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एलोवेरा जूस का अधिक सेवन आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। जी हां, शायद यह सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन जरूरत से ज्यादा एलोवेरा जूस का सेवन आपको दिल से लेकर त्वचा संबंधी कई बीमारियां दे सकता हैं। इतना ही नहीं ये आपके ब्लड शुगर लेवल को भी कम कर सकता है।

एलर्जी : जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में एलोवेरा जूस को अधिक मात्रा में पीने से आपको एलर्जी हो सकती है। जिसके चलते खुजली, सीने में जलन, रेशेज और सूजन जैसी कई समस्याएं होना आम हैं।

डायरिया : एलोवेरा जूस का अधिक सेवन करने से आपको आईबीएस की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही आईबीएस की समस्या हो उन्हें इसका सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

ब्लड प्रेशर : अगर आप भी ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है तो आपको एलोवेरा के जूस का बहुत ही सावधानी के साथ सेवन करना होगा। एलोवेरा जूस आपके ब्लड प्रेशर को लो कर सकता है।

गैस :  आज के समय में ज्यादातर लोग गैस की समस्या से परेशान है। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए। एलोवेरा आपकी परेशानियों को और बढ़ा सकता है।

हार्ट प्रॉब्लम : अगर आपको भी दिल से संबंधित कोई समस्या है तो एलोवेरा जूस का सेवन करने से बचें। जरूरत से ज्यादा एलोवेरा जूस का सेवन करने से शरीर में पोटेशियम की मात्रा कम हो जाती है। जिसके चलते दिल की धड़कने अनियमित और कमजोर हो सकती है। इसके अलावा यह पेट दर्द, डायरिया और लूज मोशन जैसी कई परेशानियों को बढ़ा सकता हैं।

नारियल का पूजा से लेकर तरह-तरह की मिठाइयों में इसका उपयोग किया जाता है। शरीर में पानी की कमी ना हो इसके लिए कुछ लोग नारियल पानी पीते हैं, कुछ इसकी चटनी बनाकर खाते हैं लेकिन आप जानते हैं कच्चे नारियल खाने से कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। 

औषधीय गुणों से भरपूर नारियल- नारियल में पाए जाने वाले औषधीय गुणों की वजह से इसे सेहत का भंडार कहा जाता है। इसमें एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-पैरासाइटिक गुण होते हैं जिससे शरीर इंफेक्शन और कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है। नारियल के एक या दो टुकड़े रोजाना खाना कई तरह के फायदे दे सकता है।

कब्ज में राहत - कम फाइबर वाला खाना खाने से अक्सर कब्ज की समस्या होती है। ऐसे में कच्चा नारियल आपको फायदा पहुंचा सकता है। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जिससे कब्ज से राहत पाई जा सकती है। यदि आपका पेट सुबह साफ नहीं होता है तो रात को सोने से पहले नारियल का एक टुकड़ा खाकर सो जाएं।

दिल को रखे स्वस्थ - कच्चा नारियल दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है क्योंकि नारियल में जो फैट होता है वो गुड फैट होता है जिससे शरीर सही ढंग से काम करता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

बेहतर नींद - सोने से कुछ देर पहले नारियल खा लेने से अच्छी नींद आती है। इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है जिससे मांसपेशियों को फायदा पहुंचता है और अच्छी नींद भी आती है।

त्वचा के लिए भी फायदेमंद - नारियल में मौजूद फैट कंटेंट त्वचा को पोषण देता है, स्किन को हाइड्रेटेड रखता है और कोमल बनाता है। वहीं, इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण त्वचा को मुंहासे जैसी समस्याओं से दूर रखते हैं।

वजन घटाने में मददगार - नारियल में मौजूद फाइबर शरीर से एक्स्ट्रा फैट को बर्न करने में बहुत मदद करता है। इसके अलावा कच्चा नारियल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है।

खाना पचाने में मदद करता है :  फर्श पर बैठकर, पैरों को क्रॉस करके, जिसे योगा में सुखासन कहा गया है हमारी पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। अपनी थाली को जमीन पर रखें और खाने के लिए अपने शरीर को थोड़ा आगे की ओर ले जाएं और वापस सीधे बैठ जाएं। ऐसा बार-बार करने से पेट की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं, जिससे पेट के एसिड का स्राव बढ़ जाता है और खाना पचने में मदद होती है।  

वजन कम करने में मदद करता है : उठने-बैठने से शरीर की गति बढ़ती है। कुर्सी पर बैठने के बजाय एक चटाई बिछाएं, अपने पैरों को क्रॉस करें और अपनी पीठ को सीधा रखें। अगर आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो नियमित रूप से ऐसे ही खाना खाएं। यह थकान और शरीर की कमजोरी को कम करने में भी मदद करता है।

