ईश्वर दुबे
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न्यूज़ डेस्क पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग नें एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें जम्मू और कश्मीर के मसले पर कई सवाल थे. रिपोर्ट बनाने वाली कमीशन नें साफ़ तौर पर कहा था कि “पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान में हालात भारत से कहीं बदतर है जिसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र कमीशन का पहुंच पाना भी आसान नहीं.”
इसके बाद हाल में ही एक और रिपोर्ट जारी कर संयुक्त राष्ट्र नें कश्मीरी लीगों के हालातों पर चिंता व्यक्त की, 43 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में “बोलचाल से लेकर, मिलने-जुलने, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को शांत करने के लिए आतंकवाद-विरोधी क़ानूनों का इस्तेमाल किया जाता है,”
हुर्रियत कांफ्रेस के अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने रिपोर्ट को अहम बताया है और कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को रिपोर्ट में सुझाए गए अनुशंसाओं को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए.
कश्मीर घाटी में रिपोर्ट को लेकर हालांकि कुछ ख़ास प्रतिक्रिया अबतक नज़र नहीं आई है और सामान्यत: सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहने वाले उमर अब्दुल्लाह ने इसपर कुछ नहीं कहा है, न ही महबूबा मुफ़्ती ने.
इसके अलावा भारत शाशित कश्मीर के बारे में भी रिपोर्ट में प्रदर्शनकारियों, राजनीतिक मतभेद रखनेवालों और स्वंयसेवी संस्थाओं को मनमाना तौर पर नज़रबंद करने को भी मानवाधिकार उल्लंघन के उदाहरण के तौर पर पेश किया गया है और इसमें कश्मीरियों पर भारत के अलग-अलग हिस्सों में हुए हमलों का भी ज़िक्र है.
रिपोर्ट में श्रीनगर के महाराजा हरि सिंह अस्पताल के हवाले से कहा गया है कि पैलेट-गन के इस्तेमाल से 2016-मध्य और 2018 के अंत तक 1253 लोग आंखों की रोशनी खो चुके हैं, और न जाने कितने ही लोगों की मौतों का पता भी नहीं चल सका है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 'रिपोर्ट को भारत की संप्रभुता का उल्लंघन क़रार देते हुए कहा कि इसमें सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले की पूरी तरह अनदेखी की गई है.'
लाहौर: मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के प्रमुख आतंकी हाफिज सईद जल्द दी पाकिस्तान में सलाखों के पीछे होगा. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग (सी.टी.डी.) ने बुधवार को कहा कि उसने "आतंकवाद के वित्तपोषण" के सिलसिले में जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
नकवी से जब यह पूछा गया कि प्राथमिकी में नामजद होने के बाद भी सईद और उसके सहयोगियों को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया, इस पर उन्होंने कहा कि पहले संदिग्ध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है और फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है. प्राथमिकी में नामजद सईद और अन्य लोगों को भी आगे गिरफ्तार किया जाएगा." उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पुलिस ने आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में कई प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया है और बाद में उन्हें आतंकवाद रोधी अदालतों द्वारा जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा, "लिहाजा इन संदिग्धों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा."
इमरान खान सरकार के एक सूत्र ने बताया कि सईद फिलहाल लाहौर के जौहर टाउन स्थित अपने घर पर है। पुलिस उसके घर पर छापा मार कर उसे गिरफ्तार करने के लिए सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है। सूत्र ने बताया कि सईद को इस हफ्ते गिरफ्तार कर लिए जाने की संभावना है क्योंकि इमरान खान सरकार आतंकवाद को धन मुहैया किए जाने के विषय पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने की इच्छुक दिख रही है।
पाकिस्तान इस सिलसिले में अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में एफएटीएफ की पिछले साल जून की समयसीमा को पूरा करने में नाकाम रहा था। इसके बाद एफएटीएफ ने इस्लामाबाद को अक्टूबर की समय सीमा दी और इसे पूरा नहीं करने पर कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी थी। कार्रवाई के तहत देश को काली सूची में डाला जा सकता है। पेरिस स्थित वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया था, जिनके घरेलू कानून धन शोधन और आतंकवाद को मुहैया होने वाले धन की चुनौतियों से निपटने में कमजोर माने जाते हैं.
