ईश्वर दुबे
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Bhilai
कटनी.मध्य प्रदेश के गृहस्थ संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी का कटनी में राज्यकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. कोरोना के संक्रमण (corona virus) और लॉक डाउन (lockdown) के बावजूद उनकी अंत्येष्टि में सैकड़ों लोग शामिल हुए. इनमें नेता-अभिनेता भी थे. अंतिम संस्कार के दौरान सोशल डिस्टेंस (social distance) का उल्लंघन होता दिखा. हालांकि प्रशासन की ओर से लगातार अनाउंस किया जा रहा था कि सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें.
संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी की अंतिम यात्रा उनके दद्दा धाम के निज निवास से निकाली गई थी. इसमे सैकड़ों की तादाद में उनके शिष्य शामिल हुए. इनमें राज नेता समेत अभिनेता भी मौजूद थे. उनके बड़े बेटे अनिल शास्त्री ने दद्दाजी को मुखाग्नि दी. दद्दा के शिष्यों ने उन्हें भावुक होकर अंतिम विवाई दी.
शिष्यों का तांता
पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी के निधन की जानकारी जैसे ही दद्दा के भक्तों को लगी तभी से आसपास और दूर-दूर से लोग यहां पहुंचने शुरू हो गए थे. लॉक डाउन के कारण घर से निकलने की मनाही है. सोशल डिस्टेंस और मुंह पर मास्क पहनना ज़रूरी है. लेकिन यहां दद्दा धाम में लोगों का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया था. दद्दा के पार्थिक शरीर को उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था.
नेता-अभिनेता ने दिया कंधा
दद्दा के अंतिम दर्शन के लिए नेता-अभिनेता सब पहुंचे. उसके बाद आम दिनों की तरह उनकी अंतिम यात्रा भी निकाली गयी. बीजेपी नेता संजय पाठक और अभिनेता आशुतोष राणा और राजपाल यादव ने दद्दा की अर्थी को कंधा दिया. इनके साथ नेता अजय विश्नोई,अर्चना चिटनीस,लखन घनघोरिया, अंचल भी मौजूद थे.
गार्ड ऑफ ऑनर
दद्दा जी को राज्यकीय सम्मान के साथ विदा किया गया. अंतिम संस्कार से पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.उसके बाद उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी. पूरे समय सैकड़ों लोग बिना सोशल डिस्टेंस के मौजूद रहे. इनमें से कई लोगों के चेहरे भी मास्क से ढंके हुए नहीं थे.
कौन थे दद्दाजी
पंडित देव प्रभाकर शास्त्री जिन्हें लोग प्यार से दद्दा कहते थे.इनका जन्म कटनी के बहोरीबंद इलाके के कूड़ा ग्राम में 19 सितंबर 1937 को हुआ था.दद्दा के सानिध्य में 132 शिवलिंग पार्थिव यज्ञ कराए गए. इसमें 200करोड़ से अधिक पार्थिक शिवलिंग बनाए गए. भारत के कोने कोने में दद्दाजी ने यज्ञ करवाए थे. उनके भक्त दुनिया भर में हैं. इनमें बड़ी तादाद नेताओं और वीवीआईपीज की थी.
जबलपुर. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में लॉकडाउन 4.0 (Lockdown) के लिये जिला प्रशासन ने प्लान तैयार कर लिया है. जानकारी मिली है कि यहां के बाजार भी ऑड और इवेन के फ़ार्मूले पर खुलेंगे. यह तरीका ग्रीन ज़ोन में दुकानों के संचालन के लिए लागू होगा. इसके लिये जबलपुर के 79 वार्डों को ज़ोन वार बांटा जायेगा. बताया जा रहा है कि यह प्लान पांच से अधिक दुकानों के एक साथ संचालन पर लागू होगा. इस संबंध में मंगलवार को विस्तृत आदेश जारी हो सकता है. फिलहाल एमपी का जबलपुर जिला रेड जोन में शामिल है.
आज से खुलने जा रहे हैं सब्जी बाजार
कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन के कारण जबलपुर के लोग काफी परेशान रहे. लेकिन अब मंगलवार से उनकी समस्या कम होती दिख रही है. जबलपुर के सब्जी बाजार भी आज यानी मंगलवार से खुलने जा रहे हैं.
