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वाशिंगटन । ट्विटर का सौदा अब कॉरपोरेट युद्ध में बदल गया है। इसमें लगातार कोई न कोई विवाद की खबर आती रही है। अब हाल ही में एलन मस्क के वकील ने आरोप लगाया है कि ट्विटर ने एक व्हिसलब्लोअर को चुप रहने के लिए लगभग 55 करोड़ रुपए (70 लाख डॉलर) दिए थे। यह भुगतान इसलिए किया गया क्योंकि इस व्हिसलब्लोअर ने ट्विटर की परिचालन समस्याओं को लेकर सवाल खड़े किए थे। ट्विटर और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच 44 अरब डॉलर की डील टूटने के बाद यह मामला कोर्ट में चला गया है। अब आए दिन इस मामले में दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ कुछ न कुछ खुलासा या बयान देता रहता है। इस डील की पिछली सुनवाई छह सितंबर को हुई थी। इस दौरान मस्क के वकील एलेक्स स्पिरो ने कहा ‎कि एक व्हिसलब्लोअर पीटर जाटको को शांत रहने के लिए 70 लाख डॉलर का भुगतान किया गया है। ट्विटर के प्रतिनिधियों ने ‎पिछले ‎दिनों कंपनी के पूर्व सुरक्षा प्रमुख जाटको को 70 लाख डॉलर के भुगतान को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस मामले को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। अखबार ने मामले से परिचित अज्ञात लोगों का हवाला देते हुए कहा कि यह भुगतान जाटको के ट्विटर छोड़ने के बाद एक समझौते के तहत दिया गया था। इस डील के मुताबिक जाटको सार्वजनिक रूप से कहीं कुछ नहीं बोलना था लेकिन वे सरकारी व्हिसल-ब्लोअर के रूप में काम कर सकते थे। ट्विटर डील से जब मस्क पीछे हटे तो उन्होंने फर्जी अकाउंट्स को लेकर सवाल उठाया। अब यह मामला उसी कड़ी से मिलता हुआ दिख रहा है। जिस जाटको को भगतान करने का आरोप लगा है वो ट्विटर का पूर्व सुरक्षा अधिकारी है। अब व्हिसलब्लोअर बने पीटर जाटको का कहना है कि ट्विटर ने अमेरिकी नियामकों को फर्जी खातों व हैकरों के खिलाफ सुरक्षा को लेकर गुमराह किया। पीटर ने 84 पन्नों की शिकायत में कहा है कि ट्विटर द्वारा यूजर्स के डाटा की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था का दावा झूठा था। बीते माह अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग, संघीय व्यापार आयोग और न्याय विभाग में दर्ज कराई शिकायत में जाटको ने कहा है कि ट्विटर ने स्वचालित बॉट्स की संख्या कम बताई। इसके साथ ही कंपनी फर्जी खातों व बॉट्स से निपटने के मुकाबले यूजर्स बढ़ाने को प्राथमिकता देती है। कंपनी की प्राथमिकता में सुरक्षा सबसे नीचे है।

लंदन । चार्ल्स के सिंहासन पर बैठने के साथ ही ब्रिटेन और उसके बाहर, जीवन से जुड़े कई पहलू बदल जाएंगे, जिसमें राष्ट्रगान, नोट, सिक्के, पोस्टल स्टैंप, पोस्टबॉक्स और पासपोर्ट तक शामिल हैं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के परिणामस्वरूप पूरे यूनाइटेड किंगडम और कॉमननवेल्थ में संस्थानों के नाम में परिवर्तन होगा। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की जगह मुद्रा और प्रतीक चिह्न पर नए राजा की प्रतिकृति लगानी पड़ेगी। यूके और अन्य कई देशों के सिक्कों और बैंक नोटों पर अब किंग चार्ल्स की प्रतिकृति दिखनी शुरू होगी। यह परिवर्तन ईस्ट कैरेबियन के साथ, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों की मुद्राओं पर भी दिखाई देगा। रिपोर्ट के अनुसार, अभी 4.5 बिलियन स्टर्लिंग बैंक नोट प्रचलन में हैं, जिन पर क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का चेहरा है। इसका कुल मूल्य 80 बिलियन यूरो है। इन्हें नए सम्राट के चेहरे के साथ बदलने में कम से कम 2 साल लगने की उम्मीद है। हाल ही में, जब 50 यूरो के नए सिंथेटिक नोट जारी किए गए, तब बैंक ऑफ इंग्लैंड को