मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश (8627)

उमरिया. उमरिया के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए गर्मी से परेशान बच्चों के लिए अपने कमरे और ऑफिस का एसी निकालकर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में लगवा दिया। इसके बाद इस केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कमजोर बच्चों को राहत मिली है।
कलेक्टर सोमवंशी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, "गर्मी के खराब हालात देखक ये फैसला लिया गया है। इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है, इस वजह से पोषण पुनर्वास केंद्र भी अंदर से काफी गर्म था। ऐसे में बच्चों की परेशानी को देखते हुए हम पहले से ही एसी के इंतजाम में जुटे थे। लेकिन इसे फौरन बिल्डिंग में लगाना था। ऐसे में अपने ऑफिस और मीटिंग हॉल में लगे एसी को निकाल कर एनआरसी सेंटर में लगवा दिया।"
ब्लॉक में ऐसे चार पोषण पुनर्वास केंद्र हैं। कलेक्टर सोमवंशी ने बताया कि कलेक्टर की कोशिश के बाद इन चारों केंद्रों पर एसी लग गए हैं।
जबलपुर में हो चुकी है छह माह के बच्चे की मौत
असल में, पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है। पिछले कई दिनों से ज्यादातर जिलों में पारा 45 डिग्री के पार चल रहा है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जबलपुर में गुरुवार को लू लगने एक बच्चे की मौत हो गई थी, वहीं दमोह जिले के पथरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्मी से बच्चे बीमार हो गए थे।

ग्वालियर में दो से चार घंटे की अघोषित कटौती से लोग परेशान, शहर में हो रहे हैं रतजगे
ग्वालियर. राजस्थान की ओर से आ रही सूखी गर्म हवा से नौतपा खत्म होने के बाद भी प्रदेश में भीषण गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। अधिकांश जिलों में पारा 46 डिग्री से ऊपर चल रहा है। ग्वालियर और राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 21 जिले लू की चपेट में हैं। वहीं लू लगने से दो दिन से बीमार चल रहे जीआरपी के प्रधान आरक्षक विनोद सिंह (55) की बुधवार रात को मौत हो गई।

जीआरपी पुलिस के मुताबिक, बुधवार को प्रधान आरक्षक दस्त-उल्टी से पीड़ित थे, जिसके चलते उसे आरोग्यधाम में डॉक्टरों को दिखाया था लेकिन उसका फायदा आरक्षक नहीं मिला और बुधवार को रात 9.30 बजे उनकी मौत हो गई।
सुबह आठ बजे से ही तपने लगा भोपाल
भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित मौसम केंद्र में धूप की तीव्रता मापने के लिए लगाए गए सनशाइन रिकाॅर्डर के चार्ट से यह मालूम हुआ कि गुरुवार को सुबह 8 बजे से ही तपिश बढ़ गई है। गर्म हवाओं की वजह से दाेपहर 12:00 बजे तक इसमें तीव्रता आ गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि सुबह सूर्याेदय के पहले सनशाइन रिकाॅर्डर के निचले हिस्से में नीले रंग का एक चार्ट लगाया जाता है। जैसे-जैसे सूरज की तीखी किरणाें से तपिश बढ़ती है, वैसे-वैसे इस चार्ट के निचले हिस्से में बना ग्राफ का हिस्सा जलता जाता है।
दवा लेने के बाद क्वार्टर चले गए थे आरक्षक
आरोग्यधाम यहां से दवा लेने के बाद वह पड़ाव स्थित रेलवे क्वार्टर में आराम करने के लिए चले गए। रात 9:30 बजे करीब उन्हें खाना देने के लिए जीआरपी का स्टाफ गया था। इस दौरान गेट खटखटाया गया लेकिन उन्होंने गेट नहीं खोला। काफी देर तक जब अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो स्टाफ ने गेट तोड़ दिया। अंदर प्रवेश करने पर देखा कि प्रधान आरक्षक बिस्तर पर लेटे हुए हैं। इस दौरान उन्हें हिलाकर देखा गया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिया।
जीआरपी पुलिस का कहना है कि प्रधान आरक्षक की मौत लू लगने के कारण हुई है। टीआई अजीत सिंह चौहान के मुताबिक प्रधान आरक्षक सतना के रहने वाले हैं। इस घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गई है।
दतिया का पारा 46 डिग्री पार पहुंचा
बुधवार को अंचल में सबसे अधिक तापमान दतिया का रहा। यहां अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। जबकि ग्वालियर व मुरैना जिले का अधिकतम तापमान 46 डिग्री रहा। हालांकि ग्वालियर के मुरार क्षेत्र में दोपहर 3 बजे करीब 5 मिनट तक हल्की बारिश हुई। इसके बाद फिर से तेज धूप निकल आई।
अब आगे क्या : मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग लू की चपेट में रहेगा। साथ ही तापमान भी अधिकतर जिलों में 45 डिग्री के पार रहने की संभावना है। अभी 5 दिन तक गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
अघोषित कटौती के कारण रातभर अंधेरे में डूबे रहे कई हिस्से
सीएम कमलनाथ ने मंगलवार दोपहर को प्रदेश की बिगड़ती बिजली व्यवस्था को लेकर भले ही बिजली कंपनी के अफसरों की फटकार लगाई हो, लेकिन अंचल में शाम से ही अघोषित कटौती शुरू हो गई। ग्वालियर शहर का आधे से ज्यादा इलाका सारी रात अंधेरे में डूबा रहा। जबकि गुरुवार को सुबह 10 बजे से एक बजे तक के लिए बिजली कटौती की गई है।
इस झुलसाने वाली गर्मी में बुधवार को ग्वालियर सहित श्योपुर, मुरैना और शिवपुरी में लोगों को छह घंटे तक कटौती का सामना करना पड़ा। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि फाल्ट ढूंढने में देर लगी, इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बिजली कटौती से बेहाल रहे लोग

