ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
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Bhilai
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि आजादी के पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने ब्रिटेन की महारानी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया था। ये पोस्ट समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है और अब एक बार फिर से इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
हालांकि, हमारी पड़ताल में ये फोटो फेक साबित हुई। कुछ लोगों ने आरएसएस के खिलाफ माहौल बनाने के लिए फोटो का इस्तेमाल किया। इनमें कांग्रेस नेता संजय निरुपम भी शामिल हैं।
क्या है वायरल फोटो में?
देश की आजादी में आरएसएस का उतना ही योगदान था जितना शोले पिक्चर में हरिराम नाई का था...!!
#सचVSझूठ #ModiSeCBIBachao
#BJP_भगाओ_देश_बचाओ सहमत हो तो RT करें...
नई दिल्ली. देश का पहला सबसे बड़ा डोमेस्टिक क्रूज शनिवार से मुंबई से गोवा के बीच सफर शुरू करेगा। 131 मीटर लंबे शिप का नाम अंग्रीया है। शिप में 104 कमरे हैं। एक बार में इसमें 350 लोग सफर कर सकेंगे। इसमें सभी लोगों के लिए सोने की व्यवस्था है। शिप में किराए की छह श्रेणियां हैं, जो छह से 11 हजार के बीच हैं।
किराए की श्रेणियों में प्रीमियम सूइट, प्रीमियम सूइट कपल, प्रीमियम रूम चार और दो लोगों के लिए, ग्रुप के लिए डोरमेटरी और कपल पॉड शामिल हैं। किराए में हाई टी, डिनर और ब्रंच भी शामिल हैं। इसमें दो रेस्तरां के अलावा तीन ओपेन डेक और 24 घंटे खुला रहने वाला काफी शॉप भी है। यह विश्व का पहला क्रूज है, जिसमें कपल पॉड (सुविधाओं से लैस बड़ा कैप्सूल जैसा) का सेगमेंट दिया गया है।
क्रूज जापान से ओगासाआरा आइसलैंड के बीच चलता था : अंग्रीया के निदेशक सिद्धार्थ नेवलकर ने बताया, यह क्रूज जापान से ओगासाआरा आइसलैंड के बीच चलता था। डेढ़ साल पहले खरीदकर मुंबई पोर्ट में इसे मॉडीफाई कराया है। यह क्रूज गहरे समुद्र में न जाकर तटवर्ती इलाकों से गुजरेगा। इससे लोग सफर के दौरान समुद्र तटों की खूबसूरती देख सकेंगे।
आपात स्थिति में 20 से 30 मिनट में खाली हो सकता है : इसमें एक इनफिनिटी स्वीमिंग पूल है, जो समुद्र के पानी में नहाने जैसा अहसास दिलाता है। इसमें अल्ट्रा मॉडर्न इवेल्यूएशन सिस्टम लगाया गया। इससे आपात स्थिति में इसे 20 से 30 मिनट में खाली किया जा सकता है।
गैजेट. चुनावों में फेसबुक के जरिए फैलने वाली फेक न्यूज पर लगाम कसने के लिए कंपनी ने 'वॉर रूम' बनाया है। फेसबुक का ये वॉर रूम कंपनी के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर मेनलो पार्क में स्थित है, जहां 2 दर्जन से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। फेसबुक ने गुरुवार को अपने वॉर रूम की एक झलक पेश की, जिसमें यहां के काम करने का तरीका बताया गया है।
फेसबुक के वॉर रूम को अमेरिका में होने वाले मध्यावधि चुनाव (6 नवंबर 2018) और ब्राजील में होने वाले आम चुनाव (7 अक्टूबर) को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यहां पर चुनावों के दौरान फैलने वाली फेक न्यूज और अफवाहों को रोकने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही चुनावों के दौरान होने वाली विदेशी दखलअंदाजी पर नजर रखना भी वॉर रूम के कर्मचारियों का काम है। फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी के हेड नैथानियल ग्लिचर ने बताया कि 'चुनावों के दौरान होने बहस में किसी तरह की हेरफेर का पता लगाना ही हमारा काम है।' फेसबुक के सिविक इंगेजमेंट के हेड समिध चक्रवर्ती ने बताया कि 'चुनावों के दौरान अक्सर ऐसी झूठी खबरें फैलती हैं कि यहां विरोध की वजह से वोटिंग रोक दी गई। हमारा काम इस तरह की झूठी खबरों को फैलने से रोकना है। हम इस तरह की कोई भी पोस्ट, जो चुनावों को प्रभावित करती हों, उन्हें वायरल होने के एक घंटे के भीतर ही हटा देंगे।'
फेसबुक के मुताबिक, ये वॉर रूम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर काम करता है, जो फेसबुक पर आने वाले पोस्ट की सच्चाई और यूजर्स के व्यवहार को पहचाने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि हमारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पहले के मुकाबले ज्यादा तेजी से फेक अकाउंट को ब्लॉक या डिसेबल करने में सक्षम है।
समिध चक्रवर्ती ने बताया कि 'इस वॉर रूम में कंपनी के दो दर्जन से ज्यादा एक्सपर्ट काम करते हैं, जो थ्रेट इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, रिसर्च और लीगल टीम को पहचानने का काम करेगी।' उन्होंने बताया कि 'जब सभी लोग एक साथ एक ही जगह पर होते हैं, तो हमारी टीम किसी भी खतरे को पहचानकर ज्यादा जल्दी उसका समाधान कर सकती है।' फेसबुक के मुताबिक, यहां रियल टाइम में चुनावी मुद्दों की निगरानी की जाती है, ताकि स्पैम कंटेंट को फैलने से रोका जा सके। समिध चक्रवर्ती ने बताया कि 'हमारी टीम ने एक मैसेज की पहचान की, जिसमें कहा था कि ब्राजील में हो रहे विरोध की वजह से चुनाव की तारीख को 7 अक्टूबर से बढ़ाकर 8 अक्टूबर कर दिया गया है, लेकिन ये मैसेज गलत था जिसके बाद हमने इस मैसेज को 1 घंटे के अंदर हटा दिया।' उन्होंने बताया कि जैसे ही किसी पोस्ट या कंटेंट पर संदेह होता है, टीम उसकी पुष्टि के लिए न्यूज रिपोर्टर्स, फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट और एक्सपर्ट से करती है। फेक निकलने पर उस कंटेंट को फेसबुक से हटा दिया जाता है।
फेसबुक वॉर रूम में काम कर रहे कर्मचारियों को सिर्फ जरूरी होने पर ही अपनी सीट से उठने की इजाजत है। फेसबुक ने बताया कि वॉर रूम के कर्मचारी सिर्फ वाशरूम जाने के लिए और अपनी डेस्क पर खाना लाने के लिए ही उठ सकते हैं। हालांकि कंपनी ने सुरक्षा कारणों की वजह से ज्यादा जानकारी तो नहीं दी, लेकिन यहां हर कर्मचारी के पास एक लैपटॉप और दो डेस्कटॉप है, जिसमें ऑनलाइन एक्टिविटी पर ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा इस रूम में बड़ी-बड़ी स्क्रीन भी लगी हैं, जिनपर फोक्स, सीएनएन जैसे न्यूज चैनल 24X7 चलते रहते हैं।