सर्कुलेशन वाली करेंसी को वापस लेने और उन्हें नए नोटों से बदलने में 16 महीने लगे थे। वर्ष 1952 में जब रानी गद्दी पर बैठीं, तब बैंक नोटों पर उनकी तस्वीर नहीं छपी थी। यह स्थिति 1960 में बदल गई, जब एलिजाबेथ द्वितीय का चेहरा बैंक नोट डिजाइनर रॉबर्ट ऑस्टिन द्वारा डिजाइन किये गए पाउड 1 के नोट पर दिखाई देने लगा। कनाडा में 20 डॉलर के कुछ नोटों, न्यूजीलैंड के सिक्कों और सेंट्रल बैंक ऑफ ईस्टर्न कैरेबियन, साथ ही कुछ अन्य राष्ट्रमंडल देशों द्वारा जारी किए गए सिक्कों और बैंक नोटों पर रानी का चेहरा दिखाई देता है। ब्रिटेन का राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द क्वीन’ से अब ‘गॉड सेव द किंग’ में बदल जाएगा। वर्ष 1952 से ‘गॉड सेव द क्वीन’ ही गाया जा रहा है, क्योंकि किंग जॉर्ज की मौत के बाद एलिजाबेथ द्वितीय क्वीन बनीं और 8 सितंबर, 2022 तक सिंहासन पर विराजमान रहीं। इस तरह करीब 70 साल बाद कोई पुरुष (किंग चार्ल्स) ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठेगा। यह न्यूजीलैंड का भी राष्ट्रगान है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा का रॉयल एंथम है।

इस्लामाबाद । सदी की सबसे भयानक बाढ़ झेल रहे पाकिस्तान की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव सामने आए हैं।खबर के मुताबिक पाकिस्तान पहुंचे संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने दुनिया से पाकिस्तान की मदद करने की अपील की है। देश में आई बाढ़ को लेकर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और गुटेरेस ने जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी पहाड़ों में रिकॉर्ड मानसूनी बारिश और ग्लेशियर के पिघलने से भीषण बाढ़ आई है, जिससे घर, सड़कें, रेलवे ट्रैक, पुल, पशुधन और फसलें बह गईं और 1,391 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस दौरान देश के बड़े हिस्से में पानी भरने से लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। शाहबाज सरकार का कहना है कि बाढ़ के कारण लगभग 3 करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन बाधित हो गया है। गुटेरेस अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले हैं। जहां वह देश में चल रही आपदा पर बातचीत कर धन जुटाएंगे। साथ ही गुटेरेस देश के जलमग्न इलाकों का दौरा भी करने वाले हैं। संयुक्त राष्ट्र ने आपदा से निपटने में पाकिस्तान की मदद के लिए 160 मिलियन डॉलर की सहायता की अपील शुरू की है। हालांकि पाकिस्तान का अनुमान है कि बाढ़ से लगभग 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की मदद के लिए कई देश आगे भी आए हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को अरबों रुपये की सहायता मुहैया कराई है।

लंदन । ब्रिटेन के शाही परिवार की शीर्ष सदस्य और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार देर रात 11:15 बजे (भारतीय समयानुसार) निधन हो गया। 96 साल की महारानी स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में रह रही थीं। वह पिछले कुछ वक्त से बीमार थीं। इसी कैसल में उन्होंने अंतिम सांस ली। महारानी के निधन के बाद जहां ब्रिटेन में उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं। पूरा शाही परिवार स्कॉटलैंड में मौजूद है। वहीं, एक महिला ने चौंकाने वाला दावा किया है। महिला ने दावा किया है कि उसने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को निधन के एक घंटे बाद बादलों के रूप में देखा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स में टेलफ़ोर्ड की रहने वाली लीन बेथेल ने फ़ेसबुक पर एक तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर में बादल दिखाई दे रहे हैं। गौर से देखने पर ऐसा लगता है कि क्वीन एलिजाबेथ अपने सिग्नेचर हैट के साथ नज़र आ रही हैं। ऐसे किसी दावों की पुष्टि नहीं करता है। लीन बेथेल ने फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया 'घर की ओर ड्राइव करते हुए लेसी अचनाक चिल्ला उठी। मैं घबरा गई। फिर उसने बादलों में इस नजारे की ओर इशारा किया।' फेसबुक पर शेयर होने के बाद से ये फोटो वायरल हो गई है। खबर लिखे जाने तक इस फोटो को 16,000 से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। अब तक इस फोटो पर 9,600 कमेंट आ चुके हैं। 33,000 से अधिक लोगों ने इसे शेयर किया है।
दरअसल, स्थानीय समयानुसार गुरुवार दोपहर को शाही परिवार ने पुष्टि की थी कि 96 वर्ष की उम्र में महारानी का निधन हो गया। शाही परिवार के मुताबिक, महारानी एलिजाबेथ ने स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में 'शांतिपूर्वक' इस दुनिया को अलविदा कहा। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ ने 70 साल तक ब्रिटिश राजगद्दी संभाली। गुरुवार दोपहर को महारानी एलिजाबेथ की तबीयत नाजुक होने की खबर सामने आई थी। इसके बाद वे डॉक्टर्स की देखरेख में थीं। बीमारी की वजह से महारानी बाल्मोरल महल में रह रही थीं। वे सभी आधिकारिक काम इसी पैलेस से कर रही थीं। ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 6 सितंबर को यहीं आकर उनसे मुलाकात की और यहीं शपथ ली थी। शाही परिवार ने बताया था कि महारानी एपीसोडमिक मोबिलिटी की दिक्कत से जूझ रही थीं। इस बीमारी में मरीज को खड़े होने और चलने में परेशानी होती है। उन्हें 19 फरवरी 2022 को कोरोना भी हुआ था। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय  के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स नए किंग बन गए हैं। अब उन्हें किंग चार्ल्स-तृतीय के नाम से जाना जाएगा। जल्द ही उनकी ताजपोशी होगी। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद अब कई शाही प्रतीक बदले जा सकते हैं। फ्लैग, नोट, सिक्के में अभी तक महारानी की अलग-अलग तस्वीर होती थी। अब इसे हटाकर नए किंग बने प्रिंस चार्ल्स की फोटो लगाए जाने की उम्मीद है। महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप की मौत 9 अप्रैल 2021 को हुई थी। अब महारानी भी नहीं रहीं। शाही परिवार अब आधिकारिक रूप से शोक में होगा। सभी अधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। देश में 10 दिनों के शोक का ऐलान किया गया है। शाही महलों और घरों पर यूनियन जैक आधा झुका दिया गया है। इसके अलावा ब्रिटेन की सभी बाहरी पोस्टों और सैन्य ठिकानों पर भी झंडा झुका रहेगा। भारत समेत कई देशों में बने ब्रिटिश हाई कमीशन के दफ्तरों में भी साइमन जैक आधा झुका दिया गया है।

नई दिल्ली । पाकिस्तान इन दिनों बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है। इनदिनों हर तरफ तबाही का मंजर है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से एक तिहाई पाकिस्तान पानी में डूबा हुआ है। जून से अभी तक 1,300 से ज्यादा लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है। जबकि लाखों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। साल 2010 के बाद पाकिस्तान में ये सबसे खतनाक बाढ़ है। मौजूदा तबाही ने भारतीय उपमहाद्वीप के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कितना खतरनाक होगा है, पाकिस्तान उसका ताजा उदाहरण है। चाहे वहां महासागरों में चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता हो, रिकॉर्ड तोड़ लंबी गर्मी हो, गंभीर सूखा, या अनियमित मानसून से उत्पन्न होने वाली