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पति और पत्नी के बीच झगड़े और फिर उनके अलगाव के कई मामले दुनियाभर से सामने आते रहते हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि वे एक-दूसरे की जान भी लेने में भी पीछे नहीं हटते हैं। लेकिन ईरान से एक ऐसी भयानक घटना सामने आई जिसे सुनकर इंसान सोच में पड़ जाए। एक पत्नी ने अपने पति को पहले मार दिया फिर उसके शरीर के टुकड़े करके उसकी बिरयानी खा गई।दरअसल, यह घटना ईरान की राजधानी तेहरान की है। यहां स्थित एस्‍लामशहर नामक एक जगह पर यह खौफनाक घटना सामने आई है। द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों के बीच लंबे समय से झगड़ा चल रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के बीच झगड़े का आलम यह था कि रोज दोनों एक दूसरे को पीटते थे। इन दोनों की शादी काफी पहले हुई थी और एक पांच साल की बेटी भी थी।रिपोर्ट के मुताबिक पति का एक अन्य महिला से अफेयर हो गया था। पत्नी को यह बात पसंद नहीं थी जबकि पति अपनी पत्नी को पसंद नहीं करता था क्योंकि वह उससे रोज झगड़ा करती थी। उधर पति भी रोज उसे और अपनी बेटी को पीटा करता था। एक दिन अचानक दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया और पति चाकू लेकर आ गया। फिर झगड़े के बीच में ही पत्नी ने चाकू छीन लिया।

अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि हमें सूचना मिली है कि रूस ने यूक्रेन के नागरिक व सरकारी ढांचे को तहस नहस करने के लिए तैयारी तेज कर दी है। हम जानते हैं कि यूक्रेन के नागरिकों व सरकारी ढांचे पर रूसी खतरा कायम है। पिछले करीब छह माह से जारी जंग के बीच रूस अब यूक्रेन पर फिर बड़ा प्रहार करने की तैयारी में है। अमेरिका ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर दी है कि रूस आने वाले दिनों में यूक्रेन के नागरिक प्रतिष्ठानों और सरकारी ढांचे पर धावा बोलने वाला है।अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि हमें सूचना मिली है कि रूस ने यूक्रेन के नागरिक व सरकारी ढांचे को तहस नहस करने के लिए तैयारी तेज कर दी है। हम जानते हैं कि यूक्रेन के नागरिकों व सरकारी ढांचे पर रूसी खतरा कायम है।

रूस की खुफिया एजेंसी ने फिलहाल आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की। उसने स्वीकार किया है कि वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के खिलाफ आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था।

भारत में किसी बड़े आत्मघाती हमले की साजिश रचने वाले इस्लामिक स्टेट के एक आतंकवादी को रूस ने पकड़ लिया। उसके बाद उस आतंकवादी ने जो खुलासे किए हैं, इससे जाहिर होता है कि भारत के खिलाफ कितनी बड़ी साजिश रची जा रही थी। भारत को दहलाने का पूरा गेम प्लान था। लेकिन अपने नापाक साजिश को अंजाम देने से पहले ही आतंकवादी भारत के दोस्त रूस के शिकंजे में फंस गया। आतंकवादी ने आपने खुलासे में साफ तौर पर कहा है कि वह भारत में किसी बड़े आतंकवादी हमले की तैयारी में था। उसने भारत को दहलाने के लिए तुर्की में ट्रेनिंग भी ली थी। वह मानव बम बन गया था और आत्मघाती हमले की फिराक में भारत पहुंचने वाला था। इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि यह आतंकी साजिश बेहद खतरनाक थी और इसे रचा था आईएस के आतंकियों ने। 