ग्वालियर: लाइन टूटने एवं केबल जलने से आधे से अिधक क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा।
श्योपुर: तड़के 3.30 बजे फॉल्ट, ढाई घंटे बाद जेई को सूचना मिली, फिर भी दोपहर 12 बजे बिजली आई।
मुरैना: रात में 11 बजे बिजली गुल हुई, दो घंटे बाद बिजलीकर्मी सुधारने आए।
शिवपुरी: लाइन से कबूतर टकराने के बाद 1.40 घंटे बिजली बंद रही।

सर्किट हाउस में बिजली गुल होने से 20 मिनट अंधेरे में बैठे रहे स्कूल शिक्षा मंत्री
रायसेन। भले ही कमलनाथ सरकार प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं होने के तमाम दावे करे, लेकिन लोग परेशान हैं। प्रदेश में बिजली व्यवस्था के कैसे हालात हैं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में देखना पड़ा। जैसे ही मंत्री चौधरी सर्किट हाउस पहुंचे वहां लाइट चली गई और मंत्री भरी गर्मी में बैठे रहे और अंधेरे में ही लोगों के दिए कागजात देखते रहे।
दरअसल, शहर में बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान सर्किट हाउस पहुंचे। वहां वे एक कक्ष में जाकर बैठ गए। उनसे मिलने के लिए लोग भी वहां पहुंचने लगे। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग अपने आवेदन देकर डॉ चौधरी को समस्याएं सुनाने लगे।
इसी दौरान सर्किट हाउस की बिजली गुल हो गई। इससे कमरे में अंधेरा छा गया। करीब 20 मिनट तक मंत्री अंधेरे में बैठे रहे। खिड़की की माध्यम रोशनी में मंत्री चौधरी आवेदन पड़ने का प्रयास करने लगे। इस दौरान लोगों ने जनरेटर तलाशने की कोशिश की। लेकिन सर्किट हाउस में इस तरह की कोई सुविधा नहीं थी। बिजली गुल होने से लोग परेशान होने लगे। इस दौरान मंत्री डॉ चौधरी के साथ कांग्रेस नेता ब्रजेश चतुर्वेदी, मनोज अग्रवाल, लोहट सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
जनपद अध्यक्ष मुनियन भी मिले : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सांची जनपद अध्यक्ष एस मुनियन भी इस दौरान डॉ चौधरी से मिलने पहुंचे। उन्होंने ने भी क्षेत्र से संबंधित चर्चा स्कूल शिक्षा मंत्री से की।

मंदसौर में गोलीकांड आज बरसी, छह जून को हुई घटना के मौके पर किसान नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
छह जून को मंदसौर में बेगुनाह किसानों पर चली थी गोलियां, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई थी
भोपाल. मंदसौर में आंदोलन कर रहे बेगुनाह किसानों के ऊपर चलाई गोली से छह किसानों की मौत को आज यानि छह जून को दो साल पूरे हो गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मौके पर ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा, "दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने अपने कहा कि बेगुनाह किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।"
इधर, किसान नेता राजू शेट्टी, बीएम सिंह, डॉ.सुनीलम और डीपी धाकड़ बूढ़ा गांव पहुंचे और मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय किसान यूनियन की तरफ से भोपाल में कार्यक्रम का आयोजन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान आंदोलन पर चली थी गोलियां
बता दें कि दो साल पहले छह जून को किसान आंदोलन को काबू में करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थी। इसमें छह किसानों की मौत हो गई थी। इस कांड से देशभर में शिवराज सरकार की किरकिरी कराई थी। बिगड़ते हालात को काबू में करने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास पर बैठ गए थे। मृतक किसानों के परिजनों ने मंच पर आकर उनका उपवास तुड़वाया और न्यायिक जांच के आदेश किए गए।