हॉटस्पॉट इलाकों से परिवारों की हो रही शिफ्टिंग
इससे पहले भोपाल की तरह जबलपुर में भी हॉटस्पॉट इलाकों से परिवारों की शिफ्टिंग का काम शुरू किया गया था. इनमें वे लोग शामिल हैं जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बच गये. दरअसल, शहर के हॉट स्पॉट इलाकों में कोराना संक्रमित मरीज़ों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने इस तरह का फैसला लिया था. इस दौरान सबसे पहले बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से परेशान लोगों को यहां से निकाला जा रहा है. बता दें, ज़िले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 170 तक पहुंच गई है.
कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए हुई ये प्लानिंग
जानकारी मिली है कि जबलपुर के हनुमानताल, गोहलपुर और चांदनी चौक जैसे बड़े हॉटस्पॉट ज़ोन में 106 कोरोना संक्रमित मरीज़ मिल चुके हैं. इन इलाकों से रोज़ाना कोरोना मरीज़ मिल रहे हैं. इस कारण कोरोना की इस चेन को तोड़ने के लिये इस तरह की प्लानिग की गयी है. इसकी मॉनिटरिंग जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कर रहे हैं.
भोपाल. कोरोना (Corona) महामारी के दौर में स्कूलों में 7 जून तक अवकाश घोषित किया गया है. उम्मीद की जा रही थी कि 7 जून के बाद प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में पढ़ाई शुरू हो जाएगी. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के चलते स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम ही नजर आ रही है. ऐसे में जून की जगह फिलहाल जुलाई तक स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है. वहीं, स्कूल खुलने में हो रही देरी को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने प्लान बी तैयार किया है.
स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते जून में भी स्कूल खुलने की संभावना बहुत कम है. ऐसे में अब स्कूल जुलाई महीने में ही खोलने की तैयारी की जा रही है. छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए अवकाश में कटौती करने की तैयारी है. दिवाली, दशहरा, होली और राखी पर मिलने वाले सभी छुट्टियों के साथ शीतकालीन अवकाश में भी कटौती की जाएगी. सिर्फ एक दिन की छुट्टी ही छात्र -छात्राओं को त्योहारों पर दी जाएगी. रविवार के दिन भी छात्र-छात्राओं की क्लासेस लगाकर कोर्स पूरा कराने की तैयारी की जा रही है. एक्स्ट्रा क्लासेस के जरिए भी स्कूल खोलने के बाद छात्र-छात्राओं का जल्द से जल्द सिलेबस पूरा कराया जाएगा. तीन से चार घंटे की एक्स्ट्रा क्लासेस लगाई जाएगी. दशहरा पर चार दिन दीवाली पर 6 दिन और शीतकालीन अवकाश में अब तक 7 दिन की छुट्टियां रहती थीं.
शिक्षकों के अवकाश में हुई थी 8 दिन की कटौती
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश 16 जून तक दिया जाता था. इस बार सरकारी स्कूलों ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में 8 दिन की कटौती की थी. यानी शिक्षकों को 7 जून तक छात्र -छात्राओं के साथ ही छुट्टियां दी गई हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने जून के महीने में ही स्कूल खोलने की तैयारी की थी. कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों के चलते जून के महीने में स्कूल खोलने की संभावना अब कम ही है. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग अब शिक्षकों से घर पर ही नोट्स तैयार करा रही है. शिक्षक छात्र -छात्राओं के लिए नोट्स तैयार करने के बाद उनको उपलब्ध कराएंगे. अब तक व्हाट्सएप के जरिए ही छात्र-छात्राओं को नोट्स भेजे जा रहे थे.
सरकारी स्कूलों में 10 फीसदी सिलेबस पूरा
सरकारी स्कूलों में लॉकडाउन के पहले चरण की शुरुआत के साथ ही ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. लेकिन ज्यादातर बच्चों के पास स्मार्टफोन न होने के चलते वे ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. सरकारी स्कूलों में अब तक महज 10 फ़ीसदी और निजी स्कूलों में सिर्फ 30 फ़ीसदी ही सिलेबस ऑनलाइन क्लासेस के जरिए पूरा हो सका है. ऑनलाइन क्लासेज के बाद भी स्कूल खुलने पर शिक्षकों पर जल्द से जल्द कोर्स पूरा कराने की जिमेदारी होंगी.
