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नई दिल्ली। अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश पर चीनी बयानों के खिलाफ भारत का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के डिप्टी स्पोक्सपर्सन ने कहा कि अरुणाचल भारत का हिस्सा है और वो वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीन के किसी भी इलाके पर दावे का विरोध करते हैं।
अमेरिका ने यह बात चीन के अरुणाचल पर दावे वाले बयान के बाद कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9-10 मार्च को अरुणाचल का दौरा किया था। उन्होंने यहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का इनॉगरेशन किया था। चीन ने 11 मार्च को इसका विरोध करते हुए अरुणाचल को अपना हिस्सा बताया था।
अमेरिका ने कहा- सैन्य घुसपैठ गलत
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा- अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है। यहां किसी भी तरह की घुसपैठ गलत है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार सैन्य, नागरिक घुसपैठ या अतिक्रमण से किसी भी क्षेत्र पर होने वाले दावों के एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं।
चीन ने अरुणाचल को नया नाम दिया
चीन अरुणाचल प्रदेश को साउथ तिब्बत कहता है और इसका नाम जांगनान बताता है। 11 मार्च को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान बताया और कहा- यह चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम आज भी इसका विरोध करते हैं। यह चीन का हिस्सा है और भारत मनमाने ढंग से यहां कुछ भी नहीं कर सकता है।

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने चल रहे पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले में अब कंपनी ने कोर्ट से अपनी गलती की माफी मांगी है। पतंजलि आयुर्वेद और उसके रूष्ठ आचार्य बालकृष्ण ने गुमराह करने वाले भ्रामक दवा विज्ञापन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। इस माफीनामे में विज्ञापन को फिर से प्रसारित न करने का भी वादा किया गया है। आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि कंपनी के मीडिया विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य नागरिकों को पतंजलि के प्रोडक्ट का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना था।
कोर्ट ने 2 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले में स्वामी रामदेव (पतंजलि के को-फाउंडर) और पतंजलि के रूष्ठ आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने को कहा है। कंपनी और आचार्य बालकृष्ण ने नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया, जिसकी वजह से यह आदेश जारी किया गया था। अब उन्हें अगली तारीख पर कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है। कोर्ट ने 19 मार्च को हुई सुनवाई में नोटिस जारी कर ये भी पूछा था कि उनके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले 27 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई थी। 27 फरवरी की सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगाई थी। इसके अलावा अवमानना कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दरअसल, कोर्ट ने पिछले साल भ्रामक विज्ञापन जारी नहीं करने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने इसे नजरअंदाज किया।

 

मथुरा। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोडक़र सुनवाई करने का फैसला लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह विषय हाईकोर्ट में ही रखें।
23 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं, जिनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है। लिहाजा, कोर्ट का समय बचाने के लिए ये बेहतर होगा कि इन मुकदमों पर एक साथ सुनवाई हो। इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। इसमें मांग की थी कि सभी मुकदमों को अलग-अलग सुना जाए। हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मुस्लिम पक्ष चाहता था कि मामले की सुनवाई अलग-अलग हो। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी एसएलपी खारिज कर दी। वो चाहते हैं कि यह मामला लटका रहे।

 

नई दिल्ली । दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में बीआरएस नेता के.कविता ने मंगलवार को ईडी के समन के खिलाफ अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। दावा है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद यह याचिका बेकार हो गई। फिलहाल कविता 23 मार्च तक ईडी की रिमांड में भेज दी गई हैं। कविता ने 18 मार्च को अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। याचिका वापस लेने के बाद उनके वकील ने कहा के वे कानून के अनुसार ही मामले से निपटने के लिए जरूरी नियमों का सहारा लेंगे। 18 मार्च को ईडी ने बयान जारी किया था। एजेंसी का दावा है कि के.कविता ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के निर्माण और लागू करने में लाभ पाने के लिए आप के सीनियर लीडर्स के साथ साजिश रची।

 

मुंबई । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नवी मुंबई के बेलापुर में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के सहायक आयुक्त और एक निरीक्षक को 1.5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।
सीबीआई की विज्ञप्ति के मुताबिक, एक ट्रांसपोर्ट फर्म के साझेदार को सेवा कर से संबंधित कारण बताओ नोटिस मिला था। जिसके बाद आरोपी सहायक आयुक्त ने मामले को निपटाने के लिए छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसमें कहा गया, बातचीत के बाद रिश्वत की रकम घटाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई। ट्रांसपोर्ट फर्म के साझेदार एवं मामले में शिकायतकर्ता को यह राशि सीजीएसटी निरीक्षक को देने के लिए कहा गया था। जाल बिछाकर निरीक्षक को रिश्वत लेकर पकड़ा गया। इसके तुरंत बाद सहायक आयुक्त को गिरफ्तार किया गया।’’