सरकार ने इस साल चुनाव से पहले फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था, अब 5 जुलाई को पूर्ण बजट पेश होगा
अरुण जेटली के पद छोड़ने के बाद वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण पहली बार बजट पेश करेंगी
नई दिल्ली. एनडीए सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट अगले महीने 5 जुलाई को पेश करेगी। देश की नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि वे बजट पर ऑनलाइन साझा किए गए विचारों और सुझावों का स्वागत करती हैं। उनकी टीम हर सलाह का विश्लेषण कर रही है।
सीतारमण ने ट्वीट में कहा, “प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए साझा किए गए विद्वानों, अर्थशास्त्रियों और समर्थकों के विचारों और सुझावों के लिए आभार। मैं इनमें से ज्यादातर को खुद पढ़ती हूं। साथ ही मेरी टीम भी इन सुझावों पर नजर रखती है। इनका काफी महत्व है। शुक्रिया। बजट के लिए विचार और सुझाव आते रहने चाहिए।’’
जेटली के रिटायरमेंट के बाद मिली जिम्मेदारी
पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के रिटायरमेंट के ऐलान के बाद एनडीए-2 में सीतारमण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उन्हें कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय भी दिया गया है। इससे पहले एनडीए-1 में उन्होंने रक्षा मंत्री का पद संभाला था। सीतारमण ने 30 मई को वित्त मंत्री के तौर पर पदभार संभाला था।
छह कैबिनेट कमेटियों में सीतारमण को जगह
बुधवार को सरकार ने अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर आठ कैबिनेट कमेटियों का पुनर्गठन किया है। इनमें 6 कैबिनेट कमेटियों में सीतारमण को रखा गया है। कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ, कैबिनेट कमेटी ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड स्किल डेवलपमेंट और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी में उनकी भागीदारी अहम रहेगी।

मुरैना का मामला, ये घड़ियाल 1.20 मीटर के होने पर चंबल में छोड़े जाएंगे
मुरैना. चंबल नदी में घड़ियालों का परिवार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को देवरी घड़ियाल केंद्र पर अंडों से निकले 8 बच्चों के बाद नए शावक घड़ियालों की संख्या 233 हो गई है। वहीं चंबल में 1265 से अधिक घड़ियाल विचरण कर रहे हैं। अभी 25 अंडों से बच्चे निकलना शेष हैं। घड़ियाल शावकों का संरक्षण तीन वर्ष तक देवरी घड़ियाल केंद्र पर किया जाएगा।
चंबल का 485 किमी क्षेत्र घड़ियाल अभयारण्य: चार दशक पूर्व विश्व में कराए भारतीय प्रजाति के घड़ियालों के सर्वे में 46 घड़ियाल चंबल में मिले थे। इसके बाद 80 के दशक में चंबल नदी के 435 किमी क्षेत्र को घड़ियाल अभयारण्य घोषित किया गया। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए देवरी पर घड़ियाल केंद्र बनाया गया।
देवरी केंद्र पर हर साल रखे जाते हैं घड़ियालों के 200 अंडे: प्रतिवर्ष घड़ियालों के 200 अंडे नदी के विभिन्न घाटों से लाकर देवरी केंद्र पर रखे जाते हैं। यहां इनकी हेचिंग होती है। तीन वर्ष तक इन शावक घड़ियालों का संरक्षण वयस्क होने तक किया जाता है। ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के अन्तर्गत यह घड़ियाल 1.20 मीटर की लंबाई होने पर नदी में छोड़े जाते हैं।

