ईश्वर दुबे
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Bhilai
काहिरा । मिस्र में एक सनसनीखेज घटना में महज शादी के प्रस्ताव को ठुकराने पर एक युवक ने 19 वर्षीय छात्रा की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। छात्रा की पहचान अमानी अब्दुल-करीम अल-गज्जर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि छात्रा ने जिस शख्स से शादी करने से इनकार किया, उसका बर्ताव काफी बुरा था। इसी के चलते छात्रा ने उसका मैरिज प्रपोजल रिजेक्ट किया। रिपोर्ट के अनुसार, 19 साल की अमानी अब्दुल-करीम अल-गज्जर की बीते शनिवार को मेनोफिया गवर्नरेट के तुख तनबिशा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अहमद फथी अमीरा नाम के एक 29 वर्षीय व्यक्ति ने शादी का प्रस्ताव को ठुकराने के बाद छात्रा पर बंदूक तान दी और उसे गोली मार दी। लड़की तो तुरंत पास के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई और पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए खोजी अभियान चलाया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हत्या करने वाले शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 'मैं अहमद अमीरा हूं। तुम सब मुझे खोज रहे हो। मैं अपराधी हूं। मैं उसके लिए जी रहा था… मैं तुम्हारा (अल-गज्जर) बदला लूंगा।' मिस्र के गृह मंत्रालय ने कहा कि अमीरा ने 'उसी हथियार का उपयोग करके आत्महत्या की, जिसे उसने छात्रा को मारने के लिए इस्तेमाल किया था।' रिपोर्टों में दावा किया गया कि अल-गज्जर ने ‘बुरे व्यवहार’ के लिए अमीरा के शादी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। दरअसल, मिस्र को हिलाकर रख देने वाली कई महिलाओं की हत्या में यह सबसे नया मामला है। इससे पहले बीते 20 जून को एक ईर्ष्यालु सहपाठी मोहम्मद अदेल द्वारा एक छात्रा नायरा अशरफ की हत्या कर दी गई थी। अडेल भी कथित तौर पर अशरफ द्वारा उसे नापसंद करने को लेकर गुस्से में था। हत्या का यह मामला तब और सुर्खियों में आया, जब अदालत ने एडेल को दोषी ठहराया और मिस्र की संसद से अपील की कि उसे फांसी के फंदे पर लटकाया जाए और लाइव टीवी पर इसका प्रसारण हो। एडेल की टीम ने उसकी मौत की सजा के खिलाफ अपील की है।
वॉशिंगटन। भले ही वैज्ञानिकों ने सौर मंडल के बारे में काफी जानकारी हासिल कर ली हैं, लेकिन फिर भी हमारा ब्रह्मांड रहस्यों से भरा हुआ है। शुक्रवार को वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया कि संभवतः पूरे अंतरिक्ष में अलग-अलग ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है। वैज्ञानिकों का यह अनुमान यूरेनस और नेपच्यून पर होने वाली अजीबो गरीब बारिश पर आधारित था। पहले भी वैज्ञानिक यह बता चुके हैं कि 'बर्फीले ग्रहों'पर अत्यधिक उच्च दवाब और तापमान हाइड्रोजन और कार्बन को ठोस हीरे में बदल देता है। नए शोध में पाया गया है कि 'हीरों की बारिश' हमारी सोच से अधिक सामान्य हो सकती है। नेपच्यून और यूरेनस जैसे बर्फीले ग्रहों को हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रहों का सबसे सामान्य रूप माना जाता है। इसका मतलब है कि हीरों की बारिश पूरे ब्रह्मांड में हो सकती है। हीरे की वर्षा पृथ्वी पर बारिश की तुलना में काफी अलग है। वैज्ञानिकों ने हीरों के बनने की प्रक्रिया को समझाने के लिए पीईटी प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जिसे पानी की बोतलों और फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल किया जाता है। टीम ने कैलिफोर्निया में एसएलएसी नेशनल एक्सेलेरेटर लेबोरेटरी में कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सिजन का मिश्रण- पीईटी प्लास्टिक पर एक हाई-पावर वाला ऑप्टिकल लेजर डाला। बेहद हल्की एक्स-रे चमक में उन्हें नैनोडायमंड के बनने की प्रक्रिया देखने को मिली। हालांकि इन छोटे हीरों को नग्न आंखों से देखना बहुत मुश्किल था। उन्होंने बताया कि ग्रहों पर बड़ी मात्रा में मौजूद ऑक्सीजन कार्बन से हाइड्रोजन