इन माध्यमों से कराई जा रही पढ़ाई
लॉकडाउन अवधि के दौरान स्कूल कॉलेज के साथ शैक्षणिक संस्थाएं बंद हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने रेडियो स्कूल कार्यक्रम की शुरुआत की है. वहीं, DIGI-LEP पर व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाई करवाई जा रही है. पहली से लेकर आठवीं तक दूरदर्शन पर टीवी के जरिए छात्र छात्राओं की पढ़ाई भी करवाई जा रही है. 9वीं से बारहवीं तक के छात्र- छात्राओं को नोट्स तैयार कर घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी गई है.
हाथी से बचाव के लिए वनविभाग की नई योजना हाथी सचेतक की जानकारी दी
धरमजयगढ़। वनमंडल धरमजयगढ़ में हाथियों से लगातार हो रही जनहानि के मद्दे नजऱ 17 मई को देर रात तक बिलासपुर सीसीएफ अनिल सोनी साहब ने टीम के साथ हाथी प्रभावित वन क्षेत्र का दौरा किया.
हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सीसीएफ ने हाथी से दूरी बनाकर रहने हिदायत दी.उन्होंने वनविभाग की नई योजना हाथी सचेतक के बारे में विभागीय कर्मचारी व गांव के प्रबुद्ध जनो को विस्तार पूर्वक जानकारी दी.उन्होंने बताया की विभाग की नवीन योजना अनुसार प्रत्येक हाथी प्रभावित क्षेत्र के हर गांव में एक हाथी सचेतक रखे जायेंगे.इनका काम सम्बंधित जंगल में हाथी की आमद होने पर गांव के हरेक घरों में जाकर जंगल नहीं जाने की सूचना देना होगा.अगर मुनादी करने के उपरान्त भी कोई व्यक्ति नहीं मानेगा तो नियमानुसार उस पर सख्ती की जाएगी.
इस तरह से गांव में एक प्रकार का जंगल कफ्र्यू लागु किया जायेगा. सीसीएफ के अनुसार फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की इस नवीन योजना से बहुत हद तक हाथियों से इंसानो की मृत्यु पर नियंत्रण होगा.आने वाले समंय में इस योजना का लाभ हाथी प्रभावित क्षेत्रवासियों को ज़रूर दिखेगा.अलबत्ता इस योजना को सफल बनाने लोगों का जनसहयोग विशेष रूप से अपेक्षित है.
उक्ताशय की जानकारी धरमजयगढ़ डीएफओ श्रीमती प्रियंका पांडेय ने दी.
सक्ति। जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्रान्तर्गत दो लोगों की आपसी रंजिश को लेकर अंतर्गत ग्राम डोंगिया निवासी पूर्व सेवा सहकारी समिति भोथिया के अध्यक्ष यशवंत कुमार गबेल पर जानलेवा हमला हो गया, पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रिपोर्टकर्ता प्रार्थी मनोज गबेल डोंगिया निवासी को आज 18 मई को दोपहर 12 बजे चौकीदार भुरवा केंवट निवासी सेंदुरस ने दूरभाष के माध्यम से बताया कि बुडग़ा यादव व उसका बेटा गौतम यादव ग्राम- डोंगिया द्वारा डण्डा व टांगी लेकर यशवंत गबेल को मारने के लिए आम बगीचा की ओर दौड़ा रहे है । इस पर तत्काल मनोज गबेल व उसका भतीजा गोपी कुमार गबेल एक साथ मोटरसाइकिल से बगीचा की तरफ गये,तब वहां उन्होंने देखा कि यशवंत गबेल के ब्यारा के पास खाट पर यशवंत गबेल बेहोशी अवस्था मे पड़ा हुआ था,एवम यशवंत के सिर,दोनो हाथ, दोनो पैर ,जंघा , पीट , कमर सहित पूरे शरीर पर मारपीट से दर्दनाक चोंट के निशान थे और वह खून से लथपथ पड़ा था । यशवंत को बेहोशी हालात पर देखकर उसके मुह में पानी डाला और सिर पर पानी थोपा, इसके बाद होश आने पर पूछा तब यशवंत में बताया कि उसे बुडग़ा यादव व उसका लड़का गौतम यादव ने मिलकर टांगी एवं डण्डे से जानलेवा हमला किया है । इसके बाद मनोज व उसके भतीजे गोपी को तत्काल घर जाकर कार लेकर आने के लिए कहा। इसी दौरान समारू गोंड़, उमेन्द्र सिंग केंवट ,घुरवा और महादेव केंवट भी मौके पर पहुचे तब मनोज ने उनसे भी घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने भी बुडग़ा यादव व उसका लड़का गौतम यादव द्वारा टांगी व डण्डा लेकर मारने के लिए दौड़ा रहे थे ।