हाल ही में, आतंकवाद रोधी अदालत ने जेयूडी और जैश के 12 सदस्यों को आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में पांच साल तक की कैद की सजा सुनाई थी. इस बीच, बुधवार को सीटीडी ने कहा कि उसने आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोपों को लेकर सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए हैं. उनके खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो अकाट्य हैं.
गौरतलब है कि जेयूडी लश्कर ए तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है, जो 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका ने लश्कर को जून 2014 में विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था. अमेरिका ने सईद को 2012 से वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है और उसे अदालत के कठघरे तक पहुंचाने में सहायक सूचना देने वाले के लिए एक करोड़ डॉलर के इनाम की भी घोषणा कर रखी है.
कनाडा : कनाडा के सिसौगा सेलिब्रेशन स्कवायर पर शनिवार को सिंध के रहने वाले हिंदुओं ने प्रदर्शन किया. इन सभी ने पाकिस्तान से नाबालिग हिंदू लड़कियों के होने वाले जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने और उन लड़कियों के लिए न्याय मांगा जिनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है.
इस प्रदर्शन का मकसद पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाना है ताकि कोई कारगर कानून बनाकर वैसे अपराधियों पर नकेल कसी जा सके जो धर्म को हथियार बनाकर निर्दोष लड़कियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन करते हैं और उनके साथ बलात्कार करते हैं.
एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'जैसा कि आपको पता है कि सिंधी हिंदू काफी पीड़ा में हैं क्योंकि पाकिस्तान में आजकल जबरन धर्म परिवर्तन की कई घटनाएं सामने आ रही हैं.'
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर लिए विरोध मार्च निकाला और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए. बैनर पर लिखा है-पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन बंद किया जाए. पोस्टर पर यह भी लिखे दिखे कि 'धार्मिक अल्पसंख्यकों को झूठे मुकदमों में फंसाना बंद हो.' लोग नारे लगाते सुने गए कि 'पाकिस्तान हिंदू लड़कियों का अपहरण बंद करो, हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन बंद करो.' ये नारे भी सुने गए कि 'हमें इंसाफ चाहिए.'
ये था सनसनी फ़ैलाने वाला मामला
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक 18 साल की हिंदू लड़की के अपहरण को लेकर जबर्दस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि लड़की के मुस्लिम शिक्षक ने यह अपहरण किया है.
अपहृत लड़की के माता-पिता का आरोप है कि उन्हें लड़की से मिलने नहीं दिया जा रहा है, लेकिन उसके टीचर कामरान सोमूर ने उसे एक 'मदरसे' में पेश कराकर उससे बयान दिलवाया है. इस बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नैशनल असेंबली के मेंबर (एम.एन.ए.) खेलदास कोहिस्तानी ने इमरान की अगुआई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से मांग की है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराए. कोहिस्तानी सिंघ के जमशोरो से एम.एन.ए. हैं.
कॉलेज जाते समय हुआ अपहरण
बताया जाता है कि 3 जुलाई को लड़की को उस समय अगवा कर लिया गया जब वह अपने कॉलेज गई थी. कोहिस्तानी ने कहा, 'मार्च से अब तक लगभग 30 हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है.' अगवा लड़की के भाई राकेश से भी बात हुई जिसने कहा, 'हमें बताया गया है कि हमारी बहन और उसे अगवा करने वाला मदरसे में उपस्थित हुआ जहां बहन ने कोई बयान दिया है.' राकेश थट्टा में कीटनाशकों की एक दुकान चलाते हैं.
कामरान उसे ट्युइशन पढ़ाया करता था
राकेश ने बताया कि जब उनकी बहन 9वीं क्लास में थी उस समय कामरान उसे ट्युइशन पढ़ाया करता था. वह कॉलेज में उसका क्लास टीचर भी है. यह कहे जाने पर कि हो सकता है लड़की अपनी मर्जी से गई हो, राकेश का कहना था, 'अगर ऐसा होता तो वह अपने सोने के गहने और बचाए हुए पैसे भी साथ ले जाती. वह अपने कपड़े भी ले जाती. अगर ऐसा होता तो वे दोनों उसी दिन किसी कोर्ट के सामने पेश होते. लेकिन वह रोज के पहनने वाले कपड़े और चप्पल पहनकर घर से निकली थी.'
