ईश्वर दुबे
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इंदौर . देश का दिल यानी मध्यप्रदेश जीतने के लिए कांग्रेस हरसंभव कोशिश कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार सत्ता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही इंदौर-उज्जैन संभाग की 66 सीटों के साथ निमाड़ में अपना असर डालने दो दिन रहेंगे। राहुल के 29-30 अक्टूबर को होने वाले दौरे के लिए कांग्रेस ने प्लान भी उसी हिसाब से बनाया है।
दो दिन में सात मीटिंग व सभाएं, इंदौर के मध्य क्षेत्र में रोड शो और व्यापारियों से सीधा संवाद होगा। 1998 में भी कांग्रेस ने इन्हीं सीटों पर फोकस कर प्रदेश में लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाई थी। राहुल के इस दौरे के लिए दो महीने से तैयारियां चल रही थीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है इस बार भाजपा की विदाई की इबारत मालवा-निमाड़ से ही लिखी जाएगी। मालवा-निमाड़ पर हमारा खास फोकस है। प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है।
इंदौर-उज्जैन संभाग में 66 सीटें हैं। इनमें से 9 सीटें कांग्रेस के पास हैं। भाजपा के इस अभेद्य गढ़ को भेदने के लिए राहुल की सभा, रोड शो और संवाद प्लान किया गया है। कांग्रेस चाहती है 66 सीटों में से कम से कम 25 सीटें उसकी झोली में आए। उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर दो दिनी दौरे की शुरुआत होगी। इससे भगवा वोट बैंक पर असर डालना है। महू में डॉ. आंबेडकर के दर्शन कर दलित वोट बैंक को रिझाना है। धार में आदिवासियों के बीच जयस के असर को कम करना है।
29 को राहुल गांधी उज्जैन से सीधे झाबुआ जाएंगे। वहां पर सभा करेंगे। अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को वे धार जाएंगे। इस बार जयस भी मैदान में है। ऐसे में परंपरागत आदिवासी वोट बैंक पर पकड़ रखने के लिए एक दिन झाबुआ तो दूसरे दिन धार का दौरा रखा है। धार की सात सीटों में भी कांग्रेस को काफी संभावनाएं दिख रही हैं। पिछले चुनाव में सात में से दो सीटें ही कांग्रेस जीती थी। इंदौर मालवा का सेंटर पॉइंट है। रोड शो से विधानसभा क्षेत्र 1, 4 और 3 कवर होंगे। क्षेत्र 2 जो भाजपा का गढ़ है, वहां पर राहुल गांधी 30 अक्टूबर को व्यापारिक संवाद करेंगे।
1985 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह और 1998 में दूसरी पारी में दिग्विजय सिंह ने इन सीटों पर फोकस किया था और जीत दर्ज की थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पं. कृपाशंकर शुक्ला ने कहा ये सीटें सत्ता के सफर में काफी महत्वपूर्ण हैं। शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के अनुसार रोड शो का रूट इस तरह से बनाया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच से राहुल गांधी गुजर सकें। इंदौर में राहुल गांधी रात्रि विश्राम भी करेंगे। बरसों पहले राजीव गांधी ने रोड शो किया था, तब वे भी बड़ा गणपति से राजबाड़ा होकर गए थे।
बड़वानी. पानसेमल क्षेत्र में 30 सितंबर की रात सराफा व्यवसायी से हुई लूट मामले में पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 30 लाख का सोना और नकदी जब्त की है। जांच के लिए एसपी ने एसआईटी गठित की थी, जिसने लूट के 24 दिन बाद मामले में सफलता हासिल की। लूट में शामिल अन्य चार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है। एसपी ने लूटरों पर 10 हजार का इनाम भी घोषित किया।