विनाशकारी बाढ़ हो, सभी से जलवायु परिवर्तन के चलते दुनिया की तस्वीर बदलती जा रही है। औसत से अधिक बारिश हो रही है। भारत का ही उदाहरण लें, तब इस बार आमतौर पर बिहार, बंगाल जिन इलाकों में हर साल मानसून के सीजन में जमकर बारिश होती है, वहां सूखे से लोग बेहाल हैं। ग्लोबल तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस या 2.0 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़त दिख रही है। पृथ्वी गरम हो रही है, और ये सभी प्राकृतिक प्रणालियों का सामना करने की हमारी क्षमता से कहीं अधिक तेजी से प्रभावित कर रही है। दक्षिण-पश्चिम मानसून से दूरगामी खतरे उभर रहे हैं। इसकारण जून से लेकर चार महीने के दौरान सालाना 70-80 प्रतिशत बारिश होती है। जिन शहरों और कस्बों में कभी बाढ़ नहीं आई थी, वे अल्पकालिक अत्यधिक वर्षा की घटनाओं में जलमग्न हो रहे हैं। वे क्षेत्र हैं जो मौसम के अधिकांश भाग के लिए सूखे रहते हैं, लेकिन अचानक कुछ दिनों तक चलने वाली मूसलाधार बारिश से प्रभावित हो जाते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्व प्रमुख कहते हैं, अभी और अधिक मौसम का रिकॉर्ड टूटना तय है। लेकिन ये सब हमारी अपेक्षा से बहुत पहले हो रहा है। इस साल अगस्त में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले बैक-टू-बैक डिप्रेशन काफी असामान्य थे, और सभी ने मध्य भारत में गुजरात तक एक ही रास्ता तय किया, जिससे भारी बारिश और बाढ़ आई। इसी में से एक सिस्टम के तहत पाकिस्तान में भारी बारिश हुई। जैसे-जैसे वैश्विक तापमान बढ़ता है, वातावरण की नमी होल्ड करने की क्षमता भी बढ़ती है। इसलिए ये लंबे समय तक टिका रहता है और फिर अचानक कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों में सारी नमी छोड़ देता है। इसी के चलते लगातार भारी बारिश हो रही है।जलवायु मॉडल ने लंबे समय से सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र सहित प्रमुख हिमालयी नदी घाटियों में बाढ़ की आवृत्ति, स्थानिक सीमा और बाढ़ की गंभीरता में वृद्धि की चेतावनी दी है। अपनी 2020 की रिपोर्ट में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भी अनिश्चित मानसून के कारण भारत में बाढ़ के बढ़ते जोखिम पर चिंता जताई थी।

लंदन । एक बुजुर्ग कपल को अपने घर के अंदर से बेहद पुराने नौ नोट (ब्रिटिश करेंसी) मिले थी। इन नोटों की बिक्री 47 लाख रुपए से ज्‍यादा में हुई। जैसे ही इन नोटों की नीलामी के बाद कुल कीमत का ऐलान हुआ, कपल भी हैरान रह गया। ये 9 नोट साल 1916 से 1918 के बीच के थे। ये नोट बेहद दुर्लभ बताए गए, यही वजह थी कि नीलामी की कीमत हतप्रभ करने वाली थी।   बुजुर्ग कपल विक और जानेट ब्रिस्‍टल लंदन में रहते हैं। विक पेशे से बिल्‍डर रहे हैं और जानेट टेक्निशयन रह चुकी हैं। नीलामी के बाद जब उन्हें नोटों की कुल कीमत बताई गई, तब उन्हें यकीन नहीं हुआ। इस दौरान बुजुर्ग कपल की पोती डेनियल स्मिथ भी मौजूद थीं। कीमत के बारे में पता चलते ही तीनों सरप्राइज्ड रह गए। विक को 100 साल पुराने नोट करीब 30 साल पहले बीमिनस्‍टर (Beaminster) में मौजूद घर के अंदर से उस समय मिले, जब वह उसकी मरम्‍मत करवा रहे थे। कपल एक-दूसरे के साथ 58 साल से रह रहा है। जानेट ने बताया कि उन्‍होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ये नोट बेशकीमती हो सकते हैं। वैसे कपल ने यह उम्‍मीद जरूर जताई थी कि इन पुराने नोटों से उन्‍हें करीब पौने तीन लाख रुपए मिल जाएंगे, इतने अमाउंट से दोनों ने क्रूज पर डायमंड वेडिंग एनिवर्सरी मनाने के बारे में सोचा था। लेकिन, उन्‍हें उम्‍मीद से ज्‍यादा अमाउंट मिला। जानेट और विक हाल में परदादा और परदादी बने हैं। वह लंबे अर्से से अपनी एनिवर्सरी यादगार मनाने को लेकर प्‍लानिंग कर रहे थे। पहला नोट सात लाख रुपए की कीमत में बिका। 3 नोट जो 5 पाउंड के थे, वे सभी 14.73 लाख रुपए से ज्‍यादा की कीमत में बिके। जिस शख्‍स ने ये नोट खरीदे वह इंटरनेशनल बैंक नोट्स सोसाइटी का प्रेसिडेंट है। वहीं, इन सभी नौ नोटों की कुल कीमत 47,42, 271 रुपए कपल को मिली। अब इतना भारी भरकम अमाउंट मिलने के बाद कपल की प्‍लानिंग है कि वे क्रूज पर जाएंगे, वहीं कुछ धन अपने आगे के जीवन के लिए भी बचाएंगे।