गौरतलब है कि लगभग साढ़े तीन महीने पहले सिंध प्रान्त के घोटकी जिले में इसी तरह दो पाकिस्तानी हिंदू लड़कियों रीना और रवीना को कथित तौर पर अगवा करके उनका धर्म परिवर्तन करवा दिया था. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद के इंडियान हाई कमिशन से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के तत्कालीन सूचना व प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन के बीच ट्विटर पर 'जंग' छिड़ गई थी.
हांगकांग में सरकार विरोधी हजारों प्रदर्शनकारी रविवार को एक रैली निकाल रहे हैं, जो शहर को चीन से जोड़ने वाले रेलवे स्टेशन तक जाएगी। प्रदर्शनकारियों का लक्ष्य विरोध प्रदर्शन के जरिए शहर में चीन समर्थक नेताओं पर दबाव बढ़ाना है। बता दें कि हांगकांग में सोमवार को बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुआ था। हजारों युवाओं, नकाब लगाए हुए प्रदर्शनकारियों ने संसद में घुसने का प्रयास किया था।
हांगकांग में पिछले एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है। पुलिस के साथ लोगों की झड़पें भी हुई हैं। यह प्रदर्शन एक कानून के कारण किया जा रहा है जिसके जरिए लोगों को मुकदमे का सामना करने के लिए चीन भेजे जाने का प्रावधान है। सिम शा सूई में एक पार्क से रविवार की दोपहर रैली की शुरूआत हुई। चीनी पर्यटकों के बीच शहर का यह हिस्सा काफी लोकप्रिय है ।
आयोजकों का कहना है कि मार्च के जरिए वह शहर में आए चीन के लोगों को बताना चाहते हैं कि यह प्रदर्शन किसलिए चल रहा है। प्रदर्शनकारी विधेयक को पूरी तरह वापस लेने, पुलिस द्वारा आंसू गैस और रबड़ की गोलियों के इस्तेमाल की स्वतंत्र जांच कराने, गिरफ्तार लोगों के लिए माफी और शहर की गैर निर्वाचित नेता केरी लाम के पद से हटने की मांग कर रहे हैं।
बीजिंग, प्रेट्र। वैसे तो चीन का शंघाई शहर अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ-साथ खूबसूरत इमारतों, परिदृश्यों और सांस्कृतिक विविधता के लिए भी जाना जाता है, लेकिन हत्या के एक वारदात नें लोगो को दहशत में दल दिया, जब शुक्रवार को पत्नी की हत्या करके उसके शव को 100 दिनों तक फ्रीजर में रखने के मामले में शख्स को मृत्युदंड की सजा दी गई है.
कपड़े की दुकान में क्लर्क के तौर पर कार्यरत झू ने पत्नी की हत्या के बाद उसके शव को 106 दिनों तक फ्रीजर में छिपा कर रखा. इस दौरान उसने पत्नी के सोशल मीडिया अकाउंट पर लॉग इन कर दोस्तों व रिश्तेदारों को मैसेज भी भेजा. बता दें कि झू ने यह फ्रीजर ऑनलाइन खरीदा था. इस दौरान उसने अपनी पत्नी यांग लिपिंग के क्रेडिट कार्ड से लगभग 150,000 युआन (21,800 अमेरिकी डॉलर) खर्च किए. यांग (30 वर्ष) अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी. झू ने अगस्त में शंघाई नंबर - 2 ‘इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट’ द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ अपील की थी. खबर में कहा गया है कि शंघाई हायर पीपुल्स कोर्ट ने शुक्रवार को सजा बरकरार रखी.
झू ने मृत्यु दंड के खिलाफ कोर्ट में अपील दर्ज कराई जिसे शंघाई नंबर 2 इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट की अदालत ने अगस्त में खारिज कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया कि शंघाई हायर पीपुल्स कोर्ट ने शुक्रवार को मृत्युदंड की पुष्टि की. शादी के दस माह बाद 17 अक्टूबर 2016 को पत्नी यांग से बहस के दौरान झू ने उसकी हत्या कर दी.
30 वर्षीय झू शियाओडोंग ने हत्या के बारे में भूलने का प्रयास किया और इसके लिए एक अन्य महिला के साथ घूमता फिरता रहा. दूसरी महिला के साथ घूमने में अपनी पत्नी यांग पिंग के क्रेडिट कार्ड से 150,000 युआन यानि 21,800 डॉलर की रकम खर्च कर दी ताकि पत्नी की हत्या को वह दिमाग से निकाल सके. यांग अपने पिता की इकलौती संतान थी.