एसपी विजय कुमार खत्री के अनुसार वारदात पानसेमल क्षेत्र में 30 सितंबर को हुई थी। रात करीब साढ़े 8 बजे सराफा व्यवसायी राजेन्द्र सोनी अपने भांजे लवेश के साथ दुकान बंद कर बाइक से घर जा रहे थे। उनके पास एक बैग में सोने की ज्वैलरी, जिसमें लेडीज व जेंट्स अगूठियां, झुमकी, टॉप्स, ईयर रिंग, पेंडल, बालियां, नेकलेस, गले की माला, सोने के मोती, सोने के बिस्किट, सोने के टुकड़े और एक लाख 70 हजार रुपए नकदी रखकर घर जा रहे थे।
व्यापारी जब खेतिया रोड बुरहानी हार्डवेयर के पास पहुंचे तो पीछे से आए एक व्यक्ति ने अपनी बाइक से उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही वे जमीन पर गिर गए। इसी बीच वहां खड़े एक अन्य व्यक्ति ने राजेन्द्र अौर लवेश पर लट्ठ से हमला कर उनसे बैग छीन लिया। हमले में राजेन्द्र और लवेश दोनों को सिर पर गंभीर चोटें आई थी। पुलिस ने राजेंद्र की शिकायत दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी खत्री ने एक टीम का गठन किया और जल्द आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए।
टीम ने मुखबीर की सूचना पर आरोपी रमेश पिता बिजिया परमार निवासी पिपल्या थाना कल्याणपुरा झाबुआ, रविन्द्र पिता सेलदार पावरा निवासी आजाद नगर लोनखेड़ा जिला नंदूरबार (महाराष्ट्र) और प्रहलाद पिता दगडु सोनी निवासी आजाद नगर लोनखेड़ा जिला नंदूरबार (महाराष्ट्र) को पकड़ा। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 30 लाख रुपए के सोने के जेवरात, नकदी और एक ट्रैक्टर जब्त किया। आरोपियों से पूछताछ में बताया कि लूट मामले में उनके साथ अन्य आरोपी जुवानसिंह, दीपू, थावरिया, रमेश ताहेड भी शामिल थे, जिनकी तलाश जारी है।
अारोपी रमेश परमार ने इसके पहले सेंधवा में गवाड़ी पेट्रोल पंप लूट, मुंबई के ठाणे में एक सोनार से लूट, कल्याणपुरा में एक सोनार से लूट और मेघनगर में पेट्रोल पंप में लूट की वारदात को अंजाम दे चुका है। आरोपी रविन्द्र पावरा इसके पहले खेतिया और शहादा में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है। वहीं प्रहलाद सोनी पूर्व में शहादा (महा.) में टाडा के प्रकरण का आरोपी था।
आरोपी रमेश परमार और आरोपी रविन्द्र पावरा की दोस्ती सेंधवा जेल में हुई थी। वहीं पर दोनों ने लूट की योजना बनाई थी। जेल से छूटने के बाद अपने साथियों के साथ योजना बनाकर पानसेमल में लूट की वारदात को अंजाम दिया। पानसेमल की लूट में प्रयुक्त बिना नंबर की बाइक को पानसेमल में छोक़कर भाग गए थे, जिसे उन्होंने पेटलावद जिला झाबुआ से चोरी किया था। आरोपी रमेश परमार ने लूट के रुपए से एक ट्रैक्टर खरीदा था, जिसे जब्त कर लिया गया है।
भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की प्रतिक्षा कर रहे लोगों को अभी करीब सात दिन और इंतजार करना होगा। कांग्रेस की सूची प्रदेश में 29-30 को राहुल गांधी के दौरे के बाद घोषित होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं प्रत्याशियों के चयन के लिए भोपाल में 29 अक्टूबर को भाजपा की अंतिम बैठक होगी। 30 को प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सूची लेकर दिल्ली जाएंगे। इसी दिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नामों का फैसला हो जाएगा।
