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देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते तापमान के साथ जंगलों में आग लगने की घटनाओं में पिछले 24 घंटों में 46 घटनाएं हुई जिसमें 53.15 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इससे 1,09,700 रुपये की आर्थिक क्षति का आंकलन किया गया है। प्रदेश में एक नवंबर, 2023 से लेकर 23 अप्रैल 2024 तक आग की अब तक 477 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 570.07 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया और 12,40,151 रूपये का आर्थिक नुकसान पहुंचा है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को स्थिति की समीक्षा की तथा अधिकारियों को इसे रोकने के उपायों में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा वन अधिकारी शामिल हुए जबकि पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु और रंजीत कुमार सिन्हा मौजूद रहे। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से जंगल में आग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उपायों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जंगल में आग की सूचना मिलते ही तत्काल उसकी रोकथाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में लोगों को जागरूकता करने को कहा ताकि जंगल में आग की घटनाओं को रोका जा सके।

 

 

अहमदाबाद । जैन धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई शुरू होने जा रही है। यह प्रकरण न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया है।
सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र झारखंड में स्थित है। तत्कालीन बिहार सरकार ने 1950 और 1953 में लैंड रिफॉर्म एक्ट के तहत एक अधीसूचना जारी कर, इस तीर्थ क्षेत्र के पहाडों को अधिग्रहित कर लिया था। राज्य सरकार की इस कार्यवाही के विरोध में जैन समाज के सभी घटक जिसमे श्वेतांबर मूर्ति पूजक, दिगंबर जैन, तथा जैन समाज के सभी श्रावकों की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। रांची हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जैन समाज द्वारा 2005 में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की थी। अब इस मामले में सुनवाई होने जा रही है। जैन समाज का यह सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है। जैन ग्रंथो की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 20 तीर्थंकर सम्मेद शिखर के पर्वत से तपस्या करते हुए मोक्ष गए हैं। यहां पर हमेशा से जैन समाज के श्रद्धालु अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। जैन समाज में मान्यता है, मानव जीवन में एक बार समेदशिखर की परिक्रमा करने से सभी पापों से मुक्ति होती है। अपने जीवन काल में कम से कम एक बार यहां जाकर जैन समाज के लोग 20 तीर्थंकरों की पूजा अर्चना करते हैं।जैन समाज की आस्था का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र है। जैन समाज द्वारा बिहार सरकार के अधिग्रहण को चुनौती दी गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना है।

 


नई दिल्ली । केंद्र ने समलैंगिक समुदाय के मुद्दों पर गौर करने के लिए कैबिनेट सचिव की अगुवाई में एक समिति गठित की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 17 अक्टूबर को केंद्र से समलैंगिक समुदाय के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने को कहा था जिसके अनुपालन में यह समिति गठित की गई है।
अधिसूचना के अनुसार, समिति समुदाय से जुड़े मुद्दों को देखने तथा केन्द्र और राज्य सरकार को इसतरह कदमों के बारे में सुझाव देगी जिससे समलैंगिक समुदाय को वस्तुओं और सेवाओं तक बिना किसी भेदभाव तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। यह समिति उठाए जाने वाले कदमों की भी जांच करेगी ताकि समलैंगिक समुदाय को हिंसा, उत्पीड़न आदि के खतरे का सामना न करना पड़े।
केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव, स्वास्थ्य सचिव, महिला एवं बाल विकास सचिव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव इस समिति के सदस्य हैं। अधिसूचना के अनुसार, समिति जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों तथा अन्य अधिकारियों की भी मदद ले सकती है।


