ईश्वर दुबे
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Bhilai
दुर्ग. पूरे देश में आत्मनिर्भरता का नारा बुलंद हो चला है। छत्तीसगढ़ में नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से सुराजी गांव इस दिशा में आगे भी बढ़ चले हैं। गौठानों से पशुधन संवर्धन की दिशा में काम तो हो ही रहा है और डेयरी इंडस्ट्री के लिए बड़ी संभावनाएं तो पैदा हुई ही हैं गौठान आजीविकामूलक ईकाई के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। सबसे बड़ी सफलता जैविक खाद के उत्पादन में मिली है। गौठानों में महीनों से उत्पादित हो रहा कंपोस्ट खाद अब तैयार हो चला है और स्वसहायता समूह की महिलाएं इनका विक्रय कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत का प्रतिफल उन्हें मिलने लगा है। ग्राम ढौर में 10 टन कंपोस्ट खाद का उत्पादन महिला स्वसहायता समूह द्वारा कर लिया गया है। इनमें से 1 टन की पहली खरीदी का श्रीगणेश भी हो गया। उद्यानिकी विभाग ने एक टन कंपोस्ट खाद महिला स्वसहायता समूहों से खरीदा है। इसका दस हजार रुपए का भुगतान प्रगति स्वसहायता समूह को किया गया है। बड़े किसानों ने भी समूह से खाद खरीदने के लिए संपर्क किया है। इसके अलावा मनरेगा के अंतर्गत होने वाली सामुदायिक बाड़ी में भी गौठान के कंपोस्ट खाद की बड़े पैमाने पर खपत होगी। इस तरह एक लाख रुपए के मूल्य के बराबर कंपोस्ट खाद का निर्माण समूहों ने किया है। समूह की सदस्यों ने बताया कि हम लोगों ने बहुत मेहनत की है। आज जब कंपोस्ट खाद तैयार कर लिया गया है और पहला चेक हमें मिला तो हमें बहुत खुशी हो रही है। हमारी मेहनत का यह सच्चा प्रतिसाद है। उन्होंने बताया कि बड़े किसान भी हमारे निरंतर संपर्क में हैं इसके अलावा बड़े पैमाने पर हमारा खाद मनरेगा अंतर्गत बनने वाली सामुदायिक बाड़ियों में खप जाएगा। उप संचालक उद्यानिकी श्री सुरेश ठाकुर ने बताया कि अपनी जरूरतों के मुताबिक हम लगातार कंपोस्ट खाद का क्रय करते रहेंगे। यह अच्छी बात है कि हम अपने लोगों से ही इसका विक्रय कर रहे हैं और इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। बिहान के अधिकारी श्री लोचन बंजारे ने बताया कि कंपोस्ट खाद के विक्रय के लिए समूहों के पास बहुत से प्रस्ताव आ रहे हैं और इतना अच्छा प्रतिसाद आने से महिलाएं बहुत खुश हैं।
गौठानों को आजीविकामूलक गतिविधियों के लिए किया जा रहा तैयार- जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय की मंशानुरूप गौठानों को आजीविकामूलक गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कलेक्टर श्री अंकित आनंद के मार्गदर्शन में कार्य किया जा रहा है। गौठान समितियों के गठन से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और गौठान आत्मनिर्भर ग्रामीण ईकाइयों के रूप में विकसित होंगे।
मुंगेली. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुंगेली (Mungeli) जिले में जमाखोरी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है. कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर एसडीएम, तहसीलदार, सीएमओ, पुलिस और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने शहर के एक व्यापारी के यहां छापेमार कार्रवाई की और लाखों रुपे का गुटखा जब्त किया. गुटखे का अवैध तरीके से भंडारण किया जा रहा था. छापेमारी के दौरान मुंगेली के कृष्णा किराना स्टोर्स के दुकान गोदाम से 48 बोरी (प्रति बोरी 200पैकेट) गुटखा जब्त किया गया. इसके साथ 11 पेटी गुड़ाखु भी जब्त किया गया. फिलहाल, आरोपी व्यापारी से अवैध भंडारण को लेकर पूछताछ की जा रही है.मुंगेली में खाद्य पदार्थ, पान मसाला, गुटखा और गुड़ाखु के अवैध भंडारण एवं कालाबाजारी करने वालों की लगातार शिकायत प्रशासन को मिल रही थी. इस कार्रवाई को जिले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है जिसमें 30 लाख से अधिक मूल्य का गुटखा जब्त किया गया है और गोदाम को भी सील कर दिया गया है.
