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News Creation - न्यूज क्रिएशन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण समय है, पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुट होकर खड़ा है। राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहा हूं।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित सभी की पूरी मदद की जाएगी। पश्चिम बंगाल में चक्रवात की चपेट में आने से कम से कम 12 लोगों की जान गई है और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। मोदी ने ट्वीट किया कि यह चुनौतीपूर्ण समय है, पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुट होकर खड़ा है। राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं।

उल्लेखनीय है कि कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तबाही मचाने वाले अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, हजारों मकान नष्ट हो गए और निचले इलाकों में पानी भर गया।  कोलकाता, उत्तर 24 परगना एवं दक्षिण 24 परगना में लंबे समय तक बिजली आपूर्ति ठप रही। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हुईं।

ममता ने प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए दो से ढाई लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, अब तक हमें मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में चक्रवात अम्फान के कारण 72 लोगों की मौत हो गयी है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चक्रवात अम्फान के कारण राज्य में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित जिलों का दौरा करने और तबाह हो गए इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए सहायता देने का आग्रह किया। ममता ने प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए दो से ढाई लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, अब तक हमें मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में चक्रवात अम्फान के कारण 72 लोगों की मौत हो गयी है। दो जिले- उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। हमें उन जिलों का फिर से पुनर्निमाण करना होगा। मैं केंद्र सरकार से राज्य को हरसंभव मदद देने का आग्रह करूंगी।’’
ममता ने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘‘मैं बहुत जल्द प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी। स्थिति बहाल करने के लिए काम जल्द ही शुरू होंगे। उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और कोलकाता का एक बड़ा हिस्सा कल शाम से ही बड़े स्तर पर बिजली कटौती का सामना कर रहा है। यहां तक कि टेलीफोन और मोबाइल कनेक्शन भी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में कभी भी इतना भयंकर चक्रवात और विनाश नहीं देखा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करूंगी कि वह आएं और चक्रवात अम्फान से प्रभावित इलाकों का दौरा करें।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवास कार्यालय में अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों के साथ इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 5750 करोड़ रूपए की राशि में से प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की।

रायपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के विकास के लिए किसानों और गरीबों को मदद पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का मानना था कि खेती विकास की पूंजी है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शहादत दिवस पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ‘‘ राजीव गांधी किसान न्याय योजना ’’का शुभारंभ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवास कार्यालय में अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों के साथ इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 5750 करोड़ रूपए की राशि में से प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर सोनिया गांधी ने कहा कि राजीव जी की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब आदिवासी किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को सीधे उनके खाते में राशि देने की शुरूआत की गई है। इस योजना के दूसरे चरण में ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को शामिल करने का निर्णय अपने आप में अनोखा है। गांधी ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गरीब किसानों को मदद पहुंचाने की अनुकरणीय योजना है। इससे आदिवासियों, ग्रामीणों और गरीबों के जीवन में बदलाव आएगा, खुशहाली आएगी। ऐसी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कर जन-जन तक लाभ पहुंचाना राजीव जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि राजीव जी का यह मानना था कि खेती विकास की पूंजी है। भारत के विकास के लिये किसानों और गरीबों को मदद पहुंचाना जरूरी है। गांधी ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री बघेल, राज्य सरकार तथा राज्य के गरीबों, किसानों और मजदूरों कोशुभकामनाएं दी।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए मैंनेप्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि गरीबों को इस वक्त कर्ज की नहीं बल्कि नगद राशि की जरूरत है। इसका बढ़िया रास्ता छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाला है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों को मदद पहुंचाने के लिए उनके खाते में सीधे राशि दी है। उन्होंने कहा,‘‘ हमें मालूम है कि राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इस हालत में भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने के लिए लिया गया यह निर्णय, कोई छोटा काम नहीं है। किसानों और गरीबों की मदद करने का निर्णय हमने सोच-समझकर लिया है। यह किसी व्यक्ति विशेष का निर्णय नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आवाज है। ’’ वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की मूलभावना हमारे लिए मार्गदर्शिका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके माध्यम से किसानों और कमजोर वर्ग के लोगों को न सिर्फ सम्मान से जीने का अवसर उपलब्ध होगा बल्कि गरीबी का कलंक मिटाने में भी सफल होंगे। बघेल ने कहा कि इस योजना से लाभान्वित होने वालों में 90 प्रतिशत लघु-सीमांत किसान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और गरीब तबके के हैं। इस योजना की प्रथम किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपये हम सीधे किसानों के खाते में अंतरित कर रहे हैं। योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को इस वर्ष 5750 करोड़ रूपये दिए जाएंगे।
 

