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व्यापार की दुनिया में में प्वाइजन पिल नामक एक टर्म है। ये एक तरह की रणनीति है। इस टर्म को ट्विटर बोर्ड की तरफ से एलन मस्क की ट्विटर को खरीदने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए अपनाया है। जिसकी वजह से मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदना असंभव तो नहीं लेकिन बेहद महंगा जरूर हो जाएगा।

 

दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क जिनके पास टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनिया हैं। उस एलन मस्क ने अब ट्विटर पर दावा बोल दिया है। 13 अप्रैल को सोशल मीडिया की दुनिया में उस वक्त हलचल मच गई जब एलन मस्क ने शाम को ट्विटर पर एक पोस्ट डाला। एलन मस्क लोकप्रिय सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को खरीदने के लिए भारी रकम देने को तैयार हैं। उन्होंने कंपनी के हरेक शेयर के लिए 54.20 डॉलर देने की पेशकश की है। इस हिसाब से कंपनी की वैल्यू 43 अरब डॉलर बैठती है। मस्क इससे पहले ही ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीद चुके हैं। मस्क का कहना है कि अगर उनका ऑफर नहीं माना गया तो निवेश पर नए सिरे से विचार कर सकते हैं।  ट्विटर पर कब्जा करने के प्रयासों के मद्देनजर अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने खुद को बचाने के लिए एक 'प्वाइजन पिल' योजना को अपनाया है। 

ट्विटर को खरीदने के लिए क्यों बेताब हैं मस्क

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ट्विटर में ऐसा क्या है कि उसे मस्क खरीदना चाहते हैं। मस्क ट्विटर की ताकत को समझते हैं और अपनी बात कहने के लिए इसका खूब इस्तेमाल करते हैं। इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके 8.1 करोड़ फॉलोअर्स हैं। उनके एक ट्विट से क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव आ सकता है। मार्च 2021 में एलेन मस्क ने कहा था कि टेस्ला बिटक्वाइन स्वीकार करना शुरु कर देगी। लोगों ने सोचा की बिटक्वाइन की डिमांड बढ़ने वाली है और लोगों ने इसे खरीदना शुरू कर दिया। बिटक्वाइन का रेट भी बढ़ने लगा। बिटक्वाइन एलेन मस्क के ऐलान से पहले 60 हजार डॉलर पर था वो 30 हजार डॉलर पर आ गया। मस्क ने इसके साथ ही एक नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने का आइडिया भी दिया है। 

प्वाइजन पिल रणनीति है क्या

व्यापार की दुनिया में में प्वाइजन पिल नामक एक टर्म है। ये एक तरह की रणनीति है। इस टर्म को ट्विटर बोर्ड की तरफ से एलन मस्क की ट्विटर को खरीदने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए अपनाया है। जिसकी वजह से मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदना असंभव तो नहीं लेकिन बेहद महंगा जरूर हो जाएगा। शेयरधारकों का ये राइट्स प्लान तभी लागू हो जाएगा जब कोई व्यक्ति, ग्रुप या संस्था ट्विटर के आउटस्टैंडिंग कॉमन स्टॉक्स के 15 फीसदी शेयर खरीदने की कोशिश करेगा। ट्विटर बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि राइट्स प्लान इस तरह की किसी भी संभावना को कम करेगा कि किसी भी संस्था, व्यक्ति, समूह के शेयरधारकों को उचित नियंत्रण प्रीमियम का भुगतान किए बिना खुले बाजार से कंपनी पर नियंत्रण करने की कोशिश करे। इस राइट्स प्लान का मुख्य लक्ष्य मस्क या किसी भी अन्य निवेशकों के लिए कंपनी पर नियंत्रण को और मुश्किल बनाना है। 

