ईश्वर दुबे
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Bhilai
चीनी कंपनी वीवो ने अपना एक और स्मार्टफोन भारत में लॉन्च कर दिया है। इस फोन का नाम Vivo Y93 है। Vivo Y93 की खासियत की बात करें तो फोन में एचडी+ हेलो फुलव्यू डिस्प्ले के साथ और मीडियाटेक हीलियो पी20 प्रोसेसर दिया गया है। फोन में डुअल रियर कैमरा और 32 जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है। आइये जानते हैं फोन के और भी स्पेसिफिकेशन के बारे में।
नयी दिल्ली : सरकार 5जी नेटवर्क की व्यावसायिक शुरुआत करते समय हुआवेई जैसी चीन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनियों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से संबंधित आशंकाओं पर गौर करेगी. हालांकि, जहां तक 5जी सेवाओं के परीक्षण में इन कंपनियों के भाग लेने की बात है, सरकार को फिलहाल इससे कोई दिक्कत नहीं है.
दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार सुरक्षा संबंधी आशंकाओं को लेकर वैश्विक परिस्थिति पर नजर रख रही है. 5जी सेवाओं के परीक्षण में चीन की दूरसंचार उपकरण कंपनियों की भागीदारी से फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है. इन आशंकाओं पर 5जी सेवाओं की व्यावसायिक शुरुआत के समय मंत्रालयों के एक समूह द्वारा गौर किया जायेगा.
हुआवेई ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के साथ मिलकर देश में 5जी परीक्षण का प्रस्ताव दिया है. दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन से मुलाकात कर चुके हैं. दूरसंचार निर्यात संवर्धन परिषद ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से अनुरोध किया था कि हुआवेई, जेडटीई और फाइबरहोम जैसी चीन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनियों से सरकारी सेवाओं के लिए उपकरण खरीदने पर रोक लगा दी जाये. परिषद ने इन कंपनियों से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा होने की आशंका व्यक्त की थी.
नयी दिल्ली : भारत सरकार इन दिनों देश में पोर्न वेबसाइट्स को लेकर काफी सख्त रवैया अपना रही है. सरकार ने कुछ दिनों पहले ही भारत में पोर्न साइट्स पर बैन लगा दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और याहू जैसी जानी-मानी कंपनियों ने भी अपनी वेबसाइट से चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित 100 से ज्यादा कीवर्ड्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है.
खबरों के अनुसार, कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने कई टेक कंपनियों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसकी वजह यह है कि ये कंपनियां चाइल्ड पोर्न कंट्रोल करने को लेकर अपने प्लान की जानकारी कोर्ट को नहीं दे रही थीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कदम पर काफी समय से काम चल रहा था. मामले को गंभीरता से लेते हुए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी ने कीवर्ड्स को ब्लॉक करने का सुझाव पेश किया. जिससे इन वेबसाइट्स पर पोर्न या चाइल्ड पोर्न से संबंधित चीजें पेश नहीं की जायेंगी.
आपको बताते चलें कि ऐसे कीवर्ड्स को सर्च करने पर यूजर्स को चेतावनी दी जाएगी, जिसमें लिखा होगा कि यह कंटेंट कानून और प्लेटफॉर्म की पॉलिसी के खिलाफ है.
यहां यह जानना गौरतलब है कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने तीन महीने पहले ही साइबरक्राइम पोर्टल लॉन्च किया है. इस नये पोर्टल में बाल अपराधों को रोकने के लिए कई फीचर दिये गये हैं. इसमें ऑनलाइन सेक्सुअल एब्यूज, रेप, गैंग रेप, चाइल्ड एब्यूज और ऐसी ही किसी भी बाल अपराध की घटनाओं को रिपोर्ट किया जा सकता है.
आप ऑनलाइन खरीदारी के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं? अगर शॉपिंग नहीं लेकिन अगर आप नेट बैंकिंग करते हैं या यूटिलिटी बिल्स भरते होंगे। इस तरह के ऑनलाइन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन ने हमारी जिंदगी जरूर आसान बना दी है लेकिन धोखाधड़ी का खतरा की कम नहीं हुआ। हर दूसरे दिन आपको खबरें सुनने में आती होगी कि किसी ने ऑनलाइन धोखाधड़ी से अपने हजारों रुपए गंवा दिए।
हाल ही में एक शख्स ने 1 लाख रुपए खो दिए जब उसके जीमेल को हैक कर लिया गया। लेकिन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के कुछ बेसिक इंस्ट्रक्शंस इस तरह की धोखाधड़ी से आपको बचा सकते हैं। यहां ऐसी 10 चीजें बताई जा रही है जो कि आपको ऑनलाइन शॉपिंग या किसी भी तरह के ऑनलाइन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करते हुए नहीं करना चाहिए।
1. ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस केवल पर्सनल कम्प्यूटर्स या लैपटॉप पर करें। कभी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए पब्लिक या शेयर्ड पीसी/लैपटॉप का उपयोग न करें।
2. हमेशा फॉर्म डेटा सेटिंग में ऑटो-फिलिंग होना आसान होता है। यह समय बचाता हैं, वहीं कई तरह के ऑनलाइन टास्ट भी कर देता है। लेकिन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से संबंधित डाटा और फॉर्म्स के लिए इसे कभी इनेबल न करें। इसका मतलब ये है कि आप अपना फाइनेंशियल डाटा सेव कर रहे हैं।
3. लगभग सभी बैंक पासवर्ड डालने के लिए वर्चुअस की-बोर्ड यूज करने की सुविधा देते हैं। इसलिए यही सलाह दी जाती है कि कीलॉगर्स से बचने के लिए फिजिकल की-बोर्ड की जगह वर्चुअल की-बोर्ड ही यूज करें।
4. हमेशा याद रखें कि किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को करने से पहले यूआरएल चेक करना है। यूआरएल में 'https' होना चाहिए।
5. आप कार्ड के पीछे लिखे CVV नंबर को इरेज कर सकते हैं। हालांकि इसे हटाने से पहले आपको यह नंबर याद कर लेना होगा। इसे इरेज करने से एक बात तो तय होगी कि गलत हाथों में कार्ड चले जाने से फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सकेगा।
6. कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी को भी ऑनलाइन न दें। अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल्स किसी को भी ईमेल या फोन पर न दें।
7. ईमेल या एसएमएस के जरिए मिली किसी भी लिंक के जरिए बैंक या किसी भी बेवसाइट को क्लिक न करें। बजाए इसलिए हमेशा पहले ब्राउजर में जाए और वेबसाइट एड्रेस या यूआरएल खुद टाइप करें।
8. आजकल आए दिन फर्जी बैंक ऐप्स के अलर्ट आने लगते हैं। पिछले महीने, सोफोस लैब्स लिमिटेड सिक्योरिटी फर्म ने चेतावनी दी थी कि एसबीआई, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक, सिटी और अन्य लीडिंग बैंक के फर्जी ऐप्स गूगल प्ले पर उपलब्ध हैं। ये ऐप्स हजारों बैंक कस्टमर्स के डाटा चुरा लेती है।