इसके अंतर्गत धान की खेती के लिये किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपये तथा गन्ना की खेती के लिये प्रति एकड़ 13 हजार रूपए सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अब तक धान खरीदी, कर्जमाफी, फसल बीमा, सिंचाई कर की माफी और प्रोत्साहन राशि को मिलाकर किसानों को 40 हजार 700 करोड़ रूपये उनके खातों में सीधे अंतरित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का पुण्य स्मरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजीव जी का यह दृष्टिकोण था कि भारत में गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति किसानों की आर्थिक दशा में सुधार के बिना संभव नहीं है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिलों के जनप्रतिनिधियों, हितग्राही किसानों, समूह की महिलाओं और वनोपज संग्राहकों से भी चर्चा की। कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, सांसद पी.एल. पुनिया, रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित सांसद, विधायक और हितग्राही कृषक शामिल हुए। वहीं कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल के साथ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, बघेल मंत्रिमंडल के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

धमधा के धान उत्पादक, कवर्धा के गन्ना उत्पादक किसानों, दंतेवाड़ा और सूरजपुर के लघु वनोपज संग्रहण और महिला ट्राइबल मार्ट की महिलाओं से हुई चर्चा

जबर्रा में ईको-टूरिज्म के लिए आ रहे हैं पौलेण्ड, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड के पर्यटक  