रूस की खुफिया एजेंसी ने फिलहाल आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की। उसने स्वीकार किया है कि वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के खिलाफ आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। सीपीआर की ओर से उससे पूछताछ का वीडियो सोमवार को जारी किया गया है जिसमें आतंकवादी का चेहरा धुंधुला किया गया है और वह टूटी-फूटी रूसी बोल रहा था। वीडियो में वह कह रहा है कि उसने अप्रैल 2022 में आईएसआईएस के ‘अमीर’ के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और एक विशेष प्रशिक्षण लिया था जिसके बाद वह रूस आया और यहां से भारत जाता। उसने कहा, “पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए आईएसआईएस के इशारे पर आतंकवादी हमला करने के लिए मुझे वहां चीजें दी जानी थीं।” रूस की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने बताया कि यह व्यक्ति एक मध्य एशियाई देश का रहने वाला है और उसने आत्मघाती हमला करने के लिए प्रशिक्षण लिया था। 

 

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी के दिल्ली ईकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के तत्कालीन प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर को लेकर विवादित टिप्पणियां की थी जिसके बाद मुस्लिम देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और पार्टी ने नुपुर को निलंबित और कुमार को निष्कासित कर दिया था। खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और इससे संबंधित सभी संगठनों को भारत में प्रतिबंधित किया गया है। वे इराक और सीरिया में कई हमले करने के लिए जिम्मेदार हैं। गृह मंत्रालय ने आतंकवादी समूह पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि भारत के युवाओं की संगठन में भर्ती और उन्हें कट्टर बनाया जाना देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है, खासकर जब ऐसे युवा भारत लौटते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव पड़ सकते हैं।

वकीलों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि प्रस्तावित वेतन वृद्धि को तुरंत प्रभावी नहीं बनाया जाएगा और यह केवल नए मामलों पर लागू होगा, न कि उन मामलों पर जो पहले से ही लंबित हैं और अदालतों द्वारा निपटाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों में आपराधिक मामलों को देखने वाले वकीलों ने देश में बढ़ती महंगाई के बीच वेतन समझौते की मांग को लेकर सोमवार को 5 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के पक्ष में मतदान किया। इंग्लैंड और वेल्स में अपराधों के आरोपियों पर मुकदमा चलाने और उनका बचाव करने वाले वकीलों का प्रतिनिधित्व करने वाले द क्रिमिनल बार एसोसिएशन ने कहा कि सदस्यों ने पूरी तरह से औद्योगिक कार्रवाई के लिए मतदान किया।

विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग की काउंसलर जी रोंग ने ट्वीट किया, "भारतीय छात्रों को बधाई। आपका धैर्य सार्थक साबित हुआ है।मैं वास्तव में,आपके उत्साह को साझा कर सकती हूं। चीन में आपका स्वागत है।"उनके ट्वीट ने नई दिल्ली में चीनी दूतावास द्वारा छात्रों, व्यापारियों और चीन में काम करने वालों के परिवारों के लिए वीजा शुरू करने की विस्तृत घोषणा का हवाला दिया।घोषणा के अनुसार, एक्स1-वीजा, उन छात्रों को जारी किया जाएगा जो उच्च शैक्षणिक शिक्षा के लिए लंबी अवधि की खातिर चीन जाना चाहते हैं। इनमें नए छात्रों के अलावा वे छात्र भी शामिल हैं जो अपनी पढ़ाई आगे जारी रखने के लिए चीन लौटना चाहते हैं।

पिछले दिनों फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे पार्टी करती नजर आ रही थीं। इस वायरल वीडियो के बाद इतना बवाल मचा कि सना मरीन को ड्रग्स टेस्ट कराना पड़ा। फिलहाल खबर है कि सना का ड्रग्स टेस्ट नेगेटिव आया है। फिनलैंड प्रधानमंत्री के कार्यालय ने सोमवार को उनके टेस्ट की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी।दरअसल, फिनलैंड के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि 19 अगस्त 2022 को प्रधानमंत्री सना मरीन ने टेस्ट दिया था। उनका ड्रग्स टेस्ट नेगेटिव आया है। इससे पहले खुद सना ने शुक्रवार को कहा था कि अटकलों को दूर करने के लिए मैंने ड्रग्स टेस्ट कराया है। उन्होंने यह बात स्वीकार की कि उन्होंने शराब पी थी लेकिन ड्रग्स लेने की बात से इनकार किया था।