कई बेहतरीन उदाहरण मौजूद

प्वाइजन पिल्स का विकल्प पिछली सदी के 80 के दशक में बहुत पॉपुलर हुआ था जब पब्लिक कंपनियों को कब्जे में करने की कोशिशें होती थी। इसके इस्तेमाल को दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल और पीपुलसॉफ्ट के बीच की लड़ाई के सहारे से समझ सकते हैं। जब बिजनेस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी ओरेकल ने एक छोटे प्रतिद्वंद्वी पीपुलसॉफ्ट को जून 2003 में 510 करोड़ डॉलर का ऑफर दिया था। जिसके बाद दोनों ही कंपनियों के बीच करीब 18 महीने तक लड़ाई चली। पीपुलसॉफ्ट ने खुद को बचाने के लिए न सिर्फ प्वाइजन पिल का इस्तेमाल किया बल्कि एक कस्टमर एश्योरेंस प्रोग्राम भी तैयार किया। प्वाइजन पिल के जरिये बोर्ड को ढेर सारे नए शेयर जारी करने का अधिकार मिला। जिसके बाद कस्टमर एशयोरेंस प्रोग्राम के माध्यम से ग्राहकों से दो साल के भीतर कंपनी के बिकने की सूरत में सॉफ्टवेयर लाइसेंस की कीमत का पांच गुना भुगतान करने का वादा किया गया। पीपुलसॉफ्ट को खरीदने के लिए 80 करोड़ की देनदारी मिलती है। डिफेंस स्ट्रेटजी के चलते शेयरधारकों को फायदा मिला और ओरिजिनल बोली के दोगुने से अधिक 1110 करोड़ डॉलर में सौदा पूरा हो सका।

 

गर्मियों में भिंडी का सेवन न सिर्फ आपके स्वाद को अच्छा बनाए रखता है बल्कि आपको सेहत से जुड़े कई फायदे भी देता है। भिंडी का सेवन करने से व्यक्ति को मात्र 30 प्रतिशत कैलोरी मिलती है। जबकि यह विटामिन सी और मैग्नीशियम की भी अच्छी सोर्स है। इसके अलावा भिंडी विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड जैसे अहम पौष्टिक तत्वों से संपन्न होती है।

ब्लड शुगर कंट्रोल- डायबिटीज के रोगियों के लिए भिंडी का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। भिंडी में एंटी डायबिटीज और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला फाइबर रक्त के ग्लूकोज को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकता है ।

दिल की सेहत- भिंडी में पेक्टिन नामक एक घटक होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके दिल की सेहत का ध्यान रखने में मदद करता है। खराब कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों की वजह बनता है। भिंडी के नियमित सेवन से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। शोध के अनुसार भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। दरअसल, फाइबर का सेवन सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल संबंधी हृदय रोग की आशंका कम हो सकती है।

इम्यूनिटी करती है बूस्ट- भिंडी में विटामिन सी मौजूद होता है जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करता है। इसके अलावा भिंडी वायरल इन्फेक्शन को रोकने में भी मदद करती है। 100 ग्राम भिंडी रोजाना खाने से शरीर के लिए जरूरी विटामिन सी हमारे शरीर में पहुंच जाता है।

वेट लॉस- भिंडी में पाए जाने वाले गुड कार्ब्स और वसा जैसे पोषक तत्व वजन को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा, भिंडी में पाया जाने वाला फाइबर मोटापे को कम करने के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। अगर आप भी बढ़ते वजन से परेशान हैं तो डाइट में भिंडी को शामिल कर लें।  

पाचन रहता है सही- भिंडी में मौजूद कई औषधीय गुण पाचनतंत्र को सुधारने में मदद कर सकते हैं। भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है और फाइबर पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। जिन लोगों को गर्मियों में पेट की परेशानी रहती है उन्हें भिंडी खाने से फायदा मिल सकता है।

त्वचा के लिए अच्छा- भिंडी में मौजूद विटामिन-सी स्किन के डेड सेल्स को रिपेयर कर त्वचा में चमक लाने में मदद करता है। भिंडी में विटामिन-A भी मौजूद होता है, जो त्वचा पर निखार ला सकता है।

 

कोलेस्ट्रॉल का सीधा-सीधा संबंध हमारे दिल से होता है। कोलेस्ट्रॉल, रक्त में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ होता है, यह स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है, हृदय रोग उनमें से एक है।कोलेस्ट्रॉल से निजात पाने के लिए सही खान-पान के विषय में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इसे कम या नियंत्रित करने के लिए कई तरह के खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल किया जा सकता है।

स्ट्रॉबेरी - स्ट्रॉबेरी में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद कर सकता है।

पपीता - पपीते में प्रचुर मात्रा में फाइबर, विटामीन सी और एंटीऑक्सीडेंट पोषक तत्व होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के थक्कों को बनने से रोकता है।

सेब - सेब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटा कर रक्तचाप की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य बना रहता है।

नाशपाती - नेचुरल विटामिन, मिनरल और एंजाइम के साथ-साथ नाशपाती में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।