    रायपुर 21 मई 2020

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ के शुभारंभ के अवसर पर सूरजपुर जिले के महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों, धमतरी जिले के दुगली ग्राम के ग्रामीणों, दंतेवाड़ा जिले की महिलाओं, कबीरधाम जिले के गन्ना उत्पादक किसानों और दुर्ग जिले के धान उत्पादक किसानों से चर्चा की। श्री बघेल ने इन लोगों से राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित राज्य सरकार की लघु वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण योजना, सुपोषण अभियान, हाट बाजार योजना के संबंध में   फीडबेक लिया।
    दुर्ग जिले के धमधा के धान उत्पादक किसानों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना संकट के चलते वर्तमान समय में किसानों की जेब खाली है। इस कठिन दौर में राज्य सरकार किसानों को प्रोत्साहन राशि और आदान सहायता राशि दे रही है, इससे किसानों को काफी सहारा मिला है। किसानों में राज्य सरकार के इस निर्णय से खुशी है। धान उत्पादक किसान श्री संतोष कुमार राणा ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस वर्ष किसानों के खाते में अब तक तीन बार धान का समर्थन मूल्य, फसल बीमा योजना की राशि के बाद अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना में पैसा आया है। श्री राणा ने बताया कि आज इस योजना में उनके खाते में 34 हजार 800 रूपए की राशि आई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि धमधा क्षेत्र में किसान केला, पपीता, टमाटर जैसी फसलों की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कुछ स्थानों पर फूडप्रोसेसिंग प्लांट लगने वाला है, इससे भी किसानों को फायदा होगा। श्रीमती सुनीता गुप्ता ने किसान न्याय योजना के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना ने किसानों के लिए कोरोना संकट में राहत का काम किया है। किसानों की कर्ज माफी के बाद फसल बीमा, समर्थन मूल्य धान खरीदी और अब न्याय योजना की राशि मिलने से क्षेत्र के किसान बहुत खुश है।
    कवर्धा के गन्ना उत्पादक किसानों ने भी इस योजना के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि मिलाकर इस बार किसानों को गन्ने का प्रति क्विंटल 355 रूपए रेट मिलेगा साथ ही बोनस भी मिलेगा। सरकार के इस फैसले से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। किसानों में राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रसन्नता है। श्री शिव कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि धान का 2500 रूपए प्रति क्विंटल धाम मिलने से किसानों को फायदा हुआ है।
    सूरजपुर महिलाओं द्वारा ट्राइबल मार्ट का संचालन किया जा रहा है। लॉकडाउन के अवधि में घर-घर ई-रिक्शा के माध्यम से सामग्री पहुंचाई जा रही है। महिला ट्राइबल मार्ट से अब तक लाखों रूपए का मुनाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से पूछा कि क्या इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए तो महिलाओं ने इस पर सहमति दी।
    धमतरी जिले के दुगली के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल को श्रीमती लता मरकाम ने बताया कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी का ऐतिहासिक आगमन उनके ग्राम दुगली में 14 जुलाई 1985 को हुआ था, जहां पर उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति कमार की बस्ती में जाकर मड़िया पेज और करू कांदा का स्वाद भी चखा था। उस चिरस्मरणीय पल को ग्रामीण आज भी याद कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। ग्राम जबर्रा से आए युवक श्री माधव सिंह नेताम ने कहा- ‘आपके द्वारा ग्राम जबर्रा को ईको-टूरिज्म‘ क्षेत्र घोषित करने के बाद ग्रामीणों की आजीविका का ठोस जरिया मिला है। पहली बार 5352 हेक्टेयर जंगल का सामुदायिक वन अधिकार प्रदान किया गया है।     मुख्यमंत्री श्री बघेल को श्री माधव सिंह नेताम ने बताया कि उनके ग्राम जबर्रा में देश और विदेश के एक हजार से अधिक सैलानी आकर यहां रूक चुके हैं, जिनमें पोलैण्ड, न्यूजीलैण्ड और आस्ट्रेलिया जैसे विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। ग्राम पंचायत देवगांव के आश्रित ग्राम मुनईकेरा निवासी श्रीमती नीरा मरकाम ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि दुगली में संचालित लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र से 2524 महिलाएं जुड़कर स्वावलम्बी बनी है। यहां पर आंवला, तिखुर पावडर, शहद प्रसंस्करण के अलावा त्रिफला चूर्ण, दोना-पत्तल आदि का निर्माण समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 10 लाख रूपए की आमदनी समूह की दीदियों को प्राप्त हो चुकी है।
    दन्तेवाड़ा जिले के दूरस्थ कटेकल्याण ब्लॉक के वनोपज संग्रहण कार्य में जुड़ी महिला समूह की सदस्य सुरेखा ने बताया कि पहली बार हमें वनोपज खरीदी करने का मौका मिला। पहले संग्राहक साप्ताहिक हाट-बाजार में व्यापारियों को कम दाम में अपना वनोपज बेचते थे, लेकिन अब सरकार की पहल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी होने के फलस्वरूप इन संग्राहकों को वाजिब दाम मिल रहा है। सुरेखा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिले के महिला स्व-सहायता समूहों को वनोपज की खरीदी से 7 लाख रूपये का फायदा मिला है। अभी महिला समूहों की सदस्य महिलाएं इमली प्रसंस्करण कार्य में लगी हुई हैं। जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। इस मौके पर दन्तेवाड़ा ब्लॉक के बालपेट निवासी भीमबती नाग सुपोषण अभियान के बारे में बताया कि इस अभियान शुरू होने के बाद कुपोषण की दर में करीब 6 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। इस दौरान गीदम ब्लॉक के समलूर निवासी उमेश्वरी ठाकुर ने बताया कि हाट-बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से दूरस्थ ईलाके के ग्रामीणों को स्वास्थ जांच और उपचार की सुविधा समीपस्थ हाट-बाजार में ही उपलब्ध हो रही है।