गोपी के द्वारा कार लेकर आने पर यशवंत को कार में लेकर मालखरौदा जाने के लिए निकले इसी दौरान रास्ते मे यशवंत कि पत्नी किरण गबेल मिली तब उन्हें भी कार में लेकर अस्पताल पहुँचे । यदि समय पर मनोज के द्वारा यशवंत गबेल को अस्पताल नही लाया जाता तो उसकी मौत भी हो सकती थी । पीडि़त को अस्पताल में इलाज के बाद हालात नाजुक होने पर डॉक्टर द्वारा बिलासपुर सिम्स रिफर किया गया । सिर और शरीर पर बुरी तरह से चोंट लगने की वजह से पीडि़त से बयान नहीं लिया जा सका है । जिसके बाद मामले की पूर्ण सत्यता स्पष्ट होगी,प्रार्थी की रिपोर्ट पर बुडग़ा यादव एवम उसके बेटे गौतम यादव के खिलाफ भा द वी की 294 , 506 , 323 ,34 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है ।
नही मिली 108 की मदद
पीडि़त यशवंत कुमार गबेल की स्थिति गम्भीर होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा से रिफर करने पर जब 108 एंबुलेंस को संपर्क किया गया तो पता चला कि मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का एंबुलेंस पूरी तरह से जर्जर हो चुका है तथा आसपास डभरा व सक्ती एंबुलेंस भी समय पर नहीं मिलने पर पीडि़त को उन्ही के द्वारा जुटाए गए साधन से आनन-फानन में ले जाया गया
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना संकट के समय लोगों के हित में काम करने के बजाय केंद्र सरकार के समक्ष केवल हाथ फैलाकर खड़ी हो जा रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से बात‑बात पर मांगने की मानसिकता त्यागकर ममता बनर्जी सरकार को काम करके दिखाना चाहिए। घोष ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित योजनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कांग्रेस शासन के समय से चली आ रही आर्थिक सुधार को गति दी है। सरकार की योजना है कि कैसे सरकार और आम लोगों की आय बढ़े। कोरोना के कारण कई क्षेत्र में लोगों के रोजगार के अवसर कम हुए हैं। ऐसे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि केवल हाथ में पैसे दे देने से समस्या का समाधान नहीं हो जायेगा। केंद्र सरकार राज्य सकार को आवश्यक राशि देती है। राज्य सरकार न तो खर्च कर पाती है और ना ही उसका हिसाब ही देती है। मनरेगा से 2.5 करोड़ लोगों को जोड़ा जायेगा। कई करोड़ श्रम दिवस तैयार किया गया है। खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि के लिए लोन की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार आर्थिक सुधार ठीक ‑ठाक लागू करती है, तो 0.05 फीसदी अतिरिक्त लाभ मिलेगा। 6000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार का कोई जीएसटी बकाया नहीं है। सभी मिटा दिया गया है। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के साथ मुलाकात के बाद कुछ और कहती हैं, लेकिन बाद में कुछ और कहती हैं। घोष ने कहा कि बंगाल सरकार की मंशा लोगों के हित में काम करने की नहीं है।
जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वयं मजदूरों को लाने में विफल रही राजस्थान सरकार अब 500 बसें भेजने के नाम पर अपनी नेता का महिमामंडन करने में लगी है।
शेखावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की बड़ी नेता, जो उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं, राष्ट्रीय महासचिव हैं, उनके नाम पर कहा जा रहा है कि उन्होंने 500 बसें भेजी हैं। जो उत्तर प्रदेश बार्डर तक मजदूरों को लेकर जाएंगी। राजस्थान सरकार मजदूरों को व्यवस्था नहीं कर पाई है। ये उसी का परिणाम है कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव को व्यवस्था करनी पड़ी। यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है। इससे कुछ नहीं होने वाला है। हमें मजदूर और प्रवासी का दर्द समझना पड़ेगा। उनके लिए व्यवस्था करनी पड़ेगी। शेखावत