मुनाफा कमाने की प्लानिंग
वहीं इस कार्रवाई से मुनाफाखोरी और कालाबाजारी करने वाले व्यापारी और दुकानदारों में हड़कंप मचा है. मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन में जमाखोरो ने माल का बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से भंडारण कर लिया है. शार्टेज का बहाना कर मनमाने दाम पर सामानों की बिक्री की कोशिश की जा रही है. लोग मजबूरी में महंगे दामों पर सामान ले रहे हैं.टीम का नेतृत्व कर रहे एसडीएम चित्रकान्त सिंह ने बताया कि कार्रवाई में कृष्णा किराना स्टोर्स से 30 लाख से अधिक का गुटखा जब्त किया गया. आगे कार्रवाई जारी है. अन्य कार्रवाई में देवांगन पान मसाला पर 20 हजार जुर्माना वसूली कार्रवाई की गई. इसी के साथ नमक की कालाबाजारी पर भी कार्रवाई हुई जिसमें आर्या ट्रेडर्स के दुकान गोदाम से 81और 47 बोरी नमक जब्त कर सील किया गया. 18 रुपए के नमक को 40 रुपए में बेचने वाले मां किराना पर 25 हजार जुर्माना लगाया गया है. इस तरह की कार्रवाई दर्जनभर ठिकानों पर दबिश दी गई औऱ ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगा.
रायपुर. लॉकडाउन 3.0 (Lockdown 3.0) धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. 17 मई को लॉकडाउन का तीसरे फेज खत्म हो जाएगा. पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने लॉकडाउन 04 की भी घोषणा कर दी है. हालांकि पीएम ने स्पष्ट किया है कि अगले लॉकडाउन का स्वरूप कुछ अलग होगा. अब अगला लॉकडाउन किस नए रंग-रूप में होगा इस बात का इंतजार तब तक जब तक कोई अधिकारिक घोषणा ना हो जाए. इस बीच राजधानी रायपुर (Raipur) के बाजारों में बढ़ती भीड़ को कम करने सोशल डिस्टेंसिंग का और कड़ाई से पालन कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन रायपुर ने अनुमति प्राप्त दुकानों को खोलने के समय में व्यापक परिवर्तन किया है. जिला प्रशासन के नए आदेश के मुताबिक अब अनुमति प्राप्त तमाम दुकानें शाम 5:00 बजे तक खुलेंगी, जबकि पहले दूध काउंटरों को छोड़कर अन्य दुकानें खुलने की अधिकतम समय सीमा दोपहर 3:00 बजे तक थी. प्रशासन के इस नए आदेश से उम्मीद है कि बाजारों के भीड़ पर कुछ नियंत्रण हो सकेगा.
