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मुंबई । अगर देश में कठोर लॉकडाउन लगता है तो नौकरियों में एक बार फिर भारी छंटनी हो सकती है। देश में 11 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में बेरोजगारी दर भी बढ़ कर 8.6 फीसदी पर पहुंच गई है। दो हफ्ते पहले यह दर 6.7 फीसदी पर थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा तैयार रोजगार के नए आंकड़ों के अनुसार, वायरस संक्रमण में रिकॉर्डतोड़ वृद्धि को रोकने के लिए राज्यों द्वारा लगाए जा रहे एक-एक कर लॉकडाउन आने वाले दिनों में नौकरियों में छंटनी का एक बड़ा कारण बनने जा रहे हैं। नौकरियों की छंटनी शहरी क्षेत्रों में अधिक गंभीर समस्या है, जहां यह 10 फीसदी के करीब है। कोरोना के संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए पिछले साल की तरह इस साल भी सख्त लॉकडाउन लगाने की बात हर राज्य कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में लग सकता है पूरा लॉकडाउन
आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र जो वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है, अब वीकेंड लॉकडाउन के बाद और सख्त लॉक डाउन लगाने पर विचार कर रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रात का कफ्र्यू चल रहा है। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर इसकी मेडिकल सुविधाओं पर बोझ बढ़ता है तो और सख्त लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
पिछले साल घरों में कैद हो गए थे लोग
गौरतलब है कि पिछले साल जब लॉकडाउन लगाया गया था तो लोग अपने-अपने घर में बंद हो गए थे और इससे करोड़ों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा था। इसमें प्रवासी मजदूर भी शामिल थे। वह ट्रेन से या पैदल चलकर घर लौट गए थे। हालांकि जब लॉकडाउन के प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देनी शुरू हुई तो अर्थव्यवस्था पटरी पर आती दिखी। जनवरी-फरवरी तक ऐसा लग रहा था कि कोरोना का सफाया हो चुका है। पर जिस तरह से पिछले 2 महीने से मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है लोगों को अब डर सता रहा है कि कहीं फिर से वही माजरा ना दोहराया जाए।

नई दिल्ली । भारत ने सबसे पहले अपने पड़ोसी देशों को वैक्सीन देने के साथ वैक्सीन मैत्री पहल की शुरुआत की। अब तक हमने 72 देशों को मेड इन इंडिया वैक्सीनों की सप्लाई की है। कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक चुनौती के दौर में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी मित्रता को लेकर जो कदम उठाए, उससे भारत का कद विश्व में ऊंचा हुआ है। 17 मार्च 2021 को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राज्यसभा में यह बात कही थी। वे सदन में वैक्सीन मैत्री शुरू करने के पीछे की सोच बता रहे थे। इस पहल के तहत भारत अब तक 45 देशों को 1 करोड़ से ज्यादा डोज मदद के तौर पर दे चुका है। इसके लिए वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के चीफ टेड्रोस ग्रेब्रेयेसस से लेकर कई देशों के प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
देश में सिर्फ 5 दिन का स्टॉक
सब कुछ ठीक चल रहा था, तभी देश में एक समस्या खड़ी हो गई। हमारे ही कई राज्यों से अचानक वैक्सीन की कमी की खबरें आने लगीं। महाराष्ट्र में तो कई जगह वैक्सीनेशन रोकना पड़ा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कई राज्यों के पास औसतन 5.5 दिन का स्टॉक बचा हुआ है। आंध्र प्रदेश में 1.2 दिन तो बिहार में 1.6 दिन का ही स्टॉक है। हालांकि, सरकार कह रही है कि देश में वैक्सीन की कमी नहीं होगी। ऐसे में विपक्ष ने दूसरे देशों को वैक्सीन सप्लाई करने पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी बड़ी समस्या है। अपने देशवासियों को खतरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट करना क्या सही है?