इस्लामाबाद। पाकिस्तान और भारत ने मंगलवार को करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने तथा संबंधित तकनीकी मुद्दों के मसौदा समझौते पर चर्चा हेतु दूसरी बैठक करने का फैसला किया। गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले में मौजूद डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं के वीजा मुक्त आवागमन में मदद करेगा। श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल परमिट लेना होगा। सिख धर्म की नींव रखने वाले गुरू नानक देव ने 1522 ईसवी में करतारपुर साहिब की स्थापना की थी।
लाहौर। सऊदी अरब से उमरा करके वापस लौटे दो पाकिस्तानियों की रंजिश के चलते लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटना से हवाई अड्डे के लाउंज में मौजूद सैकड़ों लोगों में दशहत फैल गई। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने पुलिस के हवाले से बताया कि इन लोगों की लाहौर के अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय आमद लाउंज में सुबह 10 बजे हत्या कर दी गई।
इस घटना में एक व्यक्ति घायल भी हो गया। खबर में बताया गया कि हवाई अड्डा सुरक्षा कर्मियों ने घटना के संदिग्धों अरशद और शान को हिरासत में ले लिया है।
पुलिस का कहना है कि संदिग्ध एक टैक्सी से हवाई अड्डे पहुंचे थे। निजी रंजिश के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया। खबर में कहा गया कि गोलियां चलने से लाउंज में मौजूद सैकड़ों लोगों में भय व्याप्त हो गया। परिसर की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसबल हवाई अड्डे पर पहुंच गया है। फॉरेंन्सिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। हवाई अड्डे का प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिया गया है।
जिन संस्थाओं को शेयर मिलेंगे, उनमें बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन भी शामिल
2006 से अब तक बफे 2.35 लाख करोड़ रुपए के शेयर डोनेट कर चुके
बफे ने बर्कशायर हैथवे के अपने शेयर कभी नहीं बेचे, पूरे दान करेंगे
ओमाहा (यूएस). निवेशक और कारोबारी वॉरेन बफे बर्कशायर हैथवे के 3.6 अरब डॉलर (24840 करोड़ रुपए) की वैल्यू के 1.68 करोड़ शेयर दान में देंगे। ये शेयर 5 संस्थाओं- बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सुसान थॉम्पसन बफे फाउंडेशन, शेरवुड फाउंडेशन, हॉवर्ड जी बफे फाउंडेशन और नोवो फाउंडेशन को दिए जाएंगे। बफे की कंपनी बर्कशायर ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बफे ने 2006 से अब तक अपने 45% शेयर दान किए
बफे ने 2006 में ऐलान किया था कि परोपकार के कामों के लिए हर साल शेयर दान करेंगे। उस साल बफे ने 1.5 अरब डॉलर के शेयर डोनेट किए थे। बर्कशायर हैथवे के मुताबिक बफे ने कंपनी में अपने शेयर कभी नहीं बेचे।
बर्कशायर में 2006 में बफे की जितनी शेयरहोल्डिंग थी उसका 45% पांच फाउंडेशंस को दान दे चुके हैं। अब तक डोनेट किए गए शेयरों की कुल वैल्यू 34 अरब डॉलर (2.35 लाख करोड़ रुपए) होती है।
पिछले हफ्ते वॉलमार्ट के उत्तराधिकारी जिम वॉल्टन ने 1.2 अरब डॉलर के शेयर दान करने के फैसले की जानकारी दी थी। होम डिपोट कंपनी के को-फाउंडर बर्नी मारकस ने भी बीते हफ्ते ऐलान किया कि 4.5 अरब डॉलर की पूरी संपत्ति दान करेंगे।
अमेरिका में इस बात पर बहस भी छिड़ी हुई है कि आय में असमानता और दूसरे आर्थिक असंतुलनों की समस्या के निपटारे में अमीरों को अपने धन का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। निवेशक-समाजसेवी जॉर्ज सोरोस और फेसबुक के को-फाउंडर क्रिस हग्स ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पिछले हफ्ते संपत्ति कर (वेल्थ टैक्स) लगाने का मुद्दा उठाया था।