नई दिल्ली। कल 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 102 सीटों पर मतदान होना है। इनमें 11 सीटें ऐसीं हैं जिन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। पहले चरण के मतदान में 8 केंद्रीय मंत्री, 2 पूर्व मुख्यमंत्री एवं एक पूर्व राज्यपाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इन सीटों पर कांटे का मुकाबला होने और बदलते सियासी समीकरणों के कारण प्रत्याशियों की चिंता बढ़ी है।
शुक्रवार 19 अप्रैल को 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण में 1625 प्रत्याशी चुनावी समर में उतरे हैं। महाराष्ट्र की नागपुर सीट से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी चुनाव लड़ रहे हैं। 19 अप्रैल की शाम गडकरी की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। 2014 में गडकरी ने पहली बार सात बार के सांसद रहे विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख वोटों से हराया था। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले को 2.16 लाख वोटों से हराया था।
अरुणाचल पश्चिम सीट से केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू चुनाव मैदान में हैं। रिजिजू 2004 से तीन बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं। उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष नबाम तुकी से हैं। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली की जगह भाजपा ने राज्यसभा सदस्य सोनोवाल को डिब्रूगढ़ से मैदान में उतारा है।उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मुजफ्फनगर में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां से केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के हरेंद्र मलिक और बसपा उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति से है। दो बार के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में मंत्री जितेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर की उधमपुर सीट से तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राजस्थान की अलवर सीट पर भी पहले चरण में चुनाव है। यहां से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस ने विधायक ललित यादव को उतारा है। 2019 में यहां से बाबा बालक नाथ ने लोकसभा का चुनाव जीता था।राजस्थान की बीकानेर संसदीय सीट से केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल से है।


पिछले कुछ दिनों से दुबई के मौसम में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जहां 75 वर्षों में सबसे भारी बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया जिसके बाद देश जैसे थम सा गया। भारी बारिश के बाद कई उड़ानें रद्द कर दी गईं और स्कूल बंद कर दिए गए। कई ऐसे फोटो और वीडियो सामने आए जिसमें पानी से लबालब भरी सड़कें देखने को मिली। इस बीच दुबई का एक और अनोखा नजारा देखने को मिला जहां पूरा आसमान हरे रंग में रंगा हुआ दिखा।एक सोशल मीडिया एक्स यूजर ने 23 सेकंड का एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो का कैप्शन के साथ साझा किया जिसमें लिखा है, “दुबई में आसमान हरा हो गया! आज दुबई में आए तूफान की यह वास्तविक फुटेज है।"पोस्ट को एक दिन पहले शेयर किया गया था। तब से इसे 1.4 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। वीडियो को लगभग 700 लाइक्स मिल चुके हैं। लोगों ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तरह-तरह के कमेंट पोस्ट किए।

मैगी बनाने वाली कंपनी Nestle एक बार फिर विवादों में है। इस बार कंपनी अपने बेबी फूड आइटम में जरूरत से ज्यादा शूगर की मात्रा को लेकर चर्चा में है। नेस्ले पर आरोप हैं कि वह विकासशील देशों में बेबी फूड्स पर शहद के साथ शुगर मिलाती है। पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नेस्ले इंडिया के नमूनों की जांच से पता चलता है कि उसके बेबी फूड सेरेलैक के हर सर्विंग में औसतन 3 ग्राम शूगर मिली हुई रहती है।

शूगर कम करने पर कंपनी का फोकस
नेस्ले इंडिया ने इन आरोपों का जवाब देते हुए बताया कि पिछले पांच सालों में उसने अपने बेबी फूड प्रोडक्ट से एडेड शूगर की 30 प्रतिशत तक कम करना शुरू कर दिया है। अपनी सफाई में कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते रहते हैं। हम न्यूट्रेशन, क्वालिटी, सेफ्टी और टेस्ट से समझौता किए बगैर बिना अतिरिक्त शूगर डालकर अपने प्रोडक्ट में निरंतर सुधार कर रहे हैं।