कीव। युद्धग्रस्त यूक्रेन पर रूसी हमले लगातार जारी हैं इन हमलों के बीच यहां के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने देशवासियों को आगाह करते हुए कहा कि सोवियत शासन से आजादी के 31 साल पूरे होने के अवसर पर बुधवार को होने वाले समारोहों से पहले सतर्क रहे। जबकि क्रीमिया में कई विस्फोट हुए और एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास एक मिसाइल हमले में 12 नागरिक घायल हुए हैं। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनियों को 24 अगस्त के समारोह से पहले मास्को को ‘निराशा और भय फैलाने’ में सफल नहीं होने देना चाहिए। एक खबर के मुताबिक जेलेंस्की ने एक वीडियो पर में कहा कि ‘हम सभी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि इस हफ्ते रूस कुछ विशेष रूप से बदसूरत, कुछ विशेष रूप से शातिर कुछ करने की कोशिश कर सकता है।’ जेलेंस्की ने अपने भाषण में क्रीमिया में हाल ही में हुए विस्फोटों की एक हालिया सीरिज का भी उल्लेख किया। हालांकि यूक्रेन ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक कम से कम कुछ को उसकी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए नए उपकरणों से किया गया है। जबकि इलाके के गवर्नर ओलेह सिनेहब ने कहा कि यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव में कर्फ्यू बुधवार को पूरे दिन के लिए बढ़ाया जाने वाला है। कर्फ्यू आमतौर पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चलता है। खार्किव लगातार रूसी गोलाबारी की चपेट में है। सिनेहब ने नागरिकों को टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर लिखे एक संदेश में कहा कि घर पर रहें और चेतावनियों का ध्यान रखें। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को भी एक रूसी मिसाइल दक्षिणी यूक्रेनी शहर के एक परमाणु ऊर्जा स्टेशन से कुछ दूर एक आवासीय क्षेत्र में गिरी, जिसमें 14 नागरिक घायल हो गए। यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि पिवडेनौक्रेनस्क (दक्षिण यूक्रेन) परमाणु केंद्र पर हमले और यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया स्टेशन के पास ताजा गोलाबारी ने परमाणु दुर्घटना की आशंका को फिर से जगा दिया है।

किंशासा । कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य-डीआरसी के अस्थिरता वाले पूर्वी इलाके के उत्तरी किवु प्रांत में इबोला वायरस फिर कहर बरपा रहा है। इस इलाके में इबोला वायरस के संदिग्ध मामले की जांच की जा रही है। पिछली इबोला वायरस महामारी के अंत की घोषणा के कुछ हफ्ते बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अब इबोला वायरस का नया प्रकोप शुरू होने की आशंका जताई है।
खबरों के मुताबिक डीआरसी ने पिछले महीने की शुरुआत में अपने देश से इबोला महामारी के अंत की घोषणा की थी। जबकि दो महीने के बाद ही उत्तर-पश्चिमी भूमध्य रेखा के करीब के प्रांत में इबोला वायरस फिर से उभरा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इबोला के चार पुष्ट मामले और एक संदिग्ध मामला सामने आया है। जिनमें से सभी की मृत्यु हो गई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 1976 में जबसे इस बीमारी की खोज की गई, यह इस देश में इबोला वायरस का 14 वां प्रकोप है।
अब अधिकारियों को डर है कि उत्तरी किवु के पूर्वी इलाके में सोमवार को जिस 46 वर्षीय महिला की मौत हुई है, वह भी इबोला वायरस की शिकार हो सकती है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि शुरुआत में अन्य बीमारियों के लिए बेनी शहर के अस्पताल में उसका इलाज किया गया था। लेकिन बाद में उसमें इबोला वायरस रोग के समान लक्षण देखे गए। उसके सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं।
डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ पहले से ही मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को सहयोग कर रहा है और संभावित प्रकोप से निपटने की तैयारी कर रहा है। जबकि सरकार ने शनिवार को लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया और कहा कि उत्तरी किवु में टीकों का भंडार मौजूद है। गौरतलब है कि इबोला एक घातक वायरल बुखार है। जिसमें मुख्य लक्षण बुखार, उल्टी, रक्तस्राव और दस्त होते हैं। डीआरसी की सबसे घातक महामारी ने 2020 में 2,280 लोगों की जान ले ली थी। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा कि दो मौजूदा उपचार इबोला से होने वाली मौतों को बहुत कम करते हैं।

