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अबुजा। नाइजीरिया के कदुना में ईसाई और मुस्लिम युवाओं के बीच हुई हिंसक सांप्रदायिक झड़प में कम से कम 55 लोगों की मौत होने के बाद प्रशासन ने 24 घंटे के कर्फ्यू की घोषणा की है। गवर्नर नासिर अल-रूफई के हवाले से उनके प्रवक्ता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘ राज्य की सरकार ने कदुना और उसके आस-पास के इलाकों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है।'

बयान में कहा गया, “गवर्नर ने यहां रहने वाले सभी लोगों से शांति बनाने की अपील की है।' दरअसल कासुवान मगानी बाजार में सामान ढोने वाले लोगों के बीच हुए एक विवाद के बाद यहां हउसा मुस्लिम और अदारा ईसाई युवाओं के बीच इस सप्ताह हिंसक झड़प शुरू हो गई। कदुना के पुलिस आयुक्त अहमद अब्दुर ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि हिंसा के सिलसिले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस्लामाबाद। दिवालिया होने की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने शनिवार को दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से आखिरी बार कर्ज लिया जा रहा है। हालांकि, पाकिस्तान के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा नकदी संकट से निपटने के लिए आईएमएफ के कर्ज की शायद जरूरत नहीं पड़े। पाकिस्तान इससे पहले भी 12 बार आईएमएफ से कर्ज ले चुका है। पाकिस्तान की पिछली सरकारों ने भी विभिन्न मौकों पर आईएमएफ से लिये गये कर्ज के आखिरी होने का मौके-बेमौके दावा किया था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने 2013 में इसी तरह के संकट से बचने के लिए आईएमएफ से 6.6 अरब डॉलर का कर्ज लेने के बाद ऐसा ही दावा ही किया था।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने कराची शेयर बाजार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह आईएमएफ से लिया जाने वाला 13वां और अंतिम कर्ज है। हम तेजी से दिवालिया होने की ओर बढ़ रहे हैं। हमें 21 करोड़ पाकिस्तानियों का बचाव करना है।’’ कमर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ ही रोज पहले पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने आने वाले साल में मुद्रास्फीति के 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने तथा आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने के लक्ष्य से पीछे रह जाने की चेतावनी दी है।
 
पाकिस्तान की मौजूदा सरकार आईएमएफ से लिये जा रहे 13वें कर्ज के बारे में विरोधाभासी बयान दे रही है। उमर के इस बयान से पहले इमरान ने इसी सप्ताह कहा था कि संभवत: आईएमएफ से इस कर्ज की जरूरत नहीं पड़े। आईएमएफ का एक दल कर्ज की शर्तों पर बातचीत के लिए नवंबर की शुरुआत में पाकिस्तान आने वाला है।

काबुल। अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव में हुई हिंसा में शनिवार को लगभग 170 लोग हताहत हुए है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि एक ताजा हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने काबुल के एक मतदान केन्द्र में खुद को उड़ा लिया जिससे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गये। इस तरह अफगानिस्तान की राजधानी में मृतकों की संख्या 19 पहुंच गई जबकि लगभग 100 लोग घायल है।

विस्फोट की तत्काल किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन तालिबान ने इससे पूर्व कहा था कि उसने ‘‘फर्जी चुनाव’’ पर 300 से अधिक हमलों को अंजाम दिया। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हिंसा से मतदान बाधित हुआ। उत्तरी कुंदुज शहर में तीन लोगों की मौत हुई और 39 अन्य घायल हो गये। प्रांतीय आईईसी निदेशक मोहम्मद रसूल उमर ने बताया कि कुंदुज शहर से कई किलोमीटर दूर एक मतदान केन्द्र पर तालिबान हमले में स्वतंत्र निर्वाचन आयोग (आईईसी) के कर्मचारी की मौत हो गई और सात अन्य लापता हो गये। कई मतपत्र बक्सों को भी नष्ट कर दिया गया।
 