आज से ही लागू होगा नया आदेश
जिला प्रशासन रायपुर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि दुकान खोलने की समय-सीमा शाम 5:00 बजे तक करने का अनुपालन आज से ही किया जाएगा. दरअसल, जिला प्रशासन में बाजारों का वर्गीकरण कर अलग-अलग बाजारों को अलग-अलग दिन खोलने की अनुमति दी थी. ना केवल अलग-अलग दिन बल्कि रोड के दोनों ओप अब दुकानों को भी अलग-अलग दिनों में खोलने का निर्देश दिया था. मसलन मालवीय रोड की जो दुकानें बाएं तरफ है वह एक दिन खुलेगी जो दाएं तरफ होगी वह दूसरे दिन खुलेगी. जिला प्रशासन ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है अनुमति प्राप्त दुकानों के अलावा अन्य दुकान खोलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दुकान खोलने के लिए निर्धारित दिन में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है।
सर्राफा सहित कई दुकानें खोलने की मांग तेज
राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन के कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर अन्य स्थानों पर लगभग सभी तरह के दुकाने खोलने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन अब भी ऐसे दुकानें-प्रतिष्ठान की सूची दर्जनों में है जिन्हें आज भी अनुमति का इंतजार है. इस क्रम में सर्राफा बाजार, बर्तन बाजार जैसे प्रमुख रूप से शामिल है. बीते दिनों सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरक मालू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर तय नियम-शर्तों के साथ दुकान खोलने की अनुमति मांगी थी. तो वहीं बर्तन व्यवसाई एसोसिएशन ने भी सरकार से दुकान खोलने की अनुमति की गुहार लगाई है.
रायगढ़. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) सहित प्रदेश में नमक का 'अभाव' बता कर व्यापारी नमक की कालाबाजारी कर रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर कुछ हद तक असर जरूर पड़ा है. सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को पहले ही मंजूरी दे रखी है. इसके बावजूद कुछ व्यापारी लॉकडाउन (Lockdown) का फायदा उठाकर कालाबाजारी करने से चुक नहीं रहे है. मालूम हो कि बीते एक-दो दिनों से छत्तीसगढ़ के कई शहरों से नमक खत्म होने की अफवाह फैलने लगी. इसके बाद से रायगढ़ (Raigarh) शहर में भी नमक के कालाबाजारी की शिकायत आ रही थी.नमक की कीमतों में व्यापारी 30 से 40 रुपए प्रति किलो कीमत बढ़ाकर ग्राहक और व्यापारियों को बेच रहे थे. शिकायत के बाद एसडीएम ने दुकानों में छापेमारी की. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कालाबाजारी रोकने के लिए शहर के थोक व्यापारी और किराना दुकानों में जाकर कीमतों का जायजा लिया. इसके बाद अधिकारियों ने कुछ दुकानों पर कार्रवाई की, सभी ग्राहकों को तय कीमत से ज्यादा पर नमक बेच रहे थे.
इन दुकानों पर हुई कार्रवाई
कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने गांधी गंज इलाके के भवानी ट्रेडर्स को सील कर दिया है. संजय प्रोविजन, केवड़ाबाड़ी को 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. ज्यादा कीमत पर नमक बेचने के मामले में नीरज किराना स्टोर्स पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. मनीष किराना स्टोर्स, शारदा ट्रेडर्स पर भी 10 -10 हजार का जुर्माना लगाया.वहीं शहर के सिंघल ट्रेडर्स पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है. एसडीएम जुगल किशोर उर्वशा ने बताया कि शहर के थोक व्यापारियों और किराना दुकानों से लगातार शिकायतें आ रही थी कि नमक को ओवर रेट से बेचा जा रहा था. इसके बाद कुछ दुकानों की जांच की गई. जांच में शिकायत सही पाई गई और कुछ दुकान ऐसे भी मिले जहां नमक की कीमत बढ़ाकर बेच रहे थे. ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है. साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया है.
ग्रामीण इलाकों पर भी रहेगी नजर
एसडीएम जुगल किशोर उर्वशा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीम बनाकर दुकानदारों पर कार्रवाई किया जा रहा है. पूरे प्रदेश और शहर में नमक की कोई कमी नहीं है. वहीं संकट के इस घड़ी में कुछ व्यापारी मुनाफा कमाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. शासन लगातार लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील कर रही है.