रेवाड़ी । हरियाणा के रेवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र धारूहेड़ा में बॉयलर फटने से कई लोग बुरी तरह से झुलस गए हैं। फिलहाल घायलों का इलाज चल रहा है। फिलहाल घायलों का इलाज चल रहा है।लाइफ लॉन्ग नाम की कंपनी के बॉयलर फटने से ये बड़ा हादसा हुआ है। यह कंपनी हीरो के स्पेयर पार्ट्स बनाती है।
जानकारी के मुताबिक, लाइफ लॉन्ग नाम की कंपनी बॉयलर फटने से दो दर्जन से भी अधिक कर्मचारी घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। अस्पताल के ट्रामा सेंटर में घायलों को पहुंचाया जा रहा है।

जबलपुर । जबलपुर के सिहोरा थानातंर्गत ग्राम खलरी में सरपंच की हत्या कर उसके भाई पर प्राणघातक हमला करने वाले आधा दर्जन आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है। सिहोरा एडीजे सुधांशु सिन्हा की अदालत ने आरोपी नम्म उर्फ अवधेश बर्मन, शिवकुमार उर्फ सुंदर बर्मन, रज्जू उर्फ मथुरा बर्मन, श्रीराम बर्मन, शंकरलाल बर्मन व अभिषेक बर्मन को आजीवन कारावास व तीस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत के समक्ष विशेष लोक अभियोजक दिलावर धुर्वे ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि फरियादी नंदनी पटेल ने सिहोरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उसने बताया था कि 21 नवंबर 2021 की शाम करीब सवा छह बजे के लगभग जब वह अपने ग्राम खलरी में घर की छत पर थी और उसके पिता जयकुमार पटेल व चाचा राजेश पटेल जो कि गांव के सरपंच थे, तालाब के पास खड़े होकर बातें कर रहे थे। उसी दौरान गांव के श्रीराम बर्मन, शिवकुमार बर्मन, शंकर बर्मन और रज्जू बर्मन पंचायत के पुराने विवाद की बात को लेकर गालीगलौज करने लगे। उसके चाचा राजेश पटेल ने विरोध किया तो चारों ने लाठी-डंडों से मारपीट शुरू कर दी। फरियादिया के पिता जयकुमार पटेल बीच-बचाव करने लगे तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट कर दी। इसी दौरान अभिषेक बर्मन अपने हाथ में लोहे की गुप्ती और नम्मू बर्मन डंडा लेकर आ गया और फरियादिया के पिता व चाचा को हाथ घूसों, गुप्ती व डंडा से मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचा दी। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सिहोरा अस्पताल से जबलपुर रेफर किया गया। इसी दौरान सरपंच राजेश पटेल की मौत हो गई। सुनवाई दौरान पेश किए गए गवाह व साक्ष्यों के मद्देनजर अदालत ने उक्त छह आरोपियों को आजीवन कारावास व जुर्मान से दंडित किया।

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान प्रत्याक्षियों, राजनीतिक दलों व अधिकारियों के खर्च पर शिकंजा कसते हुए निर्वाचन आयोग ने खाने-पीने की वस्तुओं की रेट लिस्ट जारी कर दी है, ताकि फिजूलखर्ची को रोका जा सके। रेट लिस्ट के अनुसार 15 का समोसा और 60 रुपये सिंपल रोटी थाली के लिए तय किए गए हैं। मार्केट रेट को ध्यान में रखते हुए ही आयोग ने ये न्यूनतम रेट तय किए हैं, जिस पर सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अलग से जीएसटी भी लगेगा। निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार छोले-भटूरे प्रति प्लेट 40 रुपये, पराठा प्रति पीस 30, पनीर पकौड़ा प्रति पीस 20, पकौड़े प्रति किलोग्राम 175, गुलाब जामुन प्रति किलोग्राम 150, चने के साथ समोचा 25, चाय 15, चिकन प्रति किलोग्राम 250, मटन 500 रुपये किलोग्राम, सैंडविच प्रति पीस 15, जलेबी प्रति किलोग्राम 75, कचोरी प्रति पीस 15, बर्फी प्रति किलोग्राम 300, ब्रेड पकौड़ा 15 और बेसन बर्फी का रेट 220 रुपये प्रति किलो तय किया गया है।