मंगलवार की रात ग्वालियर से दिल्ली के लिए दक्षिण एक्सप्रेस से हुए थे रवाना
बुधवार सुबह फरीदाबाद के पास चोर ने उड़ाया बैग, जीआरपी ने किया मामला दर्ज
ग्वालियर। बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश में भाजपा सरकार में मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया का ग्वालियर से दिल्ली जाते समय ट्रेन से बैग चोरी हो गया। बैग में 47 हजार नगद और एटीएम कार्ड रखा हुआ था। पवैया ने चोरी होने की घटना की शिकायत दिल्ली में हजरत निजामउद्दीन स्थित जीआरपी थाने में कराई है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार रात पवैया दक्षिण एक्सप्रेस से ग्वालियर से दिल्ली के लिए फर्स्ट क्लास एसी कोच से रवाना हुए थे। सुबह स्टेशन आने से पहले उनकी नींद खुली तो उन्हें उनका बैग गायब मिला। निजामउद्दीन स्टेशन पर उतरने के बाद पवैया ने घटना की जानकारी जीआरपी को दी और मामला दर्ज कराया।
मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते जीआरपी तुरंत हरकत में आई और उसने दिल्ली के नजदीक के स्टेशनों के सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए। जांच शुरू हुई तो पता चला कि एक युवक को फरीदाबाद स्टेशन पर बैग ले जाते देखा गया है। पुलिस का कहना है चोर ने फरीदाबाद स्टेशन से कुछ देर पहले बैठ उड़ाया था। सीसीटीवी में युवक का फुटेज दिखने के बाद जीआरपी फरीदाबाद स्टेशन के आस-पास के इलाके में जांच की तो पवैया का बैग झाड़ियों में पड़ा मिल गया। इसमें से 47 हजार नगद और एटीएम गायब था। जबकि दस्तावेज और कपड़े ऐसे ही रखे हुए थे।

भोपाल। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने वर्ष 2020 का एक्जामिनेशन कैलेंडर जारी कर दिया है। परीक्षा की शुरुआत इंजीनियरिंग सर्विस प्रीलिम्स एक्जामिनेशन से होगी। यह एक्जाम 5 जनवरी 2020 को होगा, हालांकि इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत 25 सितंबर 2019 से होगी, जो 15 अक्टूबर तक चलेगी।
 सिविल प्रीलिम्स और इंडियन फॉरेस्ट सर्विस प्रीलिम्स का आयोजन 31 मई 2020 को किया जाएगा। इसके लिए 12 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा और 3 मार्च 2020 तक आवेदन किए जा सकेंगे। इस संबंध में यूपीएससी की ओर से जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। अधिक जानकारी के लिए https://upsc.gov.in वेबसाइट पर विजिट की जा सकती है।
इस तारीख में होंगे मेन एक्जामिनेशन
कंबाइंड जियो साइंटिस्ट मेन एक्जामिनेशन 27 जून को होगा। इंजीनियरिंग सर्विस मेन एक्जामिनेशन 28 जून को होगा। एनडीए व एनए एक्जामिनेशन-2, 6 सितंबर को होगा। सिविल सर्विसेज मेन एक्जामिनेशन-2020, 18 सितंबर से होगा। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस मेन एक्जामिनेशन 22 नवंबर से होगा। वहीं 12 जून को सीडीएस-2 का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसका एक्जाम 8 सितंबर को होगा। यह एक्जाम देशभर एक ही दिन होगा।
 कब-कब होंगे कौन-कौन से एक्जाम
कंबाइंड जियो साइंटिस्ट प्रीलिम्स एक्जाम 19 जनवरी को होगा।
नोटिफिकेशन 25 सितंबर 2019 को जारी होगा।
कंबाइंड डिफेंस सर्विस एक्जामिनेशन-1, 2 फरवरी को होगा, नोटिफिकेशन 30 अक्टूबर को जारी होगा।
सीआईएसएफ एसी एलडीसीई एक मार्च को होगा और नोटिफिकेशन 4 दिसंबर 2019 को जारी होगा।
एनडीए और एनए एक्जामिनेशन का नोटिफिकेशन 8 जनवरी 2020 को जारी होगा और एक्जाम 19 अप्रैल को होगा।
आईईएस आईएसएस का नोटिफिकेशन 25 मार्च 2020 को जारी होगा और 26 जून को एक्जाम होगा।
कंबाइंड मेडिकल सर्विस एक्जामिनेशन का नोटिफिकेशन 8 अप्रैल को जारी होगा और एक्जाम 19 जुलाई को होगा।
सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस एसी एक्जामिनेशन का आयोजन 9 अगस्त को होगा।

मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी के मौसम में अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। राज्य सरकार की जमकर आलोचना हो रही है और मुख्यमंत्री कमलनाथ को तमाम राजनीतिक पार्टियां घेर रही हैं। इन सब से नाराज मुख्यमंत्री कमलनाथ का गुस्सा मंगलवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों पर फूट पड़ा।
 
उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के सामने तीन विधायकों को फोन लगाया और बिजली कटौती की समस्या पर बातचीत की। इसके बाद कमलनाथ अधिकारियों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि क्या जनप्रतिनिधि, जनता और मीडिया तीनों झूठ बोल रहे हैं और सिर्फ आप लोग सही हैं। इस बात के कोई मायने नहीं हैं कि आपने क्या किया है, मगर बिजली जा रही है और लोग परेशान हो रहे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि हर 20-25 मिनट में बिजली गुल हो जाती है और जब हो-हल्ला होता है तो तुरंत फाल्ट ठीक हो जाता है, यह कैसी व्यवस्था है। दरअसल, बिजली की समीक्षा बैठक के लिए बिजली कंपनी के अधिकारी अपनी उपलब्धियों का प्रेजेंटेशन बनाकर लाए थे। वे मुख्यमंत्री को बताना चाहते थे कि उन्होंने व्यवस्था में सुधार लाने के लिए क्या काम किया है। लेकिन, इसके पहले ही कमलनाथ ने उन्हें जमीनी हकीकत से रू-ब-रू करवा दिया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों से मूर्ख न बनाएं। 

 बैठक में मुख्य सचिव एसआर मोहंती, अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी, विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध संचालक समेत और लोग भी उपस्थित थे। 

नाराज कमलनाथ ने अधिकारियों को इन बातों पर ध्यान देने को कहा-
  • ऊर्जा विभाग अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लाए। 
  • उपभोक्ता के घरों में जाने वाले बिजली के कनेक्शन वाले विद्युत तारों का नियमित मेंटेनेंस हो। 
  • मेंटेनेंस के लिए होने वाली कटौती की पूर्व सूचना दी जाए और आम उपभोक्ता की सुविधा से मेंटेनेंस का समय निर्धारित हो। 
  • जून माह तक सभी मेटेंनेंस कार्य को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करें। 
  • अघोषित बिजली कटौती पर रोक और तकनीकी खराबियों को प्रशिक्षित अमले द्वारा तत्काल ठीक करने की चाक-चौबंद व्यवस्था करें।

इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने इस मामले पर कहा कि लोग बिजली और पानी जैसी चीजों के लिए परेशान हो रहे हैं। अपनी नाकामी को छुपाने के लिए यह सरकार हर समस्या का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ने के जतन में लगी रहती है। मूलभूत जरूरत की चीजों के लिए प्रदेश के लोगों को परेशान करने वाली इस सरकार को एक दिन भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है। 

इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वे यह कहकर नहीं बच सकते कि बिजली कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे। 
 

ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को पलट दिया है। इसके साथ ही वह सभी कॉलोनियां फिर से अवैध हो गईं हैं, जिन्हें वैध किया गया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है। साथ ही कॉलोनियों को वैध करने वाले सर्किल अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का ये फैसला पूरे प्रदेश में लागू माना जाएगा।
 
इस योजना की शुरुआत मई 2018 में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह ने ग्वालियर से ही की थी। याचिका कर्ता और एडवोकेट उमेश बोहरे ने कहा था कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने 2018 में अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए कई सारी योजनाओं को नियमों के विपरीत लाभ लेने के कोशिश की है। साथ ही इससे शिवराज सरकार को 25 हजार करोड़ का फायदा हुआ।
सरकार द्वारा प्रदेश में बस चुकी अवैध कॉलोनियों को धारा 15 A के तहत वैध किया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने तत्कालीन प्रदेश सरकार के साथ-साथ मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व समेत पांच लोगों को पार्टी बनाया था।
कोर्ट ने अपने आदेश में खत्म की धारा-15 A
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में ऐसे सरकारी सर्वे नंबर पेश किए, जिन्हें नियम विरूद्ध वैध कॉलोनियों में शामिल कर दिया गया। सभी तथ्य जानने के बाद हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार की धारा-15 A को खत्म कर दिया है।
दोषी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश
इस धारा-15 A जिसके बाद अब फिर से अवैध से वैध हुई कॉलोनियां फिर से अवैध हो गयी हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनियों को बसाने के दौरान जिम्मेदारों अफसरों के खिलाफ भी निगम की धारा 292 E के तहत कार्रवाई की जाये इसके लिए दोषी उस सर्किल के डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, आरआई, अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
6 हजार कालोनियों होनी थी वैध
8 मई 2018 को प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसकी शुरुआत ग्वालियर से की गई थी। इसके तहत ग्वालियर नगर निगम सीमा की 690 अवैध कॉलोनियों में पहले चरण में 63 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही प्रदेश की 4624 कॉलोनियों  को वैध करने का एलान किया था। लेकिन अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद यह कालोनियां फिर से अवैध हो गयी है। हालांकि शिवराज सरकार के समय ही शासन की इस योजना को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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