यरुशलम । इजराइल में पुलिस ने कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन का उल्लंघन करने और एक धार्मिक स्थल पर एकत्रित होने के आरोप में 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बारे में पुलिस ने कहा कि माउंट मेरोन में जगह-जगह अवरोधक लगाने और लोगों के बड़े पैमाने पर एकत्र होने पर पाबंदी के बावजूद सैकड़ों यहूदी आए। इतना ही नही उन्होंने वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों पर पथराव भी किया। बता दे कि यहूदी लोग लाग बामोअर अवकाश के दिन माउंट मेरोन में इस धर्मस्थल पर एकत्र होते हैं और जश्न मनाते हैं। मगर, कोरोना वायरस के कारण अब 20 से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने पर पाबंदी है। लेकिन, इसके बावजूद यरुशलम में कई स्थानों पर हजारों लोग एकत्र हुए और उन्होंने जश्न मनाया।
काठमांडू । नेपाल की राजधानी काठमांडू के समीप देर रात मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र ने बताया कि भूकंप के झटके रात 11 बजकर 53 मिनट पर महसूस किए गए। इसका केन्द्र राजधानी काठमांडू के 180 किलोमीटर पूर्व दोलखा जिले में था। भूकंप से फिलहाल जान माल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के झटके राजधानी और आस-पास के इलाकों में भी महसूस किए गए। भूकंप आने से घबराए लोग सड़कों पर निकल आए और उन्हें 2015 में आए विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा हो गईं जिसमें नौ हजार से अधिक लोग मारे गए थे।
नई दिल्ली । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 16 मई के आसपास आने की संभावना है। इससे 15 मई तक बंगाल की दक्षिण खाड़ी के मध्य भागों में एक अवसाद बनेगा और 16 मई की शाम तक दक्षिण‑पश्चिम और उससे सटे पश्चिम‑मध्य खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान में तेजी आ सकती है।
आईएमडी ने कहा कि सिस्टम (चक्रवात) के साथ स्थिति दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीपों पर 16 मई के आसपास दक्षिण‑पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के अनुकूल हो जाएगा। इसके प्रभाव से 15 मई से दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान सागर पर प्रतिकूल मौसम की संभावना है। चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि प्रणाली निरंतर निगरानी में है और संबंधित राज्य सरकारों को नियमित रूप से सूचित किया जा रहा है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात मानसून की प्रगति में मदद करेगा, जो इस साल सामान्य रहने की संभावना है। केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख एक जून है, जो देश में चार महीने लंबे वर्षा के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
महापात्र ने कहा कि इस वर्ष से आईएमडी ने 1960–2019 के आंकड़ों पर देशभर के कई हिस्सों के लिए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को भी संशोधित किया है। पिछली तारीखें 1901 से 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में, मानसून मौजूदा सामान्य तिथियों की तुलना में 3–7 दिनों की देरी से आएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए, मानसून की नई सामान्य शुरुआत की तारीख 23 जून से 27 जून तक संशोधित की गई है। इसी तरह, मुंबई और कोलकाता के लिए 10 से 11 जून तक और चेन्नई में 1 से 4 जून तक की तारीखों को संशोधित किया गया है।
नई दिल्ली । वंदे भारत मिशन के तहत 7 मई से अब तक 43 उड़ानों के जरिए 8503 भारतीयों की स्वदेश वापसी हो गई है। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय विदेश मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर रहा है।
वंदे भारत मिशन भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के अब तक के सबसे बडे अभियानों में से एक है। एयर इंडिया अपनी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ मिलकर विदेशों में फंसे 14800 भारतीयों को वापस लाने के पहले चरण के तहत अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश, सिंगापुर, सऊदी अरब, कुवैत, फिलीपीन्स, संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया सहित 12 देशों के लिए कुल 64 उड़ानों (एयर इंडिया द्वारा 42 और एआई एक्सप्रेस द्वारा 24) का संचालन कर रही है।