रायपुर 21 मई 2020

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि 21 मई पर आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में विधान सभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के तैलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। आज आतंकवाद विरोधी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल सहित मंत्रिगणों और उपस्थित सभी लोगों ने देश की अहिंसा एवं सहनशीलता की परंपरा के प्रति अपना दृढ़ विश्वास प्रकट करते हुए आतंकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करने, मानव जाति के सभी वर्गाें के बीच शांति, सामाजिक सद्भाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली और विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ ली।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना लोगों के जीवन में लाएगी बदलाव: श्रीमती सोनिया गांधी

छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू: श्री भूपेश बघेल

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की हुई शुरूआत

5750 करोड़ की राशि चार किश्तों में किसानों को मिलेगी: पहली किश्त 1500 करोड़ रूपए किसानों के खातों में ऑनलाईन अंतरित

वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए योजना का हुआ शुभारंभ

     रायपुर, 21 मई 2020

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.श्री राजीव गांधी के शहादत दिवस पर श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी की विशेष उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना - राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुआ। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों के साथ इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 5750 करोड़ रूपए की राशि में से प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए वरिष्ठ नेता श्री मोतीलाल वोरा, सांसद श्री पी.एल. पुनिया, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित प्रदेश के जिलों से सांसद, विधायक और हितग्राही कृषक शामिल हुए।
     शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा संासद श्री राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए मैंने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया था कि गरीबों को इस वक्त कर्ज की नहीं बल्कि नगद राशि की जरूरत है। इसका बढ़िया रास्ता छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाला है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों को मदद पहुंचाने के लिए उनके खाते में सीधे राशि दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ सरकार संकट के समय में, लोगों की मदद कैसे की जा सकती है, इसका देश को रास्ता दिखाया है। चाहे कोरोना संकट हो और कोई भी विपत्ति हम गरीबों का हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमें गरीबों की मदद करने के लिये उनके साथ खड़ा होना पड़ेगा। हमें मामूल है कि राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इस हालत में भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने हेतु लिया गया यह निर्णय, कोई छोटा काम नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों एवं गरीबों की मदद करने का निर्णय हमने सोच-समझकर लिया है। यह किसी व्यक्ति विशेष का निर्णय नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आवाज है। यह रास्ता छत्तीसगढ़ के लोगों ने ही हमें बताया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमण्डल के सभी सहयागियों और छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी।  


      इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा-राजीव जी की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब आदिवासी किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को सीधे उनके खाते में राशि देने की शुरूआत की गई है। इस योजना के दूसरे चरण में ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को शामिल करने का निर्णय अपने आप में अनोखा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गरीब किसानों को मदद पहुंचाने की अनुकरणीय योजना है। इससे आदिवासियों,  ग्रामीणों एवं गरीबों के जीवन में बदलाव आएगा, खुशहाली आएगी। ऐसी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कर जन-जन तक लाभ पहुंचाना राजीव जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि राजीव जी का यह मानना था कि खेती विकास की पूंजी है। भारत के विकास के लिये किसानों एवं गरीबों को मदद पहुुंचाना जरूरी है। उन्होंने इस क्रांतिकारी योजना के लिये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार के साथ ही प्रदेश के गरीबों, किसानों एवं मजदूरों को शुभकामनाएं दी।
        मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की मूलभावना हमारे लिये मार्गदर्शिका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके माध्यम से हम किसानों एवं कमजोर वर्ग के लोगों को न सिर्फ सम्मान से जीने का अवसर उपलब्ध कराएंगे बल्कि गरीबी का कलंक मिटाने में भी सफल होंगे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभान्वित होने वालों में 90 प्रतिशत लघु-सीमांत किसान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब तबके के हैं। इस योजना की प्रथम किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपये हम सीधे किसानों के खाते में अंतरित कर रहे हैं। योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को इस वर्ष 5750 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत धान की खेती के लिये किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपये तथा गन्ना की खेती के लिये प्रति एकड़ 13000 रूपये आदान सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि हमनें अब तक धान खरीदी, कर्जमाफी, फसल बीमा, सिंचाई कर की माफी और प्रोत्साहन राशि को मिलाकर किसानों को 40 हजार 700 करोड़ रूपये उनके खातों में सीधे अंतरित किए है।
    उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी का पुण्य स्मरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के आधुनिक भारत निर्माण के स्वप्न दृष्टा राजीव जी यह दृष्टिकोण था कि- ‘भारत मंे गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भर भारत‘ निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति किसानों की आर्थिक दशा मंे सुधार के बिना संभव नहीं है। श्री राहुल गांधी की न्याय की वृहद अवधारणा के क्रियान्वयन की दिशा में और उनक मार्गदर्शन में प्रथम कदम है ‘‘ राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘‘ । श्री बघेल ने कहा कि सोनिया जी और राहुल जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ देश के प्रथम राज्यों मंे से है जो कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के पालन करने में दृढ़ संकल्पित है।