क्वालिटी से नहीं किया समझौता
नेस्ले इंडिया ने दावा किया कि उसके बेबी फूड में सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, लौह आदि की मात्रा भरपूर होती है, जो छोटे बच्चों के लिए जरूरी होते हैं। हम अपने प्रोडक्ट की न्यूट्रीशनल क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करते हैं और न ही करेंगे। कंपनी का यह भी कहना था कि वह अपने प्रोडक्ट में पोषण से जुड़ी प्रोफाइल को बेहतर करने के लिए ग्लोबल रिसर्च और डेवलपमेंट नेटवर्क का लाभ उठाते हैं।प्रोडक्ट्स में शूगर की अतिरिक्त मात्रा को लेकर नेस्ले इंडिया का कहना है कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत में बनने वाले हमारे उत्पाद CODEX स्टेंडर्ड्स और दूसरे नियमों का सख्ती से पालन करते हैं।


नई दिल्ली । शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जताई गई है। चिट्ठी लिखने वालों में हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज और सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। इसमें कुछ गुटों की ओर से सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने के बढ़ते प्रयासों का जिक्र किया गया है।

न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास

पत्र में कहा गया कि ऐसा करने वाले संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ के लिए न्यायपालिका को कमजोर और न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने उन घटनाओं के बारे में नहीं बताया, जिसके कारण उन्होंने सीजेआई को पत्र लिखा है। हालांकि, यह पत्र ऐसे वक्त लिखा गया है, जब भ्रष्टाचार के मामले में विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग जारी है।

न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप

सेवानिवृत्त न्यायमूर्तियों दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह समेत पूर्व जजों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ गलत तरीके अपनाने का भी आरोप लगाया है।

 

नई दिल्ली । BRS नेता के. कविता को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनकी रिमांड खत्म होने पर आज कोर्ट के सामने पेश किया गया था। उन्हें हाल ही में एक्साइज पॉलिसी मामले में CBI द्वारा गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट से निकलते वक्त BRS नेता के. कविता ने कहा कि यह CBI की हिरासत नहीं है, यह भाजपा की हिरासत है। भाजपा बाहर जो बोल रही है, अंदर से CBI वही पूछ रही है, बार-बार 2 साल मांग रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है।

 

 

सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के 21 रिटायर्ड जजों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इसमें उन्‍होंने कुछ गुटों द्वारा सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के माध्यम से न्यायपालिका को कमजोर करने की बढ़ती कोशि‍शों का जिक्र किया है।ये आलोचक संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित हैं और न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।हालांकि, रिटायर्ड जजों ने उन घटनाओं के बारे में नहीं बताया, जिनके कारण उन्हें सीजेआई को पत्र लिखना पड़ा।न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एम आर शाह सहित सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाकर न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ कपटपूर्ण तरीके अपनाने का आरोप लगाया।न्यायिक परिणामों को अपने पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास उन मामलों में खासकर हो रहा है सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक महत्व शामिल हैं।इन समूहों द्वारा अपनाई गई रणनीति बेहद परेशान करने वाली है। उद्देश्यहीन सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार से लेकर प्रत्यक्ष और गुप्त कार्यों में संलिप्त होकर न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करना, न्यायिक परिणामों को अपने पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास इनमें शामिल है।

 

दो दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत आधे भारत में मौसम सुहाना हो रखा है। लोगों को झुलसाती गर्मी से राहत मिली है। रविवार को भी पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में तेज हवाओं के साथ कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, सोमवार को भी आसमान में बादल और दिल्ली सहित कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है।दिल्ली को लेकर IMD ने भविष्यवाणी की है कि दिल्ली, एनसीआर के कई स्थानों और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश आज हो सकती है। इसके चलते मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट जारी किया गया है।दिल्ली के लोगों को गर्मी से राहत मिली है। जहां अप्रैल महीने की शुरुआत से ही झुलसाती गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा था तो वहीं अब पिछले दो दिनों से लोगों को तपती गर्मी से राहत मिली है। दिल्ली के लोगों के लिए राहत की बात यह है कि अभी उन्हें चिलचिलाती गर्मियों का कुछ दिनों तक सामना नहीं करना पड़ेगा। इस पूरे सप्ताह बीच-बीच में बादलों की आवाजाही, तेज हवा और हल्की वर्षा का क्रम बना रहेगा।

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