बाहरी देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए व्यापक स्तर पर चलाए गए इस अभियान के प्रत्येक चरण में सरकार और नगर विमानन महानिदेशालय द्वारा निर्धारित सुरक्षा, स्वच्छता मानकों और नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण और एयर इंडिया, चिकित्सा से जुडे इस बेहद संवेदनशील अभियान में विमान यात्रियों, चालक दल और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
नई दिल्ली । देश भर में जारी लॉकडाउन के कारण वर्किंग कपल्स को वर्क फ्रॉम होम में कई तरह की मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। पहले ऑफिस जाते वक्त दोनों के काम करने का शेड्यूल तय होता था लेकिन इन दिनों घर से काम करने की वजह से व्यवस्था थोड़ी बिगड़ गई है। कपल्स के बीच लड़ाई झगड़े के मामले भी बहुत हद तक बढ़ गए हैं। ऐसे में अगर आप भी वर्क फ्रॉम होम और घर की जिम्मेदारियों से घिरे हैं तो आपको कुछ आसान से टिप्स अपनाने की जरूरत होती है। लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर पति-पत्नी घर से ही काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें काम करते वक्त अपनी प्रॉयोरिटीज सेट करनी होगी। दोनों को इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि वह जब काम कर रहे हैं तो सिर्फ और सिर्फ अपने काम पर ही ध्यान दें, जिससे उनकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ मिक्स न हो। सिर्फ इतना ही नहीं दोनों इस बात को भी तय कर लें कि कब उन्हें थोड़ा-सा ब्रेक लेकर एक-दूसरे को समय देना है।
वर्क फ्रॉम होम में इस समय कंपनी की तरफ से हर कर्मचारी से ज्यादा से ज्यादा काम लिया जा रहा है।
ऐसे में किसी एक के लिए घर के काम को संभालना नामुमकिन है। ऐसी स्थिति में दोनों को आपस में बातचीत करके घर के काम का एक शेड्यूल तय कर लेना चाहिए। खाना बनाने से लेकर घर की साफ-सफाई करने की जिम्मेदारी आपस में बांट लें। ऐसा करने से दोनों को ही फायदे होंगे। ऑफिस के काम पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा और साथ ही पार्टनर के साथ झगड़े होने की गुंजाइश न के बराबर होगी। वर्क फ्रॉम होम के दौरान कई बार हो सकता है कि आपके पार्टनर के ऊपर काम का प्रेशर बढ़ जाए जिसके कारण वह अनजाने में आप पर गुस्सा तक कर जाएं। ऐसे हालातों में अपने पार्टनर को बुरा-भला कहने के बजाए उन्हें प्यार से हैंडल करें। उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि ये केवल कुछ दिनों की परेशानी है और उसके बाद चीजें सामान्य हो जाएंगी। जब हम ऑफिस में बैठकर काम करते हैं तो वो सही समय पर खत्म हो जाता है। वहीं वर्क फ्रॉम होम के दौरान हम घंटो-घंटों सिस्टम के आगे बैठे रहते हैं फिर भी काम खत्म होने का नाम नहीं लेता। दरअसल ऐसा इसलिए है कि हम ऑफिस में भले ही अपने सहकर्मियों से बातचीत करें लेकिन हमारा पूरा फोकस हमारे काम पर होता है। वहीं वर्क फ्रॉम होम में ये चीजें फॉलो नहीं की जाती हैं।
ऐसे में आप दोनों को ही इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि जब आप काम कर रहे हों तो आपस में ज्यादा बातचीत न करें। वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोग न चाहते हुए भी मेंटली डिस्टर्ब हो रहे हैं, जिसकी भड़ास वो अपने पार्टनर पर निकाल रहे हैं। अगर दोनों में से किसी से कुछ गलती हो गई हो या सामने वाले ने कोई काम नहीं भी किया तो ऐसी छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा न करें। ऐसे में कोशिश यही करें कि दोनों ही लोग अपने-अपने गुस्से को शांत करके फिर से नई शुरुआत करें। मालूम हो कि कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन जारी है। इसी के चलते लोग घरों से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। आजकल ज्यादातर घरों में पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग होते हैं। दोनों ही लोग इस समय घर से अपना-अपना काम निपटा रहे हैं।