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भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए 90 करोड़ 67 लाख रुपये की स्वीकृति
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2030-31 तक निरंतर रखने की स्वीकृति
वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 48 करोड़ रूपये की स्वीकृति
स्वीकृत अस्थायी पदों को स्थायी पदों में परिवर्तित करने के प्रावधान की स्वीकृति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय

 

रायपुर : 

 

राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के ग्राम तेलगान में जल जीवन मिशन से पेयजल संकट का स्थायी समाधान हो गया है। जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खुर्सीपार के आश्रित ग्राम तेलगान में निवासरत 348 ग्रामीण परिवारों को अब घर-घर नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

ग्राम तेलगान की आजीविका मुख्यतः कृषि एवं मजदूरी पर आधारित है। पूर्व में गांव में पेयजल की गंभीर समस्या थी और पानी का एकमात्र स्रोत हैंडपंप थे। जलस्तर गिरने पर पानी निकालना कठिन हो जाता था। ग्रामीणों को लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता था तथा कई बार दूर-दराज क्षेत्रों से पानी लाना पड़ता था। इस स्थिति का सर्वाधिक प्रभाव महिलाओं पर पड़ता था, जिनका दिन का बड़ा हिस्सा पेयजल की व्यवस्था में व्यतीत हो जाता था।

ग्राम सरपंच श्री महेश यादव ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांव में पाइपलाइन बिछाकर प्रत्येक घर तक नल से जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है। अब नियमित रूप से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होने से ग्रामीणों की दिनचर्या में व्यापक बदलाव आया है। पानी भरने में लगने वाला समय बचने से महिलाएं घरेलू, आजीविका एवं बच्चों की देखभाल जैसे कार्यों पर अधिक ध्यान दे पा रही हैं। जल जीवन मिशन ने ग्राम तेलगान में न केवल पेयजल समस्या का समाधान किया है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाकर उन्हें बेहतर और स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर किया है।

रायपुर :

सही दिशा, सतत परिश्रम और शासन की किसान हितैषी योजनाओं के प्रभावी सहयोग से आज सुदूर वनांचल क्षेत्रों के किसान परिवार भी आत्मनिर्भरता और प्रगति के मार्ग पर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। कांकेर जिले के ग्राम टेमरूपानी का मंडावी परिवार इसका प्रमाण है।

ग्राम टेमरूपानी निवासी किसान श्री विजय मंडावी ने बताया कि उनके पिता के पास कुल 15 एकड़ कृषि भूमि है, जिस पर पूरा परिवार मिलकर खेती करता है। हाल ही में उन्होंने धान खरीदी केंद्र भैंसासुर में 150 क्विंटल धान का विक्रय किया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। छह सदस्यीय परिवार में माता-पिता पूर्ण रूप से कृषि कार्य से जुड़े हैं और परिश्रमपूर्वक पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।

कृषि से प्राप्त आय से मंडावी परिवार ने न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल की है, बल्कि शिक्षा को भी प्राथमिकता दी है। श्री विजय स्वयं फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं, उनका छोटा भाई आईटीआई तथा छोटी बहन बी.कॉम की शिक्षा प्राप्त कर रही है। सुदूर वनांचल क्षेत्र में निवास के बावजूद शिक्षा के प्रति यह प्रतिबद्धता समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।

श्री विजय ने बताया कि कृषि आय से ट्रैक्टर की किश्त का भुगतान किया जा रहा है तथा भविष्य में इसी आय से परिवार की शिक्षा एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी। उन्होंने किसानों के कल्याण हेतु संचालित शासकीय योजनाओं के लिए शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

 

रायपुर : 

 

बिलासपुर जिले में अवैध धान भंडारण एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन द्वारा सघन कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर के निर्देशानुसार संयुक्त जांच दल द्वारा छापामार कार्रवाई करते हुए पांच संस्थानों से 138.50 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत सवा चार लाख रुपये से अधिक है।

संयुक्त जांच दल द्वारा कृषि उपज मंडी समिति तखतपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नरौटीकापा में श्री जितेन्द्र साहू के संस्थान से 30 क्विंटल, ग्राम गोबंद में श्री सीताराम साहू के संस्थान से 30 क्विंटल, ग्राम सकरा में श्री अमरदास मानिकपुरी के संस्थान से 20 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया। इसी प्रकार कृषि उपज मंडी समिति जयरामनगर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जुनवानी स्थित दिव्या किराना स्टोर से 32 क्विंटल तथा ग्राम बिनोरी में श्री रामजी चतुर्वेदी के संस्थान से 26.50 क्विंटल धान जब्त किया गया।

इन संस्थानों में अवैध रूप से धान का भंडारण पाए जाने पर खाद्य एवं मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के अंतर्गत जब्ती की कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी की संपूर्ण अवधि के दौरान इस प्रकार की छापामार कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