एवोकाडो - इसमें कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने वाला बीटा सिटोस्टेरॉल होता है, जो भोजन से मिलने वाले कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।

अंगूर - अंगूर में पाए जाने वाले फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के कारण इसे कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन में काफी लाभदायक माना जाता है।

खट्टे फल - खट्टे फल जैसे संतरा, अंगूर और नींबू आदि विटामिन सी का अच्छा स्रोत होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के अलावा, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकते हैं।

सरसींवा में कॉलेज खोलने एवं बालपुर में मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा

रायपुर.अखिल भारतीय रामनामी बड़े भजन मेला स्थल का भूमिपूजन कार्यक्रम आज बिलाईगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बालपुर में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के मुख्य आतिथ्य व संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय के अध्यक्षता में सपन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्ज्वलन से हुआ। ततपश्चात उन्होंने बड़े भजन मेला स्थल पर भूमिपूजन किया साथ ही सरस्वती सायकल योजना के तहत सायकल वितरण कर स्व. राम जी के स्मृति में बने बाल उद्यान का उदघाटन भी किया गया।उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने क्षेत्र वासियों को बड़ी सौगात देते हुए सरसींवा में नवीन कॉलेज प्रारंभ करनें और बालपुर में मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम इसका जीता जागता उदाहरण है। अभी जिला और सभी विकासखण्ड मुख्यालयो में इसका संचालन किया जा रहा है। आने वाले समय मे इन स्कूलों का और अधिक विस्तार किया जाएगा। उन्होंने इस दौरान विभिन्न विकास कार्याे की लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से सरायपाली विधायक किस्मत लाल नंद, सारंगढ़ विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े, बलरामपुर विधायक बृहपति सिंह, मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा सरपंच अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि गण सहित रामनामी समाज के सदस्य उपस्थित बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्की,अपर कलेक्टर राजेंद्र गुप्ता, एसडीएम के एल सोरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

लंदन। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, इंग्लैंड में कोविड-19 का पता लगाने के लिए की गयी जांच में रिकॉर्ड स्तर पर संक्रमित पाए गए हैं। हर 16 में से एक व्यक्ति यानी 6.37 प्रतिशत की दर से लोग संक्रमित पाए गए। संक्रमण की यह दर फरवरी में दर्ज की गई संख्या से दोगुनी है। माह फरवरी में हर 35 व्यक्ति की जांच में एक व्यक्ति को कोविड संक्रमित पाया गया था। ब्रिटेन में इम्पीरियल कॉलेज लंदन ने लंबे समय से ‘रियल-टाइम असेसमेंट ऑफ कम्युनिटी ट्रांसमिशन (रिएक्ट-1) के विश्लेषण में पाया गया कि संक्रमण की दर हर 30 दिनों में दोगुनी है।
अध्ययन के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण के ज्यादातर मामले ओमीक्रोन के बीए.2 ‘‘स्टील्थ वैरिएंट’’ के आए। यह अध्ययन आठ और 31 मार्च के बीच लार के तकरीबन 1,10,000 नमूनों पर आधारित है। इम्पीरियल्स स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिएक्ट कार्यक्रम के निदेशक प्रोफेसर पॉल एलियट ने कहा, ‘‘जब इतनी अधिक संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं तो ये प्रवृत्ति चिंताजनक है, इससे और अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं और उन्हें अस्पताल जाने की आवश्यकता हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, पाबंदियां खत्म हो चुकी है लेकिन मैं लोगों से उन अन्य लोगों की रक्षा करने के लिए सावधानीपूर्वक बर्ताव करने का अनुरोध करूंगा, जो संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील हैं और अगर आपमें बीमारी के लक्षण दिखायी देते हैं तो आप अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचें। इससे वायरस का प्रसार कम करने में मदद मिलेगी।’’
अध्ययन के दौरान ओमीक्रोन के बेहद कम संख्या में स्वरूप एक्सई और एक्सएल भी सामने आए, जो ओमीक्रोन के मूल बीए.1 और बीए.2 स्वरूप के मिश्रण हैं। पिछले आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि सभी आयु वर्ग में संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं और प्राथमिक स्कूल जाने वाले बच्चों में सबसे अधिक हैं। पांच से 11 साल का हर 10 बच्चों में से एक संक्रमित पाया जा रहा है। बहरहाल, हाल की प्रवृत्तियों से पता चलता है कि नए संक्रमण की दर पांच से 54 वर्ष की आयु में कम हो रही है।