रक्त संचार बढ़ाता है : क्रॉस लेग्ड पोजीशन हमारे शरीर में रक्त संचार को बढ़ाती है। यह दिल को स्वस्थ रखता है। सुखासन में रक्त का प्रवाह पूरे शरीर में समान रूप से वितरित होता है।

सुधरेगी पोजिशन : अन्य सभी योग आसनों की तरह सुखासन में बैठने से आपको एक अच्छी पोजिशन बनाए रखने में मदद मिलती है और आपको मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। यह आपकी पीठ को सीधा रखता है और आपके पैरों को ताकत देता है।  

मन और शरीर को आराम देता है : पद्मासन और सुखासन ध्यान के लिए आदर्श आसन हैं और मन से तनाव को दूर करने में बहुत फायदा करते हैं। 

 

आम एक ऐसा फल है जो सभी के मन को भाता है, यूं ही नहीं आम को फलों का राजा कहा जाता है, स्वाद में अच्छा होने के साथ-साथ यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कई तरह के विटामिन, जैसे विटामिन-ए, सी और डी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा आम फाइबर और मिनरल्स से भी भरपूर होता है। आम को कई तरीकों से लोग खाना पसंद करते हैं। इसका सेवन फल, जूस या शेक के रूप में तो किया ही जाता है, साथ ही इसकी चटनी बनाकर भी खाई जा सकती है। 

आम खाने के फायदे - 

वजन घटाने में कारगर - आम की गुठली में मौजूद रेशे शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा आम खाने के बाद भूख भी कम लगती है, जिससे ओवर ईटिंग का खतरा कम हो जाता है। 

स्किन के लिए भी फायदेमंद - आम के गुदे का पैक लगाने या फिर उसे चेहरे पर मलने से चेहरे पर निखार आता है।

कोलेस्ट्रॉल - आम में भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन पाया जाता है जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने या संतुलित करने में मदद मिलती है।

आंखों के लिए -  आम में विटामिन ए का अच्छा स्त्रोत है, जो आंखों के लिए वरदान है। इससे आंखों की रोशनी बनी रहती है।

पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद - आम में ऐसे एंजाइम्स मौजूद हेते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के पाचन को बढ़ावा देते हैं, जिससे भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद मिलती है। 

मस्तिष्क के लिए - इसमें विटामिन बी पाया जाता है जो आपके मस्तिष्क के सही कार्य के लिए अति आवशयक है।  इसमें पाया जाने वाला ग्लूटामिन एसिड नामक एक तत्व स्मरण शक्ति को बढ़ाने में उत्प्रेरक की तरह काम करता है।

गर्मियों से लू से बचाव - गर्मियों में चिलचिलाती धूप में बाहर जाने से पहले आम का पन्ना पीकर निकलें। इससे शरीर पर लू का असर नहीं होता है और पानी की कमी भी नहीं होती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए - पेट में बच्चे के विकास के लिए फोलेट बहुत जरूरी होता है और आम में अच्छी मात्रा में फोलेट पाया जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को रोजाना कम से कम एक या दो आम जरूर खाने चाहिए।

 

गृह मंत्री अमित शाह आज से बिहार के एक दिवसीय दौरे पर हैं। शाह ‘‘अमृत महोत्सव’’ के तहत भोजपुर जिले के जगदीशपुर में 1857 के वीर कुंवर सिंह के विद्रोह की स्मृति में आयोजित एक समारोह में शामिल होंगे।

 

पूरा बिहार आज विजयोत्सव मना रहा है। भोजपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह के विजय उत्सव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भोजपुर का बिलौर अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले बाबू वीर कुंवर सिंह के विजय उत्सव पर राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में से रंगीन रहेगा। मगध और भोजपुर के लाखों लोग इस उत्सव का गवाह बनेंगे। जब एक साथ 75 हजार से ज्यादा तिरंगे लहराए जाएंगे तो अदभुत नजारा दिखेगा। गृह मंत्री अमित शाह आज से बिहार के एक दिवसीय दौरे पर हैं। शाह ‘‘अमृत महोत्सव’’ के तहत भोजपुर जिले के जगदीशपुर में 1857 के वीर कुंवर सिंह के विद्रोह की स्मृति में आयोजित एक समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद अमित शाह सासाराम में गोपाल नारायण सिंह यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे। गृह मंत्री अमित शाह इस दौरान सासाराम मेडिकल और मैनेजमेंट के छात्रों समेत विभिन्न पाठ्यक्रमों में 700 से अधिक छात्रों को डिग्री देंगे।