जनवरी 2014 से लेकर 27 जून 2019 तक अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर 2,075 लोग मरे
इस साल मई तक अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर 6 लाख लोग सीमा पार करते हुए पकड़े गए
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दक्षिण-पश्चिम (मैक्सिको) सीमा पर मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 31 हजार 733 करोड़ रु. के बिल पर दस्तखत कर दिए। अमेरिकी कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही सीमा पर सहायता के लिए बिल को मंजूरी दी थी। व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि देश के दक्षिण-पश्चिम सीमा पर प्रवासी संकट से निपटने, मानवीय सहायता और सुरक्षा के लिए आपातकालीन सीमा सहायता बिल को मंजूरी दे दी गई है।
बीते दिनों मैक्सिको से अमेरिका जा रहे ऑस्कर अलबर्टो मार्टिनेज रामिरेज अपनी बेटी वैलेरिया के साथ रियो ग्रांड नदी पार करते समय डूब गए। अलबर्टो 23 महीने की बेटी को अपनी टी-शर्ट में फंसाकर नदी पार कर रहे थे। अलबर्टो और उनकी बेटी की नदी किनारे डूबे हुई तस्वीर को देख पूरी दुनिया भावुक हो गई थी।
अब तक 32,182 माइग्रेंट्स की मौत हुई
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन के मुताबिक, जनवरी 2014 से लेकर 27 जून 2019 तक 32,182 माइग्रेंट्स की मौत हुई। जबकि, इसी दौरान अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर 2,075 लोग मरे। वहीं, अमेरिका के कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, 2000 में जहां 16 लाख से ज्यादा लोगों को सीमा में घुसते हुए पकड़ा गया था, वहीं 2018 में चार लाख लोगों को पकड़ा गया। लेकिन, इस साल मई तक अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर छह लाख लोगों को सीमा पार करते हुए पकड़ा जा चुका है।
महात्मा गांधी नेशनल फाउंडेशन के चेयरमैन एबी जे जोस ने शराब कंपनी माका ब्रेवरी के खिलाफ शिकायत की
जोस ने कहा- फोटो में गांधीजी को कूलिंग ग्लास, टी-शर्ट और ओवरकोट पर दिखाया गया
तिरुवनंतपुरम. इजराइल की कंपनी माका ब्रेवरी ने शराब की बोतलों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो लगाई। इसके खिलाफ केरल के महात्मा गांधी नेशनल फाउंडेशन के चेयरमैन एबी जे जोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की। जोस ने रविवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी पत्र लिखा। उन्होंने शराब कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जोस ने कहा- गांधीजी का मजाक उड़ाया गया
शिकायत में लिखा कि इजरायल के ताफेन औद्योगिक क्षेत्र स्थित माका ब्रेवरी कंपनी ने अपनी शराब की बोतलों और केनों पर महात्मा गांधी के फोटो छापे हैं। यह फोटो अमित शिमोनी नाम के व्यक्ति ने डिजाइन किया है।
जोस ने इसे शराब निर्माता कंपनी की और से अनुचित आचरण करार दिया। उन्होंने कहा, “गांधीजी का मजाक उड़ाया गया है। अमित की वेबसाइट ‘हिपस्ट्रॉरी डॉट कॉम’ पर गांधीजी के फोटो को कूलिंग ग्लास, टी-शर्ट और ओवरकोट पर दिखाया गया है।”
फाउंडेशन के चेयरमैन ने मोदी और नेतन्याहू से राष्ट्रपिता के फोटो को शराब की बोतलों और वेबसाइटों से हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। दुनिया उन्हें अहिंसा का प्रेरणा स्त्रोत मानती है।
बापू ने आजीवन शराब का विरोध किया
जोस ने कहा कि गांधीजी ने शराब के उपभोग और प्रचार के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। वे आजीवन शराब के खिलाफ रहे। गांधीजी ने एक बार कहा था कि सत्ता मिलने के बाद वे एक ही बार में सभी शराब निर्माण कंपनियों और उसकी बिक्री बंद कर देंगे।
जापान में जी-20 समिट के दौरान अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति मिले
मीटिंग के बाद ट्रम्प ने कहा- बेहतर वार्ता हुई, हम फिर से ट्रैक पर आए