इस्लामाबाद | पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने रविवार को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, क्योंकि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाने के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए सीट खाली हो गई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल असेंबली (एनए) द्वारा निर्धारित जमा करने की समय सीमा के अनुसार, शरीफ ने सदन के नए नेता के लिए नामांकन पत्र जमा किया, जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पद के लिए नामित किया।पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता ख्वाजा आसिफ और राणा तनवीर शरीफ के समर्थक के तौर पर काम करेंगे। इस बीच, पीटीआई के सदस्य आमिर डोगर और अली मुहम्मद खान पार्टी के उपाध्यक्ष के लिए प्रचारक के रूप में काम करेंगे। एनए सचिवालय ने पहले एनए के प्रमुख और नेता के चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने और जांच के लिए समय की घोषणा की थी। प्रवक्ता के अनुसार एनए के प्रमुख और नेता के चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की प्रस्तुति और जांच सदन में घोषित समय के अनुसार होगी।

ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने कहा कि रूस-यूक्रेन के कारण पैदा हुए ऊर्जा संकट से निपटने के लिए प्राकृतिक गैस और बिजली की कीमतों को अलग करना होगा। ग्रीक नेता ने आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव माथियास कॉर्मन के साथ चर्चा के दौरान कहा, "हमें गैस की कीमतों और बिजली की कीमतों के बीच की कड़ी को तोड़ने की जरूरत है। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हम अपने नागरिकों और व्यवसायों पर भारी आर्थिक दबाव डालेंगे।"

मित्सोटाकिस ने इस चुनौती के लिए यूरोपीय प्रतिक्रिया का आह्वान करते हुए आशा व्यक्त की है कि इस पर निर्णय मई में किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, यूरोपीय देशों को कीमतों को नियंत्रित करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि महामारी के बाद यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं को रिकवर करने के लिए स्थापित यूरोपीय रिकवरी एंड रेजिलिएशन फंड से लगभग 230 अरब यूरो (250 अरब डॉलर) का ऋण उपलब्ध नहीं है।

इन फंडों का इस्तेमाल ऊर्जा संकट से निपटने के लिए किया जा सकता है।

कॉर्मन ने जोर देकर कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और सस्ती कीमतों को सुनिश्चित करने के अलावा, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी बहुत काम किया जाना चाहिए। उन्होंने संरक्षणवाद का कड़ा विरोध किया।

उन्होंने कहा, "हमें बाजार खुला रखना होगा। हमें उत्पादन बढ़ाने के लिए सही प्रोत्साहन प्रदान करना जारी रखना होगा ताकि हम कीमतों को स्थिर कर सकें।"

1  .खानपान का रखें खास ध्यान  :  हाई ब्लड शुगर की वजह से किडनी को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए खानपान में परहेज करना जरूरी है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को खाने में ज्यादा चीनी के साथ-साथ ज्यादा कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए। अपने आहार में ताजा फलों, साबुत अनाज, सब्जियों को शामिल करने से शरीर को जरूरी पोषक-तत्व मिलते हैं और ज्यादा कैलोरी के सेवन से भी बचा जा सकता है।

2  .छोड़नी होगी स्मोकिंग  :  नॉर्मल इंसान भी अगर स्मोकिंग करता है तो उसके फेफड़ों, किडनी आदि अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में स्मोकिंग से डायबिटीज के मरीजों की सेहत पर काफी बुरा असर होता है और यह असर बहुत तेज रफ्तार से होने लगता है जिससे किडनी के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

3 .ब्लड प्रेशर को रखें कंट्रोल : ब्लड शुगर लेवल की जांच करके तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयों के सेवन, सही खानपान और व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रख सकते हैं।

4 .डेली एक्सरसाइज है जरूरी  : डायबिटीज के मरीज चाहते हैं कि उनकी किडनी स्वस्थ रहे तो उसके लिए उन्हें रोजाना एक्सरसाइज करनी होगी। दौड़ना, तेज चलना, तैराकी जैसी एक्सरसाइज मरीजों के लिए फायदेमंद होती है। एक्सरसाइज करने से शुगर लेवल तो कंट्रोल रहता ही है साथ ही किडनी के खराब होने की संभावना भी कम हो जाती है।