बनेगा एक अनूठा रिकॉर्ड 

केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘‘हम ध्वजवाहकों की संख्या पर कोई सीमा नहीं लगा सकते, लेकिन यह 75,000 से कम नहीं होगा। अधिक लोगों का शामिल होना प्रसन्नता की बात होगी। उपस्थित लोगों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है। राय पूर्व में भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल समारोह के सफल आयोजन के लिए भोजपुर में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘पाकिस्तान का रिकॉर्ड लगभग 56,000 झंडों का है, जिसे 2004 में स्थापित किया गया था। इस दिन गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी उपस्थित रहेगी।

कौन थे वीर कुंवर सिंह

1857 के क्रांतिकारियों में से एक बाबू वीर कुंवर सिंह बिहार के उज्जैनिया परमार क्षत्रिय और मालवा के प्रसिद्ध राजा भोज के वंशज हैं। इसी वंश में महान चक्रवर्ती सम्राट महाराज विक्रमादित्य भी हुए थे। जगदीशपुर के 70 वर्षीय राजा वीर कुंवर सिंह एक दुर्लभ हिंदू शासक के उदाहरण के रूप में सामने आए थे, जो जाति आधारित भेदभाव में विश्वास नहीं करते थे और निचली जातियों के लोगों को अपने निजी अंगरक्षकों के रूप में रखते थे। उन्होंने 80 साल की उम्र में अंग्रेजों से लोहा लिया था और हाथ में गोली लगने के बाद अपना हाथ काट लिया था। 

आजकल अधिकतर लोग हार्मोन इम्बैलेंस या फिर मोटापे की समस्या से परेशान हैं। अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या है तो सूरजमुखी के बीज आपकी समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज में मौजूद कई औषधीय गुण शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। सूरजमुखी के बीज में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और कई अन्य पौष्टिक तत्व शरीर को कई तरह के रोगों से दूर रखने का काम करते हैं।

मोटापा- बढ़ते मोटापे की समस्या को दूर करने में सूरजमुखी के बीज आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता हैं। जिसकी वजह से न सिर्फ आपकी दिल की सेहत का ध्यान रखता है बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलकर आपकी बॉडी को डिटॉक्‍स भी करता है। इसके अलावा इसके बीज शरीर से अतिरिक्त वसा को कम करके शरीर के मेटाबॉलिज्‍म को भी बढ़ाने में मदद करते हैं।

पाचन के लिए फायदेमंद- सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से पाचन तंत्र अच्छा बना रहता है। सूरजमुखी के बीजों में मौजूद एंजाइम पाचन रस के स्राव को नियंत्रित करके शरीर से अनावश्यक विषाक्त पदार्थों को खत्म करते हैं। जिससे कब्ज की समस्या भी दूर होती है।

हड्डियों के लिए सूरजमुखी के बीज- सूरजमुखी के बीज में आयरन, जिंक, कैल्शियम मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

दिमागी सेहत के लिए सूरजमुखी के बीज- बढ़ती उम्र का असर दिमाग पर भी पड़ता है लेकिन सूरजमुखी के बीज इस असर को टालने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज में कैल्शियम व जिंक जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क विकास में लाभकारी हो सकते हैं।

मधुमेह में सूरजमुखी के बीज- मधुमेह रोगी सूरजमुखी के बीज को स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के साथ पोलीसैचुरेटेड फैट भी मौजूद होता है। जो बल्ड शुगर को मेंटेन करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। अगर आप सूरजमुखी के तेल का उपयोग कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप एक दिन में तीन चम्मच से ज्यादा तेल का उपयोग न करें।

एस्ट्रोजेन असंतुलन को नियंत्रित- एस्ट्रोजेन एक प्रकार का हॉर्मोन होता है, जिसके असंतुलन से शरीर में कई तरह की समस्याएं जैसे -थायराइड, डायबिटीज व ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। वहीं, सूरजमुखी में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो एस्ट्रोजन को संतुलित करने का काम कर सकते हैं। 

पोषण से भरपूर इस फल में विटामिन्स, खनीज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। अगर आम की तुलना दूसरे फलों से की जाए तो यह पौधों के यौगिकों और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद करते हैं। इस फल की पोटेशियम युक्त संरचना सोडियम को संतुलित करने में मदद कर सकती है और उच्च रक्तचाप को दूर रखती है, जिससे हृदय रोगों और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन अगर इसे ज़रूरत से ज़्यादा खा लिया जाए, तो इससे साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