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि कोरोना संकट से निपटने के लिये आपस में दो गज की दूरी रखना बहुत जरूरी है। श्री पटेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा होशंगाबाद, जबलपुर, सागर और बुरहानपुर के कलेक्टर, जन-प्रतिनिधियों और जिला क्राईसेस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से 17 मई के बाद लॉकडाउन खोलने संबंधी चर्चा कर रहे थे। उन्होंने वर्तमान और 17 मई के बाद कोरोना संकट से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों के दृष्टिगत आवश्यक सुझाव जन-प्रतिनिधियों से मांगे।
कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिलों से गुजरने वाले अन्य स्थानों और प्रांतों के श्रमिकों को आवश्यक मदद सुनिश्चित की जाए। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि अपने विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं पर पहुँचने वाले श्रमिकों के रहने, खाने-पीने और गंतव्य स्थान तक जाने के लिये प्रशासन के सहयोग से आवश्यक प्रबंध करें। श्री पटेल ने कहा कि श्रमिक किसी भी इलाके में पैदल न चले इसका जिला प्रशासन अनिवार्य रूप से ध्यान रखें। उन्होंने निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश से बाहर जाने वाले श्रमिकों को सीमा तक पहुँचा कर स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को आगे भेजना सुनिश्चित करें। आगे जाने के लिये जरूरी प्रबंध भी किये जाएं।
श्री पटेल ने कहा कि लॉकडाउन के बाद आम जीवन सामान्य हों, इसके लिये सावधानी पूर्वक और सजगता से नियमों का पालन किया जाना चाहिए। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों के सुझावों के अनुसार लॉकडाउन खोले जाने संबंधी निर्णय लिये जाएंगे। बैठक में जन-प्रतिनिधियों द्वारा कन्टेनमेंट एरिया छोड़कर अन्य क्षेत्रों में छोटी दुकानों को खोलने, आवश्यकतानुसार होम डिलेवरी जारी रखने, जिलों में लौटकर आये श्रमिकों के लिये रोजगार के प्रबंध करने, अन्य प्रांतों में मजदूरी करने गये जिले के श्रमिकों को वापस लाने के लिये आवश्यक प्रबंध किये जाने संबंधी सुझाव भी दिये गये।
गुना (guna) में आज हुए भीषण सड़क हादसे (road accident) में जिन 8 मज़दूरों की मौत हुई है उनमें से 6 की पहचान कर ली गयी है. सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. मिनी ट्रक (mini truck) और बस (bus) की टक्कर के बाद दिल दहलाने वाला दृश्य था. तड़के करीब तीन बजे के आसपास हुए इस एक्सीडेंट के बाद चीख़-पुकार मच गयी और चारों तरफ लाशें और घायल मज़दूर (labours) छिटक कर गिर पड़े. दुर्घटना की आवाज़ सुनकर आस-पास के गांव वाले मदद के लिए दौड़े और फिर पुलिस (police) को सूचना दी. उसके बाद राहत औऱ बचाव का काम शुरू हुआ.
दोनों गाड़ियों के परखच्चे उड़े
कैंट थाना क्षेत्र के बायपास पर हुए इस दर्दनाक सड़क हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि सभी मजदूर एक मिनी ट्रक में सवार होकर महाराष्ट्र से उप्र की तरफ जा रहे थे. लेकिन देर रात लगभग 3 बजे के बीच भीषण हादसा हो गया. यात्री बस और ट्रक के बीच हुई टक्कर में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए. गनीमत ये रही कि यात्री बस में केवल ड्राइवर और एक क्लीनर सवार था. नहीं तो मृतकों की संख्या इससे कहीं ज़्यादा हो सकती थी. बताया जा रहा है कि यात्री बस ग्वालियर से अहमदाबाद के लिए जा रही थी.इस हादसे में 7 मज़दूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी जबकि एक अन्य मजदूर की मौत अस्पताल ले जाते वक्त हुई. अब तक कुल 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है और करीब 55 मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं. 3 मजदूर आंशिक रूप से घायल बताये जा रहे हैं.