कांग्रेस: प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। कांग्रेस के 110 नाम तय हो गए हैं। लेकिन बाकी के 120 नामों को लेकर पार्टी मुश्किल में यहां तीन से चार नाम का पैनल है। केंद्रीय नेतृत्व को इन्हीं 120 नामों को अंतिम रूप देने में सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी है। स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा तय किए गए 110 सिंगल नामों में 46 मौजूदा विधायकों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 2013 के विधानसभा चुनाव में 3 हजार से कम वोटों से हारने वाले उम्मीदवारों को दोबारा मौका देने के लिए उनके नामों पर सहमति बनी है। दिल्ली में तीन चली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सीटों के लिए तैयार किए गए पैनल में नाम तय करने का काम पूरा कर लिया गया है। जिन सीटों पर पैनल में पांच नाम थे, उनमें से तीन नाम हटा दिए गए हैं और अब सिर्फ दो ही नाम रह गए हैं। जबकि जहां दो से तीन नाम थे वहां पर एक नाम पर सहमित बन गई है।
भाजपा: भारतीय जनता पार्टी की चुनाव सूची में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। करीब 80 के करीब नए उम्मीदवार पार्टी मैदान में उतार सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशी चयन में मुख्यमंत्री को फ्री हैंड दिया गया है। ऐसे में करीब 11 मंत्री और 50 विधायकों के टिकट कट सकते हैं। भाजपा सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बरकरार है और प्रदेश में शीर्ष पद के लिए मतदाताओं की वह पहली पसंद हैं। ऐसे में सरकार का मुख्य चेहरा जब लोकप्रिय है, तो कुछ अलोकप्रिय विधायकों को दोबारा मैदान में नहीं उतारने से पार्टी को लाभ होगा।
प्रत्याशी की छवि मुख्य आधार: भाजपा ने टिकट के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है उसमें दागदार, आपराधिक पृष्ठभूमि या बाहुबली दावेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। मौजूदा विधायकों में भी सिर्फ उन्हीं विधायकों को टिकट मिलने की उम्मीद है जिनकी छवि अच्छी होगी। भाजपा ने जो सर्वे कराए हैं उनमें टिकट के संभावित दावेदारों की छवि को लेकर बारीकी से जांच कराई गई है।
कम अंतर से जीते विधायकों से किनारा करेगी पार्टी : विधानसभा क्षेत्र में जिस जाति विशेष के अधिक वोट होंगे। उस जाति के प्रत्याशी को टिकट में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही पिछले विधानसभा चुनाव में जिन विधायकों की जीत का अंतर एक हजार या उससे भी बहुत कम रहा है ऐसे प्रत्याशियों को दोबारा चुनाव मैदान में उतारने से पार्टी परहेज करेगी। जिन सीट पर पार्टी 20 हजार या उससे अधिक वोटों से जीती है उन प्रत्याशियों को दोबारा टिकट दी जा सकती है।
सख्त होगा अनुशासन: भाजपा सूत्रों का कहना है कि किसी प्रत्याशी की टिकट काटे जाने की स्थिति में उसके द्वारा बगावत करने या पार्टी का माहौल खराब करने की कोशिश की गई अथवा निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया गया तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
विदिशा. श्री दुर्गा उत्सव चल समारोह के दौरान 19 अक्टूबर की रात में हुए पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में बुधवार को विदिशा बंद का ऐलान सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति और हिंदू संगठनों ने किया है। मंगलवार दोपहर में बालविहार के पास स्थित लक्ष्मीबाई धन्नालाल अग्रवाल धर्मशाला में सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति और हिंदू संगठनों के सदस्यों की बैठक हुई।
बैठक में सभी सदस्यों ने बुधवार को बंद करने पर अपनी सहमति दी। एकराय होने के बाद सभी सदस्य वाहनों से शहर में निकले और बंद करने के व्यापारियों का समर्थन मांगा। समिति के सदस्यों का कहना है कि पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी और दुकानें बंद रहेंगी। सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति के बंद के आह्वान पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह का कहना है कि हमने 20 स्क्वायड टीम गठित की हैं। ये टीमें पूरी नजर रखेंगी।