 

रायपुर :

 

बस्तर संभाग से आए विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंचगणों ने आज नवनिर्मित छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का भ्रमण कर विधानसभा की कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नजदीक से देखा। इस अवसर पर सरपंचों ने उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से मुलाकात भी की। बस्तर के जन जन में लोकतंत्र में विश्वास जगाने के लिए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर बस्तर संभाग के विभिन्न ग्रामों का प्रतिनिधित्व करने वाले सरपंचों को नवीन विधानसभा भवन का भ्रमण कराया गया।

इस दौरान सरपंचों को सदन की कार्यवाही, प्रश्नकाल, चर्चा एवं निर्णय प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई। ग्राम स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए यह अनुभव अत्यंत प्रेरणादायी रहा। उपमुख्यमंत्री ने उनसे उनके अनुभवों पर विस्तृत चर्चा की जिसमें सरपंचों ने कहा कि विधानसभा की कार्यप्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से देखने से उन्हें जनसेवा और शासन व्यवस्था की बेहतर समझ मिली है। जिस प्रकार हर समस्या और विषय पर दोनों पक्षों से सकारात्मक तरीके से चर्चा की जाती है वो सराहनीय है। इससे लगता है कि हमारी हर समस्या के लिए हमारे प्रतिनिधि बातें एवं मुद्दों को सामने रखते हैं।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सरपंचों से संवाद करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की आधारशिला हैं और ग्रामीण विकास की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में सरपंचों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बस्तर संभाग के विकास, जनकल्याणकारी योजनाओं और पंचायत सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

सरपंचों ने इस अवसर के लिए राज्य सरकार एवं उपमुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के अनुभव उन्हें अपने-अपने गांवों में बेहतर नेतृत्व और जवाबदेही के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे।

 

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा ₹35,000 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत कर विकास, वित्तीय अनुशासन और दूरदर्शी शासन की स्पष्ट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।

वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि यह अनुपूरक बजट केवल संसाधनों की व्यवस्था नहीं, बल्कि निरंतर आर्थिक प्रगति और संतुलित विकास की मजबूत दिशा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा विभिन्न बोर्डों और निगमों पर छोड़े गए ₹45,000 करोड़ से अधिक के लंबित ऋण ने इन संस्थानों को लगभग निष्क्रिय स्थिति में पहुँचा दिया था। इस अनुपूरक बजट के माध्यम से सरकार ने मार्कफेड और नान (NAAN) जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को संबल प्रदान करने का गंभीर प्रयास किया है, जो राज्य में धान खरीदी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की रीढ़ हैं। इन संस्थाओं को सुदृढ़ किए बिना किसानों का कल्याण और नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने औद्योगिक विकास को भी समान प्राथमिकता दी है। राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को गति देने तथा विभिन्न औद्योगिक विकास एवं प्रोत्साहन योजनाओं को निरंतरता प्रदान करने के लिए अनुपूरक बजट में ₹360 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे निवेश, रोजगार और उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र और संतुलित विकास के लिए केवल राजस्व व्यय पर्याप्त नहीं होता, बल्कि दूरदर्शी पूंजीगत व्यय ही भविष्य की समृद्ध अर्थव्यवस्था और मजबूत अधोसंरचना का आधार बनता है। सड़क, पुल, सिंचाई, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में किया गया निवेश आने वाले दशकों तक विकास के स्थायी स्रोत तैयार करता है। इसी सोच के साथ सरकार ने पूंजीगत व्यय को अपनी विकास रणनीति का केंद्र बनाया है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद बीते 25 वर्षों में पूंजीगत व्यय में लगभग 55 गुना की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहाँ पूंजीगत व्यय ₹13,320 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर ₹15,419 करोड़ और 2024-25 में ₹20,055 करोड़ तक पहुँचा। मुख्य बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए ₹26,341 करोड़ का प्रावधान किया गया है, साथ ही अनुपूरक बजट में अतिरिक्त ₹2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के कुल आकार के अनुपात में भी पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहाँ पूर्व सरकार के समय यह लगभग 3.5 प्रतिशत था, वहीं वर्ष 2025-26 में इसके 4.1 प्रतिशत तक पहुँचने की संभावना है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार दीर्घकालिक विकास और मजबूत अधोसंरचना निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

अपने वक्तव्य के समापन में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि यह सरकार वादों पर नहीं, बल्कि परिणामों पर विश्वास करती है। पूंजीगत व्यय के माध्यम से संकल्पों को कागज से जमीन तक उतारने का कार्य किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से सशक्त, अधोसंरचना के दृष्टिकोण से मजबूत और देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करना है।