 श्री बघेल ने कहा कि राजीव गांधी जी की पुण्य तिथि के दिन इस महती योजना का शुभारंभ कर हम उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। आगामी वर्षाें में भी 21 मई को ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिलों के जनप्रतिनिधियों, हितग्राही किसानों, समूह की महिलाओं और वनोपज संग्राहकों से भी चर्चा की।
      इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरण दास महंत, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत सिंह भगत, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से देर रात तक श्रमिको के आने का क्रम जारी
प्लेटफार्म पर थर्मल स्केन, चिकित्सा परीक्षण के बाद बसों से  क्वारंटीन सेंटर भेजे गए श्रमिक
रायपुर. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों और अन्य लोगों को लाने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में  रैपुडा से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से  रायपुर स्टेशन पर 500,पूना से 84,अमृतसर से 05और देर रात दिल्ली से 72 श्रमिक उतरे।इस तरह कुल 661 श्रमिक आज रायपुर स्टेशन पर उतरे।  रैपुडा से रायपुर जिले के 13, कांकेर जिले के 40, कवर्धा के 09, जगदलपुर के 268, गरियाबंद के 58, महासमुन्द के 25, कोण्डागांव के 22, बलौदाबाजार के 40, बीजापुर के 16, दंतेवाड़ा के 01, सुकमा के 08 श्रमिक उतरे। पूना से रायपुर जिले के 60 बलौदाबाजार के 01, महासमुन्द के 12, दुर्ग के 03, धमतरी के 04 और उड़ीसा के 04 श्रमिक उतरे।अमृतसर से चली ट्रैन से रायपुर जिले के 05 श्रमिक उतरे।इसी तरह देर रात दिल्ली से चली ट्रेन से रायपुर जिले के 47,दुर्ग के 02,महासमुन्द के 14,बेमेतरा के 01,दंतेवाड़ा के 01,धमतरी के02,बालोद के 02और बलौदाबाजार के 03 श्रमिक रायपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे।
श्रमिकों के रायपुर स्टेशन पहुचने पर फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उन्हें दो-दो बोगियों से बारी-बारी से उतारा गया। यहां सभी श्रमिकों की मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य जांच, थर्मल स्क्रीनिंग और पल्स ऑक्सीमीटर से उनके तापमान के साथ-साथ पल्स एवं ऑक्सीजन सांद्रता की भी जांच की गई। इसके बाद उन्हें विशेष बसों से उनके जिलों के क्वारेन्टाइन सेन्टर भेजा गया।
श्रमिकों ने लाइन में लगकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही स्टेशन से बाहर निकले। सभी श्रमिकों को हिदायत दी गई की वे 14 दिन क्वेरेंटाइन में रहें तथा कोरोना से बचाव एवं रक्षा के लिए सभी निर्देशों का पालन करें। श्रमिकों को क्वारेन्टाइन सेन्टर भेजने के बसों की भी व्यवस्था की गयी थी। उन्हें  रेलवे स्टेशन में ही पैक्ड भोजन भी प्रदान किया गया। ट्रेन आगमन के पहले स्टेशन के प्लेटफार्म को सैनिटाइज  भी किया गया।