यूएस-चीन के ट्रेड वॉर से ग्लोबल इकोनॉमी मुश्किल में, इसलिए दोनों के बीच व्यापार वार्ता अहम
अमेरिका ने पिछले महीने वार्ता बंद कर चीन के आयात पर शुल्क बढ़ा दिया था
ओसाका (जापान). अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं। ट्रम्प ने कहा है कि चाइनीज इंपोर्ट पर नए शुल्क नहीं लगाए जाएंगे। जापान के ओसाका में जी-20 समिट में शनिवार को ट्रम्प और जिनपिंग की मुलाकात हुई। आयात शुल्क का मुद्दा इसलिए अहम है क्योंकि दोनों देशों के बीच पिछले साल शुरू हुए ट्रेड वॉर की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था मुश्किल में आ गई है। क्योंकि, अमेरिका और चीन दुनिया के प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देश हैं।
ट्रम्प, जिनपिंग की बैठक 80 मिनट चली: रिपोर्ट
चीन के मीडिया के मुताबिक ट्रम्प और जिनपिंग की मीटिंग 80 मिनट चली। बैठक के बाद ट्रम्प ने कहा- वार्ता जितनी बेहतर हो सकती थी उतनी हुई। चीन के साथ बातचीत जारी रहेगी। हम फिर से ट्रैक पर हैं।
ट्रम्प ने वार्ता से पहले कहा था कि वे पहले भी स्थाई व्यापारिक सौदे के लिए तैयार थे। उन्होंने पिछली वार्ताओं का जिक्र करते हुए कहा- मुझे लगता है कि हम डील के बहुत करीब थे लेकिन थोड़ी रुकावट आ गई। अब हम थोड़ा करीब आ रहे हैं। हम निष्पक्ष डील कर पाए तो यह ऐतिहासिक होगी।
अमेरिका ने पिछले महीने 200 अरब डॉलर के चाइनीज इंपोर्ट पर शुल्क बढ़ाया था
अमेरिका और चीन के बीच पिछले साल मार्च में ट्रेड वॉर शुरू हुआ था। दोनों देश एक-दूसरे के अरबों डॉलर के आयात पर शुल्क बढ़ा चुके हैं। नवंबर में डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग जी-20 में मिले तो ट्रेड वॉर खत्म करने के लिए व्यापार वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी। उस वक्त ट्रम्प इस बात के लिए राजी हुए थे कि मार्च तक टैरिफ नहीं बढ़ाएंगे। वार्ता जारी रहने की वजह से मार्च में फिर से डेडलाइन बढ़ा दी गई। लेकिन, पिछले महीने ट्रम्प ने चीन पर सौदेबाजी का आरोप लगाते हुए वार्ता खत्म कर दी और चीन के 200 अरब डॉलर (14 लाख करोड़ रुपए) के इंपोर्ट पर आयात शुल्क 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 1 जून से 60 अरब डॉलर के अमेरिकी इंपोर्ट पर शुल्क बढ़ा दिया।
1992 में एपल ज्वॉइन की थी, प्रोडक्ट्स के अलावा एपल पार्क कैंपस भी डिजाइन किया
सीईओ टिम कुक ने कहा- एपल के रिवाइवल में जॉनी की अहम भूमिका
एपल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने भी जॉनी की तारीफ की थी
जॉनी के कंपनी छोड़ने की खबर एपल के शेयर में 1% गिरावट, मार्केट कैप 63 हजार करोड़ रु. घटा
सैन फ्रांसिस्को. एपल के चीफ डिजाइन ऑफिसर जॉनी आइव 27 साल बाद कंपनी छोड़ रहे हैं। एपल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। जॉनी इस साल के आखिर तक पद छोड़ देंगे। उन्होंने 1992 में एपल ज्वॉइन की थी। आईपॉड, आईफोन, आईपैड और मैकबुक उन्होंने ही डिजाइन किए थे।
जॉनी खुद की डिजाइन कंपनी शुरू करेंगे
एपल के सीईओ टिम कुक ने कहा है कि डिजाइन की दुनिया में जॉनी विशिष्ट व्यक्ति हैं। एपल के रिवाइवल में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 1998 में आईमैक से लेकर आईफोन तक उनकी अहम भूमिका रही। अति महत्वाकांक्षी एपल पार्क कैंपस में उन्होंने बहुत ज्यादा ऊर्जा लगाई।
जॉनी खुद की कंपनी शुरू कर रहे हैं। एपल उनके शुरुआती क्लाइंट्स में शामिल होगी। जॉनी एपल के कुछ खास प्रोजेक्ट्स के लिए भी काम करते रहेंगे। टिम कुक का कहना है कि एपल जॉनी की प्रतिभा का लाभ लेती रहेगी। एपल में उन्होंने शानदार और उत्साही टीम तैयार की है।