परमाणुओं को अलग करने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में ही हीरों का निर्माण होता है। यह प्रयोग नैनोडायमंड के निर्माण के एक नए तरीके की ओर इशारा करता है। हालांकि हीरों की बारिश अभी भी एक काल्पनिक चीज बनी हुई है क्योंकि यूरेनस और नेपच्यून के बारे में बहुत कम जानकारी है जो हमारे सौर मंडल के सबसे दूर के ग्रह हैं। दरअसल दोनों ही ग्रहों पर मीथेन गैस मौजूद है जिसमें कार्बन होता है। वायुमंडलीय दबाव बहुत ज्यादा होने के कारण मीथेन से कार्बन कई बार अलग हो जाता है और भारी दबाव के कारण ये क्रिस्टल बनने लगते हैं, जो एक हीरा होता है।
साउथेम्प्टन । ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में रहने वाले सेबस्टियन सुस्की ने सबसे लंबा खीरा उगाकर विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया।यूके में तपती गर्मी के बीच फसल को बचाए रखना और पैदावार को बढ़ाना आसान नहीं था।ऐसे में ये उपलब्धि बेहद महत्वपूर्ण है।सबसे लंबे खीरे ने 6.2 सेंटीमीटर के पिछले विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया।यूके के शख्स ने सबसे लंबा खीरा होगा कर विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया है इसके पहले ये रिकॉर्ड 6.2 सेंटीमीटर के खीरे के नाम था। सेबस्टियन सुस्की शौकिया माली का काम करते हैं।और इस शौक ने उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड तक पहुंचा दिया।सेबस्टियन के उगाए खीरे को गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिली तो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने अपने ऑफिशियल सोशल साइट पर इसका वीडियो भी शेयर किया।यूके में इस साल पड़ती चिलचिलाती गर्मी के बीच फसलों को बचाए रखना और पैदावार को बढ़ाना आसान नहीं था।ऐसे में सेबस्टियन की ये उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।रिकॉर्ड होल्डर खीरे की लंबाई 113.4 सेंटीमीटर है।गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के ऑफिशल इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर वीडियो में सेबस्टियन अपने खीरे के साथ कुछ इस कदर चल रहे हैं, मानो उनके हाथ में खीरा ना होकर कोई हथियार हो।पोज़ भी किसी मॉडल से कम नहीं है।वीडिओ में उनके हाथ में एक खीरा है जो उनके हाथ से भी लम्बा है।
मामला सिर्फ एक खीरे का नहीं है, उनके खेत में खीरे की पूरी फसल ही रिकॉर्ड तोड़ लंबाई वाली है।जो वीडियो में उनके पीछे दिखाई भी दे रहे हैं।इस कीड़े के पहले भी कई ऐसी सब्जियां रही है जिन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है।जैसे- 3.12 कि.ग्रा. वजन वाले एक बैंगन ने भी सबसे भारी बैंगन होने का रिकॉर्ड तोड़ा था। गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की सूची में ऐसे ऐसे कारनामें शामिल है जिसे देख आपका सिर चकरा जाएगा।खेल कूद से लेकर एख से एक अनोखे और और अचरज भरे कारनामों की सूची है।तो हैरत अंगेज रिकॉर्ड् भी कम नहीं हैं।
नॉर्थ कैरोलाइना, अमेरिका के नॉर्थ कैरोलाइना की रहने वाली 40 साल की पैटी हर्नैंडीज के पति का नाम कार्लोस है जो 39 साल के हैं और उनके 16 बच्चे हैं और अब फिर से प्रेग्नेंट हो चुकी हैं।पति कार्लोस को सम्मान देने के लिए सारे बच्चों के नाम C अक्षर से रखे गए हैं। महिला ने कहा कि उनके पति बच्चों का और घर का अच्छे से ध्यान रखते हैं।वो एक क्लीनिंग कंपनी चलाते हैं.आपको जानकर हैरानी होगी कि पैटी 14 सालों से लगातार प्रेग्नेंट हैं।वो हर साल एक बच्चे को जन्म देती हैं।उनके कुल 6 लड़के, 10 लड़कियां और 6 ट्विन्स बच्चे हैं। उनके बच्चों में 14 साल का कार्लोस जूनियर, 13 साल का क्रिस्टफर, कार्ला 11, कैटलिन 11, क्रिश्यिन 10, सेलेस्टे 10, क्रिस्टीना 9, कैल्विन 7, कैथरीन 7, कैरल 4, कैलेब 5, कैरोलिन 5, कैमिला 4, शार्लेट 3, क्रिस्टल 2 और क्लेटन 1 साल का है.पिछले ही साल मई में आखिरी बच्चा पैदा हुआ था मगर अब उसका छोटा भाई आने वाली है।