ने कहा कि जो साढ़े 12 लाख लोग राजस्थान में आने वाले थे, उनके लिए राज्य सरकार ने अब तक क्या किया है, क्या संसाधन जुटाएं हैं, किस तरह से उनको लाने का रोडमैप बनाया है, उसका खुलासा करना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने एक महीने पहले कहा था कि केंद्र सरकार यदि अनुमति दे तो हमारे पास 4000 बसें खड़ी हैं। हम तुरंत मजदूरों को ला सकते हैं और यहां से मजदूरों को उनके राज्य पहुंचा सकते हैं। जब केंद्र सरकार ने अनुमति प्रदान की तो ये बसें गायब हो गईं। फिर उन्होंने नया राग अलापा कि हमें रेलों की सुविधा प्रदान की जाए। अब रेलों की सुविधा केंद्र सरकार ने प्रदान कर दी। एक तरफ उत्तर प्रदेश जैसा राज्य है, जहां 500 रेल पहुंच गईं, जबकि दूसरी तरफ राजस्थान जैसा प्रदेश है, यहां ढाई की संख्या में भी रेलें नहीं पहुंची हैं।
शेखावत ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा घोषणाओं से जीवन के हर क्षेत्र के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आज के रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के कदम देश की अर्थव्यवस्था को गति देंगे और भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों में, सरकार ने हर वर्ग को सशक्त बनाने और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के कई कदम उठाए हैं। इस आर्थिक पैकेज द्वारा कई नीतिगत सुधारों का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभान्वित करेंगे और आत्मनिर्भर बनाएंगे।
भोपाल.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को एक चिट्ठी लिखी है.इसमें उन्होंने मध्यप्रदेश के इंदौर में पश्चिम बंगाल के उन तमाम मजदूरों का जिक्र किया है जो लॉक डाउन (lockdown) में यहां फंस गए हैं.शिवराज सिंह ने चिट्ठी में लिखा है कि ये मजदूर अपने घर वापस जाना चाहते हैं. लेकिन इंदौर से पश्चिम बंगाल की दूरी ज्यादा होने की वजह से वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.जो निजी वाहनों से जाना भी चाहते हैं उनके लिए ऐसा करना मुश्किल है. क्योंकि इतना लंबा सफर करना बहुत ज्यादा महंगा होगा. लिहाजा शिवराज सिंह ने ममता बनर्जी से अनुरोध किया है कि वह रेल मंत्रालय से इस संबंध में बात करें. यह अनुरोध करें कि केंद्र सरकार इंदौर से कोलकाता के बीच एक स्पेशल ट्रेन चलाएं ताकि ये मजदूर अपने घर पश्चिम बंगाल पहुंच सकें.
अब क्या करेंगी ममता ?
कोरोना आपदा में लॉक डाउन के बाद से ही केंद्र सरकार और ममता बनर्जी में तनातनी बनी हुई है. शिवराज सिंह चौहान की चिट्ठी के बाद अब ममता बनर्जी के सामने दो ही विकल्प बचते हैं. पहला ये कि वह रेल मंत्रालय से अनुरोध करें कि इंदौर में फंसे हुए मजदूरों को पश्चिम बंगाल भेजने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जाए.या फिर शिवराज सिंह चौहान की चिट्ठी को इग्नोर कर दें. लेकिन अगर उन्होंने ऐसा किया तो फिर उन पर अपने प्रदेश के मजदूरों की अनदेखी करने के आरोप लगेंगे. ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर का ममता करेंगी तो क्या करेंगी ?
शिवराज दे चुके हैं ममता को जवाब
इससे पहले मुख्यमंत्रियों के साथ हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी शिवराज सिंह चौहान इशारों इशारों में ममता बनर्जी को जवाब दे चुके हैं. जब ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर मनमर्जी करने और राज्यों के संघीय ढांचे को चोट पहुंचाने जैसे आरोप लगाए तो इस पर शिवराज सिंह चौहान ने बिना नाम लिए जवाब देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री टीम इंडिया की भावना से काम कर रहे हैं.उन्होंने जो कुछ भी किया है वह देश और राज्यों के हित के लिए किया है और सबको साथ लेकर किया है.