बेंगलुरु । कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये सूक्ष्म निरुद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रधानमंत्री से फोन पर बात करने के बाद उक्त जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार के प्रयासों की भी सराहना की।
येदियुरप्पा ने ट्वीट किया कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से बात की और उन्हें राज्य में महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिये उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने सरकार के प्रयासों की सराहना की और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये सूक्ष्म निरुद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने का सुझाव दिया।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंस के बाद येदियुरप्पा ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये मनिपाल समेत राज्य के सात जिला केन्द्रों में 10 से 20 अप्रैल के बीच रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की थी।

नई दिल्ली | कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने बीते हफ्ते सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। लगातार जारी कोरोना विस्फोट को देखते हुए बीते हफ्ते पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों संग बैठक की थी। इसके बाद पीएम मोदी के निर्देश पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में स्थिति का जायजा लेने के लिए एक्सपर्ट्स की टीम भेजी गई थी। अब एक्सपर्ट्स की इन टीमों ने बताया है कि आखिर वह कौन सी वजहें हैं जिनकी वजह से कोरोना संक्रमण बेलगाम हो गया है। एक्सपर्ट्स की टीम ने बताया है कि महाराष्ट्र के तीन जिलों में अस्पताल पूरे भरे पड़े हैं तो वहीं तीन अन्य जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई में समस्या आ रही है। पंजाब में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं है जो सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए हो और साथ ही राज्य में स्वास्थ्यकर्मियों की भी कमी है। वहीं, छत्तीसगढ़ में आरटीपीसीआर टेस्ट की कमी है। जानें कहां-कैसा हाल:

महाराष्ट्र में सबसे बुरा हाल!
एक्सपर्ट्स की टीम के मुताबिक, महाराष्ट्र के तीन जिलों में अस्पताल लगभग फुल हैं। वहीं, तीन अन्य जिलों में आक्सीजन की आपूर्ति को लेकर समस्याएं हैं, कुछ अन्य जिलों में वेंटिलेटर सही से काम नहीं कर रहे हैं। राज्य के सतारा, भंडारा, पालघर, अमरावती, जालना और लातुर जैसे जिलों में क्षमता से ज्यादा कोरोना जांच हो रही है, जिसकी वजह से टेस्ट रिपोर्ट आने में भी देरी हो रही है। महाराष्ट्र के सर्वाधिक प्रभावित जिलों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी सही से न हो पा रही है।

पंजाब में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी
रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के SAS नगर और रूपनगर जिलों में सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए कोई भी अस्पताल नहीं है, जिसकी वजह से मरीजों को पड़ोसी जिलों या चंडीगढ़ भेजा जा रहा है। रूपनगर में डॉक्टरों और नर्सों की कमी के कारण वेंटिलेटरों का सही से इस्तेमाल तक नहीं हो पा रहा है। पटियाला और लुधियाना में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की सख्त जरूरत है तो वहीं पटियाला में जांच की रफ्तार भी धीमी बताई गई है।

छत्तीसगढ़ इन जिलों में है कोरोना का कहर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के बालोड, रायपुर, महासमंद और दुर्ग जैसे जिलों में कोरोना मरीजों के कारण अस्पताल भर गए हैं। इसके अलावा कुछ जिलों में रेमेडिसविर दवा की भी कमी है। वहीं रायपुर में ऑक्सीजन की बर्बादी भी सामने आई है। वहीं दुर्ग जिले के मरीजों को किसी और अस्पताल भेजने में सबसे बड़ी अड़चन ऐंबुलेंस की कमी को बताया गया है। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के पांच राज्यों में कोरोना के 70.82 प्रतिशत ऐक्टिव केस हैं। ये पांच राज्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और केरल हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही कोरोना के 48.57 फीसदी ऐक्टिव केस हैं।

नई दिल्ली | देशभर में जारी कोरोना के कहर से सर्वोच्च अदालत भी अछूती नहीं बची है। खबरों के मुताबिक, देश की सुप्रीम कोर्ट में कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालात को देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने फैसला लिया है कि वे अपने-अपने घरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुननाई करेंगे। संक्रमित पाए गए कर्मियों में से कई लोग जजों के दफ्तर से जुड़े हैं। जानकारी के मुताबिक, सिर्फ शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट के 44 स्टाफ मेंबर कोरोना संक्रमित पाए गए थे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में करीब 3400 स्टाफ मेंबर हैं। खबरों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की पीठें अपने निर्धारित समय से एक घंटे की देरी से बैठेंगी। बता दें कि सोमवार को भी भारत में कोरोना के करीब 1 लाख 70 हजार नए मामले सामने आए हैं, जो कि महामारी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी उछाल है। वहीं, मौतों का आंकड़ा भी लगातार डरा रहा है। अकेले सोमवार को ही कोरोना से देशभर में नौ सौ से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा है।