मृतकों की शिनाख़्त
हादसे की खबर मिलते ही घटनास्थल पर पुलिस ,एम्बुलेंस ,मेडिकल की टीम पहुँच गई. उसके बाद घायल प्रवासी मजदूरों का रेस्क्यू किया गया. सभी प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ के बताए जा रहे हैं. मृतकों में 6 मजदूरों की शिनाख्त कर ली गयी है.
मृतकों के नाम
इब्राहिम, 18 वर्ष,रायबरेली उप्र
अजित कोरी, 20 वर्ष ,जानकीगंज उन्नाव
अर्जुन कोरी, 21 वर्ष , रायबरेली
वसीम खान,23 वर्ष , रायबरेली
रमेश पाल, 43 वर्ष , भगवंतनगर उन्नाव
सुधीर 22 वर्ष , रायबरेली
हादसे की जांच
इस हादसे में सबसे ज्यादा ख़ास बात जो सामने निकल कर आ रही है वो ये है मिनी ट्रक जिसमें केवल 25-30 लोगों के बैठने की क्षमता थी उस में 60 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को ठूँस ठूँस कर भरा गया था. हादसे के वक्त जो मजदूर ख़त्म हुए उनकी दम घुटने से मौत होने की बात भी निकल कर आ रही है. फिलहाल सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच भी शुरू कर दी गई है.
इस समय कोरोना महामारी से बचने हजारों की संख्या में मजदूर और उनके परिजनों का आना जाना लगा हुआ है उनके भूखे पेट को भोजन और कंठ को पानी देने सैकड़ों हांथ आज काम कर रहे हैं वहीं पुलिस भी पीछे नहीं है। ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मी आनंद कुमार का ह्रदय उस समय पसीज गया जब मजदूरों और उनके परिजनों के बच्चे तपती धूप में आग उगलती डामर से बनी सड़क पर उनके नंगे पैर चल रहे थे। उनके पैरों में गहरे छाले पड़ गये थे। फिर भी वह अपने गंतव्य की ओर बढ़े चले जा रहे थे। बच्चों के दर्द को देख आनंद कुमार ने पास ही दुकान से नये जूते चप्पल बुलवायें और बच्चों को पहना दिये पैरों में जूते चप्पल पहनने के बाद न केवल उन बच्चों की बल्कि परिजनों की खुशी देखते ही बनती थी। अब आनंद कुमार जब भी किसी बच्चे को नंगे पैर देखते वह उन्हें नये जूते चप्पल खरीद कर उन्हें पहना देते। उन्होंने बताया कि हमारे उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्य कर रहें है उन्हें निर्देशित किया गया है कि जो भी मजदूर और उनके परिजन आ-जा रहे है उनकी जो भी जैसी मदद बने करना है। जब मैने बच्चों को नंगे पैर चलते और उनके पैरों में छाले देखे तो ह्रदय द्रवित हो गया और मैने नये जूते चप्पल खरीदें और उन्हें पहना दिये। इस तरह अब जहां भी ऐसे मजदूरों और उनके बच्चों पर नजर पढ जाती है मैं उन्हें जूते चप्पल खरीदकर पहना देता हूॅ।
कोरोना महामारी के इस संक्रमण में पुलिस की समाज सेवा कई रूपों में सामने आ रही है। महिला पुलिस कर्मी ड्यूटी के बाद घरों में मास्क बनाकर आम जन को वितरित करने का भी कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त मजदूरों और उनके परिजनों को भोजन आदि की व्यवस्था के अतिरिक्त जिसको जहां भी सेवा कार्य करने का अवसर मिलता बो पीछे नहीं हटता बल्कि पुलिस पूरी टीम के साथ हर सम्भव मदद करते हुए देखे जा रहें है। इस रचनात्मकता और सेवाभावी दरियादिली से पुलिस और आम जन के बीच भी एक गहरा संबंध ही नहीं बल्कि विश्वास भी कायम हो रहा है।