अबू धाबी । इस साल दुनिया के ज्यादातर देश अत्यधिक गर्मी से परेशान हुए। इस बार गर्मी में लंदन इतना गर्म हो गया है कि लोग बेहाल हो गए हैं। अखबारों में खबरें छपी की शहर का तापमान दुबई से भी अधिक हो गया है। स्पेन और पुर्तगाल जैसे यूरोपीय देशों में भी इस साल रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई। जंगल की आग ने यूरोप के कुछ हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया और सूखे के कारण अब भोजन की कमी का खतरा पैदा हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केवल तापमान ही किसी शहर में रहने की क्षमता का पैमाना नहीं है, गर्मी और ह्यूमिडिटी का मेल भी महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि समान तापमान पर भी मिडिल ईस्ट, यूरोप की तुलना में बहुत कम रहने योग्य है। मिडिल ईस्ट अभी भी काफी गर्म है। ईरान के शहर अबादान ने इस साल सबसे अधिक तापमान का रिकॉर्ड बनाया है। बीते 5 अगस्त को यहां का तापमान 53 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। लेकिन क्षेत्र में उच्च स्तर की ह्यूमिडिटी शहर को रहने लायक नहीं छोड़ती।
जब मौसम में ह्यूमिडिटी अधिक होती है तो तापमान का कम होना मुश्किल होता है। मिडिल ईस्ट विशेष रूप से बढ़ते वैश्विक तापमान की चपेट में है। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर टैपियो श्नाइडर का मानना है कि यह क्षेत्र पहले से ही गर्म है, इसके साथ ही ह्यूमिडिटी और बढ़ सकती है। इसलिए ग्लोबल वार्मिंग इसे उस क्षेत्र की कैटेगरी में धकेल सकती है, जहां मानव स्वास्थ्य खतरे में है।
फारस की खाड़ी के तेल-समृद्ध अरब देशों ने खुद को एयर कंडीशनिंग के साथ गर्मी के खिलाफ तैयार किया है, लेकिन अन्य क्षेत्रीय देशों के पास इस तरह की तकनीक नहीं है। इराक के बसरा शहर में कर्मचारियों को इस महीने की शुरुआत में अधिक गर्मी के कारण घर में रहने के लिए कहा गया था। इस दौरान केवल 10 घंटे तक बिजली सप्लाई मिली।
वहीं गाजा में भी लोगों को गर्मी से राहत तभी मिलती है, जब बिजली आती है। यहां बिजली केवल तीन से चार घंटे के लिए दी जा रही। इसी तरह लेबनान की सरकार भी अब प्रति दिन दो घंटे से अधिक बिजली नहीं दे पा रही। पर्ड्यू यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च में पाया कि 32 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्वस्थ लोगों के लिए भी बाहर काम करना असंभव हो जाता है। शारीरिक मेहनत की सीमा 31 डिग्री सेल्सियस है। एमआईटी सिमुलेशन में पाया गया है कि यदि फारस की खाड़ी में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की वर्तमान गति स्थिर रहती है, तब भी अबू धाबी, दुबई और दोहा जैसे शहरों में सदी के अंत तक तापमान साल में कई बार 35 डिग्री सेल्सियस को पार करेगा।