जिले में धारा 144 लागू है और यदि दुकानों को जबरिया बंद कराया तो जेल भेजने की कार्रवाई होगी। एसपी विनीत कपूर का कहना है कि बंद को लेकर शहर में 200 से ज्यादा का बल तैनात किया जाएगा। हर चौराहे और तिराहे पर नजर रखी जाएगी। एसपी ने बताया कि एएसपी ने सभी पक्षों के लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं।
भोपाल. नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, टीवी कलाकार दिव्यांका त्रिपाठी, सागर के गोविंद नामदेव और मध्य प्रदेश की चाइल्ड टीवी आर्टिस्ट माही सोनी सहित 9 कलाकार चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर होंगे। ये सेलीब्रिटी लोगों से मतदान की अपील करेंगे। चुनाव आयोग ने इन्हें इस काम के लिए चुना है।
भोपाल की टीवी आर्टिस्ट दिव्यांका त्रिपाठी, शुभांगी अत्रे, फिल्म कलाकार और चरित्र अभिनेता गोविंद नामदेव और गायक पलक मुछाल को चुनाव आयोग ने अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। ये लोग मतदताओं को जागरुक करेंगे। मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक जाने के लिए प्रदेश की जनता से मतदान करने की अपील करेंगे।
80 फीसदी मतदान का लक्ष्य
चुनाव आयोग ने हर क्षेत्र के कलाकारों को इस जागरुकता अभियान से जोड़ा है। आयोग ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 80 फीसदी से ज़्यादा मतदान का लक्ष्य रखा है। मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाना आयोग की बड़ी ज़िम्मेदारी है। आयोग को लगता है कि सेलेब्रिटी की अपील का मतदाताओं पर असर होता है। इससे वह मतदान केंद्रों तक जरूर आएंगे। इसलिए चुनाव आयोग ने टीवी फेम, समाज सेवी, दूसरे क्षेत्रों के सेलिब्रिटीज के साथ ही मूक बधिर लोगों को भी ब्रांड एंबेसडर बनाया है।
नौ कलाकारों को बनाया ब्रांड एंबेसडर
चुनाव आयोग ने पहली बार नौ कलाकारों को ब्रांड एंबेसडर बनाया है। चाइल्ड आर्टिस्ट माही सोनी के साथ बाकी 8 कलाकार लोगों ने वोट डालने की अपील करेंगे। भोपाल की टीवी कलाकार दिव्यांका त्रिपाठी, सागर के गोविंद नामदेव, लोगों से मतदान की अपील करेंगे। उनके साथ होंगे नोबेल पुरस्कार विजेता विदिशा के कैलाश सत्यार्थी जिन्हें चुनाव आयोग ने चुना है। इंदौर की गायिका पलक मुछाल भी लोगों से मतदान केंद्र तक जाने की अपील करेंगी। राजीव वर्मा और प्रहलाद टिपानिया पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर हैं। दृष्टि बाधित नेशनल अवॉर्ड विजेता जूडो खिलाड़ी रानू प्रधान भी दिव्यांगों से वोट करने की अपील करेंगे।
इंदौर. राऊ से विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी का एक वीडियो वायरल हो गया है। जनसंपर्क के दौरान पटवारी यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि अाप मेरा ध्यान रखना। आपको मेरी इज्जत रखनी है, पार्टी जाए तेल लेने। पटवारी का वीडियो सामने आने के बाद राजनीति गरमा गई है। जनसंपर्क के दौरान विधायक पटवारी बुजुर्ग से मिले थे।
मॉर्निंग वॉक के दौरान लोगों से मिल रहे पटवारी
आगामी चुनाव को लेकर जीतू पटवारी अपने क्षेत्र में सघन जनसंपर्क कर रहे हैं। मंगलवार सुबह भी पटवारी ने क्षेत्र में मॉर्निंग वॉक के दौरान लोगों से मिलकर चुनाव में उन्हें वोट देने का अनुरोध किया। इस दौरान पटवारी कई घरों में पहुंचे और बुजुर्गों के पैर छूकर, गले मिलकर उनसे आशीर्वाद लिया।