लंदन । दुनिया में कोरोना को आए तीन साल से ज्यादा समय होने वाला है, लेकिन अब तक यह समाप्त नहीं हुआ है। कई गरीब देशों में कोरोना की जांच के लिए बेहतर सुविधा नहीं है। अब तक आरटीपीसीआर को कोरोना के लिए सबसे सटीक टेस्ट माना जाता है, लेकिन टेस्ट का रिजल्ट आने में समय लगता है। इन्हीं कठिनाइयों को दूर कर वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्टफोन एप विकसित किया है, जिसकी मदद से व्यक्ति की आवाज से कोरोना टेस्ट होगा है। यानी स्मार्टफोन में व्यक्ति की आवाज का नमूना लेकर कुछ ही मिनट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से सटीक पता लगा लिया जाएगा कि उस व्यक्ति में कोरोना संक्रमण है या नहीं।
वैज्ञानिकों का दावा है कि आर्टिफिशियल मॉडल पर आधारित यह एप रैपिड एंटीजन टेस्ट या अन्य माध्यमों की तुलना में ज्यादा सटीक और जल्दी में होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस एप की मदद से कोरोना टेस्ट करने में बहुत मामूली खर्च लगेगा और इस करने में भी बहुत आसानी होगी। इस लिहाज से गरीब देशों में जहां आरटीपीसीआर टेस्ट कराना ज्यादा खर्चीला है, उन देशों को काफी सहूलियत होगी। एप से संबंधित रिसर्च को स्पेन के बार्सिलोना में यूरोपियन रेसपारेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में पेश किया गया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉडल पर आधारित यह एप 89 प्रतिशत समय में सटीक होता है। एप में सिंपल वॉयस रिकॉर्डिंग को दर्ज कर लिया जाता है और एआई गणितीय गणना के आधार पर ये सटीक परिणाम बता देता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण आमतौर पर श्वसन नली और स्वर यंत्र यानी वोकल कॉर्ड को प्रभावित करता है। इससे संक्रमित व्यक्ति की आवाज में परिवर्तन होता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इसी का पता लगाकर तुरंत इसका टेस्ट कर सकती है।

लिस्बन । इंसान का शरीर और उससे जुड़ी हुई तमाम ऐसी कॉम्प्लेक्स चीजें हैं, जो कई बार मेडिकल साइंस से जुड़े लोगों को भी हैरान कर देती हैं। खासतौर पर बच्चों का कंसीव होना और उनका जन्म ऐसी प्रक्रिया है, जो कई बार ऐसी घटनाओं की गवाह बनती है, जिसे देख-सुनकर इंसान दंग रह जाता है। एक ऐसी ही कहानी पुर्तगाल से आई है, जो असाधारण है। पुर्तगाल में रहने वाली 19 साल की लड़की ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था, जिनका डीएनए टेस्ट कराने पर पता चला कि उनके पिता अलग-अलग हैं। ये अपनी तरह का दुनिया का 20वां केस है और जुड़वां बच्चों के पिता अलग-अलग निकले हों। इस तरह के मामले को मेडिकल साइंस की भाषा में हेट्रोपैरेंटल सुपरफेक्यूंडेशन कहा जाता है।
पुर्तगाल के गोइयास स्टेट में मौजूद छोटे से शहर में रहने वाली लड़की ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। लड़की ने इन बच्चों के पिता के तौर पर जिस शख्स का नाम लिया, वहां बच्चों का डीएनए टेस्ट कराना चाहता था। जब टेस्ट हुआ, तब पता चला कि वहां दो में से सिर्फ एक बच्चे का ही पिता है, जबकि दूसरे बच्चे का डीएनए उससे नहीं मिला। बच्चों की शक्ल-सूरत भी एक-दूसरे से काफी मिलती है, इसके बाद उनकी मां को बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि उनके पिता अलग भी हो सकते हैं। 8 महीने के होने के बाद बच्चों की पहचान हो पाई और फिलहाल वे करीब डेढ़ साल के हैं।