एलर्जी को ट्रिगर कर सकता है : आम एलर्जी पैदा करके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए आम हानिकारक हो सकते हैं, खासकर अगर कोई सिंथेटिक सामग्री के प्रति संवेदनशील है क्योंकि आम के प्रोटीन लेटेक्स के समान होते हैं और अंतर्निहित एलर्जी वाले लोगों के लिए असुविधा पैदा कर सकते हैं।

ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा सकता है : आम मीठे और स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इन्हें खाते ही फौरन शुगर स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि इसमें नेचुरल चीनी होती है | डायबिटीज़ के मामले में प्राकृतिक चीनी भी आम चीनी की तरह ही काम करती है। इसलिए आम ज़रूर खाएं लेकिन इसकी मात्रा पर भी ध्यान दें।

फाइबर की कमी : कई तरह के आम में फाइबर की मात्रा काफी कम होती है। आम की गुठली और छिलकों में सबसे ज़्यादा फाइबर होता है, जो आमतौर पर खाए नहीं जाते। इसलिए सिर्फ आम खा लेने से पाचन में मदद नहीं मिलेगी। यही वजह है कि आमतौर पर सलाह दी जाती है कि आम को फाइबर से भरपूर चीज़ों के साथ खाएं, ताकि पाचन सही रहे।

वज़न का बढ़ना :  ज़्यादा आम खाने से आपका वज़न भी बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम में फाइबर की मात्रा कम होती है, नेचुरल चीनी कहीं ज़्यादा और कैलोरी भी काफी ज़्यादा होती है, जिससे वज़न बढ़ने लगता है।

पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए : आम को सेवन अगर ज़रूरत से ज़्यादा कर लिया जाए, तो इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट पैदा हो सकता है, क्योंकि इसमें किण्वित कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो IBS यानी इरिटेबल आंत्र सिंड्रोम (IBS) को ट्रिगर कर सकते हैं और पाचन तंत्र को परेशान कर सकते हैं।

 

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं : गर्मियों में कम पानी पीने की वजह से डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है इसके लिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना। जिससे पसीना निकलते रहे और बॉडी का टेम्प्रेचर कंट्रोल रहे।

सत्तू पीएं या खाएं : सत्तू पीना गर्मियों में बहुत ही लाभदायक होता है। सत्तू में प्याज काटकर भी डालें जो स्वाद के साथ सेहत के लिए भी अच्छा रहेगा। सत्तू पीने के साथ उसे खाया भी जा सकता है।

आम पना पीना रहेगा फायदेमंद : आम का पना गर्मियों के लिए बहुत ही हेल्दी ड्रिंक है। इसके लिए कच्चे आम को धीमी आंच पर भून लें। ठंडा होने पर उसका गूदा निकाल लें और उसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाएं। फिर उसमें कालीमिर्च और नमक मिलाएं और सर्व करें।

धूप में निकलना अवॉयड करें : धूप में निकलना अवॉयड़ करें। अगर बहुत जरूरी हो तो सिर ढककर निकलें और सनग्लास लगाएं। हल्के रंग के कपड़े पहनना गर्मियों में बहुत आरामदायक होता है।

डॉक्टर की सलाह जरूर लें : तबियत बहुत ज्यादा खराब लगे तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं जिससे वो समय रहते सही उपचार कर सकें।

अगर आप पैरों में सूजन की समस्या से जूझ रहे हैं तो यहां दिए जा रहे उपाय आजमाकर देखें जिनसे आपको जल्दी राहत मिल सकती है। लेकिन लंबे समय तक दर्द बना रहे तो चिकित्सक से सलाह जरूरी है।शरीर में पोषण की कमी, मोच, ज्यादा वजन, बहुत देर तक पैर लटकाकर बैठना, खानपान में लापरवाही आदि वजहों से कभी-कभी पैरों में सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा किडनी, हार्ट, लीवर आदि से जुड़ी गंभीर समस्याओं के संकेत के रूप में भी पैरों में सूजन आती है।

1. पैरों में सूजन होने पर थोड़े-से ऑलिव ऑयल में दो-तीन लहसुन की कलियां अच्छी तरह पका लें। दिन में तीन बार इस तेल से मालिश करें। धीरे-धीरे सूजन कम हो जाएगी।

2. रोज़ नहाने के बाद सरसों के गुनगुने तेल से पंजों की मसाज करें। कुछ ही दिनों में फायदा नजर आने लगेगा। रोज़ दिन में दो बार अदरक के तल से पंजों की मसाज करने से भी सूजन दूर होती है।

3. बाल्टी में गरम पानी में थोड़ा-सा सेब का सिरका मिलाएं। इस पानी में तौलिए को भिगोए और उससे पंजों की सिंकाई करें। कुछ ही दिनों में सूजन गायब हो जाएगी।