नई दिल्ली । रेलवे बोर्ड ने देशभर में स्टेशनों पर स्थित खान‑पान और दवा की दुकानों सहित तमाम स्टॉलों को तत्काल खोलने का निर्णय लिया है। ये कोविड‑19 महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर बंद थे। रेलवे के इस कदम से श्रमिक स्पेशल, वातानुकूलित स्पेशल और जल्द शुरू होने वाली 200 स्पेशल रेलगाड़ियों के यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर और आईआरसीटीसी के सीएमडी को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि सभी जोनल रेलवे और आईआरसीटीसी को सलाह दी जाती है कि रेलवे स्टेशनों पर सभी स्टेटिक कैटरिंग और वेंडिंग यूनिट (एमपीएस, बुक स्टॉल, बहुउद्देशीय स्टॉल अथवा केमिस्ट स्टॉल इत्यादि) को तत्काल प्रभाव से खोलने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।

फूड प्लाजा और रिफ्रेशमेंट रूम के मामले में पत्र में कहा गया है कि यहां केवल पका पकाया भोजन ले जाने की सुविधा होगी। वहां बैठकर खाने की व्यवस्था नहीं होगी।

नई दिल्ली । रेल मंत्रालय ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घरों तक जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों को अब राज्यों की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने पुराने वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि कामगारों के लिये 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का रेलवे ने वादा किया था, उससे आगे बढ़कर यात्रियों की सेवा में हमने रिकार्ड 204 ट्रेन चलाई हैं। भारतीय रेल द्वारा कामगारों को उनके गृह राज्य भेजने के लिये अभी तक 1,773 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया है।

रेल मंत्रालय में सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई ने बताया कि रेलवे ने मंगलवार को रिकॉर्ड 204 ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनें चलाई। उन्होंने कहा कि ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों को अब राज्यों से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। इससे राज्यों के साथ संपर्क में लगने वाले समय की बचत होगी और निर्णय तेजी से लिया जा सकेगा उन्होंने कहा रेलवे 1 जून से नॉन‑एसी ट्रेनों की 100 जोड़ी अर्थात 200 रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू करेगा। इन ट्रेनों के लिए केवल ऑनलाइन टिकट बुकिंग उपलब्ध होगी। जल्द ही इन ट्रेनों की समय सारणी जारी की जाएगी। गैर‑वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी की यह ट्रेन सेवा पहले से चल रही श्रमिक स्पेशल और 15 जोड़ी वातानुकूलित ट्रेनों के अलावा होंगी।

उल्लेखनीय है कि रेलवे लॉक डाउन में विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों और 12 मई से 15 जोड़ी वातानुकूलित स्पेशल रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू कर रहा है।

लंदन । ब्रिटेन के मुक्केबाज टाइसन फ्यूरी ने कहा है कि वह युक्रेन के व्लादिमीर क्लिटश्को की तरह लंबे समय तक विश्व चैम्पियन बने रहना चाहते हैं। फ्यूरी ने  कहा कि वह संन्यास लेने तक विश्व चैंपियन बने रह सकते हैं। क्लिटश्को चार साल से अधिक समय तक विश्व चैंपियन रहे जिसके बाद साल 2015 में फ्यूरी ने इस मुक्केबाजी को हराकर खिताब जीता था ।फ्यूरी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इसके बाद अपने खिताब को बचा नहीं पाये पर उन्होंने कुछ कुछ समय में अच्छी वापसी की है। वह फरवरी में डियोनटे विल्डर को हराकर डब्ल्यूबीसी हैवीवेट खिताब जीतने के बाद से ही शीर्ष पर हैं। कोरोना वायरस महामारी का खतरा थमने के बाद ये दोनों एक बार फिर आमने सामने होंगे। फ्यूरी ने कहा, ‘‘मैंने मुक्केबाजी में प्रत्येक खिताब जीता है। इंग्लिश खिताब से लेकर हैवीवेट विश्व चैंपियन का। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं दोबारा मुक्केबाजी नहीं करता हूं तो मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं लेकिन अगर दोबारा मुक्केबाजी करता हूं तो मुक्केबाजी जारी रखना चाहता हूं। मैं नाम और पैसे के लिए जबकि अपनी खुशी के लिए मुक्केबाजी करता हूं।

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