स्टीव जॉब्स के वक्त भी जॉनी एपल में प्रमुख सहयोगी थे। पत्रकार और लेखक वॉल्टर इसाकसन द्वारा लिखी गई जॉब्स की बायोग्राफी में भी इस बात का जिक्र है कि जॉनी को स्टीव जॉब्स बहुत पसंद करते थे। जॉब्स ने उन्हें पार्टनर इन ड्रीमिंग अप डिवासेज कहा था। जॉब्स ने जॉनी को स्प्रिचुअल पार्टनर भी बताया था। जॉब्स ने कहा था कि वे और जॉनी प्रोडक्ट के बारे में उच्च स्तरीय और समानांतर सोच रखते हैं।
एपल से अलग होने के फैसले पर जॉनी ने कहा- एपल में करीब 30 साल तक अनगिणत प्रोजेक्ट्स पर काम करने पर गर्व है। एपल के इतिहास में मौजूदा दौर सबसे अच्छा है। कंपनी इस वक्त सबसे ज्यादा मजबूत, उत्साहित और प्रतिभावान है।
एपल ने कहा है कि डिजाइन टीम के इवान्स हैनके और एलन डाय कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ विलियम्स को रिपोर्ट करेंगे। जॉनी ने कहा है कि इवान्स, एलन और जेफ के नेतृत्व में डिजाइन टीम आगे बढ़ती रहेगी।
जॉनी के कंपनी छोड़ने की खबर से गुरुवार को एपल के शेयर में 1% गिरावट आ गई। इससे कंपनी का मार्केट कैप 9 अरब डॉलर (63 हजार करोड़ रुपए) घटकर 910 अरब डॉलर रह गया।
ट्रम्प ने मोदी को अच्छा दोस्त बताया, कहा- दोनों देशों में पहले कभी इतनी नजदीकी नहीं रही
जापान, भारत और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय बातचीत हुई, जिसे 'जय' नाम दिया गया
ओसाका. जापान के शहर ओसाका में दो दिवसीय जी-20 समिट शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच समिट के इतर त्रिपक्षीय बैठक हुई। इसके बाद ट्रम्प और मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हुई। इस मौके पर ट्रम्प ने मोदी से कहा कि हम काफी अच्छे दोस्त हैं। हमारे देशों में इससे पहले कभी इतनी नजदीकी नहीं रही।" दोनों के बीच व्यापार, डिफेंस, ईरान और 5जी कम्युनिकेशन नेटवर्क जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई। हालांकि, विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि इस बातचीत में रूस के साथ एस-400 मिसाइल डील का मसला नहीं उठा।
ट्रम्प ने मोदी से कहा- "आपको आम चुनावों में जीत की बधाई। आप इस जीत के योग्य हैं। आप शानदार काम कर रहे हैं। हमें कई बड़ी चीजों का ऐलान करना है। मैं दोनों देशों के बीच बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए आपको बधाई देता हूं।"
मोदी ने कहा- मैं आपका आभारी हूं
इससे पहले मोदी ने कहा, ‘‘मेरे नए कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे आपसे मुलाकात करने का मौका मिला। मैं समझता हूं कि खुशी की बात है। मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं, क्योंकि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में और भारी बहुमत के साथ जनता ने हमें मेंडेट दिया है। स्थायी सरकार के लिए मतदान किया है। इसके फौरन बाद आपने मुझे टेलीफोन पर बधाई दी। हाल ही में पोम्पियो भी भारत दौरे पर आए और एक चिट्ठी में आपका मजबूत संदेश लेकर आए। यानी भारत के प्रति आपका जो नाता है। भारत के प्रति जो प्यार है, जो आपने अभिव्यक्त किया है। इसके लिए मैं आपका आभारी हूं।’’
ट्रम्प ने कहा था- भारत का टैरिफ अस्वीकार्य है
मोदी से मुलाकत से पहले ट्रम्प ने कहा था कि भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाया जाने वाला उच्च टैरिफ अस्वीकार्य है। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं में व्यापार पर चर्चा हुई, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि टैरिफ का मुद्दा उठा कि नहीं।
मोदी, ट्रम्प और आबे मिले
जापान, इंडिया और अमेरिका की त्रिपक्षीय बातचीत हुई। इसे जापान, इंडिया और अमेरिका यानी 'जय' नाम दिया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया, ‘‘हम एक बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। ओसाका में जय की त्रिपक्षीय बैठक हुई। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने नेताओं का स्वागत किया। अमेरिका ने मोदी और आबे को चुनाव में मिली जीत पर बधाई दी। मोदी ने जय से भारत के जुड़ने की अहमियत को बताया।’’