मुंबई | रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) ने अपनी BS6 इंजन के साथ आने वाली 350cc रेंज की कीमत में बदलाव किया है। कंपनी ने Bullet 350 और Himalayan की कीमत बढ़ा दी है। BS6 Royal Enfield Classic 350 की कीमत में भी कंपनी बदलाव किया है। क्लासिक 350 सिंगल चैनल ABS और ड्यूल चैनल ABS के साथ आती है जिनकी कीमत अब क्रमश: 1.59 लाख रुपये और 1.67 लाख रुपये है।
बुलेट 350 की नई कीमत
अब Bullet 350 EFI ब्लैक की कीमत 1,30,505 रुपये है। बुलेट X 350 EFI बुलेट सिल्वर की कीमत 1.24 लाख रुपये है। वहीं अब इस बाइक के टॉप मॉडल की कीमत 1.39 लाख रुपये हो गई है जो पहले 1.37 लाख रुपये थी।
रॉयल एनफील्ड हिमालयन की नई कीमत
अब इस बाइक की शुरुआती कीमत 1.86 लाख रुपये है। बाइक का स्नोवाइट और ग्रेनाइट ब्लैक मॉडल 1.86 लाख रुपये में मिलेगा। स्टील ग्रे और ग्रेवल ग्रो मॉडल की कीमत अब 1.89 लाख रुपये है। बाइक का ड्यूल टोन मॉडल 1.91 लाख रुपये में खरीदा जा सकता है।
क्लासिक 350 की नई कीमत
जैसा कि हमने आपको पहले बताया अब इस बाइक के सिंगल चैनल ABS वेरियंट की कीमत 1.59 लाख रुपये है और ड्यूल चैनल की कीमत 1.67 लाख रुपये है। बाइक के अलग अलग कलर ऑप्शन की कीमत भी अलग अलग है।
नई दिल्ली. मुकेश अंबानी की आरआईएल के रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में एक के बाद एक बड़े निवेश हो रहे हैं. फेसबुक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी के बाद अब जनरल अटलांटिक ने जियो में एक बड़ा निवेश किया है.
जनरल अटलांटिक ने जियो में 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश किया है. ये जियो में चौथा बड़ा निवेश हैं. इतना ही नहीं इस लॉकडाउन में भी ये चौथा सबसे बड़ा निवेश है जो कि जियो में हुआ है. इससे पहले के तीन बड़े निवेश भी जियो में किए गए हैं.
ये निवेश इसलिए भी बड़ी अहमियत रखता है क्योंकि कोरोना महामारी के बीच निवेशक निवेश करने से डर रहे हैं. उन्हें उनके पैसे डूब जाने का डर सता रहा है. ऐसे में जियो में लगातार बड़े निवेश होना भारत के लिए एक राहत की खबर हैं.
यह चार हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म्स में चौथा बड़ा निवेश है. साथ ही यह एशिया में जनरल अटलांटिक का सबसे बड़ा निवेश भी है. निवेश आरआईएल की 1.34 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है.
यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ के बराबर है. इस संबंध में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि में जनरल अटलांटिक का स्वागत करता हूं. मैं इसे कई दशकों से जानता हूं.
जनरल अटलांटिक ने भारत के लिए एक डिजिटल सोसाइटी के अपने दृष्टिकोण को साझा किया और 1.3 अरब भारतीयों के जीवन को समृद्ध बनाने में डिजिटलीकरण की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास किया.
रायपुर. गुजरात (Gujrat) की राजधानी गांधीनगर से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) लौटे 81 प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) ने आरोप लगाया है कि उनसे उनकी नियोक्ता कंपनी ने वापसी की यात्रा के लिए पैसे लिये हैं. ये सभी प्रवासी मजदूर एक स्पेशल ट्रेन से इसी सप्ताह वापस लौटे थे. दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब क्वारंटाइन सेंटरों में रुके इन मजदूरों का एक बयान रिकॉर्ड किया गया. इस संबंध में राज्य सरकार ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में जानकारी दी गयी है कि जिला कलेक्टर को इन आरोपों की जांच करने का आदेश दिया गया था. इस संबंध में एक रिपोर्ट संबंधित अधिकारी ने स्टेट लेबर डिपार्टमेंट के सचिव को भेजी है.जानकारी मिली है कि गांधीनगर में छह ईंट भट्ठा मालिकों और उनके एकाउंटेंट ने अवैध रूप से ट्रेन टिकटों के भुगतान के बहाने अपने यहां काम करने वाले 71 मजदूरों से 52,950 रुपये लिए हैं. लिटिया गांव के एक श्रमिक जोगेन्द्र साई ने कहा कि उन्होंने और 10 अन्य श्रमिकों ने 8,250 रुपये का भुगतान किया है.