महिला ने बताया कि वो 13 हफ्तों की प्रेग्नेंट है और चेकअप से पता चला है कि वो बेटे को जन्म देने वाली हैं।महिला ने कहा- मैं 14 सालों से प्रेग्नेंट हूं और मुझे इस बात से बहुत खुशी है।मैं अब 17वां बच्चा जन्म देने जा रही हूं जो मेरे लिए बड़ी बात है।पैटी ने बताया कि वो बच्चों की संख्या 20 करना चाहती हैं।अपने सारे बच्चों को वो मिनी बस से कहीं भी ले जाती हैं। परिवार के खाने पर हर हफ्ते करीब 70 हजार रुपये खर्च होते हैं, इसमें से अधिकतर खर्च स्कूल ले जाने के लिए लंच का है।पैटी ने कहा कि वो कभी भी गर्भ-निरोध का इस्तेमाल नहीं करतीं, सब कुछ भगवान पर छोड़ देती हैं।उन्होंने कहा कि अगर भगवान चाहेंगे तो हम कंसीव करेंगे और अगर नहीं तो नहीं करेंगे। बता दें कि किसी भी महिला के लिए मां बनना बेशक खास अनुभव होता है मगर मां बनने का सफर बेहद मुश्किल होता है।औरतें आज के वक्त में एक-दो बच्चों ही चाहती हैं जिससे उनके शरीर पर बोझ ना पड़े और वो अपने मां होने के फर्ज को अच्छे से निभा सके।
कीव । रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु हुए 6 महीने पूरे हो चुके हैं। युद्ध के कारण प्राकृतिक-आर्थिक रूप से बर्बादी भी देखी जा रही है। रूस की मिसाइलों ने यूक्रेन में ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी है, जहां तबाही न मचाई हो। इस तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पश्चिमी देशों ने भी रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, तो रूस ने भी अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए यूरोपीय देशों में सप्लाई होने वाली प्राकृतिक गैसों पर 60 प्रतिशत तक कटौती कर दी है। इसके बाद से यूरोप में प्राकृतिक गैसों की आपूर्ति का संकट पैदा हो गया है।
रूस के इस कदम से पूरा यूरोप एक भारी संकट में फंस गया दिखाई दे रहा है। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय ने भी अपने बयान में कहा है कि यूक्रेन भी इस संकट का सामना कर रहा है। आकड़ा शेयर कर बताया गया है कि 6,00,000 से अधिक यूक्रेनियन बिजली के बिना रह रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के कारण 2,35,700 यूक्रेनियन भी बिना गैस के रह रहे हैं।
संकट से निपटने के लिए कई यूरोपीय देश रूस की जगह सेनेगल और मौरीतानिया से गैस खरीदने की कोशिश में जुटे हैं। जर्मनी के चांसलर ओलफ स्कोल्ज ने मई में सेनेगल का दौरा किया था। उन्होंने प्राकृतिक गैस के संकट का जिक्र किया ताकि सेनेगल मदद करे। यूरोपीय देशों में गैस की सप्लाई करने में सेनेगल और मौरीतानिया एक बेहतर देश साबित हो सकते हैं। सेनेगल लिक्विड गैस निकालने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर रहा है। उम्मीद है कि इन दोनों देशों से यूरोपीय देशों में एलएनजी यानी लिक्वीफाइड नेचुरल गैस की आपूर्ति जल्द ही शुरू हो सकती है।
दोनों देशों का युद्ध सिर्फ इन्हे ही नहीं बर्बाद कर रहा बल्कि पूरी दुनिया में इसका असर देखने को मिल रहा है। जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला है, तब से यूक्रेन से भी खाद्य पदार्थो की सप्लाई बंद हो गई है। यूक्रेन के गोदामों में लाखों टन अनाज बंद पड़े थे ऐसे में कई देश भुखमरी जैसे गंभीर समस्या से जूझ रहे थे, लेकिन एक राहत की खबर तब आई जब यूक्रेनी अनाज की पहली खेप ओडेसा के बंदरगाह से इस्तांबुल के लिए रवाना हुई। वैश्विक खाद्य संकट से राहत पाने के उद्देश्य से तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ दोनों देशों से एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करवाया गया था।
लंदन । एक नन्ही गिलहरी एक नाव पर बैठकर सैकड़ों मील की दूरी तय करने के बाद भारत से स्कॉटलैंड पहुंच गई। बाद में कुछ लोगों ने उसे जहाज पर देखा और फिर उसे बचाकर जानवरों के अस्पताल पहुंचाया। सैकड़ों मील की दूरी तय करने के बाद एक नाव पर भारत से स्कॉटलैंड पहुंची इस गिलहरी को एबरडीनशायर में द न्यू आर्क वाइल्डलाइफ हॉस्पिटल, नॉर्थ ईस्ट वाइल्डलाइफ एंड एनिमल रेस्क्यू सेंटर के स्टाफ के सदस्यों ने बचाया।