भारत में खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है कोरोना!
देश में पिछले सप्ताह हर दिन औसत 1,24,476 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए जबकि पहली लहर के दौरान अधिकतम 97 हजार से कुछ अधिक मामले ही एक दिन के भीतर दर्ज किए गए थे। पिछले रविवार यानी 5 अप्रैल को देश में पहली बार 24 घंटों में एक लाख से कुछ अधिक केस दर्ज किए गए थे। जिसके बाद बीते रविवार यानी 11 अप्रैल की सुबह आठ बजे तक 24 घंटों में 1.52 लाख नए केस आए। इस सप्ताह के सात दिनों में से छह दिनों में रोजाना एक लाख से ज्यादा संख्या में नए केस दर्ज हुए जो भारत में अब तक का सर्वाधिक है। इस समय देश में संक्रमण के कुल मामलों के दोगुने होने की अवधि 60.2 दिन और मौतों के मामलों के दोगुने होने की अवधि 139.5 दिन है।

नई दिल्ली | देश में रक्षा उत्पादन में तेजी तो आ रही है लेकिन जो सामग्री तैयार हो रही है, उसके निर्माण के लिए विदेशों से आयातित कुलपुर्जों पर निर्भरता लगातार बनी हुई है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पोतों के निर्माण में 75 फीसदी और वायुयानों के निर्माण में 60 फीसदी तक सामग्री विदेशों से आयात करनी पड़ रही है। इससे देश में बनने वाले रक्षा उपकरणों के लिए भी एक बड़ी राशि विदेशी कंपनियों को जा रही है। हालांकि इस उच्च दर को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पोत के 72-75 प्रतिशत कलपुर्जे आयातित
रक्षा मंत्रालय के अनुसार जंगी पोतों का निर्माण करने वाली सार्वजनिक रक्षा कंपनी एमडीएल के प्रोजेक्ट 15बी और 17 ए पोतों के निर्माण में 72-75 फीसदी विदेशी कंपोनेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के वर्ष 2024-25 तक पूरा होने के आसार हैं और इसके तहत कई पोतों का निर्माण किया जा रहा है। किसी स्वदेशी रक्षा उत्पाद में यह सर्वाधिक आयातित कंपोनेंट है।

विमानों में 60 फीसदी विदेशी सामग्री
इसी प्रकार तेजस लड़ाकू विमान समेत अन्य वायुयानों का निर्माण करने वाले हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) 40-60 फीसदी तक विदेशी कंपोनेंट का इस्तेमाल कर रहा है। मंत्रालय द्वारा दिए गए ब्योरे के अनुसार सुखोई-30 एमकेआई में 40, तेजस में 43, एएलएच में 44 तथा डीओ-228 वायुयान में 60 फीसदी कल पुर्जे विदेशों से आयातित हैं।

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण में 22 फीसदी विदेशी कल-पुर्जे
इसी प्रकार राडार, कम्युनिकेशन तथा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण बनाने वाले सार्वजनिक उपक्रम बीईएल ने पिछले तीन सालों के दौरान 22-27 फीसदी तक विदेशी कुल-पुर्जों का इस्तेमाल किया है। बीईएमएल में यह 18-20, जीएसएल में 25, हिन्दुस्तान शिपयार्ड में 21 तथा जीआरएसई के उत्पादों में अपेक्षाकृत कम 10 फीसदी विदेशी कंपोनेंट इस्तेमाल हो रहे हैं।

ऑर्डिनेंस फैक्टरी में विदेशी कलपुर्जे 10 फीसदी
रक्षा मंत्रालय की स्थाई संसदीय समिति की हाल ही में पेश रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्टरी में विदेशी कंपोनेंट का इस्तेमाल घटा है। यह पिछले तीन सालों के दौरान औसतन 10 फीसदी रह गया है। लेकिन ऑर्डिनेंस फैक्टरी के कुछ उत्पाद जैसे टी-90 टैंक और धनुष में यह क्रमश: 21 और 19 फीसदी के करीब रहा है। समिति की तरफ से लगातार विदेशी कल पुर्जों के इस्तेमाल को न्यूनतम करने पर जोर दिया जा रहा है।