मोदी ने ब्रिक्स की मीटिंग में कहा- आतंकवाद मानवता के लिए खतरा
ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह सिर्फ मासूमों की जान ही नहीं लेता, बल्कि यह आर्थिक विकास और सामाजिक शांति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। हमें आतंकवाद की मदद करने वाले सभी माध्यमों को रोकने की जरूरत है।"
एक्सपर्ट व्यू: हर्ष वी पंत (विदेश मामलों के जानकार)
समिट में भारत, अमेरिका और चीन का फोकस ट्रेड विवाद सुलझाने पर
जी-20 दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। इस बार इसमें ग्लोबल इकोनॉमी, आतंकवाद, ट्रेड, जलवायु परिवर्तन, वुमेन इम्पॉवरमेंट, रोजगार समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। समिट के अलावा सदस्य देश इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय समझौतों के लिए करते हैं। अमेरिका, चीन और भारत का इस बार का सबसे बड़ा फोकस ट्रेड को लेकर रहेगा। भारत समिट में सुपर पॉवर बनकर उभर सकता है। 2008 में वित्तीय संकट से उबरने के लिए अमेरिका ने इस मंच का इस्तेमाल किया था। इसके बाद से अमेरिका हर जी-20 में सबसे ज्यादा फोकस व्यापार और इकोनॉमिक ग्रोथ पर करता है। अमेरिका हमेशा सीधे डील में विश्वास करता है। जबकि रूस, चीन, भारत मल्टीलेटरल डील में विश्वास करते हैं। भारत के लिहाज से समिट में सबसे अहम बात मोदी-ट्रम्प, जिनपिंग-मोदी के बीच की बैठकों के नतीजों से तय होगी। इसके अलावा मोदी मैरीटाइम और सामरिक समझौते भी कर सकते हैं।
दिसंबर 2018 के बाद पहली बार जी-20 समिट में ट्रम्प और पुतिन की मुलाकात हुई
डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प की जीत सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी चुनाव में रूस के दखल का आरोप लगाया था
आरोप पर सीनियर काउंसलर रॉबर्ट मुलर की रिपोर्ट आने के बाद ट्रम्प ने पुतिन से फोन पर बात भी की थी
ओसाका. जी-20 समिट के दौरान शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद दोनों नेता मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान ट्रम्प से रूस के अमेरिकी चुनाव में दखल पर सवाल किया गया। इस पर ट्रम्प ने मजाकिया लहजे में पुतिन से कहा- अमेरिका के चुनाव में दखल ना देना।
पुतिन के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे: ट्रम्प
ट्रम्प ने समिट से इतर पुतिन से मुलाकात भी की। ट्रम्प ने कहा- पुतिन के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं। इस रिश्ते से कई सकारात्मक चीजें सामने आने वाली हैं।
ट्रम्प ने बताया- हमारे पास चर्चा के लिए कई मुद्दे हैं। इसमें व्यापार और सुरक्षा से संबंधित मामले हैं। यह बेहद सकारात्मक है। उनके साथ मेरी बातचीत बहुत अच्छी रही। मगर मैंने उनसे क्या कहा? इससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए।
डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प की जीत सुनिश्चित करने के लिए मॉस्को पर अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई बार प्रदर्शन भी हुए थे।
सीनियर काउंसलर रॉबर्ट मुलर ने इस पर 448 पेज की रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें कहा गया कि रूसी सेना के अधिकारियों ने डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी। रिपोर्ट के मुताबिक- मुलर की इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद ट्रम्प ने पुतिन को फोन किया था। दिसंबर 2018 में अर्जेंटीना में हुई जी-20 समिट के दौरान दोनों के बीच बातचीत होनी थी। मगर ट्रम्प ने मना कर दिया था।