घोटाले की जांच शुरू होगी, उन्हें जेल जाना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राफेल डील मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिये तय प्रक्रिया का उल्लंघन किया। राहुल ने दावा किया कि जब जांच के दौरान राफेल घोटाले के दस्तावेज सामने आएंगे, तो इनमें बड़े-बड़े अक्षरों में एक तरफ मोदी और दूसरी तरफ अंबानी का नाम लिखा होगा। उन्होंने कहा कि भारत के लिए रुकावटें पैदा करना पाकिस्तान के डीएनए में है, लेकिन भाजपा की कथित तौर पर गलत सियासी नीतियों के कारण पड़ोसी मुल्क को भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का मौका मिल रहा है जिससे सीमाओं की सुरक्षा में तैनात भारतीय जवानों को शहीद होना पड़ रहा है।

  • सरदार पटेल की जयंती पर बोल रहे थे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
  • राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरदार को बताया युवाओं का प्रेरणास्रोत
 

भोपाल. गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने भी उन्हें याद किया। उन्होंने जहां एक तरफ सरदार पटेल की जमकर तारीफ की। वहीं, पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर सवाल उठाए। वह बुधवार को सरदार पटेल की प्रतिमा में माल्यार्पण करके पत्रकारों से बात कर रहे थे। 

 शिवराज सिंह ने कहा "सरदार पटेल ने जहां एक ओर आजादी के बाद भारत के राज्यों को एक सूत्र में बांधने का काम किया। लेकिन, नेहरू जी ने कश्मीर को अपने पास रखा, यही वजह रही कि दो तिहाई कश्मीर आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है। वरना कश्मीर हमारा होता। उन्होंने कहा कि आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है, मैं ऐसे महापुरुष को नमन करता हूं वे राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे।"

 सदैव युवाओं के प्रेरणास्राेत रहेंगे : मुख्यमंत्री ने कहा कि मां नर्मदा के तट पर देश की महान विभूति लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का लोकार्पण गौरवशाली भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत है। मां नर्मदा की पवित्र कल-कल धारा की तरह सरदार पटेल का नाम अनंतकाल तक अमर रहेगा। भारत के जन-मन-नायक लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को जयंती पर सादर नमन करता हूं। आपने संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर भारत के गणराज्य स्वरूप को साकार किया। देश की एकता-अखंडता की रक्षा के लिए आप युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे।

 शिवराज ने कहा कि हम सभी यह संकल्प लें कि देश की एकता-अखंडता के लिए स्वयं को समर्पित करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो अपने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देंगे, लेकिन देश की एकता-अखंडता को टूटने नहीं देंगे।

भोपाल। बिहार में भागलपुर के कबीरपुर स्थित दिगंबर जैन मंदिर के कमरे में जैन मुनि विप्रण सागर महाराज (36) का शव पंखे से लटका मिला है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार दोपहर से शाम तक जैन मुनि कमरे से बाहर नहीं आए थे। कमरे का सामने का दरवाजा भीतर से बंद था। विप्रण सागर महाराज मध्यप्रदेश के दमोह जिले के राजा समन्ना गांव के रहने वाले थे। 

 

रोज की तरह जैन मुनि विप्रन सागर जी 10:30 बजे भोजन करने के बाद 12:30 बजे कमरा नंबर-तीन में साधना करने चले गए। शाम 4:30 से पांच बजे के बीच वे श्रद्धालुओं से मिलते थे, लेकिन मंगलवार शाम पांच बजे कमरा नहीं खोलने पर मंदिर के कर्मचारी धन सिंह और अरविंद जैन ने दरवाजा ठकठकाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। मंदिर के गार्ड को सूचना दी गई।

 

स्वेच्छा मृत्यु की बात लिखी:  मंदिर कर्मियों ने पीछे के दरवाजे से जाकर देखा तो घटना का पता चला। पुलिस ने जैन मुनि के कमरे से एक नोट बरामद किया है। इसमें स्वेच्छा मृत्यु की बात लिखी गई है। हालांकि, नोट में हस्ताक्षर नहीं हैं।  विप्रण सागर महाराज गिरिडीह के समवेत शिखर से  6 माह पहले भागलपुर आए थे। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

 

जैन मंदिर के कमरा नंबर तीन में फंदे से लटके जैन मुनि विप्रण सागर महाराज के मृत शरीर के पास कागज में लिखा कथित सुसाइड नोट पुलिस ने बरामद किया है। पास ही एक कलम भी मिला। इस कथित सुसाइड नोट में जैन मुनि ने अपनी परेशानी बताई है। हालांकि जो सुसाइड नोट पुलिस को मिला है उसमें कही भी मुनी का नाम या हस्ताक्षर नहीं हैं। 

 