प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वी प्रांत नांगरहार में आठ विस्फोट हुए जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गये। चुनाव आयोजकों ने बताया कि प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार 27 प्रांतों में मतदान केन्द्रों में कम से कम 15 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। कई मतदान केन्द्रों पर हिंसा हुई जिसके कारण इन केन्द्रों को नहीं खोला जा सका और मतदाता घंटों पंक्तियों में खड़े रहे।
 
तालिबान ने ‘‘अपने जीवन की रक्षा के लिए’’ मतदाताओं को चुनावों का बहिष्कार किये जाने की चेतावनी दी थी। चुनाव आयोजकों का कहना है कि मतदाता पंजीकरण सूचियों और बॉयोमीट्रिक सत्यापन उपकरणों में गड़बड़ी के कारण विलंब होने से 371 मतदान केन्द्रों पर रविवार तक मतदान की अवधि बढाई जायेगी। हिंसा के खतरे के बावजूद प्रमुख शहरों में मतदान केन्द्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता दिखाई दिये जहां उन्होंने कई घंटों तक मतदान केन्द्र खुलने का इंतजार किया। 
 
लंबे समय बाद हो रहे संसदीय चुनाव के लिए लगभग 90 लाख मतदाता पंजीकृत थे। हमले के बाद कंधार में मतदान में एक सप्ताह तक का विलंब हुआ। चुनावी मैदान में उतरे 2,500 से अधिक उम्मीदवारों में से कम से कम 10 उम्मीदवारों की चुनाव से पहले हत्या कर दी गई थी। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मतदान की शुरुआत में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने ‘‘हर अफगानी,युवाओं और वृद्धों, महिलाओं और पुरूषों’’ से मतदान करने का आग्रह किया। शुरूआती परिणाम 10 नवम्बर को जारी किये जायेगे लेकिन इस तरह की चिंताएं है कि यदि बायोमीट्रिक सत्यापन उपकरण टूटे हुए या नष्ट पाये जाते है तो समस्या हो सकती है।

न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के पद से इस्तीफा देने के बाद निक्की हेली अमेरिका से जुड़े मुद्दों पर निष्पक्ष राय दे रही हैं। गुरुवार को न्यूयॉर्क में एनुअल डिनर के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को संयुक्त राष्ट्र में उनके आखिरी भाषण और विवादित इमिग्रेशन पॉलिसी के लिए घेरा। ट्रम्प के लिए उन्होंने यह भी कहा कि वे हर विरोधी को दुश्मन न समझें।
फोन करके सुझाव देते हैं लोग
भाषण में निक्की ने कहा, ‘‘लोग अक्सर फोन करके सलाह देते हैं कि मुझे क्या करना चाहिए। एक व्यक्ति ने सुझाव दिया कि किसी भी स्थिति में राष्ट्रपति ट्रम्प का मजाक मत उड़ाना।’’ निक्की ने हंसते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने सुबह मुझे बुलाया और कुछ अच्छी सलाह दी। अगर मैं हंसना चाहती हूं तो ट्रम्प की बताई उपलब्धियों को याद कर लेती हूं।
राष्ट्रपति के यूएन वाले भाषण पर हुई थी बहस
निक्की ने कहा, ‘देश में इस पर भी बहस हो चुकी है कि लोग संयुक्त राष्ट्र में राष्ट्रपति के साथ हंसे थे या उन पर हंसे थे।’ संयुक्त राष्ट्र में राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिकी इतिहास में उनका प्रशासन सबसे ज्यादा सफल रहा। यह सुनते ही संयुक्त राष्ट्र में मौजूद सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि हंसने लगे थे।
निक्की के मुताबिक, ‘‘जब राष्ट्रपति को मेरे भारतीय होने का पता लगा तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरे ताल्लुक एलिजाबेथ वॉरेन की जनजाति से भी हैं।’’ वॉरेन डेमोक्रेट की सांसद हैं। दावा है कि वॉरेन स्थायी अमेरिकीवंशी हैं। इस संबंध में हाल ही में एक डीएनए रिपोर्ट भी जारी हुई थी।
घरवालों को ‘गुप्त ठिकानों’ पर रखती हूं
हेली ने कानूनी-गैरकानूनी इमिग्रेशन, परिवारों को जबरन अलग और डिपोर्ट करने को लेकर भी ट्रम्प को फटकारा। निक्की ने कहा कि मैं भारतीय मूल की हूं। मेरे माता-पिता भारत से आकर यहां बसे। वे कानूनन प्रवासी हैं। इसके बावजूद मुझे उनकी सुरक्षा को लेकर डर लगता है। इस वजह से मैं अपने अभिभावकों को ‘गुप्त ठिकानों’ पर रखती हूं।
राजनीतिक माहौल पर निक्की ने कहा, ‘‘मैंने दोनों दलों के कुछ लोगों को सुना है। वे अपने विरोधियों को दुश्मन या शैतान की तरह देखते हैं। अमेरिका में हमारे राजनीतिक विरोधी हमारे दुश्मन नहीं हैं। दक्षिणी सूडान में रेप को जंग में हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह शैतानी हरकत है।’’
भारतीय मूल की निक्की ने कहा कि सीरिया में मासूम बच्चों को मारने के लिए केमिकल हथियार इस्तेमाल होते हैं। यह शैतानी हरकत है। उत्तरी कोरिया में अमेरिकी छात्र ओट्‌टो वार्मबिर को मौत होने तक प्रताड़ित किया गया। यह शैतानी हरकत है।