कोरोना संकट महामारी से बचने अब मजदूर और उनके परिजन शहरों से अपने अपने गांव पलायन कर रहे है सरकार ने परिवहन सेवाओं को मजदूरों के नाम कर दिया है ऐसे में सड़क मार्ग से वाहनों में लदे मजदूरों को भोजन पानी की व्यवस्था के लिये समाज सेवी बढचढ कर हिस्सा ले रहे है जिसमें स्कूली बच्चे भी शामिल है दमोह में सागर वाईपास पर सुबह से देर रात तक बच्चे और उनके परिजन वाहनों को रोक-रोक कर उन्हें भोजन और पानी देने का काम कर रहे है। खास बात यह है कि यह बच्चे मीडिया से भागते है उनका कहना है कि उनकी सेवा मीडिया की सुर्खियों के लिये नहीं बल्कि अपनी अर्न्तआत्मा की प्रेरणा से कर रहे है। नंदनी दुबे ने का कहना है कि हम तो बच्चे है लेकिन जब मै अपने घर के सामने से मजदूरों को आते जाते देखते थी तो ऐसा लगता था कि इन्होंने कुछ खाया पिया की नहीं पता नहीं कितनी दूर से पैदल चलते चले आ रहे है तो उन पर दया आती थी इसीलिये मेरे परिवार ने यह निर्णय किया किया कि जो भी मजदूर और परिजन दूसरे प्रदेशों से दमोह आ रहे है या दमोह होते हुए दूसरे प्रदेश में वाहनों से जा रहे है उन्हें रोक रोककर भोजन पानी देंगे। मेरे पापा और पूरे परिवार और पापा के दोस्तों ने आपस में पैसा इकट्ठा कर मजदूरों और उनके परिजनों को भोजन पानी देने का यह कार्य कर रहे है। दीपक दुबे ने बताया कि हम लोग पिछले एक माह से सेवा में लगे हुए है। सागर वाईपास सहित हर मार्ग पर सुबह दोपहर और देर शाम तक वाहनों को रोक रोक कर उन्हें खाने की सामग्री और पानी पाउच देते है। शिक्षक लेखन पटेल ने बताया कि यही एक वक्त है जब हम दिल खोलकर और पूरी भावना के साथ असहाय मजदूरों की मदद कर सकते है। इसके लिये हम शिक्षक साथी मिल-जुलकर यह काम कर रहे है। जब तक लॉक डाउन नहीं हटेगा यह कार्य करते रहेंगे।
सीहोर! लॉकडाउन के बीच शुरू हुई गेहूं खरीदी किसानों के लिए सिरदर्द बन रही हैं। खरीदी केंद्रों पर पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं। ऐसे में अनेक किसानों ने खरीदी केंद्रों पर पहुंचकर अपना उपार्जन बेचना भी मुनासिब नहीं समझा!इछावर विपणन संघ द्वारा कृषि उपज मंडी में गेहूं खरीदी केंद्र बनाया गया है।जहां पहुंच रहे किसान परेशान होते हुए नजर आ रहे हैं! साथ ही किसानों की ट्रैक्टर ट्राली 2 से 3 दिनों में तुलाई हो रही है जिससे किसान बहुत परेशान है! जिससे किसानों को रात भी मंडी प्रांगण में ही रुकना पड़ रहा है! जिससे किसान काफी परेशान है! जबकि कोरोना अलर्ट चल रहा हैं, ऐसे में खरीदी केंद्र पर हेल्थ चेकअप के लिए स्वास्थ्य अमला होना चाहिए। जो कि इछावर केेंद्र पर नहीं है।ऐसे में किसानों और अन्य स्टाफ को परेशानी होती है।