हैदराबाद । अब तेलंगाना ने भी कोविड-19 वैक्सीन के स्टॉक की कमी के बारे में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। तेलंगाना तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को भेजे गए एक पत्र में, अगले 15 दिनों के लिए टीकों की 30 लाख खुराक की मांग की है और कहा है कि राज्य में वैक्सीन स्टॉक केवल तीन दिनों के लिए ही बचा है।
सोमेश कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य में अब सिर्फ 5।66 लाख ही कोविड वैक्सीन की खुराक बची हैं जो अधिक से अधिक तीन दिन तक ही चल सकते हैं। पत्र में कहा गया है कि शुक्रवार को प्रति दिन टीकाकरण की संख्या 1।15 लाख को पार कर गई और राज्य इस क्षमता को 2 लाख प्रति दिन तक बढ़ाना चाहता है। कुमार ने पत्र में लिखा है, "इसलिए मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि अगले 15 दिनों के लिए तेलंगाना को कम से कम 30 लाख खुराक दें।" तेलंगाना केंद्र सरकार को वैक्सीन स्टॉक की कमी के बारे में लिखने वाला छठा राज्य है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच आयोजित होने वाले "टीका उत्सव" (टीका उत्सव) के लिए वैक्सीन की 25 लाख खुराक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है।
तेलंगाना-आंध्रप्रदेश के अलावा, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और झारखंड ने भी तेजी से घटते कोरोनोवायरस वैक्सीन स्टॉक के बारे में केंद्र को चेतावनी दी थी।

रायपुर. छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच रविवार को दोपहर में बड़ी मुठभेड़ (Big encounter between security force and Naxalites) हो गई. इसमें कई नक्सली ढेर हो गए हैं. जबकि एक नक्सली का शव बरामद हुआ है. सुरक्षाबल के जवानों और कटेकल्याण एरिया कमेटी के नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई है. जो दंतेवाड़ा गादम और जंगमपाल के जंगलों में अब भी जारी है. पुलिस ने एक नक्सली के शव को बरामद किया है. मृत नक्सली वेट्टी हूंगा पर एक लाख रुपए का इनाम था. घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने 2 किलो का IEED विस्फोटक, एक 8 mm की पिस्टल, एक भरमार बंदूक सहित तमाम नक्सली साहित्य और अन्य सामग्री बरामद किया है.बता दें कि पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के दौरान जवाबी कार्रवाई में शहीदों ने 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया था, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल भी बताए जा रहे हैं. नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद और 32 घायल हुए थे. वहीं, एक जवान को नक्सली पकड़ ले गए थे.

चलाया जा रहा था नक्सल विरोधी अभियान
शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था. नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर, सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे. शनिवार को बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाडिय़ों के पास सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम के साथ नक्सलियों की चार घंटे मुठभेड़ चली थी.इस हमले का मास्टरमाइंड बटालियन नंबर वन का हेड हिड़मा है. माओवादियों का ये सबसे बड़ा बटालियन है. नक्सलियों ने शहीद जवानों के हथियार और जूते भी लूट लिए हैं. बस्तर के बीजापुर में इस साल ये सबसे बड़ा नक्सली हमला था. इस हमले के बाद नक्सल समस्या से निपटने की बहस फिर नए सिरे से शुरु हो गई है. हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने गृहमंत्री अमित शाह भी रायपुर पहुंचे थे.

नई दिल्ली | देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कहर मचा दिया है। देश में कोरोना का कहर दिन-प्रतिदिन नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है, जो डराने वाले हैं। शनिवार को रोजाना संक्रमण के नए मामले 24 घंटों के दौरान डेढ़ लाख के आंकड़े को भी पार कर गया। कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमितों की यह सर्वाधिक संख्या है। इससे एक दिन पहले यानी शुक्रवार को एक दिन में कोरोना के 1.45 लाख नए केस मिले थे। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखकर ऐसा लग रहा है कि दूसरी लहर का कहर जल्द ही देश को पाबंदियों की जद में ला देगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, भारत में शनिवार को एक दिन में यानी बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 152,682 नए पॉजिटिव केस मिले। इस दौरान मौत के आंकडों में भी बड़ा इजाफा देखने को मिला और 24 घंटे में ही करीब 834 लोगों की मौतें भी हो गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शनिवार रात तक कोरोना के 152,682 नए मामले मिलने से देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 13358608 हो गई है।

मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो अक्टूबर के बाद एक दिन में मरने वालों की यह सबसे अधिक संख्या है। इस तरह से देश में कोरोना वायरस महामारी से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 169270 हो गई है। देश में संक्रमित लोगों की दैनिक संख्या लगातार 32वें दिन बढ़ी है। अभी 10,46,631 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है, जो अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या का 7.93 प्रतिशत है। कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर गिरकर 90.80 प्रतिशत रह गई है। देश में 12 फरवरी को सबसे कम 1,35,926 उपचाराधीन मरीज थे। यह संख्या उस समय के कुल मामलों का 1.25 प्रतिशत थी। फिलाहल 1,19,90,859 लोग संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना मृत्यु दर 1.28 प्रतिशत है।

बीते पांच दिनों के कोरोना ग्राफ
9 अप्रैल 2021 का कोरोना डेटा: 144,829 नए केस और 773 मौतें
8 अप्रैल 2021 का कोरोना डेटा: 131,893 नए केस और 802 मौतें
7 अप्रैल 2021 का कोरोना डेटा: 126,315 नए केस और 684 मौतें
6 अप्रैल 2021 का कोरोना डेटा: 115,269 नए केस और 631 मौतें
5 अप्रैल 2021 का कोरोना डेटा: 96,557 नए केस और 445 मौतें

साढ़े 25 करोड़ से अधिक जांच:
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में अभी तक 25,52,14,803 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 11,73,219 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई थी।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौत:
पिछले 24 घंटों में जिन 794 लोगों की मौत हुई है, उनमें से महाराष्ट्र में 301, छत्तीसगढ़ में 91, पंजाब में 56, कर्नाटक में 46, गुजरात में 42, दिल्ली में 39, उत्तर प्रदेश में 36, राजस्थान में 32, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 23-23, केरल में 22, झारखंड में 17, आंध्र प्रदेश और हरियाणा में 11-11 लोग शामिल हैं। देश में संक्रमण से अब तक कुल 1,68,436 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से महाराष्ट्र में 57,329 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद तमिलनाडु में 12,863, कर्नाटक में 12,813, दिल्ली में 11,196, पश्चिम बंगाल में 10,378, उत्तर प्रदेश में 9,039, पंजाब में 7,390 और आंध्र प्रदेश में 7,279 लोग मारे गए हैं।

12 राज्यों में कोई मौत नहीं:
देश में महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच पिछले 24 घंटों के दौरान 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इस बीमारी से एक भी मौत नहीं हुई है। इन राज्यों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, दादर और नागर हवेली तथा दमन एवं दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पुड्डुचेरी, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं।

नई दिल्ली | जम्मू कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेढ़ में 3 आतंकी ढेर हुए हैं। घटना शोपियां के हादीपोरा की है। मारे गए आतंकियों में एक 14 साल का नाबालिग भी था, जिसे सरेंडर कराने की कोशिशें की गईं लेकिन सफलता नहीं मिली और उसे मार गिराया गया। नाबालिग के माता-पिता ने भी उससे सरेंडर करने को कहा लेकिन अन्य आतंकियों ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। एक पुलिस अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के हादीपुरा में आतंकवादियों की मौजदूगी की गुप्त जानकारी मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।

उधर, अनंतनाग जिले में एक और मुठभेड़ जारी है। दक्षिण कश्मीर के इस जिले के बिजबेहरा इलाके के सेमथान में आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने घेराबंदी एवं तलाशी अभियान चलाया। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि विस्तृत जानकारी का इंतजार है।

शोपियां में पिछले कुछ दिनों से लगातार एनकाउंटर हो रहे हैं। 9 अप्रैल को भी शोपियां में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 5 आतंकवादी मारे गए थे। मारे गए 5 आतंकियों में से 2 आतंकी मस्जिद में से फायरिंग कर रहे थे।

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