  • भारत ने हाल ही में रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा था
  • अब ट्रम्प प्रशासन चाहता है कि भारत अमेरिका से एफ-15 लड़ाकू विमान खरीदे
  • भारत के मुताबिक, एफ-15 ब्रह्मोस के लायक नहीं

वॉशिंगटन/नई दिल्ली. भारत ने इसी महीने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर समझौता किया। इसके बाद से ही देश पर अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों की तलवार लटक रही है। अब इस परिस्थिति से निकालने के लिए खुद वॉशिंगटन ने नई दिल्ली को अनाधिकारिक सुझाव दिया है। अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत उससे एफ-15 लड़ाकू विमान खरीदने पर हामी भर दे तो वह कानूनी प्रतिबंधों से बच सकता है। 

भारत नहीं खरीदना चाहता एफ-15 लड़ाकू विमान

  1.  

    इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में ही अमेरिका ने भारत को प्रतिबंध से बचने के लिए एफ-15 खरीदने की सलाह दी थी। 

     

  2.  

    भारत ने अभी तक एफ-15 विमान खरीदने के लिए अमेरिका से हामी नहीं भरी है। दरअसल, एफ-15 पहले ही तीन दशकों से पाकिस्तानी एयरफोर्स में सेवाएं दे रहा है। ऐसे में भारत एफ-15 खरीदने पर दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। 

     

  3.  

    दूसरी तरफ अमेरिका का कहना है कि भारत को जिन विमानों का प्रस्ताव दिया गया है वे पाकिस्तान के ब्लॉक-50/52 से एडवांस ब्लॉक-70 मॉडल हैं। इसके अलावा भारत का तर्क है कि एफ-15 लड़ाकू विमान स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल के अनुकूल नहीं है। 

     

  4. ट्रम्प चाहते हैं- रूस से खरीदा तो हमसे भी खरीदो

     

    अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत को दोनों तरफ संतुलन बनाने के लिए कह रहे हैं। वे चाहते हैं कि अगर भारत को प्रतिबंधों में छूट चाहिए तो उसे अमेरिका के साथ रूस से बेहतर समझौता करना होगा। 

     

  5. अमेरिका ने भारत को दिया एफ-15 और एफ-18 फाइटर का प्रस्ताव

     

    अमेरिका ने भारत को एफ-15 और एफ-18 दोनों विमानों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन एफ-15 की तकनीक भारत को देना ट्रम्प प्रशासन के लिए आसान होगा। कुछ समय पहले ही भारत ने 114 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (आरएफआई) जारी की थी। एेसे में अमेरिका एफ-15 विमान खरीदने के लिए भारत पर दबाव बनाना चाहता है।