रेलवे को प्रदेश सरकार ने किया 1 करोड़ से ज्यादा का भुगतान
अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार ने 37 ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की अनुमति दी है. ये सभी मजदूर कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से देश के कई राज्यों में फंसे हुये थे. राज्य में 11 मई से लेकर शनिवार तक आठ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में श्रमिक वापस पहुंचे हैं. अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने अब तक रेलवे को इसके लिये 1.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.
कोरोना वायरस महामारी के कारण अभी दुनिया भर में क्रिकेट सहित सभी खेल रुके हुए हैं पर अब एक बार फिर इनकी शुरुआत होने जा रही है। ज्यादातर देशों में लॉकडाउन समाप्त होने जा रहा है और ऐसे में अन्य खेलों की तरह ही क्रिकेट की भी शुरुआत का प्रयास हो रहा है। वेस्टइंडीज में सबसे पहले घरेलू टूर्नामेंट से क्रिकेट की वापसी हो सकती है।
22 मई से खेला जाएगा वीपीएल टी10 टूर्नामेंट
विंसी प्रीमियर लीग (वीपीएल)- छह टीमों का एक टी10 टूर्नमेंट है। यह 22 मई से 31 मई के बीच खेला जाएगा। पूर्वी कैरेबियाई द्वीप देश सैंट विंसेंट ऐंड द ग्रेनाडिनस द्वीप पर यह लीग खेली जाएगी हालांकि पैसेफिक में वनातू में महामारी के बाद क्रिकेट की शुरुआत सबसे पहले हुई है, पर वीपीएल पहली लीग होगी जो मार्च में वैश्विक महामारी के बाद आईसीसी के किसी पूर्ण सदस्यीय देश में शुरू होगी। जिसमें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी भाग लेंगे।
इसमें 6 फ्रैंचाइजी के कुल 72 खिलाड़ी भाग लेंगे। फ्रैंचाइजी ने 11 मई को ही खिलाड़ियों का चयन किया है। इसमें तीन केसरिक विलियम्स, सलामी बल्लेबाज सुनील ऐम्ब्रिस और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ओबेड मैककॉय भी शामिला हैं। यह तीनों ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। इस लीग में कुल 30 मैच खेले जाएंगे। इस प्रकार कुल 3 मैच होंगे।
नजर आयेंगे ये बदलाव
वीपीएल में गेंदबाज गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लार के इस्तेमाल पर यह रोक लगायी गयी है हालांकि दर्शकों के स्टेडियम में आने पर कोई रोक नहीं लगी है। सैंट विंसेंट एंड द ग्रेनाडिनस द्वीप क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष किशोर शैलो ने कहा, 'बेशक, हमने खिलाड़ियों के लिए अलग जगह तय की हैं, पेविलियन इस तरह तैयार किए हैं कि खिलाड़ियों को भीड़ से बचाया जा सके। हर टीम के पास अपनी जगह होगी और वह पर्याप्त शारीरिक दूरी रख सकती है।'
लंदन । इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ उनसे कहीं पीछे हैं। पीटरसन ने कहा कि रनों का पीछा करने के मामले में विराट ने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान समय में कई बार स्मिथ और कोहली की तुलना होत है पर पीटरसन के अनुसार ऑस्ट्रेलिया का यह पूर्व कप्तान कोहली के करीब भी नहीं है। पीटरसन ने जिम्बाब्वे के पूर्व क्रिकेटर पॉमी एमबांग्वा के साथ सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘ कोहली शानदार है। रनों का पीछा करते समय उसका रिकार्ड बेहद शानदार है। लगातार दबाव के बीच उतरने हुए भी हुए भी वह भारत को मैच जिताता है।’’ जब एमबांग्वा ने पीटरसन से कोहली और तेंदुलकर में से किसी एक का चयन करने को कहा तो इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ मैं फिर से कोहली का नाम लूंगा, रनों का पीछा करने में वह सबसे बेहतर है। ऐसे में उसका औसत 80 का है और उसने ज्यादातर शतकीय पारी रनों का पीछा करते हुए ही खेली हैं। पीटरसन ने कहा, ‘‘वह लगातार भारत के लिए मैच जीतता है। रनों का पीछा करने में उसका आंकड़ा और बेहतर होता जा रहा है।’’