4. आधा कप पानी में दो टेबलस्पून साबुत धनिया भिगोएं। आधे घंटे बाद धनिया पीसकर पेस्ट बनाएं और पैरों पर लगाएं। जल्द ही राहत महसूस होगी।

5. रोज़ गर्म पानी में सेंधा नमक और फिटकरी पाउडर डालकर पैरों की सिंकाई करें। धीरे-धीरे सूजन कम हो जाएगी।एक खीरे के पतले-पतले स्लाइस काटकर पैरों पर रखें और सूती कपड़ा बांध लें। आधे घंटे बाद पट्टी खोल दें, फर्क नजर आएगा।

6. आधा बाल्टी गर्म पानी में पिपरमिंट, लेमन एसेंशियल ऑयल की तीन से चार बूंदे मिक्स करें। इस पानी में पैरों को 15 मिनट तक डुबोएं। जल्द ही सूजन से राहत मिलेगी।

 

 

गर्मियों के मौसम में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए हम अक्सर पानी वाली चीजों को खाना पसंद करते हैं। खरबूजा खाने से पेट को तो ठंडक मिलती है लेकिन इसी के साथ शरीर में पानी की कमी भी पूरी होती है। लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि क्या प्रेग्नेंसी में खरबूजा खाया जा सकता है या नहीं। सब्जियों और फलों में जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर होते हैं। गर्मियों में आने वाला खरबूजा प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक सुपरफूड है। प्रेग्नेंसी में खरबूजा खाने के फायदे और इस दौरान इसे खाने का सही तरीका। 

अगर कम मात्रा में खाया जाए तो प्रेग्नेंसी में खरबूजा एक बहुत ही सुरक्षित फल साबित हो सकता है। यह फल कैलोरी की मात्रा में कम, पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होता है। हालांकि, कुछ डॉक्टर आपको इसे खाने से मना कर सकते हैं, क्योंकि कई बार फलों के बाहरी छिलके पर लिस्टेरिया नाम का बैक्टीरिया का स्ट्रेन पाया जाता है, जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में इसे खाने से पहले अच्छी तरह से साफ किया जाना जरूरी है।

प्रेग्नेंसी में खरबूजा खाने के फायदे

1) इम्यूनिटी में होता है सुधार- खरबूजे में कैरोटीनॉयड होता है, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता हैं। इसी के साथ ये शरीर में फ्री रेडिकल्स के निर्माण को रोकता है। यह नई कोशिकाओं के निर्माण के साथ, प्रेग्नेंट महिला और बच्चे की इम्यूनिटी में सुधार करता है।

2) पाचन में करता है मदद- दूसरी और तीसरी ट्राइमेस्टर में प्रेग्नेंट महिलाएं को अक्सर हार्टबर्न से जुड़ी समस्या होती है। ऐसे में खरबूजा आपके पाचन को शांत करने में मदद कर सकता है। खरबूजे में मौजूद विटामिन सी पाचन में मदद करता है। 

3) ब्लड प्रेशर को करता है नियंत्रित- गर्भावस्था के दौरान, कई महिलाओं में ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है, जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खरबूजे में जरूरी मिनरल्स होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को मैंटेन करने में मदद करता है।

4) वेट मैनेजमेंट में करता है मदद- खरबूजा को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। प्रेग्नेंट महिलाएं दिन के नाश्ते में इस फल को खा सकती हैं, जिससे वजन कम हो सकता है। इस फल में फ्रुक्टोज बहुत कम होता है ऐसे में वजन बढ़ने से बचा जा सकता है।

5) पैर की ऐंठन में मदद करता है- प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को पैरों में ऐंठन की समस्या हो सकती है। खासकर रात में ये परेशानी बढ़ जाती है। पैर में ऐंठन पोटेशियम की कमी के कारण होती है, और खरबूजा शरीर को जरूरी मिनरल्स देने में  मदद करता है।

प्रेग्नेंसी में खरबूजे के साइड इफेक्ट 

प्रेग्नेंसी के दौरान खरबूजा खाने को सेफ माना जाता है। अगर आपने अपने आस-पास के लोगों से फल से बचने के लिए सुना है, तो यह लिस्टेरिया बैक्टीरिया के कारण हो सकता है जो कभी-कभी इसकी सतह पर होते हैं। अगर फलों को अच्छी तरह से नहीं धोया जाता है तो यह आपके शरीर में जा सकता है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी में परेशानी हो सकती है। वहीं जिन महिलाओं को इस फल से एलर्जी है उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए है। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खरबूजा एक सुरक्षित और पौष्टिक फल है।

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