मेलबर्न । साल 2019 के अंत में, दुनिया भर के खगोलविद उत्साह से भर गए, क्योंकि हमने बेटेलगेस नामक विशालकाय तारे को पहले की तुलना में कमजोर होते देखा। चूंकि बेटेलगेस अपने जीवन के अंतिम चरण में है, इसलिए कुछ अटकलें थीं कि यह अंत से पहले मौत की आहट हो सकती है। लेकिन इस धुधलेपन का कारण अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं था। हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स की एंड्रिया डुप्री के नेतृत्व में सहकर्मी समीक्षा की प्रतीक्षा में नए प्रीप्रिंट शोध में हबल स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग इस सदी के सबसे बड़े खगोलीय रहस्यों में से एक - बेटेलगेस के अचानक अजीब व्यवहार के कारण- को उजागर करने में मदद करने के लिए किया। मौत के कगार पर एक सितारा इस नवीनतम शोध से, यह पता चला है कि 2019 में बेटेलगेस शायद एक विशाल सतह द्रव्यमान इजेक्शन (एसएमई) से गुजरा। एक एसएमई तब होता है जब कोई तारा बड़ी मात्रा में प्लाज्मा और चुंबकीय प्रवाह को आसपास के स्थान में निष्कासित कर देता है। हम पूरी तरह से यह नहीं जानते कि इस एसएमई का कारण क्या है, लेकिन अगर उनके पास कोरोनल मास इजेक्शन के समान पूर्वज हैं जो हमने अपने सूर्य पर देखे हैं, तो वे स्टार के कोरोना में बड़े पैमाने पर चुंबकीय संरचनाओं की अस्थिरता के कारण हो सकते हैं। यह संदेह है कि इस उल्लेखनीय घटना में बेटेलगेस ने अपनी सतह सामग्री का एक बड़ा हिस्सा खो दिया। वास्तव में, निकाली गई सामग्री की मात्रा आधुनिक खगोल विज्ञान में, किसी तारे पर अब तक देखी गई सबसे बड़ी एसएमई घटना है। वास्तव में उल्लेखनीय बात यह है कि बेटेलगेस ने अन्य सितारों पर एक विशिष्ट घटना की तुलना में 400 अरब गुना अधिक द्रव्यमान निकाला। यह अविश्वसनीय गति से धकेले गए चंद्रमा के द्रव्यमान का कई गुना है।  वास्तविक समय में तारकीय विकास बेटेलगेस का खत्म होना एक बड़ी खगोलीय घटना है। खगोलविदों को पता है कि देर-सबेर यह होना ही है, लेकिन हम नहीं जानते कि कब। (हम जानते हैं कि जब यह होता है, तो यह दिन के आकाश में भी दिखाई दे सकता है!) सितारे कई अलग-अलग आकारों में पैदा होते हैं; कुछ छोटे से शुरू होकर बड़े हो जाते हैं, जबकि कुछ बड़े पैदा होते हैं। बेटेलगेस एक लाल सुपरजायंट है और छोटे से शुरू होकर इसने लाखों वर्षों में अपने बाहरी गोले का विस्तार किया होगा। एक बार बड़े होने पर, लाल सुपरजायंट्स के पास तब तक बहुत लंबा समय नहीं होता जब तक कि वे उस बिंदु तक नहीं पहुंच जाते जहां उनके कोर लोहे का उत्पादन करते हैं और अब परमाणु संलयन को बनाए नहीं रख सकते। हमने पहले भी, बहुत दूर, दूर आकाशगंगाओं में हजारों दूर के तारों को मरते देखा है।लेकिन हमारे गैलेक्टिक दरवाजे पर इस तरह की प्रक्रिया का अध्ययन करने का यह बहुत अच्छा अवसर है। हमने गोलाकार समूहों, दूर के सुपरनोवा और तारकीय नेबुला जैसी चीजों का अध्ययन करके सितारों के गुप्त जीवन को एक साथ जोड़ दिया है। इनसे हम किसी तारे के जन्म, जीवन और मृत्यु को समझ सकते हैं।

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