5 .दवाइयों को लेना न भूलें  : भले ही आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हो और अच्छी सेहत के लिए उपयुक्त स्तर पर हो, लेकिन आपके लिए नियमित तौर पर दवाइयों का सेवन करना जरूरी है। अगर एक भी दिन दवाई छूटी तो इसका प्रभाव आगे अलग ढंग से दिखने लगता है। किडनी जैसे शरीर के दूसरे ऑर्गन प्रभावित हो सकते हैं।

पानी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है, इस बात को हर कोई जानता है। हममें से ज्यादातर लोग पानी तब पीते हैं जब प्यास लगने लगती है। हालांकि शरीर में पानी कम होने कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर कई मुसीबतों से बचा जा सकता है।
पानी न मिलने पर मुरझा जाती हैं सेल्स

जब आपको प्यास महसूस होती है, तब तक आपके शरीर की कोशिशकाएं मुरझा जाती हैं। बिल्कुल किसी पौधे की तरह। इसलिए प्यास से  पहले ही पानी पीते रहना चाहिए। पूरी जिंदगी हाइड्रेटेड रहना जरूरी है मतलब शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। ऐसा करने से आगे चलकर आप हार्ट फेल होने की प्रॉब्लम से बच सकते हैं।
70 के बाद बढ़ती है समस्या
हार्ट फेल होने का मतलब होता है कि हमारा दिल पर्याप्त मात्रा में शरीर को खून नहीं पहुंचा पा रहा। ऐसे में फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो जाता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। एड़ियां सूज जाती हैं और इंसान को थकान महसूस होती है। 70 के बाद यह समस्या कई लोगों में देखी जाती है। जब हम पानी कम पीते हैं तो सीरम सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में शरीर पानी इकट्ठा करने लगता है और आगे चलकर इससे हार्ट अटैक हो जाता है। इसलिए आप आगे चलकर हार्ट की बीमारी और हार्ट फेलियर से बचना चाहते हैं तो पानी पीते रहें और नमक कम कर दें।

आर्थराइटिस या गठिया, जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनने वाली एक सामान्य समस्या है। इंफ्लामेंशन की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा उत्पन्न रसायन अक्सर सूजन का कारण बनते हैं। गठिया से पीड़ित लोगों को सामान्य गतिविधियों को करने में भी दर्द का अनुभव होता रह सकता है। सामान्य तौर पर जीवनशैली की गड़बड़ आदतों को गठिया का प्रमुख कारण माना जाता है, इसके अलावा कुछ लोगों में इसका आनुवांशिक जोखिम भी हो सकता है। गठिया की समस्या आपके सामान्य कामकाज को प्रभावित कर देती है, ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव के निरंतर उपाय करते रहने चाहिए।

शरीर का वजन बढ़ना  :  आपका बढ़ा हुआ वजन सिर्फ हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियां ही नहीं, आर्थराइटिस की समस्या का भी कारण हो सकता है। हाल के शोध से पता चलता है कि 30 या उससे अधिक के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले लोगों में रूमेटाइड आर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। वजन अधिक होने से, विशेषकर पैर के घुटनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ने लगता है जिसके कारण गठिया की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। वजन को नियंत्रित रखना कई मायनों में आपके लिए आवश्यक है।

धूम्रपान : धूम्रपान को सबसे हानिकारक आदतों में से एक माना जाता है, इसके कारण गठिया की समस्या बढ़ सकती है। एक स्वीडिश अध्ययन से पता चलता है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस के एक तिहाई मामलों के लिए धूम्रपान को प्रमुख कारक माना जा सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान, गठिया की कुछ दवाओं की प्रभावशीलता को भी कम कर सकता है। यह अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ों के दर्द में वृद्धि का भी कारण बनता है। सभी लोगों को इस आदत से बिल्कुल दूरी बनाकर रखनी चाहिए।


ऊंची एड़ी वाली सैंडिल या खराब जूते पहनना  : ऊंची एड़ी वाली सैंडिल को फैशन का सूचक माना जाता है, हालांकि यह आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे सैंडिल पैरों को एक अजीब स्थिति में रखती हैं जो जोड़ों पर जोर पड़ने का कारण बन सकती है। इसके अलावा अगर आपके जूते की गुणवत्ता ठीक नहीं है तो इससे भी गठिया की समस्याओं के बढ़ने का जोखिम हो सकता है।

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