एक खबर के मुताबिक द न्यू आर्क ने 30 अगस्त को गिलहरी की तस्वीर के साथ फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की थी। इस पोस्ट के उनके पास 29 अगस्त को दो स्थानीय लोगों का फोन आया जो एबरडीन में पेस्ट सोल्यूशन का काम करते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या बचाव केंद्र भारत से आई और एक नाव पर देखी गई गिलहरी को लेने के लिए तैयार होगा। कॉल आने के एक घंटे बाद अस्पताल के सदस्यों ने गिलहरी को सुरक्षित रूप से अपने पास रख लिया। गिलहरी को बचाने वाले लोगों ने कहा कि भारतीय गिलहरियों के बारे में उनको शायद ज्यादा जानकारी नहीं है। वैसे भी भारत में गिलहरी की 40 से अधिक विभिन्न प्रजातियां हैं। जिनमें जमीनी गिलहरी से लेकर विशाल उड़ने वाली गिलहरियां तक शामिल हैं। बहरहाल अस्पताल ने कहा कि यह एक भारतीय पाम स्क्वेरल है। जिसे थ्री स्ट्रिप्ड पाम स्क्वेरल भी कहा जाता है। ये देश भर के बगीचों में देखी जाने वाली सबसे आम प्रजाति है। बचाव दल ने इस गिलहरी को जिप्पी नाम दिया है। क्योंकि उन्होंने पाया कि यह बेहद सक्रिय, फिट और तेज थी। वन्यजीव अस्पताल के अनुसार जिप्पी अब अच्छी हालत में है और उन्होंने इसके लिए एक नया स्थाई घर तलाशना शुरू कर दिया है।
इस्लामाबाद । संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान के लिए सोमवार को अति आवश्यक राहत सामग्री भेजी। इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के दक्षिणी हिस्से का दौरा किया, जहां मंछर झील का जलस्तर बढ़ने से नया खतरा पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के दो विमान दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची पहुंचे और सोमवार को ही दो और विमानों के वहां उतरने की उम्मीद है। तुर्कमेनिस्तान से एक और विमान राहत सामग्री लेकर कराची पहुंचा। पाकिस्तान के अधिकतर हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं, लेकिन सिंध प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पाकिस्तान में इस साल बेमौसम भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के चलते 1,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग बेघर हुए हैं। बाढ़ से निपटने के उपायों के तहत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने पिछले सप्ताह दुनिया से कहा था कि वह इस संकट पर आंखें मूंदे रखना" बंद करे। वह नौ सितंबर को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। इंजीनियरों ने बाढ़ के पानी से होने वाली संभावित तबाही से सहवान शहर और आसपास के गांवों को बचाने के लिए मंछरी झील के किनारे एक तटबंध को काट दिया ताकि बढ़ते पानी को छोड़ा जा सके। बाढ़ के चलते जून के मध्य से 16 लाख घरों को नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री शरीफ ने उफान मारती सिंधू नदी के किनारे सुक्कुर शहर में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से मुलाकात की। वहां से उन्होंने हेलीकॉप्टर के जरिए बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने शरीफ को बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी।
इस्लामाबाद । विनाशकारी बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने की अपील की और कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि देश को सहयोग करने का उनका संकल्प दृढ़ है। पाकिस्तान ने देश में बाढ़ से 1,200 से अधिक लोगों की मौत होने और 3.3 करोड़ से अधिक लोगों के विस्थापित होने का जिक्र करते हुए इसकी तुलना अमेरिका में 2005 में आये कैटरीना तूफान से की, जिससे भारी तबाही हुई थी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, मॉनसून की भारी बारिश और ग्लेशियर के पिघलने से आई भयावह बाढ़ के कारण 14 जून से अब तक कम से कम 1,265 लोगों की मौत हुई है, जिसमें पिछले 24 घंटों के दौरान 57 लोगों की मौत हुई। वहीं घायल होने वालों की संख्या 12,577 तक