पटवारी ने एक बुजुर्ग से गले मिलते हुए कहा कि आप चुनाव में हमें वोट दें। बुजुर्ग ने विपक्षी पार्टी का हाेने की बात कही तो उन्होंने कहा कि अाप मेरा ध्यान रखना, आपको मेरी इज्जत रखनी है पार्टी जाए तेल लेने।दैनिक भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
पार्टी को अलग रखकर लोगों से मिलता हूं
मामले पर सफाई देते हुए पटवारी ने कहा, "राजनीतिक क्षेत्र में इस प्रकार की बातें होती रहती हैं। जब हम जनसंपर्क में निकलते हैं तो विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात होती है। विधायक होने के नाते राऊ विधानसभा क्षेत्र का हर नागरिक मेरे परिवार का सदस्य है। इसलिए पार्टी को अलग रखकर लोगों से मिलता हूं।''
पटवारी के मुताबिक, "जनसंपर्क के दौरान एक बुजुर्ग ने कहा कि मैं विपक्षी पार्टी का कार्यकर्ता हूं। आप व्यक्ति अच्छे हैं, इसलिए हम आपके साथ हैं। इस पर मैंने भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए यह बात विपक्षी पार्टी (भाजपा) के लिए कही थी। मेरे लिए मेरी पार्टी (कांग्रेस) और मेरा परिवार (मेरा क्षेत्र) पहली प्राथमिकता है।'' 2013 के विधानसभा चुनाव में पटवारी ने राऊ सीट पर भाजपा के जीतू जिराती को हराया था।
मध्य प्रदेश में अगले महीने चुनाव है। बयानों की बयार चलेगी। चुनावी वादों की भरमार होगी। और इन सब के बीच विभिन्न राजनीतिक दल के नेता चुनाव से पहले चुनावी घोषणाओं की एक लंबी सूची लेकर जनता के बीच उनका विश्वास हासिल करने आएंगे। नेताजी दूसरे दल के नेताओं की बात को झूठा साबित करेंगे। नेताजी अपने किए हुए काम गिनाएंगे। लेकिन कोई अपने उन वादों का जिक्र तक नहीं करेगा जो उन्होंने पिछले चुनाव में जनता से किए थे। लेकिन अब चुनाव आयोग इन चुनावी वादों को जनता की कसौटी पर कसेगा।
भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के मुताबिक मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपना चुनाव घोषणापत्र आयोग में जमा कराएं। कांताराव ने राजनीतिक पार्टियों से कहा, "चुनाव घोषणा पत्र जारी होने के तीन दिन के भीतर इसे चुनाव आयोग कार्यालय में जमा करवा दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें ऐसा कोई वादा नहीं हो, जिसे वह पूरा नहीं कर सकें।"
साथ ही घोषणापत्र की तीन प्रतियां देनी होंगी ताकि इन चुनावी वादों का रिकॉर्ड रखा जा सके। घोषणापत्रों के परीक्षण के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी इसे केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजेंगे।
बता दें कि मैनिफेस्टो (घोषणापत्र) इटैलियन भाषा का शब्द है जिसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के 'मैनी फेस्टम' से हुई है। इसका अर्थ जनता के ‘सिद्धांत और इरादे’ से जुड़ा हुआ है। लेकिन बीतते समय के साथ यह राजनीतिक दलों से जुड़ता चला गया।
विभिन्न राजनीतिक दलों के घोषणापत्र एक समय के बाद विवादों में घिर जाते हैं। राष्ट्रीय पार्टियां हों या क्षेत्रीय दल या सिर्फ सुर्खियां में बने रहने वाले निर्दलीय या बागी उम्मीदवार, ज्यादातर के चुनावी घोषणापत्र में सिर्फ लोकलुभावने वादे होते हैं। उस पर भी यह ऐसे वादे होते हैं जिनके पूरे होने पर संशय होता है या थोड़े बहुत ही पूरे हो पाते हैं।
गौरतलब है कि साल 2012 में सूचना के अधिकार के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने निर्वाचन आयोग से पूछा था, 'राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणापत्रों की उपयोगिता, वादे नहीं निभाने की स्थिति में कार्रवाई और मतदाताओं को भ्रमित करने पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में बताएं?'