 

एसी कमरे के लिए 3 हजार तय

इसके अलावा डबल बेड डीलक्स एयर कंडीशनर (एसी) कमरे के लिए 3 हजार रुपये तय किए गए हैं। डबल बेड एसी कमरे के लिए 2 हजार निर्धारित किए गए हैं। इस श्रेणी में बिना एसी कमरे का किराया 1200, जबकि सिंगल बेड एसी कमरे का किराया 1250 रुपये तय किया गया है। इसके अलावा वाहनों को चुनाव प्रचार में शामिल करने के लिए भी आयोग की तरफ से रेट तय किए गए हैं।

 

आठ घंटे के समय के लिए एक हजार सीसी तक साधारण टैक्सी का किराया 1400 रुपये तय किया गया है, जिसमें रात 10 से सुबह 6 बजे तक प्रति व्यक्ति रात्रि विश्राम शुल्क 200 रुपये अलग से तय किया गया है। इसी तरह इनोवा क्रिस्टा के टॉप मॉडल के चार्जेस 3 हजार रुपये व अन्य गाड़ियों जैसे टाटा सफारी, डस्टर व महिंद्रा एक्सयूवी के लिए ये 2500 रुपये निर्धारित किए गए हैं।

 

201 खर्चों पर नजर रखेगी कमेटी

निर्वाचन विभाग की तरफ से गठित कमेटी इन खर्चों पर नजर रखेगी। करीब 201 कुल खर्चों की लिस्ट जारी की गई है, जिनके लिए ये रेट तय किए गए हैं। इसके अलावा इस संबंध में टीमें भी गठित की जा रही हैं। प्रत्याशियों की तरफ से पूरा खर्च का ब्योरा निर्वाचन आयोग को देना होगा, जिसमें सभी तरह की जानकारी शामिल होगी।

नई दिल्ली । स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने आदेश के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारियां निर्वाचन आयोग को सौंप दी हैं। बैंक की चेयरमैन ने कहा कि उनकी तरफ से आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों के नाम के साथ-साथ कितने के बॉन्ड खरीदे गए।बैंक की तरफ से बताया गया कि उसने चुनाव आयोग को इन चुनावी बॉन्ड के भुगतान की तारीखों की जानकारी दी है। साथ ही उन राजनीतिक दलों का नाम भी बताया गया है, जिनको इसके जरिए चंदा दिया गया। इसके साथ ही किस दानकर्ता ने कितना चंदा दिया, उसकी वैल्यू के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई गई है।

नई दिल्ली । किसान देश भर में ट्रेनों को रोकेंगे। रेल रोको अभियान में महिला किसान भी शामिल होंगी। इसके तहत अकेले पंजाब में 52 स्‍थानों पर ट्रेनों को रोका जाएगा। किसान आंदोलन के 26वें दिन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कुछ फसलों पर एमएसपी देने के बयान को पूरी तरह से भ्रामक बताते हुए कहा कि यह वही प्रस्‍ताव है जिसे पिछली बैठक में किसान नेताओं ने आंदोलन की मुख्‍य मांग के विपरीत बताकर खारिज कर दिया था। साथ ही उन्‍होंने कहा कि सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की लाइन पर केवल 5 साल के लिए ही एमएसपी दे रही थी।
किसान आंदोलन के नेता अमरजीत सिंह मोहरी, मलकीत सिंह और जंग सिंह भतेरडी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली पहुंचे साथी किसानों को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी है। यह सरकार का असली चेहरा उजागर करता है। सरकार नहीं चाहती है कि किसान दिल्ली आएं और अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करें।
इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि अंबाला में धारा 144 और अंबाला प्रशासन द्वारा दिए गए बयान सीधे तौर पर साबित करते हैं कि हरियाणा सरकार देश में लोकतंत्र और संविधान को कोई महत्व नहीं देती है। उन्होंने कहा कि किसान ऐसी सरकारी धमकियों से कभी नहीं डरते हैं और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे।
उन्‍होंने रेल रोकने को लेकर कहा कि इस अभियान में नारी शक्ति बराबर की भूमिका निभाएगी और पंजाब के साथ देश भर में रेल रोकी जाएगी। 10 मार्च को किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) रेलों को रोकेंगे।

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