अनुपूरक बजट में सड़क एवं भवन निर्माण क्षेत्र को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। अधोसंरचना से जुड़े निर्माण कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के उद्देश्य से अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण सड़क कार्यक्रम (आरआरपी फेज-2) हेतु ₹175 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं राज्य में प्रमुख सड़कों के उन्नयन एवं विस्तार के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना (एडीबी लोन-3) के अंतर्गत ₹150 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट रेल लाइन परियोजना के लिए ₹86 करोड़ की राशि का प्रावधान कर क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है।

 

रायपुर, 16 दिसम्बर 2025/छत्तीसगढ़ राज्य में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुगम बनाते हुए इसे पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। राज्य में अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जारी किए जा रहे हैं। भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2023 में संशोधित ऑनलाइन पोर्टल के सफल क्रियान्वयन से यह व्यवस्था प्रभावी हुई है।

संशोधित जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वाले सभी बच्चों के लिए जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में जन्म प्रमाण पत्र ही एकमात्र वैध दस्तावेज होगा। इससे पहचान से जुड़ी प्रक्रियाओं में स्पष्टता और एकरूपता आई है। अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे बच्चों के मामलों में पूर्व की तरह अन्य वैकल्पिक दस्तावेज भी मान्य रहेंगे। साथ ही, पहले जारी किए गए ऑफलाइन प्रमाण पत्रों को भी अब पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप में सुरक्षित किया जा सकता है।

राज्य में अक्टूबर 2023 के बाद से सभी जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। प्रारंभिक चरण में आई तकनीकी चुनौतियों का समाधान समयबद्ध तरीके से किया गया, जिससे वर्तमान में पोर्टल पूरी तरह सुचारु और तकनीकी रूप से सक्षम हो गया है। भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय द्वारा समय-समय पर आवश्यक तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए राज्य के सभी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को पोर्टल संचालन संबंधी आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आवश्यकता अनुसार जिला स्तर पर भी नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि आम नागरिकों को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

राज्य सरकार ने आधार कार्ड निर्माण से संबंधित प्रक्रियाओं में भी एकरूपता लाने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। इससे नागरिकों को समय पर और सही दस्तावेज उपलब्ध हो सकेंगे।

यह पहल राज्य में डिजिटल सेवाओं के विस्तार, प्रशासनिक दक्षता और नागरिक सुविधा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आमजन को तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं मिल रही हैं।

 

नवाचार खेती से बने सफल कृषि उद्यमी, पड़ोसी गांवों के किसानों के लिए प्रेरणा

रायपुर,16 दिसंबर 2025/
सारंगढ-बिलाईगढ़ जिले के विकासखंड बरमकेला अंतर्गत ग्राम नवापाली के प्रगतिशील किसान श्री मुकेश चौधरी ने नवाचार और आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाकर खेती की पारंपरिक सोच को नई दिशा दी है। ड्रिप पद्धति से धान और मिर्ची की खेती कर वे प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और आज एक सफल कृषि उद्यमी के रूप में पहचान बना चुके हैं।

श्री चौधरी ने बताया कि वर्ष 2011 में उन्होंने दो एकड़ भूमि पर मिर्ची की खेती पारंपरिक विधि से प्रारंभ की थी। इसी दौरान उद्यान रोपणी केंद्र नदीगांव के तत्कालीन वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक श्री सुरेन्द्र पटेल से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें ड्रिप पद्धति से खेती करने की जानकारी मिली। इसके पश्चात वर्ष 2013 में बरमकेला ब्लॉक में पहली बार ड्रिप तकनीक से खेती की शुरुआत की।

ड्रिप पद्धति के अंतर्गत खेतों की गहरी जुताई कर मेड निर्माण, लेटरल पाइप बिछाना एवं मल्चिंग का उपयोग करते हुए मिर्ची की रोपाई की गई। ड्रिप के माध्यम से संतुलित मात्रा में सिंचाई, खाद एवं दवा देने से उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और मिर्ची की उपज लगभग दोगुनी हो गई। बेहतर परिणाम मिलने पर श्री चौधरी ने धान की खेती का रकबा कम कर मिर्ची की खेती को बढ़ाया और वर्तमान में लगभग 12 एकड़ भूमि पर मिर्ची की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आय हो रही है।

अन्य किसानों के लिए बने प्रेरणास्रोत

किसान मुकेश चौधरी की सफलता को देखकर क्षेत्र के खिंचरी, बांजीपाली, बेंद्रापारा, रिसोरा, नूनपानी, लिंजिर और प्रधानपुर सहित आसपास के गांवों के अनेक किसान भी धान के साथ मिर्ची एवं साग-सब्जी की खेती ड्रिप पद्धति से करने लगे हैं।

डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार से मिला सम्मान

खेती-किसानी में नवाचार, जैविक एवं समन्वित खेती को अपनाने के लिए वर्ष 2021 में राज्य सरकार द्वारा श्री मुकेश चौधरी को डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने धान की खेती में जैविक खाद के साथ-साथ दलहन–तिलहन फसलों में उड़द, मूंग एवं मिर्ची की खेती की। पुरस्कार स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो एवं दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस सम्मान से उनका उत्साह बढ़ा और कृषि कार्यों में और अधिक विस्तार हुआ।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, बीआरसी के रूप में मिली जिम्मेदारी

इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा श्री मुकेश चौधरी को प्राकृतिक खेती हेतु बीआरसी नियुक्त किया गया है। उनके साथ टिकेश्वरी महापात्र (जलाकोना) और खेल कुमारी (धौंरादरहा) को भी बीआरसी बनाया गया है। विभाग द्वारा रायपुर एवं बरगढ़ (ओडिशा) में प्रशिक्षण दिलाकर अब ये तीनों बीआरसी जलाकोना, धौंरादरहा, करपी, जामदलखा सहित दर्जनों गांवों के किसानों को प्राकृतिक संसाधनों से खाद निर्माण एवं बीज उपचार की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसान मुकेश चौधरी द्वारा मिर्ची की खेती के साथ प्राकृतिक खेती लगातार की जा रही है और उन्हें राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उनकी यह पहल क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणादायक साबित हो रही है।

 

साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार नंदमुरी बालकृष्ण की फिल्म अखंडा 2 सिनेमाघरों में अच्छा कलेक्शन कर रही है. इस फिल्म के पहले पार्ट को काफी पसंद किया गया था और फिल्म ने अच्छी-खासी कमाई भी की थी. अब उनकी फिल्म अखंडा 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और रिलीज के 3 दिन में ही अपनी कमाई से चौंकाती नजर आ रही है | फिल्म की कमाई के ताजा आंकड़े आ गए हैं जो ये बताने के लिए काफी हैं कि ये फिल्म लंबी रेस का घोड़ा है और आने वाले समय में इसका अलग ही जलवा देखने को मिलने वाला है |

फिल्म की बात करें तो अभी इस फिल्म को लेकर एक बड़ा अपडेट भी आया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब अखंडा 2 फिल्म को देखने वाले हैं | ऐसे में आइए जानते हैं कि इस फिल्म ने भारत में कितनी कमाई कर ली है और विदेशों में इसे कैसा रिस्पॉन्स मिल रहा है |

100 करोड़ के करीब पहुंची अखंडा 2

 

ग्लैमर की दुनिया में चमकने वाले सितारों की कहानियां अक्सर पर्दे के पीछे अनकहे संघर्षों और अधूरे सपनों से भरी होती है. ऐसी ही एक कहानी थी शेफाली जरीवाला की, जिन्होंने एक गाने से इतिहास रच दिया था, शेफाली जरीवाला बच्चा गोद लेना चाहती थीं, लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाया. आज, 15 दिसंबर को शेफाली जरीवाला की बर्थ एनिवर्सरी है. ये दिन उनके लाखों फैंस के लिए खुशियों की जगह एक गहरे दर्द की टीस लेकर आया है. इस साल 27 जून 2025 को, महज 42 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के कारण शेफाली का निधन हो गया था |

शेफाली ने जिंदगी में नाम, शोहरत, इज्जत सब कुछ कमाया, लेकिन उनकी एक दिली तमन्ना हमेशा अधूरी रह गई. वो ‘मां’ बनना चाहती थीं. उन्हें हमेशा से एक बच्ची को गोद लेना था, शेफाली का ये सपना हमेशा के लिए अधूरा रह गया |

रातों-रात बनीं सेंसेशन

अहमदाबाद की एक सामान्य गुजराती परिवार में जन्मीं शेफाली जरीवाला ने अपनी शुरुआती पढ़ाई इंजीनियरिंग में की. लेकिन शायद तकदीर को कुछ और मंजूर था. किताबी दुनिया छोड़कर उन्होंने मॉडलिंग की राह पकड़ी, और यहीं से उनकी जिंदगी ने ऐसा यू-टर्न लिया कि वो रातों-रात स्टार बन गईं. साल 2002 में, शेफाली एक रीमिक्स म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ में नजर आईं. ये गाना सिर्फ एक वीडियो नहीं था, बहुत कम समय में ही ये गाना हर गली, नुक्कड़ और पब की शान बन गया | इस म्यूजिक वीडियो में शेफाली का बोल्ड और कॉन्फिडेंट अंदाज ऐसा छाया कि उन्हें तुरंत ‘कांटा लगा गर्ल’ का टाइटल मिल गया. ये टाइटल उनकी पहचान बन गया, जिसे वो ताउम्र अपने साथ लेकर चलीं |

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