तब चुनाव आयोग ने जवाब दिया था कि आयोग इस तरह की जानकारी का संग्रह नहीं करता है और न ही आयोग को यह पता है कि यह जानकारी कहां से उपलब्ध होगी।
इन अहम सवालों के जवाब उस समय नहीं मिला पाए थे, लेकिन लगता है कि अब चुनाव आयोग ने इसकी निगरानी शुरू कर दी है। ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार चुनाव मैदान में उतर रहे जनप्रतिनिधि और राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदारी के साथ चुनाव घोषणाएं करेंगी और अतीत की तरह किए गए आसमानी वादों से बचेंगी।
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नाराज होकर राज्यमंत्री का दर्जा ठुकराने वाले कंप्यूटर बाबा अब चुनाव से ऐन पहले सरकार की मुश्किले बढ़ाने जा रहे हैं। कंप्यूटर बाबा प्रदेश के संतों का समागम कर मन की बात करेंगे। इसकी शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से की जाएगी। ग्वालियर में 30 अक्टूबर, खंडवा में 4 नवंबर, रीवा में 11 नवंबर और जबलपुर में 23 नंवबर को संतों का महासम्मेलन बुलाएंगे।
नर्मदा यात्रा के भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए पोल खोल यात्रा निकालने से पहले सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देकर शांत करा दिया था, लेकिन अब चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिवराज और सरकार को संत विरोधी बताते हुए घेरना शुरू कर दिया है।
स्वामी अवधेशानंद करेंगे सुलह की कोशिश : चुनावी समर में संतों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है, जिसके चलते भाजपा ने बाबा को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। सरकार ने जूनापीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी को मध्यस्थता का जिम्मा सौंपा है। वह बाबा से मिलकर सुलह कराने की कोशिश करेंगे।
सरकार के खिलाफ संतों का समागम : कम्प्युटर बाबा मन की बात की शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से करेंगे। 30 अक्टूबर ग्वालियर, 4 नवंबर खंडवा, 11 नवंबर को रीवा, 23 नवंबर को जबलपुर में संतो का समागम होगा। समागम में नर्मदा में अवैध उत्खनन, गौ रक्षा, मंदिर निर्माण के जैसे मुद्दे शामिल किए जाएंगे।
धर्म विरोधी है ये सरकार : कल इंदौर में होने वाले संत समागम में प्रदेश भर से एक हजार से ज्यादा संत एकत्रित हो रहे हैं। जिनमें से काफी संख्या में संतों ने इंदौर में डेरा डाल लिया है। समागम में संत नर्मदा, गाय, मठ-मंदिरों की स्थिति पर मंथन करेंगे और अपनी राय देंगे। संत समागम के संयोजक कंप्यूटर बाबा ने कहा कि यह समागत सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि नर्मदा, गाय और मठ मंदिरों को बचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि सरकार धर्म विरोधी है। नर्मदा के लिए सरकार ने खतरा पैदा किया है। चुनाव के दौरान संत सरकार की पोल खोलने का काम करेंगे। हालांकि कंप्यूटर बाबा ने कहा कि संतों के इस कार्यक्रम का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
इंदौर। मध्यप्रदेश में लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही सत्तारूढ़ भाजपा की चुनावी यात्रा रविवार को सूबे की आर्थिक राजधानी इंदौर पहुंची। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोडशो करते हुए मतदाताओं से समर्थन मांगा। चश्मदीद लोगों ने बताया कि भाजपा की "जन आशीर्वाद यात्रा" के तहत शिवराज शहर के वैशाली नगर से अपने चुनावी रथ (विशेष वाहन) में सवार हुए। यह रथ शहर के अलग-अलग इलाकों से गुजरा। चुनावी मुहिम पर निकले मुख्यमंत्री रोडशो के दौरान अधिकांश समय रथ की लिफ्ट पर दिखायी दिये। उन्होंने हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर जनता का अभिवादन किया। भाजपा ने 28 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये फिलहाल अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं। लिहाजा चुनावी टिकट के कई स्थानीय दावेदारों ने शिवराज के रोड शो के रास्ते में जगह-जगह अपने स्वागत मंच लगाकर मुख्यमंत्री के सामने शक्ति प्रदर्शन किया।
इंदौर, भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर छह अक्टूबर को पार्टी के "महा जन सम्पर्क अभियान" की शुरूआत इंदौर से ही की थी। इंदौर की शहरी सीमा में विधानसभा की कुल पांच सीटें हैं। वर्ष 2013 के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पांचों सीटें जीती थीं।
भोपाल। मध्यप्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद अफसरों को हटाने का दौर जारी है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने रविवार को आदेश जारी कर भिंड के जिलाधिकारी आशीष कुमार को पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई है।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, भिंड के जिलाधिकारी आशीष कुमार को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक धनराजू एस को भिंड का जिलाधिकारी बनाया गया है। वहीं, आशीष कुमार को मध्य प्रदेश शासन में उप सचिव के पद पर भेजा गया है।
चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई यह बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले राजगढ़ की पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद को हटाया गया था। सिमाला प्रसाद भाजपा सांसद भागीरथ प्रसाद की बेटी हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा मुश्किलों में घिरी हुई है और हालिया कुछ रिपोर्ट और सर्वे ने उसकी नींद उड़ा दी है। लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा कुछ कड़े फैसले ले सकती है। बताया जा रहा है कि भाजपा के मौजूदा 70-80 विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं।
एक पार्टी नेता का कहना है कि सत्ता विरोधी रुझान को देखते हुए ऐसा फैसला लिया जा सकता है। राज्य में 28 नवंबर को मतदान होना और मतगणना 11 दिसंबर को होगी।
कई विधायकों के खिलाफ नाराजगी
राज्य के एक भाजपा नेता ने पीटीआई से कहा कि पार्टी 70-80 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कई विधायकों के खिलाफ शिकायतों को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कई विधायकों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं।
हाल ही में कुछ ओपिनियन पोल में बताया गया था कि कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में वापसी कर सकती है। कुछ सर्वे में यहां कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान जताया है। इन सर्वे ने भाजपा को अपनी रणनीति नए सिरे से बनाने पर मजबूर कर दिया है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी का कहना है कि राज्य में भाजपा विधायकों के खिलाफ तो गुस्सा है लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नहीं। भाजपा के पास एक बार फिर सत्ता में वापसी का मौका है।
उन्होंने कहा कि हम पुराने चेहरों को बदलकर नए चेहरों को विधानसभा चुनाव में मौका देते हैं तो इस बार भी चुनाव जीतकर प्रदेश में सरकार बनाने का भाजपा के पास बेहतर अवसर है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब प्रदेश भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले विधायकों या मंत्रियों का टिकट काटा हो। इससे पहले साल 2013 के विधानसभा चुनावों में हमने 25 प्रतिशत नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा था और इनमें से 75 उम्मीदवारों ने विजय हासिल भी की थी।
पिछली दफा विधानसभा चुनावों में भाजपा के कुल 165 सीटें, कांग्रेस ने 58, बसपा ने 4 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं।
भोपाल. भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज दिल्ली में होगी, बैठक में दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सीईसी के सभी सदस्य और राज्यों के मंत्री मौजूद रहेंगे। मध्य प्रदेश से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह समेत कई नेता शामिल होंगे। बुधवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद अब भाजपा ने ये बैठक बुलाई है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज समेत मध्य प्रदेश के बड़े नेता प्रत्याशियों की पहली सूची पर चर्चा करेंगे। इसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति इनके नाम तय करेगी। भाजपा जल्द से जल्द प्रत्याशियों की घोषणा करना चाहती है। असल में, कांग्रेस ने बैठक करके मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की 73 सीटों पर नाम तय किए थे।
इस बीच चुनाव मध्य प्रदेश में कांग्रेस की फर्जी सूची जारी होने से हंगामा मचा हुआ था। इसके साथ ही सोशल मीडिया में भी फर्जी सूचियों के जारी होने का दौर जारी है। लिस्ट कौन जारी कर रहा है, यह किसी को नहीं पता? चौंकाने वाली बात यह है कि लिस्ट को लेकर अभी तक कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने सायबर सेल या पुलिस से शिकायत नहीं की है। न ही पार्टियों ने इसकी पुष्टि की।
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने जिला न्यायालय कटनी के आदेश को निरस्त करते हुए कटनी में 20 साल पहले 9 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है।
कटनी की जिला अदालत ने करीब 19 साल पहले आरोपित को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील की थी। कोर्ट ने आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कटनी निवासी 9 साल की बच्ची 1998 में पानी भरने गई थी, तभी आरोपी राजेश सिंह उसे 10 रुपए का लालच देकर एक सूने मकान में ले गया और दुष्कर्म करने का प्रयास किया।
इसी बीच बच्ची को आवाज देते हुए उसका पिता उस ओर आने लगा। आरोपित बच्ची का गला दबाते हुए जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। कटनी थाना पुलिस ने आरोपित राजेश के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया था।
1999 में जिला कोर्ट ने आरोपी कर दिया था दोषमुक्त : कोर्ट ने नवम्बर 1999 में आरोपी को दोषमुक्त करार दिया था। जिसके खिलाफ सरकार ने यह अपील दायर की थी। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता नम्रता केशरवानी ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के नाजुक अंग में सूजन आ गई थी। ऐसा कृत्य भी दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। अंतिम सुनवाई के बाद बेंच ने पाया कि जिला अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट का उचित निरीक्षण नहीं किया। इसी आदेश को निरस्त कर कोर्ट ने आरोपित को दोषी ठहराया।