मुंबई । लाकडाउन में घर में कैद होने के बाद भी सेलिब्रिटीज अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रख रहे हैं। कई लोग तो अपने फिटनेस वीडियोज को सोशल मीडिया पर शेयर भी कर रहे हैं और लोगों को फिट रहने के टिप्स दे रहे हैं। 90 की दशक की खूबसूरत हीरोइन माधुरी दीक्षित भी किसी से पीछे नहीं हैं। खुद को फिट रखने के लिए उन्होंने अपने घर को ही जिम बना लिया है। वह वर्कआउट करने के साथ साथ डांसिंग की मदद से भी खुद को फिट एंड फाइन रखती हैं। आज उनका जन्मदिन है। 53 साल की माधुरी दीक्षित अपनी फिटनेस और खूबसूरती के मामले में अच्छे अच्छों को चुनौती दे सकती हैं। उनके जन्मदिन के अवसर पर आइए आपको बताते हैं कि क्वारंटाइन में माधुरी कैसे खुद को फिट एंड हेल्दी रख रही हैं।पिछले दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नेने का एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेजी से वायरल हुआ था। इस वीडियो में माधुरी लॉकडाउन के दौरान घर में एक्सरसाइज करती नजर आ रही थीं। लॉकडाउन के चलते माधुरी ने अपने घर पर ही जिम बनाया है और वह वहां हर रोज एक्सरसाइज करती हैं। माधुरी दीक्षित ने अपना एक फिटनेस वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर कर अपने फैन्स को घर पर फिट रहने के लिए प्रेरित किया है। 53 साल की उम्र में भी माधुरी ने अपने आप को फिट बनाकर रखा है। इस बात का अंदाजा उनकी इस वीडियो को देखकर ही लगाया जा सकता है। अपनी फिटनेस और ब्यूटी के दम पर 90 के दशक की टॉप स्टार माधुरी आज की हीरोइनों को भी कड़ी टक्कर दे रही हैं। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से अपनी फिटनेस को बरकरार रखा है। माधुरी के इस फिटनेस वीडियो को देखकर ये साफ कहा जा सकता है कि फिट एंड फाइन रहने के लिए उम्र का मोहताज नहीं होना पड़ता। आप उम्र के किसी भी पड़ाव पर क्यों न हों लेकिन नियमित एक्सरसाइज से आप फिट और यंग दिख सकते हैं। माधुरी भी अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग हैं। अपने फिटनेस वीडियो को शेयर करते हुए माधुरी ने कैप्शन में लिखा है- इस समय फिट और स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिम बंद हैं। हम अपने घरेलू सामानों का इस्तेमाल करके भी वर्कआउट कर सकते हैं। कुछ आसान एक्सरसाइज भी कर सकते हैं और फिट रह सकते हैं। माधुरी दिक्षित नेने की फिट बॉडी और सुंदरता का राज नियमित एक्सरसाइज है क्योंकि एक्सरसाइज त्वचा को सुंदर, मुलायम और जंवा रखने में भी मदद करती है। इसके अलावा माधुरी दीक्षित एक प्रशिक्षित कत्थक डांसर हैं। उन्होंने लॉकडाउन में भी अपनी प्रैक्टिस जारी रखी है। वह अपनी डांसिंग स्किल्स के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं। माधुरी दीक्षित फिट रहने है लिए हर 2 घंटे में कुछ न कुछ खाती रहती हैं। डाइट में वह सबसे ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां और फ्रूट्स लेना पसंद करती हैं। दिनभर में वो खूब सारा पानी पीती हैं। माधुरी का मानना है कि फिट और सुंदर बने रहने के लिए नैचुरल चीजों का इस्तेमाल करना ही सही होता है। मालूम हो कि कोरोना वायरस के कहर के चलते देशभर में लॉकडाउन जारी है। वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोग घरों में बंद हैं। सेलिब्रेटीज से लेकर आम जनता तक घर पर फिट बने रहने के लिए के लिए एक्सरसाइज और योग कर रहे हैं।