लड़की का कहना है कि वहां एक साथ दो लोगों के साथ रिलेशनशिप में थी। इसकारण उसके साथ ये केस हुआ। वहां खुद डीएनए रिजल्ट्स को देखकर हैरान रह गई थी। बर्थ सर्टिफिकेट में अब भी बच्चों के पिता के नाम पर उसी शख्स का नाम है और वहां उनकी देखभाल में मदद भी करता है। ये दुनिया भर में 20वां हेट्रोपैरेंटल सुपरफेक्यूंडेशन का मामला है।

टोक्यो । एक अमेरिकी राजनयिक ने चीन की बढ़ती आक्रामक समुद्री गतिविधियों की आलोचना करते हुए इसे संसाधन संपन्न हिन्द-प्रशांत जलमार्ग की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। गौरतलब है कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों जापान और फिलीपीन्स के साथ समुद्री सुरक्षा समझौता करना चाहता है, ऐसे में उसका यह बयान महत्वपूर्ण है।
अमेरिका के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रेमंड ग्रीनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून की उपेक्षा और बीजिंग की आक्रामक गतिविधियों का लक्ष्य क्षेत्र में उसके नियंत्रण को बढ़ाना है। तीनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक से पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए ग्रीनी ने कहा खास तौर से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) की आक्रामक समुद्री गतिविधियां हमारे जलमार्गों की सुरक्षा के लिए खतरा बन रही हैं। उन्होंने कहा कि बल प्रयोग और प्रत्यक्ष धमकी के जरिए हिन्द-प्रशांत जलक्षेत्र पर कोई भी देश हावी नहीं हो सकता है।
हम बीजिंग की उकसावे की कार्रवाइयों की आलोचना करने से नहीं बच रहे। उन्होंने कहा कि चीन की कार्रवाई में पूर्वी और दक्षिणी चीन सागरों का सैन्यीकरण, विदेशी मछुआरों की नौकाओं और अन्य नावों को परेशान करना, समुद्री संसाधनों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना शामिल है। सैन्य और सेना पर खर्च के मामले में चीन दूसरे स्थान पर है, जबकि अमेरिका पहले स्थान पर है।
चीन पिछले कुछ सालों से लगातार अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है, हालांकि उसका कहना है कि पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) का लक्ष्य सुरक्षा-रक्षा और उसके सम्प्रभु अधिकारों की सुरक्षा है। पड़ोसी देश जापान चीन को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा के रूप में देखता है और ताइवान के आसपास बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित भी है। गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।

काबुल । हाल ही में उत्तरी अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत में तालिबान सदस्यों के ग्रेनेड विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और महिलाओं और बच्चों सहित चार लोग घायल हो गए।ग्रेनेड विस्फोट, मैमाना शहर के पुलिस जिले 2 में, फरयाब की प्रांतीय राजधानी, खामा प्रेस ने अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि ग्रेनेड विस्फोट में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।हालांकि, फरयाब प्रांत में तालिबान सरकार के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हथगोला "गलती से" फेंक दिया गया था और यह घटना एक साजिश अपराध नहीं है।दो तालिबानी व्यक्ति मोटरसाइकिल पर थे, जब ग्रेनेड पिन अनायास ही बाहर आ गया, जिससे उन्हें ग्रेनेड फेंकने के लिए प्रेरित किया गया।

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