पहुंच गई है। जीओ टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय बाढ़ प्रतिक्रिया एवं समन्वय केंद्र में पिछले दिन प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए योजना मंत्री अहसन इकबाल ने कहा कि संघीय सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि पाकिस्तान की सहायता करने के लिए उनका संकल्प दृढ़ रहे क्योंकि आपदा से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय बाढ़ प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र ने बाढ़ से निपटने की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित करने के बाद प्रेसवार्ता आयोजित की। रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक विस्थापन के कारण बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और पंजाब प्रांतों में वर्तमान में 5,00,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में 30 साल के औसत की तुलना में 500 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि लगभग 5,000 किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और बलूचिस्तान प्रांत में स्थिति सबसे खराब है। पाकिस्तान के किसान विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान का अंदाजा लगाने का अब भी प्रयास कर हैं। भयावह बाढ़ के कारण देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस नौ सितंबर को पाकिस्तान पहुंचेंगे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेंगे।
प्राग । यूरोपीय महाद्वीप में स्थित देश चेक गणराज्य में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए हैं। सत्तारूढ़ दल के खिलाफ शनिवार को निकाली गई रैली में दूर-दराज इलाकों से 70 हजार से अधिक प्रदर्शनकारी शामिल हुए। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कुछ राजनीतिक दलों ने किया, जिसमें प्रत्यक्ष लोकतंत्र पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी शामिल हैं। इन प्रदर्शनकारियों ने रूढ़िवादी प्रधानमंत्री पेट्र फिआला के नेतृत्व वाली मौजूदा गठबंधन सरकार के इस्तीफे की मांग की। दरअसल ये लोग सरकार की पश्चिमी देशों समर्थित नीतियों समेत कई मुद्दों से नाराज हैं। प्राइम मिनिस्टर फियाला ने कहा कि सभी को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन विरोध करने वाले रूस का समर्थन कर रहे हैं जो कि चेक गणराज्य और हमारे नागरिकों के हित में नहीं हैं।
दरअसल इन प्रदर्शनकारियों ने यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन के लिए सरकार की निंदा की और आरोप लगाया कि वह ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से निपटने में सक्षम नहीं है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने नाटो और यूरोपीय संघ व 27 देशों के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती और जलवायु तटस्थता तक पहुंचने की योजना की भी आलोचना की। चेक गणराज्य रूस के आक्रमण के खिलाफ इस लड़ाई में यूक्रेन का दृढ़ता से समर्थन करता रहा है और उसने यूक्रेन के सशस्त्र बलों को भारी हथियारों समेत कई सैन्य उपकरण भी दिए हैं। सरकार अब ऊर्जा संकट के मुद्दे पर अगले सप्ताह यूरोपीय संघ के देशों की एक आपातकालीन बैठक बुलाने की योजना बना रही है।
चेक रिपब्लिक में सरकार विरोधी यह प्रदर्शन उस समय हुआ है जब मुद्रास्फीति और ईंधन की कीमतों को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। हालांकि सरकार इससे बच गई। विपक्षी नेता अंद्रेज बाबिस ने कहा कि, प्रधानमंत्री फियाला और उनके मंत्री हमारे देश को चलाने में सक्षम नहीं हैं, साथ ही ऊर्जा संकट के मुद्दे पर वे पूरी तरह से नाकाम हो चुके हैं। पूर्व प्रधान मंत्री, बाबिस पिछले साल एक चुनाव में हार गए थे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि घोटाले में कथित भ्रष्टाचार के लिए लोगों की बेवजह जांच की जा रही है