क्या लिखा सुसाइड नोट में : सभी साधर्मी भाई-बहनों को भागलपुर समाज को मंगल आशीर्वाद। हमारे संघ को किसी भी प्रकार कि परेशानी नहीं होनी चाहिए। हमारे स्टाफ से पूछताछ नहीं करना है। कोई इन्क्वायरी भी नहीं की जाए। हमारे समाज को किसी भी प्रकार की परेशानी न होनी चाहिए। मगर हम अपने अाप से बहुत परेशान थे। हमें साधु होकर ये काम नहीं करना चाहिए। मगर हम गलत कर रहे हैं। अब समाज को स्वयं सब पता है। इसलिए धर्म और समाज की किसी भी प्रकार की कार्रवाई न तो पुलिस करेगी और नहीं समाज। पूरे भारत वर्ष में मेरे भक्त हैं। उनको मंगल आशीर्वाद। सबको क्षमा, सबसे क्षमा। मेरी स्वेच्छा मृत्यु ही है। संघ का ध्यान पूरे समय हमारे संघ पति और समाज जरूर रखें।  

 

चातुर्मास करने आए थे भागलपुर: विप्रण सागर महाराज समवेत शिखर से पद यात्रा कर जून में भागलपुर पहुंचे थे। 18 साल पहले उन्होंने गृहस्थ जीवन त्याग कर दीक्षा ली थी। देशभर में पद विहार कर वे पहली बार भागलपुर पहुंचे थे। दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र के मंदिर सुनील जैन ने बताया कि चार महीने के चातुर्मास में मुनि विप्रण सागर महाराज यहां पधारे थे। चातुर्मास चल ही रहा था।

 

30 किलोमीटर की थी पदयात्रा: 7 नवम्बर तक चलने वाले चातुर्मास के बीच 14-23 सितम्बर तक दशलक्षण महापर्व में उनका प्रवचन भी हुआ था। दशलक्षण महापर्व के 9वें दिन जैन मुनि सुबह 5 बजे जैन मंदिर से मंदार पर्वत की पदयात्रा पर निकले और 30 किलोमीटर चल कर वे पुनसिया स्कूल पहुंचे थे। भजन-कीर्तन करते हुए वे बौंसी भी गए। फिर वे लौटे थे। जैन मुनि के अचानक देवलोक गमन से जैन समाज दु:खी है। आज जैन समाज की दुकानें बंद रहेंगी

मध्यप्रदेश, 30 अक्टूबर। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नाम पनामा पेपर मामले में लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चौतरफा घिर गए हैं। कन्फ्यूजन में पनामा घोटाले में सीएम के बेटे का नाम लेने पर राहुल ने गलती तो जरूर मानी लेकिन तबतक देर हो चुकी थी। शिवराज के बेटे कार्तिकेय ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करा दिया है। 

राहुल के यू-टर्न पर शिवराज ने पलटवार करते हुए कहा, 'अगर कोई जूनियर नेता ऐसा आरोप लगाता तब बात अलग होती लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष खुद इस तरह के आरोप लगा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हम मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि अगर वह (राहुल) माफी मांगते हैं तो इस पर विचार करूंगा।' 

बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल ने पहले पनामा पेपर्स मामले में शिवराज और उनके बेटे कार्तिकेय का नाम लिया था। गलती पर सफाई देते हुए राहुल ने कहा कि बीजेपी में इतना भ्रष्टाचार है कि कल मैं कन्फ्यूज हो गया था। राहुल गांधी ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश के सीएम ने पनामा नहीं किया, उन्होंने तो ई-टेंडरिंग और व्यापम घोटाला किया है। 
सोमवार को झाबुआ में रैली के दौरान राहुल गांधी ने पनामा पेपर और व्यापम का जिक्र करते हुए पिता-पुत्र की जोड़ी पर निशाना साधा था। इसपर पलटवार करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही है। शिवराज ने कहा कि राहुल गांधी ने पनामा पेपर्स में मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम लेकर सारी हदें पार कर दीं। 
मध्य प्रदेश के सीएम ने ट्वीट में कहा था कि वह राहुल गांधी पर मानहानि केस करने जा रहे हैं। इसके बाद राहुल गांधी की तरफ से सफाई सामने आ गई। राहुल गांधी ने सोमवार को झबुआ में कहा था कि शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में सामने आया था लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश ने भी पनामा पेपर्स में अपने पूर्व पीएम का नाम आने के बाद उन्हें सजा दी। अब राहुल ने गलती मान कर सफाई दी है। हालांकि शिवराज अब राहुल की माफी की उम्मीद जता रहे हैं। 
इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखा मुकाबला चल रहा है। बीजेपी लगातार 15 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज है। कांग्रेस ने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा आगे कर बीजेपी को चुनौती पेश की है। ऐसे में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज होती जा ही है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को झाबुआ में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा और कहा आरोप लगाया कि उनके शासनकाल में राज्य में ‘‘घोर भ्रष्टाचार’’ हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि एक मुख्यमंत्री ‘मामाजी’ के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में आया था लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। राहुल के इस आरोप के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मानहानि का मुकदमा करने का दावा किया है। 

शिवराज ने ट्वीट किया, " पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही हैं। हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो राहुल जी ने मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर्स में आया है कहा कर, सारी हदें पार कर दी! कल ही हम उन पर मानहानि का दावा कर रहे है।
 
अब खबर यह आ रही है कि राहुल गांधी ने अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली है। राहुल ने कहा कि उन्होंने ऐसा कन्फूजन में कहा था। हालांकि राहुल ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में घोर भ्रष्टाचार है।  
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