कराची। पाकिस्तान में सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी से कहा गया कि या तो वह कार्यस्थल पर हिजाब न पहने या इस्तीफा दे दे। मुस्लिम बहुल देश में इस तरह का यह पहला मामला है। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई, जिसके चलते क्रिएटिव केओस कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाद कादिर को इस्तीफा देना पड़ा। महिला को उसके लाइन मैनेजर ने बताया कि वह अपनी नौकरी तभी सुरक्षित रख सकती हैं जब वह वह अपना हिजाब पहनना छोड़ेंगी।


बीजिंग. चीन अपने आसमान में एक आर्टिफिशियल चांद स्थापित करने की योजना बना रहा है। इस चांद को 2020 में सिचुआन प्रांत के चेंगडू में जमीन से 80 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा। ऊंचाई कम होने से यह आर्टिफिशियल चांद असली चांद से 8 गुना ज्यादा चमकदार होगा।
स्ट्रीट लाइट का रिप्लेसमेंट साबित होगा
चेंगडू एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन वू चुनफेंड के मुताबिक- आर्टिफिशियल चांद से स्ट्रीट लाइट नहीं होने की समस्या खत्म हो जाएगी। इस चांद की रोशनी ही स्ट्रीट लाइट का काम करेगी।
वू के मुताबिक- आर्टिफिशियल मून से 80 किमी के इलाके में रोशनी हो सकेगी। यह पूछे जाने पर कि योजना कुछ असंभव-सी लगती है, वू ने कहा कि तकनीक पर सालों से काम हो रहा है और अब तो यह प्रोजेक्ट खत्म भी होने वाला है।
आर्टिफिशियल मून को लेकर लोगों में कुछ चिंताएं भी हैं। उनका कहना है कि रोशनी से जानवरों पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही खगोलीय घटनाओं को देखने में परेशानी होगी। हर्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर कांग वीमिन ने बताया- आर्टिफिशियल मून एकदम चमकदार नहीं होगा। यह धुंधली सी रोशनी देगा।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कोशिशें

यह पहली बार नहीं है कि जब इंसान ने रोशनी देने वाले किसी ऑब्जेक्ट को आकाश में भेजा हो। ऐसी योजनाएं नाकाम साबित हुई हैं। सबसे आखिरी कोशिश रूस ने 2017 में की थी। 14 जुलाई 2017 को रूस ने कजाकिस्तान के बैकोनुर स्पेसपोर्ट से अंतरिक्ष में सोयूज रॉकेट से एक ऑब्जेक्ट भेजा था। इस ऑब्जेक्ट को चांद के बाद सबसे चमकदार माना गया था। एक महीने बाद ही प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम ने बताया कि वह कक्षा में स्थापित होने में विफल रहा।

सैन फ्रांसिस्को. स्पेस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी ब्लू ओरिजिन के संस्थापक और ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने दावा किया कि एक दिन एक लाख करोड़ लोग अंतरिक्ष में रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी स्पेस फर्म दूसरे ग्रहों को लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी।
लोग कम खर्च में कर सकेंगे अंतरिक्ष का इस्तेमाल
सैन फ्रांसिस्को में वायर्ड के 25वें वार्षिक सम्मेलन में बेजोस ने कहा, ‘‘इस लॉन्ग टर्म मिशन को पूरा होते देखने के लिए मैं जीवित नहीं रहूंगा।’’ बेजोस के मुताबिक, ब्लू ओरिजिन का टारगेट है कि लोग कम खर्च में अंतरिक्ष का इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने खुलासा किया कि अगले साल वे फर्म पर एक बिलियन डॉलर (7350 करोड़ रुपए) खर्च करेंगे। बेजोस ने कहा, ‘‘मैं पिछले 20 साल में इंटरनेट क्रांति देख चुका हूं, जिससे काफी कम वक्त में दूसरी चीजों में भी बदलाव आया। हमें अंतरिक्ष में भी इसी तरह की क्रांति की जरूरत है।’’ जेफ बेजोस को आमतौर पर अमेजन के सीईओ के रूप में जाना जाता है। हालांकि, कुछ समय पहले उन्होंने ब्लू ओरिजिन के प्रोजेक्ट अपनी निगरानी में होने की बात कही। बेजोस ने कहा था कि वह काफी महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोजेक्ट के लिए हमें हजारों कंपनियों के साथ की जरूरत है।

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