वाशिंगटन । कई बार आपने खबर पढ़ी होगी कि दुनिया समाप्त होने वाली है। इसकी वजह बताई जाती है उल्कापिंड से होने वाली टक्कर। ऐसे कई डेट्स आए और गए, जिसमें दुनिया के खत्म होने की बात कही जाती थी। लेकिन आखिरी वक्त में खतरा टल जाने से दिक्कत नहीं आई। एक बार फिर वैज्ञानिकों ने ऐसी ही भविष्यवाणी की है। सितंबर माह में एक विशाल उल्कापिंड से धरती के पास से गुजरने की संभावना है। कहा जा रहा है कि दो हफ्ते बाद धरती के बेहद नजदीक से एक विशालकाय पत्थर गुजरेगा।जानकारी के मुताबिक़, इस पत्थर का साइज बिग बेन टावर, जो दुनिया का सबसे बड़ा टावर है, उससे भी ज्यादा होगा। इसे वैज्ञानिकों ने 2008 आरडब्ल्यू नाम दिया है। यह पत्थर कई सालों से चक्कर लगा रहा है। हर तीन से चार हफ्ते में ये धरती के नजदीक से होकर गुजरता है। लेकिन इस बार वह जरुरत से ज्यादा ही नजदीक से गुजरने वाला है। अगर धरती के गुरुत्वाकर्षण ने इसे अपनी और खींच लिया, तो यह बड़ी तबाही का कारण बन जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक़, 2008 आरडब्ल्यू धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है। गणित के मुताबिक़, 13 सितंबर को रात के 1 बजकर 50 मिनट पर 2008 आरडब्ल्यू करीब 10 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से गुजरेगा। धरती से इसकी दुरी 6।7 मिलियन किलोमीटर होगी, जो धरती द्वारा गुरुत्वाकर्षण से खींचने के लिए काफी है। काफी ज्यादा संभावना है कि धरती का गुरुत्व इसे अपनी ओर खींच ले। अभी तक यह कन्फर्म नहीं है कि अगर यह धरती से टकराया तो टक्कर कहां होगी। नासा लगातार इसपर नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों ने 2008 आरडब्ल्यू के बारे में बताया कि इसकी खोज सबसे पहले 2 सितंबर 2008 को हुई थी। एक हजार तेईस दिन में ये सूरज का चक्कर लगा लेता है। अभी तक कई बार यह पृथ्वी के पास से गुजर चुका है, लेकिन इस बार यह पृथ्वी के काफी निकट से गुजर रहा है। इसी वजह से टक्कर की आशंका जताई जा रही है।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने शुक्रवार को एलान किया कि वह चालू वित्त वर्ष में स्थायी आव्रजन सीमा 35,000 से बढ़ाकर 1.95 लाख कर देगी। ऑस्ट्रेलिया कौशल और श्रम बल की कमी से जूझ रहा है।सरकारों, ट्रेड यूनियनों, व्यवसायों और उद्योगों के 140 प्रतिनिधियों के दो दिनी शिखर सम्मेलन में गृह मामलों की मंत्री क्लेयर ओनील ने 30 जून 2023 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए इस वृद्धि की घोषणा की।ओनील ने कहा, ऑस्ट्रेलियाई नर्सें दो वर्षों से दो-तीन शिफ्ट में काम कर रही हैं। ग्राउंड स्टाफ की कमी के कारण उड़ानें रद्द हो रही हैं। फलों को पेड़ों पर सड़ने के लिए छोड़ दिया जा रहा है, क्योंकि तोड़ने वाला कोई नहीं था। हमारा ध्यान पहले देश के लोगों को नौकरियां देना होता है लेकिन कोरोना का असर ऐसा है कि भले आशंकाएं दूर कर दी जाएं, पर हजारों श्रमिकों की कमी रहेगी।विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम जरूरी हैं। यही देश के लिए कुशल कामगारों की पूर्ति का सबसे बेहतर रास्ता है।
अर्जेंटीना में रहस्यमय निमोनिया की वजह से अब तक तीन लोगों की मौत हुई है। इनमें दो स्वास्थ्य कर्मी और एक मरीज शामिल है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अज्ञात निमोनिया की वजह से अब तक नौ लोग बीमार पड़े हैं जिनमें आठ स्वास्थ्यकर्मी और एक मरीज शामिल है।बहरहाल, इस बीमारी को लेकर अलग अलग देशों के वैज्ञानिकों की राय भी सामने आने लगी है। वैज्ञानिकों ने भी इसके पीछे किसी नई बीमारी या फिर किसी वायरस के सक्रिय होने की आशंका जताई है। इनका कहना है कि अर्जेंटीना में किसी न्यूमोनिक बीमारी के मामले सामने आए हैं,जो दोनों फेफड़ों को प्रभावित करती है।इसका अब तक कोई ज्ञात रोगजनक कारण नहीं है।भारतीय की सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिवार की परिभाषा का दायरा बढ़ाने, समलैंगिक कपल वाले ‘गैर-सामान्य’ घरों को भी इसमें शामिल करने पर सिंगापुर ने अपने लिए कानूनी चुनौतियां बढ़ाने वाला बताया है।